hotaks444
New member
- Joined
- Nov 15, 2016
- Messages
- 54,521
वो जोर से खासी तो मेरा वीर्य उसके मुह से छलक के बहार टपक ने लगा. वो बड़ी नशीली आँखों से मुझे बेशरम निगाहों से देखते हूँ ए मुस्कुरा रही थी और अपनी जबान से कभी मेरा वीर्य चाट रही थी थी तो कभी उससे सुघ रही… अचानक उस्सने मेरे गिले लंड को फिर से मुह में लपक लिया. में तो ढेर हो के बिस्तर पे पड़ा था. यह मेरी जिन्दगी का पहैला डिस्चार्ज था की मेने किसी के साथ सेक्स करते हूँ ए अनुभूत किया हो. बापरे सेक्स में कितना आनद होता है यह माया ने मुझे एहसास कराया. मेरी तो आंखे बन्ध थी. पर वो मुझे कहा छोड़नेवाली थी. वो बोली
माया: आह्ह तेरी खुश्बू कितनी अच्छी है. वो फिर से चाट ने लगी…. मेरे लंड को दो मिनट में फिर से खड़ा कर दिया उसको पूरा सूखने भी नहीं दिया.. फिरसे मेरा लंड कड़ा होके अपनी जवानी में मस्त होने लगा था. वो मेरे लोडे को अपने मुह में लोलीपोप की तरह अन्दर खीचते हूँ ए अपने होठो में दबाते हूँ ए चूस रही थी और मेरी तो जान निकलकर मानो लंड तक आ गयी थी. में माया माया थोड़ी देर तो रुको….चिलता हूँ ए कांप रहा था वो अब मानो मेरे लिए थोडा असह्य था, मुझे लंड के अन्दर जोर से जटके लग रहै थे और मेरी आंखे मुद ने लगी थी. मेरा लौवड़ा लाल चटक हो गया था और मेरा उपरी चमड़ी का शील टूट चूका था. वो कभीकभी मेरे लंड पे अपने दांतों से भी रगड़ मारती थी तो कभी अपनी गीली जबान मेरे अधखुले सुपाडे पर फेर रही थी. में आंखे बन्धकर तड़प रहा था, उसने अपने मुह में मेरा पूरा लंड भर भर के आगे पीछे करने की स्पीड बढाने लगी.. मेरे दिमाग में एक अजीब सा नशा छा रहा था. मेरा बदन अकड़ ने लगा तो उसने अपने मुह में मेरे लंड को आगे पीछे करने की स्पीड और भी बढादी. मेरे पाव को और फैला के वो बिच में आ गयी मानो उस्सने कभी लंड देखा ही न हो और सायद मिलने वाला ही न हो ऐसे वो मेरे लंड को खा रही थी.
में: माया आग लगी है… आई लव यु…… मेरी रानी मे तेरा गुलाम बन गया… और जोर से और जोर से रगडो माया, मुझे अपने अन्दर ले लो ओह्ह्ह्हह्ह्ह्ह माया माया ऐसे चिल्ला रहा था की गांड की तरफ से कुछ जटके आने लगे. में अभीभी चीखा रहा था. जोर से और जोर से.. वो अपने मुह में मेंरे लंड को जबान से चिप्काके आगेपीछे करने लगी लगभग ५ – ६ मिनट में मेरे बदन में बिजली का करंट लगा, मुझे गांड की और से जोरदार जटके महसूस हूँ ए, मेने अपने पैर सिकुड़े और चीख पड़ा….
ओह्ह्ह्हह्ह्ह्ह माँ…या….में फिर से…….. मुझे पकड़ो पर उसने इसे अनसुना करते हूँ ए अपने मुह से धक्के चालू रखे. थोड़ी देर तो मुजे लगा जान चली जाएगी, में निहाल हो कर अपनी आँखों को मूंदते हूँ ए उसके सर को पकड़ने नाकाम कोशिस करने ही जा रहा था के मुझे एक जोर का जटका लगा और मेरे लंड मेसे गर्मागर्म वीर्य की जबरदस्त पिचकारी छुटी और उसका पूरा मुह फिर से चिकनाई से भर गया. वो फिरसे थोडा खांसी.., मेरी तो मानो जान निकल गयी और में निढाल होके अपने पैरो को बिस्तर ढीला छोड़ थोड़ी देर आंखे बन्धकर ढेर हो गया. मुझे जिन्दगी की यह दूसरीबार चरमसीमा प्राप्त हूँ ई और में जैसे इंसान बेहोश होते है ऐसी अवस्था में आंखे बन्ध करके बिस्तर पर पड़ा रहा.. माया मेरा पूरा लंड चप चप चाट के साफ़ करने लगी. वो अभीभी मेरे लंड को छोड़ने का नाम नहीं ले रही थी.. उसने कहा
माया: यार विकी मुझे तेरे लोडे की गंध बहूँ त मीठी लगती है. तेरा वीर्य कितना खुशबूदार है, तेरे लंड को कच्चा चबा के काट के खा जाने दिल कर है…वो अपने होठो से मेरा वीर्य ऊँगली में लेके सूंघने लगी. बाद में उठकर बाथरूम में अपना मुह धो ने चली गयी और में ऐसे ही पूरा का पूरा नंगा बेहाल बिस्तर पर आंखे बन्धकर पड़ा था.
