Hindi Sex Kahani सियासत और साजिश - Page 2 - SexBaba
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Hindi Sex Kahani सियासत और साजिश

लकी: सॉरी यार लेट हो गया चल चलते हैं

लकी का ध्यान ललिता पर नही पड़ा और राज और लकी दोनो फ्लॅट की तरफ निकल पड़े फ्लॅट मे पहुँच कर दोनो ने फ्रेश होकर अपने कपड़े चेंज कर लिए



राज : हां भाई खाने का क्या प्रोग्राम हैं

लकी: यार बनाने का मूड तो बिल्कुल नही मे ढाबे से जाकर खाना ले आता हूँ बोल क्या खाएगा

राज ; यार कुछ भी ले आ बस थोड़ा जल्दी करना

लकी: बस मे यूँ गया और यूँ आया

और ये कह कर लकी फ्लॅट से निकल कर मार्केट की तरफ जाने लगा मार्केट ज़्यादा दूर नही थी मार्केट मे पहुँच कर उसने एक ढाबे पर खाना ऑर्डर कर पॅक करने को कहा और पैसे दे कर बोला आप खाना पॅक कर के रखो मैं अभी एक फोन करके आता हूँ और लकी पास के ही एक पीसीओ बूथ पर चला गया वैसे तो फ्लॅट मे भी फोन था पर लकी राज के सामने फोन नही करना चाहता था इसीलिए उसने बाहर से फोन किया फोन गुरमीत ने ही उठाया

गुरमीत: हेलो कॉन

लकी ; मे लकी बोल रहा हूँ कैसी हो आप

गुरमीत; क्यों मुझे क्या होगा सुबह तो मिली थी तब भी ठीक थी अब भी मज़े मे हूँ तुम बताओ तुम कैसे हो
लकी: मेडम आप तो ठीक हैं पर ये बंदा बेहाल है इस बंदे का इलाज करो वरना ये बंदा कल का सूऱज देखे गा या नही मे नही जानता

गुरमीत: धत कैसे पागलों जैसी बातें करते हूँ आइन्दा ऐसे बात कभी ना करना ऐसी बात कह कर मुझ तुम हर्ट कर रहे हो

लकी: तो फिर आप ही बताओ आज आप मुझसे मिल रहे हो या नही

गुरमीत: ओके अब टाइम कितना हुआ है 2 बजे हैं माँ 3 से 6 बजे तक किसी फंक्षन मे जा रही है तुम 3:30 पर घर आ जाना

लकी: ओह्ह मेरी जान तुमने अपने दीवाने की फर्याद सुन ली अच्छा मैं फोन रखता हूँ मैं शार्प 3:30 पर आपके यहाँ पहुँच जाउन्गा ओके बाइ लव यू

गुरमीत ; बाइ लव यू टू

और लकी तेज़ी से पैसे दे कर ढाबे वाला से खाना लेकर फ्लॅट की तरफ चल पढ़ा फ्लॅट पहुँच कर उसने जल्दी से खाना टेबल पर लगाया और दोनो खाना खाने बैठ गये

लकी; यार राज मुझे कुछ ज़रूरी काम है मैं थोड़ी देर मे यहाँ से निकलुन्गा और शाम को 6 बजे तक आउन्गा

राज : मैं देख रहा हूँ आज कल तू कुछ ज़्यादा ही गायब रहने लगा है आख़िर माजरा क्या है

लकी: कुछ नही बस ऐसे ही यार तू क्यों परेशान हो रहा है चल खाना खा

खाने के बाद लकी जल्दी से तैयार हो कर फ्लॅट से निकल आया और अपनी घड़ी मे टाइम देखने लगा 3:15 हो रहे थे लकी तेज़ी से गुरमीत के घर की तरफ जाने वाले रास्ते पर चल पड़ा

खाने के बाद लकी जल्दी से तैयार हो कर फ्लॅट से निकल आया और अपनी घड़ी मे टाइम देखने लगा 3:15 हो रहे थे लकी तेज़ी से गुरमीत के घर की तरफ जाने वाले रास्ते पर चल पड़ा कुछ ही देर मे जब वो जिस गली मे गुरमीत का घर था वहाँ पहुँचा उसे गुरमीत की माँ नज़र आई उसके साथ दो औरतें और थी गुरमीत जल्दी से एक साइड मे हो गया ताकि गुरमीत की माँ उसे देख ना ले जैसे ही गुरमीत की माँ और दोनो औरतें गली से निकल कर रोड पर पहुँच कर ऑटो रिक्क्षा मे बैठी लकी का दिल ख़ुसी मे कुलाँचे मारने लगा लकी जल्दी गुरमीत के घर की तरफ चल पड़ा घर के बाहर पहुँच कर उसने डोर बेल बजाई गुरमीत ने गेट खोला और जल्दी से अंदर आने को कहा गर्मियों के दिन थे गुरमीत का घर एक पॉश इलाक़े मे था यहाँ के लोग इतनी धूप मे बहुत ही कम निकलते थे लकी के अंदर आते ही गुरमीत ने गेट लॉक किया और दोनो अंदर आ गये

गुरमीत: वैसे तो यहाँ के लोग इस समय कम ही बाहर निकलते हैं पर पता नही होता कि कोई देख ना ले वैसे तुम्हारी आने की टाइमिंग बहुत अच्छी है माँ अभी-2 बाहर गयी है
 
लकी एक बार फिर से थोड़ा नर्वस फील कर रहा था गुरमीत भी ये फील कर सकती थी गुरमीत ने आज वाइट ब्लू कलर का टॉप और साथ मे मॅचिंग स्कर्ट पहना हुआ था गुरमीत ने आज हल्का सा मेकप भी कर रखा था आज पहली बार गुरमीत के होंटो पर लिपस्टिक लगी हुई थी लकी ने आज पहली बार गुरमीत को लिपस्टिक लगाए हुए देखा था हल्के गुलाबी रंग की लिपस्टिक गुरमीत को और सुंदर और आकर्षक बना रही थी लकी की नज़र गुरमीत से हट नही रही थी गुरमीत की स्कर्ट मुस्किल से उसके घुटनों तक पहुँच रही थी लकी का हाल बुरा हो चुका था गुरमीत भी लकी को यूँ अपनी जवानी देखता देख शरमा गयी उसने लकी को सोफे पर बैठने को कहा और किचन मे चली गयी सीलिंग फॅन के नीचे भी लकी के पसीने छूट रहे थे गुरमीत का भी ये सोच कर बुरा हाल हो रहा था अगर आज लकी ने कुछ किया तो शायद वो अपने आप को रोक ना पाए ये सोच कर ही गुरमीत के हाथ पैर फूलने लगी थी गुरमीत ने फ्रेश ऑरेंज जूस लेकर बाहर लकी के पास आ गयी और लकी को जूस देते हुए बोली आज कुछ ज़्यादा ही गरमी है चलो ऊपेर चलते हैं मेरे रूम मे एसी चल रहा है लकी ग्लास को हाथ मे थामें गुरमीत के पीछे-2 ऊपेर आ गया गुरमीत का बेडरूम बहुत अच्छा था काफ़ी खुला जिसमे एक डबल बेड और एक सोफा सेट भी लगा हुआ था और रूम के एक कोने मे स्टडी टेबल लगा हुआ था एसी जो काफ़ी देर से चल रहा था उसके कारण रूम का टेंपरेचर बहुत कम लग रहा था ऊपेर आकर दोनो ने राहत के साँस ली लकी सोफे पर बैठ गया

गुरमीत: आज क्या हुआ बड़े चुप चाप हो

लकी: (ग्लास को टेबल पर रखते हुए) आज आपका हुश्न देख कर मेरे शब्द ख़तम हो गये आज आप किसी अप्सरा से कम नही लग रही हैं

गुरमीत शरमा गयी उसके गाल एक दम लाल सुर्ख हो गये गुरमीत बेड से उठ कर लकी के पास आकर सोफे पर बैठ गयी और लकी के बालों को अपने हाथ की उंगलियों से सँवारते हुए उसकी आँखों मे झाँकने लगी गुरमीत के बदन से आती भीनी भीनी खुसबू लकी को और पागल बनाए जा रही थी लकी ने अपना एक हाथ गुरमीत की कमर मे डाल लाया और उसे अपनी तरफ खींचा

गुरमीत: छोड़ो क्या कर रहे हो मैने तुमसे कहा था ना शादी से पहले कुछ नही करने दूँगी

लकी: मैं कहाँ कुछ ग़लत करने जा रहा हूँ बस अपने ख्वाबों की मालिका को अपनी बाहों मे भरना चाहता हूँ क्या मुझे इसकी भी इजाज़त नही है

गुरमीत: लकी तुम बड़े चालू हो तुमसे कोई जीत नही सकता

लकी : (लकी सोफे से खड़ा हुआ और गुरमीत के हाथ को पकड़ कर उसे भी खड़ा कर दिया) लेकिन मे अपनी मालिका से हार गया

गुरमीत ने शरमा कर नज़रे झुका ली लकी ने अपनी बाँहे गुरमीत की कमर मे डाल कर उसे अपने से सटा लिया गुरमीत के हाथ लकी की चेस्ट पर थे लकी की गरम साँसों को अपने फेस और होंटो पर महसूस करके गुरमीत के बदन मे सरसराहट होने लगी और ना चाहते हुए भी गुरमीत अपना आपा खोने लगी गुरमीत लकी की बाहों मे पिघलने लगी और जब उसे बर्दास्त करना मुस्किल हो गया वो लकी से एक दम चिपक गयी और लकी ने अपने होंटो को गुरमीत के होंटो पर रख दिया गुरमीत ने अपने होंटो को पीछे किया उसकी साँसे एक दम तेज़ी से चल रही थी

गुरमीत: नही लकी प्लीज़ नही

लकी: पक्का नही (और लकी फिर से गुरमीत के होंटो की तरफ अपने होंटो को ले जाने लगा)

