Hindi Porn Story कहीं वो सब सपना तो नही - Page 12 - SexBaba
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Hindi Porn Story कहीं वो सब सपना तो नही

मैने भी मोका देखा ऑर उंगली उसको चूत मे चूसा दी, उंगली अंदर जाते
ही वो मचल उठी ऑर मेरे लिप्स को हल्के से काटने लगी,,,मैने भी उसके लिप्स को कस्के अपने लिप्स मे जकड़ा ऑर
खा जाने वाले अंदाज़ से उसके लिप्स को चूसने लगा,,,,ऑर साथ ही उंगली को उसको चूत मे अंदर बाहर करने
लगा लेकिन बहुत धीरे धीरे ,,,एक उंगली तो बड़े आराम से उसकी चूत मे जा रही थी क्योंकि मेरी बुआ ने नकली
लंड ऑर मेरे बाप ने अपने लंड उसकी चूत मे जो दिया था,,,,फिर मैने एक उंगली ऑर उसकी चूत मे घुसा दी
ऑर वो भी आराम से अंदर बाहर होने लगी लेकिन दूसरी उंगली के अंदर जाते ही वो कुछ ज़्यादा ही मस्त होने लगी 
क्योंकि एक उंगली तो आराम से अंदर बाहर हो रही थी लेकिन 2 उंगलिया चूत की दीवारों से रगड़ खाती हुई अंदर
बाहर हो रही थी ऑर इसी से उसको ज़्यादा मस्ती चढ़ने लगी थी,,,,तभी उसके हाथ मेरे लंड पर पहुँच गया
जो कब्से अपनी ओकात में आ चुका था ओर उसके नर्म हाथों के टच को तरस रहा था उसके हाथ लगते ही लंड
की नसों मे मानो ज्वालामुखी फूट पड़ा ऑर खून तेज़ी से लंड की नसों मे पंप होने लगा,,ऐसे मे लंड
मे हल्का सा दर्द होने शुरू हो जाता है जो मस्ती ऑर वासना को चरम सीमा तक पहुँचा देता है,,मेरा 
भी हाल कुछ ऐसा ही था कि अब तो बस उसकी चूत मे लंड डालके अच्छी तरह से चोदना चाहता था उसको,,,

उसकानरम हाथ मेरे लंड पर अपना कमाल दिखाने लगा था ऑर मैं भी पागलो की तरह किस कर रहा था तभी
मैने अपने हाथ को उपर किया ताकि उस उंगली पर थोड़ा थूक लगा सकूँ जो उसकी चूत मे घुसा रहा था जैसे
ही मैने उंगली चूत से निकालकर अपने लिप्स को उसके लिप्स से अलग किया ऑर उंगली को मूह मे लेने लगा तभी मुझे
उसकी चूत के पानी की नमकीन गंध ने ऑर ज़्यादा पागल कर दिया मैं उस उंगली को लिप्स ऑर नाक के पास करके
सूंघने लगा ऑर साथ ही अपनी ज़ुबान को बाहर निकाल कर उंगली से चूत के नमकीन पानी को चाटने लगा उसका
ध्यान मेरी तरफ था वो मुझे बड़ी अजीब नज़रो से देख रही थी कि ये मैं क्या कर रहा हूँ,,उसको अजीब
लग रहा था लेकिन मेरी तो हालत ही खराब होने लगी थी इतनी ज़्यादा मदहोशी छाने लगी थी कि आँखें बंद
होने लगी थी,,मैने जल्दी से उंगलियों को मूह मे भर लिया ऑर उसकी चूत के पानी को अपनी उंगली से मूह मे 
भरके चाटने ऑर चूसने लगा तभी एक दम से मैं नीचे की तरफ चला गया इस से पहले कि मैं कुछ समझ
पाता या फिर उसको कुछ पता चलता मैं जल्दी से उसकी दोनो टाँगों को खोल कर अपने सर को उसकी चूत तक ले
गया ऑर उसकी चूत पर नाक रखके सूंघने लगा ,,,,,,,,ओह्ह ष्हिित्त कितनी मस्त चूत थी उसकी एक दम छोटी सी
लेकिन मेरे बाप ने इसको थोड़ा सा खोल दिया था,,लेकिन फिर भी काफ़ी टाइट लग रही थी,,,हल्के पिंक कलर के
छोटे छोटे लिप्स थे जो अभी चूत से थोड़ा अलग ही हुए थे,,इसका मतलब था इसको अभी चुदाई करते ज़्यादा
टाइम नही हुआ था,,,,,,नयी खिलाड़ी थी ये इस खेल की,,,,,


मैने चूत के उन छोटे छोटे लिप्स को अपनी उंगलियों से
थोड़ा साइड किया ऑर उसकी चूत की लाइन पर अपनी ज़ुबान चलाने लगा,,,जैसे ही मेरी ज़ुबान उसकी चूत की लाइन को
टच हुई उसने टाँगो को जकड़ने की कोशिश की लेकिन मेरा सर चूत के बिल्कुल पास था ऑर हाथ भी चूत पर
थे तो मैने उसकी टाँगो को पकड़ लिया जिस से मेरे हाथ चूत से हटके उसकी टाँगो पर चले गये ऑर मैने 
चूत को अच्छी तरह से मूह मे भर लिया फिर से उसने टाँगो को ज़ोर लगा कर जकड़ना चाहा लेकिन इस बार मैं
पहले से उसकी इस हरकत को जान गया था ऑर पूरी तैयारी मे था,,मैने चूत को मूह मे भर लिया ऑर जैसे कुछ
देर पहले उसके लिप्स को चूस रहा था वैसे ही उसकी चूत के लिप्स को चूसने लगा ऑर उसकी चूत के नमकीन ऑर
आकर्षित करने वाले पानी को ज़ुबान से चाटने लगा,,,,मैने पूरी ज़ुबान को चूत मे घुसा दिया तभी उसने
मेरे सर को पकड़ा ऑर चूत पर कस्के दबा दिया जिस से मेरी नाक भी उसकी चूत के उपर दब गया ,,,मैने 
भी उसकी इस हरकत के जवाब मे उसकी चूत को हल्के से काट लिया तभी उसने भी मेरे सर पर अपने हाथों की
पकड़ को मजबूत करने के लिए मेरे बालों को थोड़ा सा खेंच दिया ,,,उसकी हालत अब बहुत बुरी हो चुकी थी
उसको कुछ समझ नही आ रहा था वो बस सिसकियाँ लेती हुई सर को बेड पर इधर उधर पटक रही थी साथ ही 
उसका बदन भी झटके खाने लगा था,,तभी उसके मूह से एक तेज आवाज़ निकली,आआआअह्ह्ह्ह्ह्ह्ह ऑर उसके बदन
ने एक ज़ोर का झटका लिया ऑर उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया,,,पानी ज़्यादा नही था थोड़ा सा ही था लेकिन बहुत 
ज़्यादा नमकीन ऑर बेहतरीन आकर्षित करने वाली गान्ड थी उसकी,,,उसने मेरे सर को छोड़ा ऑर अपने हाथों को
बेड पर गिरा दिया ऑर तेज़ी से साँसे लेने लगी,,,मैने भी चूत के पानी को पी लिया ऑर अपने सर को उठाकर देखा
तो उसकी हालत खराब थी ऑर वो तेज़ी से साँसे ले रही थी उसकी कमर ऑर पेट तेज़ी से उपर नीचे हो रहा था ऑर साथ
ही उसके छोटे छोटे बूब्स भी उपर नीचे हो रहे थे,,,,मैने फिर से उसकी चूत को मूह मे भर लिया ऑर
वो तेज़ी से उपर की तरफ उछल गई वो अपनी चूत को मेरे मूह से दूर करने की कोशिश करने लगी लेकिन मैने
भी उसकी गान्ड के नीचे से अपने हाथ ले जाकर उसकी टाँगो को कस्के पकड़ लिया था ताकि वो मेरे से दूर नही
हो सके,,,,मैने फिर से चूत को उसी अंदाज़ से चूसना ऑर चाटना शुरू कर दिया,,वो अपने पहले ओर्गसेम
से की मस्ती ऑर थकान से अभी पूरी तरह शांत नही हुई थी कि मैने दोबारा से उसकी चूत को मूह मे भरके
चूसना शुरू कर दिया था,,वो अभी भी छटपटा रही थी ओर मेरे से दूर होने की कोशिश कर रही थी,,,,उसने 
अपने सर को उपर करके खुद को बेड पर बिठा लिया ऑर मेरे सर को अपने हाथों से पकड़ कर मुझे दूर करने
लगी,,,लेकिन मैं उसको छोड़ने का नाम ही नही ले रहा था उसने मेरे बालों को कस्के पकड़ा ऑर ज़ोर से पीछे
की तरफ खेंचने लगी ,लेकिन उसकी इस हरकत ने मुझे ऑर ज़्यादा पागल कर दिया ऑर मैने अपनी ज़ुबान को चूत
मे घुसा दिया ऑर तेज़ी से अंदर बाहर करने लगा वो मेरे बालों को पागलो की तरह ज़ोर से खेंचने लगी ऑर 
मुझे चूत से दूर करने लगी लेकिन मैं नही हटा ऑर चूत को चूस्ता ऑर हल्के से काट-ता रहा,,,कुछ ही देर
मे उसके हाथों की पकड़ मेरे बालो पर कमजोर होने लगी ऑर कुछ देर बाद ही उसके हाथ मेरे सर से हट गये
 
मैने देखा तो वो वापिस बेड पर लेट गई थी ऑर हल्की सिसकियाँ भी शुरू हो गई थी मैं समझ गया कि उसको
दोबारा से मस्ती चढ़ने लगी थी मैने भी चूत को हल्के हल्के चूसना शुरू कर दिया ऑर फिर उसकी टाँगो
पर भी अपनी पकड़ को कमजोर करते हुए अपने हाथों को टाँगो से हटा कर उसके बूब्स की तरफ ले गया ऑर
दोनो हाथों मे एक एक बूब पकड़ कर प्यार से सहलाने ऑर मसल्ने लगा साथ ही उसकी चूत को भी अब बड़े 
प्यार से चाटने लगा,,,,उसने भी अपने हाथ मेरे सर पर वापिस रख दिया ऑर बड़े प्यार से मेरे सर को सहलाने
लगी,,,,


कुछ देर बाद मैं उठा ओर उसके सर के करीब जाके बैठ गया वो मेरी तरफ देख रही थी मैने अपने लंड को
उसके मूह की तरफ किया तो उसने बड़े प्यार से अपने मूह को खोल दिया ऑर मेरे लंड नीचे करने से पहले ही खुद
अपने सर को उपर उठा कर मेरे लंड की टोपी को लिप्स से हल्के सा किस करने के बाद थोड़ा सा खोल कर लंड की
टोपी को मूह मे भर लिया ऑर चूसने लगी,,,,,क्या सॉफ्ट अहसास था उसके लिप्स का जैसे ही टोपी मूह मे गई मेरी
कमर नीचे हो गई ऑर लंड कुछ ज़्यादा ही उसके मूह मे चला गया ऑर उसको खाँसी होने लगी उसने जल्दी से लंड
को मूह से निकाल दिया ऑर मुझे अजीब नज़रो से देखने लगी मैने भी आँखों ही आँखों मे सॉरी बोल दिया 

