Hindi Sex Kahaniya छोटी सी जान चूतो का तूफान - Page 2 - SexBaba
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Hindi Sex Kahaniya छोटी सी जान चूतो का तूफान

जिसे गीता ने भी अपनी जाँघो के बीच चुभता हुआ महसूस किया. उसके बदन मे करेंट सा दौड़ गया.”आह साहिल उठ मेरे ऊपेर से” गीता ने साहिल को अपने ऊपेर से धकेलते हुए कहा….”ओह्ह हां “ साहिल एक दम से गीता के ऊपेर से खड़ा हो गया….वो अपनी हरक़त पर बहुत शर्मिंदा था. इसलिए वही सर झुका कर खड़ा हो गया…..गीता ने जल्दी से उठ कर उस बुक को लपक लिया…..

गीता: (बुक को हाथ मे लेते हुए) तुम इसलिए स्कूल आते हो.मैं तो तुम्हे बहुत अच्छा लड़का समझती थी साहिल, अब तुम्हारे मा बाबा को बताती हूँ, कि उनका लाड़ला स्कूल मे आकर क्या करता है….

साहिल: (रोनी सी सूरत बनाते हुए) मौसी प्लीज़ किसी को मत कहना…वरना मा मुझे बहुत पीटेगे….

गीता: ये तो तुम्हें ऐसी गंदी बुक्स देखने से पहले सोचना चाहिए था. अब तो तुम्हारी खैर नही बच्चू…..

ये कहते हुए, गीता वो बुक लेकर नीचे चली गयी….साहिल बहुत घबरा गया था…क्लास मे भी वो गुम्सुम सा बैठा रहा. स्कूल की छुट्टी के बाद जब वो घर जाने लगा तो, गीता ने उसे आवाज़ देकर रोक लिया….

गीता: अर्रे ओ साहिल रुक ज़रा…..

साहिल: (घबराते हुए) क्या मौसी…

गीता: आज दोपहर को थोड़ी देर मे हमारे घर आना…अगर नही आया तो , तेरी करतूत सब को बता दूँगी….

साहिल ने हां मे सर हिला दया….और घर की तरफ जाने लगा….घर के अंदर आते ही साहिल ने अपना स्कूल बॅग रखा, और बेड पर बैठ गया….नेहा जो बाथरूम मे कपढ़े धो रही थी, उठ कर रूम मे आ गयी….

नेहा: आ गया मेरा राजा बेटा….चल यूनिफॉर्म उतार दे और दूसरे कपढ़े पहन ले, मैं खाना लगा देती हूँ…..

साहिल: मुझे भूक नही है मा……(आप तो जानते ही है, अगर जान पर बनी हो तो भूक कैसी लगती है, और छोटे से साहिल के लिए बहुत बड़ी मुसबीत हो गयी थी….वो चुप चाप उठ कर कपड़े उतारने लगा)

नेहा: (साहिल के माथे पर हाथ रख कर देखते हुए) तेरी तबीयत ठीक तो है ना….कही बुखार तो नही लग रहा तुझे…..

साहिल: नही माँ वैसे ही मन नही है….
 
छोटी सी जान चूतो का तूफान--4



साहिल ने घर वाले कपड़े पहने, और नेहा से बोला….”मा मैं वो गीता मौसी के पास जा रहा हूँ”

नेहा: क्यों क्या हुआ कुछ काम है वहाँ पर….

साहिल: पता नही मा उस ने बुलाया है….

नेहा: तो फिर शाम को चले जाने इतनी धूप है बाहर…….धूप मे जाएगा तो, बीमार पड़ जाएगा…

तभी पायल रूम मे आती है “क्या हुआ साहिल कहाँ जाना है तुम्हे”

नेहा: देख ना पायल बाहर कितनी धूप है, और कह रहा है कि तुम्हारे मायके जाना है….अर्रे 3 किमी दूर है इसका गाओं शाम को चले जाना…..

पायल: अर्रे क्या दीदी इतनी सी बात वैसे मुझे भी कुछ काम था वहाँ…. मैं भी चलती हूँ इसके साथ….ऑटो से चले जाएँगे….

नेहा: पता नही इस समय तुम्हे ऑटो मिलेगा या नही.खैर छोड़ो तुम जाओ, इसका ख़याल रखना…तुम्हे तो पता है कितनी जल्दी बीमार पड़ जाता है…

पायल: ठीक है दीदी….

उसके बाद पायल जल्दी से तैयार हुई, और वंश को तैयार करके साहिल के साथ चल पड़ी…..जैसे कि आप जानते ही हो , गाओं मे बहुत मुस्किल से आने जाने के साधन मिलते है, पर किस्मत से गॅली के मोड़ पर उनको ऑटो मिल गया.. ऑटो पहले से भरा हुआ था….ऑटो वाले ने पायल और साहिल को जब अपनी तरफ आते देखा तो बोला….”आओ बेहन जी कहाँ चलना है”

पायल ने एक बार ऑटो मे देखा…..ऑटो मे बैठने के लिए भी जगह नही थी…..”अर्रे इसमे तो जगह है ही नही” इस पर ऑटो वाला बोला. आप को जाना कहाँ है

पायल: वो *** गाओं मे जाना है…..

