Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम - Page 90 - SexBaba
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Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम

"मेरा भी निकलने वाला है सासु माँ.....हाए ...बस थोड़ी देर ........." देवा उन पलों को कुछ देर और बढ़ाना चाहता था मगर जिस ज़ोर से देवा ने चुदाई की थी अब ज़्यादा देर वह टिकने वाला नही था. उन आख़िरी धक्कों के बीच देवा का ध्यान शालू की गान्ड के उस बेहद टाइट छेद पर गया और अगले ही पल देवा के मन में एक नया विचार आया।

"सासु माँ हाए मेरा तो....अभी...उफ़फ्फ़ ध्यान ही नही गया.......तेरी...,गान्ड कितनी .........टाइट है.......उफफफफफ्फ़...बड़ा मज़ा आएगा...,तेरी गान्ड मारने में........" देवा ने एक हाथ उठाकर दोनो चुतड़ों के बीच की खाई में डाल उसकी गान्ड का छेद रगड़ने लगा। फिर देवा अपनी एक उंगली शालू की गान्ड में घुसा दी।

"आआआआआआहह..." शालू चिहुक पड़ी। देवा ने चूत में लंड पेलते हुए उसकी गान्ड में थूक लगाकर जब अपनी उंगली आगे पीछे की। बस अगले ही पल शालू का पूरा जिस्म काँपने लगा, चूत सिकुड़ने लगी वो चीखती, चिल्लाती देवा के लंड पर अपनी चूत धकेलती छूटने लगी।

उसके झडते ही देवा का भी बाँध ढह गया और देवा के लंड से भी वीर्य की गरमागरम पिककारियाँ छूटने लगीं. शालू सिसक रही थी, कराह रही थी, देवा हुंकारे भर रहा था।

शालू आह्ह्ह्ह 'बेटा....आह्ह' कह रही थी और देवा मुख से 'सासु...माँ......ओह ' बोल रहा था. ऐसे स्खलन के बारे में कभी सोचा तक नही था.

वे दोनो बुरी तरह थक कर चुके थे।
 
अपडेट 144





शालू "हाए देख तो इस हरामी को कैसे फिर से अंदर घुसने के लिए तैयार है" शालू देवा के लंड के उपर अपनी उंगलिया फिराती बोली।

"तेरी चूत का दीवाना हो गया है काकी, देख कैसे तड़प रहा है, अब इसे तरसा मत " देवा शालू की चुचियों को सहलाता हुआ बोला।

"हाए नही तरसाती इसे बेटा..........इसे क्यों तरसाउन्गी....इसने तो वो मज़ा दिया है..जो पप्पू या पप्पू के बापू भी कभी नहीं दे पाये..हाए इसे जो चाहिए वो मिलेगा.......और देख मेरी चूत भी कैसे पानी छोड रही है" शालू ने अपनी चूत दिखाते हुए कहा।

शालू ने एक हाथ से देवा का लंड पकड़ा और देवा को घास वाली जमीन पर लिटा दिया देवा को लंड आसमान की तरफ खड़ा था। शालू ने अपनी चूत देवा के लंड पर सही जगह पर अडजस्ट किया। फिर धीरे धीरे नीचे बैठने लगी। एक बार सुपाडा अंदर घुस गया तो उसने सिसकते हुए अपना हाथ हटा लिया और देवा के कंधो पर दोनो हाथ रख नीचे देवा के मूसल लंड पर बैठने लगी।

चूत पूरी गीली थी. जैसे जैसे लंड अंदर घुसता गया शालू की आँखे बंद होती गयी, वो सिसकती हुई पूरा लंड लेकर देवा के लंड पर बैठ गयी। उसकी आँखे भींची हुई थी। शालू के मुख पर ऐसी मादकता ऐसा रूप पसरा हुआ था कि देवा उसके चेहरे को झुककर उस पर चुंबनो की बरसात कर दिया। सच में उस समय वो बहुत ही सेक्सी लग रही थी।

