hotaks444
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नेहा समझ गयी और विवेक के पास उसके बिस्तर पर पहुँचकर उसके लिंग को पकड़कर सहलाने लगी. विवेक ने पहली बार उसके सीने के उभारों पर अपना हाथ फिराया और उन्हे धीरे धीरे दबाने लगा. कुछ ही देर बाद विवेक ने उसे ऑर्डर दिया-“इसे अपने मूह के अंदर लेकर इस पर हल्के हल्के अपनी जीभ घूमाओ.” और नेहा ने उसके हुक्म का पालन करते हुए विवेक के लिंग को अपने मूह मे ले लिया और उसे जन्नत का मज़ा पहुँचाने लगी.
विवेक और नेहा की इस जबरदस्त कामलीला देखकर मेरी और सलोनी की हालत भी कामोत्तेजना से काफ़ी अजीब हो गयी थी और हम दोनो का योनि प्रदेश जबरदस्त गीला हो चुका था.
विवेक ने कुछ ही समय बाद अपना वीर्य रस नेहा के मूह मे छोड़ दिया जिसे नेहा किसी एक्सपर्ट कॉक सकर की तरह फटाफट गटक गयी. नेहा ने उसके बाद विवेक के लिंग की अपनी जीभ से सफाई कर डाली और मैने देखा की विवेक को इस आनंद के झोंके में नींद आ गयी थी.
विवेक को सोया देख मैने नेहा को अपने पास बुला लिया-“ इधर आजा चिकनी.”
इस बीच सलोनी ने कमरे मे रखे कप बोर्ड मे से एक लेदर का हंटर निकाल लिया-वहाँ कप बोर्ड में ऐसी कयी चीज़ें रखी हुई देन जो पोलीस वाले आमतौर पर इनटेरगेशन में इस्तेमाल करते हैं.
नेहा मेरे पास आकर खड़ी हो गयी-मैने अपनी जीन्स उतारकर पॅंटी भी खिसका ली थी और मेरी गीली हो रही योनि नेहा की जीभ का इंतेज़ार कर रही थी.
नेहा अभी तक खड़ी थी शायद मेरे अगले हुक्म का इंतेज़ार कर रही थी; लेकिन इसे मैने उसकी हिमाकत समझा और उसकी तरफ देखकर कहा-“ चल शुरू हो जा या फिर तुझे अब यह बताना पड़ेगा कि तुझे क्या करना है ?”
नेहा शायद जानबूझकर अंजान बनना चाहती थी और मेरी तरफ देखे बिना बोली-“ मैं समझी नही मॅम कि आप क्या चाहती हैं.”
मैने सलोनी की तरफ देखा और कहा-“सलोनी ज़रा इसे समझा कि इसे क्या करना है”
सलोनी ने मुझसे कहा-“ निशा हम लोग इसे लेकर बाहर वाले एरिया में चलते हैं-यहाँ विवेक सर रिलॅक्स कर रहे हैं-उन्हे डिस्टर्बेन्स होगा.”
हम दोनो बाहर वाले ड्रॉयिंग एरिया मे आकर सोफे पर बैठ गयी और हमारे पीछे पीछे नेहा भी आ गयी और मेरे सामने खड़ी हो गयी.
सलोनी ने सोफे पर बैठे बैठे नेहा की तरफ देखा और अपने हाथ में लिए हुए हंटर पर हाथ फिराते हुए बोली-“ कुछ समझ आया कि समझाना पड़ेगा ?”
नेहा कुछ बोली नही और सलोनी ने फटक से एक हंटर उसके मखमली बदन पर लगा दिया. बदन पर हंटर लगते ही नेहा एकदम ज़मीन पर बैठ गयी और अपने मूह को मेरे योनि प्रदेश के नज़दीक लाकर अपनी जीभ उसपर घुमाने लगी.
“हाथ उपर उठा चीक्कनी”, सलोनी ने एक हंटर नेहा के और लगाते हुए कहा और नेहा ने ज़मीन पर बैठे बैठे मेरी योनि को चाटते हुए ही अपने हाथ उपर उठा लिए.
क्रमशः.......
विवेक और नेहा की इस जबरदस्त कामलीला देखकर मेरी और सलोनी की हालत भी कामोत्तेजना से काफ़ी अजीब हो गयी थी और हम दोनो का योनि प्रदेश जबरदस्त गीला हो चुका था.
विवेक ने कुछ ही समय बाद अपना वीर्य रस नेहा के मूह मे छोड़ दिया जिसे नेहा किसी एक्सपर्ट कॉक सकर की तरह फटाफट गटक गयी. नेहा ने उसके बाद विवेक के लिंग की अपनी जीभ से सफाई कर डाली और मैने देखा की विवेक को इस आनंद के झोंके में नींद आ गयी थी.
विवेक को सोया देख मैने नेहा को अपने पास बुला लिया-“ इधर आजा चिकनी.”
इस बीच सलोनी ने कमरे मे रखे कप बोर्ड मे से एक लेदर का हंटर निकाल लिया-वहाँ कप बोर्ड में ऐसी कयी चीज़ें रखी हुई देन जो पोलीस वाले आमतौर पर इनटेरगेशन में इस्तेमाल करते हैं.
नेहा मेरे पास आकर खड़ी हो गयी-मैने अपनी जीन्स उतारकर पॅंटी भी खिसका ली थी और मेरी गीली हो रही योनि नेहा की जीभ का इंतेज़ार कर रही थी.
नेहा अभी तक खड़ी थी शायद मेरे अगले हुक्म का इंतेज़ार कर रही थी; लेकिन इसे मैने उसकी हिमाकत समझा और उसकी तरफ देखकर कहा-“ चल शुरू हो जा या फिर तुझे अब यह बताना पड़ेगा कि तुझे क्या करना है ?”
नेहा शायद जानबूझकर अंजान बनना चाहती थी और मेरी तरफ देखे बिना बोली-“ मैं समझी नही मॅम कि आप क्या चाहती हैं.”
मैने सलोनी की तरफ देखा और कहा-“सलोनी ज़रा इसे समझा कि इसे क्या करना है”
सलोनी ने मुझसे कहा-“ निशा हम लोग इसे लेकर बाहर वाले एरिया में चलते हैं-यहाँ विवेक सर रिलॅक्स कर रहे हैं-उन्हे डिस्टर्बेन्स होगा.”
हम दोनो बाहर वाले ड्रॉयिंग एरिया मे आकर सोफे पर बैठ गयी और हमारे पीछे पीछे नेहा भी आ गयी और मेरे सामने खड़ी हो गयी.
सलोनी ने सोफे पर बैठे बैठे नेहा की तरफ देखा और अपने हाथ में लिए हुए हंटर पर हाथ फिराते हुए बोली-“ कुछ समझ आया कि समझाना पड़ेगा ?”
नेहा कुछ बोली नही और सलोनी ने फटक से एक हंटर उसके मखमली बदन पर लगा दिया. बदन पर हंटर लगते ही नेहा एकदम ज़मीन पर बैठ गयी और अपने मूह को मेरे योनि प्रदेश के नज़दीक लाकर अपनी जीभ उसपर घुमाने लगी.
“हाथ उपर उठा चीक्कनी”, सलोनी ने एक हंटर नेहा के और लगाते हुए कहा और नेहा ने ज़मीन पर बैठे बैठे मेरी योनि को चाटते हुए ही अपने हाथ उपर उठा लिए.
क्रमशः.......