hotaks444
New member
- Joined
- Nov 15, 2016
- Messages
- 54,521
राहुल : लेकिन वेकिन छोड़ यार , किस्मत ने मिलाया है हमें इस रूप में तो मज़े लेते हैं ! वैसे तो कभी भी और किसी को भी मैंने ये बात न बताई , न ही बताता ; पर तुमको आज बता देता हूँ !
मैं : कौन सी बात भैया ? ( मैंने बहुत ध्यान से भैया को देखते हुए कहा )
राहुल : देखो सुमन , तू बचपन से ही मुझे बहुत अच्छी लगती है ! मैं बहुत शर्मीला हूँ तू तो जानती है ! मैं छुप कर तुम्हें कपडे बदलते और नहाते देखता था ! तुम तो इतना ख्याल रखती थी अपना कि बंद बाथरूम में नहाते समय भी कपडे पहन के नहाती थी ! सिर्फ एक दो बार ही मैं तुम्हारे ब्रैस्ट देख पाया था ! तुम्हारे बाएं उभार के ऊपर जो तिल है , वो सोच सोच के मैंने जाने कितनी बार अपने आप को संतुष्ट किया है !
मैं : क्या .....( मेरे लिए ये दूसरा बड़ा झटका था ! भैया बचपन से ही मुझे देखकर उत्तेजित होते थे और मेरी चूची पर के तिल को याद कर मुठ मारते हैं, मेरी तो जुबान ही बंद हो गई ,भैया कि बातें सुनकर!)
भैया ने अब मेरा चेहरा अपने हाथों में ले लिया था , पहले गौर से देखा , किस किया और बोले , मुझे स्वीकार कर लो बहन , मैं अब बर्दाश्त नहीं कर सकता , कम से कम कुछ दिन का सुख दे दो , मैं तुमसे भीख मांगता हूँ ! जो मदद तुम्हारे जेठ जी कर रहें हैं,वो मुझसे भी ले लो , किसी न किसी का तो ठहर ही जायेगा तुमको ! मेरे पास जवाब नहीं था इन बातों का , मैंने अपनी आँखें बंद कर ली और सब कुछ भाग्य भरोसे छोड़ दिया ! भैया ने मुझे चूमना शुरू कर दिया था , उनके हाथ मैं अपने ब्लाउज के अंदर ब्रा के हुक के ऊपर फिसलता महसूस कर रही थी !भैया का एक हाथ मेरी चूचियों से खेल रहा था , मानो किसी के बचपन कि मुराद जवानी में पूरी हुई हो ! ब्लाउज अलग करते हुए भैया की ऑंखें मेरी चूची के तिल को ढूंढ रही थी ! ब्रा के हटते ही भैया कि आँखें चमक उठी , पहला चुम्बन तिल का ही था ! भैया मानो पागल से हो गए थे , बेतहाशा चूमते जा रहे थे , कभी बायीं चूची , कभी दायी चूची , कभी गाल , कभी कान , कभी होंठ , रुकने का नाम ही नहीं ले रहे थे ! मैं उनकी जल्दबाजी समझ रही थी , इसलिए आहिस्ता आहिस्ता उनको सहला भी रही थी ! भैया के चुम्बनों के बौछार से मुझे भी उत्तेजना होने लगी थी ! जैसे ही भैया ने मेरी चूची को चूसना शुरू किया , मेरी आह निकल गई , कितना मासूम और सेक्सी स्पर्श था भैया का , जैसे नए नए बच्चे ने दूध पीना शुरू किया हो ! चूची के आसपास उठ रहे तरंगों ने मेरी चूत तक गीली कर दी और मैं ये भूल गई कि मेरा दूध पीने वाला मेरा सगा भाई है, मैंने राहुल का लंड अपने हाथ में पकड़ लिया और मसलने लगी ! भैया खुश हो गए और जल्दी से अपना पजामा उतार कर लंड पकड़ा दिया !मेरी साड़ी कब की अलग हो चुकी थी , पैंटी मैंने नहीं पहनी थी , भैया ने मेरी पेटीकोट कि डोरी खीचकर मुझे पूरी तरह नंगा कर दिया ! अब हम खड़े हो गए थे और खड़े खड़े ही एक दूसरे से चिपक कर एक दूसरे को रगड़ रहे थे ! फिर भैया ने मुझे गोद में उठा लिया और मेरे बेडरूम में आकर मुझे बिस्तर पर लिटा दिया ! भैया ने कहा , बहन मैं अपने को रोक नहीं पा रहा हूँ , एक बार तुम्हारे अंदर पानी छोड़ देता हूँ , फिर दूसरी बार में तुम करना ! मैं समझ गई थी कि भैया शायद छूटने वाले हैं , अपने बहन कि गर्मी वो झेल नहीं पा रहे है और वो भी तब जब पहली बार सही से चोदने का मौका मिल रहा हो !
