hotaks444
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माँ का ध्यान भी मामा ओर दीदी की तरफ गया तो माँ जल्दी से मेरा हाथ पकड़ कर बेड पर ले गई ओर जल्दी से जाके बेड पर लेट गई,,फिर मुझे अपने उपर आने काइशारा किया मैं समझ गया माँ क्या बोल रही थी ,,मैं माँ के उपर सर
को माँ की टाँगों की तरफ ऑर अपने लंड को माँ के सर की तरफ करके माँ के उपर लेट गया जिस से मेरा लंड माँ के
मुँह के पास ऑर मेरा सर माँ की चूत पर आ गया हम लोग 69 के पोज़ मे आ गये ,,,माँ ने कोई देर किए बिना मुँह
खोल कर मेरे लंड को मुँह मे भर लिया ऑर मैने भी कोई देर नही की माँ की चूत को अपने लिप्स मे भरने की,,माँ
ने मेरी कमर पर हाथ रखा ऑर मुझे खुद अपनी कमर हिलाने का इशारा कर दिया ऑर मैने भी माँ की चूत को
पूरा मुँह मे भरके चूस्ते हुए अपनी कमर को उपर नीचे करना शुरू कर दिया,,,,माँ ने जल्दी से अपनी टाँगो को
खोल दिया ऑर मेरे हाथ को पकड़ कर अपनी गान्ड पर रख दिया ,,,,मैने भी मुँह से थोड़ा थूक माँ की गान्ड वाले
होल पर उगल दिया ऑर अपने हाथों से माँ की गान्ड को खोल कर उंगली से थूक को माँ की गान्ड मे भर दिया ऑर
जल्दी से दोनो हाथों की एक एक उंगली को माँ की गान्ड मे घुसा दिया ऑर माँ की गान्ड को दोनो तरफ फैला दिया जिस
से गान्ड का होल थोड़ा ज़्यादा खुल गया ऑर मैने जल्दी से एक एक उंगली ऑर घुसा दी माँ की गान्ड मे ,,अब मेरे दोनो
हाथों की 2-2 उंगलियाँ माँ की गान्ड मे थी ऑर मैं 4 उंगलियों को माँ की गान्ड मे पेलने लगा माँ ने भी मस्ती
मे आकर मेरी पीठ पर हाथ मारा ऑर मुझे तेज़ी से कमर हिलाने को बोलने लगी,,,
मैं ऑर माँ जिस हिसाब से लेटे हुए थे मेरा ध्यान मामा ऑर दीदी की तरफ था ,,मैने देखा की दीदी ने अपनी टाँगों
को मामा के सर के दोनो तरफ से कस्के मामा के सर को अपनी टाँगों मे जाकड़ लिया था ओर अपने हाथों को मामा की
गान्ड पर टिका कर सहारा लेके खुद के सर को मामा के लंड पर तेज़ी से आगे पीछे करने लगी थी ,,मामा अपनी कमर को
इतनी तेज़ी से नही हिला रहा था जितनी तेज़ी से दीदी का सर मामा के लंड पर आगे पीछे हो रहा था,,,मामा भी समझ गयाकि दीदी बहुत मन्झि हुई खिलाड़ी बन चुकी है इसलिए मामा ने अपनी कमर को हिलाना बंद कर दिया ऑर दीदी को ही अपनेसर आगे पीछे करने दिया ,,,मामा ने अपने हाथ को भी दीदी के सर से उठा लिया ऑर दोनो हाथों से दीदी की गान्ड को कस्के पकड़ लिया ऑर दीदी की चुतड़ों को दोनो हाथों से पकड़ कर खोल दिया ,,वो शायद मुयायना कर रहा था कि दीदी की गान्ड खुली हुई है या नही कुछ देर वो दीदी की चूत को चूमता हुआ दीदी की गान्ड को देखता रहा फिर उसने अपने
एक हाथ की एक उंगली दीदी की गान्ड मे घुसा दी लेकिन उंगली नही घुसी ऑर दीदी को भी हल्का दर्द हुआ क्यूकी मामा ने उंगली पर थूक नही लगाया था ऑर खुश्क उंगली को गान्ड मे डालने लगा था जब मामा को अपनी ग़लती का एहसास हुआ तो उसने जल्दी से उंगली को पीछे किया ऑर अपने मुँह मे भर लिया ऑर जब उंगली थूक से चिकनी हो गई तो वापिस उंगली को दीदी की गान्ड मे घुसा दिया अबकी बार उंगली एक ही बार मे पूरी अंदर तक चली गई ऑर मामा ने उंगली को हल्के से अंदर बाहर करना शुरू कर दिया,,,,जब मामा को एहसास हुआ कि एक उंगली अब आराम से अंदर बाहर होने लगी तो मामा ने थोड़ा थूक लगा कर 2 उंगलियाँ दीदी की गान्ड मे घुसा दी ऑर दोनो उंगलियाँ भी आराम से अंदर चली गई ऑर मामा ने उंगलियों से दीदी की गान्ड को चोदना शुरू कर दिया,,,