उसने फिर एक हाथ से मेरे लंड को पकड़ा ऑर आगे से लंड की टोपी को चूसने लगी ऑर हल्का सा लंड भी मूह मे 
लेने लगी लेकिन टोपी से कुछ ही ज़्यादा लंड मूह मे ले रही थी ऑर उसके दाँत भी मेरे लंड की टोपी पर लगने 
लगे थे,,,मैने लंड को मूह से निकाल लिया वो भी समझ गई थी कि मैने ऐसा क्यूँ किया तभी उसने अपने मूह
को ऑर ज़्यादा खोल लिया ऑर फिर से लंड को मूह मे ले लिया ऑर मूह खोल कर ही लंड को थोड़ा सा अंदर बाहर करने
लगी,,,,,वो इस खेल मे नयी थी तो मुझे लंड चुसवाने मे मज़ा नही आ रहा था,,,मैने लंड को वापिस मूह
से निकाल लिया ऑर उसको लेटा दिया,,,,,उसकी नज़रो मे एक स्जीब सी शरम थी ऑर उदासी भी क्योंकि वो जानती थी कि मैने'उसको कितना खुश किया था लेकिन वो मेरे को खुश नही कर पा रही थी ,,लेकिन मैने उसकी उदासी को दूर करने 
'के लिए उसके फॉरहेड पर एक किस किया जैसे बोला हो कोई बात नही मनीषा पहले पहले ऐसा होता है तुम ज़्यादा
टेन्षन मत लो,,,,,मैने उसको लेटा दिया ऑर खुद उसके उपर लेट गया ऑर लंड को हाथ मे पकड़ कर उसकी चूत
से लगा दिया इतने से ही उसकी धड़कन तेज हो गई थी मैने लंड को हल्के से धक्का दिया तो लंड की टोपी उसकी
चूत मे चली गई ऑर वो हल्का दर्द होने से झटपटा उठी लेकिन मैने उसको शांत करने के किए उसके लिप्स को
हल्की सी किस करदी ऑर फिर से लंड को एक धक्का दिया तो लंड आधा अंदर चला गया ऑर वो तड़प उठी,,उसने मेरी
पीठ को कस्के जाकड़ लिया लेकिन मुझे रुकने को नही बोला उसकी आँखों मे हल्की हल्की नमी आ गई थी ,,मैने 
भी उसको ज़्यादा तंग ना करते हुए अपने आधे लंड को ही चूत मे अंदर बाहर करना शुरू कर दिया,,ऑर उसके
लिप्स को अपने लिप्स मे क़ैद करके किस करने लगा ,,मेरा लंड अच्छी तरह से चूत की दीवारो से रगड़ ख़ाता
हुआ अंदर बाहर हो रहा था ऑर मुझे बहुत मज़ा आ रहा था कुछ देर मैं ऐसे ही हल्की स्पीड से धक्के
लगाता रहा तभी उसने अपने हाथों से मेरी पीठ को पकड़ कर उपर नीचे करना शुरू किया मैं समझ गया
कि इसको भी अब मज़ा आने लगा है तो मैने भी उसके इशारे पर अपनी स्पीड थोड़ी तेज करदी ऑर धक्का लगाने
लगा उसने भी मेरे लिप्स को चूसना शुरू करके मुझे किस का रेस्पॉन्स देने लगी ,,मैने मस्ती मे स्पीड 
कुछ ज़्यादा ही तेज करदी ओर फिर कब मेरा लंड पूरा उसकी चूत मे चला गया पता ही नही चला पता तो लग 
लगा जब उसने मेरे लिप्स को अपने लिप्स से आज़ाद करके एक दर्द भरी चीख मारी,,ऑर अपने नाख़ून मेरी पीठ
पर गढ़ा दिए,,,लेकिन मुझे रोका नही ऑर मैं भी पूरे लंड को तेज़ी से अंदर बाहर करने लगा,,,वो कुछ देर
तो दर्द से चिल्लाती रही लेकिन कुछ ही देर मे उसकी सिसकियाँ निकलने लगी ऑर उसके हाथ भी बड़ी नज़ाकत से मेरी
पीठ को सहलाने लगे,,मेरी भी मस्ती कुछ कम नही थी हालाकी इसकी चूत की सील खुल चुकी थी लेकिन फिर भी
इसकी चूत काफ़ी टाइट थी,,,,मैने उसके लिप्स को लिप्स मे जकड़ा ऑर किस करते हुए पूरी स्पीड से उसको चोदने लगा 
उसके हाथ भी मेरी पीठ पर ओर कभी सर पर घूमने लगे,,मेरे लंड की टोपी कुछ ज़्यादा ही मोटी थी ऑर उसको
चूत की दीवारो से रग्गड़ खा रही थी ऑर मुझे मस्ती मे पागल कर रही थी,,,मैने जल्दी से उसके लिप्स को 
अपने लिप्स से आज़ाद किया ऑर उसकी फेस की तरफ देखने लगा उसने भी मेरी तरफ देखा ऑर सिसकिया लेते हुए अपने
फेस को दूसरी तरफ मोड़ लिया मैने भी उसके फेस को टर्न करते ही उसके कान के नीचे शोल्डर ऑर गर्दन पर
किस करना शुरू कर दिया,,मैं उसके कान को लिप्स मे भरके चूसने लगा ऑर कान से किस करते हुए शोल्डर
की तरफ जाते हुआ गर्दन को भी चूमता जा रहा था फिर मस्ती मे उसके शोल्डर को हल्के से काटने लगा वो
बस आआआआअहह उूुुुुुउऊहह करते हुए सिसकियाँ लेती जा रही थी,,,



कुछ देर बाद मैं उसके उपर से उठ गया मेरे उठते ही उसने मेरी तरफ़ गुस्से से देखा ऑर मैं मुस्कुराने 
लगा,,फिर मैने उसकी टाँगो को खोला ऑर उसकी टाँगो के बीच खुद की टाँगो को उसकी कमर की दोनो साइड
करके बेड पर बैठ गया ऑर लंड को चूत मे डालके चोदने लगा,,जब तक मैं बैठ रहा था तब तक वो मेरी
तरफ देखती रही लेकिन जैसे ही मैने लंड चूत मे डालके चोदना शुरू किया उसने फिर से फेस एक तरफ़ टर्न
कर लिया ऑर सिसकियाँ भी शुरू करदी,,मैने मज़े को ऑर ज़्यादा बढ़ाने के लिए अपने हाथों को उसके बूब्स पर
रख दिया ऑर बूब्स को मसल्ने लगा ,मेरी स्पीड काफ़ी तेज थी ऑर उसकी सिसकियाँ भी काफ़ी तेज चल रही थी मैं
उसके बूब्स को भी ज़ोर ज़ोर से मसल रहा था ,,
 
कुछ देर ऐसे चोदने के बाद मेरा दिल किया क्यूँ ना इसकी गान्ड का
भी स्वाद चख लिया जाए मैने उसको छोड़ दिया ऑर खुद उठके बैठ गया फिर उसको भी उठा कर बेड पर 
झुका कर कुतिया बना दिया ,,उसने भी सर को बेड से लगा लिया ऑर गान्ड को उपर उठा दिया,,मैने लंड पर
थूक लगा दिया ऑर थोड़ा थूक उसकी गान्ड पर लगा दिया जैसे ही मैने लंड को गान्ड पर रखा उसने पीछे
मूड कर देखा ऑर मुझे माना करने लगी लेकिन मैं नही माना ऑर लंड को गान्ड मे घुसाने लगा लेकिन जैसे
ही मैने लंड को गान्ड पे घुसाना चाहा लंड फिसल कर दूसरी तरफ चला गया,,,,मैने फिर से कोशिश की
लेकिन कोई फ़ायदा नही हुआ मैने फिर गान्ड पर ऑर लंड की टोपी पर थूक लगाया ऑर एक हाथ से लंड को पकड़ा
ऑर एक हाथ से उसकी कमर को जकड़ा ऑर लंड घुसा दिया ऑर लंड की टोपी गान्ड मे घुस गई तभी वो इतना ज़ोर
से चिल्ला उठी कि एक ही पल मे बुआ ऑर पूजा भाग कर रूम मे आ गई,,ऑर चिल्लाने के बाद ही वो आगे की तरफ'
उछल कर बेड पर लेट गई ऑर मेरा ध्यान दरवाजे की तरफ गया तो बुआ ऑर पूजा वहाँ खड़ी हुई थी,,बुआ
भाग कर अंदर आई ऑर मनीषा को एक पल देखा ऑर फिर उसके लिप्स मे लिप्स जाकड़ कर किस करने लगी जिस से
उसकी आवाज़ दब गई ऑर साथ ही बुआ ने उसकी चूत को सहलाना शुरू कर दिया मैं उनकी तरफ देख ही रहा था
तभी पूजा ने खुद को मनीषा की जगह बेड पर झुका कर अपनी गान्ड उठा कर मेरे सामने पेश करदी
मैने भी लंड पकड़ा ऑर उसकी गान्ड मे डालने लगा तभी लंड देख कर मैं डर गया,,,,लंड खून से पूरी
तरह लथपथ था तभी मेरा ध्यान मनीषा की गान्ड की तरफ़ गया जो बेड पर बुआ के साथ लेटी हुई थी उसकी
गान्ड मे से खून अभी भी निकल रहा था लेकिन थोड़ा सा जो बेड शीट पर गिर रहा था,,मेरा ध्यान उस 
तरफ था तभी मुझे लंड पर कुछ हरकत महसूस हुई पूजा ने मेरे लंड को पकड़ कर अपनी गान्ड से
लगा दिया था ऑर खुद ही पीछे होके लंड को गान्ड मे ले लिया था ऑर खुद ही आगे पीछे हिलते हुए गान्ड को
मेरे लंड से चुदवाने लगी थी,,,,मुझे फिर से मस्ती चढ़नी शुरू हो गई थी ऑर मैं मनीषा ऑर अपने लंड
पर लगे खून के बारे मे भूल ही गया था ऑर पूजा की कमर को पकड़ कर उसकी गान्ड को चोदना शुरू कर
दिया था,,,,उधर बुआ ने मनीषा के उपर चढ़ उसके लिप्स को अपने लिप्स से जकड़ा हुआ था ऑर खुद घुटनो के 
बल उपर उठी हुई थी जिस से बुआ का ज़रा सा भी वजन मनीषा पर नही पड़ रहा था ऑर बुआ अपने हाथ से
मनीषा की चूत को सहला रही थी ,,,