"उफ़फ्फ़....कितना बड़ा है तेरा लंड देवा........एकदम फैला कर रख दिया है इसने मेरी चूत को" शालू ने आँखे खोल कर कहा।

"चिंता मत कर साली, दो चार दिन खूब चुदवायेगी तो आदत पड़ जाएगी" देवा की बात सुनकर शालू ने देवा की छाती पर थप्पड़ मारा। देवा हँसने लगा।

"मज़ाक नही कर रही हूँ,'बहुत दुख रही है मेरी, सूज भी गयी है" शालू देवा के कंधे थामे थोड़ा थोड़ा उपर नीचे होती चुदवाने लगी।

"चिंता मत करो सासू माँ आगे से यह परेशानी नही होगी"

"क्या मतलब?" शालू अब हल्की से स्पीड पकड़ रही थी लंड भी काफ़ी गहराई तक जा रहा था।

"आज बहुत दिनो बाद चुदी थी ना मेरे लंड से इसलिए......अब इतना टाइम तक बिना चुदाई के नही रहेगी.....अब तो आए दिन तुम्हारी चूत फटती रहेगी...........तुम्हे खूब लिया करूँगा"

"हुंहह.......अपनी माँ की लेना......इस लंड को वही सह सकती है...."
 
"उसकी तो मैं लेता ही रहूँगा मगर तेरी भी खूब ठोकुन्गा साली रंडी.....अब तू मेरी पालतू कुतिया है.....आज जैसी तेरी चुदाई होती ही रहा करेगी"

"आज जैसी चुदाई.......?" देवा शालू को एक पल के लिए रोका, और थोड़ा सा घूम कर लेट गया। देवा अपनी टाँगे घुटनो से मोड़ कर खड़ी कर दी और शालू को इशारा किया, शालू देवा के घुटनो पर हाथ रखे उसके लंड पर उपर नीचे होती ठुकवाने लगी।

"आज जैसी चुदाई सासू माँ.......आज जैसी चुदाई..........जैसे आज तुझे कुतिया की तरह चोदा था वैसे ही चोदा करूँगा" देवा बोला।


देवा के मुँह से वो लफ़्ज सुन कर शालू अपने होंठ काटती देवा की आँखो में देखने लगी। उसकी स्पीड एक जैसी थी, मगर अब फ़ायदा ये था वो उपर उठकर लंड चूत से सुपाडे तक बाहर निकालती और फिर पूरा अंदर वापस ले लेती। देवा उसे उपर नीचे होता देख उसकी पतली कमर पर उन भारी चुचियों की सुंदरता को निहार रहा था और सोच रहा था वो इतने साल बिना चुदवाये कैसे काट गयी।

"अब चुप क्यों हो गयी....बोलती क्यों नही साली रंडी......मेरी पालतू कुतिया नही बनेगी क्या?" देवा उसकी चुचियों को जोर से मसलता बोला।

"बनूँगी........,जब भी बोलेगा बनुन्गी........हाए जब तेरा दिल करे चोद लेना अपनी कुतिया को" शालू अब पूरी गरम हो गई थी।

"हाए सच कहता हूँ तेरी चुचियाँ तो बस कमाल के हैं......इतने बड़े बड़े हैं.........मगर फिर भी कितने नुकीले हैं, कितने सख़्त हैं" देवा शालू की चुचियाँ खीचते हुए बोला।

"हाए अगर कोई मसलता तभी ढीले पड़ते ना......." शालू देवा के लंड पर उपर नीचे होते चुदवाते बोली।

"हाए मैं हूँ ना काकी... देखना कैसे कस कस कर मसलूंगा......." देवा बोला

"तब तो यह और भी बड़े हो जाएँगे बेटे..........उफफफफफफ्फ़...........तुझे क्या सिर्फ़ मेरी चुचियाँ ही अच्छे लगती हैं........मेरी चूत कैसी लगती है हाए बता ना.....कैसी लगी है तुझे अपनी सासु माँ की चूत" शालू ने सिसकते हुए पूछा।लगता था उस पर फिर से वासना की खुमारी चढ़ गयी थी।
 
