hotaks444
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वहीं दूरी तरफ कोमल मारकेट में कुछ शॉपिंग करने गयी हुई थी। दोपहर के 1.30 बजे तक जहां रानी राज और सोनिया आपस मे हंसते खेलते दिन गुजार रहे थे। वहीं सरिता अपने क्लिनिक के काम से जल्दी घर आ रही थी। सरिता ने जब राज और बाकी दोनों बहनो को खुश देखा तो उसका कारण पूछा।
सरिता: क्यों भाई किस बात की इतनी खुशी मनाई जा रही है।
राज: ही मम्मी ये देखो पापा ने मुझे बर्थडे गिफ्ट दिया है। लेटेस्ट एंड्राइड मोबाइल फ़ोन।
सरिता भी राज को खुश देख कर मुस्कुरा पड़ती है। तभी सोनिया मम्मी पापा ने तो अपना गिफ्ट दे दिया लेकिन आपने अभी तक कुछ नहीं दिया।
सरिता : वो मैं सिर्फ राज को दूंगी तुम्हे क्यों बताऊ।
सरिता की इस बात पर रानी और सोनिया दोनों चहकते हुए मम्मी बताओ न मम्मी बताओ ना करने लगी। राज भी उन सब को यूं देख कर मुस्कुराने लगता है।
राज को अब एहसास हो रहा था कि उसकी जिंदगी तो ये है। कहाँ हो सारी दुनिया की आफत लेकर घूम रहा है।
करीब 2 बजे तक सभी घर वाले मिलकर लंच करते है। लंच के बाद रानि सोनिया और राज तीनों रानी के कमरे में आ जाते है। थोड़ी देर नया मोबाइल चला कर तीनो सो जाते है।
वहीं दूसरी और सरिता अपने कमरे आंखे बंद किये अपने बिस्तर पर राज के बारे में सोच रही थी। सरिता के लिए अब बर्दाश्त करने बहुत मुश्किल था। सरिता अपनी शारीरिक प्यास के आगे झुक चुकी थी। जब एक औरत को उसके पति का बिस्तर और समाज मे बराबर साथ नहीं मिलता तो उसके कदम आखिर लड़खड़ा जाते है। सरिता अब बेहिचक ये सोच रही थी कि काश गिरधारी आज आ कर अभी मुझे संतुष्ट कर दे।
वहीं राज नींद में सपना देखता है कि राज सरिता के बिस्तर पर लेटा हुआ है। दरअसल राज का मुह सरिता की दोनों टांगों के बीच मे है। राज को जब ये एहसास होता है कि वो अपनी माँ के साथ.... राज तुरंत नींद से जाग जाता है।
अभी शाम के 4 बजे थे। जब राज अपनी साइड में देखता है तो वहां पर सोनिया सो रही थी। रानी वहां नहीं थी। राज अपने बिस्तर से उठता है तो उसे अपने लन्ड में दर्द हो रहा था। वो एक दम अकड़ा पड़ा था दूसरी और राज को इस वक़्त पेशाब भी जा ना था। राज तुरंत रानी के बाथरूम का दरवाजा खोल कर अंदर चला जाता है।
राज जैसे ही अंदर आता है तो स्तब्ध खड़ा रह जाता है। राज के सामने रानी खड़ी थी। एक टॉवल लपेटे हुए। रानी की दोनो टांगों के बीच रानी की पेंटी थी।
शायद रानी नहा रही थी। और अभी वो कपड़े बदल रही थी। राज बहुत डर गया था राज तुरंत पीछे मुड़ कर जाने लगता है लेकिन हड़बड़ाहट में राज ये भूल गया था कि उसने अभी अभी दरवाजा खोलते ही पीछे जी तरफ बन्द कर दिया था , हालांकि कुंडी नहीं लगाई थी।
लेकिन जैसे ही राज पीछे मुड़ कर जाने लगता है तुरंत दरवाजे के टकराकर पीछे आता है। राज के सर में जबरदस्त चोट लगी थी। राज अपना सर पकड़े आंखें बंद किये दर्द बर्दाश्त करने की कोशिश कर रहा था कि रानी को राज ये हरकत पर हंसी आ जाती हूं। राज आंखें बंद किये ही एक कदम पीछे होता है लेकिन बाथरूम के गीले फर्श पर साबुन की चिकनाई से फिसल जाता है।
