hotaks444
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अजय चुपचाप इस शानदार चुदाई को निहारे जा रहा था। क्योंकि उसकी बारी फिलहाल समाप्त हो चुका था ।।
इस जबरदस्त चुदाई के दौरान संजय ने औरत को बुरी तरह जकड़ रखा था अपनी बांहों में .
उधर चुचियों का मसला जाना चल रहा था मुकेश और राजु के द्वारा । राजु के लंड को औरत मुंह से चुसती भी जा रही थी।
''चोदो.....चोदो और जमकर चोदो....।'' मुकेश ने संजय का उत्साह बढ़ाया चोदने में । और संजय पुरी ताकत के साथ औरत की बुर पर पड़ा हुआ था। उसकी सांस तेज चलने लगी थी बहुत तेजी से चोदने के कारण । | लेकिन थोड़ी देर में ही संजय का लंड वीर्य उगलने लगा औरत की बूर के अंदर औरत की बुर उसके गरम-गरम वीर्य को पीने लगी . और मस्ती में झूमने लगी . वीर्य उगलते-उगलते संजय का लंड शांत हो गया और साथ ही शांत हो गई संजय के शरीर की हरकत । सुस्त हो गया उसका लंड । ।
तभी मुकेश ने कहा-हो गया तेरे लंड का भी काम तमाम चल हटा अब मुझे चोदने.दे | यह सुनकर संजय धीरे से उठा और अजय की बगल में आकर बैठ गया और अपने लण्ड को एक कपड़े से पोछने लगा।
मुकेश के खड़े हुए लण्ड को आने हाथ मे लेकर तपाक से गुलाबी अपनी बुर से रगड़ते हुए हंसते हुए बोली '' हां, अब आप भी अपने लण्ड का बुखार उतार ही लीजिए ।
संजय ने हंसते हुए कहा- ''मेरा लण्ड भी बहुत मजबुत है गुलाबो ''।
गुलाबी ; ''सो तो अभी पता चल ही जायेगा ।''
मुकेश ; ''मेरा लण्ड संजय के लण्ड से ज्यादा ताकतवर है।''
'' हाथ कगन को आरसी क्या । पढ़े लिखे को फ़ारसी क्या जो चोदकर गये है एक बार उन्हें देख लो शहरी बाबू ।''
यह सुनकर मुकेश पहले अपने आप को बुर चोदने की पोज़ीशन में ला कर और अपने लण्ड को औरत के बिचके हुए बुर के पास और धीरे-धीरे से धक्का मारा। बिना किसी बाधा के उसका लण्ड औरत की बुर में थोड़ा सा घुस गया ।
मुकेश ने दुबारा धक्का मारा तो उसका लण्ड थोड़ा और बुर के अन्दर चला गया। वह समझ गया कि बुर का लाईन एकदम किलीयर है और बस दनादन लण्ड को पेलते जाना है। आखिर औरत का बुर अब तक दो लण्डों से चुदवा चुका था। |
''जोर से धक्का मारिये, धीरे-धीरे क्या मेरे बुर को सहला रहे हैं।'' औरत बोली ।
''अभी बताती हूँ आपके ३ लंड बुर को आप क्या बताईएगा । चोद -चोदकर कर मज़े लीजिए । आखिर मेरा बुर है किसलिए भगवान ने बुर को बनाया ही है चुदवाने के लिए, क्या दुनियां में ऐसी कोई औरत है जिसका बुर चोदा नहीं जाता हो '' औरत कही।
इस जबरदस्त चुदाई के दौरान संजय ने औरत को बुरी तरह जकड़ रखा था अपनी बांहों में .
उधर चुचियों का मसला जाना चल रहा था मुकेश और राजु के द्वारा । राजु के लंड को औरत मुंह से चुसती भी जा रही थी।
''चोदो.....चोदो और जमकर चोदो....।'' मुकेश ने संजय का उत्साह बढ़ाया चोदने में । और संजय पुरी ताकत के साथ औरत की बुर पर पड़ा हुआ था। उसकी सांस तेज चलने लगी थी बहुत तेजी से चोदने के कारण । | लेकिन थोड़ी देर में ही संजय का लंड वीर्य उगलने लगा औरत की बूर के अंदर औरत की बुर उसके गरम-गरम वीर्य को पीने लगी . और मस्ती में झूमने लगी . वीर्य उगलते-उगलते संजय का लंड शांत हो गया और साथ ही शांत हो गई संजय के शरीर की हरकत । सुस्त हो गया उसका लंड । ।
तभी मुकेश ने कहा-हो गया तेरे लंड का भी काम तमाम चल हटा अब मुझे चोदने.दे | यह सुनकर संजय धीरे से उठा और अजय की बगल में आकर बैठ गया और अपने लण्ड को एक कपड़े से पोछने लगा।
मुकेश के खड़े हुए लण्ड को आने हाथ मे लेकर तपाक से गुलाबी अपनी बुर से रगड़ते हुए हंसते हुए बोली '' हां, अब आप भी अपने लण्ड का बुखार उतार ही लीजिए ।
संजय ने हंसते हुए कहा- ''मेरा लण्ड भी बहुत मजबुत है गुलाबो ''।
गुलाबी ; ''सो तो अभी पता चल ही जायेगा ।''
मुकेश ; ''मेरा लण्ड संजय के लण्ड से ज्यादा ताकतवर है।''
'' हाथ कगन को आरसी क्या । पढ़े लिखे को फ़ारसी क्या जो चोदकर गये है एक बार उन्हें देख लो शहरी बाबू ।''
यह सुनकर मुकेश पहले अपने आप को बुर चोदने की पोज़ीशन में ला कर और अपने लण्ड को औरत के बिचके हुए बुर के पास और धीरे-धीरे से धक्का मारा। बिना किसी बाधा के उसका लण्ड औरत की बुर में थोड़ा सा घुस गया ।
मुकेश ने दुबारा धक्का मारा तो उसका लण्ड थोड़ा और बुर के अन्दर चला गया। वह समझ गया कि बुर का लाईन एकदम किलीयर है और बस दनादन लण्ड को पेलते जाना है। आखिर औरत का बुर अब तक दो लण्डों से चुदवा चुका था। |
''जोर से धक्का मारिये, धीरे-धीरे क्या मेरे बुर को सहला रहे हैं।'' औरत बोली ।
''अभी बताती हूँ आपके ३ लंड बुर को आप क्या बताईएगा । चोद -चोदकर कर मज़े लीजिए । आखिर मेरा बुर है किसलिए भगवान ने बुर को बनाया ही है चुदवाने के लिए, क्या दुनियां में ऐसी कोई औरत है जिसका बुर चोदा नहीं जाता हो '' औरत कही।