ऑटो वाला: बाहर नहर के पुल पर उतार दूँगा…

पायल; पर जगह कहाँ है…..

ड्राइवर: अर्रे भाई साहब आप आगे आ जाए मेरे साथ…..और बेहन जी को यहाँ बैठने दीजिए ….

ऑटो से एक आदमी उतर कर ऑटो वाले के साथ अगली सीट पर जाकर बैठ गया…. थोड़ी सी जगह बनी तो पायल अंदर घुस्स कर बैठ गयी….अंदर कुछ और औरतें और कुछ बच्चे थे….ड्राइवर ने साहिल को पायल के सामने वाली छोटी सी सीट पर बैठा दिया…….ऑटो खचा खच भर गया था…ऑटो वाले ने ऑटो स्टार्ट कर चला दी…

पायल वंश को गोद मे उठाए हुए बैठी थी, और साहिल ठीक उसके सामने था….जगह कम होने के कारण साहिल की एक टाँग पायल की दोनो टाँगों के बीच मे टकरा रही थी….गाओं के टूटी हुई सड़को पर ऑटो हिचकोले ख़ाता हुआ आगे बढ़ने लगा….और बार बार साहिल का घुटना, पायल की दोनो जाँघो के बीच मे रगड़ खा जाता…एक जगह ऑटो का पहिया बड़े से गड्ढे मे से गुज़रा. तो पीछे सभी बैठे लोग अपनी सीट से ऊपेर की तरफ उछल पड़े…

जिससे पायल और आगे को सीट पर आ गयी…और साहिल का घुटना, उसकी दोनो जाँघो के बीच मे से, पायल की सलवार के ऊपेर से उसकी चूत पर जा लगा….एक पल के लिए पायल की आँखें बंद हो गयी…..उसने अपने होंटो को दांतो मे दबा लिया…फिर साहिल की तरफ देखते हुए, थोड़ा सा मुस्काराई, और वैसे ही बैठी रही….ये बात अबोध साहिल को भी महसूस हो रही थी. पर उसे समझ मे नही आ रहा था कि, उसकी चाची जान बुझ कर ऐसा कर रही है, या फिर भीड़ के कारण हो रहा है…….
 
जैसे तैसे वो पायल के मायके पहुच गये….ऑटो वाले ने उन्हे गाओं के बाहर पुलिया पर उतार दया….फिर वो चलते हुए घर की तरफ जाने लगी… जैसे ही वो गाओं के अंदर फुँचे, तो पायल ने रुकते हुए, साहिल को वंश को पकड़ने के लिए कहा…..और फिर वंश को साहिल को देने के बाद अपनी कमीज़ के गले मे ऊपेर से हाथ डालते हुए, छोटा पर्स निकाला, और उसमे से 50 रुपये का नोट निकाल कर साहिल को दिया. और फिर वंश को उठा लिया….

पायल: साहिल जा उस दुकान से कोल्ड्रींक की बॉटल ले आ….

साहिल: जी चाची जी….

साहिल दौड़ता हुआ कोल्ड्रींक की बॉटल ले आया, और बाकी बचा हुआ 10 का नोट पायल को देते हुए बोला…”चाची ये बचे है रख लो” पायल ने उसकी तरफ मुस्कराते हुए देखा और बोली “ये तू रख ले” बाद मे कुछ खा लेना.

साहिल ने वो नोट अपनी निक्कर की जेब मे रख लिया. और सोचने लगा कि, आज पायल चाची को क्या होगया. अचानक से वो उस पर इतनी मेहरबान कैसे हो गयी….वो तो कभी पैसे निकालती ही नही थी….चाचा जो भी पैसे उसे देते थे, वो दबा लेती थी…

फिर वो दोनो घर पहुच गये, और डोर नोक किया…..गीता ने थोड़ी देर बाद डोर खोला, तो सामने अपनी बड़ी बेहन को खुस होकर देखते हुए बोली,

गीता: अर्रे दीदी तुम आज कैसे याद आ गयी हमारी….

और फिर वंश को पायल के हाथों से लेते हुए उसके गॅलो को चूमते हुए बोली, “अर्रे मेरा राजा मेरा सोना वंश, आओ दीदी अंदर चलो” जैसे ही पायल अंदर को गयी, उसने घूरते हुए, साहिल को देखा तो साहिल ने अपनी गर्दन झुका ली, और वो अपनी चाची के पीछे से चला गया….गीता उसे पीछे से मुस्कराते हुए देख रही थी….फिर उसने डोर बंद किया, और अंदर आ गयी….पायल अपनी मा से मिल कर उनके सामने बेड पर बैठ चुकी थी.

