hotaks444
New member
- Joined
- Nov 15, 2016
- Messages
- 54,521
ऐसे ही मस्ती में दिन बीत रहे थे की एक दिन सुबह सशा के कमरे के बाहर से गुजर रहा था की उसे फोन पर बात करने की आवाज सुनाई दी।
सशा : नहीं....नहीं सर प्लीज्जज्जज्जज्ज सर।
फिर उधर से कुछ कहा गया।
सशा:प्लीज सर......ओके मैं आ रही हूँ।
इतना सुनकर जगदीश राय को शक हो गया की जरूर दाल में कुछ काला है।वह निशा को ऑफिस जाने को कहकर जल्दी ही घर से निकल गया।बाहर आकर मेन रोड पर एक दुकान में बैठकर चाय पिने लगा।
कुछ ही देर बाद सशा घर से स्कूल ड्रेस में जाती दिखाई दी।जबकि अभी स्कुल जाने में बहुत देर था।इतना पहले वह क्यों जा रही है।जगदीश राय उसका पीछा करने लगा।स्कूल ज्यादा दूर नहीं था।यही कोई 1 किलोमीटर।सशा स्कूल में घुस गई अभी स्कूल में कोई नहीं आया था।
सशा सीधे ऊपर चली गई।ऊपर लिखा था ओनली फॉर स्टाफ।जगदीश राय भी छुपकर ऊपर चला गया।वह धीरे धीरे आगे बढ़ रहा था।तभी उसे शशा की आवाज एक कमरे से सुनाई दी।जगदीश राय ने जल्दी से अपने मोबाइल को साइलेंट किया और उसकी कैमरे की लाइट बंद करके कैमरा चालू कर दिया।फिर वह उस रूम की खिड़की तक पहुँचा और खिड़की की झिरी से देखा की एक 50 की उम्र का आदमी खड़ा था।वह सशा का टीचर था और शशा उसके आगे बैठकर उसका लंड सहला रही थी।
खिड़की पुरानी थी जो लकड़ी की बनी हुई थी इसलिए उसमे झिरी बन गई थी।जगदीश राय ने खिड़की को थोडा सा दबाया तो मालूम पड़ा की वह खुली हुई थी।उसने मोबाइल का वीडियो कैमरा चालू करके उनलोगो के तरफ करके मोबाईल अंदर रख दिया।
फिर दरार से देखने लगा।अब टीचर ने सशा को अपने लंड को चूसने को बोला।लेकिन सशा बार बार मना कर रही थी।लेकिन जब टीचर ने गुस्से में धमकी दिया तो सशा मज़बूरी में उसका लंड चूसने लगी।अब वह टीचर साशा के बालों को पकड़कर उसके मुँह में अपना लंड पेलने लगा।
साथ ही साथ उसने सशा की स्कर्ट के बटन को खोलकर उसकी छोटी छोटी चूचियों को भी मसलने लगा।अब सशा भी धीरे धीरे गरम होने लगी थी क्योंकि अब वह भी उसके मोटे लंड को मज़े से चूस रही थी।टीचर तो इतना गरम हो गया था की सशा के मुँह में ही झर गया।जिसे साशा ने फर्श पर थूक दिया।और अपने कपडे ठीक करके बाहर निकल गई।
जगदीश राय ने भी अपना मोबाइल निकाला और छुपते छुपाते स्कूल से बाहर निकल गया।आज उसका ड्यूटी जाने का मन नहीं था।इसलिए वह घर आ गया।घर पर कोई नहीं था।निशा और आशा कालेज चली गई थी।और सशा के पास से आ ही रहा था।
अपने रूम में आकर उसने वीडियो देखा तो वीडियो पूरा क्लिअर था।लेकिन वह समझ नहीं पाया की यह टीचर उसकी बेटी को कैसे ब्लैकमेल कर रहा है।वह आराम करने लगा।तभी लांच टाइम पर दरवाजे खुलने की आवाज़ आई तो जाकर देखा तो सशा आ गई थी।
सशा : नहीं....नहीं सर प्लीज्जज्जज्जज्ज सर।
फिर उधर से कुछ कहा गया।
सशा:प्लीज सर......ओके मैं आ रही हूँ।
इतना सुनकर जगदीश राय को शक हो गया की जरूर दाल में कुछ काला है।वह निशा को ऑफिस जाने को कहकर जल्दी ही घर से निकल गया।बाहर आकर मेन रोड पर एक दुकान में बैठकर चाय पिने लगा।
कुछ ही देर बाद सशा घर से स्कूल ड्रेस में जाती दिखाई दी।जबकि अभी स्कुल जाने में बहुत देर था।इतना पहले वह क्यों जा रही है।जगदीश राय उसका पीछा करने लगा।स्कूल ज्यादा दूर नहीं था।यही कोई 1 किलोमीटर।सशा स्कूल में घुस गई अभी स्कूल में कोई नहीं आया था।
सशा सीधे ऊपर चली गई।ऊपर लिखा था ओनली फॉर स्टाफ।जगदीश राय भी छुपकर ऊपर चला गया।वह धीरे धीरे आगे बढ़ रहा था।तभी उसे शशा की आवाज एक कमरे से सुनाई दी।जगदीश राय ने जल्दी से अपने मोबाइल को साइलेंट किया और उसकी कैमरे की लाइट बंद करके कैमरा चालू कर दिया।फिर वह उस रूम की खिड़की तक पहुँचा और खिड़की की झिरी से देखा की एक 50 की उम्र का आदमी खड़ा था।वह सशा का टीचर था और शशा उसके आगे बैठकर उसका लंड सहला रही थी।
खिड़की पुरानी थी जो लकड़ी की बनी हुई थी इसलिए उसमे झिरी बन गई थी।जगदीश राय ने खिड़की को थोडा सा दबाया तो मालूम पड़ा की वह खुली हुई थी।उसने मोबाइल का वीडियो कैमरा चालू करके उनलोगो के तरफ करके मोबाईल अंदर रख दिया।
फिर दरार से देखने लगा।अब टीचर ने सशा को अपने लंड को चूसने को बोला।लेकिन सशा बार बार मना कर रही थी।लेकिन जब टीचर ने गुस्से में धमकी दिया तो सशा मज़बूरी में उसका लंड चूसने लगी।अब वह टीचर साशा के बालों को पकड़कर उसके मुँह में अपना लंड पेलने लगा।
साथ ही साथ उसने सशा की स्कर्ट के बटन को खोलकर उसकी छोटी छोटी चूचियों को भी मसलने लगा।अब सशा भी धीरे धीरे गरम होने लगी थी क्योंकि अब वह भी उसके मोटे लंड को मज़े से चूस रही थी।टीचर तो इतना गरम हो गया था की सशा के मुँह में ही झर गया।जिसे साशा ने फर्श पर थूक दिया।और अपने कपडे ठीक करके बाहर निकल गई।
जगदीश राय ने भी अपना मोबाइल निकाला और छुपते छुपाते स्कूल से बाहर निकल गया।आज उसका ड्यूटी जाने का मन नहीं था।इसलिए वह घर आ गया।घर पर कोई नहीं था।निशा और आशा कालेज चली गई थी।और सशा के पास से आ ही रहा था।
अपने रूम में आकर उसने वीडियो देखा तो वीडियो पूरा क्लिअर था।लेकिन वह समझ नहीं पाया की यह टीचर उसकी बेटी को कैसे ब्लैकमेल कर रहा है।वह आराम करने लगा।तभी लांच टाइम पर दरवाजे खुलने की आवाज़ आई तो जाकर देखा तो सशा आ गई थी।