hotaks444
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मैं समझ गया ठीक है मैं ही तुम्हारे कपडे उतारता हूँ" महेश ने कहा और नीलम की साड़ी में हाथ डालकर उसे उसके जिस्म से अलग करने लगा, दो मिनट में ही नीलम की साड़ी उसके जिस्म से हट गयी और वह अपने ससुर के सामने आधी नंगी होकर सिर्फ ब्लाउज और पेटिकोट में ख़ड़ी थी ।
"ओहहह बेटी तुम कितनी सूंदर हो फिर भी वह नालायक" महेश अपनी बहु की साड़ी उतारने के बाद सिर्फ इतना कहा और अपनी बहु के ब्लाउज को खोलने लगा । ब्लाउज खोलने के बाद महेश ने अपनी बहु की ब्रा को भी उसके जिस्म से अलग कर दिया, ब्रा के हटते ही नीलम की 36 की चुचियाँ बिलकुल नंगी होकर उसके ससुर के सामने आ गयी ।
महेश का लंड अपनी बहु की नंगी चुचियों को देखकर ज़ोर से झटके खाने लगा । नीलम ने शर्म से अपना सर नीचे किये हुए थी। इसीलिए उसे अपनी आँखों के सामने सीधा अपने ससुर का झटके खाता हुआ मुसल लंड नज़र आ रहा था, अपने ससुर के लंड को घूरते हुए नीलम को अपने पूरे शरीर में अजीब सिहरन हो रही थी और उसकी चूत से उत्तेजना के मारे ज्यादा पानी निकल रहा था ।
महेश ने अब नीचे झुककर अपनी बहु के पेटिकोट को भी उसके जिस्म से अलग कर दिया और उसकी छोटी सी काली पेंटी को गौर से देखने लगा जो उसके चूत के पानी से भीगी हुइ थी । महेश ने कुछ देर तक अपनी बहु की पेंटी को गौर से देखने के बाद उसे अपने दोनों हाथों से पकडकर नीलम के चूतडों से नीचे सरका दिया।।
"ओहहहहह बेटी क्या गज़ब चूत है" पेंटी के हटते ही अपनी बहु की गुलाबी चूत को देखकर महेश के मुँह से निकल गया ।
"पिता जी" नीलम ने शर्म से सिर्फ इतना कहा।
"सॉरी बेटी तुम्हारा जिस्म का हर हिस्सा इतना सूंदर है की मेरा मुँह तुम्हारी तारीफ किये बगैर न रह सका" महेश ने पेंटी को अपनी बहु की टांगों से अलग करते हुए कहा । नीलम की हालत बुहत खराब हो चुकी थी। वह खुद हैंरान थी की आज वह इतना गरम कैसे हो गई है और उसकी चूत से इतना पानी कैसे निकल रहा है ।
"बेटी समीर आने वाला ही होगा हमें जल्दी से सोना होगा" महेश ने सीधा होते हुए कहा।
"जी पिता जी" नीलम ने सिर्फ इतना कहा और धीरे धीरे चलते हुए बेड पर जा लेटी । महेश भी बेड पर चढकर अपनी बहु के साथ जा लेटा। उसका लंड बुहत ज़ोर के झटके खा रहा था।
"ओहहह बेटी तुम कितनी सूंदर हो फिर भी वह नालायक" महेश अपनी बहु की साड़ी उतारने के बाद सिर्फ इतना कहा और अपनी बहु के ब्लाउज को खोलने लगा । ब्लाउज खोलने के बाद महेश ने अपनी बहु की ब्रा को भी उसके जिस्म से अलग कर दिया, ब्रा के हटते ही नीलम की 36 की चुचियाँ बिलकुल नंगी होकर उसके ससुर के सामने आ गयी ।
महेश का लंड अपनी बहु की नंगी चुचियों को देखकर ज़ोर से झटके खाने लगा । नीलम ने शर्म से अपना सर नीचे किये हुए थी। इसीलिए उसे अपनी आँखों के सामने सीधा अपने ससुर का झटके खाता हुआ मुसल लंड नज़र आ रहा था, अपने ससुर के लंड को घूरते हुए नीलम को अपने पूरे शरीर में अजीब सिहरन हो रही थी और उसकी चूत से उत्तेजना के मारे ज्यादा पानी निकल रहा था ।
महेश ने अब नीचे झुककर अपनी बहु के पेटिकोट को भी उसके जिस्म से अलग कर दिया और उसकी छोटी सी काली पेंटी को गौर से देखने लगा जो उसके चूत के पानी से भीगी हुइ थी । महेश ने कुछ देर तक अपनी बहु की पेंटी को गौर से देखने के बाद उसे अपने दोनों हाथों से पकडकर नीलम के चूतडों से नीचे सरका दिया।।
"ओहहहहह बेटी क्या गज़ब चूत है" पेंटी के हटते ही अपनी बहु की गुलाबी चूत को देखकर महेश के मुँह से निकल गया ।
"पिता जी" नीलम ने शर्म से सिर्फ इतना कहा।
"सॉरी बेटी तुम्हारा जिस्म का हर हिस्सा इतना सूंदर है की मेरा मुँह तुम्हारी तारीफ किये बगैर न रह सका" महेश ने पेंटी को अपनी बहु की टांगों से अलग करते हुए कहा । नीलम की हालत बुहत खराब हो चुकी थी। वह खुद हैंरान थी की आज वह इतना गरम कैसे हो गई है और उसकी चूत से इतना पानी कैसे निकल रहा है ।
"बेटी समीर आने वाला ही होगा हमें जल्दी से सोना होगा" महेश ने सीधा होते हुए कहा।
"जी पिता जी" नीलम ने सिर्फ इतना कहा और धीरे धीरे चलते हुए बेड पर जा लेटी । महेश भी बेड पर चढकर अपनी बहु के साथ जा लेटा। उसका लंड बुहत ज़ोर के झटके खा रहा था।