Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम - Page 91 - SexBaba
  • From this section you can read all the hindi sex stories in hindi font. These are collected from the various sources which make your cock rock hard in the night. All are having the collections of like maa beta, devar bhabhi, indian aunty, college girl. All these are the amazing chudai stories for you guys in these forum.

    If You are unable to access the site then try to access the site via VPN Try these are vpn App Click Here

Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम

देवा: मैं समझा नहीं भाई......

लल्लन: देखो देवा हिम्मत राव इसी शहर में है और वह तुम्हे जान से मारना चाहता है। मैं भी विक्रांत के साथ काम करता था लेकिन जब पुलिस ने विक्रांत और उसके आदमियों को पकड़ा तो मैं बच गया।हिम्मत मेरे साथ ही विक्रांत से जेल में मिलने गया था।जहाँ हिम्मत ने वह सब बताया की किस तरह उसने तुम्हारे बापू और रुक्मिणी के माँ बाप को मारा था।फिर ललन सारी बाते देवा को बता देता है।



उसके बाद हिम्मत ने विक्रांत को तुम्हे मारने के लिए तैयार कर लिया है।


परसों विक्रांत जेल से बाहर आ रहा है। तभी बिक्रान्त और हिम्मत शाम को तुम्हारे गाँव के लिए जायेंगे। उन्होंने बंदूको का भी इंतज़ाम कर लिया है देवा। अब तुम सोचो की तुम कैसे बचोगे।अगर तुम्हे कोई भी जरुरत हो तो मैं तुम्हारी मदद करूँगा अगर तुम्हे भी बन्दुक चाहिए तो मैं इंतज़ाम कर सकता हूँ।


देवा: ललन भाई तुमने ये बताकर मेरी बहुत मदद की है बाकि तुम मुझपे छोड़ दो। मैं अपने बापू के कातिलों को उनके अंजाम तक पहुँचा दूंगा। तूमसे एक गुजारिश है की तुम भी जुर्म की दुनिया छोड के कोई अच्छा काम करो।

ललन: ठीक है। परसों दिन में विक्रांत जेल से बाहर आएगा। मैं ऐसा उपाय करूँगा की वो दोनों शाम को ही तुम्हारे गाँव के लिए निकलेंगे। क्योंकि सभी इंतज़ाम मुझे ही करना है। और हिम्मत की गाड़ी तो तुम पहचानते ही हो। अपना ख्याल रखना भाई...

फिर दोनों अलग हो जाते है। देवा उस बच्चे राकेश से मिलता है। दोनों कुछ देर बाते करते है। अब वह ठीक हो चूका था।फिर देवा बैंक के लिए निकल जाता है।
पैसे उठाकर देवा शहर से एक दूरबीन खरीदता है और कुछ जरुरी सामान खरीदकर शहर से एक एक जगह को ध्यान से देखते हुए अपने गाँव की तरफ चलता है।
 
देवा के दिमाग में एक आइडिया आ चूका था। बस उसे किसी ऐसी जगह की तलाश थी जहाँ वह अपना काम कर सके वह जगह उसे जल्दी ही मिल जाती है । वह एक तीन मुहानी वाला रास्ता था जहाँ मेन सड़क से एक कच्ची सड़क निकल रही थी। उस जगह को अच्छी तरह देखकर देवा अपने गाँव की तरफ चल देता है।दूरबीन को देवा ने ट्रेक्टर के टूल बॉक्स वाले डिब्बे में छुपा दिया था।


देवा को देखकर रत्ना और ममता बहुत खुश होती है।
देवा सारा रत्ना को दे देता है और रूपये भी संभालकर रखने के लिए दे देता है।

देवा थोडा आराम करके शाम को घूमने के लिए निकलता है तो हवेली का एक नौकर मिल जाता है वह देवा से कहता है की मालकिन और रानी बिटिया हवेली आ गई है और आपको मालकिन बुला रही थी। कोई जरुरी बात करनी है आप जाकर मिल लो।

देवा कुछ सोचकर हवेली की तरफ चल देता है।
 
अपडेट 147





देवा जब हवेली पहुँचता है तो रुक्मिणी बहुत खुश होती है और देवा को बुलाकर अपने कमरे में ले जाती है।

देवा: और मालकिन सब कुछ ठीक तो है न। सुना था आप अपने गाँव गई हुई थी। वहाँ सब ठीक तो है न।