पायल की मा का नाम नीलम है, नीलम ने अपनी बहू पूनम को आवाज़ लगाई “अर्रे ऊ पूनम देख तेरी ननद आई है” फिर पायल की तरफ देखते हुए बोली “इसे तो बस सारा दिन सोने को मिल जाए….घोड़े बेच कर सोती रहती है” साहिल एक साइड मे कुर्सी पर बैठा था…उसके हाथ मे अभी भी वो कोल्ड्रींक की बॉटल थी…..

पायल: अर्रे ये बॉटल मौसी को दे….गीता जा ग्लास मे डाल कर ले आ बहुत गरमी है….

नीलम: अर्रे बेटा क्या हम लोग तुम्हारे लिए इतना भी नही कर सकते, जो तुम खुद ये सोडा अपने साथ ले आई….

पायल: अर्रे माँ वो बात नही है…मेने सोचा धूप बहुत है, कहाँ आप लोग परेशान होते रहेंगे….वैसे भी मैं दुकान के सामने से गुजर कर आई हूँ, तो साथ ले आई….

गीता साहिल से बॉटल लेकर किचन मे चली गयी….और तीन ग्लास मे कोल्ड्रींक डाल कर ले आई, एक ग्लास उसने पायल को दिया दूसरा साहिल को और तीसरा, अपनी मा को, फिर खुद पायल के साथ बैठ कर वंश के साथ खेलने लगी.

पायल: अर्रे गीता तुम्हे साहिल से कुछ काम था क्या ?

गीता: नही तो क्यों क्या हुआ ?

पायल: साहिल बोल रहा था कि,तुम्हे उससे कोई काम है, और तुमने उसे यहाँ बुलाया था….
 
साहिल एक दम से घबरा गया….उसकी शकल अभी से रोने वाली हो गयी थी….उसे लग रहा था कि, अब उसकी खेर नही…

गीता: हां दीदी ये जो साहिल ना आज कल बहुत बिगड़ गया है….

पायल: अच्छा क्या हुआ क्या किया हमारे दुलारे ने…

गीता: (साहिल की ओर देख कर घूरते हुए) ये आज कल पढ़ाई कम और खेलता ज़्यादा है….इसलिए बुलाया था कि, मैं इसको पढ़ा सकूँ….

पायल: अच्छा बस इतनी से बात है….”तो क्या हुआ खेलने की उमर है अब नही खेलेगा तो कब खेलेगा….

गीता: अच्छा दीदी तुम तो मेरी कोई बात माना ही ना करो.

पायल: लो जी अब तुम नाराज़ हो जाओ….अच्छा मैं नही बोलती तुम्हारी बातों मे इसे पढ़ा दिया करो….

फिर गीता उसकी मा और पायल तीनो बातें करने लगी..इतने मे पूनम भी उठ कर आ गयी….और सब से गप्पे लड़ाने लगी….दोपहर के 2 बज चुके थे….गीता और पूनम ने मिल कर खाना बनाया और सब ने खाना खाया….

नीलम: अच्छा बेटा अब तुम थोड़ा सा आराम कर लो, और वंश को भी दूध पीला कर सुला दो..थक गया होगा बेचारा….मैं दूसरे रूम मे जाकर आराम करती हूँ…

उसके बाद नीलम दूसरे रूम मे चली गयी….उनके घर मे कुल 4 रूम थे…..एक मे पायल का भाई और उसकी बीवी रहते थे, दूसरे मे उसकी मा और गीता सोती थी….एक रूम खाली था.हालाकी वहाँ पर भी बेड और दूसरा समान था…..और चोथे मे वो आनाज़ वेगहरा रखती थी..

जब गीता बाहर जाने लगी, तो उसने , साहिल को आवाज़ लगाई, और अपने साथ चलने को कहा…पायल को तो नींद ने घेर लिया था….साहिल सहमा सा उठ कर गीता के पीछे आ गया….गीता उसे खाली पड़े रूम मे ले गयी….वो रूम बाकी तीनो रूम से अलग था….और वहाँ की खिड़की जो बेड के बिल्कुल पास थी. वहाँ से बाकी तीनो रूम्स के डोर नज़र आते थे…..गीता अंदर आते ही बेड पर बैठ गयी, और साहिल को देखते हुए बोली, आ बैठ यहाँ पर अब तेरी खबर लेती हूँ……साहिल घबराता हुआ उसके पास बेड पर बैठ गया..

गीता: क्यों रे कहाँ से मिली तुझे वो किताब….

साहिल गीता की बात सुन कर खामोश हो गया…उसकी रॉनी सूरत उसकी दशा बयान कर रही थी….”सुना नही मेने क्या कहा, बोलता है या बताऊँ तेरी चाची को”

साहिल: नही मौसी चाची को कुछ नही बताना….

