hotaks444
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- Nov 15, 2016
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सुरेश पूरे गुस्से मे बोला और निशाना सोनिया की तरफ करते हुए गोली चला दी,,,सन्नी पहले
ही समझ गया था कि अब सुरेश गोली चला देगा इसलिए वो जल्दी से सोनिया के सामने आ गया
और सोनिया को धक्का दे दिया,,,सोनिया धक्का लगते ही ज़मीन पर गिर गयी और गोली लगी सन्नी
के लेफ्ट शोल्डर के थोड़ा नीचे हार्ट के उपर,,,,,
सन्नी को गोली लगी तो एक दम से सोनिया और कविता के मुँह से चीख के साथ सन्नी का नाम
निकल गया ,,,,,सुउुुउउन्न्ञननन्न्नययययययययययययी
गोली लगते ही सन्नी भी सोनिया के करीब ही ज़मीन पर गिर गया,,,,,इस से पहले सुरेश
दूसरी गोली चलाता कविता भाग कर ज़मीन पर गिरे हुए सन्नी के सामने आ गयी और सन्नी की
तरफ बढ़ने वाली गोली खुद के सीने पर खाने को तैयार हो गयी,,,,,
गोली लगने के बाद मैं ज़मीन पर गिरा हुआ था जबकि सोनिया ने भाग कर मुझे बाहों मे
भर लिया और मेरे जिस्म को पीछे से बाहों मे भरके खुद के आधे जिस्म को मेरी छाती पर
कर दिया और मुझे बचाने लगी,,,,कविता मेरे सामने आके घुटनो के बल बैठ गयी ,,,,
सुरेश हँसने लगा,,,,,अरे वाह मान गया सन्नी 2-2 माशूक़ ,,,,एक की खातिर तू मरने को
तैयार है और दूसरी तेरी खातिर मरने को तैयार है,,,,मारना तो मैं एक को चाहता हूँ लेकिन
लेकिन सोचता हूँ क्यूँ ना दोनो को मार दूं,,,इस से ज़्यादा तडपेगा तू,,ज़्यादा दर्द होगा जब
दोनो चाहने वालियों को मैं तेरे से दूर कर दूँगा,,,,
सुरेश ने निशाना किया कविता की तरफ और फिर एक गोली चली,,,,लेकिन जैसे ही गोली चली
सुरेश ज़मीन पर गिर गया,,,,मैं हैरान हो गया ,,,,,,तभी मेरी नज़र पड़ी गेट के पास
खड़े थे ख़ान भाई,,,,,ख़ान भाई के हाथ मे भी पिस्टल थी जिस से उन्होने सुरेश की
एक टाँग पर गोली मारी थी,,,जैसे ही सुरेश को गोली लगी वो ज़मीन पर गिरा और गिरते ही
अपना निशाना किया ख़ान भाई की तरफ और गोली चला दी लेकिन ख़ान भाई बच गये और गोली
लगी गेट पर ,,,,तभी ख़ान भाई ने दूसरी गोली चलाई तो सुरेश ज़मीन पर लेट गया
उसका वो हाथ जिसमे पिस्टल पकड़ी हुई थी वो भी ज़मीन पर गिर गया,,,,मैने देखा गोली
सुरेश के दिल पर लगी थी,,,,,शायद वो मर गया था,,,,
सुरेश के गिरते ही कविता जल्दी से सुरेश की तरफ भागी और उसके हाथ से पिस्टल लेने लगी
तभी ख़ान भाई ने उसको रोक लिया,,,,,,नही बेटी ऐसा मत करो,,,ये सबूत है उसपे उसकी
उंगलियों के निशान है,,,
कविता सुरेश के हाथ से पिस्टल लेके बाकी की बची हुई गोलियाँ भी सुरेश के सीने मे
