Hindi Sex Kahaniya अनौखी दुनियाँ चूत लंड की - Page 5 - SexBaba
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Hindi Sex Kahaniya अनौखी दुनियाँ चूत लंड की

राहुल(वो सोचता यह नहीं चुप होगी ,ऐसे ही बोलती रही तो रात यहीं हो जाएगी, वो उसके हाथ में कॉफी का कप देते हुए कहता है)-नहीं मैं ऐसा कुछ नहीं सोच रहा ।
राहुल पर वैदेही की मौजूदगी अजीब सा असर कर रही थी ,उसका दिल कर रहा था कि वो उम्र भर ऐसे ही बकबक करती जाए वो सुनता रहे ।पर उसका दिमाग कह रहा था राहुल इससे ज्यादा बात मत कर तेरी असलियत जान जाने पर इसे दुख पहुंचेगा और यह तुझ पर थूकेगी भी नहीं ।
राहुल(खड़े होते हुए)-वैदेही मैं लेट हो रहा हूँ जाऊं मैं ?
वैदेही(नाक चडाते हुए)-बिना थैंक्यू बोले ही चले जाओगे ?
राहुल-थैंक्यू ।
वैदेही-ऐसे नहीं चलो हग(गले लगकर) करके बोलो ।पर इससे पहले कि राहुल कुछ कहता वो खुद ही उसके सीने से लग जाती है ।
उसके बदन की खुशबू राहुल के दिमाग पर छा जाती है एक बार तो उसकी बाहें वैदेही की अपने आगोश में लेने के लिए उठ जाती हैं पर वो खुद को रोक लेता है और धीरे से थैंक्स बोलकर बाहर निकल जाता है । वैदेही पीछे से आवाज़ लगाती है "कँहा रहते हो?" राहुल अपनी मुट्ठी भींचकर आगे चलता रहता है वो पीछे मुड़कर देखना नहीं चाहता था ..."मैं चंडीगढ़ के सेक्टर 7b में रहती हूँ" वैदेही की आवाज़ आती है । "नहीं यह नहीं हो सकता" राहुल के मन में यह विचार आता है और वो अपनी चाल तेज़ कर देता है । "मिलने ज़रूर आना ....वँहा आकर किसी से भी डॉक्टर देव के घर का पता पूछ लेना वो तुम्हें हमारे घर ले आएगा" वैदेही चिल्लाकर कहती है । राहुल होटल के गेट से बाहर निकलता है और पूरी रफ्तार से भाग पड़ता है ।
कुछ ही मिनटों में राहुल अपने घर के गेट के बाहर खड़ा था वो सोच रहा था कि आज तो पिटाई पक्का होगी ही ।पापा कि स्कूटी घर के बाहर न देखकर उसकी जान में जान आती है इसका मतलब था कि अभी आठ नहीं बजे थे क्योंकि पापा हमेंशा 8 बजे से पहले घर आ जाते थे । वो चुपके से गेट खोल घर में घुस जाता है और अपने तहखाने कि तरफ खिसकने लगता है । "लाट साहब आ गए " रमा की आवाज़ आती है । मां की आवाज़ सुनकर उसकी जान हलक में आ जाती है "अब तो पक्का मार पड़ेगी" वो सोचता है ।
रमा-राहुल किधर जा रहा है ? और इतनी देर कँहा था तू?
राहुल(डरते हुए)-वो मैं खेलने बड़े मैदान में चला गया था ।
रमा-चल मुँह हाथ धो ले ,और रसोई में आके कुछ खा ले ,दिन भर से कुछ खाया नहीं होगा , घोड़े जैसा लम्बा चोड़ा हो गया पर दिमाग बिल्कुल बच्चों जैसा है ।
राहुल की तो जैसे लॉटरी निकल पड़ी हो ,मां ने उसे डांट ही नहीं लगाई । राहुल हाँ में सिर हिलाकर अपने तहखाने की तरफ चल पड़ता है ।
रमा -उधर किधर जा रहा है ?
राहुल-अपने कमरे में तौलिया लेने जा रहा हूँ ।
रमा-मैंने वँहा से तेरा समान हटा कर गरिमा वाले कमरे के बगल वाले कमरे में रख दिया है जा वँहा से लेले अपने कपड़े अलमारी में होंगें ।
राहुल का दिल तो जैसे खुशी के मारे उछलने लगता वो जाके रमा से लिपट जाता है उसकी आँखों में आँसू आ जाते हैं ।
रमा(उसके आँसू पोंछ कर उसके माथे पर किस करती है)-तू तो सच में पागल है जा अब नहीं तो सैंडविच ठंडा हो जाएगा ।
राहुल जो कमरा मिला था वो कुछ खास बड़ा तो नहीं था पर साफ-सुथरा था और रमा ने उसे अच्छे से सजा दिया था । मंजी की जगह साफ-सुथरा बेड -सारी चीज़ें अपनी-2 जगह पर , कपड़े और किताबें रखने के लिए अलमारी सबसे ज़रूरी बात इसमें राहुल खड़ा हो सकता था । एक अभी एक सरप्राइज राहुल को मिलना बाकी था और वो थे उसके नए कपड़े उसने तौलिया निकालने के लिए अलमारी खोली तो उसमें तीन नई जीन्स और तीन टीशर्ट्स देखकर वो हैरान रह गया ऊपर से घर पे पहनने के लिए नया लोअर और टॉप ।
उसने नहा कर जब लोअर और टॉप को पहन कर खुद को आईने में देखा तो वो खुद को ही पहचान न सका दो उसे अच्छे से फिट आए थे वो किसी मॉडल जैसे लग रहा था ।
रमा-अरे वाह मेरा बुद्धु तो बड़ा स्मार्ट लग रहा है ।
राहुल-मां आप इतने सारे कपड़े क्यों लेकर आई ,इसमें तो ढेर सारे पैसे लगे होंगे ।
रमा-बड़ा समझदार हो गया है रे तू बड़ी फिक्र है तुझे पैसों की सेल में सस्ते मिल रहे थे तो एक साथ ले लिए। चल अब सैंडविच खा ले और जाके पिंकि को खाना दे आ वो घर पे अकेली है उसके मम्मी पापा 2-4 दिनों के लिए शादी में गए हैं ।
राहुल ने सैंडविच खत्म किया और पिंकी को खाना देने चल पड़ा वो सोच रहा था पिंकि से ढेर सारी बातें करेगा उसे अपने नए कमरे और कपड़ो के बारे में बताएगा पर वो पिंकि के घर की डोर बेल बजाने ही वाला था कि उसे बबिता सीढ़ियों से ऊपर आती दिखाई दी । उसे देखकर राहुल का मन न जाने क्यों एक बार फिर से नफरत से भर गया ।
बबिता-ओह हो आज तो जनाब बड़े मस्त लग रहे हैं लगता है नए कपडे मिलते ही पिछला सब भूल गए हैं । राहुल के बिल्कुल पास चली आई और उसके लन्ड पर हाथ फेरते हुए उसके कान में बोली "तुझे रोज़ आने के लिए कहा था फिर आज क्यों नहीं आया ?"
राहुल-(बबिता से दूर हटते हुए)- दीदी आज तो छुट्टी थी न ?
बबिता(उसका लौड़ा ज़ोर से दबाते हुए)-तेरे इस लौड़े के कारनामों की वीडियो बना रखी है मैंने ज्यादा चालाक बनने की कोशिश की तो तुम्हारी माँ को दिखाने में ज़रा भी शरम नहीं आएगी ।इतना कहकर वो राहुल के घर कि डोर-बेल बजाती है ।
रमा (उसे अंदर से सिर्फ राहुल दिखता है)- तूने पिंकि को खाना नहीं.....बबिता को देख वो बोलते बोलते रुक जाती है ।
बबिता-नमस्ते दीदी ।
रमा-बबिता तुम यँहा ? वो भी इस वक़्त ?
बबिता- दीदी राहुल आज आया क्यों नहीं कल इसका मैथ का पेपर है और इसे आता जाता कुछ नहीं है ।
रमा(राहुल से)-तू आज ट्यूशन क्यों नहीं गया ?
