hotaks444
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राहुल(वो सोचता यह नहीं चुप होगी ,ऐसे ही बोलती रही तो रात यहीं हो जाएगी, वो उसके हाथ में कॉफी का कप देते हुए कहता है)-नहीं मैं ऐसा कुछ नहीं सोच रहा ।
राहुल पर वैदेही की मौजूदगी अजीब सा असर कर रही थी ,उसका दिल कर रहा था कि वो उम्र भर ऐसे ही बकबक करती जाए वो सुनता रहे ।पर उसका दिमाग कह रहा था राहुल इससे ज्यादा बात मत कर तेरी असलियत जान जाने पर इसे दुख पहुंचेगा और यह तुझ पर थूकेगी भी नहीं ।
राहुल(खड़े होते हुए)-वैदेही मैं लेट हो रहा हूँ जाऊं मैं ?
वैदेही(नाक चडाते हुए)-बिना थैंक्यू बोले ही चले जाओगे ?
राहुल-थैंक्यू ।
वैदेही-ऐसे नहीं चलो हग(गले लगकर) करके बोलो ।पर इससे पहले कि राहुल कुछ कहता वो खुद ही उसके सीने से लग जाती है ।
उसके बदन की खुशबू राहुल के दिमाग पर छा जाती है एक बार तो उसकी बाहें वैदेही की अपने आगोश में लेने के लिए उठ जाती हैं पर वो खुद को रोक लेता है और धीरे से थैंक्स बोलकर बाहर निकल जाता है । वैदेही पीछे से आवाज़ लगाती है "कँहा रहते हो?" राहुल अपनी मुट्ठी भींचकर आगे चलता रहता है वो पीछे मुड़कर देखना नहीं चाहता था ..."मैं चंडीगढ़ के सेक्टर 7b में रहती हूँ" वैदेही की आवाज़ आती है । "नहीं यह नहीं हो सकता" राहुल के मन में यह विचार आता है और वो अपनी चाल तेज़ कर देता है । "मिलने ज़रूर आना ....वँहा आकर किसी से भी डॉक्टर देव के घर का पता पूछ लेना वो तुम्हें हमारे घर ले आएगा" वैदेही चिल्लाकर कहती है । राहुल होटल के गेट से बाहर निकलता है और पूरी रफ्तार से भाग पड़ता है ।
कुछ ही मिनटों में राहुल अपने घर के गेट के बाहर खड़ा था वो सोच रहा था कि आज तो पिटाई पक्का होगी ही ।पापा कि स्कूटी घर के बाहर न देखकर उसकी जान में जान आती है इसका मतलब था कि अभी आठ नहीं बजे थे क्योंकि पापा हमेंशा 8 बजे से पहले घर आ जाते थे । वो चुपके से गेट खोल घर में घुस जाता है और अपने तहखाने कि तरफ खिसकने लगता है । "लाट साहब आ गए " रमा की आवाज़ आती है । मां की आवाज़ सुनकर उसकी जान हलक में आ जाती है "अब तो पक्का मार पड़ेगी" वो सोचता है ।
रमा-राहुल किधर जा रहा है ? और इतनी देर कँहा था तू?
राहुल(डरते हुए)-वो मैं खेलने बड़े मैदान में चला गया था ।
रमा-चल मुँह हाथ धो ले ,और रसोई में आके कुछ खा ले ,दिन भर से कुछ खाया नहीं होगा , घोड़े जैसा लम्बा चोड़ा हो गया पर दिमाग बिल्कुल बच्चों जैसा है ।
राहुल की तो जैसे लॉटरी निकल पड़ी हो ,मां ने उसे डांट ही नहीं लगाई । राहुल हाँ में सिर हिलाकर अपने तहखाने की तरफ चल पड़ता है ।
रमा -उधर किधर जा रहा है ?