उतार देना चाहती थी,,,,लेकिन ख़ान भाई ने उसको रोक लिया था,,,,ख़ान भाई ने कविता को
'पीछे से पकड़ा हुआ था इसलिए कविता गुस्से मे सुरेश के जिस्म पर टाँगे मारने लगी और
ज़ोर ज़ोर से चिल्ला कर बोलने लगी,,,,तेरी हिम्मत कैसे हुई मेरे सन्नी को गोली मारने की
मैं तेरा खून पी जाउन्गी ,,,कामीने,,,,कविता ज़ोर ज़ोर से चिल्ला रही थी और सुरेश की
लाश को अपने पैरो से मार रही थी,,,
तभी ख़ान भाई फिर से बोले,,,,बस कर बेटी वो मर गया है,,,,लेकिन कविता ख़ान भाई की
बात ही नही सुन रही थी,,,,
फिर मैं धीरे से बोला,,,,बस कर कविता वो मर गया है,,,,,कविता ने मेरी बात सुनी
और भाग कर मेरे पास आ गयी,,,,तभी ख़ान भाई ने कविता और सोनिया को मेरे जख्म पर
पूरा ज़ोर लगा कर दबाने को बोला,,,,
तुम दोनो जखम पर ज़ोर से दबा कर रखो,,,ज़्यादा खून मत निकलने देना,,,मैं आंब्युलेन्स
को कॉल करता हूँ,,,,
लेकिन ख़ान भाई अप यहाँ कैसे आए ,,,मैने हल्की आवाज़ मे ख़ान भाई से पूछा,,,,
मुझे इसके बाप का फोन आ गया था सन्नी,,,,उसने बोला था कि ये घर से पिस्टल लेके तेरे
घर तुझे मारने आ रहा है ,,,,उन्होने बोला था कि जो भी करना पड़े अबकी बार सुरेश को
कोई और ज़ुल्म मत करने देना,,,,मैं उनकी बात समझ गया था,,,मैने तेरे को फोन भी किए
कितनी बार लेकिन तूने फोन उठाया ही नही इसलिए मैं खुद तेरे घर तुझे बताने आ
गया था,,,,लेकिन यहाँ आके देखा तो ,,,,
अच्छा हुआ ख़ान बही आप सही टाइम पर आ गये,,,,,वरना आज मैं,,,,,
तभी सोनिया ने मेरे मुँह पर हाथ रख दिया,,,,वो रो रही थी और रोती हुई मुझे कुछ भी
ग़लत बोलने से मना कर रही थी,,,,,,कविता भी मेरे पास बैठकर रो रही थी,,,
फिर ख़ान भाई पोलीस और आंब्युलेन्स को फोन करने लगे,,,मैं ज़मीन पर गिरा हुआ था मेरा
सर सोनिया की गोद मे था,,,,उसका एक हाथ मेरे जखम पर दबा हुआ था और एक हाथ मेरे सर
को प्यार से सहला रहा था ,,,,कविता का भी हाथ सोनिया के हाथ के साथ मेरे जखम को
दबा रहा था ताकि ज़्यादा खून ना निकले,,लेकिन खून बहुत निकल चुका था इसलिए मैं
सोनिया की गोद मे बेहोश हो गया,,,,,,
जब होश आया तो मैं हॉस्पिटल मे था,,,साइड पर एक नर्स खड़ी हुई थी जो मुझे खून की
बॉटल चढ़ा रही थी,,,,मैने हल्की आँखें खोली और इधर उधर देखा तो कविता मेरे
पास एक टेबल पर बैठी हुई थी,,,,,
मेरे शोल्डर पर पट्टी हो चुकी थी,,,कविता मेरे पास ही बैठी हुई थी और उसका सर
मेरे बेड पर टिका हुआ था,,शायद वो सो रही थी,,,,लेकिन जैसे ही मुझे होश आया और नर्स
बाहर की तरफ भागी तो कविता उठ गयी,,,,
मुझे होश आते ही नर्स डॉक्टर को लेने चली गयी,,,,नर्स के बार जाते ही कविता उठी और रोते
हुए मेरे गले लग गयी,,,,