राहुल-आज तो सन्डे है ।
बबिता-दीदी देखा आपने कितना लापरवाह है यह कल इसे बताया था मैंने कि आज ज़रूर आ जाये मैं इम्पोर्टेन्ट-2 सवाल करवा दूँगी । आप भेज दो इसे ।
 
रमा-देख दीदी को खुद आना पड़ा अब किताबें उठा और जा दीदी के साथ । और यह थाली मुझे दे पिंकि को खाना मैं दे दूँगी । रमा पिंकि का दरवाजा खटखटाती है ।
राहुल चुप-चाप किताबें लेने अंदर चला जाता है ।
पिंकि(बबिता को रमा के साथ देखते हुए)-नमस्ते आंटी ,नमस्ते दीदी । आप इस समय यँहा ?
रमा -राहुल का पेपर है और वो गधा आज ट्यूशन ही नहीं गया । बबिता को खुद आना पड़ा ।
पिंकि(वो सारा माजरा समझ जाती है कि किस पढ़ाई के लिए बबिता राहुल को ले जा रही है ) - दीदी आप कँहा परेशान होंगी इस समय राहुल को मैं पढ़ा दूँगी ।
बबिता-नहीं नहीं उसे कुछ इम्पोर्टेन्ट सवाल करवाने हैं ।
पिंकि(रमा से)-आँटी आप राहुल को कह दो न कि कुछ समझना हो तो मेरे पास आ जाया करे ।
रमा- बेटा जो ट्यूशन नहीं जाता वो फालतू तो क्या पढ़ेगा , तेरे पास खाना लेकर भेजा था वो तो अच्छा हुआ बबिता उसे मिल गयी यँहा।
पिंकि राहुल को बाहर आते देखती है और उसकी उतरी हुई शक्ल देखकर समझ जाती है कि उसका मन नहीं था जाने का । राहुल सिर झुकाए चुपचाप सीढ़ियां उतरने लगता है।
बबिता-ठीक है दीदी मैं चलती हूँ ।
रमा-बबिता यह अकेला इतनी रात में कैसे आएगा ,तू मुझे फ़ोन कर लेना मैं आ जाऊँगी ।
बबिता-नहीं नहीं दीदी ,मैं खुद छोड़ जाऊँगी इसे । आप क्यों परेशान होंगी ।
रमा(वो खुद भी राहुल को लेने नहीं जाना चाहती थी क्योंकि वो रवि के साथ एक पार्टी में जाने का प्लान बना चुकी थी)-बबिता आज तुम्हारे जैसी टीचर्स कँहा मिलती हैं जो बच्चों का इतना ख्याल रखती हों । मुझे वैसे भी आज एक सहेली के घर जगराते में जाना था ।
बबिता(रमा के जगराते की बात सुनकर उसके मन में तो जैसे लड्डू फूटने लगते हैं...अब वो राहुल को ज्यादा देर तक अपने घर पर रख सकती थी)-यह तो मेरा काम ही है दीदी ,मैं चलती हूँ ।
बबिता एक नम्बर की चुड़कड लड़की थी उम्र भी उसकी 25-26 साल से ज्यादा नहीं थी ,राहुल ने उसकी ऐसी चुदाई की थी कि वो उसकी फैन हो चुकी थी ऐसा नहीं था कि उसे मर्दों की कोई कमी थी। देखने में वो जैकलीन फर्नांडिस जैसी लगती थी और बदन भी जैकलीन जैसा ही गदराया हुआ था उसके 38-30-38 के फिगर वाले कामुक बदन के कई आशिक थे पर राहुल जितना संतुष्ट उसे कोई न कर पाया था । वैदेही से मिलने के बाद और उससे बात करने के बाद राहुल की कामवासनाओं पर कुछ देर के लिए रोक लग गयी थी पर अब जब वो बबिता के साथ चल रहा था तो एक बार फिर उस पर वासना हावी होती जा रही थी ।
बबिता आज खूब चुदना चाहती थी और उसे लग रहा था राहुल का आज सेक्स का मूड नहीं है । इसलिए घर पहुंच कर उसने राहुल को बेड रूम में जाने के लिए कहा और रसोई में जाकर उसके लिए वायग्रा की 3-4 गोलियां मिला दूध ले आयी । राहुल कुर्सी पर बैठा हुआ इधर-उधर देख रहा था ।
बबिता(राहुल को दूध देते हुए)-पीलो इसे ।
राहुल-मन नहीं है ।
बबिता-राहुल ऐसा मत करो ,आज तुम्हारा मूड नहीं है तो कुछ देर मेरे साथ बातें करके ही चले जाना । वो अपनी कमीज उतारते हुए कहती है ।
राहुल उसके भरपूर विकसित उन्नत मोम्मे देखता है तो उसके अंदर का ठरकी मर्द उस पर हावी होने लगता है ।वो एक ही बार में वायग्रा मिला दूध खत्म कर देता है ।
बबिता उसकी टाँगों के पास घुटनों के बल बैठ जाती है और उसका लोअर और कच्छा नीचे कर उसका मोटा आधा खड़ा लन्ड बाहर निकाल लेती है । वो उसके क्रिकेट की गेंदों जैसे बड़े -2 अण्डकोषों को पकड़ते हुए अपनी जीभ बाहर निकालती है और मुँह को आगे कर राहुल के टोपे को चाटने लगती है ।
"आह....आह....बबिता...." राहुल सिसक उठता है उसका रोम रोम मज़े के कारण रोमांचित हो गया था । बबिता के कोमल हाथों में राहुल लन्ड किसी गुबारे की तरह फूलकर लंम्बा और मोटा होता जा रहा था उसमें सख्ती बढ़ती जा रही थी ।
राहुल -ओह बबिता ....आह मज़ा आ रहा है ऐसे ही हाँ ऐसे ही उफ्फ्फ....बड़ा मस्त लौड़ा चाटती है तू"
बबिता(उसके 6इंची टोपे पे किसी करती है और राहुल की आखों में देखते हुए कहती है)-तेरे इस अजगरी लौड़े ने मुझे दीवाना बना दिया है और एक तू है कि नखरे करता रहता है ।
राहुल- वो घर पर कैसे ....तुमने तो सीधे आकर मेरा लौड़ा ही पकड़ लिया था कोई देख लेता तो ?
बबिता -(उसके लौड़े के टोपे के आहिस्ता आहिस्ता चार-पाँच बार चूसती है फिर उसके लौड़े पर अपने होंठ रगड़ती है और अपनी थोडी(चिन) को उसके अंडों पर टिकाते हुए बड़े प्यार और कामुकता भरी नजरों से उसे देखते हुए कहती है)-मज़ा आया ?
 
राहुल (बबिता का चेहरा उसके लौड़े के साथ कुछ इस तरह छू रहा था कि मानों वो अपने चेहरे उसका नाप ले रही हो , कितना उत्तेजक नज़ारा था बबिता का चेहरा मुश्किल उसके लन्ड आधे हिस्से तक ही आ रहा था )-आह...आह...बबिता रुक मत बडा मज़ा आ रहा ।
बबिता अपनी ब्रा को उतार देती है और अपने फुटबॉल जैसे बड़े-2 मम्मों में राहुल के लन्ड को फसा कर उसके लौड़े को लॉलीपॉप जैसे चूसने लगती है । बबिता की इस हरकत से राहुल का लन्ड अब डबल चुद रहा था एक तो उसके नरम मम्मों से और दूसरा बबिता के मुँह से । ..बबिता के मुँह से ..उम्म...ममम...उम्म..पच...पपच्छ...की आवाजें आ रहीं थी और राहुल के मुँह से सिसकियों की बौछार हो रही थी ।
ठीक इसी वक़्त डोर बेल बजती है ।बबिता जल्दी से उठकर अपनी टॉप पहन लेती है ।
राहुल-क्या हो गया ?
बबिता -अपने कपड़े उठाओ और स्टोर रूम में जाओ पक्का मेरा बॉयफ्रेंड होगा ।
राहुल(अपने कपड़े पहनते हुए)- तुमने इसे क्यों बुला लिया ।
बबिता-मैंने नहीं बुलाया पता नहीं क्यों आया होगा ।
राहुल जल्दी से स्टोर रूम में चला जाता है और स्टोर का दरवाजा बंद करके अपनी शक्तियों का प्रयोग करता है ताकि देख सके कि कौन आया है ।
रात के इस वक़्त तनु और गरिमा के ट्यूटर को बबिता के घर पर देख वो हैरान रह जाता है । "बहनचोद यह तो तनु को धोखा दे रहा है " उसके मुँह से गाली निकल जाती है ।
बबिता-मनोज(तनु का ट्यूटर) तुम इस समय यँहा ?आओ अंदर आओ ।
मनोज-लगता है तुम किसी और का इंतज़ार कर रही थी और अपने भाई को देखकर तुम कुछ ज्यादा खुश नहीं लग रही ।
बबिता -नहीं ऐसा कुछ नहीं बस मैं तो सोने से पहले कॉफ़ी बनाने जा रही थी , और बताओ कैसे आने हुआ ।
मनोज-कुछ खास नहीं यार बस तुम्हारी कार चाहिए थी ,मेरी एक गर्लफ्रेंड को मूवी के लिए ले जाना है और मेरी कार खराब पड़ी है ।
बबिता -आओ पहले कॉफी तो पी लो ? वैसे अपनी किस सुडेन्ट को फसा लिया है तुमने ?