रुक्मिणी: सब ठीक हैं । माँ बापू का क्रिया कर्म ठीक से हो गया। गाँव की सभी जमीन दीनू काका को दी हुई है वही उसकी देखरेख करते है। मेरे घर में तो कोई है नहीं मैं ही कभी कभी जाती हूँ।

देवा: मालकिन हिम्मत राव के बारे में कुछ पता चला।

रुक्मिणी: नहीं मालूम नहीं कहाँ चुप गया है। तुम थोडा संभलकर रहना।

देवा: ठीक है मालकिन। और रानी कहाँ है।

रुक्मिणी: रानी अपने कमरे में आराम कर रही है।
और सुना है तुम्हारी शादी हो रही है। शादी के बाद तो मुझे भूल ही जाओगे।

देवा: क्या बात कर रही हो मालकिन। भला मैं आपको भूल सकता हूँ क्या।
यह कहकर देवा रुक्मिणी को अपनी बाहों में भरकर उसके रसीले होंठो को चूमने लगता है। रुक्मिणी भी बहुत दिन से चुदी नहीं थी वह जल्दी ही गरम हो जाती है और देवा के पेंट के ऊपर से उसके लंड को सहलाने लगती है।

दोनों बहुत जल्दी उतेजित हो जाते है एक दूसरे के कपडे निकालने लगते है।

देवा रुक्मिणी को लगभग धकेलता हुआ बेडरूम में लाया और फिर रुक्मिणी को बाहों में भरके किस करने लगा। रुक्मिणी भी अपना नंगा जिस्म उससे भिड़ाती हुई उसे किस करने लगी। देवा रुक्मिणी को इस हालत में देख कर बहुत गरम हो गया था।

एक हाथ से रुक्मिणी की गाँड और दूसरे से उसकी चुचियों को निचोड़ते हुए देवा बोला, " रुक्मिणी तू साली बहुत चुदास औरत है... जबसे तुझे चोदा है... मेरा लंड बार-बार तेरी चूत की याद में खड़ा हो रहा है। तू जानती नहीं कि तेरे इस मस्त बदन ने मुझ पे क्या जादू किया है। आज तक मैंने बहुत चूतें चोदी हैं पर जैसे खुल के तू चूत चुदवाती है... किसी ने वैसे चूत नहीं चुदवायी मुझसे। रुक्मिणी आज के बाद तू मेरी रंडी बनके रहेगी? बोल मेरी जान तू मेरी रखैल बनेगी?”
 
रुक्मिणी देवा की बात सुनके बिस्तर पे बैठती हुई उसके लंड को सहलाते हुए किस करने लगी और बोली, “देवा मुझे भी कई दिनों से हर पल तेरा यह मूसल लौड़ा याद आ रहा था। मेरा भी हाल तेरे जैसा ही है... पता है जिस दिन तू चोद के गया है तब से कितनी ही बार अपनी चूत अपनी ऊँगली से शांत कर चुकी हूँ...
आह्ह्ह.. मुझे भी हिम्मत ने कई बार चोदा था लेकिन जो बात तेरे इस तगड़े लंड में है... (हिच्च)... वो किसी में नहीं थी...। तेरा लंड मुझे कितना भा गया इसका सबूत... उम्म्म... (हिच्च)... यह है कि मैंने अपनी बेटी के सामने भी तुझसे चुदवा दिया। सोच... देवा... सोच... कोई माँ अपनी बेटी के सामने अपनी चूत देगी क्या किसी मर्द को चोदने के लिए?
उसे भी तेरे जैसे लंड की जरूरत थी देवा... रही बात तेरी रंडी बनने की तो राजा मुझे तेरे से कुछ नहीं चाहिए... बस जब दिल करे अपने इस लंड से खूब चोद मेरी गरम चूत और गाँड को और मुझे खुश रख...”

