hotaks444
New member
- Joined
- Nov 15, 2016
- Messages
- 54,521
“ इस लौंडिया की तलाशी भी ली है कि इसके पास और भी ड्रग्स हैं कि नही ?” इनस्पेक्टर ने हवलदार से सवाल किया.
“हां सर” हवलदार ने हिचकिचाते हुए कहा-“ एक बार तो साहब मैने इसकी तलाशी ले ली है……पर उसमे कुछ और नही मिला.”
इनस्पेक्टर और हवलदार की बातचीत से लड़की का मूह शर्म से एकदम लाल हो गया था और उसने अपनी नज़रें ज़मीन पर गढ़ा रखी थीं.
“ ठीक है हवलदार ! इसकी बाकी की तलाशी मैं लेकर इस केस को आगे देखता हूँ.तुम अब जा सकते हो.” राज शर्मा ने हवलदार को यह कहकर चलता कर दिया.
इस बीच राज का एक हाथ मेरे सीन एके उभारों को सहलाने मे मशगूल हो गया था और अपना दूसरा हाथ वो मेरी चिकनी जांघों पर फिरा रहा था-मैं नेहा की कहानी देखने मे इतनी खो सी गयी की अपनी हालत का जैसे मुझे अंदाज़ा ही नही रहा.
हवलदार के जाने के बाद राज अपनी टांगे चौरी करके सोफे पर आराम से बैठ गया और नेहा की तरफ देखकर बोला-“क्या नाम है तुम्हारा ?”
“ जी नेहा अरोरा !” लड़की सहमी हुई थी.
राज ने अपना पोलीस वाला डंडा(केन) उठाया और उसे उसकी नाभि पर घूमाते हुए पूछने लगा-“ यह ड्रग्स का धंधा कब से कर रही है और कौन कौन तेरे साथ इस गोरख धंधे मे शामिल है.?”
“ सर,मैं बिल्कुल निर्दोष हूँ और मुझे इस हवलदार ने जान-बूझ कर फँसाया है. मैं बी.ए. की स्टूडेंट हूँ और कॉलेज के बाहर लंच टाइम मे आई हुई थी,तभी इस हवलदार ने मेरे पास आकर कुछ बदतमीज़ी करने की कोशिश की जिसका मैने विरोध करते हुए हवलदार को एक थप्पड़ लगा दिया. मेरे थप्पड़ लगते ही हवलदार ने आगबबूला होकर मुझे हथकड़ी लगा दी और बोला-“अब तुझे ऐसे केस मे फंसौंगा की तू सारी जिंदगी याद रखेगी.”
“लेकिन यह जो ड्रग्स का पॅकेट बरामद हुआ है तेरे पास से यह भी झूठ है क्या ? “ राज ने रौब दिखाने के लिए अपना डंडा उसके नितंबों पर मारते हुए पूछा.
“यह पॅकेट हवलदार ने अपनी पॉकेट से निकालकर आपको ऐसे ही पकड़ा दिया है ताकि झूठ-मूठ का केस मेरे खिलाफ बन सके.हथकड़ी लगान के बाद रास्ते मे जीप मे भी हवलदार ने मेरी तलाशी लेने के बहाने मेरे साथ जी भरकर बद्त-मीजी की.” नेहा ने लगभग रोते हुए अपनी आपबीती इनस्पेक्टर राज शर्मा को इस नीयत से बताई की शायद वो उसकी कुछ मदद करेगा.
राज कुछ देर तक चुपचाप अपने डंडे को उसके सीने के उभारों पर घुमा-घुमा कर अपना मनोरंजन करता रहा फिर बोला- “ यहाँ जितनी भी तुम्हारी जैसी लड़कियाँ पकड़कर लाई जाती हैं सब की सब यही कहानी दोहराती हैं जो तुमने मुझे अभी अभी सुनाई है-लेकिन हक़ीकत कुछ और ही निकलती है,मैं ऐसा करता हूँ कि एक बार तुम्हारी तलाशी अपने तरीके से ले लेता हूँ-अगर मुझे लगा की तुम निर्दोष हो तो तुम्हे छोड़ दिया जाएगा वरना 20 साल के लिए बिना जमानत के अंदर जैल की चक्की पीसनी पड़ेगी.”
“ लेकिन सर मैं बिल्कुल निर्दोष हून.आअप चाहे तो मेरी तलाशी लेकर देख सकते हैं.” नेहा को अभी भी उम्म्मीद थी की इनस्पेक्टर तलाशी लेने के बाद उसे छोड़ देगा.
“ आओ इधर मेरे नज़दीक आकर खड़ी हो जाओ ताकि मैं तुम्हारी तलाशी ले सकूँ.” राज ने उसे अपनी तरफ बुलाते हुए कहा और वो उसके नज़दीक आकर खड़ी हो गयी.