"हाए काकी ......तेरी चूत की क्या कहूँ........इतनी चुदने के बाद भी देख कैसे मेरे लंड को कस रही है, कितनी टाइट है.उपर से इसके मोटे मोटे होंठ। काकी तेरी गुलाबी चूत की तो मैं जितनी भी तारीफ करूँ कम है" देवा को लगा शालू को अपनी तारीफ खूब भाई थी। वो थोड़ा स्पीड बढ़ा रही थी और स्पीड बढ़ने से उसकी चुचियाँ भी पूरे जंप मार रही थी, हाए बड़ा दिलकश नज़ारा था।

"और ....और भी बोल ना......रुक क्यों गया....,बोल मेरे लाल ...अपनी कुतिया में क्या क्या अच्छा लगता है तेरे को...."

"हाए काकी तेरी गान्ड भी......तेरी गान्ड भी बहुत प्यारी है.......सच में कितनी प्यारी है.....अभी जब कुतिया बना कर पेल रहा था तुझे तो मेरा दिल कर रहा था कि तेरी चूत से निकाल कर अपना लौडा तेरी गान्ड मे पेल दूं" देवा निचे से धक्के मारते हुए बोला।

"नही नही बाबा.....मैं नही सह सकती. इतना मोटा लंड ......उफफफ्फ़ मेरी गान्ड तो फट जाएगी" देवा को मालूम था शालू उपर उपर से बोल रही थी। उसने देवा घुटनो से हाथ उठाकर देवा की छाती पर रख दिए और गान्ड घुमा घुमा कर देवा का लंड चूत में पीसने लगी।

"अरे काकी सच में बड़ा मज़ा आएगा। पिछली बार कितना मज़ा आया था........हाए तुझे कुतिया बनाकर तेरी टाइट गान्ड में लंड घुसाने का बड़ा मज़ा आएगा.........."

"तुझे तो मज़ा आएगा.............मेरा क्या होगा यह भी सोचा है........मेरी तो गाँड फट ही जाएगी......मैं बर्दाशत नही कर पाउन्गी" उस दिन कितना दर्द हुआ था शालू बोली।

देवा ने शालू के निप्पल चुटकियों में लेकर फिर से मसलने सुरू कर दिए।
"क्यों पप्पू के बापू भी तो मारते होंगे ना तेरी गान्ड। जब उनसे मरवा सकती है तो फिर मुझसे क्यों नही"

"तुझे क्या पता वो मारते थे कि नही?" शालू बोली।

"इतनी प्यारी टाइट गान्ड तो कोई नामर्द ही बिना चोदे छोड़ेगा.......बोल मारते थे ना साली कुतिया?" देवा शालू के निप्पलो को कस कर मसला तो वो कराह उठी।

"इतना ज़ोर से क्यों मसलता है........मारते थे वो मेरी गान्ड....बस बोल दिया" देवा ने अपनी कमर घुमाना बंद कर दिया था। देवा ने उसकी कमर पर हाथ रख उसे अपने लंड पर उपर नीचे करने लगा तो वो फिर से शूरू हो गई।
 
"और तू साली रंडी मज़े ले लेकर उनसे गान्ड मरवाती थी....अब यह ना कहना कि नही मरवाती थी" देवा अपनी कमर उछाल उछाल कर लंड शालू की चूत में पेलते हुए बोला। शालू अब फिर से सिसकने लगी थी।

"हाए मरवाती थी बेटा ........मज़े से मरवाती थी बेटा.......मगर मज़ा उतना नही आता था" शालू बोली।

"क्यूँ सासु माँ....क्यूँ मेरी सासू माँ को मज़ा नही आता था?" देवा बोला।

"हाए वो कभी कभी मारते थे....रोज नही...उनका लंड भी तेरी तरह नहीं हैं अब तो खड़ा भी नहीं होता....इसलिए मेरी टाइट ही रहती थी........इसलिए जब पप्पू के बापू अपना लंड मेरी टाइट गान्ड में घुसाते तो शूरू में बहुत तकलीफ़ होती.......हाए जब......उफफफफ्फ़........जब थोड़ी सी जगह बनती और मुझे मज़ा आना शूरू होता तो उनका.....उनका छूट जाता"शालू चुदवाते हुए बोली।