गीता: तो फिर बता कहाँ से मिली वो किताब तुझे…

साहिल: वो वो मेरी नही है..वो तो राजेश ने दी थी…

गीता: हाए ओये रब्बा पता नही क्या होगा आज कल के बच्चो का ज़मीन से बाहर निकले नही, और क्या क्या करते है….तुझे शरम नही आती ऐसी किताबें देखते हुए, बोल बताऊं दीदी को….

साहिल गीता की बात सुन कर रोना शुरू कर देता है…और सूबकते हुए कहता है” नही मौसी उनको ना बताना…मैं आगे से फिर कभी नही देखूँगा” गीता साहिल को रोता देख थोड़ा सा नरम पड़ जाती है…वैसे वो भी नही चाहती थी कि, ये बात किसी को पता चले, और साहिल के रोने की आवाज़ सुन कर कोई इधर आ जाए….

गीता: अच्छा-2 नही बताती , पहले चुप कर,

साहिल अपने आँसू पोंछते हुए चुप होने लगता है, पता नही गीता के मन मे क्या आता है, वो अपना बॅग उठा कर वो बुक उसमे से निकाल लेती है,
 
छोटी सी जान चूतो का तूफान--5

गीता: अच्छा अगर मेरी बात मानेगा और सही-2 जवाब देगा तो, मैं ये बात किसी को नही बताउन्गि, प्रॉमिस करती हूँ मैं…..

साहिल गीता का तरफ सवालिया नज़रों से देखता है, और फिर हां मे सिर हिला देता है…..

गीता: अच्छा बता तुझे ये सब देखना अच्छा लगता है क्या ?

साहिल चुप बैठा रहता है, और कोई जवाब नही देता….गीता वो बुक खोल कर उसमे लगी तस्वीरे देखने लगती है “हाए तौबा ये तो बिकुल नंगी लेटी हुई है” साहिल अपनी कनखियो से देखता है, उसमे एक लड़की बिस्तर पूरी नंगी लेटी हुई थी, और एक लड़का उसके मम्मे चूस रहा था…

गीता: अच्छा अब एक बात सच-2 बता तुझे इनमे से कोन से पिक्चर सबसे ज़्यादा अच्छी लगती है..?

गीता के इस सवाल से साहिल थोड़ा चोंक जाता है, पर बोलता कुछ नही. “अर्रे बता ना. मैं किसी को नही कहूँगी” दरअसल वो पिक्चर्स देखते हुए, गीता खुद गरम होने लगी थी…जवानी की दहलीज पर खड़ी गीता जिसे भगवान ने भरपूर योवन दिया था….उसकी चूत मे नमी आने लगी, और उसकी चूत के अंदर तेज सरसराहट होने लगी…

जैसे कि आप जानते है कि, गीता किसी मिल्फ की तरह 5,7 इंच लंबी हाइट वाली थी, उसके बूब्स उसकी हाइट के हिसाब से 38 साइज़ के हो चुके थे..मांसल बदन होने के कारण उसके बूब्स हमेशा तने हुए रहते थे…और उसकी जांघे खूब मोटी और मांसल थी…भरा हुआ बदन होने के साथ-2 उसकी गांद भी पीछे की तरफ निकली हुई थी….

गीता एक दम गरम होने लगी थी….इस बात का शायद साहिल को पता नही था…गीता की मांसल और मोटी-2 जांघे उसकी जाँघो से सटी हुई थी, और उसकी जाँघो की गरमी के कारण साहिल के लंड मे हलचल होने लगी थी. हालाकी साहिल इस मामले मे बिल्कुल अनाड़ी था….

गीता: बोलता क्यों नही…

साहिल: (साहिल ने अपना पीछा छुड़ाने के लिए ऐसे ही बोल दया..) ये वाली..

गीता: (अपने होंटो पर कामुक मुस्कान लाते हुए) अच्छा तुझे इसमे क्या अच्छा लगता है…

साहिल: (कनखियो से उस तस्वीर की तरफ देखते हुए) वो दूध…..

गीता: अच्छा बच्चू कभी देखे हैं किसी के दूध….

साहिल: नही…

गीता: (धीमी आवाज़ मे) देखेगा….?

साहिल: (गीता की ओर हैरत से देखते हुए) किसके….

गीता: पहले तू मुझे प्रॉमिस कर, कि किसी को कुछ बतायेगा नही….

साहिल: प्रॉमिस….

गीता ने धड़कते हुए दिल के साथ खिड़की की तरफ देखा, फिर विंडो के पास जाकर उसे थोड़ा सा खोला…..यहाँ से बाकी तीनो रूम्स के डोर सॉफ नज़र आते थे…विंडो के बाहर की तरफ जाली लगी हुई थी….अगर बाहर धूप होती , तो जाली के अंदर कुछ नही दिखता था…भले ही विंडो खुली हुई हो…ये बात गीता अच्छे से जानती थी….