राहुल-अपने कमरे में तौलिया लेने जा रहा हूँ ।
रमा-मैंने वँहा से तेरा समान हटा कर गरिमा वाले कमरे के बगल वाले कमरे में रख दिया है जा वँहा से लेले अपने कपड़े अलमारी में होंगें ।
राहुल का दिल तो जैसे खुशी के मारे उछलने लगता वो जाके रमा से लिपट जाता है उसकी आँखों में आँसू आ जाते हैं ।
रमा(उसके आँसू पोंछ कर उसके माथे पर किस करती है)-तू तो सच में पागल है जा अब नहीं तो सैंडविच ठंडा हो जाएगा ।
राहुल जो कमरा मिला था वो कुछ खास बड़ा तो नहीं था पर साफ-सुथरा था और रमा ने उसे अच्छे से सजा दिया था । मंजी की जगह साफ-सुथरा बेड -सारी चीज़ें अपनी-2 जगह पर , कपड़े और किताबें रखने के लिए अलमारी सबसे ज़रूरी बात इसमें राहुल खड़ा हो सकता था । एक अभी एक सरप्राइज राहुल को मिलना बाकी था और वो थे उसके नए कपड़े उसने तौलिया निकालने के लिए अलमारी खोली तो उसमें तीन नई जीन्स और तीन टीशर्ट्स देखकर वो हैरान रह गया ऊपर से घर पे पहनने के लिए नया लोअर और टॉप ।
उसने नहा कर जब लोअर और टॉप को पहन कर खुद को आईने में देखा तो वो खुद को ही पहचान न सका दो उसे अच्छे से फिट आए थे वो किसी मॉडल जैसे लग रहा था ।
रमा-अरे वाह मेरा बुद्धु तो बड़ा स्मार्ट लग रहा है ।
राहुल-मां आप इतने सारे कपड़े क्यों लेकर आई ,इसमें तो ढेर सारे पैसे लगे होंगे ।
रमा-बड़ा समझदार हो गया है रे तू बड़ी फिक्र है तुझे पैसों की सेल में सस्ते मिल रहे थे तो एक साथ ले लिए। चल अब सैंडविच खा ले और जाके पिंकि को खाना दे आ वो घर पे अकेली है उसके मम्मी पापा 2-4 दिनों के लिए शादी में गए हैं ।
राहुल ने सैंडविच खत्म किया और पिंकी को खाना देने चल पड़ा वो सोच रहा था पिंकि से ढेर सारी बातें करेगा उसे अपने नए कमरे और कपड़ो के बारे में बताएगा पर वो पिंकि के घर की डोर बेल बजाने ही वाला था कि उसे बबिता सीढ़ियों से ऊपर आती दिखाई दी । उसे देखकर राहुल का मन न जाने क्यों एक बार फिर से नफरत से भर गया ।
बबिता-ओह हो आज तो जनाब बड़े मस्त लग रहे हैं लगता है नए कपडे मिलते ही पिछला सब भूल गए हैं । राहुल के बिल्कुल पास चली आई और उसके लन्ड पर हाथ फेरते हुए उसके कान में बोली "तुझे रोज़ आने के लिए कहा था फिर आज क्यों नहीं आया ?"
राहुल-(बबिता से दूर हटते हुए)- दीदी आज तो छुट्टी थी न ?
बबिता(उसका लौड़ा ज़ोर से दबाते हुए)-तेरे इस लौड़े के कारनामों की वीडियो बना रखी है मैंने ज्यादा चालाक बनने की कोशिश की तो तुम्हारी माँ को दिखाने में ज़रा भी शरम नहीं आएगी ।इतना कहकर वो राहुल के घर कि डोर-बेल बजाती है ।
रमा (उसे अंदर से सिर्फ राहुल दिखता है)- तूने पिंकि को खाना नहीं.....बबिता को देख वो बोलते बोलते रुक जाती है ।
बबिता-नमस्ते दीदी ।
रमा-बबिता तुम यँहा ? वो भी इस वक़्त ?
बबिता- दीदी राहुल आज आया क्यों नहीं कल इसका मैथ का पेपर है और इसे आता जाता कुछ नहीं है ।
रमा(राहुल से)-तू आज ट्यूशन क्यों नहीं गया ?