देवा रुक्मिणी का चेहरा पकड़ के उसके मुँह में अपना लौड़ा देते हुए बोला, “ले साली ले... आज मेरे इस लौड़े को खुश कर दे... बहनचोद कसम से तू मस्त औरत है... राँड साली जैसे तू मर्द को मज़ा देती है कोई भी औरत नहीं दे सकती। मुझे मालूम है कि तूने अपनी बेटी के सामने मुझ से चुदवाके एक चुदासी रंडी होने का सबसे बड़ा सबूत दिया है। मुझे जीस दिन तेरी चूत मिली तो मैं खुश हुआ लेकिन उस दिन अपनी बेटी के सामने चुदवा के तूने मुझे जीत लिया मेरी छिनाल... आज के बाद तू मेरी खास रंडी है... तेरी बेटी भी मेरी रंडी बनेगी।”

रुक्मिणी होंठ टाईट करके देवा के लंड से अपना मुँह चुदवाने लगी। पूरा लंड चूसने के बाद वो देवा की गोटियाँ चूस के बोली, “हाँ देवा आज से मैं और मेरी बेटी तेरी रंडियाँ बन गयी हैं। तू हमसे जो चाहे वो करवा सकता है... हम दोनों तुझे कभी शिकायत का मौका नहीं देंगी... साले... देवा मेरी चूचियाँ मसल के और ज़ोर से चोद मेरा मुँह... यह तेरी राँड कुत्तिया का मुँह है... (हुच्च)... बिंदास चोद इसे... देवा... यह तो बता कि मेरी बेटी की चूत कैसी लगती है तुझे..? मस्त माल है ना रानी? रानी... वह भी... अपनी राँड माँ पे गयी है कि नहीं?”
 
देवा रुक्मिणी को बिस्तर पे लिटाते हुए उसकी चूत में अँगुली डाल के उसकी चूचियाँ मसलते हुए बोला, "रुक्मिणी तेरी बेटी तेरे जैसी हसीन है... बड़ी कुत्तिया बेटी है तेरी... बिल्कुल माँ पे गयी है... रानी भी आगे चल के तेरे जैसी ही मस्त माल बनेगी... बहनचोद मुझे लगता है कि शादी के बाद रानी को उसका पति भी संतुष्ट नहीं कर पायेगा... मेरी रंडी रुक्मिणी... तेरी बेटी तेरे से भी बड़ी चुदक्कड़ है... हिम्मत ने बड़ी मादरचोद लड़की को पैदा किया है रुक्मिणी... उसकी बेटी तेरे नक्शे कदम पे चलके मर्दों को बराबर रिझाना सीख रही है। पहले हिम्मत राव को फिर मुझे। आगे तेरा नाम रोशन करेगी। वैसे मेरी राँड अब मुझे रानी की माँ की चूत चोदनी है... मेरा लंड रानी की माँ की चूत चोदने को बेकरार है... बोल चोदूँ मैं रानी की माँ की चूत... ?”

देवा के मुँह से अपने और रानी के लिए गालियाँ सुनके रुक्मिणी और गरम हो गयी। वो देवा का लंड पकड़ के बोली, “हाँ कमीने... तू सच बोला... मैं भी चाहती हूँ कि रानी मेरी जैसी तेरी राँड बने। और अब जब तू साथ रहेगा तो जरूर रानी एक मस्त राँड बनेगी। रही बात रानी की माँ की चूत चोदने की तो मेरे प्यारे कुत्ते... रानी की माँ की चूत को भी बड़ी बेसब्री से तेरे इस तगड़े मूसल लंड का इंतज़ार है... अब तू टाइम खराब किए बिना जल्दी से रानी की चुदक्कड़ माँ की चूत चोद।”

रुक्मिणी बेड पे लुढ़कते हुए लेट गयी और देवा रुक्मिणी की टाँगें उठाके अपने कँधों पे रखते हुए बोला, “मेरी रंडी रुक्मिणी... अब तू देखती जा मेरे लंड का कमाल... चूत खोल राँड... बहनचोद रंडी... आज फिर तुझे जी भरके चोदूँगा।”

रुक्मिणी अपने हाथों से चूत खोलके बोली, “यह ले देवा खोल दी मैंने अपनी चूत तेरे लंड के लिए... आ जा मेरे शेर... अपनी छिनाल की चूत चोद अपने मूसल लौड़े से और दिखा दे फिर से तेरे लंड का कमाल... कुत्ते अपनी छिनाल कुत्तिया की चूत मस्ती से चोद।”

देवा रुक्मिणी की चूत का दाना रगड़ते हुए बोला, “साली रंडी रुक्मिणी... तेरी चूत अभी भी कितनी टाईट है... लगता है जैसे कुँवारी चूत है... जब तुझे पहली बार चोदा तब अगर मुझे मालूम हुआ कि रानी तेरी बेटी नहीं है... तो मुझे लगता कि मैं किसी २०-२२ साल की लड़की को ही चोद रहा हूँ। इस उम्र में इतनी टाईट चूत मिलना मतलब लॉटरी लगना है मेरी रंडी...।”
 