मैं भी मस्ती मे पूरी स्पीड से पूजा की गान्ड को चोदने लगा,,मैने उसकी कमर को दोनो हाथों से पकड़ा
ऑर पूरी स्पीड से उसकी गान्ड चुदाई करने लगा,,साला गान्ड चोद कर मज़ा ही बहुत आता है,,,,,,मर्द को भी ऑर
औरत को भी,,,,,मर्द की स्पीड से इस बात का पता चलता है ऑर औरत की सिसकियों से,,,,,,,,,,आआआआअहह
सस्स्स्स्स्सुउुुुुउउन्न्ञनन्न्नययययययी ऊऊऊओरर्र्र्ररर उउउन्न्ञँदड़डीईईररररर टत्त्त्ताआअक्कककक घहुउऊस्साअ
दद्दूऊव आपपंनईए म्मूऊसस्स्स्साालल्ल्ल कककूऊ आहह उूुउऊहह ऊऊररर त्त्त्त्त्तीएज्ज्ज ऊरर
टत्त्टीईईज़ज़ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज आआअहह सस्सुउउउन्नयययययी आअहह ज्ज्जूर्र्र सस्सीई कच्छूओद्दूऊऊ
म्मीरीईइ गग्ग्गाणन्ँदडड़ कककूऊव ,मेरी भी स्पीड तेज थी ऑर धक्का दमदार ,,ऑर पूजा की सिसकियों ने तो
जोश को ऑर ज़्यादा बढ़ा दिया था मैने मस्ती मे अपनी उंगलिया भी पूजा की चूत मे घुसा दी ऑर चूत को अपनी
उंगलियों से तेज़ी से चोदने लगा ऑर लंड को भी पूरी स्पीड मे गान्ड मे पेलने लगा,,मुझे चूत मे हाथ 
घुसा कर साथ ही लंड को गान्ड मे पेलने मे इस पोज़ मे मुश्किल हो रही थी तो मैने पूजा की टाँगो की
एक तरफ से हाथ उसके नीचे से घुमा कर उसकी चूत पर रख दिया ऐसे उंगलियाँ तो चूत मे नही घुस
रही थी लेकिन फिर भी मैं उसकी चूत के उपरी हिस्से को सहलाने मे कामयाब हो रहा था,,तभी उसने सर को
बेड से लगा कर खुद की गान्ड को ऑर उपर उठा दिया ऑर अपने एक हाथ को मेरे हाथ पर रख दिया ऑर खुद अपनी
चूत को सहलाने लगी,,वो अपने हाथ को मेरे हाथ पे रख कर अपनी उग्लियों से मेरी उंगलियों को अपनी चूत पर
दबा कर तेज़ी से अपनी चूत को सहलाने लगी,,,वो पूरी मस्ती मे थी क्योंकि उसकी चूत मे काफ़ी पानी आ चुका था
ऑर चूत काफ़ी चिकनी हो चुकी थी ,,,ऑर पानी आता भी क्यू ना वो भी तो बुआ के साथ दूसरे रूम मे मस्ती कर 
रही थी,,,उसके हाथ से मैने अपने हाथ को छुड़ा कर उसके बूब्स की तरफ ले गया ऑर दोनो हाथों से उसके बूब
को मसल्ने लगा ऑर खुद भी घुटने सीधे करके अपने पैरो पर खड़ा होके उसके उपर झुक गया ऑर तेज़ी से लंड
को गान्ड मे पेलते हुए उसके बूब्स को दबाने लगा,,,,उसकी सिसकियाँ अब ऑर भी तेज हो चुकी थी शायद वो झड़ने 
वाली थी ऑर इधर मेरा भी पानी निकलने वाला था मैने उसके बूब्स को छोड़ दिया ऑर हाथ उसकी पीठ पर 
रख कर स्पीड ऑर तेज करदी आहह उूुुुुुुुुुउऊहह ऊऊऊऊऊररर्र्र्र्र्र्र्र्ररर
टत्त्टटटटत्ट्टीईज़ज़ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज्ज सस्स्स्स्सुउुुुउउन्न्ञन्नयी ऊररर ट्टीज़्ज़ज्ज आअहह म्मेरर्राआ हहूंनईए व्वाला
हहाइईइ आब्ब ररूउक्कणना न्नाहहीी ऊररर त्टीजज आआहह उूुुुुुुउऊहह उसके बदन ने 2-3
झटके मारे ओर तेज से चिल्लाते हुए उसने पानी निकाल दिया ऑर तभी मेरे लंड ने भी पिचकारियों से उसकी गान्ड
को स्पर्म से भर दिया,,,,,,,,लंड के पानी निकल जाने के बाद मैं बेड पर गिरके तेज़ी से साँसे लेने लगा ऑर वो भी
आगे की तेरफ़ बेड पर गिर गई ,,,,,,


सन्नी ये क्या किया तूने,,,,,,,,,,,,,बुआ की आवाज़ के साथ मेरा ध्यान उनकी तरफ गया,,,,,,,,,,,

मैं अब तक थोड़ा शांत हो चुका था,,,
मैं-मैने क्या किया बुआ,,,,,,,,,,,,,
बुआ-अरे ये मनीषा की गान्ड क्यू फाड़ दी तूने,,तुझे पता नही था क़ी ये गान्ड अभी तक नही चुदि है,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

मैं-बुआ मुझे तो ये भी पता था कि ये अभी तक चूत से भी नही चुदि है लेकिन इसकी चूत की सील तो खुली हुई थी मैने सोचा शायद गान्ड की भी खुली होगी तो ट्राइ किया मैने,,,,,,,,,,
बुआ 1 मिनिट चुप रही,,,,,,,,,,,,,,,,हाँ वो चूत की सील मैने ही खोली थी अपने उस नकली छोटे लंड से ताकि तेरा मूसल लेने के लिए इसकी चूत को तैयार कर दूं,,,,लेकिन गान्ड को अभी तक छुआ भी नही था,,,,,,सोचा पहले चूत तैयार कर देती हूँ गान्ड को वैसे भी थोड़ा ज़्यादा टाइम लगता है लेकिन तूने तो पूरी गान्ड फाड़ दी बच्ची की,,,,,,,,,,,,,,,,,

मैं-बुआ ये बच्ची है क्या ,,ये तो मेरे से बड़ी है,,,,,,,,,,,,,,
बुआ-बेटा ये बड़ी है लेकिन इसकी गान्ड की सुराख बड़ी नही है,ऑर तू बच्चा होगा लेकिन तेरा मूसल किसी घोड़े जितना बड़ा
है जब मेरी जैसी औरत की फाड़ सकता है फिर इसकी तो पता नही क्या हालत की होगी तूने देख ज़रा अभी भी 
खून निकल रहा है,,,,बुआ ने उसकी गान्ड पे हाथ लगा कर खून से गंदा हुआ हाथ मेरे की दिखाते हुए 'बोला,,,,,,,,,,,

इस से पहले मैं कुछ बोलता मनीषा मेरे को गुस्से से घूर्ने लगी ,,,,,,,,,,,,,,,

मैं-सॉरी बुआ मुझे नही पता था इसकी गान्ड की सील नही खुली अभी ग़लती हो गई ,,इतना बोल कर मैने बुआ के पास जाके बुआ को हल्की सी किस करदी,,,बुआ आपको तो पता है मुझे चुदाई करते टाइम गान्ड भी चोदनी अच्छी लगती है जब तक गान्ड नही मारता चुदाई का मज़ा नही आता,,ऑर इसकी चूत खुली थी तो मुझे लगा शायद गान्ड भी खुली होगी
तो मैने गान्ड को लंड घुसा दिया ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

बुआ--चल चल अब सफाई मत दे ऑर जिसको हर्ट किया है उसी से मफ्फी माँग,,बुआ ने मनीषा की तरफ उंगली करते हुए बोला,,,,,,,

मैने भी सॉरी की जगह मनीषा की एक हल्की सी किस करदी फॉरहेड पर उसने भी हंस कर मेरी तरफ देखा ऑर दूसरे ही पल मूह दूसरी तरफ टर्न कर लिया,

मैं-लो बुआ इसने तो माफ़ कर दिया अब आप भी माफ़ करदो,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
बुआ-मैं माफ़ कर तो दूँगी लेकिन पहले एक बार मेरे को खुश कर्दे मेरे बेटा इतना बोल कर बुआ ने मेरे लंड को पकड़ लिया ऑर जो लंड अभी कुछ देर पहले ही नींद के आगोश मे गया था बुआ के हाथ लगते ही उछल कर नींद से जाग गया,,,,,,,,उसके बाद मैने बुआ ऑर पूजा दोनो की चुदाई की ,,,मेरा दिल मनीषा को चोदने को भी हुआ लेकिन बुआ ने मुझे मना कर दिया था,,,,,,,,,,,

बुआ-इसकी तरफ अब कुछ दिन देखना भी नही तुम जब तक ये ठीक नही होती,,,,,ऑर वैसे भी अब ये
तेरे को तभी मिलेगी जब इसकी गान्ड भी तेरे मूसल के लिए तैयार हो जाएगी,,,,,,

वहाँ से मैं कॉलेज टाइम पर निकल कर अपने कॉलेज चला गया,,,,अभी छुट्टी होने को थोड़ा टाइम बाकी था इसलिए मैं कॅंटीन मे चला गया ऑर आराम से बैठ कर छुट्टी होने की वेट करने लगा,,,,,
 
जब कॉलेज मे बैठा हुआ छुट्टी की वेट कर रहा था तो सोचा क्यूँ ना कॉफी ऑर्डर कर दूँ क्योंकि अभी तो 30
मिनट बाकी थे छुट्टी होने मे,,,इस से पहले कि मैं कॉफी के लिए किसी को आवाज़ देता मेरे सामने एक हाथ
मे कॉफी का ग्लास लिए सुमित खड़ा हुआ था,,,,,,,,,,,


ये लो सिर आपकी ब्लॅक कॉफी बंदर जैसे चेहरे पर हल्की कमिनि मुस्कान लिए खड़ा हुआ था हरामी कहीं का,


,सुमित इस कॉलेज का सबसे कुत्ता ऑर हरामी बंदा था एक नंबर का नशेड़ी ऑर सबकी चमचा गिरी करने वाला,,,
नशे की इतनी बुरी आदत थी कि अपनी बेहन को भी नंगी कर देता आपके सामने ,,,,इस से बात करना तो दूर की बात
मैं तो इसको अपने पास बैठने भी नही देता,,लेकिन उसने कॉफी को टेबल पर रखा ऑर मुझे थॅंक्स बोला,,,,,,,

साला खुद ही कॉफी दे रहा है ऑर खुद ही
थॅंक्स्क्स बोल रहा है लगता है साले को पैसे चाहिए नशे के लिए इसलिए चमचा गिरी करने आया है,,,,,,

सुमित--सन्नी भाई अपने बहुत अच्छा किया उस दिन जो साला ओर हरामी लोगो को कुत्ते की तरह मारा बीच सड़क मे,,,,
ये उन्ही 2 लड़को की बात कर रहा था जो सोनिया ऑर कविता से बात कर रहे थे,,,,,,,,,,,,

उनसे तुझे क्या मतलब तेरा क्या लेना देना उन लोगो से,,मैने गुस्से मे बोला क्योंकि मैं इस कमिने से कोई बात
नही करना चाहता था,,,,,,

अरे सन्नी भाई गुस्सा क्यू करते हो,,,उसने डरते हुए बोला,,,,,,वो लोग मेरे कुछ नही लगते मैं तो बड़ा खुश
हूँ जो तुमने उन दोनो को इतना मारा,,,,,

क्यू तुझे क्यू खुशी हुई इस बात से,,,,,,,,मैने फिर से गुस्से मे बोला

सुमित--अरे सन्नी भाई वो हरामी लोग उसी मुहल्ले मे रहते है जहाँ से मैं अपना समान लेके आता हूँ जिस बंदे
से मैं समान लेता हूँ उसको उन लोगो ने वहाँ से भगा दिया था ऑर खुद उसी समान को ज़्यादा महँगा 
बेच रहे थे,,,,मेरे को भी ज़्यादा पैसे लेके समान देते थे,,,,एक दिन बोला कम पैसे है तो सालो ने 
बहुत मारा था,,,अब तुमने उनकी बुरी हालत की उस दिन तभी से साले डरने लगे मेरे से,,,,,,,,

मैं-मारा मैने उसको वो तेरे से क्यू डरने लगे,,,,,,,,,

सुमित--सॉरी सन्नी भाई मैने उसको बोला दिया कि तुम मेरे भाई हो,,इसलिए वो डर गये ,,अब तो मेरे भी बड़ी इज़्ज़त से
बुलाते है ऑर समान भी सस्ता देते है,,,आपकी वजह से हुआ ये सब भाई ,,,आपने अंजाने मे ही सही लेकिन मेरी
बहुत हेल्प करदी,,,,,,,अब आपको कुछ चाहिए हो तो बता देना,,,,,,,,,किसी भी तरह का काम पड़े तो मैं हाजिर हूँ,,,,,,,

मैं--साले तेरे जैसे कमिने से मुझे कोई काम नही पड़ सकता जा दफ़ा हो यहाँ से,,,,,,,,,,

सुमित-अरे भाई गुस्सा क्यू करते हो,,,,,,,,चला जाता हूँ लेकिन फिर भी कोई भी ज़रूरत ही तो बस एक बार याद कर
लेना मुझे,,,,,,,,,

वो वहाँ से चला गया,,,,,

तभी मैने उसको पीछे से आवाज़ दी,,,,,,,,,एक मिनट रूको सुमित ,,,यहाँ आओ,,,,,,,

मुझे याद आया कि ये साला तो अमित का भी चमचा है,,उस से भी पैसे लेता है नशे की लत पूरी करने के लिए,,
इस से कुछ पता चल सकता है तभी मैं करण की ऑर उसकी सिस शिखा की हेल्प कर सकता हूँ,,,,,,,,

मैं-एक मिनट बात सुनो सुमित,,,,,तूने बोला तू मेरी हेल्प कर सकता है,,,,,,,,,,,,,

सुमित--हाँ भाई आप बस कम बोलो मैं हेल्प करने को तैयार हूँ,,,जो काम आपने मेरे लिए किया है उसके लिए मैं
कुछ भी कर सकता हूँ,,,,,,,,,