मनोज(अपना लन्ड मसलते हुए)-तुम्हारे कालेज के प्रिंसिपल की बेटी प्रिया को ।
बबिता-बड़ा लम्बा हाथ मारा है यार बड़ा पटाखा माल है साली ।
मनोज(हँसते हुए)-तुम्हारा ही भाई हूँ चाहे चचेरा ही सही ।
इधर बबिता मनोज को जल्दी से जल्दी भगाने की कोशिश कर रही थी तो दूसरी तरफ रमा खाने के टेबल पर बैठी सोच रही थी कि कैसे वो जल्दी से जल्दी घर से निकले ।
गरिमा- आज मुझे अपनी एक सहेली के घर जाना है सोने के लिए वो घर पर अकेली है ।
रमा-नहीं ,चुपचाप घर पे रहो क्योंकि मुझे खुद जगराते में जाना है रोपड़ तुम्हारी कोमल आँटी के घर उसका ड्राइवर मुझे लेने आता ही होगा ।
गरिमा-मां जाने दो न प्लीज़ ।
रमा-एक बार कहा न नहीं ।
राकेश-रमा बच्ची इतना कह रही है तो जाने दो न ।
रमा-तुमने ही अपनी बेटियों को सिर पे चढ़ा रखा है ।
राकेश-रमा डरो मत बच्चों पे विश्वास करना सीखो ,जाने दो गरिमा को ।
रमा(मन ही मन खुश होते हुए क्योंकि गरिमा के जाने बहाने उसके जाने पर भी मोहर लग गयी थी)- ठीक है भाई जो करना है करो इस घर में मेरी तो कोई सुनता ही नहीं है ।
दूसरी तरफ स्टोर रूम में बैठे बैठे राहुल बोर होने लगा था । मनोज जैसे ही बबिता के घर से बाहर निकला राहुल किसी भूखे कुत्ते की तरह बबिता पर टूट पड़ा ।उसने बबिता को बाहों के आगोश में भर लिया और अपने होठों को बबिता के नरम और खूबसूरत होंठो पे रख दिए और उसके होंठो को बेहरहमी से स्मूच करने लगा । उसका एक हाथ बबिता के मम्में दबा रहा था तो दूसरा उसकी लेग्गिंग के अंदर उसकी चूत को मसल रहा था ।
राहुल की बड़ी और मोटी उंगली बबिता की चूत के अन्दर बाहर होते हुए उत्तेजित करती जा रही थी वो राहुल की मजबूत पकड़ में मछली की तरह छटपटा रही थी ।बबिता ने एक हाथ से अपनी लेग्गिंग नीचे की और टाँगों को हिलाकर उसे उतार दिया और कूद कर राहुल की गोद में चढ़ गयी उसकी मजबूत मोटी गोरी टाँगे कसकर राहुल की कमर से लिपट गयी ।
बबिता(राहुल के बाल नोचते हुए)-अब और नहीं सहन होता डाल दे अपना मूसल मेरी चूत में।
राहुल आज पहली बार बबिता को गोर से देख रहा था ,उसका खूबसूरत चेहरा जवान सुडौल बदन राहुल को उतेजना के शिखर पर ले जा रहा था ,नंगा तो पहले ही था उसने बबिता को उसके मोटे कुहलों से थोड़ा ऊपर उठाया और उसकी चूत को अपने मूसल लौड़े पे टिका दिया ।
राहुल(बबिता की आँखों में देखते हुए)- रेडी हो तुम ?
बबिता (अपनी बाहों को उसके गले में हार की तरह डालते हुए)- हाँ बिल्कुल ।
राहुल ने बबिता को कमर से पकड़ लिया और उसे नीचे की तरफ खींचते हुए नीचे से अपनी कमर को ऊपर की ओर झटका दिया ...उसके लौड़े का भयंकर मोटा टोपा सरसराता हुआ बबिता की चूत में घुस गया ।
बबिता(अपने होंठ काटते हुए)-आह मां... कितना मोटा लौड़ा है तेरा ।
राहुल(बबिता के होंठ चूमते हुए)-कितना मोटा है ?
बबिता-इतना मोटा कि चूत फटने को हो गयी है ।
राहुल (बबिता को लौड़े पे एडजस्ट करते हुए)-तो पूरी फाड़ दूँ ? बड़ी बेसब्र हो रही तू ।
बबिता-हाँ फाड़ के भोसड़ा बना दे ।
राहुल-तो ले एक बार में पूरा खूंटा गाड़ देता हूँ ।
बबिता-इतना मोटा और लम्बा लन्ड एक बार में पूरा जाने से तो रहा ।
राहुल-चैलेंज कर रही हो ?
बबिता-चैलेंज ही समझ लो ।
राहुल ने बबिता को सोफ़े पे पटक दिया और कूदकर उसकी टाँगों के बीच आ गया और उसकी टाँगों को खोलकर अपना लौड़ा उसकी चूत की फांको में फसाया और अपनी दानवी ताकत से अपना लन्ड उसकि चूत में पेल दिया ।
"आह....मार डाला रे ....इतनी ...बेहरहमी से कौन करता है ....आह मर गयी रे....राहुल गढ़ गया रे तेरा खूंटा ...." बबिता सिसकी ।
राहुल ने कमर हिलाकर बबिता को चोदना शुरू कर दिया उसके धक्के इतने तेज़ थे कि टॉप के अंदर भी बबिता के मोम्मे तेजी से आगे पीछे हो रहे थे ।
बबिता ने अपने बदन को ढीला छोड़ अपने को पूरी तरह राहुल के रहम पे छोड़ दिया था । वो अपने हाथों को सिर के पीछे किए सोफ़े को नोचकर राहुल के तेज और ताकतवर धक्कों को झेलने की कोशिश कर रही थी उसने अपने होंठों को दबा रखा था ताकि उसकी चीखें बाहर न जाएं ।
राहुल का मोटा खम्बे जैसा लौड़ा बबिता की चूत को हर धक्के के साथ उसकी औकात पे ला रहा था उसे अपने आकार के हिसाब से फैलता जा था । राहुल के जानलेवा धक्कों से खिसकते हुए बबिता सोफ़े के कोने तक पहुंच गई थी उसके बदन की ताकत निकल चुकी थी वो बेजान सी पड़ी चुदाई का आनंद ले रही थी अचानक राहुल ने उसकी टाँगे दोहरी उसके कंधों पे दबा दिया जिसे उसके गाँड़ कुछ ऊपर को उठ आई फिर राहुल अपने एक पैर को सोफ़े और दूसरे को ज़मीन पर रख इस पोजीशन में आ किया कि उसका लन्ड और बबिता की चूत 90 डिग्री के कोन पर आ गए अब वो ऊपर नीचे होता हुआ बबिता को चोदने लगा अब उसका लन्ड हर झटके के साथ बबिता के पेट तक पहुँच रहा था ..."आह ...आह....बहनचोद....हरामी....आह ऐसे ही ....चोद ऐसे ही मुझे रंडियों सा चोद आह.....मेरा निकलने वाला है" बबिता अब मस्ती से चिल्ला रही थी ।
"राँड़ बड़ी मस्त चूत है तेरी ....गहरी और कसी हुई ....साली देख क्या हाल बना दिया है ...खुल के चौड़ी हो गयी है तेरी चूत" राहुल अपने धक्के जारी रखते हुए बबिता के सिर को बालों से पकड़कर थोड़ा ऊपर उठाते हुए कहा ताकि बबिता अपनी चूत का भुर्ता बनते हुए देख सके ।