माया: आह्ह तेरी खुश्बू कितनी अच्छी है. वो फिर से चाट ने लगी…. मेरे लंड को दो मिनट में फिर से खड़ा कर दिया उसको पूरा सूखने भी नहीं दिया.. फिरसे मेरा लंड कड़ा होके अपनी जवानी में मस्त होने लगा था. वो मेरे लोडे को अपने मुह में लोलीपोप की तरह अन्दर खीचते हूँ ए अपने होठो में दबाते हूँ ए चूस रही थी और मेरी तो जान निकलकर मानो लंड तक आ गयी थी. में माया माया थोड़ी देर तो रुको….चिलता हूँ ए कांप रहा था वो अब मानो मेरे लिए थोडा असह्य था, मुझे लंड के अन्दर जोर से जटके लग रहै थे और मेरी आंखे मुद ने लगी थी. मेरा लौवड़ा लाल चटक हो गया था और मेरा उपरी चमड़ी का शील टूट चूका था. वो कभीकभी मेरे लंड पे अपने दांतों से भी रगड़ मारती थी तो कभी अपनी गीली जबान मेरे अधखुले सुपाडे पर फेर रही थी. में आंखे बन्धकर तड़प रहा था, उसने अपने मुह में मेरा पूरा लंड भर भर के आगे पीछे करने की स्पीड बढाने लगी.. मेरे दिमाग में एक अजीब सा नशा छा रहा था. मेरा बदन अकड़ ने लगा तो उसने अपने मुह में मेरे लंड को आगे पीछे करने की स्पीड और भी बढादी. मेरे पाव को और फैला के वो बिच में आ गयी मानो उस्सने कभी लंड देखा ही न हो और सायद मिलने वाला ही न हो ऐसे वो मेरे लंड को खा रही थी.
में: माया आग लगी है… आई लव यु…… मेरी रानी मे तेरा गुलाम बन गया… और जोर से और जोर से रगडो माया, मुझे अपने अन्दर ले लो ओह्ह्ह्हह्ह्ह्ह माया माया ऐसे चिल्ला रहा था की गांड की तरफ से कुछ जटके आने लगे. में अभीभी चीखा रहा था. जोर से और जोर से.. वो अपने मुह में मेंरे लंड को जबान से चिप्काके आगेपीछे करने लगी लगभग ५ – ६ मिनट में मेरे बदन में बिजली का करंट लगा, मुझे गांड की और से जोरदार जटके महसूस हूँ ए, मेने अपने पैर सिकुड़े और चीख पड़ा….
ओह्ह्ह्हह्ह्ह्ह माँ…या….में फिर से…….. मुझे पकड़ो पर उसने इसे अनसुना करते हूँ ए अपने मुह से धक्के चालू रखे. थोड़ी देर तो मुजे लगा जान चली जाएगी, में निहाल हो कर अपनी आँखों को मूंदते हूँ ए उसके सर को पकड़ने नाकाम कोशिस करने ही जा रहा था के मुझे एक जोर का जटका लगा और मेरे लंड मेसे गर्मागर्म वीर्य की जबरदस्त पिचकारी छुटी और उसका पूरा मुह फिर से चिकनाई से भर गया. वो फिरसे थोडा खांसी.., मेरी तो मानो जान निकल गयी और में निढाल होके अपने पैरो को बिस्तर ढीला छोड़ थोड़ी देर आंखे बन्धकर ढेर हो गया. मुझे जिन्दगी की यह दूसरीबार चरमसीमा प्राप्त हूँ ई और में जैसे इंसान बेहोश होते है ऐसी अवस्था में आंखे बन्ध करके बिस्तर पर पड़ा रहा.. माया मेरा पूरा लंड चप चप चाट के साफ़ करने लगी. वो अभीभी मेरे लंड को छोड़ने का नाम नहीं ले रही थी.. उसने कहा
माया: यार विकी मुझे तेरे लोडे की गंध बहूँ त मीठी लगती है. तेरा वीर्य कितना खुशबूदार है, तेरे लंड को कच्चा चबा के काट के खा जाने दिल कर है…वो अपने होठो से मेरा वीर्य ऊँगली में लेके सूंघने लगी. बाद में उठकर बाथरूम में अपना मुह धो ने चली गयी और में ऐसे ही पूरा का पूरा नंगा बेहाल बिस्तर पर आंखे बन्धकर पड़ा था.