hotaks444
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ट्यूशन वाले सर की पत्नी की चुदाई --2
मैने उसकी गांद के नीचे एक तकिया रखा और पैर उपर उठा कर बीच मे बैठ गया और चूत के दरवाजे खोल कर जीभ अंदर डाल दी.. और 2 मिनट मे ही उसकी चूत से झरने जैसा पानी बाहर निकल आया.. मेरा मुँह पूरा भर गया.. और वो ज़ोर से चिल्लाई..राआाजजज ज्ज उ.. मेरा हो गाययययी..आआअहह. .बस अब मत चट.. कहते हुए वो मुझे दूर धकेलने लगी.. उसकी चूत चाटते हुए मेरा लंड फिर से फंफना गया था.. मैने उसकी चूत से निकलने वाले पूरे जूस को चाट लिया.. ऐसा करते हुए मैं उसकी चूत के दाने को भी जीभ से सहला रहा था.. जिससे वो फिर गरम हो गयी.. वो कहने लगी..अब मत तडपा..मैं बहुत तरसि
हूँ मेरी जवानी कोआपना ले.. अब ये अंदर डाल के फाड़ दे मेरी चूत को.. अब मैं उठा.. उसने कहा तू तो एकदम एक्सपर्ट है.. उसे मेरा तरीका बहुत पसंद आया. अब मैं नीचे के तरफ गया और उसकी चिकनी मोटी जाँघो को चूमने और चाटने लगा दोनो तरफ चट रहा था..मैं उसे आज जी भर के चोदने के मूड मे था. मैने उसे पेट के बल लिटा दिया फिर उसके चूतड़ और पीठ को भी जीभ से चटा.. उसका पीछे का भाग और भी सेक्सी था. उभरे हुए गोरे मस्त चूतड़ और उसकी घाटी.. चिकनी गोरी पीठ.. उसकी पीठ चूमते हुए मैं सामने हाथ ला कर उसकी चूंची और निपल मसल रहा था उसके चूतड़ चाटने और दबाने मे बहुत मज़ा आ रहा था. मैने हल्के से काट लिया वो चिल्ला उठी..आआआहह. . नही..ईयी. मैं उसके चूतड़ ज़ोर ज़ोर से दबाए जा रहा था. मेरी जीभ दोनो चूतदों के बीच की घाटी मे सैर कर रही थी. चूतड़ इतने नरम और मुलायम थे की उन्हे दबाने मे अलग ही मज़ा आ रहा था.. घाटी मे हाथ फेरा उसकी गांद का छेद भी गुलाबी था. उस सुराख मे मैने जीभ की नोके घुमाई , वो सिहर उठी, उसका मचलना बहुत ही मजेदार था. फिर मैने पीछे से उसकी फूली हुई चूत को सहलाया और एक उंगली अंदर डालने की कोशिश की.. चूत तो गीली थी लेकिन बहुत टाइट थी.. मेरी उंगली के अंदर जाते ही वो थोड़ा चिल्लाई..आअहह. . धीरे.. दर्द होता
है.. मैने कहा ये तो उंगली है और तुम मेरा 3 इंच मोटा और 7.5 इंच लंबा
लंड लेने के लिइए तड़प रही हो.. उसने कहा.. मुझे नही मालूम, मेरी चूत मे
आग लगी है.. अंदर चींतियाँ रेंग रही है.. मैने उसे चूमा . मैं समझ
गया लोहा गरम हो गया है. अब कील ठोक देना है. मैने उसे अब सीधा लिटाया
और पेट और नाभि को जीभ से चटा.. गीला कर दिया..मैने फिर चूत पर मुँह
लगाया..अब मेरी जीभ चूत के अंदर खेल रही थी. चूत एकदम फूलने लगी. वो
भी अपनी कमर उछाल रही थी..मैं अभी उसे और तड़पाना चाहता था. मैने
चूत को देखा नही और उसका पैरो से लेकर जाँघो के जॉइंट तक उसे पूरा मेरी
जीभ से गीला कर दिया.
इस बार मैं चूत मे नही उसका चारो तरफ जीभ और हाथ से सहला रहा था.