बबिता चूत का कचूमर निकते देख हैरान रह गयी । राहुल का खूंटे जैसा मोटा लौड़ा हर धक्के के सातग सीधा उसकी चूत में गड जाता जब राहुल लन्ड बाहर खिंचता तो उसकि चूत भी ऐसे बाहर को निकल आती मानो कोई कपड़े उलट रहा हो ...राहुल के अण्डकोषों की थैली भयंकर रूप से बड़ी थी और कपडे धोने की थापी की तरह वो उसकी गाँड़ के बीचोबीच टकरा रही थी और राहुल था कि गुर्राता हुआ बिना रुके धक्के लगाता ही जा रहा था ...."क्या जानदार मर्द है ...निचोड़ के रख दिया है" बबिता यह सोच ही रही थी उसकि चूत ने झरना छोड़ दिया ...वो थरथराती हुई न जाने कितनी देर पानी छोड़ती रही अब तो हर घस्से के साथ उसके बदन के हर हिस्से पर उसकी चूत के पानी के छींटे पड़ रहे थे ....राहुल की पकड़ अब ढीली होती जा रही हर धक्के के साथ उसका वेग कम होता जा रहा ...बबिता समझ गयी कि राहुल का खेल भी होने वाला है उसने अपनी टाँगों को झटका दे सीधा कर लिया और राहुल की कमर को जड़कर अपनी गाँड़ को हिलाते हुए उसकी मदद करने लगी ....उसने राहुल को सिर से पकड़ उसके मुँह अपने मोटे मम्मों के बीच दबा दिया और उसकी पीठ सहलाते हुए उसके ठंडे पड़ते जोश को बढ़ाने लगी ।
 
राहुल की रफ्तार अब बेहद कम हो चुकी थी उसका लन्ड अपने आकार से बेहद छोटी चूत में झटके खा रहा था ...राहुल अपनी सारी शक्ति को समेटते हुए कस-कस कर हथोड़े जैसे झटके दे रहा था ...राहुल शिथिल होता हुआ बबिता के ऊपर गिर पड़ा और उसका लन्ड बबिता की चूत में लावे कि बौछार कर बैठा ।
"बस..बस हो गया....हो गया....आह पूरी चूत को भर दिया है तूने ..." बबिता राहुल को हौसला दे रही थी ।
"उफ्फ जान निकल गयी आज तो ...लन्ड बाहर निकालने की भी हिम्मत नहीं बची बबिता" राहुल ने बबिता के मोम्मे सहलाते हुए कहा ।
"तो कौन निकालने को कह रहा है " बबिता ने करवट लेते हुए कहा अब दोनों सोफ़े पर एक दूसरे की तरफ चेहरा किये लेटे हुए थे ।
बबिता(बबिता को ऐसा लग रहा था मानो राहुल का लौड़ा अभी भी उसकी योनि में आगे-पीछे हो रहा था)-राहुल तुम्हारा लन्ड तो अभी भी सख्त है ।
राहुल-हम्म आज जल्दी थक गया हूँ ।
बबिता-ऐसा क्यों ? इतनी चुदाई करने के बाद भी जनाब का मन नहीं भरा क्या ।
राहुल-नहीं अभी तो तेरी गाँड़ भी मारनी है मेरी जान ।
बबिता(वो पिछली बार हुई अपनी गाँड़ की हालत के बारे में सोचकर डर जाती है,राहुल ने उसे ऐसा जम के पेला था कि उसका चलना भी मुश्किल हो गया था)-थक गए हो तो गाँड़ कल मार लेना वैसे भी मेरी गाँड़ अभी तक दर्द कर रही है ।
राहुल-बबिता मेरी जान तुम्हारी गाँड़ तो सनी लेओनी की गाँड़ से भी बेहतर है मारे बिना मन नहीं भरेगा ।
बबिता- सनी लेओनी की सपने में मारते हो क्या ?
राहुल-असली में सुनोगी क्या हालत करी थी मैंने उसकी ?
बबिता(वो सोच रही थी राहुल फेंक रहा है,पर गाँड़ चुदाई से बचने के लिए वो राहुल की कहानी सुनने का मन बना लेती है)-अच्छा तो सुनाओ ।
राहुल उसे अपनी आपबीती सुनाना शुरू करता है पर ऐसे की उसमें शक्तियों का ज़िक्र न आये ।
बबिता(वो सोच रही थी कि राहुल को मुठियाते हुए कहानी सुनेगी तो झड़ने के बाद राहुल उसकी गाँड़ बक्श देगा) - रुको ज़रा पहले मुझे अपनी गोद मे बैठने दो तुम्हारे इस मूसल लन्ड को प्यार करते हुए सुंनुगी तुम्हारी सेक्सी कहानी ।
राहुल उसकी फुद्दी से अपना लन्ड निकालता है और बबिता को उठाकर अपनी गोदी में बिठा लेता है । बबिता की पीठ उसकी छाती की तरफ थी और उसका लन्ड किसी मोटे डण्डे की तरह बबिता के स्तंनो तक आ रहा था । बबिता अपने दोनों हाथों से उसके लन्ड को मुठियाते हुए सनी लियोनी की चुदाई के बारे में सुनने लगती है ।
इधर राहुल बबिता को कहानी सुना रहा था तो दूसरी तरफ रमा अपने काइली जैनर वाले रूप में रवि की लक्सरी कार से उतर रही थी । उसने गोलडन कलर की वन पीस ड्रेस पहन रखी थी जो उसकी कमर पर उसी रंग की बेल्ट से बंधी थी और उसके घुटनों तक आ रही थी और उसकी माँसल जांघो और पट्ट साफ -2 उदघाटित कर रही थी । टाइट लेटेक्स की ड्रेस में से उसका 38-24-38 का फिगर देखने वालों पे कहर बनके टूट रहा था । उसके बालों की लटें उसके गुदगुदे गोरे गालों से होते हुए उसके गुलाबी होंठों तक आ रहे थे । 6इंच की हील पहने होने के कारण उसके नितम्ब और स्तन कुछ और उभर रहे थे मानो की उसकी टाइट ड्रेस की कैद से भाग जाना चाहते हों ।
रवि ने उसकी कमर पे अपनी बाजू लपेटते हुए उसके होंठो को चूम लिया ।
रमा-रवि कोई देख लेगा क्या कर रहे हो मुझे शर्म आती है ।
रवि-हम्म देख तो रहें है मेरी खूबसूरत पत्नी को देखकर देखो कैसे वो आदमी अपना लन्ड मसल रहा है ।
रमा-मैं नहीं जा पाऊँगी डिस्को बहुत लाज आ रही है ,वापिस चलते हैं ना ।
रवि -इसमें शर्म की बात क्या है ? ना कोई तुम्हें जनता है यँहा न किसी को तुम बस एन्जॉय करो ।
ठीक इसी वक़्त गरिमा नीले रंग की ड्रेस पहने हुए एक लड़के की बाहों में बाहें डाले उसके सामने से गुज़र जाती है । रमा गरिमा को देखकर सोच में डूब जाती है । रवि उसके दिल की हालत समझ जाता है ।
रवि-रमा गरिमा जवान है सुंदर है कर्ण और वो प्यार करते हैं एन्जॉय करने दो ।
रमा-पर अभी उसकी उम्र ही क्या है ,कुछ ऊंच नीच हो गयी तो ?
रवि-कुछ नहीं होगा कर्ण को अच्छे से जनता हूँ मैं ,गरिमा से पहले उसने किसी लड़की की तरफ नज़र उठाकर भी नहीं देखा था ।
 
रमा-करता क्या है ?परिवार कैसा है ?
रवि-अभी तो पढ़ रहा है और बड़ा प्यारा परिवार है और इतने अमीर हैं कि गरिमा राज करेगी राज ।
रमा-लेकिन अगर वो मुझसे बात करने आई तो ?
रवि-इस रूप में तो वो अपनी माँ को पहचान नहीं पाएगी ,बस तुम इतना याद रखो तुम्हारा नाम दिया है और कुछ ही दिन पहले तुम अमेरिका के न्यूयार्क से आई हो ।
रमा-मुझे डर लग रहा है ,क्या बात करूँगी मैं उससे तुम प्लीज़ उनके पास मत जाना ।
रवि-मैं तो नहीं जाऊँगा पर कर्ण या गरिमा ने देख लिया तो ज़रूर बात करने आ जाएंगे , तुम डरो मत बस वैसी ही बातें करना जैसी तुम उसकी उम्र में अपनी सहेलियों से करती थी ।
रमा-ठीक है । वो रवि का हाथ थाम लेती है और वो दोनों डिस्को की एन्ट्रेंस की तरफ चल देते हैं ।
इधर घर पर तनु और राकेश अकेले थे आज रमा सत्संग में गयी हुई थी , गरिमा सहेली के घर और राहुल अभी तक टयूशन से नहीं लौटा था ।
राकेश(अपने बेड रूम से)-तनु तनु....