गुरमीत इस कदर गरम हो चुकी थी कि वो ना बोलते हुए भी लकी को रोक नही पा रही थी बल्कि उसने अपने थरथरा रहे होंटो को हल्का सा खोल कर आँखें बंद कर ली और लकी ने एक बार फिर गुरमीत के होंटो को अपने होंटो मे ले लिया गुरमीत लकी की बाहों मे कसमसा गयी उसने अपनी बाहों को लकी गले मे डाल दिया और लकी के सर मे पीछे से अपनी उंगलियों को उसके बालों मे घुमाने लगी लकी अब बिना किसी विरोध के गुरमीत के होंटो का रस पान कर रहा था गुरमीत ने भी अपने होंटो को ढीला छोड़ दिया ताकि वो अपने होंटो को लकी के होंटो से चुस्वा कर पूरा मज़ा ले सकें लकी के हाथ गुरमीत की कमर से सरकते हुए ऊपर की तरफ आने लगे गुरमीत मस्ती मे डूब चुकी थी लकी अब ज़ोर ज़ोर से गुरमीत के होंटो को चूस रहा था अपनी जीभ को गुरमीत की जीभ से रगड़ रहा था ये गुरमीत के लिए बिल्कुल नया अनुभव था स्कर्ट और नाइलॉन की पैंटी के नीचे उसकी प्यासी चूत पानी छोड़ने लगी थी जिसके कारण उसकी पैंटी नम हो चुकी थी अब तक लकी के हाथ गुरमीत की कमर के दोनो तरफ से ऊपेर होकर उसके 38 साइज़ के बूब्स तक पहुँच चुके थे और साइड से टच हो रहे थे अपने बूब्स पर लकी के हाथों को महसूस करके उसके बदन मे बिजली से दौड़ गयी उसका बदन ने ऐसे झटका खाया जैसे उसने नंगी तारों को पकड़ लिया हो उसने एक दम से अपने होंटो को हटा लिया उसकी आँखें बहुत मुस्किल से खुली साँसें एक दम तेज़ी से चल रही थी गाल और कान कामुकता वासना और शरम के कारण एक दम लाल हो चुके थे लकी एक दम से घबरा गया और थोड़ा पीछे हट गया

लकी: सॉरी वो मैं (इससे पहले कि लकी कुछ बोलता गुरमीत ने लकी का हाथ पकड़ कर अपनी लेफ्ट चुचि पर रख दिया और अपने हाथ से लकी के हाथ को अपनी चुचि पर दबा दिया गुरमीत की आँखों मे वासना की लहरें हिलोरे ले रही थी उसने आहह की आवाज़ के साथ अपनी आँखें बंद कर ली)

गुरमीत: (काँपती हुई आवाज़ मे) ओह्ह लकी तुमने मुझ पागल कर दिया है मुझ नही पता मे सही कर रही हूँ या ग़लत तुम मुझे बीच मे छोड़ तो नही दोगे

लकी अपना हाथ गुरमीत की चुचि से हटा लेता है और बेड पर जाकर बैठ जाता है गुरमीत अपनी आँखों को खोल कर देखती है उसकी साँसे अभी भी तेज चल रही थी उसके 38 साइज़ के बूब्स सांस लेने से ऊपेर नीचे हो रहे थे

लकी: मुझ ये सुन कर बहुत दुख हुआ मैं आप से सच्चा प्यार करता हूँ पर लगता है आप को मुझ पर भरोसा नही मैं आप को कभी किसी बात के लिए फोर्स नही करूँगा पर जब आप ऐसी बात करती हैं मेरे दिल को चोट पहुँचती है

गुरमीत: आइ आम सॉरी लकी ओह्ह मुझ इतना प्यार ना करो मुझ पता नही क्यों लगता है कि मैं ग़लत कर रही हूँ कहीं आगे चल कर तुम्हें समाज के बंधनों का सामना ना करना पड़े और वो भी मेरी वजह से लकी मैं पूरी की पूरी तुम्हारी हूँ
 
गुरमीत लकी के पास आती है और उसके सामने फर्श पर घुटनों के बल बैठ जाती है और लकी के दोनो हाथों को पकड़ कर उसके हाथों को चूमती है

गुरमीत: ओह्ह लकी आइ लव यू सो मच मैं भी तुम्हारे बिना एक पल नही रह पाती

और गुरमीत ने लकी को हाथ को छोड़ दिया और अपने टॉप को दोनो साइड से पकड़ कर ऊपेर उठाना चालू कर देती है लकी अपने आँखें फाडे सब देख रहा था गुरमीत की नाभि और पतली कमर को बिना कपड़ों के देख लकी का लंड उसकी जीन्स मे एक दम तन जाता है गुरमीत अपने टॉप को अपनी बाहों को ऊपेर करके निकाल देती है और नीचे रख देती है गुरमीत की 38 साइज़ की चुचियाँ पर अब एक लाइट पिंक कलर नाइलॉन की छोटी से ब्रा से धकि होती हैं जिसमे से आधी से ज़्यादा चुचियाँ बाहर झलक रही थी लकी का तो बुरा हाल हो चुका था गुरमीत बड़ी अदा के साथ खड़ी हुई और अपनी स्कर्ट के हुक्स को खोलने लगी लकी का गला सूख गया लंड जीन्स मे झटके खाने लगा गुरमीत का दिल जोरों से धड़क रहा था गुरमीत ने अपनी स्कर्ट के हुक्स को खोल दिया पर उसने अपने हाथों से अपनी स्कर्ट को पकड़े रखा शायद उसे शरम आ रही थी लकी ने हिम्मत करके अपने दोनो हाथों को गुरमीत के हिप्पस पर रख दिया और उसकी स्कर्ट को नीचे की तरफ खींचा गुरमीत के हाथों से स्कर्ट निकल गयी लकी ने हिप्पस से हाथ हटा लिए जैसे ही लकी के हाथ उसकी स्कर्ट से हटे स्कर्ट एक दम से गुरमीत के पैरों मे गिर कर फर्श पर इकट्ठी हो गयी गुरमीत ने अपनी आँखें बंद कर ली और अपनी स्कर्ट मे से पैरों को निकाल कर लकी की तरफ पीठ कर ली लकी गुरमीत के पर्फेक्ट फिगर को देख कर पागल सा हो गया अब उसे बर्दास्त करना मुस्किल हो रहा था वो बेड से खड़ा हुआ और गुरमीत के पीछे जाकर खड़ा हो गया और अपने हाथों को गुरमीत के कंधों के पास बाहों पर रख कर थाम लाया

लकी: क्या हुआ मुझ से मुँह क्यों मोड़ लिया

गुरमीत: (काँपती आवाज़ मे) मुझे शरम आती है

लकी: अब मुझ से क्या शरमाना प्लीज़ एक बार मेरी तरफ देखो ना

गुरमीत: नही मे नही देख पाउन्गी

लकी ने अपने होंटो को गुरमीत के नंगी पीठ पर लगा दिए गुरमीत का पूरा बदन मस्ती मे काँप गया आँखें मस्ती मे बंद हो गयी

गुरमीत: ओह्ह लकी मुझे अहह अपनी बाहों मे आह कस्स लो

लकी एक पल के लिए पीछे हटा और उसने जल्दी से अपनी शर्ट और पेंट को उतार दिया अब लकी के बदन पर सिर्फ़ एक अंडरवेर रह गया था लकी ने अपनी बाहों को गुरमीत की कमर मे से डाल कर उसके बल खाते पेट पर अपने हाथों को रख लिया गुरमीत एक दम कसमसा गयी और अपने सर को लकी के कंधे पर टिका लिया लकी का लंड अंडरवेर मे एक दम तन कर खड़ा था जो गुरमीत की पिंक कलर की वीशेप पैंटी के ऊपेर से उसकी चुतड़ों की दरार मे धँस गया गुरमीत अपने चुतड़ों पर पैंटी के ऊपेर से लकी के लंड को महसूस करके एक दम गरम हो गयी उसके हाथ पैर मस्ती मे कांम्पने लगे दिल की धड़कने और तेज हो गयी चूत की दीवारों मे धीमे-2 सरसारहात होने लगी जो गुरमीत को और गरम कर रही थी लकी गुरमीत की ब्रा स्ट्रॅप्स के थोड़ा सा ऊपेर अपने होंटो को गुरमीत के पीठ पर रगड़ कर चूम रहा था और अपनी जीभ से नंगी पीठ को चाट रहा था गुरमीत इस्कदर मस्त हो चुकी थी अब उसने अपना बदन लकी को पूरी तरह सौंप दिया गुरमीत ने अपने दोनो हाथों से लकी के हाथों को पकड़ कर ऊपेर करना चालू कर दिया और लकी के हाथों को अपनी ब्रा के ऊपेर से चुचियों पर रख कर अपने हाथों से लकी के हाथों को दबाया

गुरमीत: अहह उंह लकी इन्हे अकेला मत छोड़ो मेरा दिल कर रहा हैं तुम इन्हे मसल कर इनकी सारी अकड़ निकाल दो

लकी ने धीरे -2 गुरमीत की चुचियों को ब्रा के ऊपेर से मसलना चालू कर दिया गुरमीत पूरी तरह गरम हो चुकी थी उसकी सिसकारियाँ पूरे रूम मे गूँज रही थी

गुरमीत: उंह सीईईई आहह लकी ऐसी हीए मसलों इनको और ज़ोर से दबाओ जानते हो जब मे कही भी जाती हूँ तो मेरी ये चुचियाँ ऐसे तनी रहती हैं जैसे हिमालय सर उठाए खड़ा हो सब लोगों की नज़र मुझे अपनी चुचियों पर चूबती हुई महसूस होती है अहह इन्हे ऐसी मस्लो कि इनकी सारी अकड़ निकल जाए हाईए में मर गयी ओह लुक्कयययययी