राज को फिरसे गिरता देख रानी आगे बढ़कर राज को संभालती है। लेकिन राज को संभालने के चक्कर मे रानी भी ये भूल जाती है कि उसने अपनी टांगों से अभी तक अपनी पेंटी नहीं निकाली। रानी जैसे ही जल्द बाजी मैं आगे बढ़ती है रानी भी गिर जाती है।
लेकिन ये घटना हुई कुछ ऐसे की राज गिरते हुए दरवाजे का सहारा लेकर सम्भल गया था लेकिन रानी जब गिरी तो सीधे राज की तरफ। रानी ने जब राज को पकड़ कर खुद को बचाने की कोशिश की तो रानी के हाथ मे राज का शर्ट आता है। जिससे राज के शर्ट के बटन टूटते हुए फट जाता है।
राज तुरंत रानी को संभालने के लिए आगे बढ़ता है और संभाल लेता है। रानी को जैसे ही राज खड़ा करता है तो राज की आंखें खुली की खुली रह जाती है। रानी का टॉवल नीचे गिर चुका था। रानी की चुंचिया राज की आंखों के सामने थी।
कितनी खूबसूरत चुंचिया थी रानी की। आधा इंच से भी बड़े निप्पल, गोल गोल संतरों के जैसी गोलाई, और कसावट ऐसी की बिना ब्रा के सपोर्ट के भी एक दम जमे हुए। बिल्कुल भी नीचे नहीं लटके। दूध की तरह सफेद लेकिन जैसे किसी ने रूहअफजा का ग़ुलाब का रंग डाल कर उसे हल्का गुलाबी कर दिया हो। और निप्पल के आस पास गेरुआ रंग चढ़ा हुआ। बहुत ही खूबसूरत उरोज थे।
राज जब रानी को इस हालत में देखता है तो राज का लन्ड बुरी तरह से अकड़ जाता है। और रानी की नज़र राज के लन्ड पर थी जो कि राज के पायजामे से ही बता रहा था कि मैं हूँ यहां का जंगबहादुर।
लेकिन जल्द ही रानी को अपनी हालात का एहसास हो जाता है। रानी तुरंत अपना टॉवल उठा कर लपेट लेती है। राज भी तुरंत वहां से निकल जाता है। राज अपने कमरे में अपने बाथरूम में चला जाता है और रानी अपने कमरे में तैयार होते हुए बार बार राज के साथ हुई घटना को याद कर कर के शर्मा रही थी। घटना से ज्यादा रानी को राज के हथियार का आभास रोमांचित कर रहा था। अजीब सी ललक रानी के मन में उठ रही थी।
वहीं सोनिया भी जाग गयी थी। सोनिया को उठे अभी 30-40 मिनट से ऊपर हो गया था । सोनिया राNई को बार बार मुस्कुराते शर्माते तैयार होते देख रही थी। सोनिया ने कई बार रानी से उसके बार बार शर्मा ने और मुस्कुराने का कारण पूछा लेकिन रानी हर बार बात को टालती गयी।
अचानक से राज को कुछ याद आया। राज ने तुरंत आईना निकाला। राज ने सोच ही रह था आईने को कुछ देने के लिए लेकिन उसे फिर याद आया कि उसने आईने को अपनी ज़िंदगी एक एक दिन देकर आईने के तीन दिन कमा लिए है।
राज ने तुरंत आईने से किसी के बारे में पूछा और आईने ने तुरंत उस शख्स का चेहरा राज के सामने ला दिया। राज गौर से उस शख्स को देख रहा था।
