hotaks444
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जिसे गीता ने भी अपनी जाँघो के बीच चुभता हुआ महसूस किया. उसके बदन मे करेंट सा दौड़ गया.”आह साहिल उठ मेरे ऊपेर से” गीता ने साहिल को अपने ऊपेर से धकेलते हुए कहा….”ओह्ह हां “ साहिल एक दम से गीता के ऊपेर से खड़ा हो गया….वो अपनी हरक़त पर बहुत शर्मिंदा था. इसलिए वही सर झुका कर खड़ा हो गया…..गीता ने जल्दी से उठ कर उस बुक को लपक लिया…..
गीता: (बुक को हाथ मे लेते हुए) तुम इसलिए स्कूल आते हो.मैं तो तुम्हे बहुत अच्छा लड़का समझती थी साहिल, अब तुम्हारे मा बाबा को बताती हूँ, कि उनका लाड़ला स्कूल मे आकर क्या करता है….
साहिल: (रोनी सी सूरत बनाते हुए) मौसी प्लीज़ किसी को मत कहना…वरना मा मुझे बहुत पीटेगे….
गीता: ये तो तुम्हें ऐसी गंदी बुक्स देखने से पहले सोचना चाहिए था. अब तो तुम्हारी खैर नही बच्चू…..
ये कहते हुए, गीता वो बुक लेकर नीचे चली गयी….साहिल बहुत घबरा गया था…क्लास मे भी वो गुम्सुम सा बैठा रहा. स्कूल की छुट्टी के बाद जब वो घर जाने लगा तो, गीता ने उसे आवाज़ देकर रोक लिया….
गीता: अर्रे ओ साहिल रुक ज़रा…..
साहिल: (घबराते हुए) क्या मौसी…
गीता: आज दोपहर को थोड़ी देर मे हमारे घर आना…अगर नही आया तो , तेरी करतूत सब को बता दूँगी….
साहिल ने हां मे सर हिला दया….और घर की तरफ जाने लगा….घर के अंदर आते ही साहिल ने अपना स्कूल बॅग रखा, और बेड पर बैठ गया….नेहा जो बाथरूम मे कपढ़े धो रही थी, उठ कर रूम मे आ गयी….
नेहा: आ गया मेरा राजा बेटा….चल यूनिफॉर्म उतार दे और दूसरे कपढ़े पहन ले, मैं खाना लगा देती हूँ…..
साहिल: मुझे भूक नही है मा……(आप तो जानते ही है, अगर जान पर बनी हो तो भूक कैसी लगती है, और छोटे से साहिल के लिए बहुत बड़ी मुसबीत हो गयी थी….वो चुप चाप उठ कर कपड़े उतारने लगा)
नेहा: (साहिल के माथे पर हाथ रख कर देखते हुए) तेरी तबीयत ठीक तो है ना….कही बुखार तो नही लग रहा तुझे…..
साहिल: नही माँ वैसे ही मन नही है….
गीता: (बुक को हाथ मे लेते हुए) तुम इसलिए स्कूल आते हो.मैं तो तुम्हे बहुत अच्छा लड़का समझती थी साहिल, अब तुम्हारे मा बाबा को बताती हूँ, कि उनका लाड़ला स्कूल मे आकर क्या करता है….
साहिल: (रोनी सी सूरत बनाते हुए) मौसी प्लीज़ किसी को मत कहना…वरना मा मुझे बहुत पीटेगे….
गीता: ये तो तुम्हें ऐसी गंदी बुक्स देखने से पहले सोचना चाहिए था. अब तो तुम्हारी खैर नही बच्चू…..
ये कहते हुए, गीता वो बुक लेकर नीचे चली गयी….साहिल बहुत घबरा गया था…क्लास मे भी वो गुम्सुम सा बैठा रहा. स्कूल की छुट्टी के बाद जब वो घर जाने लगा तो, गीता ने उसे आवाज़ देकर रोक लिया….
गीता: अर्रे ओ साहिल रुक ज़रा…..
साहिल: (घबराते हुए) क्या मौसी…
गीता: आज दोपहर को थोड़ी देर मे हमारे घर आना…अगर नही आया तो , तेरी करतूत सब को बता दूँगी….
साहिल ने हां मे सर हिला दया….और घर की तरफ जाने लगा….घर के अंदर आते ही साहिल ने अपना स्कूल बॅग रखा, और बेड पर बैठ गया….नेहा जो बाथरूम मे कपढ़े धो रही थी, उठ कर रूम मे आ गयी….
नेहा: आ गया मेरा राजा बेटा….चल यूनिफॉर्म उतार दे और दूसरे कपढ़े पहन ले, मैं खाना लगा देती हूँ…..
साहिल: मुझे भूक नही है मा……(आप तो जानते ही है, अगर जान पर बनी हो तो भूक कैसी लगती है, और छोटे से साहिल के लिए बहुत बड़ी मुसबीत हो गयी थी….वो चुप चाप उठ कर कपड़े उतारने लगा)
नेहा: (साहिल के माथे पर हाथ रख कर देखते हुए) तेरी तबीयत ठीक तो है ना….कही बुखार तो नही लग रहा तुझे…..
साहिल: नही माँ वैसे ही मन नही है….