गुरमीत एक दम से आगे हो जाती है लकी के हाथ उसकी चुचियों से हट जाते हैं लकी एक दम हैरान रह जाता है कि अब क्या हो गया पर अगले ही पल गुरमीत अपने दोनो हाथों को पीछे लेजा कर अपने ब्रा के हुक्स को खोल कर ब्रा निकाल देती है और उसे फर्श पर फेंक देती है लकी एक दम पागल हो जाता है और गुरमीत को पीछे से अपनी बाहों मे भर कर उसकी चुचियों को अपने हाथों मे थाम कर उसके निपल्स को मसलना चालू कर देता है गुरमीत से भी बर्दास्त करना मुस्किल हो रहा था

गुरमीत: लकी बॅस अब मैं और खड़ी नही रह सकती मेरे पावं मेरा साथ नही दे रहे हैं ओह्ह लकी उंह मुझी कुछ हो रहा है

लकी गुरमीत के आगे आकर उसे अपने बाहों मे उठा लेता है गुरमीत ने अपने दोनो हाथों से अपनी चुचियों को ढक रखा था लकी गुरमीत को उठा कर बेड लेटा दिया और गुरमीत के ऊपेर लेट गया लकी ने गुरमीत के दोनो हाथों को पकड़ उसकी चुचियों से हटा दिया और उसके होंटो को अपने होंटो मे लेकर चूसने लगा गुरमीत मस्ती मे डूब चुकी थी आँखें बंद और तेज़ी से चल रही साँसें उसकी कामुकता को उजागर कर रही थी लकी गुरमीत के होंटो को किस करने के बाद धीरे -2 चूमता हुआ नीचे आने लगता है लकी ने गुरमीत के हाथों को छोड़ दिया गुरमीत और लकी की नज़रें मिली और गुरमीत ने आने वाले पल के इंतजार मे एक बार फिर से अपनी आँखें बंद कर ली लकी ने झुक कर गुरमीत के एक निपल को मुँह मे ले लिया और चूसने लगा गुरमीत के गुलाबी रंग के निपल एक दम तन चुके थे जैसे ही लकी के होन्ट गुरमीत के निपल पर पड़े गुरमीत एक दम काँप उठी सारे बदन मे मस्ती की लहर दौड़ गयी चूत की फांके फुदकने लगी गुरमीत ने अपने हाथों से बेड शीट को कस के पकड़ लिया उसके होंठ काँपने लगे वासना के मारे उसकी आँखें और भारी हो गयी लकी ने दूसरी चुचि को हाथ से मसलना चालू कर दिया

गुरमीत; ओह अहह उंहणंनणणन् उंघह अहह सीईईईईईईईई ओह लाकिईईईईईईईईईईई अहह मुझीए ईईई क्या हूऊ रहा हाईईईई ओह लुक्कययययययी मेन्न अहह ओह

लकी ने अपने टाँगों की मदद से गुरमीत की जाँघो को फेला दिया लकी की टाँगें अब गुरमीत की जाँघो के बीच मे आ चुकी थी और लकी का तना हुआ लंड गुरमीत की पैंटी के ऊपेर से उसकी चूत पर रगड़ खाने लगा बरसों की प्यासी तड़पती चूत ने पानी उगलना चालू कर दिया गुरमीत से रुका नही गया उसकी कमर अपने आप ही हिलने लगी और लंड पैंटी के ऊपेर से उसकी चूत की फांकों पर रगड़ खाने लगा ऊपेर लकी बारी-2 दोनो चुचियों को चूस रहा था मसल रहा था लकी का लंड भी फटने के कगार पर आ चुका था लकी ने गुरमीत की चुचियों को छोड़ा और घुटनों के बल गुरमीत की जाँघो के बीच बैठ गया गुरमीत का फेस एक दम लाल होकर दहक रहा था जैसे उसके फेस पर किसी ने गुलाल डाल दिया हो लकी ने गुरमीत की पैंटी को कमर से दोनो साइड से पकड़ कर खींचना चालू कर दिया गुरमीत ने अपने चुतड़ों को थोड़ा सा ऊपेर उठा लिया जिससे लकी ने पैंटी को आसानी से निकाल दिया लकी का लंड अंडरवेर मे झटके खाने लगा लकी जल्दी से खड़ा हुआ और अपनी अंडरवेर को उतार कर बेड के एक साइड मे रख दिया और फिर से घुटनो के बल बैठ गया लकी ने गुरमीत की टाँगों को घुटनों से मोड़ कर ऊपेर कर दिया जिससे गुरमीत की चूत ऊपेर की तरफ हो गयी चूत के फाँकें आपस मे सटी हुई थी पर वासना के कारण वो कभी फेला रही थी तो कभी सिकूड रही थी लकी ने अपने दोनो हाथों के अंगूठे से गुरमीत की चूत की फांकों को फैला दिया गुरमीत की चूत का गुलाबी छेद उसके काम रस से एक दम भीगा हुआ था और उसकी चूत के छेद मे सकुंचन हो रहा था

गुरमीत: लकी उंह क्या कर रहूऊओ हूओ मुझीईई शरम आ राहियी हाईईइ ऐसे क्या देख रहे हो

लकी; ओह मैं अपनी महबूबा की चूत का छेद देख रहा हूँ सच मे बहुत खूबसूरत है

गुरमीत: लकी प्लीज़ ऐसी बातें ना करोन्ंनणणन् मुझे शरम आती हाईईईई

लकी गुरमीत के हाथ को पकड़ कर नीचे लाया और अपने तने हुए 8 इंच के लंड पर रख दिया गुरमीत के बदन मे जैसे करेंट दौड़ गया हो उसने झटके से अपना हाथ पीछे खींच लिया और अपनी आँखों को खोल कर लकी के तने हुए लंड को देखती है फिर लकी के फेस को देखती है और फिर से अपनी आँखें बंद करके अपना हाथ नीचे लेजा कर लकी के लंड के ऊपेर रख दिया और धीरे-2 सहलाने लगी

गुरमीत: ओह्ह्ह अब और बर्दास्त नही होता जल्दी करो (गुरमीत ने लंड से हाथ हटा लिया)

लकी ने अपने लंड के सुपाडे को गुरमीत की चूत के छेद पर टिका दिया गुरमीत का बदन हिलने लगा उसके पेट और कमर मे उठ रही तरंगो को लकी सॉफ देख पा रहा था लकी ने लंड के सुपाडे को चूत के छेद पर टिका कर थोड़ा सा दबाव डालना शुरू किया लंड का सुपाडा चूत के फांकों को फैलाता हुआ अंदर घुस गया गुरमीत की दर्द से आँखें फॅट गयी लंड का सुपाडा चूत मे घुस गया और चूत के फाँकें लंड के सुपाडे के इर्द गिरद कस गयी
!
 
गुरमीत: आहह बहुत दर्द हो रहा है

लकी: कहों तो निकाल लूँ

गुरमीत: नही थोड़ी देर रूको

लकी गुरमीत के ऊपेर झुक गया और उसकी एक चुचि को चूसने लगा और एक हाथ नीचे लेजा कर गुरमीत की चूत के क्लिट को धीरे-2 मसलने लगा गुरमीत को मज़ा आने लगा जैसे-2 लकी गुरमीत के क्लिट को अपनी उंगलियों से मसलता उसी तरह गुरमीत की कमर हिलने लगती थोड़ी देर मे गुरमीत का दर्द कम होने लगा लकी ने गुरमीत को अपनी बाहों मे कस लिया और अपने कमर को आगे की तरफ धकेलने लगा और बिना रुके चार पाँच बार अपनी कमर को आगे को धकेला

गुरमीत: ओह्ह्ह लकी बस ओह्ह्ह्ह नहियीई बहुत दर्द हो रहा हाीइ ओह लाकिईईईईईईईईईईईई

लकी का लंड पूरा का पूरा गुरमीत की चूत के छेद मे समा चुका था गुरमीत की चूत की दीवारों ने लकी के लंड को जकड कर रखा था लंड का सुपाडा गुरमीत की बच्चेदानी से जा टकराया गुरमीत का बदन दर्द के कारण ऐंठ गया लकी सीधा हुआ और अपने लंड को गुरमीत की चूत से धीरे-2 बाहर निकाला लंड खून से सना हुआ था लकी खून देख कर थोड़ा सा घबरा गया

लकी: ओह्ह खून निकल रहा है आपको ज़्यादा दर्द तो नही हो रहा

गुरमीत: (अपने होंटो पर मुस्कान लाते हुए) दर्द तो बहुत हो रहा है जालिम बलमा पर ये खून तुम्हारे हथियार के लिए मेरे लव होल का पहला तोहफा है तुम्हारे लिए मे दुनिया का हर दर्द सहन कर लूँगी

लकी: आइ लव यू आइ रीयली लव यू गुरमीत

और लकी ने झुक कर गुरमीत के होंटो को अपने होंटो मे ले लिया और उसके होंटो को चूसने लगा गुरमीत ने खून से सने हुए लकी के लंड को पकड़ कर अपनी चूत के छेद पर टिका लिया लकी को गुरमीत का इशारा समझते देर ना लगी लकी ने अपनी कमर को झटका दिया लंड का सुपाडा फिर से चूत की फांकों को फैलाता हुआ अंदर घुस गया

गुरमीत: ओह अभी भी दर्द हो रहा है

लकी अपने दोनो हाथों से गुरमीत की चुचियों को मसलते हुए अपने लंड को धीरे -2 अंदर करने लगा कुछ ही पलों मे लकी का लंड फिर से गुरमीत की चूत मे समा चुका था लकी धीरे -2 अपने लंड को अंदर बाहर करने लगा और झुक कर गुरमीत के निपल्स को बारी-2 चूसने लगा धीरे-2 गुरमीत का दर्द कम होने लगा उसकी दर्द से भरी कराहें सिसकारियों मे बदलने लगी अब लकी का लंड सुपाडे तक बाहर आकर वापिस पूरा अंदर जाने लगा गुरमीत की चूत से पानी निकल कर लकी के लंड को और चिकना बना रहा था लंड बिना किसी रुकावट के अंदर बाहर होने लगा जब लकी को अहसास हुआ कि अब गुरमीत को दर्द नही हो रहा है तो उसने अपनी पूरी तेज़ी और ताक़त से गुरमीत की चूत मे लंड को अंदर बाहर करना चालू कर दिया लंड का मोटा सुपाडा सीधा गुरमीत की बच्चेदानी से जाकर टकराता हर बार गुरमीत के बदन मे मस्ती की लहर दौड़ जाती