"मतलब मेरी ......मेरी पालतू कुतिया की जम कर गान्ड चुदाई नही होती थी......यही कहना चाहती है ना तू?" देवा शालू के निप्पल उमेठते हुए बोला।

"हां.....उन्न्नन्ग्घह......हाए......उफफफफफफफफ्फ़.......हााआआं.........नही होती थी जम कर चुदाई......." देवा नीचे से कमर उछालना बंद कर दिया और शालू की कमर थामे उठ कर बैठ गया लेकिन उसकी चूत से लंड नही निकलने दिया।

"और तुझे जम कर गान्ड मरवानी है?.......जैसे आज तूने अपनी चूत मरवाई है.... बोल साली रंडी ?"देवा बोला।

"हां मरवानी है" शालू देवा की आँखो में आँखे डालते अपने होंठ काटते हुए बोली।

"अभी अभी तेरा दिल कर रहा है.......कर रहा है ना तेरा दिल" देवा बोला।

"हाए करता है बेटा....करता है कभी कभी गाँड में खुजली होने लगती है।"शालू बोली।

"क्या चाहिए मेरी कुतिया को.......बोल साली रंडी" देवा शालू के निप्पलो को रबड़ बैंड की तरह खींचते हुए बोला।

"हाय......उफफफफफफफ्फ़.......तेरी कुतिया को तेरा लंड चाहिए........तेरा लंड चाहिए वो भी अपनी गान्ड में...........मार अपनी सासु माँ की गान्ड मार मेरे लाल"

देवा ने शालू को धक्का दे अपनी गोद में से उतारा। शालू फौरन गोद से नीचे उतरी। देवा ने खड़े होकर शालू को अपनी तरफ खींचा. वो फौरन पीछे को हो गई. जैसे ही देवा ने उसे पलटने के लिए उसकी कमर पकड़ी वो खुद इशारा समझ पलट गयी।
 
अपडेट 145




"चल साली रंडी.......कुतिया बन जा जल्दी से" देवा शालू की कमर उपर को उठाते हुए बोला। शालू एक भी पल गँवाए बिना कमर हवा मे उँची कर कुतिया बन गयी। देवा ने शालू की गान्ड की उँचाई अपने लंड के हिसाब से सेट की और फिर उसकी टाँगे थोड़ी चौड़ी कर दी।

अब पोज़िशन यह थी कि शालू खेत में गान्ड हवा में उठाए कुतिया बनी हुई थी, उसके पाँव थोड़े से फैले हुए थे। देवा ने शालू की गान्ड के छेद पर जैसे ही लंड लगाया तो शालू एकदम से बोल उठी "हाए इतना मोटा लंड क्या सूखा घुसाएगा....थूक तो लगा ले"

"चुप साली रंडी लौडा तो पहले ही तेरी चूत के रस से सना पड़ा है...थूक की क्या ज़रूरत है" देवा शालू के चूतड़ पर थप्पड़ मारते हुए बोला।

"मगर मेरी गान्ड तो सूखी है ना.......ऐसे बहुत तकलीफ़ होगी......थोड़ा थूक लगा ले देवा बेटा" शालू बोली।

शालू की टाइट गान्ड देख देवा को भी लगा कि थूक लगा ही लेना चाहिए। देवा ने पहले शालू की गाँड के छेद पर थूका और फिर उंगली से शालू की गान्ड में घुसाने लगा।

साली की गान्ड इतनी टाइट थी कि उंगली भी मुश्किल से जा रही थी। देवा को अहसास हो गया कि खूब मेहनत करनी पड़ेगी। देवा बार बार थूक लगा कर शालू की गान्ड में उंगली पेलने लगा, उधर शालू के गाँड में जब भी उंगली जाती महसूस करती तो वह गान्ड टाइट करने लग जाती।


