hotaks444
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मामी इस बदनसीब का इतना नसीब कहाँ के आपकी नंगी बिल को छु सके" नरेश ने अपने मामी के नंगे पेट को अपने हाथों से सहलाते हुए कहा।
"भान्जे एक बात कहूं" रेखा ने यों ही मज़े से अपने भांजे के लंड पर बैठे हुए ही कहा । वह बुहत गरम हो चुकी थी और उत्तेजना के मारे उसकी चूत से बुहत ज्यादा पानी टपक रहा था।
"हाँ मामी बोलो" नरेश ने इस बार अपने होंठ अपनी मामी के नंगे गोर पेट पर रखते हुए कहा।
"ओहहहह बदमाश मैं कह रही थी की अगर तुम कहो तो मैं तुम्हारी खातिर अपनी बिल को एक बार नंगा करके तुम्हारे साँप को छूने दे सकती हूँ। मगर तुम उसे सिर्फ ऊपर से अपने साँप को रखोगे अंदर नहीं घुसओगे" रेखा ने अपने भांजे के होंठ अपनी नंगी पीठ पर पड़ते ही सिसकते हुए कहा।
"मामी सच में आप बुहत अच्छी हो । हमारे लिए आप इतना कर सकती हो। हम भी वादा करते हैं के आपकी बिल में अपना साँप नहीं घुसाएंगे" नरेश ने अपने मामी की बात सुनकर बुहत खुश होते हुए कहा।
"ठीक है मुझे छोडो और अपने साँप को बाहर निकालो। जब तक मैं अपनी बिल को नंगा करती हूँ" रेखा ने अपने भांजे के हाथों को अपने पेट से जुदा करते हुए उसकी गोद से उठकर कहा ।
रेखा ने अपने भांजे की गोद से उठने के बाद अपनी साड़ी को उतारकर अपने पेटिकोट और पेंटी को भी उतार दिया।
"वाह मामी आपकी गुलाबी बिल को देखकर तो उसे चूमने का मन करता है" नरेश ने अपनी मामी की चूत के नंगा होते ही अपने लंड को अपने हाथो से सहलाते हुए कहा।
नरेश ने अपनी पेण्ट और अंडरवियर को खीचकर अपने पाँव तक सरका दिया था।
"अरे बदमाश तुमने भी अपने साँप को नंगा कर दिया" अपने भांजे की बात सुनकर रेखा ने उसके तरफ देखते हुए कहा। रेखा सिर्फ एक ब्लाउज और ब्रा में नरेश के सामने खडी थी और उसकी चूत उत्तेजना के मारे बुहत गीली हो चुकी थी । नरेश का लंड अपनी मामी की चूत और उसकी गोरी चिकनी टांगों को देखकर झटके खाने लगा ।
रेखा अपने भांजे की तरफ आये हुए उसके बिलकुल सामने आकर उल्टा हो गई और अपने नंगे चूतड़ अपने भांजे की गोद पर रख दिये।
"आहहहह मामी" नरेश अपनी मामी के नंगे चूतड़ अपने लंड पर पड़ते ही सिसक उठा । नरेश को अपनी मामी की गांड का भूरा छेद उल्टा होते हुए बुहत भा गया उसने सोच लिया जब भी मोका मिला वह अपनी मामी की गांड ज़रूर मारेगा।
"आह्ह्ह्ह हहहहः" रेखा अपनी गीली चूत को अपने भांजे के लंड पर ज़ोर से घिसते हुए सिसकने लगी।
नरेश की हालत भी अपनी मामी की गीली चूत को अपने लंड पर घिसते हुए खराब होने लगी ।
"आह्ह्ह्ह मामी आप सीधी होकर हमारा इस पर बैठ जाओ न हमें ज्यादा मजा आयेगा" नरेश ने सिसकते हुए अपनी मामी से कहा । रेखा को उस वक़त कुछ समझ में नहीं आ रहा था । वह अपने भांजे के ऊपर से उठते हुए अपनी टांगों को फ़ैला कर अपने भांजे के ऊपर सीधा होकर बैठ गई।