भैया ने मेरी चूत के मुंह पर लंड को रखा , और दबाया पर लंड फिसल गया ! तगड़ा लंड था भैया का भी , जेठ जी के बराबर ही था , लेकिन पूरा जवान होने कि वजह से दम ख़म वाला था ! जैसे तैसे भैया ने लंड को अंदर किया , मैं बहुत दर्द अनुभव कर रही थी ! भैया ने मेरे ऊपर पूरा लेटते हुए , मुझे आगोश में बांधते हुए , मुंह को पूरी तरह से मेरे मुंह के साथ बंद कर लिया , और मेरी चूत में धक्का मारने लगे ! थोड़े से धक्के के बाद लंड और चूत के रिसते हुए लसलसे पानी ने फिसलन बना दी और लंड सटा सट जाने लगा ! शायद भैया ने थोड़ा कंट्रोल कर लिया था , या जवान लंड का कमाल था, भैया ने पानी छोड़ने से पहले दस मिनट तक मेरी चूत खूब बजाई ! जो मजा जेठ जी एक घंटे की चुदाई में देते थे , भाई ने दस मिनट में मुझे हिला दिया था ! भैया ने जैसे ही पानी छोड़ा, मैं भी खूब झड़ी !हम आपस में एकदम से घुस गए जैसे कभी निकलेंगे ही नहीं ! करीब बीस मिनट तक हम यूँ ही लेटे रहे और सोते रहे, जब मेरे मोबाइल की आवाज़ ने हमें उठा दिया ! दूसरे तरफ रमेश थे , जो बता रहे थे कि आज रात वो एक हफ्ते के लिए ऑफिस के टूर पर जा रहे हैं, सामान पैक करने को कह रहे थे ! भैया की मुस्कराहट बता रही थी कि उनकी लाटरी खुल गई है , अब एक हफ्ते तक आराम से अपनी बहन कि चूत मारते रहें , कोई देखने या रोकने वाला नहीं होगा !
samaapt
एंड
मैं : कौन सी बात भैया ? ( मैंने बहुत ध्यान से भैया को देखते हुए कहा )
राहुल : देखो सुमन , तू बचपन से ही मुझे बहुत अच्छी लगती है ! मैं बहुत शर्मीला हूँ तू तो जानती है ! मैं छुप कर तुम्हें कपडे बदलते और नहाते देखता था ! तुम तो इतना ख्याल रखती थी अपना कि बंद बाथरूम में नहाते समय भी कपडे पहन के नहाती थी ! सिर्फ एक दो बार ही मैं तुम्हारे ब्रैस्ट देख पाया था ! तुम्हारे बाएं उभार के ऊपर जो तिल है , वो सोच सोच के मैंने जाने कितनी बार अपने आप को संतुष्ट किया है !
मैं : क्या .....( मेरे लिए ये दूसरा बड़ा झटका था ! भैया बचपन से ही मुझे देखकर उत्तेजित होते थे और मेरी चूची पर के तिल को याद कर मुठ मारते हैं, मेरी तो जुबान ही बंद हो गई ,भैया कि बातें सुनकर!)