मैं-पक्का,,,,,,,,कुछ भी कर सकता है,,,,,,,,,,

सुमित--अरे भाई आपने मेरे नशे को सस्ता कर दिया,,इतना सस्ता कि अब तो नशा फ्री की कीमत मे मिलने लगा है 
कभी अगर पैसे भी नही होते तो भी वो लोग मुझे समान दे देते है,,,,,,,,आप कुछ भी काम बोलो मैं करने को तैयार हूँ,,,,,,,,,,

मैं-यार मुझे अमित के बारे मे कुछ बात करनी थी,,,,,,,

वो कुछ देर चुप रहा फिर मुझे लास्ट टेबल की तरफ इशारा करते हुए खुद उस टेबल की तरफ चला गया,,क्यूँ
कि वहाँ कोई नही था जो हमारी बात सुन सकता ,,ऑर सुमित अमित के बारे मे कोई बात सबके सामने नही करना
चाहता था,,,,,,,,वो जाके उस खाली टेबल पर बैठ गया ऑर मैं भी वहाँ चला गया,,,,,,,,,,

सुमित--क्या पूछा है भाई,,,,,,,कहीं अमित ने आपकी किसी फ्रेंड को फसा लिया है क्या,,,,,,,,,,,

मैं--अरे नही नही ऐसी कोई बात नही,,,,,,मैं तो बस ये जानना चाहता हूँ कि अमित के पास ऐसा कॉन्सा
हथियार है जिस से वो इतनी लड़कियाँ फँसा लेता है,,,,,,,,,,जब देखो सुनने को मिलता हैं कि अमित की
बहुत सारी गर्लफ्रेंड है,,ऐसा क्या करता है वो हरामी जो इतनी लड़कियाँ फँस जाती है उस कमिने से,,,मैने
थोड़ा गुस्से मे कहा,,,,,,,,,,,,,,

सुमित--सन्नी भाई कहीं उसने अपनी सिस से कोई बाततमेजी की है क्या,,,,,जो आप इतना गुस्से मे बोल रहे हो,,
आख़िर बात क्या है,,,,,,

मैं--अरे मेरी सिस की तरफ आँख उठा कर भी देखता तो मैं जान ले लेता उसकी,,,,,,,,मैं तो बस ऐसे ही
पूछ रहा हूँ ,,,,,,,,,साला कॉन्सा मंत्र है उसके पास जो इतनी लड़कियाँ फँसा लेता है वो,,तू तो
'उसका ख़ास दोस्त है तेरे को तो पता होगा ना ,,,,,,,,,,

सुमित--सन्नी भाई उसके पास कोई मंत्र वंत्र नही है,,,ओर ना ही उसकी इतनी गर्लफ्रेंड होती है जितने लोग बोलते है,,
वो तो अपनी बेहन की सहेलियों पर लाइन मारता रहता है ,,,,उनकी हेल्प करता है,,,कभी घर छोड़ने
जाता है तो कभी कोई काम कर देता है उनका,,,,जिस से वो खुश हो जाती है,,,,ऑर अपने दोस्तो को
साला झूठ बोलता है कि वो उसकी गर्लफ्रेंड थी,,,लेकिन जब मेरे साथ बैठ कर नशा करता है तो सब सच
उगल देता है,,,,,साला अमीर बाप की बिगड़ी हुई औलाद है,,,पैसे की अलावा ऑर कोई हथियार नही 
है उसके पास,,,,,कभी कभी किसी लड़की की कॉलेज फीस देकर भी उसका फ़ायदा उठा लेता है,,ऑर जब
एक बार लड़की उसके साथ फँस जाती है तो उसके साथ सेक्स करते टाइम उसकी वीडियो बना लेता है ऑर उनको
ब्लॅकमेल करता है,,,,2 लड़कियों ने तो ख़ुदकुशी भी करली थी अपने कॉलेज के हॉस्टिल मे ,,लेकिन
उसका बाप प्रिन्सिपल का अच्छा दोस्त था पोलीस को पैसा खिला कर ये साबित कर दिया कि उन 2 लड़कियों 
ने स्टडी की टेन्षन से ख़ुदकुशी की थी,,,,,,,वो पहले तो लड़की को बातों मे उलझा कर खुश कर
देता है फिर उसका भरोसा जीत कर उसको ऐसी जागह ले जाता है जहाँ आराम से सेक्स कर सके फिर 
उसकी वीडियो बना लेता है,,,,,,,,लड़की को ब्लॅकमेल करता है ऑर अपने साथ साथ अपने कुछ दोस्तो से
भी उस लड़की को चुदाई करने पर मजबूर करता है,,,,,अब तक 3 लड़कियाँ ही ऐसी थी जिनको अमित
ब्लॅकमेल करने मे सफल रहा है,,,उसने मे 2 ने तो अब ख़ुदकुशी करली है,,,,,,,,उसके पास एक
जगह है जहाँ वो उन लड़कियों की वीडियो की सीडी बना कर रखता है,,,
 
मुझे बड़ा गुस्सा आ रहा था,,,,,,दिल करता था साले अमित की माँ चोद कर रख दूं,,,,,

मैं--क्या तू भी उसकी इस हरकत मे हिस्सेदार होता था,,,,क्या तेरे को पता है वो जगह कॉन्सी है जहाँ
वो लड़की को लेके जाता है ऑर जहाँ वो सब सीडी पड़ी हुई है,,,,,,,,,


सुमित-नही सन्नी भाई मैं तो बस उसके नशे की आदत को पूरा करता हूँ,,,,,,,,बड़े बाप का बेटा है
तो खुद समान लेके आने से डरता है,,,,मैं उसको समान लाके देता हूँ तो उसमे से कुछ मुझे
भी मिल जाता है,,,,,,,,,लेकिन एक बार मैने भी उसकी ब्लॅकमेल की हुई लड़की से सेक्स किया था ,,बस एक
बार ही,,वो भी मैने अमित को ज़िद की थी कि मुझे भी सेक्स करना है वरना मैं समान नही लेके
आउन्गा तो वो मान गया था,,,,,,,ऑर उसी रूम मे वो सीडी भी पड़ी हुई है,,,,,,,,जो लड़कियाँ मर गई
उनकी सीडी तो जला चुके है वो,कहीं किसी के हाथ सबूत नही लग जाए इसलिए,,,,,,लेकिन अपने कॉलेज
की एक लड़की की वीडियो अभी भी उसके पास है ओर वो उसको ब्लॅकमेल करके यूज़ करता है,,,,,साथ मे 
उसके 2-3 दोस्त ऑर होते है,,,,,

मैं--तुझे पता है वो रूम कहाँ है,,,,,

सुमित--क्यू सन्नी भाई आपने क्या करना उस रूम मे,,,,,वो शक की नज़र से मेरी तरफ देख रहा था,,,,

मैं--अबे यार मैं तो ऐसे ही पूछ रहा था,,क्योंकि मेरी भी एक गर्लफ्रेंड है,,,लेकिन मेरे पास कोई जगह नही
है जहाँ उसके साथ टाइम बिता सकूँ,,,,तू अगर कोई जुगाड़ कर सकता है तो बता मैं भी तुझे
खुश कर सकता हूँ,,,,,,,,तेरे नशे के लिए पैसे दे सकता हूँ,,,,,,,,

वो ध्यान से मेरी बात को सुन रहा था ,,ऑर नशे के लिए पैसे की बात सुनके वो थोड़ा खुश भी
हो गया था,,,,,

उसको ऑर ज़्यादा खुश करने के लिए मैं 500 का नोट निकाला ऑर उसको देते हुए बोला,,,,,,,ये लो अभी के
लिए ये रखो,,,ऑर जब रूम का इंतज़ाम हो जाए तो बता देना,,फिर इस से भी ज़्यादा दूँगा तेरे को,
लेकिन किसी को कुछ बोलना नही,,,,,,

पैसे पकड़ते ही साला बंदर की तरह गुलाटी मारने लगा,,,,ये साला तो बॉटल मे उतर गया था,,,,,

सुमित--भाई रूम तो है एक ,,,लेकिन किराया कुछ ज़्यादा है,,,,,,,

मैं--तू पैसे की टेन्षन नही ले रूम बता बस,,,ऑर जगह सेफ होनी चाहिए जहाँ कोई पंगा नही हो,,

सुमित--भाई ऐसी जगह है जहाँ कोई टेन्षन नही है,,,,,,,,,जब तक चाहो आराम से रहो ऑर मज़ा करो,,

मैं--अच्छा,,,ऐसी कॉन सी जगह है,,,,,,,,

सुमित--मेरा घर भाई,,,,,अमित भी वहीं जाता है,,,,आप भी जा सकते हो,,,,,,,,लेकिन पैसे ज़्यादा लगने 
है,,,,,दिन का 1000 ऑर 2500 दोगे तो रात को भी नही आउन्गा घर वापिस,,,,,,,,,

मैं--उसको अपना घर देके तू खुद कहाँ जाता है,,,,

सुमित--भाई मेरा क्या है,,,दिन हो तो कॉलेज मे रहता हूँ ऑर अगर रात हो तो कभी स्टेटिओं तो कभी कोई
पार्क मे सो जाता हूँ,,,,आप बोलो आपको कब चाहिए,ऑर कितनी देर के लिए चाहिए,,,,,,

मैं--मेरे को दिन मे चाहिए,,,,,लेकिन तू पैसा बहुत ज़्यादा बोल रहा है,,,,,,,,मैं इतना नही दूँगा,,,

सुमित--ठीक है भाई अपने मेरी इतनी हेल्प की है आप कुछ भी नही दोगे तो भी चलेगा,,,बस बता देना 
कब चाहिए,,,,,

तभी कॉलेज की छुट्टी हो गई,,,,,,,,

सुमित--ओके भाई मैं चलता हूँ छुट्टी हो गई,,,,,,,

मैं--अबे कैसे जाएगा तू घर,,,,

सुमित--सन्नी भाई मैं ऑटो से जाउन्गा,,,,,

मैं--ऑटो से क्यू यार मैं हूँ ना तेरा दोस्त,चल मैं तुझे छोड़ देता हूँ घर,,ऑर तेरा घर भी
देख लूँगा कि मेरे लिए सेफ है या नही,,,,,,,अगर तुझे कोई एतराज़ नही हो तो,,,,,

सुमित--भाई मुझे क्या एतराज़ हो सकता है,,,,

मैं--तो ठीक है तुम गेट पर चलो मैं बाइक लेके आता हूँ,,,,,वो उठा ऑर गेट की तरफ चला गया
मैने भी बाइक लिया ऑर गेट की तरफ चलने लगा,,,तभी मैने देखा कि सोनिया गेट के पास खड़ी 
हुई थी,,उसने मुझे आते देखा तो मैने बाइक स्लो कर लिया तभी वो मेरी तरफ चलने लगी,,मैने
'बाइक उस से थोड़ी दूर रोक दिया वो चलके मेरी तरफ आ रही थी तभी सुमित मेरी बाइक पर बैठ 
गया,,,,,,ऑर मैने बाइक चला शुरू कर दिया,,,,सोनिया मेरी तरफ बड़ी अजीब नज़रो से देख रही थी
उसके चहरे पर हल्का गुस्सा भी था ऑर हल्की सी उदासी थी,,,,तभी कविता अक्तिवा लेके वहाँ आ गई
ऑर सोनिया मेरी तरफ देखती हुई अक्तिवा पर बैठ गई,,कविता का ध्यान मेरी तरफ नही था उसने
जल्दी से अक्तिवा चलाई ऑर वो दोनो वहाँ से चली गई,,,,,,,,ऑर मैं सोनिया को जाते हुए देखने लगा
वो भी पीछे मूड के मेरी तरफ देख रही थी,,,,मुझे अजीब सी बेचैनी होने लगी,,,लेकिन मुझे 
भी सुमित का घर देखने जाना था तो मैने बाइक दूसरी तरफ टर्न करदी जिधर सुमित ने मुझे बोला
ऑर हम सुमित के घर की तरफ चल पड़े,,,,,,,,,,,करीब 40 - 45 मिनट बाद हम सुमित के घर
पहुँच गये,,,उसका घर सहर से थोड़ा हटके था,,,हर तरफ खेत ही खेत थे,,,और बहुत सारी
खुली ज़मीन थी वहाँ,,,,,,आस पास कोई घर भी नही था,,,,,2-3 घर थे लेकिन बहुत दूर थे
,,उसका घर बहुत पुराना था,,,घर पर एक पुराना सा गेट लगा हुआ जिसमे कोई लॉक भी नही लगा
हुआ था,,ऑर लॉक लगा कर करता भी क्या,,,,घर की चार दीवारी भी 4-5 फीट उँची थी ,,कोई भी 
बड़े आराम से दीवार से जंप लगा कर अंदर जा सकता था,,बाहर से ही देखने पर पता चल रहा
था कि घर मे एक ही कमरा था,,,,,,,एक घर की एक कॉर्नर मे छोटा सा किचन,,,ऑर गते से अंदर
जाते ही एक साइड पर बातरूम था जिसका कोई दरवाजा ही नही था,,,,,,,,
 