अब कैसा है तू,,,,दर्द तो नही हो रहा,,,,,,,अभी मैं कविता की बात का जवाब देने ही
लगा था कि माँ भुआ और शोभा भी वहाँ आ गयी,,,
सब लोगो की आँखें नम थी,,,,सब की सब रो रही थी,,,,,,तभी पीछे से डॉक्टर आ गया
चलो चलो इतना रश मत लगाओ,,,,,थोड़ा आराम करने दो इसको,,,
तभी माँ बोली,,,,,,अब कैसा है मेरा बेटा डॉक्टर साहब,,, कोई ख़तरा तो नही,,,,
नही बहन जी, अब कोई ख़तरा नही,,,,,गोली जिस्म के आर पार हो गयी थी इसलिए गोली का
जहर नही फैला जिस्म मे और गोली ना तो दिल को टच हुई और ना ही किसी बोन को,,किस्मत
वाला है सन्नी,,,,,,जो बच गया,,,,,,लेकिन फिर भी गोली जिस्म से आरपार हुई है तो कुछ
डॅमेज तो हुआ है,,,,,खून भी बहुत निकला है,,,,लेकिन अब घबराने की ज़रूरत नही इसको
कुछ खून की बॉटल चढ़ानी है बाकी ये ख़तरे से बाहर है,,,,अब आप लोग बाहर जाओ
मुझे इसका चेक-अप करना है जल्दी ही इसको प्राइवेट रूम मे शिफ्ट कर दूँगा फिर आराम से
मिल लेना इसको,,,
डॉक्टर के कहने पर सभी लोग बाहर चले गये लेकिन कविता नही गयी,,,,डॉक्टर ने कविता
को भी बाहर जाने को बोला लेकिन उसने मना कर दिया,,,,,
तभी माँ बोल पड़ी,,,,,इसको यहीं रहने दीजिए डॉक्टर साहब,,,,जबसे आई है तबसे एक पल
के लिए दूर नही हुई ये सन्नी से,,,,
सब लोग बाहर चले गये लेकिन कविता मेरा हाथ पकड़ कर वहीं बैठी रही,,,,,डॉक्टर ने
कुछ चेक-अप किया और वहाँ से चला गया,,,फिर मुझे भी प्राइवेट रूम मे शिफ्ट कर दिया
गया,,,,,
ही समझ गया था कि अब सुरेश गोली चला देगा इसलिए वो जल्दी से सोनिया के सामने आ गया
और सोनिया को धक्का दे दिया,,,सोनिया धक्का लगते ही ज़मीन पर गिर गयी और गोली लगी सन्नी
के लेफ्ट शोल्डर के थोड़ा नीचे हार्ट के उपर,,,,,
सन्नी को गोली लगी तो एक दम से सोनिया और कविता के मुँह से चीख के साथ सन्नी का नाम
निकल गया ,,,,,सुउुुउउन्न्ञननन्न्नययययययययययययी
गोली लगते ही सन्नी भी सोनिया के करीब ही ज़मीन पर गिर गया,,,,,इस से पहले सुरेश
दूसरी गोली चलाता कविता भाग कर ज़मीन पर गिरे हुए सन्नी के सामने आ गयी और सन्नी की
तरफ बढ़ने वाली गोली खुद के सीने पर खाने को तैयार हो गयी,,,,,
गोली लगने के बाद मैं ज़मीन पर गिरा हुआ था जबकि सोनिया ने भाग कर मुझे बाहों मे
भर लिया और मेरे जिस्म को पीछे से बाहों मे भरके खुद के आधे जिस्म को मेरी छाती पर
कर दिया और मुझे बचाने लगी,,,,कविता मेरे सामने आके घुटनो के बल बैठ गयी ,,,,
सुरेश हँसने लगा,,,,,अरे वाह मान गया सन्नी 2-2 माशूक़ ,,,,एक की खातिर तू मरने को
तैयार है और दूसरी तेरी खातिर मरने को तैयार है,,,,मारना तो मैं एक को चाहता हूँ लेकिन