रुक्मिणी तो मदहोशी से आँखें बँद करके सिसकरियाँ लेते हुए अपनी चुचियाँ मसलने लगी और कमर उठा के देवा के हाथ पे चूत दबाते हुए बड़बड़ायी, “मुझे... कुँवारी बोलता है...... मुझे चुदाई का कोई मौका नहीं मिला नहीं तो मैं.... कुँवारी...जैसी रहती क्या ?”

फिर हँसने लगी और और हँसते हुए ही आगे बोली, “शायद तेरे जैसा तगड़ा लौड़ा नहीं मिला... इसलिए यह टाईट है... (हिच्च...) और शायद इसी वजह से मैंने खुद को और साथ में अपनी बेटी के साथ भी तुझसे चुदवाया ना?”

देवा ने एक हाथ से अपना लंड रुक्मिणी की चूत पे रखा और फिर दूसरे हाथ से रुक्मिणी के दोनों हाथ पकड़ के ऊपर कर के बोला, “रूकू तू हमेशा खुश रहेगी मेरी रंडी बनके... बहनचोद... तेरी जैसी मस्त और बिंदास औरत को पैर की जूती बना के ही चोदना चाहिए। साली... इतने साल से तेरी गरम चूत को जिस तगड़े लंड की तालाश थी वो अब खतम हो गयी... मेरी रंडी बनके तू ने वो तालाश खुद खतम की है। आज के बाद तुझे कभी भी प्यासी नहीं रहना पड़ेगा मेरी छिनाल... तू चाहेगी तो एक साथ तुझे और तेरी बेटी की गाँड मारूँगा”

रुक्मिणी अपनी चूत ऊपर उठा के देवा के लंड से भिड़ाती हुई बोली, “डाल दे अपना लौड़ा मेरी चूत में और चोद के मेरी चूत की गरमी निकाल दे... अब तेरे जैसे मस्त लौड़े से मेरी चूत चुदेगी तो मेरी प्यास ज़रूर मिटेगी... देवा अब आज के बाद मैं और मेरी बेटी रानी तेरी रंडियाँ बन गयी हैं... तू जब.. जितना भी चाहे हमें चोद।”
देवा ने अपना लंड रुक्मिणी की चूत पे रख के रुक्मिणी की चूत का मुँह खोला और फिर अपना लंड अंदर घुसेड़ने लगा। उसका लंड ज़रा मुश्किल से अंदर घुस रहा था। जैसे-जैसे देवा ने ज़ोर लगाया, उसका लंड रुक्मिणी की चूत में घुसने लगा। रुक्मिणी की चूत एक दम गीली हो गयी थी, इसलिए फिर १-२ धक्कों में देवा का पूरा लंड रुक्मिणी की चूत में घुस गया। लंड पूरा घुसने के बाद देवा रुक्मिणी के हाथ छोड़ के उसके निप्पल चूसते हुए रुक्मिणी को दनादन चोदने लगा।

रुक्मिणी भी नीचे से कमर उठा-उठाके चुदवाने लगी और देवा से बोली, “हाँ डाल साले... और अंदर पेल लंड... चोद मुझे... जी भर के मेरी चूत चोद... ऊफ्फ्फ्फ्फफ क्या मस्त लंड है तेरा भोंसड़ी के... बेरहमी से चोद मेरी चूत।”
 
देवा भी ताव में आ के रुक्मिणी की चूत चोदते और उसकी चुचियाँ मसलते हुए बोला, “ले साली... ले... आज तुझे रंडी की परिभाषा पता चल जायेगी। बहनचोद साली... गरम माल है तू और तेरी बेटी... कसम से… ऐसी मस्त चूत नहीं चोदी। हरामी तू अगर शादी के पहले मिलती तो तुझे अपनी पालतू कुतिया बनाता लेकिन अब तुझे मेरी राँड बनना होगा।”

देवा अब मस्ती में ज़ोर-ज़ोर से रुक्मिणी को चोदने लगा। वो धक्कों पे धक्के मारते हुए पूरा लंड अंदर घुसाते हुए चोद रहा था।