लकी: अब कैसे लग रहा है मेरी जान

गुरमीत: ओह्ह्ह्ह अहह मे बता नहियिइ सकती लुक्कययययी ओह्ह उफफफफफफफफ्फ़ बहुत्त्त्त मजाअ आआआआअ रहा हाईईईईईईई ओह सीईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई उंह दिल कर रहहह हाई तुम मुझीई आईसीई ही चोद्ते ओह अहह

लकी: क्या ऐसे ही

गुरमीत: बस असिए हीई चोदते रहूऊऊओ ाओह मेरीईई जानंनननणणन् मेन्णन तुम से बहुत प्यारररर करती हूँ उंघह

लंड फ़च-2 की आवाज़ करता हुआ अंदर बाहर होने लगा गुरमीत से अब बर्दस्त करना मुस्किल हो रहा था वो झड़ने के बिल्कुल करीब थी गुरमीत ने अपनी कमर को नीचे से हिलाना चालू कर दिया जैसे ही लकी का लंड अगली बार अंदर होने के लिए बाहर निकलता गुरमीत दोबारा अपनी चूत मे लंड लेने के लिए अपनी गान्ड को ऊपेर उठा लेती लकी पूरे जोश मे आकर अपना लंड फिर से उसकी चूत मे पेल देता गुरमीत के चूतड़ फिर से बेड पर आ टिकते

गुरमीत: लकी मुझ कुछ हो रहा कुछ हो रहा लकी कुछ हो रहा है

लकी: ( अपने लंड को अंदर बाहर करते हुए) तुम क्लाइमॅक्स के करीब हो तुम झड़ने वाली हो आज पहली बार झड़ने वाली हो

गुरमीत: अहह मुझीए नहियीई पता ओह अहह लुक्कययययययययययययययी

और गुरमीत की चूत मे बरसो का जमा हुआ पानी लावा के रूप मे निकलने लगा लकी ने भी तेज़ी से अपनी कमर को हिलाना चालू कर दिया और गुरमीत की चूत मे अपने वीर्य की बौछार कर दी गुरमीत लकी के गरम वीर्य को अपनी चूत और बच्चेदानी की दीवारों पर महसूस करके और गरम हो गयी और चूत ने और पानी छोड़ दिया लकी गुरमीत के ऊपेर झुक गया गुरमीत ने प्यार से लकी के फेस को अपने हाथों मे ले लिया और दोनो एक दूसरे के होंटो को किस करने लगे उन्हें वक़्त की कोई परवाह नही थी दोनो लगभग 10 मिनट तक एक दूसरे के बदन को सहलाते रहे और एक दूसरे के होंटो को चूमते रहे लकी का लंड भी सिकुड कर बाहर आ गया था गुरमीत ने घड़ी मे टाइम देखा 4:30 बज रहे थी लकी गुरमीत के ऊपेर से खड़ा हुआ था और बेड से उतर कर बेडरूम के अटेच बाथरूम मे चला गया

जब वो बाहर आया तो गुरमीत अपनी स्कर्ट पहन चुकी थी और ब्रा के हुक्स बंद कर रही थी लकी ने भी आकर अपनी शर्ट पहन ली ब्रा के हुक्स बंद करने के बाद गुरमीत ने अपना टॉप पहन लिया और जैसे ही वो अपनी पैंटी को उठाने के लिए झुकी लकी ने गुरमीत का हाथ पकड़ लिया

गुरमीत: (शरमाते हुए) हाथ छोड़ो

लकी: इतनी जल्दी भी क्या है आप ने तो अभी से सारे कपढ़े पहन लिए इसे तो रहने दो

गुरमीत: नही मुझ शरम आती है

लकी: अभी इतनी लंबी स्कर्ट पहन रखी है वैसे आंटी जी कितने बजे आने वाली हैं

गुरमीत: माँ मेरे मामा जी की घर गयी है रात को मामा जी उन्हे खुद ही छोड़ जाएँगे अभी काफ़ी टाइम है हमारे पास

लकी: तो फिर इतनी जल्दी क्या है (और लकी गुरमीत को सोफे के पास ले गया और सोफे पर बैठ कर उसे अपनी गोद मे बैठा लिया गुरमीत शरम से अपने फेस को झुकाए हुए थी)

गुरमीत: अब तो तुमने मेरा सब कुछ लूट लिया है अब मुझ धोखा तो नही दोगे ना
लकी: नही कभी नही मैं आप को कभी नही छोड़ूँगा ये मेरा वादा है आपसे ओह्ह्ह्ह वैसे मुझ से एक ग़लती हो गयी आज

गुरमीत: (मुस्कुराते हुए) क्यों क्या ग़लती हो गयी

लकी: हमने बिना प्रोटेक्षन के ही कर लिया यानी कॉंडम भी नही लगाया था अगर कुछ हो गया तो

गुरमीत : (शरमा गयी) मेरे सहजादे कुछ भी हो जाए पर तुम मेरा साथ ना छोड़ना

लकी:मेरा मतल्ब अगर बच्चा ठहर गया तो

गुरमीत: तो क्या मैं हमारे इस प्यार की निशानी को बहुत प्यार दूँगी और तुम्हारे अंश को जनम दूँगी (और गुरमीत लकी की तरफ घूम कर उसके गले से लग जाती है) लकी आइ लव यू सो मच
 
दोनो एक दूसरे के होंटो को चूसने लगे लकी ने गुरमीत को अपनी बाहों मे कस लाया और उसे अपनी तरफ घुमा लिया लकी के हाथ टॉप के ऊपेर से गुरमीत की चुचियों को सहला रहे थे गुरमीत एक बार फिर से गरम होने लगी थी लकी ने अपना एक हाथ गुरमीत की कमर पर रख कर सहलाना चालू कर दिया और धीरे-2 उसका हाथ गुरमीत के चुतड़ों पर आ गया गुरमीत एक दम से मचल उठी और लकी की चेस्ट से चिपक गयी उसकी साँसें फिर से तेज हो गयी चूत मे फिर से सरसराहट होने लगी लकी ने दोनो हाथों से गुरमीत के चुतड़ों को मसलना चालू कर दिया होंटो की चुस्वाई गुरमीत को और मदहोश कर रही थी अचानक गुरमीत ने लकी के कंधों पर हाथ रख कर उसे धक्का दया और उठ कर डोर की तरफ आ गयी लकी गुरमीत की इस हरकत को देखता ही रह गया

गुरमीत रूम ने डोर के पास आ कर शरारत भरे अंदाज़ मे हँसने लगी लकी भी मुस्कुराने लगा लकी तेज़ी से उठा और गुरमीत की तरफ़ गया गुरमीत रूम से बाहर की तरफ भाग गयी जैसे वो लकी को चिढ़ा रही हो पर लकी ने उसे सीडयों के पास पकड़ लिया और उसे अपनी बाहों मे उठा लिया

गुरमीत: ओह्ह छोड़ो ना लकी क्या कर रहे हो मे गिर जाउन्गी

लकी: मैं भला अपनी जान को गिरने दूँगा (गुरमीत शरमाने लगी)

गुरमीत : (लकी की आँखों मे देखते हुए) मुझे प्यास लगी है लकी

लकी उसे अपनी बाहों मे उठाए हुए रूम मे आ गया और उसे उसकी स्टडी टेबल के पास आकर खड़ा कर दिया टेबल पर पानी की बॉटल पड़ी हुई थी गुरमीत ने बॉटल उठाई और पानी पीने लगी पानी पीने के बाद उसने बॉटल को लकी की तरफ बढ़ाया

लकी: पर मेरी प्यास इससे नही बुझेगी

गुरमीत : (शरमाते हुए) फिर कैसे बुझेगी

लकी : (गुरमीत की चुचि पर हाथ रखते हुए) मेरी प्यास तो इनका रस ही मिटा सकता है

गुरमीत एक दम से झेंप जाती है पर अब वो लकी को अपना सब कुछ सोन्प चुकी थी और लकी उसके दिल जान पर छाया हुआ था गुरमीत थोड़ा पीछे हुई और दीवार से सट गयी लकी का लंड फिर से एक दम तना हुआ था जो अंडरवेर मे उभार बनाए हुए था गुरमीत बार -2 उभरे हुए अंडरवेर की तरफ देख रही थी जिसे देख कर उसकी चूत भी फडफडाने लगी थी गुरमीत ने लकी को सोफे पर बैठने का इशारा किया लकी सोफे पर जाकर बैठ गया और अपने अंडरवेर को उतार कर फेंक दिया लकी का लंड हवा मे झटके खा रहा था गुरमीत ने शरम के मारें अपनी नज़रें लकी पर से हटा ली और लकी के पास आ आकर अपनी दोनो टाँगों को लकी की जाँघो के दोनो तरफ करके बैठ गये और बड़ी ही अदा के साथ अपने टॉप को अपनी चुचियों के ऊपेर तक उठा लिया और दोनो हाथों के पीछे लेजा कर अपनी ब्रा के हुक्स खोल दिए ब्रा ढीले हो गये लकी बस आँखें फाडे देख रहा था उसे अपनी किस्मत पर यकीन नही हो रहा था गुरमीत ने अपने हाथ को आगे लेजा कर अपनी ढीली हुई ब्रा के कप्स को पकड़ कर ऊपेर कर दिया गुरमीत की 38 साइज़ की गोरे रंग की चुचियाँ उछल कर लकी की आँखों के सामने आ गयी लकी का लंड झटके खाने लगा और स्कर्ट के ऊपेर से गुरमीत की गान्ड की दरार मे ठोकर खाने लगा गुरमीत ने अपने हाथों से अपनी दोनो चुचियों को पकड़ कर ऊपेर की तरफ उठा लिया चुचियों के निपल लकी के होंटो के बिल्कुल पास आ गये