मैने देखा बिस्तर की चादर उसकी गांद के नीचे पूरी गीली हो रही थी. अब वो
पूरी गरम हो गयी थी.. अपने पैर रगड़ रही थी..हीईीई. .अब सहन नही हो
रहा.. उसने हाथ बढ़ा कर मेरे लंड को हाथ मे लिया वो भी फिर से पूरे जोश मे
आ चुका था, इस बार वो और भी मोटा लग रहा था. उसने उठ कर मेरे लंड को
किस किया थोडा चटा.. उसने कहा.. सच मे राज उस दिन मैने बाथरूम मे जब
तुम्हारा ये प्यारा लंड देखा तभी सोच लिया था कि मेरी कुँवारी चूत की सील
इसी लंड से तुदवाउन्गि.. उस दिन के बाद से मैं सिर्फ़ इसी लंड को सपने मे देखती
हूँ और मेरी चूत पानी निकाल देती है.. मैने कहा तो फिर आज इसे अपनी चूत
मे डलवा लो.. कहते हुए मैने उसके पैरों को फैलाया और मेरे लंड को उसकी
चूत के उपर रगड़ा ताकि उसकी चूत के जूस से मेरे लंड का सूपड़ा चिकना हो
जाए. फिर उसे किस किया और लंड को चूत के लाल छेद पर रखा और पुश
किया.. उसकी चूत का मुँह बहुत छोटा था और मेरा सूपड़ा बहुत मोटा.. वो फिसल
गया.. मैं उठा और मैने पास रखे तेल के डिब्बे से बहुत सारा तेल मेरे लंड
पर लगाया और उसकी चूत के छेद मे भी डाला. अब मैने उसका पैरों को और
चौड़ा किया.. और लंड को छेद पर रख कर थोड़ी ताक़त से धकेला.. लंड का
सूपड़ा अंदर घुसा और वो चिल्लाई..मर गाइिईई.. हाईईईई.. ऊओह निकालो. .इतना
मोटा नही जाएगाआ.. .राज्ज्जज्ज्ज.. बस.अब नहीइ.. मैने कहा निकाल लू..वो मेरी
तरफ देखने लगी.. उसकी आँखों मे आँसू थे.. एक 28 साल की औरत और एक 22
साल का लड़का.. लंड तो लोहे का रोड हो गया था.. मैने उसे किस किया..तब वो
बोली.. मैं कितना भी चिल्लाउ तुम आज मेरी चूत फाड़ दो.. मैने उसका होंठ पर
अपने होंठ रखे ताकि वो ज़ोर से चिल्ला ना सके.. मैं समझ गया था कि वो सच
मे कुँवारी ही है..
मैने उसकी गांद के नीचे एक तकिया रखा और पैर उपर उठा कर बीच मे बैठ गया और चूत के दरवाजे खोल कर जीभ अंदर डाल दी.. और 2 मिनट मे ही उसकी चूत से झरने जैसा पानी बाहर निकल आया.. मेरा मुँह पूरा भर गया.. और वो ज़ोर से चिल्लाई..राआाजजज ज्ज उ.. मेरा हो गाययययी..आआअहह. .बस अब मत चट.. कहते हुए वो मुझे दूर धकेलने लगी.. उसकी चूत चाटते हुए मेरा लंड फिर से फंफना गया था.. मैने उसकी चूत से निकलने वाले पूरे जूस को चाट लिया.. ऐसा करते हुए मैं उसकी चूत के दाने को भी जीभ से सहला रहा था.. जिससे वो फिर गरम हो गयी.. वो कहने लगी..अब मत तडपा..मैं बहुत तरसि
हूँ मेरी जवानी कोआपना ले.. अब ये अंदर डाल के फाड़ दे मेरी चूत को.. अब मैं उठा.. उसने कहा तू तो एकदम एक्सपर्ट है.. उसे मेरा तरीका बहुत पसंद आया. अब मैं नीचे के तरफ गया और उसकी चिकनी मोटी जाँघो को चूमने और चाटने लगा दोनो तरफ चट रहा था..मैं उसे आज जी भर के चोदने के मूड मे था. मैने उसे पेट के बल लिटा दिया फिर उसके चूतड़ और पीठ को भी जीभ से चटा.. उसका पीछे का भाग और भी सेक्सी था. उभरे हुए गोरे मस्त चूतड़ और उसकी घाटी.. चिकनी गोरी पीठ.. उसकी पीठ चूमते हुए मैं सामने हाथ ला कर उसकी चूंची और निपल मसल रहा था उसके चूतड़ चाटने और दबाने मे बहुत मज़ा आ रहा था. मैने हल्के से काट लिया वो चिल्ला उठी..