रुक्मिणी भी नीचे से उसके धक्कों के जवाब में अपनी कमर उठाके चुदवाती हुई बोली, “देवा हाँ ऐसे ही मेरी चुचियाँ दबाते हुए और निप्पल चूसते हुए मुझे चोद... चोद और चोद तेरी यह राँड बड़ी भूखी है... चूत फाड़ दे अपनी रंडी रूकू कि... मेरे कुत्ते राजा... तू कहेगा तो मैं तेरे बच्चे पैदा करने को भी तैयार हूँ।”

देवा बारी-बारी से उसकी चुचियों को मसलते और चूसते हुए बोला, “तू अब मेरी रखैल बनके रहेगी... ले साली हरामज़ादी चूत... चुदवा ऐसे ही... साली बेटीचोद औरत... तुझे तो दिन रात चोदना चाहिए... यह ले और ले छिनाल... चुदवा ले मेरे मूसल लौड़े से साली रंडी...।”

देवा का लंड रुक्मिणी की क्लिट पे रगड़ते हुए चूत में बहुत गहरायी तक जाके टक्कर मार रहा था। देवा के धक्कों का जवाब रुक्मिणी नीचे से अपने धक्कों से दे रही थी और देवा के धक्कों से रुक्मिणी का पूरा बदन उछल रहा था। देवा ने थोड़ा पीछे होके धक्का मारा तो रुक्मिणी के सीने की हलचल देखके खुश हुआ। देवा के धक्कों से रुक्मिणी की चूचियाँ थर-थरा जाती थीं। जिस ताल से वो रुक्मिणी को चोद रहा था उसी लय से रुक्मिणी के मम्मे उछल रहे थे।

रुक्मिणी देवा का चेहरा नीचे करके उसे किस करते हुए बोली, “हाँ देवा मैं तेरी रंडी रखैल हूँ और ऐसी माँ हूँ जिसने अपनी जवान बेटी के साथ तुझसे चुदवाया है... पर मैं क्या करती... एक तो मैं गरम औरत हूँ और मेरी बेटी भी कम नहीं है... वो छिनाल तो इतने दिनों से अपने खुद के बाप से चुदवा रही है... मैं तो कभी-कभार ही चुदवा पाती हूँ। अब बस तू मुझे ऐसे ही चोदता रह... और कभी अपनी इस रखैल को प्यासी मत रखना।”
 
देवा ने जोश में रुक्मिणी के मम्मे मसलते हुए एक अँगुली रुक्मिणी की गाँड में डाल के रुक्मिणी को चोदते हुए बोला, “नहीं मेरी जान... आज के बाद तू कभी प्यासी नहीं रहेगी... अब तुझे जब भी मेरा लंड चाहिए मुझे बुला लेना और मैं तुझे चोद के तेरी प्यास बुझाऊँगा।”

फिर १५ मिनट तक उनकी चुदाई बड़ी ज़ोरों से चली। देवा ने रुक्मिणी का पूरा बदन चोद-चोद के तोड़ के रख दिया था। जब उसे एहसास हुआ कि वो झड़नेवाला है तो वो अपना लंड रुक्मिणी की चूत के अंदर ही अंदर ऐसे घुमाने लगा जैसे कि पेंच कस रहा हो।

फिर एक बार कसके धक्का मारते हुए बोला, “हरामी रंडी... साली अब मैं झड़ने वाला हूँ तेरी गरम चूत में... यह ले साली बहनचोद रंडी... तेरी गाँड मारूँ छिनाल... यह ले... और ले..अपनी बच्चेदानी में. और ले... मेरी रंडी रुक्मिणी।”

रुक्मिणी भी देवा को कसके पकड़के अपनी कमर उठाके चुदवती हुई बोली, “देवा साले कमीने... रुक्मिणी की चूत आज से तेरी अमानत है डियर... उउउउउफ्फ्फ्फ अब मैं भी झड़नेवाली हूँ देवा... मुझे कसके पकड़ और चोद मुझे। ऊउउम्म्म्म... आआआआआआहहहह... देवा बड़ा मज़ा आ रहा है तेरी राँड को तुझसे चुदवाके। जी भरके मुझे चोद..आज ही गाभिन कर दे मुझे मैं तेरा बच्चा जनुँगी.।”