"भान्जे एक बात कहूं" रेखा ने यों ही मज़े से अपने भांजे के लंड पर बैठे हुए ही कहा । वह बुहत गरम हो चुकी थी और उत्तेजना के मारे उसकी चूत से बुहत ज्यादा पानी टपक रहा था।
"हाँ मामी बोलो" नरेश ने इस बार अपने होंठ अपनी मामी के नंगे गोर पेट पर रखते हुए कहा।
"ओहहहह बदमाश मैं कह रही थी की अगर तुम कहो तो मैं तुम्हारी खातिर अपनी बिल को एक बार नंगा करके तुम्हारे साँप को छूने दे सकती हूँ। मगर तुम उसे सिर्फ ऊपर से अपने साँप को रखोगे अंदर नहीं घुसओगे" रेखा ने अपने भांजे के होंठ अपनी नंगी पीठ पर पड़ते ही सिसकते हुए कहा।
"मामी सच में आप बुहत अच्छी हो । हमारे लिए आप इतना कर सकती हो। हम भी वादा करते हैं के आपकी बिल में अपना साँप नहीं घुसाएंगे" नरेश ने अपने मामी की बात सुनकर बुहत खुश होते हुए कहा।
"ठीक है मुझे छोडो और अपने साँप को बाहर निकालो। जब तक मैं अपनी बिल को नंगा करती हूँ" रेखा ने अपने भांजे के हाथों को अपने पेट से जुदा करते हुए उसकी गोद से उठकर कहा ।
रेखा ने अपने भांजे की गोद से उठने के बाद अपनी साड़ी को उतारकर अपने पेटिकोट और पेंटी को भी उतार दिया।
"वाह मामी आपकी गुलाबी बिल को देखकर तो उसे चूमने का मन करता है" नरेश ने अपनी मामी की चूत के नंगा होते ही अपने लंड को अपने हाथो से सहलाते हुए कहा।
नरेश ने अपनी पेण्ट और अंडरवियर को खीचकर अपने पाँव तक सरका दिया था।
"अरे बदमाश तुमने भी अपने साँप को नंगा कर दिया" अपने भांजे की बात सुनकर रेखा ने उसके तरफ देखते हुए कहा। रेखा सिर्फ एक ब्लाउज और ब्रा में नरेश के सामने खडी थी और उसकी चूत उत्तेजना के मारे बुहत गीली हो चुकी थी । नरेश का लंड अपनी मामी की चूत और उसकी गोरी चिकनी टांगों को देखकर झटके खाने लगा ।
रेखा अपने भांजे की तरफ आये हुए उसके बिलकुल सामने आकर उल्टा हो गई और अपने नंगे चूतड़ अपने भांजे की गोद पर रख दिये।
"आहहहह मामी" नरेश अपनी मामी के नंगे चूतड़ अपने लंड पर पड़ते ही सिसक उठा । नरेश को अपनी मामी की गांड का भूरा छेद उल्टा होते हुए बुहत भा गया उसने सोच लिया जब भी मोका मिला वह अपनी मामी की गांड ज़रूर मारेगा।
"आह्ह्ह्ह हहहहः" रेखा अपनी गीली चूत को अपने भांजे के लंड पर ज़ोर से घिसते हुए सिसकने लगी।
नरेश की हालत भी अपनी मामी की गीली चूत को अपने लंड पर घिसते हुए खराब होने लगी ।
"आह्ह्ह्ह मामी आप सीधी होकर हमारा इस पर बैठ जाओ न हमें ज्यादा मजा आयेगा" नरेश ने सिसकते हुए अपनी मामी से कहा । रेखा को उस वक़त कुछ समझ में नहीं आ रहा था । वह अपने भांजे के ऊपर से उठते हुए अपनी टांगों को फ़ैला कर अपने भांजे के ऊपर सीधा होकर बैठ गई।