साली रंडी गान्ड को ढीला छोड़.......क्यों कस रही है" देवा की बात सुन शालू गाँड ढीली करने की थोड़ा कोशिश करने लगी। देवा ने एक के बाद धीरे धीरे दो उंगलियाँ अपनी सासू माँ की गान्ड में डालने की कोशिश करने लगा।

अब शालू फिर से गान्ड टाइट करने लगी। देवा ने गुस्से में आकर एक चांटा कस कर उसके चुतड पर मारा तो शालू को समझ में आ गया। बहुत जल्द थूक से गीली देवा की दो उंगलियाँ शालू की गान्ड में अंदर बाहर हो रही थीं। हालाँकि शालू सी सी कर रही थी।

अब देवा को लगा कि लंड घुसाया जा सकता है. उसने दो तीन बार थूक से उंगलियाँ तर कर उसकी गान्ड में डाली ताकि अच्छी तरह से चिकनाई हो जाये।

"चल साली कुतिया थोड़ा अपनी गान्ड तो फैला" देवा ने जैसे ही कहा शालू ने अपने दोनों हाथ पीछे लाकर अपने दोनो चुतड़ों को फैलाया. उसकी टाँगे तो पहली ही खूब चौड़ी थी अब उसने जब अपने चुतड़ों को विपरीत दिशा में खींचा तो गान्ड का छेद हल्का सा खुल गया।

देवा ने अपने हाथ उसकी कमर पर रखा और अपना लन्ड़ शालू की गान्ड के सुराख पर रख दिया।
 
"हाए धीरे....धीरे-धीरे डालना.......उूउउफफफ्फ़ तेरा बहुत बड़ा है" शालू ने देवा को चेताया"।


"तू डर मत साली रंडी......तुझे मैं तकलीफ़ नही होने दूँगा" देवा ने शालू को दिलासा दिया। वो कुछ घबरा रही थी क्योकि एक तो इतने दिनों से ना चुदने से गान्ड बिल्कुल टाइट हो गयी थी और उपर से देवा का लंड काफ़ी मोटा था।

देवा ने शालू की कमर हाथों मे कस कर पकड़ ली और लंड आगे सुराख के उपर रख कर ज़ोर लगाने लगा। शालू का बदन कांप रहा था। मगर वाकई गान्ड बहुत टाइट थी। वो देवा के ज़ोर लगाने से थोड़ा सा खुली तो ज़रूर मगर इतनी नही कि लंड घुस पाता। लगता था काफ़ी ज़ोर लगाना पड़ेगा और सासू माँ को भी थोड़ी तकलीफ़ सहन करनी पड़ेगी। यह सोचकर देवा ने कमर को पूरे ज़ोर से थाम फिर से ज़ोर लगाना सुरू किया।


इस बार जब देवा ज़्यादा और ज़्यादा ज़ोर लगाने लगा और शालू की गान्ड खुलने लगी तो शालू उन्ह...उन्ह करने लगी। वो कराह रही थी मगर एक बार तो उसे झेलना ही था। थूक से सने लंड का चमकता सुपाडा गान्ड को धीरे धीरे खोलता गया और फिर 'गप्प' की आवाज़ हुई और देवा के लंड का सुपाड़ा शालू की गान्ड में गायब हो गया।


इधर देवा का लंड शालू की गान्ड मे घुसा उधर शालू ने अपने हाथ अपने चूतडों से हटा कर जमीन पर टिका लिया। उसे दर्द हो रहा था मगर उसने अभी तक देवा को रुकने के लिए नही कहा था।

देवा ने ज़ोर लगाना चालू रखा। बिल्कुल आहिस्ता आहिस्ता धीरे धीरे ज़ोर लगाता और लंड को आगे और आगे ठेलने लगा। शालू के मुख से हाए...हाइ......उफफफफ्फ़....आआहज.....हे भगवान..... करके कराहें फूट रही थीं। जिस तरह उसका बदन पसीने से भर उठा था और जिस तरह वो बदन मरोड़ रही थी देवा जान गया था कि उसे बहुत तकलीफ़ हो रही थी।