राहुल-आज तो सन्डे है ।
बबिता-दीदी देखा आपने कितना लापरवाह है यह कल इसे बताया था मैंने कि आज ज़रूर आ जाये मैं इम्पोर्टेन्ट-2 सवाल करवा दूँगी । आप भेज दो इसे ।
राहुल पर वैदेही की मौजूदगी अजीब सा असर कर रही थी ,उसका दिल कर रहा था कि वो उम्र भर ऐसे ही बकबक करती जाए वो सुनता रहे ।पर उसका दिमाग कह रहा था राहुल इससे ज्यादा बात मत कर तेरी असलियत जान जाने पर इसे दुख पहुंचेगा और यह तुझ पर थूकेगी भी नहीं ।
राहुल(खड़े होते हुए)-वैदेही मैं लेट हो रहा हूँ जाऊं मैं ?
वैदेही(नाक चडाते हुए)-बिना थैंक्यू बोले ही चले जाओगे ?
राहुल-थैंक्यू ।
वैदेही-ऐसे नहीं चलो हग(गले लगकर) करके बोलो ।पर इससे पहले कि राहुल कुछ कहता वो खुद ही उसके सीने से लग जाती है ।
उसके बदन की खुशबू राहुल के दिमाग पर छा जाती है एक बार तो उसकी बाहें वैदेही की अपने आगोश में लेने के लिए उठ जाती हैं पर वो खुद को रोक लेता है और धीरे से थैंक्स बोलकर बाहर निकल जाता है । वैदेही पीछे से आवाज़ लगाती है "कँहा रहते हो?" राहुल अपनी मुट्ठी भींचकर आगे चलता रहता है वो पीछे मुड़कर देखना नहीं चाहता था ..."मैं चंडीगढ़ के सेक्टर 7b में रहती हूँ" वैदेही की आवाज़ आती है । "नहीं यह नहीं हो सकता" राहुल के मन में यह विचार आता है और वो अपनी चाल तेज़ कर देता है । "मिलने ज़रूर आना ....वँहा आकर किसी से भी डॉक्टर देव के घर का पता पूछ लेना वो तुम्हें हमारे घर ले आएगा" वैदेही चिल्लाकर कहती है । राहुल होटल के गेट से बाहर निकलता है और पूरी रफ्तार से भाग पड़ता है ।
कुछ ही मिनटों में राहुल अपने घर के गेट के बाहर खड़ा था वो सोच रहा था कि आज तो पिटाई पक्का होगी ही ।पापा कि स्कूटी घर के बाहर न देखकर उसकी जान में जान आती है इसका मतलब था कि अभी आठ नहीं बजे थे क्योंकि पापा हमेंशा 8 बजे से पहले घर आ जाते थे । वो चुपके से गेट खोल घर में घुस जाता है और अपने तहखाने कि तरफ खिसकने लगता है । "लाट साहब आ गए " रमा की आवाज़ आती है । मां की आवाज़ सुनकर उसकी जान हलक में आ जाती है "अब तो पक्का मार पड़ेगी" वो सोचता है ।
रमा-राहुल किधर जा रहा है ? और इतनी देर कँहा था तू?
राहुल(डरते हुए)-वो मैं खेलने बड़े मैदान में चला गया था ।
रमा-चल मुँह हाथ धो ले ,और रसोई में आके कुछ खा ले ,दिन भर से कुछ खाया नहीं होगा , घोड़े जैसा लम्बा चोड़ा हो गया पर दिमाग बिल्कुल बच्चों जैसा है ।
राहुल की तो जैसे लॉटरी निकल पड़ी हो ,मां ने उसे डांट ही नहीं लगाई । राहुल हाँ में सिर हिलाकर अपने तहखाने की तरफ चल पड़ता है ।
रमा -उधर किधर जा रहा है ?