तनु(भागकर राकेश के पास आती है)-जी पापा
राकेश- तनु बेटा जा राहुल को उसकी टयूशन से ले आ ,काफी रात हो गयी है उल्लू कहीं रास्ता न भूल जाए ।
तनु-मैं नहीं जाती मैं टीवी पे अपना फेवरेट सीरियल देख रही हूँ ।
राकेश-मेरा अच्छा बच्चा , नाटक देखकर चली जाना । वो पागल कहीं खो गया तो लोग कहेंगे गोद लिया हुआ था इसीलिए उसका ख्याल नहीं रखा ।
तनु-मैं नहीं जाऊँगी पापा ।
राकेश(तनु को लालच देने की कोशिस करता है, वो अपना एटीएम दिखाते हुए कहता है)-मैं तो सोच रहा था तू उसे लेने जाएगी तो बबिता के घर के पास वाले एटीएम से पैसे भी निकलवा लाएगी और मैं तुझे कुछ पॉकेट मनी दे दूँगा ।
तनु(खुश होते हुए)-पापा आप न बड़े खराब हो लालच दे कर मना लिया मुझे ।
राकेश(तनु को एटीएम देते हुए)-ज़रूर चले जाना 2000 ले लेना ज्यादा नहीं वरना मार पड़ेगी ।
तनु-पक्का चली जाऊँगी ,अब मैं जाऊं वरना शो निकल जाएगा ।
राकेश-ठीक है ।
तनु एटीएम लेकर टीवी देखने चली जाती है ।
इधर डिस्को में पार्टी फूल मूड में थी गरिमा और कर्ण बाहों में बाहें डाले झूम रहे थे । कर्ण कुछ उदास लग रहा था ।
गरिमा-कर्ण तुम अभी भी उदास हो ,मुझे लगा था यँहा आकर तुम्हारा मूड ठीक हो जाएगा ।
कर्ण-हम्म मन उदास है यह सोचकर कि किन्हीं तुम मुझे छोड़ न दो ।
गरिमा-तुम मेरे प्यार पर शक करना कब बन्द करोगे ?
कर्ण(गरिमा के होंठ चूमते हुए)-शक कैसे न करूँ ? तुम मेरे परिवार से मिल चुकी हो वो तुम्हें अपनी बहू मान चुके हैं पर तुमने अभी मुझे अपने घरवालों से मिलवाया तक नहीं है ,मिलवाना तो दूर तुमने तो उन्हें अभी तक हमारे बारे में बताया तक नहीं है ।
गरिमा (वो देखती है कि एक मॉडल सी देखने वाली लड़की उसे घूर रही है )-कर्ण तुम तो जानते हो मेरे परिवार में एक उम्र से पहले ....वो उस लड़की की घूरती नज़रों से परेशान हो जाती है...
कर्ण-क्या हो गया गरिमा बात तो पूरी करो ।
गरिमा- वो देखो उस टेबल पर बैठी लड़की मुझे घूरे जा रही है ।
कर्ण- तुम हो ही इतनी सुन्दर कोई भी तुमसे जलन कर बैठेगी । वैसे वो रवि चाचा के साथ है शायद मैंने उनदोनों को पार्किंग में देखा था । वो देखो रवि चाचा भी आ गए ....चल के मिलते हैं नहीं तो चाचा बुरा मान जाएंगे ।
गरिमा-ठीक है । मैं ठीक तो लग रही हूँ न ?
कर्ण-एक दम परफेक्टली हॉट एन्ड सेक्सी लग रही हो ।
कर्ण और गरिमा को देखकर रवि आगे आकर उनसे मिलता है ।
रवि-लव बर्ड्स को आखिर फुरसत मिल ही गयी चाचा के लिए । लो इनसे मिलो यह हैं दिया और तुम्हारी होने वाली चाची ।
गरिमा-चाचा इस बार लगता है आप भी पड़ गए प्यार के चक्कर में....हेलो दिया । दिया(रमा)उठकर गरिमा के गले लगती है तो गरिमा को अजीब सी गर्मी का एहसास होता है बिल्कुल वैसी ही गर्मी का जैसे बच्चों को माँ के आग़ोश में होता है । गरिमा के चेहरे पर हैरानी भरी लकीरें उभर आती है ।
दिया(रमा)- गरिमा ,कुछ अपसेट(परेशान) हो ?
गरिमा-नहीं बस ऐसे लगा कि मैं अपनी माँ के गले लग रही हूँ ।
रवि(बात संभालते हुए)- चाची अभी हुई नहीं है और तुमने माँ भी बना लिया ।
कर्ण-यह तो अपने परिवार से इतना डरती है कि हर जगह इसे मम्मी पापा नज़र आते हैं । चारों बैठ जाते हैं ...रमा रवि के साथ और गरिमा कर्ण के साथ ।
गरिमा(थोड़ा गुस्से से)-कर्ण तुम फिर शुरू हो गए ।
रवि- लगता है क्लोड वॉर चल रही है ....हाहाहा...भाई हमें भी बताओ क्या बात है ।
गरिमा-कुछ नहीं चाचू इसकी तो आदत है बस मुझे चिढ़ाने की इसे भी मेरे जैसी नॉर्मल फैमिली मिली होती तो पता चलता ।
दिया(रमा)(उसे अपनी बेटी की बात चुभ जाती है वो सोचती है कि इतने नाज़ों से पाला है इसे और यह हमारी बुराई कर रही है)- यह तो टीन ऐज का असर है । बट मैटर क्या है ?
रवि-भाई बताओ भी हो सकता है हम बूढे ही तुम्हारे कुछ काम आ जाएं ।
कर्ण-चाचू कुछ नहीं बस यह डरपोक है ।
गरिमा-ऐसा कुछ नहीं है ।
कर्ण-ऐसा ही है ।
गरिमा-ई हेट यु ।
दोनों कि नोक-झोंक देखकर रमा और रवि एक दूसरे को देखते हैं और उनकी हँसी निकल जाती है ।
दिया(रमा)- डोंट फाइट प्लीज़ वरना हमें लगेगा हमारी वजह से आप दोनों का झगड़ा हो गया ।
कर्ण- सॉरी दिया जी ।
दिया- सॉरी कहने काम नहीं चलेगा अब तो बताना पड़ेगा कि आप इतनी प्यारी सी गरिमा के साथ क्यों लड़ रहें हैं ।(कहने के बाद उसे ध्यान आता है कि अभी तक गरिमा और कर्ण ने अपने नाम नहीं बताए थे वा रवि की तरफ देखती है)
गरिमा- आपको मेरा नाम कैसे पता है ?
रवि- भई जब तुम नाच रहे थे तो दिया को मैंने तुम्हारे बारे में बता दिया था । गरिमा बात मत बदलो चलो बताओ कि ये शैतान तुमसे क्यों लड़ रहा था ।
गरिमा- चाचू यह कह रहा है मुझे अपनी फैमिली से मिलवाओ , और मैं यह नहीं कर सकती ।
कर्ण(बीच में बोल पड़ता है)- चाचू आप तो जानते हैं कि मेरी फैमिली इसे घर का मेंबर ही मान चुके हैं ।और इसे देखो ।
 
रवि-गरिमा मिलवाने में क्या दिक्कत है मिलवा दो ।
दिया(कर्ण की बात सुनकर उसके अंदर की माँ को शांति मिल जाती है , कितना समझदार लड़का है वो सोचती है....और इस बेफकूफ लड़की को देखो मिलवाने में भी डर रही है)- मिलवाने से तो रिलेशन और स्ट्रांग होगा , काश ऐसा लड़का मुझे.....मेरा मतलब हर लड़की को मिले ।
कर्ण-थैंक्स दिया जी ।
रवि-भाई चाची को ही पटा लिया ....हाहाहा।
कर्ण- चाचू आप कुछ भी कहते हो । दिया जी चाचू की शांति के लिए क्या मैं आपको चाची बुला सकता हूँ ?