गुरमीत: ये लो बुझा लो अपनी प्यास और मुझ भी तृप्त कर दो

लकी ने बिना देर किए गुरमीत की चुचि को मुँह मे ले लिया और चूसने लगा गुरमीत के बदन मे मस्ती की लहर दौड़ गयी चूत के फाँकें फडफडाने लगी गुरमीत पर वासना की घूमारी छाने लगी उसने अपनी बाहों को लकी के गले मे डालकर कस लिया और उसके फेस को अपनी चुचियों पर दबाने लगी गुरमीत के हाथों के नाख़ून लकी की पीठ को कुरदेन लगे लकी का लंड एक दम तन कर स्कर्ट के ऊपेर से उसकी चूत के फांकों मे धस गया
 
गुरमीत : अहह ओह उंह लुक्कययी ओह मेरी जानणन्न् सीईईईईईईईईईई ओह हाआअँ औरर्र जोर्र्र्र सीईई चूसो अपनीी और मेरे दोनो की प्यास बुजाअ लूऊऊ ओह लुक्कयययययी बहुत मज़ाआअ आआआआ रहा हाईईइ

लकी ने गुरमीत की स्कर्ट को दोनो तरफ से पकड़ कर उसकी कमर तक ऊपेर कर दिया और दोनो हाथों से गुरमीत के चुतड़ों को मसलने लगा लकी ने हाथ की उंगली को गान्ड की दर्रार मे रगड़ना चालू कर दिया और गान्ड के छेद को टटोल कर अपनी उंगली से गान्ड के छेद को कुरदेन लगा जैसे लकी ने अपनी उंगली से गुरमीत की गान्ड के छेद को टच किया
गुरमीत एक दम से तड़प उठी और लकी की पीठ को अपनी बाहों मे कस लिया

गुरमीत : ओह्ह्ह्ह लुक्कयययी नहियीई ईए क्या कर रही हू उंह अहह

लकी: क्यों अच्छा नही लगा रहा

गुरमीत: (लकी के होंटो पर अपने निपल्स को रगड़ते हुए) बहुत अच्छा लग रहा हाईईईई जानणन्न् बहुत मज़ा आ रहा हाईईईईई हइईए मेन्ंननणणन् मरररर गईीई ओह उंह

और गुरमीत लकी के फेस को दोनो हाथों मे लेकर पागलों की तरह चूसने लगती है और अपना हाथ नीचे लेजा कर लकी के लंड को अपने हाथों मे पकड़ कर अपनी चुतड़ों को थोड़ा सा ऊपेर उठा कर अपनी चूत के छेद पर लकी के लंड के सुपाडे को टिका देती है और अपना वजन लकी के लंड पर धीरे-2 डाल कर बैठने लगती है लंड चूत की फांकों को फैलाता हुआ अंदर जाने लगा गुरमीत अपनी चूत की दीवारों पर लकी के लंड के मोटे सुपाडे के घर्सन को महसूस करके और पागल हुए जा रही थी धीरे-2 पूरा का पूरा लंड चूत मे समा गया लंड का सुपाडा सीधा गुरमीत की बच्चेदानी से सटा गुरमीत को हल्के दर्द के साथ बहुत मज़ा आ रहा था उसने अपनी आँखें खोली

गुरमीत: लकी तुमने मुझे जिंदा होने का अहसास दिलाया है तुमसे मिलने के पहले मे बिल्कुल अधूरी थी और आज तुमने मुझ पूरा कर दिया है मे अब संपूर्ण औरत बन चुकी हूँ लकी ओह मेरी जानन्न

ये कहते हुए गुरमीत की आँखें हलकी सी नम हो गयी लकी ने गुरमीत को अपने ऊपेर झुका कर अपने होंटो को गुरमीत के काँपते होंटो पर रख दिया और होंटो के जाम को चूस-2 कर खाली करने लगा

गुरमीत जो अब पूरी तरह गरम हो चुकी थी अपनी कमर को झटके देने लगी लंड चूत की दीवारों मे फँसा हुआ था धीरे -2 गुरमीत अपनी गान्ड को ऊपेर की ओर लेजा कर लकी के लंड पर पटकने लगी लंड फच-2 की आवाज़ से अंदर बाहर होने लगा

गुरमीत : ओह लुक्कयययययी अहह सच मेन्न बहुत मजाआ आ रहा हाईईइ ओह उंह सीईईईईईईई अहह लुक्कयययययययी मेरीई चूत की खुजली और बढ़ रही हाईईईई ईसीई शांत्त्त्टटतत्त कार्रर्ररर ओह उंह सीईईईईईईई अहह अहह अहह

गुरमीत अब शरम हया के सारी हदें पार करके अपनी चूत को लकी के लंड पर गान्ड उछाल-2 कर पटक रही थी और लकी अपने दोनो हाथों से गुरमीत के चुतड़ों को थामे अपनी एक उंगली से गुरमीत की गान्ड के छेद को कुरेद रहा था और गुरमीत की उछल रही चुचियों को चूस रहा था

गुरमीत : ओह लुक्कयययययी अब बर्दास्त्त नहियिइ हो रहा है आह अह्ह्ह्ह सीईईईईईईईई बसस्स्स्स्सस्स ओह मुजसीईई नहियीईईई हूऊ रहा हाईईईईई तूमम्म ऊपेर्ररर आआ जाऊ

और गुरमीत लकी के ऊपेर से खड़ी होने लगती है लंड पच की आवाज़ से बाहर आकर झटके खाने लगता है जो गुरमीत की चूत के पानी से सना हुआ चमक रहा था लकी सोफे से खड़ा होकर गुरमीत को उल्टा होने का इशारा करता है गुरमीत सोफे पर अपने घुटनो को टिका कर डॉगी स्टाइल मे आ गयी लकी ने स्कर्ट जो एक बार फिर नीचे हो गयी थी उसे पकड़ कर गुरमीत की कमर पर चढ़ा दिया और अपने लंड को हाथ मे पकड़ कर गुरमीत की चूत के छेद पर लगा दिया
 
गुरमीत अपने होंटो को दांतो मे भींचे अह्ह्ह्ह कायर्कयी अपनी चूत के छेद और लकी के लंड के सुपाडे के मिलन को जाहिर करती हैं और लकी दोनो हाथों से गुरमीत की कमर को पकड़ कर लंड को एक धक्के मे चूत मे पेल देता है पहले धक्के मे आधा लंड चूत मे समा गया गुरमीत की घुटि हुई चीख निकल गयी

गुरमीत: अहह धीरे ओह ओह लुक्कयययययी क्य्ाआआ कर रहीए हो
लकी ने बिना रुके धक्के लगाने लगा और कुछ ही धक्कों मे लंड चूत मे समा गया जब लंड जड तक अंदर घुस्स गया लकी रुक गया

लकी: क्या हुआ दर्द हो रहा है

गुरमीत: आह तूमम बड़े जालिम हो मेरीए ज़रा भीई परवाह नहिी

लकी: सॉरी जानणन्न् मे अपनेआ आप पार काबू नाआआ रख सका

गुरमीत: कोई बात नही वैसे इस दर्द मे भी बहुट्त्त मजाअ आआआ रहा हाीइ अब्ब आईसीए हीई ज़ोर-2 से चोदो

लकी के होंटो पर मुस्कान आ गयी और वो गुरमीत की कमर को पकड़ कर तेज़ी से धक्के लगाने लगा और पूरी ताक़त से लंड अंदर बाहर करके चोदने लगा गुरमीत भी मस्ती मे आकर अपनी गान्ड को पीछे की तरफ पटकने लगी लकी की जांघे गुरमीत के चुतड़ों पर टकरा कर ठप-2 की आवाज़ करने लगी गुरमीत को ऐसा महसूस हो रहा था जैसे उसकी जान उसकी चूत से आज निकल ही जाएगी गुरमीत झड़ने के बिल्कुल करीब थी

गुरमीत: अह्ह्ह्ह ओह उंह सीईईईईई लकी मे झड़ने वाली हूंन आहह ओह सीईईईईईईई बहुत्त्त मजाआा आआआअ रहा हाईईईई लुक्कयययी हां ओह

और गुरमीत सोफे की सीट पर झुक कर हाँफने लगी लकी के लंड ने भी गुरमीत की चूत की दीवारों को अपने वीर्य से सरोबार कर दिया गुरमीत की कमर अब भी रुक रुक कर झटके खा रही थी जब लकी का झड़ना बंद हुआ लकी ने अपना लंड बाहर निकाला और सोफे पर बैठ कर गुरमीत को अपने ऊपेर खींच लिया दोनो तेज़ी से हाँफ रहे थे पर वासना इस कदर हावी थी कि दोनो एक दूसरे के होंटो पर टूट पड़े और फ्रेंच किस करने लगे और करीब 5 मिनट एक दूसरे को किस करने के बाद गुरमीत लकी के ऊपेर से खड़ी हुई और बाथरूम मे चली गयी बाथरूम मे पहुँच कर वो पेशाब करने लगी लकी को बाहर से गुरमीत के मूतने की आवाज़ आ रही थी और वो सोफे पर बैठा मुस्कुरा रहा था लकी ने टाइम देखा शाम के 5 बज रहे थे गुरमीत जब बाहर आई तो उसने अपना टॉप और ब्रा ठीक कर लिया था लकी ने उठ कर अपनी पेंट पहन ली और गुरमीत उसे देख रही थी और गुरमीत ने पीछे से लकी को बाहों मे जाकड़ लाया

गुरमीत: क्या हुआ जा रहे हो

लकी: (गुरमीत के हाथों को पकड़ कर उसे अपने सामने ले आया ) जाना तो पड़ेगा ही

गुरमीत लकी की छाती से चिपक गयी और अपनी बाहों को लकी पीठ पर कस लिया

गुरमीत : नही

लकी: क्या नही

गुरमीत : तुम ना जाओ

लकी: क्या ना जाओं तो फिर क्या रात को यहीं रहूं
गुरमीत: (लकी की आँखों मे देख कर उसके होंटो को चूम कर ) हां