सुमित--भाई अंदर चलो ना,,,,,,,,,,,,,सुमित बोला

मैं--नही आज नही मुझे तेरा घर देखना था बस देख लिया,,,,अब उसी दिन आउन्गा जब किसी को अपने
साथ लेके आउन्गा,,,,,,वैसे भी लेट हो गया हूँ अब घर जाना है,,,,,,,,,मैने उसको बाइ बोला
ऑर घर की तरफ चल पड़ा,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

वहाँ से मैं सीधा करण के घर गया,,,,,,,मैने बेल बजाई तो करण ने ही गेट खोला ऑर मुझे
गले लगा कर मिला ,,फिर हम दोनो अंदर चले गये,,,,,,वो सोफे पर बैठ गया ऑर मैं भी उसके 
साथ बैठ गया,,,,,,,वो अभी भी उदास था,,,,,,,,,,,

मैं--,कारण यार तू उदास मत हो प्लज़्ज़्ज़्ज़ मैं जानता हूँ तुझे टेन्षन है अपनी सिस के लिए लेकिन तेरी सिस मेरी भी तो सिस है,,,,ऑर मैने तेरे को एक बार बोल दिया ना कि मैं सब ठीक है दूँगा,,,,,,,चल मुझे तेरे से बात करनी है रूम मे चलते है यहाँ तेरी मोम आ जाएगी,,,,,,,,,

करण-यहीं बात करो सन्नी,वैसे भी घर मे कोई नही है,,,,,माँ ऑर दीदी बाहर गई है,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

मैं--तूने दीदी से बात की थी ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

करण--हाँ की थी लेकिन दीदी ने मेरी कोई बात नही सुनी,,,,,,फिर मैने उनको प्यार से समझाया और उन्होने मुझे 10 दिन का टाइम दिया है बस ऑर 10 दिन के बाद वो मेरी कोई बात नही सुनेगी,,,5_10दिन मे क्या होगा सन्नी,,,,,,,,,,

मैं--करण तू टेन्षन मत ले दिन बहुत है,,मेरे पे भरोसा रखो,,,,,,,,

करण--लेकिन 10 दिन मे क्या होगा सन्नी,,,,,,,,

मैं--बोला ना तू टेन्षन मत ले,,,सब मेरे पेर छोड़ दे,,,,,,तू बस ये बता तेरी दीदी उसको मिलने कब
जाने वाली है लास्ट टाइम,,,,,,,,,,,

करण--दीदी 2 दिन बाद उस से शादी की बात करने वाली है तभी वो उसको मिलने जाएगी,,,उसके बाद 10 दिन नही मिलेगी लेकिन तुझे 10 दिन मे कुछ करना होगा सन्नी वरना वो अमित मेरी दीदी की,,,,,,,,इतना बोलकर वो फिर से रोने लगा,,,,,,,,,,

मैने उसको चुप करवाया ओर यकीन दिलवाया कि मैं सब कुछ ठीक कर दूँगा बस तू मेरे साथ रहना,,,ऑर मुझे टाइम बता देना कि कब तेरी दीदी उसको मिलने जाने वाली है,,,,,,,,,,

करण--ठीक है सन्नी मैं बता दूँगा,,,,,,,,,,,,,
फिर हम लोग कुछ देर बातें करते रहे ऑर बाद मे मैं अपने घर को चला गया,,,,,,,,,,,,,

घर आया खाना खाया ऑर अपने रूम मे चला गया,,,,,रूम मे सोनिया अपना लप्पी लेके बेड पर लेटी
हुई थी,,,मैने उसकी तरफ ध्यान नही दिया ऑर बाथरूम मे जाके फ्रेश होके अपने लप्पी पर गेम
खेलने लगा,,मैं उसकी तरफ कोई ध्यान नही दे रहा था बस गेम खेलने मे मस्त था,,,,तभी एक
आवाज़ सुनाई दी,,,,,,,,,अब तबीयत कैसी है भाई,,ये सोनिया की आवाज़ थी,,,लेकिन मैने कोई जवाब नही
दिया,,,,,,,,,,उसके फिर पूछा,,,,,,,,,,,,,,,,लेकिन मैने फिर से कोई जवाब नही दिया,,,,,,,,वो उठी ऑर
मेरे बेड के पास आ गई ऑर मेरा लप्पी छीन कर साइड रख दिया,,,,,,,,,,

सोनिया--भाई मैं जानती हूँ तू मेरे से गुस्सा है,,,,,,मैं भी तो तेरे से गुस्सा हूँ,,,,,,,,,,लेकिन एक बेहन होने के नाते मैं 
तेरी तबीयत तो पूछ ही सकती हूँ ना,,,,,,,,,,,,,,

मैं कुछ नही बोला,,,,

सोनिया--देखो भाई उस रात आपने जो हरकत की मेरे साथ वो ग़लत थी आपने एक भाई बेहन के रिश्ते को खराब कर दिया ,,मुझे उस रात बहुत गुस्सा आया था दिल किया कि डॅड को सब कुछ बता दूनन,,,,,,,,लेकिन उस दिन आपने मेरी वजह से उन लोगो को बहुत मारा था इस से पता चलता है कि आपको मेरी फ़िक्र है वरना आप उन लोगो को क्यू 
मारते,,,आप बहुत अच्छे हो भाई,,,लेकिन आपका एक रूप ऑर भी है जो मुझे अच्छा नही लगता,,,,प्लज़्ज़्ज़
आप खुद को थोड़ा बदलो भाई क्योंकि मैं आपसे ज़्यादा देर गुस्सा नही रह सकती लेकिन मैं आपको
उस रूप मे आक्सेप्ट भी नही कर सकती,,आप मेरे भाई हो ऑर क्यूँ आप इस रिश्ते को गंदी हरकतों
से खराब करना चाहते हो,,,,,,

,मैने कुछ नही बोला तो उसने मेरे सर पर हाथ फेरा ऑर उठकर अपने बेड पर वापिस चली गई ऑर मेरी तरफ देखने लगी,,मैने भी एक पल उसको देखा ऑर अपने लप्पी पर गेम खेलने लग गया,,,लेकिन मेरा ध्यान उसकी बातों की तरफ ही था,,,लप्पी तो मैने उसको इग्नोर करने के लिए खोला था,,,मैं हल्की नज़रो से उसको देख रहा था कुछ देर तक वो बैठी रही
यही सोचती हुई कि मैं उसके साथ बात करूँगा लेकिन कुछ देर बाद वो लप्पी बंद करके मेरी ओर पीठ करके लेट गई,,,,मैं भी वापिस गेम खेलने लगा,,,,,,


अगले दिन नाश्ता किया ऑर बाहर बाइक की तरफ गया तो देखा कि सोनिया बाहर खड़ी कविता की वेट कर रही
थी,,,,,मैने बाइक स्टार्ट किया ऑर वहाँ से जाने लगा तभी पीछे से माँ की आवाज़ सुनाई दी,,,,,

माँ--बेटा सोनिया को भी साथ ले जाओ,,,बेचारी कब्से कविता का वेट कर रही है तुम ले जाओ वरना लेट हो जाएगी
,मैं कुछ नही बोला ऑर बाइक लेके वहाँ से चला गया,,,,,,,,मैं मिरर मे पीछे देख रहा था तो सोनिया का ध्यान मेरी तरफ ही था माँ ने 1-2 बार मुझे आवाज़ भी लगाई लेकिन मैने कोई ध्यान नही दिया ऑर वहाँ से चला गया,,,,,कॉलेज एंटर किया ही था कि सला मनहूस मिल गया सुमित . लेकिन इसको अब बर्दाश्त करना भी ज़रूरी था क्योंकि यही तो मेरी हल्प कर सकता था,,,,,

सुमित--ऑर सन्नी भाई क्या हाल है,,,,,

मैं--मैं ठीक हूँ सुमित तुम सूनाओ,,,,,,,,,,,,,

सुमित--तो भाई कब आना है मेरे रूम मे अपनी गर्लफ्रेंड को लेके,,,,,,,,,,,,,,,

मैं--क्यू भाई तेरे को मेरे से भी ज़्यादा जल्दी है क्या,,,,,,,,

सुमित-नही भाई वो मुझे कुछ पैसे चाहिए थे कुछ समान लेके आना था,,,,अब उधार माँगते शरम आती थी तो
सोचा कि आप रूम मे जल्दी आ जाओ तो मुझे भी कुछ पैसे मिल जाते,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

मैं--क्यू तेरा दोस्त अमित नही आता क्या अभी,,,,,,,,,,,,,

सुमित--अरे भाई उसके साथ कोई सेट होगी तभी आएगा,,,,वैसे एक तो अभी सेट है उसके साथ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

मैं--अच्छा कॉन,,,,,,,,,,,,,,,

सुमित--पता नही भाई कॉन है मुझे बताया नही उसने लेकिन इतना पक्का पता है अपने कॉलेज की नही है,,,,,,,,,,,,,,,,

मैं--तेरे को कैसे पता,,,,,,,,,,

सुमित--क्योंकि भाई कॉलेज की होती तो उसके दोस्तो को तो पता ही होता,,,,,,,,,वैसे कल लेके आने वाला है मेरे रूम 
मे उसको,,सुबह कॉलेज टाइम,,,,,,,,,,,,,,,,,,
 
मैं--साला कल तो करण की दीदी ने भी उसको मिलना है,,कहीं' कल करण की दीदी को तो नही लेके आना वाला वो इसके रूम मे,,साला कुछ करना पड़ेगा,,,,,,,,अच्छा तो कल तेरा रूम बिज़ी रहने वाला है तो मुझे आज ही कुछ करना होगा वैसे मेरी गर्लफ्रेंड भी कल का बोल रही थी लेकिन मैं उसको आज ही लेके आता हूँ तेरे घर पे,,,,,,ठीक है आज कोई प्राब्लम तो नही है
तेरे को,,,मैने 500 का नोट उसकी तरफ बढ़ा दिया,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

सुमित--अरे भाई इसकी क्या ज़रूरत है वैसे भी अपने मुझे कल दिए थे ना अब रहने दो,,,,,,,,,,,,

मैं--अबे ये रूम मे किराया नही है एक दोस्त की तरफ से दोस्त के लिए है,,,,,,,,,,,,,,,,,उसने हँस कर पैसे लिए ऑर घर की चाबी मुझे देते हुए बोला,,,,,,,,,,,,

सुमित--भाई आपको कब जाना है,,,मुझे अभी बता दो मैं उसी हिसाब से वापिस घर आउन्गा,,,,
मैं--मुझे शाम को जाना है सुमित,करीब 6 बजे ऑर रात को 10 बजे वापिस जाउन्गा तेरे घर से तू रात
को 11 बजे अपने घर जा सकता है मैं चाबी तेरे को माल के पास पकड़ा दूँगा मुझे वहीं पर
मिलना तू,,,,,मैने चाबी ली ऑर वहाँ से क्लास मे चला गया ,,,,,,,,,,,


