hotaks444
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महेश के मन में आया की क्यों न वह एक बार अपनी बहु की चुचियों को अपने होंठो से चूम कर देखे । यह ख़याल आते ही महेश का पूरा शरीर अगले पल आने वाले मज़े के अहसास को महसूस करके सिहर उठा। महेअः ने अपनी बहु के हाथ को छोड दिया और खुद नीचे झुककर अपना मूह अपनी बहु की चुचियों की तरफ करने लगा ।
महेश के होंठ जैसे ही उसकी बहु की चुचियों के बिलकुल नज़दीक पुहंचे उसने अपने एक हाथ से अपनी बहु की एक चूचि को पकडा और अपना मुँह खोलते हुए उसकी चूचि के गुलाबी दाने को अपने मुँह में ले लिया । महेश अपनी बहु की चूचि के दाने को किसी बच्चे की तरह चूसने लगा, वह नीलम की चूचि को ऐसे चूस रहा था जैसे कोई बच्चा अपनी माँ का दूध पीता है और महेश अपनी बहु की चूचि को चूसते हुए ऐसे रियेक्ट कर रहा था जैसे वह सच में नीलम की चुचियों का दूध पी रहा हो ।
महेष ने बारी बारी अपनी बहु की दोनों चुचियों को अपने मूह लेकर चूसा और उसके बाद वह अपनी बहु के गोर चिकने पेट को चूमते हुए नीचे होता हुआ उसकी चूत की तरफ बढ़ने लगा । महेश ने अब अपने होठो को अपनी बहु की पेंटी के ऊपर रख दिया और उसकी चूत को पेंटी के ऊपर से चूमने लगा, नीलम के बेहोश होने के बावजूद उसकी चूत पानी छोड रही थी जिससे महेश ने उसकी पेंटी को चूमते हुए महसूस किया।
महेश ने अब अपने और अपनी बहु के बीच पड़ा हुआ आखरी पर्दा भी हटाने का फैसला किया और उसने अपनी बहु की पेंटी को अपने दोनों हाथों से पकडकर नीचे सरका दिया।
"ए भगवान् क्या चूत बनाई है" महेश अपनी बहु की गुलाबी चूत को देखकर अपने होंठो पर जीभ फेरते हुए बोला। महेश ने आज तक अपनी बहु की चूत से ज्यादा सूंदर चूत कभी नहीं देखी थी, अपनी बहु की चूत को देखकर महेश का पूरा जिस्म एक्साईटमेंट में काँपने लगा और वह अपने कापंते हुए हाथ को आगे बढाकर अपनी बहु की चूत की तरफ ले जाने लगा ।
नीलम की चूत पर हलके काले बाल थे । महेश ने अपने काँपते हुए हाथ को जैसे ही अपनी बहु की चूत पर रखा उसका पूरा जिस्म सिहर उठा । महेश अपने हाथों की उँगलियों से नीलम की चूत के बालों को सहलाकर उसकी चूत को अपने हाथों में महसूस करने लगा, महेश के लंड का तो उत्तेजना के मारे बुरा हाल था वह बुहत ज़ोर से उछलते हुए प्रिकम की बूँदे बहा रहा था ।
महेश के होंठ जैसे ही उसकी बहु की चुचियों के बिलकुल नज़दीक पुहंचे उसने अपने एक हाथ से अपनी बहु की एक चूचि को पकडा और अपना मुँह खोलते हुए उसकी चूचि के गुलाबी दाने को अपने मुँह में ले लिया । महेश अपनी बहु की चूचि के दाने को किसी बच्चे की तरह चूसने लगा, वह नीलम की चूचि को ऐसे चूस रहा था जैसे कोई बच्चा अपनी माँ का दूध पीता है और महेश अपनी बहु की चूचि को चूसते हुए ऐसे रियेक्ट कर रहा था जैसे वह सच में नीलम की चुचियों का दूध पी रहा हो ।
महेष ने बारी बारी अपनी बहु की दोनों चुचियों को अपने मूह लेकर चूसा और उसके बाद वह अपनी बहु के गोर चिकने पेट को चूमते हुए नीचे होता हुआ उसकी चूत की तरफ बढ़ने लगा । महेश ने अब अपने होठो को अपनी बहु की पेंटी के ऊपर रख दिया और उसकी चूत को पेंटी के ऊपर से चूमने लगा, नीलम के बेहोश होने के बावजूद उसकी चूत पानी छोड रही थी जिससे महेश ने उसकी पेंटी को चूमते हुए महसूस किया।
महेश ने अब अपने और अपनी बहु के बीच पड़ा हुआ आखरी पर्दा भी हटाने का फैसला किया और उसने अपनी बहु की पेंटी को अपने दोनों हाथों से पकडकर नीचे सरका दिया।
"ए भगवान् क्या चूत बनाई है" महेश अपनी बहु की गुलाबी चूत को देखकर अपने होंठो पर जीभ फेरते हुए बोला। महेश ने आज तक अपनी बहु की चूत से ज्यादा सूंदर चूत कभी नहीं देखी थी, अपनी बहु की चूत को देखकर महेश का पूरा जिस्म एक्साईटमेंट में काँपने लगा और वह अपने कापंते हुए हाथ को आगे बढाकर अपनी बहु की चूत की तरफ ले जाने लगा ।
नीलम की चूत पर हलके काले बाल थे । महेश ने अपने काँपते हुए हाथ को जैसे ही अपनी बहु की चूत पर रखा उसका पूरा जिस्म सिहर उठा । महेश अपने हाथों की उँगलियों से नीलम की चूत के बालों को सहलाकर उसकी चूत को अपने हाथों में महसूस करने लगा, महेश के लंड का तो उत्तेजना के मारे बुरा हाल था वह बुहत ज़ोर से उछलते हुए प्रिकम की बूँदे बहा रहा था ।