दिया-मुझे अच्छा लगेगा अगर तुम मुझे चाची कहोगे तो ।
गरिमा-कर्ण (इतेफाक से एक साथ एक ही वाक्य बोल पड़ते हैं)- चाची आप ही इसे समझाओ न ।
दिया- परिवार से मिलवाने में कोई प्रॉब्लम तो मुझे नहीं दिखाई देती ।
गरिमा(थोड़ा शर्माते हुए)-इसे तो बस लाइसेंस चाहिए वो सब करने का ।
दिया-वो सब ?
रवि-मुझे तो लगा था अभी तक ....
कर्ण-सब हो चुका उस चीज़ का बहाना बनाकर यह मुझे बदनाम कर रही है ।

दिया(रमा को समझ नहीं आ रहा था कि किस चीज़ की बात हो रही है ...वो सोच भी नहीं सकती थी कि गरिमा सेक्स कर चुकी होगी)- किस चीज़ के बारे में बात हो रही है ।
रवि(रमा के कान में)- चुदाई की बात कर रहें है ।
रमा(रवि के कान में फुसफुसाती है)-प्रेग्नेंसी हो गयी तो ?
गरिमा-मेरा मज़ाक उड़ाया जा रहा है ?
रवि- नहीं नहीं तुम्हारी चाची पूछ रही थी कि प्रोटेक्शन यूज़ करते हो कि नहीं ।
गरिमा( कंडोम तो इसके टोपे को भी कवर नहीं कर पाता मुझे ही गोली लेनी पड़ती है ...वो मन सोचती है )-हम्म करते हैं ।
दिया-रवि और कर्ण बुरा मत मानना मुझे गरिमा से कुछ फीमेल्स वाली बात करनी है तो तुम दोनों क्या कुछ देर के लिए ....
कर्ण-हाँ हाँ चाची आप बात करो हम घूम आते है कुछ देर मुझे भी चाचू से कुछ बात करनी थी ।
रवि और कर्ण के चले बाद दिया यानी रमा गरिमा के बगल में बैठ जाती है ।
गरिमा-आपने उन्हें क्यों भेज दिया ?
दिया-क्योंकि मुझे तुमसे बात करनी थी ,तुम्हें देखते ही मैं तुमको बहन जैसा प्यार करने लगी हूँ ।
गरिमा-मैं भी जब आपसे गले लगी थी तो ऐसा लगा था मानो मैं आपको बरसों से जानती हूं ।
दिया-तो अपनी बहन को बताओ कि सेक्स (अपनी बेटी के सामने सेक्स शब्द का प्रयोग करते हुए रमा का बदन उतेजना से कांप जाता है) करते समय कर्ण कंडोम का प्रयोग करता है कि नही ।
गरिमा- कँहा चाची आपको तो पता इन सबका साइज ...मुझे ही टेबलेट लेनी पड़ती है ।
रमा-बहुत बड़ा है क्या उसका?
गरिमा-चाचू का नहीं है क्या ?
रमा- तुम्हें रवि का साइज पता है ?
गरिमा-आप न समझी नहीं इन सब का फैमिली साइज ही ऐसा है ।
रमा-हम्म वो तो पता है....तुम्हें परेशानी तो नहीं होती ?
गरिमा- लगता है चाचू काफी वाइल्ड सेक्स करते हैं ।
रमा(शर्मा जाती है)- तुम उसके साइज से खुश तो कहीं इसी वजह से तो उसे अपनी फैमिली से नहीं मिलवाना चाहती , मैंने बड़े साइज के कारण होने वाले डिवोर्स के बारे सुना है ।
गरिमा-नहीं ...नहीं वो प्रॉब्लम नहीं ...उसमें तो बड़ा मजा आता है । और उसे फैमिली के साथ तो इसलिए नहीं मिलवा रही क्योंकि मेरी मोम बड़ी सख्त हैं आज झूठ बोला कि सहेली के घर जाना है तब भी आने नहीं दे रहीं थी ....लेकिन यह तो मम्मी का प्यार है वो केअर करती है ना कॉलेज में हो जाऊं फिर उनसे बात करूँगी ।
दिया(रमा)- हम्म यह तो है । हर माँ को बेटियों की चिंता तो होती ही है ।अच्छा अपने पीरियड्स के दिनों में क्या करती हो ?
गरिमा-ओरल और क्या आप नहीं करती क्या ?
रमा(इस छोटी सी उम्र कैसी चुड़कड हो गयी है , चूसने भी लगी है और एक मैं हूँ जिसे आधी उम्र बीत जाने के बाद मौका मिला है वो सोचती है और उसे यह सोचकर हँसी आ जाती है वो अपनी बेटी से जलन करने लगी है)-ओरल तो रवि को भी बहुत पसंद है और मुझे भी इसलिए हम तो हमेशा करते हैं ।
गरिमा-आपको पहले कभी नही देखा ?
दिया-हम्म कुछ दिन पहले ही न्यूयॉर्क से इंडिया आई हूँ ।
गरिमा-वाओ नाइस प्लेस । मेरा भी बड़ा मन है पेरिस और न्यूयॉर्क जाने का ।
दिया-इस बार मेरे साथ चलना ।
गरिमा-थैंक्स ,अगर मम्मी को मना पाई तो ।
दिया(गरिमा को टटोलने की कोशिश करती है)-कोई बहाना बना कर भी तो चल सकती हो ।
 
गरिमा-चल तो सकती हूँ लेकिन मम्मी से इतना बड़ा झूठ नहीं बोल सकती ,कर्ण से मिलने आना होता है तो झूठ बोलती हूँ वो भी मुझे बड़ा बुरा लगता है काश मैं मम्मी को सच बता पाती ।
दिया(रमा गरिमा की बात सुनकर इतनी खुश हो जाती है कि एक पल के लिए वो भूल जाती है कि वो माँ के रूप में उससे बात नहीं कर रही)- आह.. मेरी प्यारी बेटी । ध्यान आने पर वो अपनी गलती सुधारती है ....चाची भी तो माँ जैसी ही होती है ।
गरिमा-लेकिन आप चाची नही मेरी दोस्त हो ।अच्छा अपना नंबर तो दो आपसे बात किए बिना अब मैं एक दिन भी नहीं रह सकती ।
रमा(बहाना बनाती है)-अभी तो इंडिया में शिफ्ट हुई हूँ , नंबर लिया ही नहीं ।
गरिमा-कोई बात नहीं आप मेरा नम्बर ले लो और बाद में मुझे मेसेज कर देना , कर देना भूल मत जाना ।
इधर मां बेटी की अनोखी मुलाकात चल रही थी तो दूसरी तरफ तनु पॉकेट मनी की लालच में राहुल की लाने घर से निकल रही थी ।
तनु ने पहले एटीएम से पैसे निकाले और फिर बबिता के घर की तरफ चल पड़ी । बबिता के घर के गेट के अभी वो अंदर भी नहीं थी कि उसे कुछ अजीब सी आवाज़ें सुनाई देने लगी ।
बबिता-चूसते -2 थक गई मैं ...तेरा तो निकलता ही नहीं
राहुल- अरे ये तो शुरूआत है.. निकलेगी क्रीम जिसे तू हमेंशा पी जाती है.. तू बस चूसती रह।
बबिता-ऐसा मूसल लौड़ा नहीं देखा मैंने आज तक 15 मिनट से चूस रही हूँ होंठ दर्द करने लग गए ।
"यह बबिता के घर से कैसी आवाज़ें आ रही हैं कौन किसका चूस रही है ...क्या बबिता उस बुद्धू का .....नहीं नहीं.....तो उसके सामने ही ....पक्का कमीनी ने काम पे लगा रखा होगा उसे....चुपचाप चाबी वाले छेद से देखती हूँ" तनु मन में सोचती है और झुककर चाबी के छेद से अंदर का नज़ारा देखकर दंग रह जाती है पर दिक्कत यह थी कि वो लड़के का चेहरा नहीं देख पा रही थी बबिता जो ज़मीन पर बैठे एक विशाल काय लन्ड को चूस रही थी उसका चेहरा तो साफ-2 नजर आ रहा था पर लड़के का नहीं वो उसको केवल छाती तक देख पा रही थी ।"ओह माय गॉड कितना बड़ा लन्ड है ,बबिता की बाजू जितना लम्बा मोटा तो उससे भी ज्यादा" तनु मन में सोचती है ।
बबिता सीधे जाकर उस व्यक्ति के खड़े लंड पर अपनी चुत सैट करके बैठ गई और धीरे-धीरे ऊपर-नीचे होने लगी।
व्यक्ति- आह.. रानी तू तो बड़ी समझदार है आह.. उम्म्ह… अहह… हय… याह… कूद रानी मेरे लंड पे कूद आह.. कर दे इसको अपनी चुत में गायब आह.. उहह ले आह.. ले पूरा खा ले।
अब वो बंदा भी अब नीचे से झटके मारने लगा था और बबिता गांड को ऊपर-नीचे करके मज़ा ले रही थी। अब कमरे में दोनों की आहें गूँजने लगी थीं और चुदाई का तूफान जोरों पे था। बबिता हर धक्के पर एक एक फुट ऊपर उछल रही थी।
इधर बबिता की चुदाई का नज़ारा देखकर तनु भी गर्म होने लगी थी इससे पहले उसे लाइव चुदाई देखने का मौका नहीं मिला था । उसके बदन में अजीब सा कसाव आता जा रहा था उसे अपने निप्पल कसते हुए महसूस हो रहे थे । वो पोर्न फिल्मों में हब्शियों के लन्ड देखती तो सोचती थी कैसे लेती होंगी लड़कियां इतने बड़े लन्ड पर अब वो लाइव देख रही थी ।
बबिता- आह.. राजा आह जोर से आह.. काश मेरी शादी तेरे से हो जाये आह.. मज़ा आ जाता आह.. कब से प्यासी थी में आह.. आज अपने मेरी चुत को तृप्त कर दिया आह.. आह..आह...आज इस मज़े के कारण जान निकल जायेगी.....आह..