इधर मैने भी अपनी कमर को तेज़ी से उपर नीचे करते हुए अपने लंड को माँ के गले से नीचे उतारना शुरू कर
दिया ऑर साथ ही मस्ती मे माँ की चूत को पूरा का पूरा मुँह मे भरके चूसने लगा ,,,,तभी कुछ देर बाद मैने
देखा कि मामा दीदी को ऐसे ही गोद मे उठा कर बेड के पास आ गया ऑर देखते ही देखते बेड पर दीदी को गोद मे
उठाकर इसी ही हालत मे लेट गया ,,,मामा पीठ के बल लेट गया था जिस से दीदी मामा के उपर आ गई थी,,,मामा माँ की
तरफ सर करके लेटा था जिस से दीदी का सर मेरी तरफ आ गया था ,,,,बेड पर लेटते टाइम भी मामा ने दीदी की चूत को मुँह से अलग नही किया ऑर ना ही उंगलियाँ बाहर निकालने दी दीदी की गान्ड से ओर ना ही दीदी ने मामा के लंड को मुँह से बाहर निकाला था,,,,,,,,,,
जब मामा बेड पर लेट गया तो एक पल के लिए दीदी ने लंड को मुँह से बाहर निकला ऑर फिर मेरी तरफ हसके
देखा मैं भी दीदी की तरफ हसके देख रहा था फिर हम दोनो वापिस अपने अपने काम मे लग गये दीदी ने मामा के
पूरे लंड को मुँह मे भर लिया और मैने भी माँ की चूत को पूरा का पूरा मुँह मे भर लिया ,,जिस तरह से मामा दीदी
की चूत को पागलो की तरह चाट ऑर चूस रहा था दीदी भी वैसे ही मामा के लंड पर भूखी शेरनी की तरह टूट पड़ी
थी वो मामा के लंड को पूरा का पूरा मुँह मे भरके चूस रही थी,,,,मामा की बॉल्स दीदी की चिन पर टकरा जाती थी जब
भी दीदी पूरा लंड मुँह मे लेती थी,,,हम लोग करीब ऐसे ही एक दूसरे से चिपके हुए एक दूसरे के प्राइवेट पार्ट को चूस
ऑर चूम रहे थे वो भी करीब 20 मिनट से ,,,,सब लोगो मे एक नई मस्ती भरी हुई थी नया महॉल बना हुआ था
जिस वजह से सबको बहुत मज़ा आ रहा था,,,,दीदी मामा के लंड पर फिदा हो गई जबकि मामा भी दीदी की चिकनी चमेली
ऑर मस्त गान्ड पर मर मिटा था ,,,,तभी मामा ने दीदी की गान्ड मे तेज़ी से उंगली करनी शुरू करदी ऑर दीदी की चूत को
चाटते हुए हल्की सिसकियाँ भरनी शुरू करदी,,,,मामा के मुँह से चुदाई करते टाइम या मस्ती करते टाइम तभी आवाज़
निकलती थी जब वो झड़ने वाला होता था इसलिए तो उसने दीदी की चूत को हल्के से काटना शुरू कर दिया जिस से दीदी को पता चल गया की मामा झड़ने वाला है दीदी ने भी अपने हाथ से अपने बूब्स को ज़ोर से मसलना शुरू कर दिया जिस से दीदी ने भी ये बता दिया कि उसका भी होने ही वाला है ऑर तभी मामा ने दीदी के मुँह मे पानी निकालना शुरू कर दिया जिसको दीदी ने पीना शुरू कर दिया साथ ही दीदी ने भी चूत से एक सैलाब बहाना शुरू कर दिया जो बहुत ज़्यादा लग रहा था
मुझे ऐसा लगा कि जैसे दीदी ने मस्ती मे पेशाब करना शुरू कर दिया है क्यूकी अगर चूत का पानी होता तो इतना नही
निकलता थोड़ा सा होता और मामा उसको सारा का सारा पी जाता लेकिन ये पानी बहुत ज़्यादा था हो ना हो दीदी ने मामा के मुँह पर पेशाब कर दिया था लेकिन मामा को इस से कोई परेशानी नही थी मामा उसके पेशाब को भी पीता जा रहा था जैसे दीदी मामा के लंड के पानी को एक भी बूँद जाया नही होने दे रही थी मामा भी पूरी कोशिश कर रहा था दीदी की
चूत से निकालने वाले पानी की एक एक बूँद पीने की लेकिन पानी बहुत ज़्यादा था जो मामा के मुँह से गिरके बेड पर गिर