मगर हैरानी थी शालू ने देवा को एक बार भी रुकने के लिए नही कहा..... और जब उसने देवा को रोका तब तक लगभग दो तिहाई लंड उसकी गान्ड में घुस चुका था. देवा ने आगे घुसाना बंद किया और धीरे धीरे आगे पीछे करने लगा।

गान्ड इतनी टाइट थी कि खुद देवा को भी बहुत तकलीफ़ हो रही थी। गान्ड लंड को बुरी तरह से निचोड़ रही थी। इसलिए देवा को पेलने में बहुत परेशानी हो रही थी और उपर से शालू भी बुरी तरह सिसक रही थी और बार बार दर्द से बदन सिकोड अपनी गान्ड टाइट कर रही थी। मगर थूक की चिकनाई की वजह से देवा को लंड आगे पीछे करने मे मदद मिल रही थी। धीरे धीरे लंड शालू की गान्ड में थोड़ा आसानी से आगे पीछे होने लगा। हर धक्के से कुछ जगह बनती जा रही थी।
 
देवा ने मौका देख हर धक्के के साथ लंड थोड़ा....थोड़ा आगे और आगे पेलने लगा। आख़िर कार कोई बीस धक्के बाद देवा का पूरा लंड शालू की गान्ड में था. अब शालू को भी इसका जल्द ही अहसास हो गया जब देवा के टटटे उसकी चूत से टकराने लगे।

"उफफफफ्फ़.......पूरा घुसा दिया........इतना मोटा लौडा तूने पूरा मेरी गान्ड में पेल दिया"

"हां सासु माँ......पूरा ले लिया है तूने........ऐसे ही बेकार में तू डर रही थी" देवा बोला।

"बेकार में......उउउफफफफ्फ़.........मेरी जगह तू होता तो तुझे मालूम चलता.....अभी भी कितना दुख रहा है मेरी गांड में....,धीरे कर" शालू सिसकते हुए बोली।

"काकी अब तो चला गया है ना पूरा अंदर.......बस कुछ पलों की देर है देखना तूम खुद अपनी गान्ड मेरे लौडे पर मारोगी" देवा शालू की पीठ चूमता बोला।

"धीरे पेल बेटा.......हाए बहुत दुख रही है मेरी गान्ड......." शालू सिसिया रही थी। शालू का थूक वाला सुझाव वाकई मे बड़ा समझदारी वाला था। थूक से लंड आराम से अंदर बाहर फिसलने लगा था। जहाँ पहले इतना ज़ोर लगाना पड़ रहा था लंड को थोड़ी सी भी गति देने के लिए अब वो उतनी ही आसानी से अंदर बाहर होने लगा था।

हालाँकि शालू ने देवा को धीरे धीरे धक्के लगाने के लिए कहा था मगर पिछले आधे घंटे से किए सबर का बाँध टूट गया और देवा ना चाहता हुआ भी शालू की गान्ड को कस कस कर चोदने लगा।

"हाए उउउफफफफफफफ्फ़.........आआआहज्ज्ज्ज मार...डााअल्ल्लीीगगगघाा क्यआआअ......हीईीईईईई.....ओह माआआअ.......,,हे भगवान......मेरी गान्ड....,उफफफफफफफ़ट गईईईईई" शालू मज़े से चिल्ला रही थी।

शालू चीख रही थी, चिल्ला रही थी मगर देवा को रुकने के लिए नही कह रही थी। साफ था उसे इस बेदर्दी में भी मज़ा आ रहा था। अगर दोपहर का समय नहीं होता तो इधर आस पास गुजरने वाले उसको चिल्लाते सुन लेते।

वैसे भी वो रोकती तो देवा रुकने वाला नही था। दाँत भींचे देवा शालू की गान्ड में अपना लंड पेलता जा रहा था और वो पेलवाती जा रही थी।
 
"हाए अब बोल साली कुतिया......मज़ा आ रहा है ना गान्ड मरवाने में....." देवा बोला।

"आ रहा है....हाए बहुत मज़ा आ रहा है....ऐसे ही ज़ोर लगा कर चोदता रह.......हाए मार अपनी सासू माँ की गान्ड"बोली सिसियाते हुए बोली।