फिर गीता ने पूरे घर मे नज़र दौड़ाई….पूरे घर मे शांति थी, बस एक्का दुक्का चिड़ियो की चह्चहाहत सुनाई दे रही थी…फिर उसने साहिल को इशारे से पास आने को कहा….साहिल का दिल भी इस नये रोमांच के कारण, जोरो से धड़क रहा था….साहिल धीरे-2 गीता के पास गया….साहिल की उस समय हाइट महज 4,11 इंच के करीब थी….क्योंकि उसकी उमर ही उतनी थी…

और उसके उलट गीता किसी मेच्यूर मिल्फ की तरह 5, 7 इंच लंबी थी….जैसे ही साहिल उसके पास पहुचा, उसने साहिल का बाजू पकड़ कर अपनी तरफ खेंचते हुए उसको विंडो की तरफ सटा दिया….अब साहिल की पीठ विंडो की तरफ थी, और गीता का फेस साहिल और विंडो की तरफ था…..जिससे वो बाहर भी नज़र रख सकती थी…
 
गीता: (धीरे से साहिल के कान पास जाकर फुसफुसाते हुए) तू किसी को बतायेगा तो नही….(साहिल ने ना मे सर हिला दिया) देख अगर तूने ये बात किसी को बताई तो, मैं वो बुक तेरी मम्मी को दिखा दूँगी….

साहिल: नही मैं किसी को नही बताउन्गा….सच मे प्रॉमिस….

गीता ने धड़कते हुए दिल के साथ विंडो से नज़र मारी, फिर साहिल के तरफ मुस्कराते हुए देखते हुए, अपनी कमीज़ को पकड़ कर ऊपेर उठाना शुरू कर दिया…साहिल हैरत से गीता की तरफ देख रहा था…..धीरे-2 उसकी कमीज़ ऊपेर उठ रही थी, और उसका गोरा बदन साहिल की आँखों के सामने आता जा रहा था….उसका वो भरा हुआ मांसल पेट और नाभि देखते ही, साहिल के लंड मे हलचल होने लगी…..

साहिल को यूँ घूरता देख गीता मंद मंद मुस्करा रही थी…फिर उसने अपनी कमीज़ को अपनी चुचयों के ऊपेर तक उठा दिया….गीता की 38 साइज़ की चुचियाँ वाइट कलर के ब्रा मे बेहद कसी हुई थी, और ऊपेर से बाहर आने के लिए मचल रही थी….गीता ने एक बार फिर से बाहर की तरफ देखा, और फिर साहिल की तरफ….”तू किसी को बताना नही याद है ना..” साहिल ने भी हां मे सर हिला दिया, और उसकी ब्रा मे क़ैद चुचियो को देखने लगा…..गीता ने अपनी ब्रा के कप्स को नीचे से हाथ डाल कर ऊपेर उठा दिया….ब्रा टाइट होने के कारण जैसे ही ऊपेर हुई, गीता के बड़ी-2 चुचियाँ उछल कर बाहर आ गयी…..

उसकी चुचियों को थिरकते हुए देख कर साहिल का लंड भी झटके खाने लगा…साहिल गीता से कद मे काफ़ी छोटा था….इसलिए गीता के निपल्स ठीक उसके होंटो के सामने आ गये….गीता ने मुस्कराते हुए देखा, और फिर साहिल के सर को एक हाथ से सहलाते हुए अपनी तरफ खेंचने लगी….

गीता: बता कैसे है मेरे दूध….

साहिल: अच्छे है….

गीता: तू भी चुसेगा मेरे दूध….

साहिल का तो केलज़ा मूह को आ गया….उसे अपने कानो पर यकीन नही हो रहा था…वो कभी उसकी चुचियों की तरफ देखता, तो कभी गीता के फेस की तरफ, गीता साहिल की मनोदशा समझ चुकी थी….उसने साहिल के फेस को अपने दोनो हाथ मे भर कर अपने मम्मो की तरफ उसके होंटो को बढ़ाना शुरू कर दिया…..जैसे ही, साहिल के होन्ट उसके लेफ्ट मम्मे के पास आए, साहिल ने अपना मूह खोल कर उसका निपल मूह मे भर लिया……

जैसे ही गीता को साहिल की गरम जीभ का अपने निपल पर अहसास हुआ, गीता ने अपने सर को पीछे की ओर कर लिया…..और नाक से गहरी साँस अंदर को खेंचते हुए, साहिल को अपने मम्मो पर दबाने लगी…”सीईईई उंह साहिल ज़ोर से चूस अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह तुझे दूध बहुत अच्छे लगते है ना”