अब दोनों ने एक दूसरे को कसके पकड़ लिया और देवा भी जितना हो सके उतने ज़ोर से रुक्मिणी को चोदने लगा। दोनों बहुत सिसकारियाँ भरते हुए चुदाई का मज़ा ले रहे थे। पूरे कमरे में आहहहहहहह... उहहहह... ओफ्फ्फ्फ्फ... उम्म्म्म्म.... और चोद साले... ले मेरी छिनाल... मेरी रंडी.... की आवाज़ें और भारी-भारी साँसों की आवाज़ सुनायी दे रही थी।

देवा आखिरी बार अपना लंड रुक्मिणी की चूत की सबसे गहरे भाग में धकेल के झड़ते हुए बोला, “आआआआह मेरी चुदक्कड़ रानी... रुक्मिणी... मेरी रंडी... मेरी जान... पूरा पानी तेरी चूत में भर रहा है... मैं इस लंड के पानी से तेरी चूत की आग शाँत कर रहा हूँ मेरी छिनाल...।”
जब देवा के पानी का एहसास रुक्मिणी को हुआ तो उसकी चूत भी पिघल गयी और वो अपनी कमर उठा के देवा के लंड को ज्यादा से ज्यादा अंदर लेती हुई बोली, “हाँ चोद देवा और ज़ोर से चोद... दे तेरा पूरा पानी मेरी प्यासी चूत को... आआहहहहह देवा..... मैं झड़ गयीईईईई राजा... आआआहहहहह कितना सकून मिल रहा है मेरे यार... दे अपना पूरा पानी... मेरी चूत को मेरे चोदू।”
 
अपडेट 148A





रुक्मिणी और देवा पूरी तरह झड़के शाँत हो गये पर देवा अब भी रुक्मिणी के जिस्म पे लेटा हुआ था और देवा ने पूरा लंड रुक्मिणी की चूत में घुसाया हुआ था। जब देवा भी ढीला पड़ा तो रुक्मिणी की चूत से उन दोनों के चुदाई-रस का मिश्रण हल्के-हल्के बाहर आने लगा।

दिल की धड़कन शाँत होने के बाद देवा रुक्मिणी की चूत से लंड निकाल के उसकी बगल में लेट गया। देवा रुक्मिणी को चोद चुका था और दोनों बेहाल पड़े थे। १५- २० मिनट के बाद रुक्मिणी देवा की बाहों में आयी और बालों से भरा देवा का सीना हल्के हाथों से सहलाने लगी। देवा भी करवट लेके रुक्मिणी की चूचियाँ मसलने लगा।

फिर रुक्मिणी का हाथ अपने लंड पे रखते हुआ देवा बोला, “मेरी जानेमन... अब भी मेरा दिल भरा नहीं है... मेरा लंड फिर से तुझे चोदना चाहता है... ज़रा मुँह में मेरा लंड लेके उसे गरम कर... ताकि फिर तुझे चोदूँ।”

रुक्मिणी उठके देवा का पूरा लंड अच्छी तरह चाट के बोली, “मेरी चूत के राजा.. तूने मुझे इतना तगड़ा चोदा कि मज़ा आ गया पर अब मेरी गाँड भी चुदाई के लिए तड़प रही है। लेकिन थोड़ा सा रुक जा फिर फ़्रैश होके मुझे चोद... वैसे भी मुझे और भी चुदवाना है। मेरी बेटी भी तो देखे कि उसकी माँ कैसे चुदासी बन के चुदवाती है।”

देवा रुक्मिणी के निप्पल हल्के से खींचते हुए बोला, “बड़ी हरामी चूत है तू... साली... तो तुझे मुझसे अभी चुदवाना है... लेकिन अपनी बेटी के सामने चुदवाना चाहती है तू... बहनचोद तेरी जैसी बेशरम औरत नहीं देखी मैंने... ठीक है चल देखते हैं तेरी मादरचोद बेटी का क्या हाल है।”

रुक्मिणी के चुदाई के नशा अभी कम नहीं हुआ था। देवा अपनी बहों में नंगी रुक्मिणी को लेके हॉल में आया। उसने देखा कि रानी अपनी चूत में ऊँगली कर रही है।शायद वो भी अपनी माँ की चुदाई देख देख के गरम हो गई थी। दोनों बेशरम माँ बेटी एक दूसरे को देख के मुस्कुराईं। माँ और बेटी आपस में खुल चुकी थीं इसलिए दोनों में से किसी को भी शरम नहीं थी। रुक्मिणी रानी के सामने जा के उसे किस करने लगी।