भैया ने अब मेरा चेहरा अपने हाथों में ले लिया था , पहले गौर से देखा , किस किया और बोले , मुझे स्वीकार कर लो बहन , मैं अब बर्दाश्त नहीं कर सकता , कम से कम कुछ दिन का सुख दे दो , मैं तुमसे भीख मांगता हूँ ! जो मदद तुम्हारे जेठ जी कर रहें हैं,वो मुझसे भी ले लो , किसी न किसी का तो ठहर ही जायेगा तुमको ! मेरे पास जवाब नहीं था इन बातों का , मैंने अपनी आँखें बंद कर ली और सब कुछ भाग्य भरोसे छोड़ दिया ! भैया ने मुझे चूमना शुरू कर दिया था , उनके हाथ मैं अपने ब्लाउज के अंदर ब्रा के हुक के ऊपर फिसलता महसूस कर रही थी !भैया का एक हाथ मेरी चूचियों से खेल रहा था , मानो किसी के बचपन कि मुराद जवानी में पूरी हुई हो ! ब्लाउज अलग करते हुए भैया की ऑंखें मेरी चूची के तिल को ढूंढ रही थी ! ब्रा के हटते ही भैया कि आँखें चमक उठी , पहला चुम्बन तिल का ही था ! भैया मानो पागल से हो गए थे , बेतहाशा चूमते जा रहे थे , कभी बायीं चूची , कभी दायी चूची , कभी गाल , कभी कान , कभी होंठ , रुकने का नाम ही नहीं ले रहे थे ! मैं उनकी जल्दबाजी समझ रही थी , इसलिए आहिस्ता आहिस्ता उनको सहला भी रही थी ! भैया के चुम्बनों के बौछार से मुझे भी उत्तेजना होने लगी थी ! जैसे ही भैया ने मेरी चूची को चूसना शुरू किया , मेरी आह निकल गई , कितना मासूम और सेक्सी स्पर्श था भैया का , जैसे नए नए बच्चे ने दूध पीना शुरू किया हो ! चूची के आसपास उठ रहे तरंगों ने मेरी चूत तक गीली कर दी और मैं ये भूल गई कि मेरा दूध पीने वाला मेरा सगा भाई है, मैंने राहुल का लंड अपने हाथ में पकड़ लिया और मसलने लगी ! भैया खुश हो गए और जल्दी से अपना पजामा उतार कर लंड पकड़ा दिया !मेरी साड़ी कब की अलग हो चुकी थी , पैंटी मैंने नहीं पहनी थी , भैया ने मेरी पेटीकोट कि डोरी खीचकर मुझे पूरी तरह नंगा कर दिया ! अब हम खड़े हो गए थे और खड़े खड़े ही एक दूसरे से चिपक कर एक दूसरे को रगड़ रहे थे ! फिर भैया ने मुझे गोद में उठा लिया और मेरे बेडरूम में आकर मुझे बिस्तर पर लिटा दिया ! भैया ने कहा , बहन मैं अपने को रोक नहीं पा रहा हूँ , एक बार तुम्हारे अंदर पानी छोड़ देता हूँ , फिर दूसरी बार में तुम करना ! मैं समझ गई थी कि भैया शायद छूटने वाले हैं , अपने बहन कि गर्मी वो झेल नहीं पा रहे है और वो भी तब जब पहली बार सही से चोदने का मौका मिल रहा हो !
भैया ने मेरी चूत के मुंह पर लंड को रखा , और दबाया पर लंड फिसल गया ! तगड़ा लंड था भैया का भी , जेठ जी के बराबर ही था , लेकिन पूरा जवान होने कि वजह से दम ख़म वाला था ! जैसे तैसे भैया ने लंड को अंदर किया , मैं बहुत दर्द अनुभव कर रही थी ! भैया ने मेरे ऊपर पूरा लेटते हुए , मुझे आगोश में बांधते हुए , मुंह को पूरी तरह से मेरे मुंह के साथ बंद कर लिया , और मेरी चूत में धक्का मारने लगे ! थोड़े से धक्के के बाद लंड और चूत के रिसते हुए लसलसे पानी ने फिसलन बना दी और लंड सटा सट जाने लगा ! शायद भैया ने थोड़ा कंट्रोल कर लिया था , या जवान लंड का कमाल था, भैया ने पानी छोड़ने से पहले दस मिनट तक मेरी चूत खूब बजाई ! जो मजा जेठ जी एक घंटे की चुदाई में देते थे , भाई ने दस मिनट में मुझे हिला दिया था ! भैया ने जैसे ही पानी छोड़ा, मैं भी खूब झड़ी !हम आपस में एकदम से घुस गए जैसे कभी निकलेंगे ही नहीं ! करीब बीस मिनट तक हम यूँ ही लेटे रहे और सोते रहे, जब मेरे मोबाइल की आवाज़ ने हमें उठा दिया ! दूसरे तरफ रमेश थे , जो बता रहे थे कि आज रात वो एक हफ्ते के लिए ऑफिस के टूर पर जा रहे हैं, सामान पैक करने को कह रहे थे ! भैया की मुस्कराहट बता रही थी कि उनकी लाटरी खुल गई है , अब एक हफ्ते तक आराम से अपनी बहन कि चूत मारते रहें , कोई देखने या रोकने वाला नहीं होगा !
samaapt
एंड