साहिल के लिए ये पहला अनुभव था…..और गीता को यूँ मस्ती मे सिसकते हुए देख कर नज़ाने साहिल के मन मे क्या आया, उसने और ज़ोर से गीता के निपल को चूसना शुरू कर दिया…..”उंह साहिल चूस इसे ज़ोर से मेरे मम्मे चुस्स” गीता एक दम गरम हो चुकी थी…..उसकी आँखें बंद होने लगी….उसने साहिल का हाथ पकड़ कर अपने दूसरे मम्मे पर रख दिया…और अपने हाथ से साहिल का हाथ दबा कर अपने मम्मे को दबाने लगी…
 
साहिल ने सोचा शायद गीता को ये सब अच्छा लग रहा है, उसने उसके बड़े बड़े मम्मो को अपने छोटे-2 हाथों से दबाना शुरू कर दिया…”हाए शाबास और ज़ोर नाल पट्ट हां चूस मेरे मम्मे….” गीता ने अपनी मदहोश हो चुकी आँखों को बड़ी मुस्किल से खोला, और अपने मम्मे को खेंचते हुए उसके मूह से बाहर निकालते हुए उसके फेस को अपने हाथों मे भर कर उसके होंटो पर टूट पड़ी….

गीता पागलो की तरह साहिल के होंटो को चूसने लगी…..पर साहिल को किस कहाँ करना आता था….जब उसने कोई रेस्पॉन्स नही दिया तो, गीता ने अपने होंटो को उसके होंटो से अलग करते हुए कहा “क्या हुआ किस नही करना आता क्या…..” साहिल गीता के मम्मो को देख रहा था…जो गीता की तेज साँसे लेने के कारण ऊपेर नीचे हो रहे थे……गीता ने एक हल्की से चपत उसके गाल पर लगाते हुए कहा….”मैं क्या पूछ रही हूँ”

साहिल: नही आता….

गीता: चल कोई बात नही, फिर कभी तुझे सिखा दूँगी…

ये कह कर उसने एक बार फिर से अपने होंटो को साहिल के होंटो से लगा दिया, और उसके होंटो को सक करने लगी….साहिल को ये थोड़ा सा अजीब लग रहा था. पर उसने भी गीता की नकल करते हुए, उसके नीचे वाले होन्ट को अपने होंटो मे भर कर चूसना शुरू कर दया….गीता के मूह से घुटि हुई आह निकल गयी….और वो साहिल से एक दम चिपक गयी….

गीता ने फिर से अपने होंटो को अलग करते हुए, अपना दूसरा मम्मे का निपल उसके होंटो के पास ला दिया….साहिल को अब कुछ बताने की ज़रूरत नही थी.. उसने उसके दूसरे मम्मे के निपल को मूह मे भर लिया, और ज़ोर-2 से बच्चे की तरह चूसने लगा….गीता ने फॉरन ही साहिल के हाथ को पकड़ कर अपनी दूसरी चुचि पर रखते हुए कहा….

गीता: (मदहोशी भरी आवाज़ मे) साहिल मेरे मम्मो को दबा ज़ोर ज़ोर से दबा दे….

साहिल तो जैसे किसी रोबोट के तरह गीता की हर कमॅंड पर हरक़त कर रहा था…आज तक जिन चीज़ों के बारे मे सिर्फ़ उसने सुना ही था, आज वो सब अपनी आँखों से देख और कर भी रहा था…गीता की सिसकारियाँ साहिल के कानो मे गूँज रही थी”उम्ह्ह्ह साहिल और ज़ोर से चुस्स्स अहह सीईइ उम्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह बहुत्त्त्त्त्त्त्त्त्त्त्त्त्त्त्त्त्त्त्त्त्त्त्त्त्त्त्त्त्त्त्त्त्त्त्त्त अच्छाआआआआआआअ चूस रहे हो “

तभी सामने रूम का डोर खुलने की आवाज़ आई, दोनो एक दम से सहम जाते है, साहिल गीता से अलग हो जाता है, और गीता जल्दी -2 अपनी ब्रा को ठीक करके कमीज़ को सही करने लगी….फिर वो विंडो से बाहर झान्कति है, बाहर उसकी भाभी पूनम बाथरूम की तरफ जा रही थी…..

गीता: चल अब आज के लिए इतना ही काफ़ी है..पर ध्यान रहे ये किसी को बताना नही….फिर कभी जब मोका मिलेगा हम फिर से करेंगे….

साहिल: जी मौसी.

क्रमशः....................................
 
छोटी सी जान चूतो का तूफान--6


साहिल रूम से निकाल कर ऊपेर चाट पर आ गया, और पतंग उड़ाने लगा….पायल और नेहा नीचे ही काम कर रही थी….पतंग उड़ाते हुए अचानक साहिल पीछे की दीवार पर पुहुच गया….और अचानक से उसका ध्यान नीचे गया..यहाँ पर एक भैंसा खुल गया था, और वो भैंस के ऊपेर चढ़ कर उसे चोदने के कॉसिश कर रहा था….भैंस ने अभी-2 दो महीने पहले बछड़े को जनम दिया था…इसीलिए भैंस मिलन के लिए तैयार नही थी..जब भी भैंसा ऊपेर चढ़ता, भैंस इधर उधर हो जाती..