बबिता की बातें उस अनजान शख्स का जोश बड़ा रही थी , तनु देख रही थी कि कैसे उस शख्स के धक्कों की रफ्तार बढ़ती जा रही और बबिता के स्तनों को कभी मसल रहा है तो कभी चूस रहा है । तनु अनजाने में ही एक हाथ से अपने मोटे गोल मम्मों को मसलने लगी थी तो दूसरे हाथ से अपनी लेग्गिंग के ऊपर से चूत सहला रही थी । "राहुल....यह....राहुल है क्या ....ऐसा लन्ड....उफ्फ कितना सुंदर है ....नहीं नहीं यह वो नहीं हो सकता ...." तनु के विचार इधर उधर भटक रहे थे ।
 
कुछ मिनट ये चुदाई चली, उस व्यक्ति के तगड़े लंड के दमदार झटके मोना की चुत सह नहीं पाई और उसकी चुत का बाँध टूट गया.. वो लंबी साँसें लेते हुए झड़ने लगी। बबिता तो ठंडी हो गई.. मगर उस अनजान मर्द के लंड का जोश तो वैसा का वैसा ही था। अब बबिता को लंड की चोट बर्दाश्त नहीं हो रही थी.. नहीं रे जालिम रुक जा..बस कर ...आह...मर जाऊंगी रे ....रुक जा
व्यक्ति-साली राँड़ खुद तो झड़ गयी मेरा लन्ड कौन ढीला करेगा ।
बबिता झट से लंड से उठ गई और फ़ौरन लंड को मुँह में लेकर चूसने लगी। "मैं करूँगी न इस खूंटे को ढीला"
खूंटा शब्द तनु के कानों में पड़ा और वो सोचने लगी "हाँ ...बिल्कुल खूँटे जैसा ही तो है ....राहुल का ..." उसने अपनी सोच को रोक लिया ।

राहुल(तनु अभी भी उसका चेहरा नहीं देख पा रही थी)- आह साली छिनाल आह.. ये क्या किया चुत में मज़ा आ रहा था.. उफ़ चूस साली चूस आह.. अब तुझे घोड़ी बना के ऐसे शॉट मारूँगा आह.. तू क्या याद करेगी।
"काश कोई ऐसे ही लन्ड वाला मुझे घोड़ी बना के शॉट मारता" तनु ने अपना हाथ अपनी लेग्गिंग में डालते हुए सोचा ।उसकी चूत पर चींटियां काट रही थी और इन चींटियों को लन्ड रूपी साँप की ज़रूरत थी पर उसके पास उंगलियों के सिवा कुछ नहीं था ।
थोड़ी देर लंड चूसने के बाद शायद बबिता समझ गई कि ये लंड मुँह से नहीं चुत से ही ठंडा होगा तो वो घोड़ी बन गई और कुतिया की तरह अपनी मोटी गाँड़ हिलाते हुए बोली आह.. ले आह.. कर ले अपना अरमान पूरा आह.. ले तेरी घोड़ी तैयार है आजा चढ़ जा!
वो खड़ा हुआ और बबिता के पीछे जाकर लंड को चुत पे सैट किया फिर बबिता की कमर को कस के पकड़ के एक जोरदार धक्का मारा तो पूरा लंड एक ही बार में बबिता की चुत में जड़ तक समा गया।बबिता का मुँह खुल गया ।
बबिता- आआईइ रे जालिम मार डाला रे.. उफ़ आह.. किन्हीं भागी जा रही थी कि मैं जो इतनी बेहरहमी तूने एक ही बार में पेल दिया ,आज तो बरसों की चुदाई आपने एक ही रात में कर दी आह.. आ उफ़फ्फ़ मारो आह.. और धक्के मार आह.. आ.....
तनु देख रही थी बबिता की हिम्मत जवाब दे रही है पर वो आदमी तो जैसे मशीन था उसने अब स्पीड से बबिता की चुत में लंड पेल रहा था बबिता के मोम्मे तेज़ी हवा में झूल रहे थे वो वहशी जानवर की तरह उसे चोदता रहा था और साथ में अपनी उंगली से बबिता की गांड का भी मुआयना कर रहा था- आह.. ले साली रांड आह.. तेरी गांड तो बहुत कसी हुई लगती है आह.. लगता किसी ने इसको ज़्यादा नहीं चोदा होगा।
बबिता- आह.. ऑउच नहीं जान...मेरे राजा.. उफ़फ्फ़ प्लीज़ तुम बस चुत से ही संतुष्ट हो जाओ.. आह.. गांड नहीं ये मूसल झेल नहीं पाएगी।

अनजान आदमी(मतलब की राहुल) - क्यों रानी आह.. ले दुनिया में कोई चुत और गांड ऐसी नहीं बनी जो लंड ना ले सके.. रानी भगवान ने ये बनाई ही चुदाई के लिए है आह.. ले आह आह ले..वो अब बहुत तेज झटके मारने लगा था ..वो धक्के लगाए जा रहा था और बबिता को ओर्गास्म आने ही वाला था , ये देखकर उस आदमी ने उसे तड़पाने के लिए अचानक धक्के लगाना बंद कर दिया.