शाम को करीब 6-7 बजे मैं उसके घर गया,,गेट खोला ऑर अंदर चला गया,,,रूम के दरवाजे 
पर भी लॉक लगा हुआ था मैने रूम के दरवाजे का भी लॉक खोल ऑर अंदर गया तो रूम मे एक 
बेड था ओर एक अलमारी छोटा सा टीवी पड़ा हुआ था,,लेकिन बेड बहुत अच्छा था ऑर सॉफ था,,,साला सुमित
बाकी घर तो कबाड़ खाना बना रखा था लेकिन बेड बहुत सॉफ रखा हुआ था क्योंकि साला इसी बेड
की कमाई जो ख़ाता था,,,,,,मैने इधर उधर देखा ताकि मुझे कुछ समान मिल सके अमित का,,,
कोई सीडी कोई डीवीडी,,लेकिन काफ़ी टाइम बाद भी मुझे कुछ नही मिला,,,,मैं निराश हो गया,,,ऑर वहाँ 
से चल पड़ा जैसे ही मैं बाहर निकला मैने देखा कि किचन के दरवाजे पर भी लॉक लगा हुआ
था लेकिन उसकी चाबी नही थी मेरे पास,,,,,साला रूम मे कोई समान नही है तो किचन मे कॉन्सा 
ख़ास समान पड़ा हुआ था जो इसने लॉक लगाया हुआ है,,ऑर अब मेरे पास चाबी भी नही थी जो खोल
कर देख सकता,,,,हार कर मैं निराश होके वहाँ से घर चला गया,,,मैं घर की तरफ जा ही
रहा था तभी मेरी नज़र एक साइकल वाले पर पड़ी,,जो गलियों मे घूम फिर कर ताले की चाबियाँ 
बनाते है,,,,,,,मैने उसको चाबी बनाने के लिए पूछा तो उसने बोला कि 1 चाबी का 100 रुपया
लगेगा,,,,,,,मैने सोचा क्यू ना सुमित के घर की एक चाबी बनवा लूँ,,,,मैने उसको सुमित के
घर की चाबी दी तो उसने 5 मिनट मे मुझे नकली चाबी बना दी,,,मैने गेट की चाबी नही सिर्फ़
रूम के दरवाजे की चाबी बनवा ली थी,,,,क्योंकि घर की दीवार बहुत छोटी थी गेट का चाबी क्या 
करना था,,,,,,,फिर मुझे याद आया कि किचन मे लॉक लगा हुआ है क्यू ना इस बंदे को उसके घर
ले चलूं ये लॉक खोल देगा मैने उसको बोला तो उसने मना कर दिया बोला कि रात हो गई है वो कल
मेरे साथ चलेगा लेकिन कल मैं उसको कहाँ तलाश करता रहूँगा वो अगर एक शॉप पर होता तो मैं ले जाता उसको
लेकिन वो तो साइकल पर गली गली घूमता था इसलिए मैने उसको ज़्यादा पैसो का लालच दिया तो वो मेरे
साथ चल पड़ा,,,,,,,,,,,,,,,,मैं उसको सुमित के घर मे ले गया ऑर बोला कि गेट की चाबी तो मेरे
पास है लेकिन इस किचन की चाबी मेरे पास नही है खो गई है,,उसने 20-25 मिनट लगाए ऑर अलग
अलग चाबिया ट्राइ करके किचन के दरवाजे को खोल दिया,,,,,,,वहाँ एक पुराना स्टोव ऑर कुछ बियर'
की खाली बॉटल के अलावा 2-4 बर्तन थे बस,,,तभी मेरा ध्यान एक लकड़ी के बॉक्स पर गया,,उसपे 
भी लॉक लगा हुआ था,,,,वो बॉक्स बहुत पुराना था ऑर लॉक पर भी काफ़ी मिट्टी लगी हुई थी जैसे इस बॉक्स
को काफ़ी टाइम से खोला ही नही गया था,,,अगर खोला भी गया होता तो भी उसका गंदा होना लाज़मी
था क्योंकि सुमित के घर मे बहुत गंदगी थी,,,,,मैने चाबी वाले को बॉक्स खोलने को बोला तो उसने
10 मिनट मे बॉक्स खोल दिया,,मैने बॉक्स खोला तो देखा कि उसमे कुछ सीडीज़ ऑर पेन ड्राइव पड़ी हुई
थी,,,,,,,,,मैने चाबी वाले को पैसे दिए ऑर वो चाबी ले ली जिस से किचन का दरवाजा ऑर बॉक्स का 
लॉक खुला था फिर उसको वहाँ से भेज दिया,,ऑर खुद किचन मे आके बॉक्स लिया ऑर अंदर रूम मे 
चला गया ,,,,उस बॉक्स मे करीब 8-10 सीडीज़ थी जिनमे से कुछ पॉर्न मूवीस की थी ऑर कुछ सॉंग्स 
की,लेकिन 2 सीडी मे कुछ नही लिखा हुआ था,,,,,,मैने बॅग से लप्पी निकाला ऑर सीडी प्ले करदी तो हैरान 
रह गया उसमे एक लड़की नंगी बेड पर लेटी हुई थी ऑर अमित उसको चोद रहा था ,,लड़की अमित को वीडियो
बनाने से मना कर रही थी लेकिन अमित उसको बोल रहा था कि ये वीडियो बस वो ऐसे ही बना रहा है
अभी कुछ देर देखेगा ऑर डेलीट कर देगा,,वो लड़की को बोल रहा था कि अगर उसको यकीन नही आता 
तो वो खुद बाद मे वीडियो डेलीट कर सकती है,,,,,,,,अमित बड़े प्यार से लड़की से बात कर रहा था
ऑर लड़की भी उसकी बातों मे आ गई थी ऑर बिना किसी परेशानी के वीडियो बनवा रही थी,,,ये लड़की वही
थी जिसने कुछ टाइम पहले कॉलेज की छत से कूद कर ख़ुदकुशी की थी,,,फिर मैने दूसरी सीडी प्ले की
तो उसमे भी एक ऐसी ही वीडियो थी जो दूसरी लड़की की थी,,,,,,,,,,,,,,फिर मैने पेनड्राइव चेक की तो उसमे
कुछ कालेज कॅंटीन की वीडियो ऑर कुछ ऐसी हल्की फुल्की वीडियो थी जिसमे अमित किसी लड़की को किस कर
रहा है तो किसी लड़की के बूब्स मसल रहा है इस से ज़्यादा कुछ नही था,,,मैने पेन ड्राइव ऑर सीडी
का डाटा कॉपी कर लिया ऑर वहाँ से चला गया,जाते टाइम मैं किचन ऑर बॉक्स को वही रखके लॉक 
लगा गया ताकि किसी को शक ना हो जाए,,,,,,,,,,,

मैं घर पहुँचा तो 10 बज चुके थे मैने जल्दी से डिन्नर किया ऑर माँ को बोला कि मैं ज़रा
थोड़ी देर मे आता हूँ,,मैने बाइक लिया ऑर माल के बाहर चला गया जहाँ सुमित अपने कुछ दोस्तो के
साथ बैठ कर सिगरेट पी रहा था,,,,,,,,,मैने उसको अपने पास बुलाया ऑर चाबी देके थॅंक्स बोला
सुमित--,कैसा लगा भाई मेरा रूम,,,,,,,,,,मज़ा आया या नही,,,,,,,,,,,

मैने कोई ज़्यादा बात नही की ऑर बोला कि बहुत मज़ा आया फिर ज़रूरत पड़ी तो चाबी ले लूँगा,,,,,इतना बोलकर मैं वहाँ से चला गया,,,,,,मेरा दिल कर रहा था कि जो डेटा मैने सीडी ऑर पेनड्राइव से कॉपी किया है उसको करण को दे
देता हूँ लेकिन फिर मेरे दिल मे आया कि कल करण की दीदी ने अमित को मिलना है देखूं तो सही वो लोग
क्या करते है,,,,,,अमित तो था ही हरामी लेकिन करण की दीदी कितना गिर सकती है मुझे इसका पता लगाना
था,,,,,,,,मैं घर गया ऑर जाके फ्रेश होके बेड पर लेट गया,,,,,,,आज भी मैने सोनिया से कोई बात
नही की लेट हो गया था ऑर चुप चाप सो गया,,,,वो खुद लप्पी पे कुछ काम करती रही लेकिन मैने
चद्दर डाली ऑर सो गया,,,,,
 
अगले दिन सुबह उठा ऑर जल्दी से कॉलेज चला गया नाश्ता भी नही किया
,मुझे तो सुमित के घर जाना था ऑर उसका घर कॉलेज से बहुत दूर था इसीलिए मैं जल्दी चला आया 
था घर से,क्योंकि अमित ऑर शिखा दीदी का कुछ पता नही था वो कब आ जाए,,,,,,मैं घर के पास
ही खेतो मे छुप गया ऑर उनके वेट करने लगा,तभी मैने देखा कि सुमित के घर के बाहर एक कार
रुकी ऑर सुमित उसमे बैठ गया ऑर कार वहाँ से चली गई,,,,ये कार अमित की थी,,,,वो उसको कॉलेज तक
छोड़ने गया होगा,,,,,मैं अब फिर से वेट करने लगा,,,,,,करीब 1:30 घंटे बाद वही कार फिर
से सुमित के घर के बाहर रुकी ऑर अमित कार मे से निकला ऑर फिर दूसरी तरफ से शिखा उतरी,,उसने एक
पंजाबी सलवार सूट पहना हुआ था,,,अमित उसका हाथ पकड़ कर उसको घर के अंदर ले गया उनके 
अंदर जाते ही मैं भी छुपते हुए घर के पास पहुँचा क्योंकि घर की दीवारें छोटी थी अमित 
मुझ को घर के करीब आते देख सकता था इसलिए मैं छुपते हुए आ रहा था,,,,,मैं घर के
करीब पहुँचा तो देखा कि वो रूम के अंदर थे ऑर दरवाजा भी बंद था,,,मैं बड़े आराम से 
दीवार से जंप करके अंदर गया ऑर दरवाजे के पास पहुँच गया,,रूम से अंदर देखने का कोई
रास्ता नही था मैं कुछ नही देख सकता था,,,,लेकिन मुझे सब कुछ सुनाई दे रहा था,,,

अमित,,,,,,,,,,तुमने मुझे आज इतना अर्जेंट क्यू बुलाया है शिखा,,,,,,कोई ख़ास वजह थी क्या,,,

शिखा,,,,हाँ अमित,,,,,,,मैं अब ऑर ज़्यादा छुप छुप के नही मिल सकती अब मुझे लगता है कि
हमको शादी कर लेनी चाहिए,,,

अमित,,,शादी का क्या है शिखा वो तो हम कभी भी कर सकते है,,,लेकिन तुमको पता है कि मेरी
सिस की शादी से पहले मैं शादी नही कर सकता,,,तुम समझने की कोशिश करो प्ल्ज़्ज़

शिखा ,,,जब भी मैं शादी का बोलती हूँ तुम बहाना बना लेते हो,,,,,

अमित,,,,,,,गुस्सा मत करो शिखा मैं बहाना नही कर रहा ,,,,,तुमको तो पता ही है जब तक
दीदी की शादी नही होती तब तक मेरी शादी भी नही हो सकती,,,,,,,,कहीं तुमको ऐसा तो नही 
लगता कि मैं तुमको धोखा दे रहा हूँ,,,,,,,,,

शिखा,,,,,,,,,,नही अमित ये बात नही है लेकिन मैं अब थक गई हूँ यू छुप छुप के मिलते हुए
ऑर अब तो करण को भी सब पता लग गया है,,,वो मुझे बार बार धमकी देता है कि तुमसे मिलना 
छोड़ दूं ऑर पता नही क्या क्या कहता है तुम्हारे बारे मे,,,,,,,,

अमित,,,,,,,,,,,वो अभी बच्चा है शिखा ,,,उसको गुस्सा मत करो,,वो मेरे को लाइक नही करता क्योंकि
मैने उसको कॉलेज की टीम मे जो नही लिया ता,,,,,,इसी बात का बदला ले रहा है,,छोड़ो उसको,