राहुल-अपने कमरे में तौलिया लेने जा रहा हूँ ।
रमा-मैंने वँहा से तेरा समान हटा कर गरिमा वाले कमरे के बगल वाले कमरे में रख दिया है जा वँहा से लेले अपने कपड़े अलमारी में होंगें ।
राहुल का दिल तो जैसे खुशी के मारे उछलने लगता वो जाके रमा से लिपट जाता है उसकी आँखों में आँसू आ जाते हैं ।
रमा(उसके आँसू पोंछ कर उसके माथे पर किस करती है)-तू तो सच में पागल है जा अब नहीं तो सैंडविच ठंडा हो जाएगा ।
राहुल जो कमरा मिला था वो कुछ खास बड़ा तो नहीं था पर साफ-सुथरा था और रमा ने उसे अच्छे से सजा दिया था । मंजी की जगह साफ-सुथरा बेड -सारी चीज़ें अपनी-2 जगह पर , कपड़े और किताबें रखने के लिए अलमारी सबसे ज़रूरी बात इसमें राहुल खड़ा हो सकता था । एक अभी एक सरप्राइज राहुल को मिलना बाकी था और वो थे उसके नए कपड़े उसने तौलिया निकालने के लिए अलमारी खोली तो उसमें तीन नई जीन्स और तीन टीशर्ट्स देखकर वो हैरान रह गया ऊपर से घर पे पहनने के लिए नया लोअर और टॉप ।
उसने नहा कर जब लोअर और टॉप को पहन कर खुद को आईने में देखा तो वो खुद को ही पहचान न सका दो उसे अच्छे से फिट आए थे वो किसी मॉडल जैसे लग रहा था ।
रमा-अरे वाह मेरा बुद्धु तो बड़ा स्मार्ट लग रहा है ।
राहुल-मां आप इतने सारे कपड़े क्यों लेकर आई ,इसमें तो ढेर सारे पैसे लगे होंगे ।
रमा-बड़ा समझदार हो गया है रे तू बड़ी फिक्र है तुझे पैसों की सेल में सस्ते मिल रहे थे तो एक साथ ले लिए। चल अब सैंडविच खा ले और जाके पिंकि को खाना दे आ वो घर पे अकेली है उसके मम्मी पापा 2-4 दिनों के लिए शादी में गए हैं ।
राहुल ने सैंडविच खत्म किया और पिंकी को खाना देने चल पड़ा वो सोच रहा था पिंकि से ढेर सारी बातें करेगा उसे अपने नए कमरे और कपड़ो के बारे में बताएगा पर वो पिंकि के घर की डोर बेल बजाने ही वाला था कि उसे बबिता सीढ़ियों से ऊपर आती दिखाई दी । उसे देखकर राहुल का मन न जाने क्यों एक बार फिर से नफरत से भर गया ।
बबिता-ओह हो आज तो जनाब बड़े मस्त लग रहे हैं लगता है नए कपडे मिलते ही पिछला सब भूल गए हैं । राहुल के बिल्कुल पास चली आई और उसके लन्ड पर हाथ फेरते हुए उसके कान में बोली "तुझे रोज़ आने के लिए कहा था फिर आज क्यों नहीं आया ?"
राहुल-(बबिता से दूर हटते हुए)- दीदी आज तो छुट्टी थी न ?
बबिता(उसका लौड़ा ज़ोर से दबाते हुए)-तेरे इस लौड़े के कारनामों की वीडियो बना रखी है मैंने ज्यादा चालाक बनने की कोशिश की तो तुम्हारी माँ को दिखाने में ज़रा भी शरम नहीं आएगी ।इतना कहकर वो राहुल के घर कि डोर-बेल बजाती है ।
रमा (उसे अंदर से सिर्फ राहुल दिखता है)- तूने पिंकि को खाना नहीं.....बबिता को देख वो बोलते बोलते रुक जाती है ।
बबिता-नमस्ते दीदी ।
रमा-बबिता तुम यँहा ? वो भी इस वक़्त ?
बबिता- दीदी राहुल आज आया क्यों नहीं कल इसका मैथ का पेपर है और इसे आता जाता कुछ नहीं है ।
रमा(राहुल से)-तू आज ट्यूशन क्यों नहीं गया ?
राहुल-आज तो सन्डे है ।
बबिता-दीदी देखा आपने कितना लापरवाह है यह कल इसे बताया था मैंने कि आज ज़रूर आ जाये मैं इम्पोर्टेन्ट-2 सवाल करवा दूँगी । आप भेज दो इसे ।