लेकिन सोचता हूँ क्यूँ ना दोनो को मार दूं,,,इस से ज़्यादा तडपेगा तू,,ज़्यादा दर्द होगा जब
दोनो चाहने वालियों को मैं तेरे से दूर कर दूँगा,,,,
सुरेश ने निशाना किया कविता की तरफ और फिर एक गोली चली,,,,लेकिन जैसे ही गोली चली
सुरेश ज़मीन पर गिर गया,,,,मैं हैरान हो गया ,,,,,,तभी मेरी नज़र पड़ी गेट के पास
खड़े थे ख़ान भाई,,,,,ख़ान भाई के हाथ मे भी पिस्टल थी जिस से उन्होने सुरेश की
एक टाँग पर गोली मारी थी,,,जैसे ही सुरेश को गोली लगी वो ज़मीन पर गिरा और गिरते ही
अपना निशाना किया ख़ान भाई की तरफ और गोली चला दी लेकिन ख़ान भाई बच गये और गोली
लगी गेट पर ,,,,तभी ख़ान भाई ने दूसरी गोली चलाई तो सुरेश ज़मीन पर लेट गया
उसका वो हाथ जिसमे पिस्टल पकड़ी हुई थी वो भी ज़मीन पर गिर गया,,,,मैने देखा गोली
सुरेश के दिल पर लगी थी,,,,,शायद वो मर गया था,,,,
सुरेश के गिरते ही कविता जल्दी से सुरेश की तरफ भागी और उसके हाथ से पिस्टल लेने लगी
तभी ख़ान भाई ने उसको रोक लिया,,,,,,नही बेटी ऐसा मत करो,,,ये सबूत है उसपे उसकी
उंगलियों के निशान है,,,
कविता सुरेश के हाथ से पिस्टल लेके बाकी की बची हुई गोलियाँ भी सुरेश के सीने मे
उतार देना चाहती थी,,,,लेकिन ख़ान भाई ने उसको रोक लिया था,,,,ख़ान भाई ने कविता को
'पीछे से पकड़ा हुआ था इसलिए कविता गुस्से मे सुरेश के जिस्म पर टाँगे मारने लगी और
ज़ोर ज़ोर से चिल्ला कर बोलने लगी,,,,तेरी हिम्मत कैसे हुई मेरे सन्नी को गोली मारने की
मैं तेरा खून पी जाउन्गी ,,,कामीने,,,,कविता ज़ोर ज़ोर से चिल्ला रही थी और सुरेश की
लाश को अपने पैरो से मार रही थी,,,
तभी ख़ान भाई फिर से बोले,,,,बस कर बेटी वो मर गया है,,,,लेकिन कविता ख़ान भाई की
बात ही नही सुन रही थी,,,,
फिर मैं धीरे से बोला,,,,बस कर कविता वो मर गया है,,,,,कविता ने मेरी बात सुनी
और भाग कर मेरे पास आ गयी,,,,तभी ख़ान भाई ने कविता और सोनिया को मेरे जख्म पर
पूरा ज़ोर लगा कर दबाने को बोला,,,,
तुम दोनो जखम पर ज़ोर से दबा कर रखो,,,ज़्यादा खून मत निकलने देना,,,मैं आंब्युलेन्स
को कॉल करता हूँ,,,,
लेकिन ख़ान भाई अप यहाँ कैसे आए ,,,मैने हल्की आवाज़ मे ख़ान भाई से पूछा,,,,
मुझे इसके बाप का फोन आ गया था सन्नी,,,,उसने बोला था कि ये घर से पिस्टल लेके तेरे
घर तुझे मारने आ रहा है ,,,,उन्होने बोला था कि जो भी करना पड़े अबकी बार सुरेश को
कोई और ज़ुल्म मत करने देना,,,,मैं उनकी बात समझ गया था,,,मैने तेरे को फोन भी किए
कितनी बार लेकिन तूने फोन उठाया ही नही इसलिए मैं खुद तेरे घर तुझे बताने आ
गया था,,,,लेकिन यहाँ आके देखा तो ,,,,
अच्छा हुआ ख़ान बही आप सही टाइम पर आ गये,,,,,वरना आज मैं,,,,,