लेकिन अमित,,,अभी शिखा ने बोलना शुरू ही किया था कि उसकी आवाज़ बंद हो गई,,,,,ऑर तभी शिखा 
ज़ोर से बोली,,,,,,,ये क्या कर रहे हो अमित मैने तुमको कितनी बार बोला है कि ये सब मैं नही कर
सकती,जब तक शादी नही होती ऐसा कुछ नही होगा,,जो करना है शादी के बाद ही करना,,,,,,,,

अरे एक किस से क्या होता है,,,फिर दोनो चुप हो गये,,,,,,ऑर कुछ ही देर मे अंदर से हल्की हल्की
सिसकियों की आवाज़ आने लगी जो शिखा की आवाज़ थी,,,,कुछ ही देर मे वो आवाज़ भी बंद हो गई

नही अमित मैं ऐसा नही कर सकती प्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़,नही अमित,प्ल्ज़्ज़ मत करो ,,,,,तभी फिर से उसकी आवाज़
बंद हो गई,,,ऑर अमित की सिसकियाँ शुरू हो गई ऑर करीब 2 मिनट बाद ही अमित ने ज़ोर से आहह
भरी ओर फिर एक दम से सन्नाटा हो गया,,,,,,,मुझे लगा कि अब यहाँ से चलना चाहिए,,,मैं 
वहाँ से निकल कर वापिस खेतो मे छुप गया ऑर उनके जाने का इंतज़ार करने लगा,,,,,तभी 5 मिनट
बाद ही अमित ऑर शिखा वहाँ से चले गये,,उनकी कार जब डोर तक चली गई ऑर उसके 5 मिनट बाद ही
मैं घर मे चला गया ओर सीधा उस रूम मे गया,,,,,मैने रूम मे जाके देखा तो बेड शीट 
बिल्कुल ठीक थी क्योंकि रूम मे कुछ हुआ ही नही था लेकिन तभी मेरी नज़र ज़मीन पर गई तो देखा
कि वहाँ स्पर्म ऑर कुछ थूक गिरा हुआ था,,,,मैं समझ गया कि ये स्पर्म अमित का है,,,लेकिन ये
ज़मीन पर क्यू गिरा हुआ है,,,ऐसा क्या हुआ,,,,,,सुमित ने बोला था कि अमित लड़कियों की वीडियो बना
कर उसको ब्लॅकमेल करता है तो मैने सोचा कि अब रूम मे कुछ तो हुआ है ऑर हो सकता है अमित
ने वीडियो बनाई हो,,लेकिन मुझे कहीं भी कोई कॅम नही मिला मैने काफ़ी देर तक रूम मे तलाशी
ली,,,,तभी मेरा ध्यान अलमारी के उपर पड़े एक बॉक्स पर गया जिसकी साइड मे ऑर उपर कुछ न्यूसपेपर
पड़े हुए थे,,मैने न्यूसपेपर साइड किए ऑर बॉक्स उठाया तो देख कर दंग रह गया उस काँच के
बॉक्स मे एक हॅंडीकॅम पड़ा हुआ था ,,,बॉक्स एक 2 इन 1 काँच सेबना हुआ था जिस से उसके अंदर पड़ी
चीज़ का पता नही लगता था लेकिन अंदर से कॅम रखके सब देखा जा सकता था,,,मैने कॅम ऑन
किया ऑर मेरी आँखें फटी की फटी रह गई,,,,, अमित ने पहले शिखा को किस करी थी फिर उसके
हल्के से उसके बूब्स को मसला लेकिन शिखा ने उसको मना कर दिया,,,फिर अमित ने शिखा को उसका
लंड चूसने को बोला ,,,,,,,,,मैं तो हैरान रह गया अमित का लंड देख कर,,,साला तो शिखा के
लिप्स तक पहुँच कर ख़तम हो जाता था,,,साले का लंड खड़ा होके भी 2 इंच का था,,ये हरामी
ऐसे ही बोलता रहता था कि मैं इतनी लड़कियों को चोद चुका हूँ,,,,,,कितनी लंबी लंबी छोड़ता
था साला,,,इसके पास तो एक बार लड़की आती होगी तो दोबारा भूल से भी नही आती होगी,,तभी तो उसको
ब्लॅकमेल करता था साला हरामी,,,,,,,,,मैने देखा कि 2 इंच के लंड से 2 मिनट मे ही पानी निकल
गया था जो शिखा के मूह मे गिरा ओर तभी शिखा ने उसको ज़मीन पर गिरा दिया ऑर मूह से गंदा 
थूक भी ज़मीन पर थूक दिया,,,,,,ऑर अमित को गुस्सा होने लगी लेकिन अमित ने उसको एक किस करते
हुए 2 प्यार भरी बातें करके मना लिया,,,,,,,,,,मैने वो बातें बाहर से नही सुनी थी क्योंकि 
तब तक मैं वहाँ से जा चुका था,,,,,,मैने कॅम से कार्ड निकाला ऑर वीडियो को कार्ड से कट करके 
अपने लप्पी मे पेस्ट ,,,.......ऑर कॅम को वापिस वहीं रख दिया,,,,,,ऑर घर को लॉक करके वहाँ से 
चला गया,,,,,,,,,,,,
 
आज मैं बहुत खुश था क्योंकि मुझे अमित के खिलाफ सबूत मिल गये थे ऑर
अब तो मैने करण की सिस को भी उसकी चंगुल से आज़ाद करवाने का अपना वादा पूरा कर दिया था,,
मैं खुशी खुशी अपने घर चल दिया,,,,,,,,,

मैं वहाँ से थोड़ा आगे ही पहुँचा था कि हल्की बारिश शुरू हो गई लेकिन मैं बहुत खुश था
ऑर बारिस में एंजाय करते हुए बाइक से घर की तरफ जा रहा था,,,मेरा बॅग वॉटरप्रूफ था जिस से 
लप्पी का या बुक्स के गीला होने का डर नही था,,,,मैने तो अपना पर्स ऑर मोबाइल भी बॅग मे डाल
दिया था,,,,,,,,,,घर पहुँचा तो तो डोर लॉक था मैं समझ गया कि मां ऑर मामा का खेल शुरू
होगा अंदर ,,,,लेकिन मेरे बेल बजाने के 2 मिनट बाद ही माँ ने दरवाजा खोल दिया,,,

माँ--अरे आज तू भी इतनी जल्दी आ गया,,,,,,,,,

मैं--मैं भी मतलब ,,,,,ऑर कॉन आया है जल्दी माँ,,,,,,
माँ--अरे तेरी बेहन सोनिया भी अभी कुछ देर पहले ही आई है ,,बोल रही थी कि कविता को घर पर कोई काम था इसलिए जल्दी आ गई,,,,,,,
मैं--,तभी मैं सोचु कि 2 मिनट मे दरवाजा कैसे खुल गया,,,सोनिया जो घर पर आ चुकी है,,
माँ--देख कैसे भीग कर आया है बारिश होती है तो एक जगह रुक नही सकता क्या तू,,,,,,,,,,
मैं--माँ रुक गया होता तो बारिश का मज़ा कैसे लेता,,,,,,,,,,
माँ--अच्छा हुए जब तेरी बेहन घर आई तो बारिश नही थी वरना वो भी भीग कर ही आती,,,,,,,चल बैठ यहाँ मैं कॉफी बना देती हूँ,,,,,,,,,,,

मैं--नही माँ मुझे नही पीनी कॉफी ,,,मैं बड़ा खुश था ऑर एक तो करण की सिस वाला वादा पूरा हो गया था ऑर साथ ही
बारिश मे भीग कर जिस्म मे एक मस्ती भर गई थी,,,,मैं जल्दी से अपने रूम मे भाग गया,रूम
मे जाते ही मैने बॅग ज़मीन पेर रखा ऑर देखा कि सोनिया बेड पर लेटी हुई थी,,मुझे भीगा हुआ
देख कर वो हैरान थी,,,,,,उसको नही पता था कि बारिश शुरू हो गई थी,,,,मैने शूस उतारे ऑर
जल्दी से बाहर जाने लगा तभी माँ भी मेरे रूम मे आ गई,,,,,,,,,,,,,

माँ--मुझे पता था तू छत पर जाने की कोशिश करेगा इसलिए मैं यहाँ आ गई,,,,,चुप चाप यहीं बैठ जा वरना ज़्यादा बारिश 
मे एंजाय करेगा तो बीमार हो जाएगा,,,,

लेकिन मैने माँ की बात नही सुनी ऑर छत पर भाग गया
माँ--सुन्नयययययी सुउन्न्णी रूको बेटा,,,,,,,,,,,,

माँ पीछे से आवाज़ लगा रही थी लेकिन मैने कोई बात नही सुनी ओर छत पे जाके बारिश का मज़ा लेने लगा,,,,,,मैं बारिश मे छत पे फेस उपर की तरफ करके खड़ा हो गया ऑर बारिश की बूँदों को अपने फेस पर महसूस करने लगा,,तभी मुझे वो पल याद आ गया जब शिखा ने अमित के लंड को मूह मे भरा था ऑर प्यार से चूसा था,,,शिखा भी एक दम से शोभा जैसी थी,,,,,,,गोरी चित्ति,भरा हुआ बदन,,,,मासूम सा चेहरा,,,छोटे छोटे पिंक ऑर सॉफ्ट लिप्स ,,,उसको अमित का लंड चूसना अच्छा नही लग रहा था लेकिन फिर भी वो बड़ी मस्ती मे अमित के लंड को चूस रही थी,,,,इतना सोच कर ही मेरी हालत खराब होने लगी,,,,,,तभी किसी के कदमो की आहट से मैं नींद से जाग गया,,,पीछे मूड कर देखा तो सोनिया छत पर आ गई थी,,,क्योंकि उसको भी बारिश मे भीगना बहुत अच्छा लगता था,,,,,उसको देख कर एक पल तो मैं गुम्सुम हो गया
'था,,,,,,,,,लेकिन दूसरे ही पल में मैं उसकी तरफ चलने लगा ऑर उसने मुझे उसकी तरफ़ आते देखा तो थोड़ा डर गई लेकिन मैं उसके पास से गुजर कर नीचे चला गया,,,,नीचे जाते टाइम मैं उसकी तरफ पीछे मूड कर देख रहा था,,,,वो बहुत उदास लग रही थी,,,,,लेकिन उसकी उदासी का मेरे पर कोई फ़र्क नही पड़ा,ऑर मैं नीचे चला गया,,,,,,,मैं बाथरूम मे गया ऑर जल्दी से कपड़े उतार कर नंगा हो गया ओर शवर ऑन करके शिखा ऑर सोनिया के नाम की मूठ मारने लगा,,क्योंकि आज दोनो ने मेरा मूड खराब कर दिया था,,,,,,लेकिन ना तो उसके साथ कुछ कर सका ऑर ना ही सोनिया के साथ,, बस अपना हाथ जगन-नाथ करके रह गया मैं,,,,,,,,,,,,,,