आईने को देखते देखते ही अचानक से आईने में एक लड़की उभर कर आती है। उस लड़की के आते ही एक लाल रोशनी निकल कर राज पर पड़ती है और वो रोशनी पूरी तरह से राज के शरीर मे लुप्त हो जाती है। साथ ही जब वो लड़की अचानक से उस आईने में आती है तो आईने का रंग बिल्कुल काला पड़ जाता है।
सरिता: क्यों भाई किस बात की इतनी खुशी मनाई जा रही है।
राज: ही मम्मी ये देखो पापा ने मुझे बर्थडे गिफ्ट दिया है। लेटेस्ट एंड्राइड मोबाइल फ़ोन।
सरिता भी राज को खुश देख कर मुस्कुरा पड़ती है। तभी सोनिया मम्मी पापा ने तो अपना गिफ्ट दे दिया लेकिन आपने अभी तक कुछ नहीं दिया।
सरिता : वो मैं सिर्फ राज को दूंगी तुम्हे क्यों बताऊ।
सरिता की इस बात पर रानी और सोनिया दोनों चहकते हुए मम्मी बताओ न मम्मी बताओ ना करने लगी। राज भी उन सब को यूं देख कर मुस्कुराने लगता है।
राज को अब एहसास हो रहा था कि उसकी जिंदगी तो ये है। कहाँ हो सारी दुनिया की आफत लेकर घूम रहा है।
करीब 2 बजे तक सभी घर वाले मिलकर लंच करते है। लंच के बाद रानि सोनिया और राज तीनों रानी के कमरे में आ जाते है। थोड़ी देर नया मोबाइल चला कर तीनो सो जाते है।
वहीं दूसरी और सरिता अपने कमरे आंखे बंद किये अपने बिस्तर पर राज के बारे में सोच रही थी। सरिता के लिए अब बर्दाश्त करने बहुत मुश्किल था। सरिता अपनी शारीरिक प्यास के आगे झुक चुकी थी। जब एक औरत को उसके पति का बिस्तर और समाज मे बराबर साथ नहीं मिलता तो उसके कदम आखिर लड़खड़ा जाते है। सरिता अब बेहिचक ये सोच रही थी कि काश गिरधारी आज आ कर अभी मुझे संतुष्ट कर दे।
वहीं राज नींद में सपना देखता है कि राज सरिता के बिस्तर पर लेटा हुआ है। दरअसल राज का मुह सरिता की दोनों टांगों के बीच मे है। राज को जब ये एहसास होता है कि वो अपनी माँ के साथ.... राज तुरंत नींद से जाग जाता है।
अभी शाम के 4 बजे थे। जब राज अपनी साइड में देखता है तो वहां पर सोनिया सो रही थी। रानी वहां नहीं थी। राज अपने बिस्तर से उठता है तो उसे अपने लन्ड में दर्द हो रहा था। वो एक दम अकड़ा पड़ा था दूसरी और राज को इस वक़्त पेशाब भी जा ना था। राज तुरंत रानी के बाथरूम का दरवाजा खोल कर अंदर चला जाता है।
राज जैसे ही अंदर आता है तो स्तब्ध खड़ा रह जाता है। राज के सामने रानी खड़ी थी। एक टॉवल लपेटे हुए। रानी की दोनो टांगों के बीच रानी की पेंटी थी।
शायद रानी नहा रही थी। और अभी वो कपड़े बदल रही थी। राज बहुत डर गया था राज तुरंत पीछे मुड़ कर जाने लगता है लेकिन हड़बड़ाहट में राज ये भूल गया था कि उसने अभी अभी दरवाजा खोलते ही पीछे जी तरफ बन्द कर दिया था , हालांकि कुंडी नहीं लगाई थी।
लेकिन जैसे ही राज पीछे मुड़ कर जाने लगता है तुरंत दरवाजे के टकराकर पीछे आता है। राज के सर में जबरदस्त चोट लगी थी। राज अपना सर पकड़े आंखें बंद किये दर्द बर्दाश्त करने की कोशिश कर रहा था कि रानी को राज ये हरकत पर हंसी आ जाती हूं। राज आंखें बंद किये ही एक कदम पीछे होता है लेकिन बाथरूम के गीले फर्श पर साबुन की चिकनाई से फिसल जाता है।
