hotaks444
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प्यास बुझती ही नही-16
आज पूरे 4 दिन बाद राज अपनी शॉप पे आया था…उसकी शॉप काफ़ी अच्छी चल रही थी…..छ्होटू ही अकेला हॅंडल कर रहा था…इन 4 डेज़ से अनिता भी नही आ रही थी…और ना ही राज ने उसे पूछा………जब वो ऑफीस आया तो सबसे पहले छ्होटू से पूछा
राज : अरे छ्होटू….अनिता का क्या हाल है…..क्या हो गया? क्यो नही आ रही?
छ्होटू: जी उसने रिज़ाइन कर दिया है…मेने आपको बताया तो था
राज: पर क्यो?
छ्होटू: बोल रही थी कि मेरी शादी होने वाली है…और पेपर भी होने है.
राज:क्या तुम जानते हो उसके घर का पता…
छ्होटू: जी…वो हमारे घर के पास ही रहती है…
राज: तुम अड्रेस्स देदो…मे उन्हे..मिल लूँगा…..
छ्होटू ने उसे अनिता का पता दे दिया….राज ने घड़ी देखी और फिर बिना कुच्छ बताए अनिता के घर की तरफ निकल गया…….करीब 20 मीं मे ही उसके घर के बाहर अपनी बाइक खड़ा की और फिर कॉल बेल बजा दी…….दरवाजा खुला उसमे से अनिता की मा बाहर आई…..आते ही चहकते हुए कहा
अनिता की मा: अरे बेटे अंदर आ जाओ….तुम राज हो ना…..अनिता तुम्हारी बहुत तारीफ़ करती है……
राज: आपको कैसे पता कि मे राज हू……मे तो कभी आपसे मिला ही नही.
अनिता की मा: अनिता तुम्हारी बहुत तारीफ्फ करती है बेटे…..अक्सर तुम्हारे बारे मे…कि सर बहुत अच्छे है…सर बहुत स्मार्ट है…, वग़ैरह वग़ैरह…..
राज: पर अनिता है कहाँ….कई दिन से शॉप नही आ रही है….मे उसका कुशल जानने के लिए आया हू.
अनिता की मा: बेटे वो एक सहेली के पास गयी है….आ जाएगी थोड़ी देर मे….वो तो जाना चाहती थी..पर मेने ही मना कर दिया…उसकी शादी फ़िक्स कर दी है….
राज: ना चाहते हुए भी…..कहाँ फ़िक्स की है उसकी शादी.?
अनिता की मा: मेरी बहन की रिस्तेदारि मे है….अजय है….एमआर का काम करता है
राज: किस कंपनी का एमआर है…मे इस शहर के करीब-करीब सभी एमआर को जानता हू.
अनिता की मा: अरे नही बेटे वो तो नैनीताल मे काम करता है..और घर भी वही है.
राज: ह्म्म्म ये तो बहुत अच्छी बात है….अनिता के तो भाग खुल गये….कनग्रॅट्स..
अनिता की मा: सब भगवान की मेहरबानी है……
राज : पर अभी शादी मे काफ़ी समय है//// अगर काम करती तो कुच्छ पैसे जमा होते और वो पैसे शादी मे लगाए जा सकते थे…….बाकी की आपकी मर्ज़ी..और वो चलने लगा.
अनिता की मा: बेटे रूको…चाय पी कर जाना…….मे चाय बना कर आती हू
राज: नही मा जी मे निकलूंगा…वैसे भी शॉप मे कोई नही है………
अनिता की मा:ठीक है बेटे……
राज: नमस्कार कर जाने लगा……तभी अनिता दरवाजा खोल कर आ गयी…..
अनिता: सर आप???? व्हाट्स आ प्लेज़ेंट सर्प्राइज़??? मे तो आने वाली थी आज….अभी नहा धोकर आने वाली थी…..शादी के लिए इन्विटेशन देनी थी….
राज: हां….आंटी ने बताया…अब तो तुम नैनीताल मे घुमोगी….भाई देल्ही वालो को कौन पुछ्ता है………………..
अनिता; ऐसा नही है सर…मेने आपसे बहुत कुच्छ सीखा है…………………………..
अनिता की मा वन्हा से किचन मे चली गयी…अनिता ने कहा…सर बैठिए…मे अभी आई…..फिर चले जाइएगा….