आआआहह. . नही..ईयी. मैं उसके चूतड़ ज़ोर ज़ोर से दबाए जा रहा था. मेरी जीभ दोनो चूतदों के बीच की घाटी मे सैर कर रही थी. चूतड़ इतने नरम और मुलायम थे की उन्हे दबाने मे अलग ही मज़ा आ रहा था.. घाटी मे हाथ फेरा उसकी गांद का छेद भी गुलाबी था. उस सुराख मे मैने जीभ की नोके घुमाई , वो सिहर उठी, उसका मचलना बहुत ही मजेदार था. फिर मैने पीछे से उसकी फूली हुई चूत को सहलाया और एक उंगली अंदर डालने की कोशिश की.. चूत तो गीली थी लेकिन बहुत टाइट थी.. मेरी उंगली के अंदर जाते ही वो थोड़ा चिल्लाई..आअहह. . धीरे.. दर्द होता
है.. मैने कहा ये तो उंगली है और तुम मेरा 3 इंच मोटा और 7.5 इंच लंबा
लंड लेने के लिइए तड़प रही हो.. उसने कहा.. मुझे नही मालूम, मेरी चूत मे
आग लगी है.. अंदर चींतियाँ रेंग रही है.. मैने उसे चूमा . मैं समझ
गया लोहा गरम हो गया है. अब कील ठोक देना है. मैने उसे अब सीधा लिटाया
और पेट और नाभि को जीभ से चटा.. गीला कर दिया..मैने फिर चूत पर मुँह
लगाया..अब मेरी जीभ चूत के अंदर खेल रही थी. चूत एकदम फूलने लगी. वो
भी अपनी कमर उछाल रही थी..मैं अभी उसे और तड़पाना चाहता था. मैने
चूत को देखा नही और उसका पैरो से लेकर जाँघो के जॉइंट तक उसे पूरा मेरी
जीभ से गीला कर दिया.
इस बार मैं चूत मे नही उसका चारो तरफ जीभ और हाथ से सहला रहा था.
मैने देखा बिस्तर की चादर उसकी गांद के नीचे पूरी गीली हो रही थी. अब वो
पूरी गरम हो गयी थी.. अपने पैर रगड़ रही थी..हीईीई. .अब सहन नही हो
रहा.. उसने हाथ बढ़ा कर मेरे लंड को हाथ मे लिया वो भी फिर से पूरे जोश मे
आ चुका था, इस बार वो और भी मोटा लग रहा था. उसने उठ कर मेरे लंड को
किस किया थोडा चटा.. उसने कहा.. सच मे राज उस दिन मैने बाथरूम मे जब
तुम्हारा ये प्यारा लंड देखा तभी सोच लिया था कि मेरी कुँवारी चूत की सील
इसी लंड से तुदवाउन्गि.. उस दिन के बाद से मैं सिर्फ़ इसी लंड को सपने मे देखती
हूँ और मेरी चूत पानी निकाल देती है.. मैने कहा तो फिर आज इसे अपनी चूत
मे डलवा लो.. कहते हुए मैने उसके पैरों को फैलाया और मेरे लंड को उसकी
चूत के उपर रगड़ा ताकि उसकी चूत के जूस से मेरे लंड का सूपड़ा चिकना हो
जाए. फिर उसे किस किया और लंड को चूत के लाल छेद पर रखा और पुश
किया.. उसकी चूत का मुँह बहुत छोटा था और मेरा सूपड़ा बहुत मोटा.. वो फिसल
गया.. मैं उठा और मैने पास रखे तेल के डिब्बे से बहुत सारा तेल मेरे लंड
पर लगाया और उसकी चूत के छेद मे भी डाला. अब मैने उसका पैरों को और
चौड़ा किया.. और लंड को छेद पर रख कर थोड़ी ताक़त से धकेला.. लंड का
सूपड़ा अंदर घुसा और वो चिल्लाई..मर गाइिईई.. हाईईईई.. ऊओह निकालो. .इतना
मोटा नही जाएगाआ.. .राज्ज्जज्ज्ज.. बस.अब नहीइ.. मैने कहा निकाल लू..वो मेरी
तरफ देखने लगी.. उसकी आँखों मे आँसू थे.. एक 28 साल की औरत और एक 22
साल का लड़का.. लंड तो लोहे का रोड हो गया था.. मैने उसे किस किया..तब वो
बोली.. मैं कितना भी चिल्लाउ तुम आज मेरी चूत फाड़ दो.. मैने उसका होंठ पर
अपने होंठ रखे ताकि वो ज़ोर से चिल्ला ना सके.. मैं समझ गया था कि वो सच
मे कुँवारी ही है..