बबिता चिल्लाई , “ यू बास्टर्ड , धक्के बंद क्यों कर दिए. प्लीज़ धक्के लगाओ , आई ऍम कमिंगम्मींगगगग ….फक मी …….चोदो मुझे …कमीने तुम शुरू से मुझे चोदना चाहते थे …अब रुक क्यूँ गये…….ओइईईईई..आह……ओइइ…माआअ…”
"साले चोद अब तेरी फट गई क्या" तनु तेज़ी से अपनी चूत मसलते हुए बुदबुदाई ।
पर उस व्यक्ति ने बबिता को तड़पाना जारी रखा वो अपना लौकी जैसा लम्बा और मोटा लन्ड कुतिया बनी बबिता के नितम्बो के बीच धीरे-2 रगड़ते हुए बोला " तो तेरी गाँड़ का उद्घाटन कर दूँ मेरी जान ,मेरी राँड़"
बबिता- प्लीज़ मत तड़पाओ न डाल दो जँहा भी डालना है ....ई वांट दैट बिग डिक ।
 
तनु देख रही थी उस मर्द के लन्ड की नसें उभर आईं थीं शायद वो भी झड़ने वाला था तनु साँसे रोके देख रही थी कि आगे क्या होगा .....उस आदमी ने अपने मोटे बैगन जैसे टोपे को बबिता की गुदा पर सेट कर दिया और अपने बड़े-2 हाथों से बबिता की कमर पकड़ते हुए अपने भारी कुहलों को ज़ोर से उचका दिया वो भयंकर लन्ड बबिता की गाँड़ में लगभग आधा अन्दर घुस गया ।
"आह....ऊऊऊऊ.....माँ........ मर... गई रे....कितना मोटा है रे....आह" बबिता इतने ज़ोर से चिल्लाई की तनु को उसकी चीख साफ -2 सुनाई दी । बबिता ने एक हाथ से अपना मुँह बंद कर लिया और दूसरे हाथ से सोफ़े को पकड़ लिया ।
उस खूँटे जैसे लौड़े वाले आदमी ने अब धीरे-धीरे अपना मूसल अन्दर-बाहर करना शुरू कर दिया था और लय में आ रहा था तनु देख रही थी वो मूसल लन्ड हर धक्के के साथ बबिता की गाँड़ में और गहरा उतरता जा रहा था ।
बबिता- आह आह आह ..साले.. बहुत दर्द हो रहा है, उफ़फ्फ़… जलन होने लगी है एयेए और मत डालना आह.. पहले इतने से ही कर।
वो समझ गया कि अभी भी बबिता की गांड बहुत टाइट है और कुछ डर की वजह से बबिता ने कर रखी है। वो अब आधे लंड को ही अन्दर-बाहर कर रहा था।
"साले चोद न भोसड़ा बना दे इसकी गाँड़ को ...उफ्फ क्या जानदार लन्ड है" तनु अपनी चूत को तेजी से रगड़ते हुए सोच रही थी वो इस समय तक पूरी गर्म हो चुकी थी उसे होश भी नहीं था कि वो बबिता के घर के बाहर है और सड़क से आते जाते लोग उसे देख सकते हैं वैसे रात के अंधेरे ने उसको अजनबी नज़रों से बचा रखा था ।
बबिता कराह रही थी मगर धीरे-2 दर्द कम हो रहा था। फिर वो बड़े आराम से लंड को हिला रहा था।
करीब 5 मिनट तक वो धीरे-धीरे गांड को चोदता रहा। अब बबिता का दर्द भी कम हो गया था तो उसने ने थोड़ी स्पीड बढ़ा दी। अब हर धक्के के साथ वो लंड को थोड़ा आगे कर देता और इसी तरह 10 मिनट की चुदाई में पूरा लंड गांड में समा गया और बबिता को बस मामूली दर्द हुआ। बबिता को तो जब पता चला जब उसकी की गोटियाँ उसकी जाँघ से टकराईं कि काका ने पूरा लंड गांड में घुसा दिया।
बबिता- आह.. वाह.. पूरा चला गया आह.. पता भी नहीं चला आह.. आप बहुत अच्छे हो काका आह.. चोदो अब आह.. जोर से करो आह.. अब मज़ा आने लगा है।
"साली राँड़ कैसे मज़े से पूरा ले गयी" तनु अपने मोम्मों को दबाते हुए खुद से बोली। लेकिन उतेजना वश शायद उसकी आवाज कुछ ऊंची थी क्योंकि राहुल ने उसकी आवाज़ सुन ली थी।
राहुल पर अब जैसा दोहरा भार आ गया था एक तो वो अपने चरम पर पहुँच रहा था दूसरा वो तनु को हब्शी चुदाई दिखना चाहता था वो फुल जोश में आ गया ,अब उसने ने बबिता की कमर को कस कर पकड़ लिया और चुत में उंगली करते हुए उसकी गांड में तेज़ी से लंड पेलने लगा।
बबिता अब उत्तेजित हो गई थी, उसकी चुत भी गर्म हो गई थी। उसने राहुल से कहा- थोड़ी देर मेरी चुत में लंड डाल दो.. बड़ी आग लगी हुई है...जल रही है ।
राहुल फुल स्पीड से लंड को अन्दर-बाहर करने करने लगा। बबिता भी गांड हिला-हिला कर उसका साथ देने लगी।
वो कभी बबिता की चुत में लंड घुसेडता… कभी उसकी की गाँड़ में, इस तरह तनु को एक अलग ही सीन देखने को मिल रहा था और इस घमसान चुदाई का अंत अब करीब था।
बबिता- आह जोर करो… उफ़फ्फ़ आह… उम्म्ह… अहह… हय… याह… मैं गई आह… आह फास्ट ऊउउ आआ ससस्स और तेज आह…
राहुल ने मोना को रेल बना दिया और वो झड़ गई। राहुल ने उसकि चूत से लंड निकालकर फिर गाँड़ में घुसा दिया…
बबिता- उननम उम्म्म आह सस्स आह… तू इंसान नहीं जानवर है ... आह मर गई आह… उईईइ उईईइ मत....कर...रुक जा ....धीरे से क्क्क…करो आह....
राहुल ने पूरी ताक़त लगा दी और कमर को तेज़ी से हिलाने लगा। उनके लंड से वीर्य की बौछार शुरू हो गई और बबिता की जलती गांड को काका के रस ने थोड़ा सुकून दे दिया।
इधर तनु का भी पूरा बदन काँप रहा था वो झड़ रही थी ...थककर वहीं दवाज़े को टेक लगाकर बैठ गयी ।
 
इधर तनु का भी पूरा बदन काँप रहा था वो झड़ रही थी ...थककर वहीं दवाज़े को टेक लगाकर बैठ गयी ।
अब तूफान थम गया था… सब अपनी अपनी साँसों को काबू में लाने की कोशिश कर रहे थे....बबिता ...राहुल....और तनु...।
राहुल को एहसास था कि बाहर कोई है....उसने अपनी दिव्य शक्ति से देखा तनु दरवाजे के सहारा लेकर बैठी बुरी तरह हाँफ रही थी । वो डर गया कि तनु ने उसे बबिता के साथ देख लिया होगा ...अब वो उसे कभी नहीं अपनाएगी ....वो उसके दिमाग को पढ़ने लगा " उफ्फ कितना बड़ा था उसका लन्ड ...और बिल्कुल हब्शियों सा सेक्स कर रहा था....राहुल?....नहीं मैंने उसकी शक्ल तो देखी नहीं ...लेकिन राहुल घर पर भी तो नहीं था...." तनु सोच रही थी । और उसकी उलझन ने राहुल को बचने का मौका दे दिया था । उसने चित निढाल पड़ी बबिता को चूमा और कपड़े पहनकर अपनी किताबों को उठाया और पीछे की खिड़की से कूदकर बाहर निकल आया और कुछ ही सेकण्ड्स में वो अपने कमरे में था ।
वो चादर ओढ़कर सोने का नाटक करने लगा पर उसका दिमाग अभी भी तनु पे लगा हुआ था ,तनु कोई 10 मिनट बाद घर पहुँची । मेन गेट खुलने के कारण राहुल को उसके आने का पता चला । तनु की कामुकता का बुखार अब उतर चला था एक बार फिर वो बिना किसी कारण राहुल के प्रति नफरत से भरती जा रही थी ।
राहुल उसके दिमाग को पढ़ रहा था "यँहा तो लल्लू बनता है और यह कारनामे हैं इस लड़के के माँ को बताऊंगी.....उफ्फ..कितनी बड़ी गलती कर दी बबिता के घर पर ही रँगे हाथों पकड़ लेना चाहिए था .....लेकिन अगर वो वँहा न होता तो...उसके कमरे में चेक करती हूँ"
राहुल ने चैन की साँस ली वो भी यही चाहता था कि तनु उसे कमरे में देख ले और उसका शक दूर हो जाए ।
तनु(उसने राहुल को सोते देखा तो उसका गुस्सा और बढ़ गया)- तू कब आया घर ?
राहुल(जागने का नाटक करते हुए)- क्या हुआ सोने दे मुझे ...हमेंशा मुझपर चिल्लाती रहती है ।
तनु(उसका गुस्सा न जाने क्यों और बढ़ गया था)- मैं पूछ रही हूँ तू घर कब आया ?
राहुल-दो घण्टे पहले ।
तनु-मुझे बताया क्यों नहीं ?
राहुल( तनु की खूबसूरती को निहारते हुए , वो गुस्से में और सुंदर लग रही थी)-कोई भी घर पर नहीं था ,मुझे लगा तू माँ के साथ गयी है ।
तनु अपने कमरे में तो आ गयी पर न जाने क्यों उसका दिल कह रहा था कि वो आदमी राहुल ही था जो बबिता को चोद रहा था.....वो काफी देर तक करवटें बदलती रही और सो नहीं पाई ।
 
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