राज वही पर बैठ गया…..अनिता की मा ने चाय और कुच्छ नमकीन रखा और वो भी टीवी ऑन करके चली गयी………राज टीवी देखते हुए चाय का आनंद ले रहा था….करीब 15 मीं तब वेट करने के बाद अनिता आई….ऐसा लग रहा था कि पहले वो नहाई थी उसके बाद ड्रेस चेंज की थी….आते ही चहकते हुए कहा…हां सर अब बताओ…………………….क्या चल रहा है?
राज: पहले तो ये सर कहना छोड़ो?
अनिता; क्यो सर…आप तो सर है मेरे….
राज: जी नही…सर था…अब मे तुम्हारा बॉय फ्रेंड?
अनिता: शर्मा गयी…..पर बोली कुच्छ नही
राज: अरे भाई अब तो तुम शादी करने जा रही हो अब काहे को शरमाती हो…..
अनिता: मे शर्मा नही रही…..आप जैसा बॉय फ्रेंड पाना खुस-किस्मेत का काम है.
राज: वो कैसे…? और हां मे तुमसे उस दिन के लिए माफी माँगना चाहता था….और राज ने अनिता का एक हाथ पकड़ कर वही पर अपने बगल मे बिठा लिया………
अनिता: बैठते हुए….माफी किस बात की माफी…
राज: वो भी मुझे बताना होगा..? मेने तुम्हारे वो (चुचिया) पकड़ जो लिया था….
अनिता ने अपना सिर नीचे कर लिया…..मेने तो आपको कब का माफ़ कर दिया था….मे आपसे नाराज़ भी नही हू…उस दिन में इसलिए आ गयी कि आपके यान्हा पकड़ने से मेरे नीचे कुच्छ होने लगा….था मुझे डर था कि कही……………………………………………………..
राज: अरे नही….ये सब इतना जल्दी नही होता…..टाइम लगता है …और फिर बिना तुम्हारी रज़ामंदी के संभव नही है.
अनिता: वही तो डर था….क्योकि मे अपने आप पर कंट्रोल नही कर पा रही थी…और फिर मेरे प्रण था कि जो मेरे साथ शादी करेगा…अपना शरीर उसी को दूँगी…सॉरी सर….जो उस दिन मेने आपके साथ हार्ट किया………………
राज: अरे ये क्या? सॉरी मे माँग रहा था …अब तुम सुरू हो गयी….अच्छा छोड़ो…तुम शॉप मे कब अयोगी…मेरा रिक्वेस्ट है कि जब तक मे कोई दूसरा ना रखू तब तक तुम शॉप मे आयो…और हां मे वादा करता हू कि बिना तुम्हारी इज़ाज़त के मे तुम्हे हाथ नही लगाऊँगा…….और वो उठ कर चला गया….उसेजाते देख कर अनिता ना जाने क्या सोचने लगी……………..कैसा व्यक्ति है….? माफी माँगने आया था या….और कुच्छ……………..उसके मन को वो नही पढ़ सका…..तभी उसकी मा आ गयी…..
क्या कह रहे थे….बड़ी बाते हो रही थी तुम दोनो मे.
अनिता: अरे मा वो बोल रहे थी कि जब तक मे कोई दूसरा स्टाफ नही रख लेता तुम जॉब कंटिन्यू रखो...
अनिता की मा: ठीक ही तो कह रहे है....तुम 15 डेज़ और चले जाओ....सॅलरी ले कर मत जाना और वैसे भी शादी तुम्हारी 30 तारीख को है...तब तक तुम घर पर क्या करोगी......
अनिता मुस्कुरई पर बोली कुच्छ नही
आज पूरे 4 दिन बाद राज अपनी शॉप पे आया था…उसकी शॉप काफ़ी अच्छी चल रही थी…..छ्होटू ही अकेला हॅंडल कर रहा था…इन 4 डेज़ से अनिता भी नही आ रही थी…और ना ही राज ने उसे पूछा………जब वो ऑफीस आया तो सबसे पहले छ्होटू से पूछा
राज : अरे छ्होटू….अनिता का क्या हाल है…..क्या हो गया? क्यो नही आ रही?
छ्होटू: जी उसने रिज़ाइन कर दिया है…मेने आपको बताया तो था
राज: पर क्यो?
छ्होटू: बोल रही थी कि मेरी शादी होने वाली है…और पेपर भी होने है.
राज:क्या तुम जानते हो उसके घर का पता…
छ्होटू: जी…वो हमारे घर के पास ही रहती है…
राज: तुम अड्रेस्स देदो…मे उन्हे..मिल लूँगा…..
