hotaks444
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अब चलते है रेखा के घर जहाँ डॉ रवि जब विजय की माँ रेखा को चोद रहा था तभी विजय घर लौट आया था और छिपकर अपनी माँ की चुदाई खिड़की से देख रहा था और गुस्से में अपना लंड सहला रहा था।जब डॉ रवि
ने उसकी माँ की गांड में ऊँगली डालके गांड मारने के लिए बोला और रेखा ने अगली बार गांड मराने का वादा किया तब विजय ने सोचा की आज ही अपनी माँ की गांड मार लेगा नहीं तो उसकी रण्डी माँ किसी और से अपनी गांड मरा लेगी।
जब डॉ रवि रेखा को चोदकर चला गया तो रेखा बाथरूम में फ्रेश होने चली गई जब वह फ्रेश होकर अपने रूम में आई तो वहाँ विजय गुस्से में बैठा हुआ था।
रेखा-क्या हुआ बेटे बड़ी जल्दी घर आ गया।क्या बात है।
विजय- अगर जल्दी घर नहीं आता तो कैसे पता चलता की मेरी माँ कितनी बड़ी रंडी है।
रेखा-हां मैं रंडी हूँ।तू भी तो दूध का धुला नहीं है पहले अपनी माँ को चोदा और अब अपनी बहनो को चोद रहा है।मैं अपनी प्यास कहाँ बुझाऊ। तेरे बाप से कुछ होता नहीं । तू अपनी बहनों में बिजी है मैं क्या करूँ अपनी चूत की आग कैसे शांत करूँ।
विजय-रुक जा साली रंडी आज तेरी वो चुदाई करूँगा की तेरी चूत और गांड और मुँह सब फट जायेगी।
रेखा-आ फाड़ दे मेरी चूत मै भी देखती हूँ कितना दम हैं तुझमे।
ये सुनकर विजय को बहुत गुस्सा आता है।
विजय ने जल्दी जल्दी अपने सारे कपडे उतार दिए और अपनी माँ को भी पूरा नंगा कर दिया।फिर विजय ने अपनी माँ को बेड पर धकेल दिया।
विजय अपनी माँ को बेड पर लेटा देता हैं और उसकी गर्देन को बिस्तर के नीचे झुका देता हैं. रेखा को जब समझ आता हैं तो उसके रोंगटे खड़े हो जाते हैं. वो तो सोच रही थी कि वो अपनी मर्ज़ी से पूरा लंड धीरे धीरे अपने मूह में ले लेगी मगर यहाँ तो उसकी मर्ज़ी नहीं बल्कि वो तो खुद अपने बेटे के रहमो करम पर थी. मगर वो अपने बेटे की ख़ुसी के लिए उसे सब मंजूर था।
ने उसकी माँ की गांड में ऊँगली डालके गांड मारने के लिए बोला और रेखा ने अगली बार गांड मराने का वादा किया तब विजय ने सोचा की आज ही अपनी माँ की गांड मार लेगा नहीं तो उसकी रण्डी माँ किसी और से अपनी गांड मरा लेगी।
जब डॉ रवि रेखा को चोदकर चला गया तो रेखा बाथरूम में फ्रेश होने चली गई जब वह फ्रेश होकर अपने रूम में आई तो वहाँ विजय गुस्से में बैठा हुआ था।
रेखा-क्या हुआ बेटे बड़ी जल्दी घर आ गया।क्या बात है।
विजय- अगर जल्दी घर नहीं आता तो कैसे पता चलता की मेरी माँ कितनी बड़ी रंडी है।
रेखा-हां मैं रंडी हूँ।तू भी तो दूध का धुला नहीं है पहले अपनी माँ को चोदा और अब अपनी बहनो को चोद रहा है।मैं अपनी प्यास कहाँ बुझाऊ। तेरे बाप से कुछ होता नहीं । तू अपनी बहनों में बिजी है मैं क्या करूँ अपनी चूत की आग कैसे शांत करूँ।
विजय-रुक जा साली रंडी आज तेरी वो चुदाई करूँगा की तेरी चूत और गांड और मुँह सब फट जायेगी।
रेखा-आ फाड़ दे मेरी चूत मै भी देखती हूँ कितना दम हैं तुझमे।
ये सुनकर विजय को बहुत गुस्सा आता है।
विजय ने जल्दी जल्दी अपने सारे कपडे उतार दिए और अपनी माँ को भी पूरा नंगा कर दिया।फिर विजय ने अपनी माँ को बेड पर धकेल दिया।
विजय अपनी माँ को बेड पर लेटा देता हैं और उसकी गर्देन को बिस्तर के नीचे झुका देता हैं. रेखा को जब समझ आता हैं तो उसके रोंगटे खड़े हो जाते हैं. वो तो सोच रही थी कि वो अपनी मर्ज़ी से पूरा लंड धीरे धीरे अपने मूह में ले लेगी मगर यहाँ तो उसकी मर्ज़ी नहीं बल्कि वो तो खुद अपने बेटे के रहमो करम पर थी. मगर वो अपने बेटे की ख़ुसी के लिए उसे सब मंजूर था।