रहा था,,,,,जब दोनो का पानी निकल गया तब भी दोनो ने एक दूसरे के प्राइवेट पार्ट को मुँह से अलग नही किया ऑर ऐसे
ही चूस्ते ऑर चाटते रहे ,,,,
को माँ की टाँगों की तरफ ऑर अपने लंड को माँ के सर की तरफ करके माँ के उपर लेट गया जिस से मेरा लंड माँ के
मुँह के पास ऑर मेरा सर माँ की चूत पर आ गया हम लोग 69 के पोज़ मे आ गये ,,,माँ ने कोई देर किए बिना मुँह
खोल कर मेरे लंड को मुँह मे भर लिया ऑर मैने भी कोई देर नही की माँ की चूत को अपने लिप्स मे भरने की,,माँ
ने मेरी कमर पर हाथ रखा ऑर मुझे खुद अपनी कमर हिलाने का इशारा कर दिया ऑर मैने भी माँ की चूत को
पूरा मुँह मे भरके चूस्ते हुए अपनी कमर को उपर नीचे करना शुरू कर दिया,,,,माँ ने जल्दी से अपनी टाँगो को
खोल दिया ऑर मेरे हाथ को पकड़ कर अपनी गान्ड पर रख दिया ,,,,मैने भी मुँह से थोड़ा थूक माँ की गान्ड वाले
होल पर उगल दिया ऑर अपने हाथों से माँ की गान्ड को खोल कर उंगली से थूक को माँ की गान्ड मे भर दिया ऑर
जल्दी से दोनो हाथों की एक एक उंगली को माँ की गान्ड मे घुसा दिया ऑर माँ की गान्ड को दोनो तरफ फैला दिया जिस
से गान्ड का होल थोड़ा ज़्यादा खुल गया ऑर मैने जल्दी से एक एक उंगली ऑर घुसा दी माँ की गान्ड मे ,,अब मेरे दोनो
हाथों की 2-2 उंगलियाँ माँ की गान्ड मे थी ऑर मैं 4 उंगलियों को माँ की गान्ड मे पेलने लगा माँ ने भी मस्ती
मे आकर मेरी पीठ पर हाथ मारा ऑर मुझे तेज़ी से कमर हिलाने को बोलने लगी,,,
मैं ऑर माँ जिस हिसाब से लेटे हुए थे मेरा ध्यान मामा ऑर दीदी की तरफ था ,,मैने देखा की दीदी ने अपनी टाँगों
को मामा के सर के दोनो तरफ से कस्के मामा के सर को अपनी टाँगों मे जाकड़ लिया था ओर अपने हाथों को मामा की
गान्ड पर टिका कर सहारा लेके खुद के सर को मामा के लंड पर तेज़ी से आगे पीछे करने लगी थी ,,मामा अपनी कमर को
इतनी तेज़ी से नही हिला रहा था जितनी तेज़ी से दीदी का सर मामा के लंड पर आगे पीछे हो रहा था,,,मामा भी समझ गयाकि दीदी बहुत मन्झि हुई खिलाड़ी बन चुकी है इसलिए मामा ने अपनी कमर को हिलाना बंद कर दिया ऑर दीदी को ही अपनेसर आगे पीछे करने दिया ,,,मामा ने अपने हाथ को भी दीदी के सर से उठा लिया ऑर दोनो हाथों से दीदी की गान्ड को कस्के पकड़ लिया ऑर दीदी की चुतड़ों को दोनो हाथों से पकड़ कर खोल दिया ,,वो शायद मुयायना कर रहा था कि दीदी की गान्ड खुली हुई है या नही कुछ देर वो दीदी की चूत को चूमता हुआ दीदी की गान्ड को देखता रहा फिर उसने अपने
एक हाथ की एक उंगली दीदी की गान्ड मे घुसा दी लेकिन उंगली नही घुसी ऑर दीदी को भी हल्का दर्द हुआ क्यूकी मामा ने उंगली पर थूक नही लगाया था ऑर खुश्क उंगली को गान्ड मे डालने लगा था जब मामा को अपनी ग़लती का एहसास हुआ तो उसने जल्दी से उंगली को पीछे किया ऑर अपने मुँह मे भर लिया ऑर जब उंगली थूक से चिकनी हो गई तो वापिस उंगली को दीदी की गान्ड मे घुसा दिया अबकी बार उंगली एक ही बार मे पूरी अंदर तक चली गई ऑर मामा ने उंगली को हल्के से अंदर बाहर करना शुरू कर दिया,,,,जब मामा को एहसास हुआ कि एक उंगली अब आराम से अंदर बाहर होने लगी तो मामा ने थोड़ा थूक लगा कर 2 उंगलियाँ दीदी की गान्ड मे घुसा दी ऑर दोनो उंगलियाँ भी आराम से अंदर चली गई ऑर मामा ने उंगलियों से दीदी की गान्ड को चोदना शुरू कर दिया,,,