साहिल ये सब बड़े गोरे से देख रहा था….तभी उसकी चाची पायल पीछे आ गयी…शायद भैंस की आवाज़ सुन कर आई थी….पायल ने हाथ मे लाठी उठाई, और भैंस पर चढ़े हुए, भैंसे पर बरसा दी, भैंसा डरता हुआ नीचे आ गया…”देख कितनी आग लगी है फुददी दी” हाले हुन तां नेव दूध होये है”

मतलब पायल पंजाबी मे बोल रही थी कि, कैसे इसको फुद्दि लेने की आग लगी है, अभी तो बेचारी नये दूध से हुई है….पायल ने भैंसे की रस्सी पकड़ी और उसने भैंस से दूर बाँध दिया…फिर अपना पसीना पहुचते हुए, बाहर आए तो, अचानक से उसकी नज़र ऊपेर खड़े साहिल पर चली गयी “हाए रब्बा इन्हे सुन तो नही लेता” फिर पायल ने उसकी तरफ अजीब से मुस्कान के साथ देखा, तो साहिल झेंप कर पीछे हो गया…
 
साहिल मन मे सोचने लगा ये क्या हो रहा है, कल चाची मुझ पर मेहरबान थी, और आज गीता मौसी….स्कूल ऑफ होने के बाद साहिल घर आ गया….खाना खा कर वो सीधा अपनी चाची पायल के रूम मे चला गया, पायल वहाँ बेड पर करवट के बल लेटी हुई थी….उसने अपने आगे वंश को लेटाया हुआ था, और उसे दूध पीला रही थी….साहिल रह-2 कर पायल चाची की चुचियों को देख रहा था….इस बात को समझते हुए पायल भी मंद मंद मुस्करा रही थी……

पायल: आज नही गया गीता के पास पढ़ने…

साहिल: नही….

पायल: क्यों क्या हुआ ?

साहिल: मा कहती है बाहर बहुत धूप है, इसलिए नही गया….

पायल: अच्छा ठीक है…..लेट जा बैठे-2 थक जाएगा….

साहिल: नही मैं ऐसे ही ठीक हूँ…

पायल: कल तू छत पर खड़ा पीछे की तरफ नीचे क्या देख रहा था…

साहिल: (पायल की बात सुन कर एक दम से घबराते हुए) वो मैं वो….

पायल: (मुस्करते हुए) वो मैं वो मैं क्या लगा रखा है….

साहिल: चाची मैं तो वो पतंग उड़ा रहा था ऊपेर….

पायल: पतंग ही उड़ा रहे थे ना….पर तुम्हारा ध्यान तो कही और था…गीता कहती है, तू आज कल उल्टे कामो मे ज़्यादा ध्यान देने लग गया है….

साहिल का चेहरा चाची की ये बात सुन कर एक दम से उतर गया…उसकी ऐसी हालत हो गयी थी, मानो अभी रोना शुरू कर दे….पायल उसकी तरफ देख कर हंसते हुए बोली.

पायल: अच्छा नाराज़ मत हो मैं तो वैसे ही मज़ाक कर रही थी…

साहिल: (बेड पर से उठ कर बाहर जाते हुए) मैं नही बोलना आप से….

साहिल उठ कर बाहर चला जाता है, और पायल बेड पर लेटे हुए हसने लगती है. रात हो चुकी थी..कुलवंत और रवि दोनो घर वापिस आ चुके थी…रात को नेहा के मायके से फोन आया कि, उसकी मा बहुत बीमार है, मा के बीमार होने की खबर सुन कर नेहा परेशान हो गयी…जब उसने ये बात कुलवंत सिंग को बताई, तो कुलवंत सींग ने कहा, वो लोग सुबह उनका पता लेने के लिए चलेंगे,

कुलवंत सींग ने बाहर आँगन मे आकर चारपाई पर बैठते हुए, अपने छोटे भाई रवि को आवाज़ लगाई….रवि अपने भाई की आवाज़ सुन कर बाहर आया..

रवि: क्या हुआ भाई साहब…

कुलवंत: यार नेहा की मा बीमार है, हॉस्पिटल मे दाखिल है…मैं कल सहर नही जा पाउन्गा….

रवि: पर भाया कल तो सहर मे भैंसो का बाज़ार लगना है…

कुलवंत: हां जानता हूँ, तू ऐसा कर, कल तू भैंसो को लेकर सहर चले जाना…मैं नेहा को हॉस्पिटल पहुचा कर वहाँ से सीधा तेरे पास आ जाउन्गा….