"ले साली कुतिया .....ले....यह ले.........मेरा लौडा अपनी गान्ड में" देवा ने पूरी रफ़्तार पकड़ते हुए शालू के चुतड़ों पर तड़ तड़ चान्टे मारने शूरू कर दिए।

"हाई....उूुुउउफफफ्फ़...,मार ..,हरामी....मार अपनी सासू माँ की गान्ड....मार अपनी कुतिया की गान्ड.......,हाए मार मार कर फाड़ डाल इसे...,उफफ़गगगगगग...हे भगवान..........ले ले मेरी गान्ड.......ले ले मेरे लाल...पेल अपनी रंडी सास को " शालू मज़े में गांड मरवाते हुए बोली।


देवा के थप्पड़ों से शालू के चुतड लाल सुर्ख होने लगे। उधर फटक फटक देवा का लौडा भी उसकी गान्ड फाड़ने पर तुला हुआ था। शालू..... तो लगता था जैसे इसी चुदाई की भूखी थी, यह उसका देवा ने नया रूप देखा था।

उसका जिस्म गरम हो चूका था। उसे चुदाई में गालियाँ अच्छी लग रही थी, देवा की मार अच्छी लग रही थी, देवा का उससे जानवरों की तरह पेश आना अच्छा लगता था। बल्कि जितना देवा बेदरद हो जाता उतना ही उसका आनंद बढ़ जाता, इस बात को जान देवा ने उसके साथ कोई नर्मी नही बरती।


आधे घंटे तक देवा शालू की मस्त गाँड फाड़ता रहा।कभी लिटाकर कभी सुलाकर कभी कुतिया बनाकर कभी अपने ऊपर चढ़ाकर। हर संभव पोजीशन में देवा ने शालू की गाँड मारी और एक से एक गन्दी गाली देते हुए।फिर दोनों एक साथ झड़ के आराम करने लगे।कुछ देर बाद शालू लंगड़ाते हुए अपने घर की तरफ चल दी।
 
अपडेट 146





शादी का दिन नजदीक आता जा रहा था। पैसो की बहुत जरुरत थी तो देवा अपने ट्रेक्टर से शहर जा रहा था। रास्ते में शहर से नजदीक एक गाँव में भीड़ लगी हुई थी। जब देवा वहाँ पहुंचा तो पता चला की किसी गाड़ी वाले ने एक लड़के को धक्का मार के भाग गया था। लड़के की हालात बहुत खराब थी।


देवा गाँव वालों की मदद से लड़के को ट्रेक्टर पर लेके जल्दी शहर की तरफ भागता है। लड़के की माँ का रो रो कर बुरा हाल था। वह भी साथ में थी।

देवा लड़के को हॉस्पिटल में एडमिट कराता है। डॉक्टर खून चढाने को बोलते है और बताते है की इस ग्रुप का खून हॉस्पिटल में नहीं है। चूँकि देवा का खून उसी ग्रुप का था तो वह अपना खून देता है जिससे लड़के की जान बच जाती है।


उस लड़के जिसका नाम राकेश था।जब उसका बाप जिसका नाम ललन था.. भागते हुए हॉस्पिटल आता है और उसकी बीबी उसे सारी बात बताती है की किस तरह एक अजनबी ने अपने बेटे राजू को मौत से बचाया है।

ललन जब देवा से मिलता है तो चौंक जाता है। दरअसल ललन वही विक्रांत का आदमी था जिसने देवा को मारने के लिए आदमी भेजे थे और जो हिम्मत के साथ विक्रांत से मिलने जेल गया था।


दोनों में बातचीत होती है तो देवा बताता है की उसकी शादी होनेवाली है इसलिए वह पैसे उठाने शहर आ रहा था।

ललन: देवा भाई तुमने आज मुझपर जो अहसान किया है मैं उसकी कीमत चूका सकता हूँ। क्योंकि तुम्हारी भी जान खतरे में है।
 
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