बाथरूम से बाहर निकल कर मैने लप्पी ऑन किया ऑर गेम खेलने लगा कुछ देर बाद ही सोनिया भी
नीचे आ गई ,,,उसका बदन भी पूरा भीगा हुआ था मैने एक नज़र उसकी तरफ़ देखा ऑर वापिस लप्पी
की तरफ देखने लगा वो भी सीधा अपने कपड़े लेके बाथरूम मे चली गई,,,,,,बाथरूम से बाहर
निकल कर वो अपने बेड पर बैठ गई ,,वो बेड से नीचे अपनी टाँगे ज़मीन पर रख कर बैठी हुई
था ऑर उसका ध्यान मेरी तरफ था,,,मैने भी लप्पी को ऐसे सेट किया जिस से मुझे उसका बदन तो
नज़र आ रहा था लेकिन चेहरा नही ,,,,,,,,,,वो भी मेरे चेहरे को नही देख सकती थी,,,उसका बेड
मेरे बेड से बस थोड़ा ही दूर था ,उसके पैर ज़मीन पर थे ऑर उसके हाथ बेड की लास्ट मे थे ऑर
वो अपने हाथों से अपने बेड की चादर को कभी पकड़ रही थी ऑर कभी छोड़ रही थी ऑर कभी -2
चादर को ज़ोर से हाथों से दबा रही थी,,,,,मुझे उसका एक हाथ ही नज़र आ रहा था दूसरा नही,
ज़ाहिर सी बात है उसका दूसरा हाथ भी ऐसी ही हरकत कर रहा होगा ,,क्योंकि ऐसी हरकत लड़की तभी
करती है जब वो बेचैन होती है कन्फ्यूज़ होती है,,,,,,,,,,,,,,उसने मुझे आवाज़ दी,,,,सन्नी,,,,,,,,,,
लेकिन मैं कुछ नही बोला,,,,,,,,,,,उसने फिर से बोला सन्नी,,,,,,,,,,,,,,,,,मैने कोई जवाब नही दिया
ओर चुप चाप से गेम खेलता रहा,,,,,,,,,,कुछ ही देर मे वो गुस्से मे उठी ऑर रूम से बाहर चली 
गई,,,,,उसके गुस्से का तब पता चला जब उसने दरवाजे को ज़ोर से बंद किया था,,,,,,,,मैं दिल ही दिल
मे खुश भी था उसको तंग करके लेकिन थोड़ा उदास भी था,,,,,,क्योंकि जैसे वो तड़प रही थी 
मेरे से बात करने के लिए वैसे ही मैं भी तडप रहा था उस से बात करने के लिए,,,लेकिन पता नही
क्यू मैं बार बार उसको तंग कर रहा था ,,,शायद इसकी वजह थी मेरा ईगो,,,,,,मैं कुछ अकड़
मे था ,,,,,होता भी क्यू नही अगर वो गुस्सा कर सकती थी तो मैं क्यू नही,,,,,,,

मैं गेम खेलते खेलते गेम मे ही खो गया कब शाम हुई पता ही नही चला,,,,,शाम को मुझे
करण का फोन आया,,,,उसने मुझे घर बुलाया ऑर मैं भी बाइक लेके उसके घर की तरफ चल पड़ा
उसके घर पहुँचा तो अलका आंटी ने गेट खोला,,,,,,,,,उन्होने ब्लॅक कलर का पंजाबी सूट पहना हुआ 
था जिसका कट कुछ ज़्यादा ही डीप था,,,,,,मैं इतना ज़्यादा खो गया आंटी के सूट के डीप कट की गहराई 
मे कि ना तो आंटी को नमस्ते बोला ऑर ना ही आंटी के अंदर बुलाने पर अंदर गया,,,,,,,,,,,,तभी आंटी
ने मेरे शोल्डर से पकड़ कर मुझे हिलाया,,,,,,,,,,,,,,,,,,

आंटी--क्या हुआ बेटा कहाँ खो गये हो,,,,,,,,

मेरा ध्यान एक दम से आंटी के फेस की तरफ गया तो वो हल्के से मुस्कुरा रही थी ,,,,,,,,,,,
मैं--आह ककुउक्च न्ंहिी अयूयूंट मैईन वऊू,,,,,,,,,

आंटी हंसते हुए,चलो अंदर आओ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
 
मैं अंदर गया ऑर आंटी को नमस्ते बोला,,,,,,,,,,आंटी ने भी रिप्लाइ किया ऑर मुझे करण के रूम मे जाने को बोल खुद चाइ
बनाने किचन मे चली गई,,,,,,,,,,जब वो किचन मे जा रही थी मैं वही खड़ा उनकी बड़ी गान्ड को देख
रहा था तभी वो किचन के अंदर जाते टाइम वापिस पलटी ऑर मेरी तरफ देख कर फिर किचन के अंदर चली
गई,,,,,,मैं भी उनके देखते ही एक दाम से भाग कर वहाँ से करण के रूम मे चला गया,,,,,,,,मुझे देख कारण मेरे से गले लग्के मिला ,,,,,,,,,,,,,,,,,,

मैं--क्या बात थी करण मुझे जल्दी क्यू बुलाया कोई पंगा हुआ क्या,,,,,,,,,

करण--हाँ सन्नी भाई एक पंगा हो गया है,,,,,,,,,

मैं--क्या हुआ अब करण,,,,,,

कारण--दीदी ने माँ को अमित के बारे मे बता दिया है माँ ने बोला कि दाद तो यहाँ नही है इसलिए वो नाना-नानी के 
घर जाके उनसे अमित की बात करेगी ऑर शायद फिर नाना-नानी के साथ जाके अमित के घर वालो से भी बात करेगी
,,,,तू जल्दी कुछ कर यार वरना अमित मेरा जीजा बन जाएगा ऑर हरामी को जीजा क्या मैं अपने घर का कुत्ता नही
बना सकता,,,,,,,,प्ल्ज़्ज़ सन्नी यार कुछ करो जल्दी से,,,,,,,,,

मैं--कब जाना है तेरी मोम ने,,,,,,,,,,,

कारण--शायद कल ही जाना है मोम ऑर दीदी को ,,,,,,,,,,,,

मैं--देख तू कोशिश कर तेरी दीदी ना जा सके वहाँ,,,,,,,तुम चले जाओ अपनी माँ के साथ ऑर दीदी को घर छोड़ जाना
मैं कल तेरी दीदी से बात करूँगा,,,,,,,,,,,

करण--नही सन्नी,,,,,,,,तुम क्या बात करोगे दीदी से,,,,ऑर तुमने कोई बात की तो दीदी मेरे पे गुस्सा करेगी कि मैने
घर की बात तेरे को क्यूँ बताई,,,,,,,,,फिर माँ भी गुस्सा करेगी अगर दीदी ने माँ को भी बता दिया तो,,,,

मैं--करण तुम टेन्षन मत लो कुछ नही होगा,,,,,,,,,,जैसे शिखा तेरी बेहन है वैसे ही मेरी बेहन है,,मैं 
दीदी से बात करूँगा तो दीदी पक्का समझ जाएगी,,,ऑर तुमको मेरे पर यकीन है या नही,,,,,,

करण--यकीन तो है सन्नी तभी तो सब कुछ बताया था तेरे को,,,,,,,लेकिन दीदी को कल कैसे रोकू माँ के साथ जाने से

मैं--ये तेरी टेन्षन है करण,,,,,तू बस किसी तरह से दीदी को रोक लेना ऑर खुद माँ के साथ चला जाना,,,,,,,,बाकी
सब मेरे पे छोड़ दे,,,,,,मैं सब संभाल लूँगा,,,,,,,,,,इतने प्यार से मनाउन्गा दीदी को की दीदी बड़ी आसानी से
समझ जाएगी,,,,,,,,,

करण--ठीक है सन्नी भाई मैं पूरी कोशिश करूँगा,,,,,,,,,,,

मैं--कोशिश नही करण तुझे दीदी को घर पर रोकना ही होगा वरना मैं कुछ नही कर सकता,,,अब सोच ले,,तू दीदी
को रोक सकेगा तभी मैं कोई बात कर सकूँगा,,,,,,,,वरना मुश्किल होगा ,,,,,,,,

कारण--ठीक है सन्नी मैं दीदी को रोक लूँगा ऑर खुद चला जाउन्गा,,,,,,,,,,,,

तभी आंटी कॉफी लेके आ गई,,,,,,,,,,कॉफी टेबल पर रखके आंटी वही रुक गई ऑर हम दोनो चुप हो गये,,,

आंटी--पता नही तुम दोनो क्या बात करते रहते हो ,,,,,,,कोई ख़ास बात ही होगी तभी मेरे आते ही चुप कर जाते हो,,

मैं--जी आंटी ख़ास बात ही होती है,,,,,,,,,वैसे भी हम बड़े हो गये है,,,,,,,

आंटी--जानती हूँ बेटा तुम लोग बड़े हो गये हो ऑर तुम लोगो की बातें भी बड़ी हो गई है,,,ऑर हँसते हुए कमरे से 
बाहर जाने लगी,,,,,,,,

मैं--जी आंटी,,,,,,,,बातें भी बड़ी हो गई है ऑर टॉपिक भी,,,,,,,,मैने आंटी को स्माइल करते हुए देखा ,,,आंटी ने
भी एक हल्की स्माइल दी ऑर वहाँ से चली गई,,,,,,,,,,,

मैने चाइ ख़तम की ऑर करण को बाइ बोलके चला गया,,,,,,,,तुम बस दीदी को रोक लेना बाकी टेन्षन मेरी मैं
सब कुछ ठीक कर दूँगा करण,,,,,,,,,


मैं घर की तरफ आने लगा तभी मैं जब बुआ के बुटीक के पास से गुजर रहा था मैने देखा कि डॅड
ऑटो से उतर कर बुटीक के पिछले गेट से अंदर चले गये,,,,,,,,,,मैने सोचा की अगर डॅड के पास कार है तो
डॅड ऑटो मे क्यूँ आए है,,,,,,,,,,,,,तभी जल्दी से मैने डॅड को फोन किया,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,हेलो डॅड,,,,,,,,,,,,
डॅड--हेलो सन्नी ,,,,,,,,,,,,,,,,,
मैं--डॅड आप कहाँ हो,,,,,,,,,,,,,,,,,,
डॅड-क्यू बेटा कोई काम था क्या,,,,,,,,,,,,,,,
मैं--जी डॅड तभी तो फोन किया है,,,,,,,,,,,,,,,,,,
डॅड--मैं देल्ही जा रहा हूँ बेटा बॅंक के काम से कल वापिस आउन्गा,तुमको क्या काम था बेटा,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
मैं--डॅड मुझे आपकी कार चाहिए थी,,,,,,,,,,,
डॅड-बेटा वो तो रेलवे स्टीशन की पार्किंग मे है अब ओर मैं ट्रेन मे हूँ,,,,,,,,,,,,,,,,,

मैं--ओके डॅड मैं कहीं ऑर से कार का बंदोबस्त कर लेता हूँ,,,आप जाओ एंजाय करो,,,,,,,,,,,,,मैने फोन कट कर दिया,,,,,,,,अब पता चला साला मेरा बाप बॅंक के काम से इतना बाहर क्यूँ जाता है,,,,,,,मेरे दिल मे हलचल होने लगी क्यू ना आज डॅड की चुदाई देखी जाए,,,,,मैने बाइक एक साइड पर लगा दिया,,,ऑर आराम से गेट की तरफ़ दबाने लगा मैने गेट के लॉक को बड़े प्यार से खोला ,,,उस दिन की बुआ के बुटीक की दूसरी चाबी अभी तक मेरे पास थी,,,,,,,,,,मैं गेट खोल कर उपर चला गया,,,,,,,,,,उपर वाला डोर भी लॉक था,,,,,,उसकी भी चाबी थी मेरे पास,,,,,,,,,,मैने लॉक खोला ऑर अंदर गया तो देखा 
कि उपर वाला एक रूम का दरवाजा तो खुला हुआ था लेकिन दूसरे रूम का दरवाजा बूँद था,,,,,,,,मैं बड़े आराम से उस दरवाजे के पास गया ऑर कान लगा कर अंदर की बात सुनने लगा,,,अंदर से बुआ ऑर डॅड की आवाज़ आ
रही थी जिस से मुझे कोई ख़ास फरक नही पड़ा,,,,,,,,,लेकिन तभी मुझे एक ऐसी आवाज़ सुनाई दी जिस ने मेरे होश
उड़ा दिए थे,,,,,,,,,,,ये आवाज़ शोभा दीदी की थी,,,,,,,

बुआ--बड़ा टाइम लगा दिया भाई हम कब्से वेट कर रहे थे,,,,,,,,,,

डॅड--क्या करू बेहन घर से निकलने मे टाइम लग जाता है,,,,,,,,,आज मनीषा नही आई,,,,,

शोभा--क्यू डॅड बड़ी याद आ रही है मनीषा की अपनी बेटी से दिल भर गया क्या,,,,,,,,,,
 
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