देवा तब रानी की गाँड पे अपना लंड ज़ोर ज़ोर से रगड़के बोला, “साली रंडी की छिनाल बेटी... आज तू सही मायने में रंडी बनेगी। साली हिम्मत तुझे बराबर चोदता हैं तो फिर हमसे क्या झिझक...? तेरी माँ की चूत साली रंडी... आज के बाद तू मेरी रंडी बनके रहेगी और तेरी छिनाल माँ भी... समझी?”
 
देवा रानी की चुचियाँ मसलते हुए ललचाती नज़रों से रुक्मिणी को देखते हुए बोला, “क्या साली अब तक तू तैयार नहीं हुई मैं दूसरे राऊँड की तैयारी करने आया था। आ बहनचोद रुक्मिणी अब तू अपनी बेटी के सामने चुदवाना चाहती है ना”

इसके पहले कि देवा कुछ जवाब देता,रुक्मिणी रानी के मम्मे मसल रहे देवा के हाथ को हल्के से मारते हुए हँसते हुए बोली, “साले कमीने... तूने अभी इस रानी की माँ को इतनी देर चोद-चोद कर रंडी बना दिया... अब फिर मेरी बेटी को भी मसल रहा है... हरामी जितनी कमीनी मुझे बोलता है... उतना ही कमीने तुम हो।”

देवा रुक्मिणी की बात सुनके रानी को छोड़ा और रुक्मिणी को धक्का देके सोफ़े पे गिराते हुए खुद सोफ़े पे चढ़ गया और अपना लंड उसके मुँह में डालते हुए बोला, “छिनाल साली... कुतिया... साली एक तो तुझे मैंने अपनी रंडी बनाया और मुझको ही कमीना बोलती है? कुत्तिया... साली रंडी... तू अपनी औकात मत भूल... तू और तेरी बेटी मेरी रंडियाँ हो। तुझे चोदने के लिए ही मैं आया हूँ और अब तेरी बेटी की चूत और गाँड भी मारूँगा और अब तेरी गाँड मारने जा रहा हूँ। अब तू आयी है तो तुझे भी चोदके अपनी रंडी बनाऊँगा और तेरी बेटी को चोदके उसे अपनी छिनाल बनाऊंगा।”

देवा नंगी रानी को अपनी गोद में बिठा के उसके बदन से खेलते हुए रुक्मिणी से बोला, “हरामज़ादी राँड... तेरी बेटी भी एकदम जवान और हसीन है... वैसे तुम माँ बेटी नहीं बल्कि एक दूसरे की बहन लगती हो... देख तेरी मादरचोद बेटी कैसे अपनी गाँड मेरे लंड पे रगड़ रही है। रानी... तेरी माँ की चूत... मादरचोद चूत... तेरी माँ को मैं कुत्तिया बनाके उसकी गाँड मारूँगा... तू सोफ़े पे बैठके अपनी माँ की चुचियाँ मसलेगी और तेरी छिनाल माँ तेरी चूत चाटते हुए अपनी गाँड मरवायेगी और तू... हरामी मादरचोद रंडी..बीच बीच में मेरा लंड भी चूसेगी... समझी?”

रानी यह सुनके खुश हुई कि उसकी माँ उसकी चूत चाटने वाली है और वो तुरँत हाँ बोली।

देवा रानी को खड़ी करके बोला, “मेरी रंडी... अब चल तू आ मेरे साथ।”
देवा रानी को पकड़ रुक्मिणी के पास ले गया और उसे सोफ़े पे बिठा के उसकी टाँगें खोल दीं। फिर रुक्मिणी को कुत्तिया जैसी झुका के उसका सिर रानी की चूत पे दबाते हुए देवा बोला, “सुन साली रंडी... तू अपनी माँ की चुचियों से खेल... तेरी यह रंडी माँ तेरी चूत चाटेगी और पीछे से मैं तेरी माँ की गाँड मारुंगा। मैं सोफ़े के पास खड़ा रहूँगा और बीच बीच में तू मेरा लंड भी चूसेगी... समझी...? चल मादरचोद अपनी माँ की चूचियाँ मसलना शुरू कर।”
 
Back
Top