तभी सोनिया ने मेरे मुँह पर हाथ रख दिया,,,,वो रो रही थी और रोती हुई मुझे कुछ भी
ग़लत बोलने से मना कर रही थी,,,,,,कविता भी मेरे पास बैठकर रो रही थी,,,
फिर ख़ान भाई पोलीस और आंब्युलेन्स को फोन करने लगे,,,मैं ज़मीन पर गिरा हुआ था मेरा
सर सोनिया की गोद मे था,,,,उसका एक हाथ मेरे जखम पर दबा हुआ था और एक हाथ मेरे सर
को प्यार से सहला रहा था ,,,,कविता का भी हाथ सोनिया के हाथ के साथ मेरे जखम को
दबा रहा था ताकि ज़्यादा खून ना निकले,,लेकिन खून बहुत निकल चुका था इसलिए मैं
सोनिया की गोद मे बेहोश हो गया,,,,,,
जब होश आया तो मैं हॉस्पिटल मे था,,,साइड पर एक नर्स खड़ी हुई थी जो मुझे खून की
बॉटल चढ़ा रही थी,,,,मैने हल्की आँखें खोली और इधर उधर देखा तो कविता मेरे
पास एक टेबल पर बैठी हुई थी,,,,,
मेरे शोल्डर पर पट्टी हो चुकी थी,,,कविता मेरे पास ही बैठी हुई थी और उसका सर
मेरे बेड पर टिका हुआ था,,शायद वो सो रही थी,,,,लेकिन जैसे ही मुझे होश आया और नर्स
बाहर की तरफ भागी तो कविता उठ गयी,,,,
मुझे होश आते ही नर्स डॉक्टर को लेने चली गयी,,,,नर्स के बार जाते ही कविता उठी और रोते
हुए मेरे गले लग गयी,,,,
अब कैसा है तू,,,,दर्द तो नही हो रहा,,,,,,,अभी मैं कविता की बात का जवाब देने ही
लगा था कि माँ भुआ और शोभा भी वहाँ आ गयी,,,
सब लोगो की आँखें नम थी,,,,सब की सब रो रही थी,,,,,,तभी पीछे से डॉक्टर आ गया
चलो चलो इतना रश मत लगाओ,,,,,थोड़ा आराम करने दो इसको,,,
तभी माँ बोली,,,,,,अब कैसा है मेरा बेटा डॉक्टर साहब,,, कोई ख़तरा तो नही,,,,
नही बहन जी, अब कोई ख़तरा नही,,,,,गोली जिस्म के आर पार हो गयी थी इसलिए गोली का
जहर नही फैला जिस्म मे और गोली ना तो दिल को टच हुई और ना ही किसी बोन को,,किस्मत
वाला है सन्नी,,,,,,जो बच गया,,,,,,लेकिन फिर भी गोली जिस्म से आरपार हुई है तो कुछ
डॅमेज तो हुआ है,,,,,खून भी बहुत निकला है,,,,लेकिन अब घबराने की ज़रूरत नही इसको
कुछ खून की बॉटल चढ़ानी है बाकी ये ख़तरे से बाहर है,,,,अब आप लोग बाहर जाओ
मुझे इसका चेक-अप करना है जल्दी ही इसको प्राइवेट रूम मे शिफ्ट कर दूँगा फिर आराम से
मिल लेना इसको,,,
डॉक्टर के कहने पर सभी लोग बाहर चले गये लेकिन कविता नही गयी,,,,डॉक्टर ने कविता
को भी बाहर जाने को बोला लेकिन उसने मना कर दिया,,,,,
तभी माँ बोल पड़ी,,,,,इसको यहीं रहने दीजिए डॉक्टर साहब,,,,जबसे आई है तबसे एक पल
के लिए दूर नही हुई ये सन्नी से,,,,
सब लोग बाहर चले गये लेकिन कविता मेरा हाथ पकड़ कर वहीं बैठी रही,,,,,डॉक्टर ने
कुछ चेक-अप किया और वहाँ से चला गया,,,फिर मुझे भी प्राइवेट रूम मे शिफ्ट कर दिया
गया,,,,,