लकी: पागल हो गयी हो तुम्हारी माँ क्या कहेगी

गुरमीत : मुझ नही पता थोड़ी देर और रुक जाओ

लकी: अच्छा ठीक है वैसे अभी काफ़ी टाइम है हमारे पास

गुरमीत: तुम रूको मैं चाइ बना कर लाती हूँ

और गुरमीत नीचे किचन मे आ गयी और चाइ बनाने लगी चाइ बनाते हुए वो कुछ देर पहली हुई घटनाओ को सोच रही थी और खुद ही मुस्कुरा रही थी चाइ बना कर उसने चाइ को कप्स मे डाल कर और साथ मे कुछ स्नॅक्स को प्लेट मे रख कर ऊपेर आ गयी लकी सोफे पर बैठा गुरमीत का इंतजार कर रहा था उसने ट्रे को सोफे के सामने पड़े टेबल पर रखा और दोनो चाइ पीने लगे दोनो आपस मे प्यार भरी बातें करते रहे वक़्त तेज़ी से गुजर रहा था शाम के 6 बज गये तभी अचानक लकी ने टाइम देखा 6 बज रहे थे

लकी: ओह्ह्ह यार बड़ा टाइम हो गया आब मुझ चलना चाहिए गुरमीत और लकी दोनो नीचे आ गये लकी गेट की तरफ बढ़ रहा था गुरमीत ने लकी का हाथ पकड़ लिया लकी रुक गया और गुरमीत की तरफ देखने लगा

गुरमीत : लकी

लकी : हां क्या हुआ बहुत देर हो रही है

गुरमीत ने लकी का हाथ छोड़ दिया और लकी के सीने से लग गयी और अपने होंटो को लकी के होंटो की तरफ बढ़ाने लगी लकी ने गुरमीत की कमर मे हाथ डाल कर उसके होंटो को अपने होंटो मे ले लिया और चूसने लगा लकी के हाथ कमर से होते हुए उसके चुतड़ों पर आ गये और स्कर्ट के ऊपेर से गुरमीत के चुतड़ों को मसलने लगा गुरमीत ने लकी को धक्का देकर पीछे किया

गुरमीत: अब जाओ (गुरमीत ने गेट खोल दिया )

लकी मुस्कुराता हुआ घर से निकल गया और तेज़ी से फ्लॅट की तरफ जाने लगा

जब लकी फ्लॅट मे पहुँचा तो 6:30 हो चुके थे फ्लॅट का डोर लॉक्ड था फ्लॅट की एक की लकी के पास थी उसने अपनी पेंट से की निकाली और फ्लॅट का लॉक खोल कर अंदर आ गया और जल्दी से बाथरूम मे घुस्स गया और फ्रेश होकर एक टीशर्ट और शॉर्ट्स डाल कर रात के खाने के तैयारी करने लगा

लकी: (अपने आप से ) यार आज राज भाई बहुत गुस्सा होगा पता नही कहाँ गया है

लकी खाना बनाने लगा रात के 7 बज चुके थे लकी ने खाना तैयार कर लिया पर राज अभी तक नही आया था वो फ्लॅट के बाहर बने छोटे से पार्क मे आ गया स्ट्रीट लाइट्स ऑन हो चुकी थी मौसम बहुत अच्छा हो गया था जाने फिर क्यों लकी को आज मौसम कुछ ज़्यादा ही हसीन लग रहा था लकी पार्क मे लगी बेंच पर बैठ गया तभी एक ब्लॅक कलर की बहुत ही शानदार कार फ्लॅट के सामने आ कर रुकी लकी बेंच से खड़ा हो गया कार बंद हुई और उसमे से राज निकला लकी भागता हुआ कार के पास गया

लकी:कहाँ गया था यार

राज कार की तरफ देख कर लकी की तरफ देखने लगा लकी को समझने मे ज़रा भी देर नही लगी कि राज नयी कार खरीद कर लाया है

लकी: ओह्ह राज नयी कार वाह भाई आज तूने पराया ही कर दिया पर यार तूने मुझ बताया नही कि तू कार खरीदने जा रहा है

राज : बताता कैसे खोते तू तो पता नही कहाँ गायब रहने लगा है चल बैठ और जाकर किसी होटेल मे पार्टी करते हैं.

लकी: पर यार मेने तो खाना बना लिया है

राज : कोई बात नही खाना वापिस आ कर खा लेंगे होटेल मे तो बस जाम ही टकराएँगे

लकी: तू रुक मे अभी आता हूँ

राज : अब क्या हुआ

लकी: यार कपड़े तो चेंज करने दे

और लकी फ्लॅट के अंदर जाकर जल्दी से कपड़े चेंज करके फ्लॅट को लॉक करके बाहर आ जाता है दोनो कार मे बैठ कर पार्टी के लिए निकल जाते है


होटेल********** रात 8 बजे

लकी और राज दोनो होटेल मे बैठे वाइन पी रहे होते हैं अब तक दोनो तीन -2 पेग लगा चुके थे और वाइन के नशे का असर तब तक होने लगा था

लकी: यार आज मे बहुत खुश हूँ मेरे भाई ने नये कार ली है अब देखना यूनिवर्सिटी मे सब के कैसे जलते है जब हम दोनो इस कार मे बैठ कर जाएँगे

राज : (मुस्कुराते हुए) हां यार मे भी पैदल चल- 2 कर थक गया हूँ

लकी: यार तू स्टूडेंट्स की तो छोड़ साले टीचरो की भी ना जल गयी तो मेरा नाम लकी नही भाई क्या शानदार कार लाया है तू इस खुशी मे एक और जाम चियर्स अर्रे ओ वेटर अर्रे देख नही रहा हमारे ग्लास खाली हो गये हैं

वेटर: सॉरी सर अभी लाता हूँ

राज : यार वो तेरी गुरमीत मॅम का क्या बना बात कुछ आगे भी बढ़ी या बस अभी भी देख देख कर सबर कर रहा है

लकी: ओह्ह्ह्ह राज पूछ मत यार मे बहुत ही जल्द उससे शादी करने वाला हूँ

राज : क्या तो तूने उसे बताया

लकी: ऑर नही तो क्या और वो भी मान गयी

राज : चल तुझे तेरे प्यार मिल गया मेरे लिए इससे बड़ी खुशी की बात और क्या हो सकती है यार मे तुमसे एक बात करना चाहता हूँ

लकी: अर्रे बोल यार एक नही चाहे जितनी बातें हो बोल

राज : यार वो जो लड़की है ना ललिता यार वो हमेशा मेरे दिलों दिमाग़ मे छाई रहती है हर पल उसका ही चेहरा मेरी आँखों के सामने रहता है

लकी: अर्रे यार तुझे प्यार हो गया है बोल मे तेरे लिए क्या कर सकता हूँ

राज : यार तू सही कह रहा है पर मे उससे बात कैसे करूँ मुझ समझ मे नही आ रहा यार तू मेरी मदद करेगा

लकी: ये भी पूछने के बात है क्यों नही ज़रूर करूँगा अब तू फिकर ना कर ललिता आज से मेरी भाभी है और तेरी होने वाली वाइफ मे सारी दुनिया हिला दूँगा पर ललिता को तुम्हारी होना ही होगा
 
राज : (मन मे सोचता है लगता है इसे चढ़ गयी अब चलना चाहिए नही तो इसका यहीं ड्रामा शुरू हो जाएगा) चल लकी बहुत हो गया अब चलते हैं

लकी: यार तू भी ना अभी एक एक और हो जाए

राज : नही यार कल क्लास मे भी जाना है चल उठ

लकी: (नशे मे) चल यार आज मे तेरी किसी बात को टालूगा नही चल

और दोनो उठ कर होटेल से बाहर आकर कार मे बैठ जाते हैं और फ्लॅट की तरफ चल देते हैं फ्लॅट पहुँच कर दोनो मे से किसी ने खाना नही खाया और वैसे ही सो गये अगली सुबह जब लकी की आँख खुली तो राज जॉगिंग के लिए जा चुका था लकी उठ कर बाथरूम मे चला गया राज यूनिवर्सिटी के ग्राउंड मे जॉगिंग कर रहा था तभी ललिता भी एंटर हुई और जॉगिंग करने लगी राज ललिता के आने से पहले दो राउंड लगा चुका था इसीलिए वो बेंच पर आकर बैठ गया और पानी पीने लगा ग्राउंड मे सुबह -2 जॉगिंग करने वालों की भीड़ थी ग्राउंड बहुत बड़ा था इसीलिए कितने लोग ग्राउंड मे हैं इस बात का अंदाज़ा नही लगाया जा सकता था जब ललिता जॉगिंग करते हुए राज के पास से गुज़री तो राज और ललिता दोनो ने एक दूसरे को देखा दोनो की नज़रें मिली ललिता के होंटो पर राज को देख कर मुस्कान आ गयी ललिता की नज़रें राज से हट नही रही थी ललिता राज के सामने से गुजर गयी ललिता ने एक बार फिर पीछे मूड कर देखा राज भी ललिता को ही देख रहा था बेखयालि मे ललिता का पावं उबड़ खाबड़ ज़मीन पर पड़ गया जिससे उसका पैर मूड गया और वो घास पर गिर गयी और दर्द से चिल्ला उठी ललिता को गिरता देख राज एक दम चोंक गया और बेंच से उठ कर ललिता की तरफ भागा और ललिता के पास जाकर उसे कंधों से पकड़ कर सहारा देकर खड़ा किया

राज : आप ठीक तो हैं ना ज़्यादा तो नही लगी

ललिता: (फेस पर अभी भी दर्द के भाव थे ) हाँ ठीक हूँ लगता हैं मोच आ गयी है (राज ने उसे सहारा देते हुए बेंच पर लाकर बैठा दिया)

