hotaks444
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बेटी अब मुझे चलना चाहिए बुहत देर हो गई है" महेश ने बेड से उठकर अपनी धोती को पहनते हुए कहा।
"ठीक है पिता जी" नीलम ने सिर्फ इतना कहा । महेश धोती पहनने के बाद वहां से चला गया, नीलम वैसे ही बिलकुल नंगी लेटी हुई कुछ सोच रही थी आज उसे जितना मजा आया था शायद वह उसे अपनी ज़िंदगी का सबसे हसीन सुख और यादगार दिन मान रही थी ।
नीलम को अपनी चूत में हल्का हल्का दर्द भी हो रहा था मगर जो मजा उसे अपने ससुर के साथ चुदाई में आया उसके सामने यह दर्द कुछ भी नहीं था । नीलम चुदाई से बुहत थक चुकी थी इसीलिए कुछ ही देर में उसे नींद ने अपनी आग़ोश में ले लिया। इधर समीर ने भी आज अपनी बहन ज्योति को 2 बार खुब जमकर चोदा था। वह भी बुहत थक चूका था इसीलिए वह भी उसके कमरे से निकल कर अपने कमरे में जाने लगा ।
समीर अपने कमरे में जाते हुए मन ही मन में दुआ कर रहा था की उसका सामने अपने पिता से नहीं हो क्योंकी उन्हें देखकर ना जाने क्यों समीर को उस पर गुस्सा आ जाता था क्योंकी वह उसके सामने ही उसकी बीवी के साथ सोया हुआ था । समीर ने दरवाज़े के पास पुहंचकर जैसे ही दरवाज़े को धक्का दिया वह अपने आप खुल गया, समीर जैसे ही अंदर दाखिल हुआ अपनी पत्नी को बिलकुल नंगा सोया हुआ देखकर वह समझ गया की आज भी उसकी पत्नी ने उसके पिता के साथ चुदाई की है ।
समीर ने दरवाज़ा बंद किया और बेड पर चढते हुए अपनी पत्नी के पास लेट गया । समीर ने ऊपर चढ़ते हुए जैसे ही अपनी पत्नी की चूत को देखा वह हैंरान रह गया और न चाहते हुए भी उसका लंड खड़ा होने लगा। नीलम की चूत का छेद अभी तक खुला हुआ था और महेश के मोटे लंड से चुदते हुए वह सूजकर लाल हो चुकी थी ।
समीर मन ही मन में सोच रहा था की क्या उसके पिता का लंड इतना बड़ा है की उसकी पत्नी की चूत उससे चुदवाते हुए ऐसे सूज गयी है और उसकी पत्नी जिसने आज तक समीर को सही तरीके से चुदाई का सुख नहीं दिया था वह इतनी जल्दी उसके पिता के इतने बड़े लंड से चुदने के लिए कैसे राज़ी हो गई । यही सब बाते सोचते हुए उसके सिकूड़े हुए लंड में जान आ रही थी मगर उसे पता था की उसकी पत्नी उसे कुछ भी करने नहीं देगी इसीलिए वह कुछ ही देर में सोचते सोचते नींद की आग़ोश में चला गया ।
"ठीक है पिता जी" नीलम ने सिर्फ इतना कहा । महेश धोती पहनने के बाद वहां से चला गया, नीलम वैसे ही बिलकुल नंगी लेटी हुई कुछ सोच रही थी आज उसे जितना मजा आया था शायद वह उसे अपनी ज़िंदगी का सबसे हसीन सुख और यादगार दिन मान रही थी ।
नीलम को अपनी चूत में हल्का हल्का दर्द भी हो रहा था मगर जो मजा उसे अपने ससुर के साथ चुदाई में आया उसके सामने यह दर्द कुछ भी नहीं था । नीलम चुदाई से बुहत थक चुकी थी इसीलिए कुछ ही देर में उसे नींद ने अपनी आग़ोश में ले लिया। इधर समीर ने भी आज अपनी बहन ज्योति को 2 बार खुब जमकर चोदा था। वह भी बुहत थक चूका था इसीलिए वह भी उसके कमरे से निकल कर अपने कमरे में जाने लगा ।
समीर अपने कमरे में जाते हुए मन ही मन में दुआ कर रहा था की उसका सामने अपने पिता से नहीं हो क्योंकी उन्हें देखकर ना जाने क्यों समीर को उस पर गुस्सा आ जाता था क्योंकी वह उसके सामने ही उसकी बीवी के साथ सोया हुआ था । समीर ने दरवाज़े के पास पुहंचकर जैसे ही दरवाज़े को धक्का दिया वह अपने आप खुल गया, समीर जैसे ही अंदर दाखिल हुआ अपनी पत्नी को बिलकुल नंगा सोया हुआ देखकर वह समझ गया की आज भी उसकी पत्नी ने उसके पिता के साथ चुदाई की है ।
समीर ने दरवाज़ा बंद किया और बेड पर चढते हुए अपनी पत्नी के पास लेट गया । समीर ने ऊपर चढ़ते हुए जैसे ही अपनी पत्नी की चूत को देखा वह हैंरान रह गया और न चाहते हुए भी उसका लंड खड़ा होने लगा। नीलम की चूत का छेद अभी तक खुला हुआ था और महेश के मोटे लंड से चुदते हुए वह सूजकर लाल हो चुकी थी ।
समीर मन ही मन में सोच रहा था की क्या उसके पिता का लंड इतना बड़ा है की उसकी पत्नी की चूत उससे चुदवाते हुए ऐसे सूज गयी है और उसकी पत्नी जिसने आज तक समीर को सही तरीके से चुदाई का सुख नहीं दिया था वह इतनी जल्दी उसके पिता के इतने बड़े लंड से चुदने के लिए कैसे राज़ी हो गई । यही सब बाते सोचते हुए उसके सिकूड़े हुए लंड में जान आ रही थी मगर उसे पता था की उसकी पत्नी उसे कुछ भी करने नहीं देगी इसीलिए वह कुछ ही देर में सोचते सोचते नींद की आग़ोश में चला गया ।