hotaks444
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देवा: मैं समझा नहीं भाई......
लल्लन: देखो देवा हिम्मत राव इसी शहर में है और वह तुम्हे जान से मारना चाहता है। मैं भी विक्रांत के साथ काम करता था लेकिन जब पुलिस ने विक्रांत और उसके आदमियों को पकड़ा तो मैं बच गया।हिम्मत मेरे साथ ही विक्रांत से जेल में मिलने गया था।जहाँ हिम्मत ने वह सब बताया की किस तरह उसने तुम्हारे बापू और रुक्मिणी के माँ बाप को मारा था।फिर ललन सारी बाते देवा को बता देता है।
उसके बाद हिम्मत ने विक्रांत को तुम्हे मारने के लिए तैयार कर लिया है।
परसों विक्रांत जेल से बाहर आ रहा है। तभी बिक्रान्त और हिम्मत शाम को तुम्हारे गाँव के लिए जायेंगे। उन्होंने बंदूको का भी इंतज़ाम कर लिया है देवा। अब तुम सोचो की तुम कैसे बचोगे।अगर तुम्हे कोई भी जरुरत हो तो मैं तुम्हारी मदद करूँगा अगर तुम्हे भी बन्दुक चाहिए तो मैं इंतज़ाम कर सकता हूँ।
देवा: ललन भाई तुमने ये बताकर मेरी बहुत मदद की है बाकि तुम मुझपे छोड़ दो। मैं अपने बापू के कातिलों को उनके अंजाम तक पहुँचा दूंगा। तूमसे एक गुजारिश है की तुम भी जुर्म की दुनिया छोड के कोई अच्छा काम करो।
ललन: ठीक है। परसों दिन में विक्रांत जेल से बाहर आएगा। मैं ऐसा उपाय करूँगा की वो दोनों शाम को ही तुम्हारे गाँव के लिए निकलेंगे। क्योंकि सभी इंतज़ाम मुझे ही करना है। और हिम्मत की गाड़ी तो तुम पहचानते ही हो। अपना ख्याल रखना भाई...
फिर दोनों अलग हो जाते है। देवा उस बच्चे राकेश से मिलता है। दोनों कुछ देर बाते करते है। अब वह ठीक हो चूका था।फिर देवा बैंक के लिए निकल जाता है।
पैसे उठाकर देवा शहर से एक दूरबीन खरीदता है और कुछ जरुरी सामान खरीदकर शहर से एक एक जगह को ध्यान से देखते हुए अपने गाँव की तरफ चलता है।
लल्लन: देखो देवा हिम्मत राव इसी शहर में है और वह तुम्हे जान से मारना चाहता है। मैं भी विक्रांत के साथ काम करता था लेकिन जब पुलिस ने विक्रांत और उसके आदमियों को पकड़ा तो मैं बच गया।हिम्मत मेरे साथ ही विक्रांत से जेल में मिलने गया था।जहाँ हिम्मत ने वह सब बताया की किस तरह उसने तुम्हारे बापू और रुक्मिणी के माँ बाप को मारा था।फिर ललन सारी बाते देवा को बता देता है।
उसके बाद हिम्मत ने विक्रांत को तुम्हे मारने के लिए तैयार कर लिया है।
परसों विक्रांत जेल से बाहर आ रहा है। तभी बिक्रान्त और हिम्मत शाम को तुम्हारे गाँव के लिए जायेंगे। उन्होंने बंदूको का भी इंतज़ाम कर लिया है देवा। अब तुम सोचो की तुम कैसे बचोगे।अगर तुम्हे कोई भी जरुरत हो तो मैं तुम्हारी मदद करूँगा अगर तुम्हे भी बन्दुक चाहिए तो मैं इंतज़ाम कर सकता हूँ।
देवा: ललन भाई तुमने ये बताकर मेरी बहुत मदद की है बाकि तुम मुझपे छोड़ दो। मैं अपने बापू के कातिलों को उनके अंजाम तक पहुँचा दूंगा। तूमसे एक गुजारिश है की तुम भी जुर्म की दुनिया छोड के कोई अच्छा काम करो।
ललन: ठीक है। परसों दिन में विक्रांत जेल से बाहर आएगा। मैं ऐसा उपाय करूँगा की वो दोनों शाम को ही तुम्हारे गाँव के लिए निकलेंगे। क्योंकि सभी इंतज़ाम मुझे ही करना है। और हिम्मत की गाड़ी तो तुम पहचानते ही हो। अपना ख्याल रखना भाई...
फिर दोनों अलग हो जाते है। देवा उस बच्चे राकेश से मिलता है। दोनों कुछ देर बाते करते है। अब वह ठीक हो चूका था।फिर देवा बैंक के लिए निकल जाता है।
पैसे उठाकर देवा शहर से एक दूरबीन खरीदता है और कुछ जरुरी सामान खरीदकर शहर से एक एक जगह को ध्यान से देखते हुए अपने गाँव की तरफ चलता है।