इधर मैने भी अपनी कमर को तेज़ी से उपर नीचे करते हुए अपने लंड को माँ के गले से नीचे उतारना शुरू कर
दिया ऑर साथ ही मस्ती मे माँ की चूत को पूरा का पूरा मुँह मे भरके चूसने लगा ,,,,तभी कुछ देर बाद मैने
देखा कि मामा दीदी को ऐसे ही गोद मे उठा कर बेड के पास आ गया ऑर देखते ही देखते बेड पर दीदी को गोद मे
उठाकर इसी ही हालत मे लेट गया ,,,मामा पीठ के बल लेट गया था जिस से दीदी मामा के उपर आ गई थी,,,मामा माँ की
तरफ सर करके लेटा था जिस से दीदी का सर मेरी तरफ आ गया था ,,,,बेड पर लेटते टाइम भी मामा ने दीदी की चूत को मुँह से अलग नही किया ऑर ना ही उंगलियाँ बाहर निकालने दी दीदी की गान्ड से ओर ना ही दीदी ने मामा के लंड को मुँह से बाहर निकाला था,,,,,,,,,,
जब मामा बेड पर लेट गया तो एक पल के लिए दीदी ने लंड को मुँह से बाहर निकला ऑर फिर मेरी तरफ हसके
देखा मैं भी दीदी की तरफ हसके देख रहा था फिर हम दोनो वापिस अपने अपने काम मे लग गये दीदी ने मामा के
पूरे लंड को मुँह मे भर लिया और मैने भी माँ की चूत को पूरा का पूरा मुँह मे भर लिया ,,जिस तरह से मामा दीदी
की चूत को पागलो की तरह चाट ऑर चूस रहा था दीदी भी वैसे ही मामा के लंड पर भूखी शेरनी की तरह टूट पड़ी
थी वो मामा के लंड को पूरा का पूरा मुँह मे भरके चूस रही थी,,,,मामा की बॉल्स दीदी की चिन पर टकरा जाती थी जब
भी दीदी पूरा लंड मुँह मे लेती थी,,,हम लोग करीब ऐसे ही एक दूसरे से चिपके हुए एक दूसरे के प्राइवेट पार्ट को चूस
ऑर चूम रहे थे वो भी करीब 20 मिनट से ,,,,सब लोगो मे एक नई मस्ती भरी हुई थी नया महॉल बना हुआ था
जिस वजह से सबको बहुत मज़ा आ रहा था,,,,दीदी मामा के लंड पर फिदा हो गई जबकि मामा भी दीदी की चिकनी चमेली
ऑर मस्त गान्ड पर मर मिटा था ,,,,तभी मामा ने दीदी की गान्ड मे तेज़ी से उंगली करनी शुरू करदी ऑर दीदी की चूत को
चाटते हुए हल्की सिसकियाँ भरनी शुरू करदी,,,,मामा के मुँह से चुदाई करते टाइम या मस्ती करते टाइम तभी आवाज़
निकलती थी जब वो झड़ने वाला होता था इसलिए तो उसने दीदी की चूत को हल्के से काटना शुरू कर दिया जिस से दीदी को पता चल गया की मामा झड़ने वाला है दीदी ने भी अपने हाथ से अपने बूब्स को ज़ोर से मसलना शुरू कर दिया जिस से दीदी ने भी ये बता दिया कि उसका भी होने ही वाला है ऑर तभी मामा ने दीदी के मुँह मे पानी निकालना शुरू कर दिया जिसको दीदी ने पीना शुरू कर दिया साथ ही दीदी ने भी चूत से एक सैलाब बहाना शुरू कर दिया जो बहुत ज़्यादा लग रहा था
मुझे ऐसा लगा कि जैसे दीदी ने मस्ती मे पेशाब करना शुरू कर दिया है क्यूकी अगर चूत का पानी होता तो इतना नही
निकलता थोड़ा सा होता और मामा उसको सारा का सारा पी जाता लेकिन ये पानी बहुत ज़्यादा था हो ना हो दीदी ने मामा के मुँह पर पेशाब कर दिया था लेकिन मामा को इस से कोई परेशानी नही थी मामा उसके पेशाब को भी पीता जा रहा था जैसे दीदी मामा के लंड के पानी को एक भी बूँद जाया नही होने दे रही थी मामा भी पूरी कोशिश कर रहा था दीदी की
चूत से निकालने वाले पानी की एक एक बूँद पीने की लेकिन पानी बहुत ज़्यादा था जो मामा के मुँह से गिरके बेड पर गिर
रहा था,,,,,जब दोनो का पानी निकल गया तब भी दोनो ने एक दूसरे के प्राइवेट पार्ट को मुँह से अलग नही किया ऑर ऐसे
ही चूस्ते ऑर चाटते रहे ,,,,