रवि: ठीक है भैया…..मैं पायल को बता देता हूँ,,,(रवि उठ कर अपने रूम मे चला जाता है)
 
रवि: पायल सुनो…

पायल: जी…

रवि: कल सहर मे भैंसो का बाज़ार लगना है….और भाभी की मा की तबीयत अचानक से खराब हो गयी है….भाई साहब और भाभी वहाँ जा रहे है, और भैया वहाँ से सीधा, मेरे पास आएँगे….तो मैं परसो वापिस आउन्गा…ये कुछ पैसे रख लो…

पायल: जी ठीक है…

रवि: हां और ध्यान से सुनो….अगर साहिल को भाभी घर छोड़ कर गयी, तो उसका भी ध्यान रखना…तुम्हे तो पता है ना…भाभी उससे कितना प्यार करती है…

पायल: जी ये भी कोई कहने वाली बात है…

उसके बाद सब सो जाते है, अगली सुबह रवि 6 बजे उठ कर भैंसो को लेकर सहर चला जाता है, घर मे जितनी भी भैंसे दूध देने वाली थी, उन सब को वो बेचने के लिए ले जाता है….और नेहा सुबह साहिल को तैयार करके स्कूल भेजते हुए कहती है….

नेहा: बेटा सुन स्कूल से सीधा घर आ जाना…..मैं और तुम्हारे पापा तुम्हारी नानी से मिलने जा रहे है…ठीक है, स्कूल से आकर घर पर ही रहना…तुम्हारी चाची घर पर अकेली है…

साहिल: ठीक है मा,,,,,मैं स्कूल से सीधा घर आ जाउन्गा….

उसके बाद साहिल स्कूल चला जाता है, नेहा और कुलवंत सिंग जाने के लिए तैयार थी…पायल अंगान मे आकर उन्हे बाहर तक छोड़ने गये..

नेहा: पायल साहिल का ख़याल रखना…ये ना हो आते ही धूप मे पतंग उड़ाने के लिए छत पर चढ़ जाए….अगर तेरी बात ना माने तो डाँट देना.

पायल: ऐसी कोई बात नही है दीदी….साहिल बहुत अच्छा बच्चा है, मेरी हर बात जल्दी मान लेता है….

नेहा: चल ठीक है फिर हम चलते है….

नेहा और कुलवंत सिंग चले जाते है….उस दिन सॅटर्डे था…इसलिए साहिल की 12 बजे ही छुट्टी होने वाली थी…जब स्कूल ऑफ हुआ तो, गीता उसके पास आई और बोली…

गीता: साहिल चल ना आज मेरे घर चलते है, बहुत मज़ा आएगा….

साहिल: नही मैं नही जाना….मा घर पर नही है, चाची घर पर अकेली है, और मा ने मुझे छुट्टी के बाद सीधा घर आने को कहा है…

गीता: (उदास होते हुए) चल ठीक है

उसके बाद साहिल सीधा घर आ जाता है…घर आते ही, वो अपना बॅग रख कर कपड़े चेंज करने लगता है, साहिल ने अभी पेंट के नीचे अंडरवेर पहनना नही शुरू किया था…..जैसे ही वो अपने कपड़े उतारता है, एक दम से पायल रूम मे आ जाती है….

अपने आप को अपनी चाची के सामने नंगा पा कर, साहिल अपने लंड के सामने अपने दोनो हाथों को रख कर छुपाने की कॉसिश करने लगा…ये देख पायल हंसने लगी…..साहिल को ऐसा लगा कि अब चाची उसका मज़ाक उड़ाएगी…इसीलिए वो रॉनी सी सूरत लेकर दूसरी तरफ देखने लगता है..

पायल: अर्रे ऐसे क्यों रोज़ा चेहरा बना लाया…..मैं तुझे कोई पहली बार नंगा थोड़ी ना देख रही हूँ…तू तो मेरा बच्चा है…चल मैं बाहर जाती हूँ, तू कपड़े पहन ले, और हां मैं तेरा खाना अपने ही रूम मे लेज़ाति हूँ…वही आकर खाना खा लेना….

पायल के जाने के बाद साहिल कपड़े पहन कर पायल के रूम मे आता है, और खाना खाने लगा….पायल बेड पर लेटे हुए वंश को थपकी देते हुए सुला रही थी….साहिल खाना खा कर बाहर जाने लगा तो, पायल ने पीछे से आवाज़ लगा कर उसे रोक लिया….

पायल: कहाँ जा रहा है…

साहिल: चाची वो मैं पतंग उड़ाने जा रहा हूँ….

पायल: दीदी ने मना किया है, धूप मे ऊपेर नही जाना….

साहिल: चाची जाने दो ना प्लीज़ थोड़ी देर के लिए….

पायल: नही यही बैठो और अपना होम वर्क करो…

साहिल: चाची होम वर्क तो कर लूँगा…कल सनडे है जाने दो ना…

पायल: नही मना किया ना….

कहानी जारी रहेगी.................................
 
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