hotaks444
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"दीदी चलो आज नाना जी से चलकर बाते करते है" पिंकी ने अचानक कोमल से कहा।
"दादा जी से ठीक है जैसे तुम्हारी मर्जी" कोमल ने पिंकी की बात सुनकर कहा और दोनों अपने कमरे से निकलकर अनिल के कमरे में जाने लगी । पिंकी ने अनिल के कमरे के बाहर आकर जैसे ही दरवाज़े को हाथ लगाया वह अपने आप खुल गया, पिंकी और कोमल दोनों अंदर दाखिल हो गई ।
अंदर दाखिल होते ही दोनों ने देखा के अनिल बेड पर बैठकर एक न्यूज़ पेपर पढ रहा था।
"दादा जी नाना जी" दोनों लड़कियों ने एक साथ अनिल को अचानक से पुकारते हुए कहा।
"कौन" अनिल अचानक उन दोनों के पुकारने से चौकते हुए बोला । अनिल हमेशा की तरह धोती पहने हुए दोनों लड़कियों के पुकारने से बुरी तरह चोंक गया जिस वजह से उसकी धोती आगे से थोडा खुल गयी ।
"हम हैं दादा जी" कोमल ने अपने दादा को चौंकता हुआ देखकर हँसते हुए कहा । मगर अचानक उसकी नज़र अपने दादा की खुली हुई धोती पर पर गई जिसमें से उसका सिकुडा हुआ लंड साफ़ दिख रहा था। कोमल का चेहरा अपने दादा का नंगा लंड देखकर शर्म से लाल हो गया और वह अपने चेहरे को दूसरी तरफ करते हुए सोफ़े पर जा बैठी ।
"नाना जी मैं भी आई हुँ" कोमल के आगे से हटने के बाद पिंकी ने अपने दादा को देखते हुए कहा मगर दुसरे ही पल उसकी भी हालत कोमल की तरह हो गई और अपने नाना का लंड देखकर उसका चेहरा भी शर्म से लाल हो गया । पिंकी ने भी अपना चेहरा दूसरी तरफ कर लिया।
"शरारती बच्चों तुम दोनों ने तो मुझे डरा ही दिया मगर तुम दोनों ने अपने चेहरा दूसरी तरफ क्यों कर दिया?" अनिल ने उन दोनों की तरफ देखकर हैंरान होते हुए कहा ।
"दादा जी आपकी धोती" कोमल ने सिर्फ इतना कहा ।अनिल ने जल्दी से अपनी धोती को ठीक कर दिया और बेड से उठकर सोफ़े पर जाकर बैठ गया।
"आज तुम दोनों को कैसे हमारी याद आयी?" अनिल ने सोफ़े पर बैठते हुए कहा।
"नाना जी मैं जब से आई हूँ आपसे बात ही नहीं हुई। इसीलिए आज आपसे बात करने के लिए हम यहाँ आ गये" पिंकी ने अपने नाना की तरफ देखते हुए कहा ।
"ओहहह मेरी बच्ची तुमने बुहत अच्छा किया। मैं भी तुमसे बात करना चाहता था। इधर आओ तुम दोनों मेरे पास आकर बैठो" अनिल ने पिंकी की तरफ देखकर उन दोनों को प्यार से अपनी तरफ बुलाते हुए कहा ।अनिल की बात सुनकर पिंकी और कोमल दोनों अनिल के दोनों तरफ आकर बैठ गयी ।
"दादा जी से ठीक है जैसे तुम्हारी मर्जी" कोमल ने पिंकी की बात सुनकर कहा और दोनों अपने कमरे से निकलकर अनिल के कमरे में जाने लगी । पिंकी ने अनिल के कमरे के बाहर आकर जैसे ही दरवाज़े को हाथ लगाया वह अपने आप खुल गया, पिंकी और कोमल दोनों अंदर दाखिल हो गई ।
अंदर दाखिल होते ही दोनों ने देखा के अनिल बेड पर बैठकर एक न्यूज़ पेपर पढ रहा था।
"दादा जी नाना जी" दोनों लड़कियों ने एक साथ अनिल को अचानक से पुकारते हुए कहा।
"कौन" अनिल अचानक उन दोनों के पुकारने से चौकते हुए बोला । अनिल हमेशा की तरह धोती पहने हुए दोनों लड़कियों के पुकारने से बुरी तरह चोंक गया जिस वजह से उसकी धोती आगे से थोडा खुल गयी ।
"हम हैं दादा जी" कोमल ने अपने दादा को चौंकता हुआ देखकर हँसते हुए कहा । मगर अचानक उसकी नज़र अपने दादा की खुली हुई धोती पर पर गई जिसमें से उसका सिकुडा हुआ लंड साफ़ दिख रहा था। कोमल का चेहरा अपने दादा का नंगा लंड देखकर शर्म से लाल हो गया और वह अपने चेहरे को दूसरी तरफ करते हुए सोफ़े पर जा बैठी ।
"नाना जी मैं भी आई हुँ" कोमल के आगे से हटने के बाद पिंकी ने अपने दादा को देखते हुए कहा मगर दुसरे ही पल उसकी भी हालत कोमल की तरह हो गई और अपने नाना का लंड देखकर उसका चेहरा भी शर्म से लाल हो गया । पिंकी ने भी अपना चेहरा दूसरी तरफ कर लिया।
"शरारती बच्चों तुम दोनों ने तो मुझे डरा ही दिया मगर तुम दोनों ने अपने चेहरा दूसरी तरफ क्यों कर दिया?" अनिल ने उन दोनों की तरफ देखकर हैंरान होते हुए कहा ।
"दादा जी आपकी धोती" कोमल ने सिर्फ इतना कहा ।अनिल ने जल्दी से अपनी धोती को ठीक कर दिया और बेड से उठकर सोफ़े पर जाकर बैठ गया।
"आज तुम दोनों को कैसे हमारी याद आयी?" अनिल ने सोफ़े पर बैठते हुए कहा।
"नाना जी मैं जब से आई हूँ आपसे बात ही नहीं हुई। इसीलिए आज आपसे बात करने के लिए हम यहाँ आ गये" पिंकी ने अपने नाना की तरफ देखते हुए कहा ।
"ओहहह मेरी बच्ची तुमने बुहत अच्छा किया। मैं भी तुमसे बात करना चाहता था। इधर आओ तुम दोनों मेरे पास आकर बैठो" अनिल ने पिंकी की तरफ देखकर उन दोनों को प्यार से अपनी तरफ बुलाते हुए कहा ।अनिल की बात सुनकर पिंकी और कोमल दोनों अनिल के दोनों तरफ आकर बैठ गयी ।