राज को फिरसे गिरता देख रानी आगे बढ़कर राज को संभालती है। लेकिन राज को संभालने के चक्कर मे रानी भी ये भूल जाती है कि उसने अपनी टांगों से अभी तक अपनी पेंटी नहीं निकाली। रानी जैसे ही जल्द बाजी मैं आगे बढ़ती है रानी भी गिर जाती है।
लेकिन ये घटना हुई कुछ ऐसे की राज गिरते हुए दरवाजे का सहारा लेकर सम्भल गया था लेकिन रानी जब गिरी तो सीधे राज की तरफ। रानी ने जब राज को पकड़ कर खुद को बचाने की कोशिश की तो रानी के हाथ मे राज का शर्ट आता है। जिससे राज के शर्ट के बटन टूटते हुए फट जाता है।
राज तुरंत रानी को संभालने के लिए आगे बढ़ता है और संभाल लेता है। रानी को जैसे ही राज खड़ा करता है तो राज की आंखें खुली की खुली रह जाती है। रानी का टॉवल नीचे गिर चुका था। रानी की चुंचिया राज की आंखों के सामने थी।
कितनी खूबसूरत चुंचिया थी रानी की। आधा इंच से भी बड़े निप्पल, गोल गोल संतरों के जैसी गोलाई, और कसावट ऐसी की बिना ब्रा के सपोर्ट के भी एक दम जमे हुए। बिल्कुल भी नीचे नहीं लटके। दूध की तरह सफेद लेकिन जैसे किसी ने रूहअफजा का ग़ुलाब का रंग डाल कर उसे हल्का गुलाबी कर दिया हो। और निप्पल के आस पास गेरुआ रंग चढ़ा हुआ। बहुत ही खूबसूरत उरोज थे।
राज जब रानी को इस हालत में देखता है तो राज का लन्ड बुरी तरह से अकड़ जाता है। और रानी की नज़र राज के लन्ड पर थी जो कि राज के पायजामे से ही बता रहा था कि मैं हूँ यहां का जंगबहादुर।
लेकिन जल्द ही रानी को अपनी हालात का एहसास हो जाता है। रानी तुरंत अपना टॉवल उठा कर लपेट लेती है। राज भी तुरंत वहां से निकल जाता है। राज अपने कमरे में अपने बाथरूम में चला जाता है और रानी अपने कमरे में तैयार होते हुए बार बार राज के साथ हुई घटना को याद कर कर के शर्मा रही थी। घटना से ज्यादा रानी को राज के हथियार का आभास रोमांचित कर रहा था। अजीब सी ललक रानी के मन में उठ रही थी।
वहीं सोनिया भी जाग गयी थी। सोनिया को उठे अभी 30-40 मिनट से ऊपर हो गया था । सोनिया राNई को बार बार मुस्कुराते शर्माते तैयार होते देख रही थी। सोनिया ने कई बार रानी से उसके बार बार शर्मा ने और मुस्कुराने का कारण पूछा लेकिन रानी हर बार बात को टालती गयी।
अचानक से राज को कुछ याद आया। राज ने तुरंत आईना निकाला। राज ने सोच ही रह था आईने को कुछ देने के लिए लेकिन उसे फिर याद आया कि उसने आईने को अपनी ज़िंदगी एक एक दिन देकर आईने के तीन दिन कमा लिए है।
राज ने तुरंत आईने से किसी के बारे में पूछा और आईने ने तुरंत उस शख्स का चेहरा राज के सामने ला दिया। राज गौर से उस शख्स को देख रहा था।
आईने को देखते देखते ही अचानक से आईने में एक लड़की उभर कर आती है। उस लड़की के आते ही एक लाल रोशनी निकल कर राज पर पड़ती है और वो रोशनी पूरी तरह से राज के शरीर मे लुप्त हो जाती है। साथ ही जब वो लड़की अचानक से उस आईने में आती है तो आईने का रंग बिल्कुल काला पड़ जाता है।