राज ने ललिता को पानी दिया और उसके पास बेंच पर बैठ गया

राज : लगता है काफ़ी चोट लगी है आपको

ललिता: नही बस ज़रा सी मोच आ गयी है थॅंक्स फॉर हेल्प

राज : (वैसे तो ललिता का नाम जानता था बात शुरू करने के लिए उसे और कुछ नही सूझा) जी आपका नाम क्या है

ललिता: ललिता

राज : ललिता बहुत ही दिलकश नाम है वैसे मुझ राज कहते हैं

ललिता: जानती हूँ जब आप ने उसे लड़की को उन गुण्डों से छुड़वाया तो मैं भी वहीं थी मेरे दोस्त ने मुझ आप का नाम बताया था

राज : तो आप क्या कर रही हैं मेरे मतलब कॉन सा कोर्स कर रही हैं

ललिता: मैं बी.ए 2न्ड एअर मे हूँ

राज : और मैं फाइनल एअर मे अगर आप को अभी भी तकलीफ़ है तो मे आपको घर छोड़ देता हूँ

ललिता: नही मे ठीक हूँ मे चली जाउन्गी

राज : आर यू स्योर

ललिता ने हां मे सर हिला दिया और जैसे ही वो खड़ी होकर चलने लगी तो उसके पैर मे फिर से तेज दर्द होने लगा और उसका बॅलेन्स बिगड़ गया इससे पहले कि ललिता गिरती राज ने जल्दी से उठ कर उसे सहारा देकर गिरने से बचा लिया और उसे फिर से बेंच पर बैठा दिया

राज : आप कुछ देर के लिए यहीं बैठिए मैं अभी अपनी कार लेकर आता हूँ

ललिता: नही उसकी ज़रूरत नही मे चली जाउन्गी आप क्यों तकलीफ़ कर रहे हैं

राज : कोई बात नही मैं अभी आता हूँ

और ये कह कर राज तेज़ी से अपने फ्लॅट की तरफ भागा ललिता होंटो पर मुस्कान लिए राज को जाते हुए देख रही थी राज फ्लॅट के बाहर पहुँचा और उसने लकी को आवाज़ लगाई आवाज़ सुन कर लकी बाहर आया

लकी: क्या हुआ कहाँ से भागा आ रहा है

राज : वो तुझे मे बाद मे बताता हूँ पहले ज़रा कार की चाबी नीचे फेंक
लकी ने कार की कीज़ उठाई और नीचे फेंक दी राज ने चाबी को लपका और तेज़ी से कार का डोर खोल उसमे बैठ गया और कार को यूनिवार्सिटी की तरफ मोड़ लिया और ग्राउंड के बाहर कार पार्क करके ललिता के पास आ गया राज की साँसे फूली हुई थी जिस देख ललिता के होंटो पर मुस्कान आ गयी

राज : चले आपको छोड़ देता हूँ

और ललिता खड़ी होने लगी पर दर्द अभी भी उसे खड़े होने मे दिक्कत दे रहा था राज ने अपना हाथ उसकी पीठ से लेजा कर उसके कंधे पर रख लिया जैसे उसके गले मे एक आर्म को डाल दिया हो राज ने एक पल के लिए ललिता की तरफ देखा जैसे उसका रियेक्शन जानने की कोशिस कर रहा हो ललिता के होंटो पर मुस्कान और आँखों मे हया देख राज के दिल को तसल्ली हुई और वो ललिता को लेकर कार की तरफ चलने लगा कार के पास पहुँच कर उसने कार का डोर खोला और ललिता को आगे की सीट पर बैठा कर डोर बंद कर दिया और खुद दूसरी तरफ से जाकर कार मे बैठ गया और कार स्टार्ट करके ड्राइव करने लगा

राज : तो ललिता जी आपका घर कहाँ पर है मुझ रास्ता बताते जाइएगा

ललिता: जी

और ललिता उसे रास्ता बताती गयी और कुछ ही मिनिट मे कार ललिता की नानी के घर के बाहर खड़ी थी राज ने कार से निकल कर ललिता को सहारा देकर कार से निकाला और गेट तक ले गया ललिता ने डोर बेल बजाई थोड़ी देर बाद ललिता की नानी ने गेट खोला ललिता को राज का सहारा लिए खड़े देख ललिता की नानी परेशान हो गयी

नानी: ललिता पुतर क्या हो गया चल जल्दी अंदर आ

नानी और राज ललिता को सहारा देकर अंदर ले आए और उसे सोफे पर बैठा दिया

नानी: क्या हुआ मेरे बच्चे (नानी की आँखें नम हो गयी)

ललिता: कुछ नही नानी बस पैर मे ज़रा सी मोच आ गयी है आप यूँ ही फिकर कर रही हो जल्दी ठीक हो जाएगा नानी ये मेरे साथ पढ़ते हैं राज इन्होने आज मेरी बहुत मदद की है

नानी: (राज के सर पर हाथ रखते हुए) जुग जुग जियो बेटे
राज : जी अब मैं चलता हूँ ललिता आज आप रेस्ट कर लीजिएगा कॉलेज से छुट्टी ले लो परसों मिलेंगे

ललिता: जी ज़रूर

और राज बाहर की तरफ जाने लगा

नानी: बेटा बैठो तो सही मैं जूस लेकर आती हूँ

राज : नही आंटी मे लेट हो जाउन्गा अभी तैयार भी होना

और राज वापिस आ गया आज उसके चहरे की रोनक देखने लायक थी जो लकी से छुपी ना रही

लकी: लगता है भाई आज तू कोई किला फ़तह करके आया है

राज : (मुस्कुराते हुए) यार ललिता आज सुबह ग्राउंड मे मिली थी उसके पैर मे मोच आ गयी थी इसे लिए उसे घर छोड़ने गया था

लकी: वाह यार तू तो सीधा उसके घर तक पहुँच गया बहुत जल्दी तरक्की करेगा

राज : क्यों तू खुश नही है

लकी: कैसी बात कर दी यार मुझ से भला और कॉन ज़्यादा खुश होगा

राज : चल तैयार होकर नाश्ता करतें हैं वैसे भी देर हो रही है

और राज और लकी दोनो नाश्ता करके तैयार हो गये और कॉलेज के लिए निकल गये राज कॉलेज मे पहुँच कर सीधा क्लास मे चला गया और लकी सीधा लाइब्ररी मे और वहाँ पहुँच कर गुरमीत के पास जाकर बैठ गया

लकी: (धीरे से) और बेब क्या हाल है

गुरमीत: (लकी को देखते हुए) तुम तुम यहाँ क्या कर रहे हो

लकी: मेरी जान जहाँ होंगी बंदा भी तो वही होगा

गुरमीत: देखो लकी सब देख रहे हैं तुम्हें और कोई काम नही है क्लास मे क्यों नही गये

लकी: अपनी जान को यहाँ अकेला छोड़ कैसे जाता और आज का क्या प्रोग्राम हैं

गुरमीत: कॉन सा प्रोग्राम जाओ यहाँ से वरना मारूँगी हां

लकी: तो फिर बता दो ना आज मिलॉगी कि नही

गुरमीत: नही आज पॉज़िबल नही है माँ घर पर ही है अच्छा अब तुम जाओ यहाँ से

लकी: थोड़ी देर तो अपनी दिल की शज़ादी को देख लूँ फिर चला जाता हूँ

गुरमीत: (होंटो पर मुस्कान आ गयी ) अच्छा ठीक है देखना ही है तो सामने वाले टेबल पर जाकर बैठ जाओ
 
लकी मुस्कुराते हुए उठ कर सामने वाले टेबल पर चला गया और गुरमीत को देखने लगा गुरमीत भी सब से नज़रें चुरा कर लकी को देख रही थी दोनो एक दूसरे को देख कर मुस्कुरा रहे थे समय इतनी जल्दी बीता कि कुछ पता ही नही चला गुरमीत खड़ी हुई और बाहर की तरफ जाने लगी बाहर जाते हुए उसने लकी को इशारे से बुलाया लकी थोड़ी देर बाद लाइब्ररी से बाहर आ गया और तेज़ी से चलता हुआ गुरमीत के पास आया

लकी: हां क्या बात है

गुरमीत: लकी मैं दो दिन के लिए बाहर जा रही हूँ

लकी: कहाँ यार मे आपके बिना कैसे रहूँगा

गुरमीत: सॉरी लकी पर क्या करूँ कॉलेज वालों ने एलेक्षन मे ड्यूटी लगा दी है मुझ आज दोफर को ही गुरदासपूर के लिए निकलना हो गा

लकी: गुरदास पुर अर्रे मेरा घर भी तो वहीं पर है कहो तो साथ मे चलूं

गुरमीत: हमम्म वेरी स्मार्ट पर मुझ काम करने जाना है

लकी: पर आप वहाँ रूको गी कहाँ

गुरमीत: पता नही कुछ ना कुछ तो अरेंज्मेंट किया होगा उन्होने

लकी; आइ हॅव अ प्लान

गुरमीत:अब क्या शरारत दिमाग़ मे आ रही है

लकी: जैसे कि मेने बताया है कि मेरा घर भी वहाँ हैं मेरे मोम आंड डॅड यूएसए घूमने गये हैं घर पर सिर्फ़ दादी और एक नौकरानी है आप वहाँ रुक सकती हैं कोई प्राब्लम नही होगी

गुरमीत: पर अगर तुम्हारे मोम दाद को पता चला तो

लकी : तुम भरोसा रखो कुछ नही होगा वैसे भी दादी अब बहुत बूढ़ी हो गयी है उनको तो आपकी शकल भी नही दिखेगी बस वो नौकरानी है उसका भी कुछ कर लूँगा आप चिंता ना करो

गुरमीत: ठीक है तुम सच मे बड़े वो हो

लकी: क्या वो

गुरमीत : तुम नही समझो गे (और गुरमीत हँसने लगी)