“हां सर” हवलदार ने हिचकिचाते हुए कहा-“ एक बार तो साहब मैने इसकी तलाशी ले ली है……पर उसमे कुछ और नही मिला.”
इनस्पेक्टर और हवलदार की बातचीत से लड़की का मूह शर्म से एकदम लाल हो गया था और उसने अपनी नज़रें ज़मीन पर गढ़ा रखी थीं.
“ ठीक है हवलदार ! इसकी बाकी की तलाशी मैं लेकर इस केस को आगे देखता हूँ.तुम अब जा सकते हो.” राज शर्मा ने हवलदार को यह कहकर चलता कर दिया.
इस बीच राज का एक हाथ मेरे सीन एके उभारों को सहलाने मे मशगूल हो गया था और अपना दूसरा हाथ वो मेरी चिकनी जांघों पर फिरा रहा था-मैं नेहा की कहानी देखने मे इतनी खो सी गयी की अपनी हालत का जैसे मुझे अंदाज़ा ही नही रहा.
हवलदार के जाने के बाद राज अपनी टांगे चौरी करके सोफे पर आराम से बैठ गया और नेहा की तरफ देखकर बोला-“क्या नाम है तुम्हारा ?”
“ जी नेहा अरोरा !” लड़की सहमी हुई थी.
राज ने अपना पोलीस वाला डंडा(केन) उठाया और उसे उसकी नाभि पर घूमाते हुए पूछने लगा-“ यह ड्रग्स का धंधा कब से कर रही है और कौन कौन तेरे साथ इस गोरख धंधे मे शामिल है.?”
“ सर,मैं बिल्कुल निर्दोष हूँ और मुझे इस हवलदार ने जान-बूझ कर फँसाया है. मैं बी.ए. की स्टूडेंट हूँ और कॉलेज के बाहर लंच टाइम मे आई हुई थी,तभी इस हवलदार ने मेरे पास आकर कुछ बदतमीज़ी करने की कोशिश की जिसका मैने विरोध करते हुए हवलदार को एक थप्पड़ लगा दिया. मेरे थप्पड़ लगते ही हवलदार ने आगबबूला होकर मुझे हथकड़ी लगा दी और बोला-“अब तुझे ऐसे केस मे फंसौंगा की तू सारी जिंदगी याद रखेगी.”
“लेकिन यह जो ड्रग्स का पॅकेट बरामद हुआ है तेरे पास से यह भी झूठ है क्या ? “ राज ने रौब दिखाने के लिए अपना डंडा उसके नितंबों पर मारते हुए पूछा.
“यह पॅकेट हवलदार ने अपनी पॉकेट से निकालकर आपको ऐसे ही पकड़ा दिया है ताकि झूठ-मूठ का केस मेरे खिलाफ बन सके.हथकड़ी लगान के बाद रास्ते मे जीप मे भी हवलदार ने मेरी तलाशी लेने के बहाने मेरे साथ जी भरकर बद्त-मीजी की.” नेहा ने लगभग रोते हुए अपनी आपबीती इनस्पेक्टर राज शर्मा को इस नीयत से बताई की शायद वो उसकी कुछ मदद करेगा.
राज कुछ देर तक चुपचाप अपने डंडे को उसके सीने के उभारों पर घुमा-घुमा कर अपना मनोरंजन करता रहा फिर बोला- “ यहाँ जितनी भी तुम्हारी जैसी लड़कियाँ पकड़कर लाई जाती हैं सब की सब यही कहानी दोहराती हैं जो तुमने मुझे अभी अभी सुनाई है-लेकिन हक़ीकत कुछ और ही निकलती है,मैं ऐसा करता हूँ कि एक बार तुम्हारी तलाशी अपने तरीके से ले लेता हूँ-अगर मुझे लगा की तुम निर्दोष हो तो तुम्हे छोड़ दिया जाएगा वरना 20 साल के लिए बिना जमानत के अंदर जैल की चक्की पीसनी पड़ेगी.”
“ लेकिन सर मैं बिल्कुल निर्दोष हून.आअप चाहे तो मेरी तलाशी लेकर देख सकते हैं.” नेहा को अभी भी उम्म्मीद थी की इनस्पेक्टर तलाशी लेने के बाद उसे छोड़ देगा.
“ आओ इधर मेरे नज़दीक आकर खड़ी हो जाओ ताकि मैं तुम्हारी तलाशी ले सकूँ.” राज ने उसे अपनी तरफ बुलाते हुए कहा और वो उसके नज़दीक आकर खड़ी हो गयी.