लकी: तो अपना फाइनल डिसीजन बताओ

गुरमीत: ओके ओके बाबा तुम मुझे 2 बजे बस स्टॉप पर मिलो वहीं से निकलते हैं

लकी: ओके 2 बजे मिलते हैं

जैसे ही कॉलेज ख़तम हुआ लकी और राज फ्लॅट मे पहुँच गये

लकी: यार आज मैं घर जा रहा हूँ दो दिन की छूटी ले ली है

राज : क्या पर अचानक कैसे कोई प्राब्लम है

लकी: अर्रे नही-2 यार वो मोम आंड डॅड यूएसए गये है घूमने और दादी घर पर अकेली हैं इसीलिए जा रहा हूँ

राज : चल ठीक है अगर कोई प्राब्लम है तो बता दे

लकी: यार और कोई बात नही है

राज : अच्छा ठीक है

और लकी अपना बॅग पॅक करने लगा बॅग पॅक करने के बाद

राज :चल तुझे बस स्टॉप तक छोड़ देता हूँ

लकी: नही -2 यार मे चला जाउन्गा

राज : यार अब बस स्टॅंड तक ही जा रहा हूँ वैसे भी मुझ कुछ समान खरीदना हैं

लकी मन मे सोचने लगा अगर इसने वहाँ गुरमीत को देख लिया तो कहीं इसे शक ना हो जाए पर लकी अब कर भी कुछ नही सकता था लकी और राज कुछ ही देर मे बस स्टॅंड के लिए निकल पड़े पर लकी ने कार को बस स्टॅंड के बाहर रोड पर रुकवा दिया

लकी: बस ठीक है तू अब जा मे चला जाउन्गा

राज :अच्छा ठीक है

जैसे ही राज ने कार वापिस मोडी लकी जल्दी से बस स्टॅंड के अंदर आ गया और गुरमीत की बताए हुई जगह पर पहुँच गया पर गुरमीत वहाँ नही थी लकी वहीं खड़ा होकर गुरमीत का इंतजार करने लगा थोड़ी ही देर मे गुरमीत भी वहाँ पहुँच गयी लकी के होंटो पर मुस्कान आ गयी
 
लकी: कहाँ रह गयी थी मैं सोच रहा था कहीं अकेली तो नही चली गयी

गुरमीत: नही बस वो घर पर ही देर हो गयी चलो अब चलते हैं

गुरमीत और लकी दोनो बस मे बैठ गये गुरमीत लकी से एक दम सट कर बैठी थी लकी का हाथ गुरमीत की जाँघो पर आ गया गुरमीत ने लकी के हाथ को पकड़ कर हटा दिया

गुरमीत: क्या कर रहे हो कोई देख लेगा

लकी: अब यहाँ हमे कॉन जानता हैं बेफिकर हो जाओ और आज के इस सफ़र को यादगार बना लो
गुरमीत ने लकी के कंधे पर अपना सर रख दिया दोनो हाथ मे हाथ डाले बैठे थी बस चल पड़ी और करीब 3 घंटे के सफ़र के बाद दोनो गुरदास पुर पहुँच गये

लकी: (दोनो बस से उतर गये थे) तो अब कहाँ चलना है

गुरमीत: मुझ रिपोर्टिंग तो कल ही देनी है तो आज सीधा तुम्हारे घर चलते हैं

लकी: चलो ठीक है घर ही चलते हैं

दोनो ऑटो मे बैठ कर घर की तरफ निकल लिए 15-20 मिनट के सफ़र के बाद लकी का घर आ गया दोनो ऑटो से उतरे और लकी ने ऑटो वाले को पैसे दिए और समान उठा कर गेट के पास आकर डोरबेल बजाई थोड़ी देर बाद एक औरत ने गेट खोला जो लकी को देखते ही बोली

शांति: अर्रे लकी बाबा आप आइए अंदर आइए

गुरमीत और लकी दोनो अंदर आ गये

लकी: दादी कहाँ है

शांति: अपने रूम मे हैं सोई हुई है मैं अभी उनको जगाती हूँ

शांति ने लकी की दादी के रूम मे जाकर दादी को उठा कर लकी के आने की खबर दी लकी की दादी लकी के आने की खबर सुन कर बहुत खुश हुई और बाहर हाल मे आ गयी

दादी: (हाल मे आते हुए) अरे मेरा बच्चा लकी कैसा है (लकी ने अपनी दादी के पैर छुए और दादी ने लकी को गले से लगा लिया)

लकी: मे ठीक हूँ दादी आप कैसे हो

दादी: मे भी ठीक हूँ बेटा तू बता तेरी पढ़ाई कैसी चल रही है
लकी: बहुत बढ़िया चल रही है दादी. दादी ये मेरी कलाज मे प्रोफेसर हैं मुझ पढ़ाती हैं इनकी यहाँ एलेक्षन्स मे ड्यूटी लगी है इन्हे यहाँ दो दिन का काम है इसे लिए मे इन्हे साथ ले आया ये दो दिन यहीं रहेंगी

दादी: (अपनी आँखों पर लगे मोटे चश्मे को ठीक करके गुरमीत की तरफ देखा कर)कोई बात नही पुतर दो दिन क्या चाहे चार दिन रहे तुम्हारी टीचर हैं

गुरमीत ने आगे बढ़ कर दादी के पैर छुए और दादी ने उसके सर पर हाथ रख कर आशीर्वाद दिया

दादी: जुग जुग जिओ बेटा देख कितनी पढ़ी लिखी लड़की है पर फिर भी कितने संस्कार हैं इसमे नही तो आज कल की लड़कियाँ हाई हेलो मुझे तो इनका मतलब भी समझ मे नही आता बेटा क्या नाम है तुम्हारा

गुरमीत: जी मेरा नाम गुरमीत है

दादी: सुन लकी जा अपनी मेडम को ऊपेर का रूम दिखा दे और उनका बॅग भी रख आ और हां फ्रेश होकर नीचे आ जाओ मे शांति से कहकर चाइ और कुछ खाने के लिए बनाने के लिए कहती हूँ

लकी: जी दादी (और लकी गुरमीत की तरफ देख कर मुस्कुराने लगा गुरमीत लकी की मुस्कान के पीछे छुपी शरारत को समझ कर शरमा गयी)

लकी और गुरमीत ऊपेर आ गये लकी एक रूम मे डोर खोल कर अंदर आ गया और गुरमीत भी अंदर आ गयी लकी ने गुरमीत के बॅग्स को रखा गुरमीत रूम देख रही थी उसका ध्यान लकी पर नही था लकी ने पीछे से जाकर गुरमीत को बाहों मे भर लिया

गुरमीत: क्या कर रहे हो लकी कोई आ जाएगा

लकी: अब यहाँ कॉन आएगा

गुरमीत: (मुस्कुरा कर अपना एक हाथ पीछे लेजा कर लकी के गाल पर रखते हुए) तुम्हारी दादी और कॉन

लकी; नही आएँगी वो सीडीया नही चढ़ पाती उनको घुटनो मे तकलीफ़ रहती है

गुरमीत: अच्छा तो अब तुम मुझसे इस रूम का रेंट लोगे

लकी: हां जो भी आप प्यार से दे दें

गुरमीत: (लकी की तरफ पलट कर) लो ले लो जो चाहे गुरमीत तो उसी दिन से तुम्हारी हो गयी जिस दिन तुमने मुझे पूरी औरत होने का अहसास दिलाया और बनाया

लकी ने गुरमीत को अपनी बाहों मे ले लिया और गुरमीत के चुतड़ों पर हाथ रख दिए और टाइट सलवार उसके चुतड़ों पर एक दम कसी हुई थी हाथ लगाने से उसकी पैंटी लाइन का सॉफ-2 अहसास हो रहा था गुरमीत लकी की बाहों मे कसमसाने लगी लकी हाथों से गुरमीत के चुतड़ों को मसल रहा था लकी अपने होंटो को गुरमीत के होंटो के तरफ बढ़ाने लगा गुरमीत के गाल एक दम लाल हो चुके थे गुरमीत ने अपनी आँखें बंद कर ली और लकी ने गुरमीत के होंटो को अपने होंटो मे ले लिया गुरमीत अपने होंटो को लकी से चुस्वा कर मस्त होने लगी लकी का लंड पेंट मे तन कर कुलाँचे भरने लगा और गुरमीत की नाभि के नीचे रगड़ खाने लगा गुरमीत के हाथ लकी की पीठ को सहला रहे थे जब लकी ने गुरमीत के होंटो को अलग किया

गुरमीत: तुम्हारा वो क्या हमेशा ही खड़ा रहता हैं

लकी: मुस्कुराते हुए वो क्या

गुरमीत: (शरमाते हुए) तुम्हारा हथियार

लकी: कॉन सा हथियार नाम लेकर बोलो ना

गुरमीत: ( लकी की छाती पर मुक्का मारते हुए) धत मुझे शरम आती है

लकी: प्लीज़ जान एक बार मेरी खातिर

गुरमीत: अगर मैं बोल दूं तो क्या हो जाएगा

लकी: मुझ अच्छा लगेगा

गुरमीत: (शरमाते हुए) तुम्हारा लौडा (लकी ने गुरमीत के दोनो चुतड़ों को मसल दिया ) ओह्ह लकी क्या कर रहे हो

लकी: तुम्हारी गान्ड को मसल रहा हूँ

गुरमीत: छि कैसे बातें कर रहे हो

लकी: (मुस्कुराते हुए) अच्छा अब फ्रेश होकर नीचे आ जाओ

और लकी रूम से निकल कर अपने रूम मे आ गया और फ्रेश होने बाथरूम मे घुस गया लकी कपड़े चेंज करके जैसे ही गुरमीत के रूम मे पहुँचा तो गुरमीत वहाँ नही थी लकी नीचे आ गया गुरमीत दादी के साथ बैठ कर चाइ पी रही थी और साथ मे बातें कर रही थी लकी को देख गुरमीत के होंटो पर मुस्कान आ गयी
 
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