छ्होटू ने उसे अनिता का पता दे दिया….राज ने घड़ी देखी और फिर बिना कुच्छ बताए अनिता के घर की तरफ निकल गया…….करीब 20 मीं मे ही उसके घर के बाहर अपनी बाइक खड़ा की और फिर कॉल बेल बजा दी…….दरवाजा खुला उसमे से अनिता की मा बाहर आई…..आते ही चहकते हुए कहा
अनिता की मा: अरे बेटे अंदर आ जाओ….तुम राज हो ना…..अनिता तुम्हारी बहुत तारीफ़ करती है……
राज: आपको कैसे पता कि मे राज हू……मे तो कभी आपसे मिला ही नही.
अनिता की मा: अनिता तुम्हारी बहुत तारीफ्फ करती है बेटे…..अक्सर तुम्हारे बारे मे…कि सर बहुत अच्छे है…सर बहुत स्मार्ट है…, वग़ैरह वग़ैरह…..
राज: पर अनिता है कहाँ….कई दिन से शॉप नही आ रही है….मे उसका कुशल जानने के लिए आया हू.
अनिता की मा: बेटे वो एक सहेली के पास गयी है….आ जाएगी थोड़ी देर मे….वो तो जाना चाहती थी..पर मेने ही मना कर दिया…उसकी शादी फ़िक्स कर दी है….
राज: ना चाहते हुए भी…..कहाँ फ़िक्स की है उसकी शादी.?
अनिता की मा: मेरी बहन की रिस्तेदारि मे है….अजय है….एमआर का काम करता है
राज: किस कंपनी का एमआर है…मे इस शहर के करीब-करीब सभी एमआर को जानता हू.
अनिता की मा: अरे नही बेटे वो तो नैनीताल मे काम करता है..और घर भी वही है.
राज: ह्म्म्म ये तो बहुत अच्छी बात है….अनिता के तो भाग खुल गये….कनग्रॅट्स..
अनिता की मा: सब भगवान की मेहरबानी है……
राज : पर अभी शादी मे काफ़ी समय है//// अगर काम करती तो कुच्छ पैसे जमा होते और वो पैसे शादी मे लगाए जा सकते थे…….बाकी की आपकी मर्ज़ी..और वो चलने लगा.
अनिता की मा: बेटे रूको…चाय पी कर जाना…….मे चाय बना कर आती हू
राज: नही मा जी मे निकलूंगा…वैसे भी शॉप मे कोई नही है………
अनिता की मा:ठीक है बेटे……
राज: नमस्कार कर जाने लगा……तभी अनिता दरवाजा खोल कर आ गयी…..
अनिता: सर आप???? व्हाट्स आ प्लेज़ेंट सर्प्राइज़??? मे तो आने वाली थी आज….अभी नहा धोकर आने वाली थी…..शादी के लिए इन्विटेशन देनी थी….
राज: हां….आंटी ने बताया…अब तो तुम नैनीताल मे घुमोगी….भाई देल्ही वालो को कौन पुछ्ता है………………..
अनिता; ऐसा नही है सर…मेने आपसे बहुत कुच्छ सीखा है…………………………..
अनिता की मा वन्हा से किचन मे चली गयी…अनिता ने कहा…सर बैठिए…मे अभी आई…..फिर चले जाइएगा….
राज वही पर बैठ गया…..अनिता की मा ने चाय और कुच्छ नमकीन रखा और वो भी टीवी ऑन करके चली गयी………राज टीवी देखते हुए चाय का आनंद ले रहा था….करीब 15 मीं तब वेट करने के बाद अनिता आई….ऐसा लग रहा था कि पहले वो नहाई थी उसके बाद ड्रेस चेंज की थी….आते ही चहकते हुए कहा…हां सर अब बताओ…………………….क्या चल रहा है?
राज: पहले तो ये सर कहना छोड़ो?
अनिता; क्यो सर…आप तो सर है मेरे….
राज: जी नही…सर था…अब मे तुम्हारा बॉय फ्रेंड?
अनिता: शर्मा गयी…..पर बोली कुच्छ नही
राज: अरे भाई अब तो तुम शादी करने जा रही हो अब काहे को शरमाती हो…..
अनिता: मे शर्मा नही रही…..आप जैसा बॉय फ्रेंड पाना खुस-किस्मेत का काम है.
राज: वो कैसे…? और हां मे तुमसे उस दिन के लिए माफी माँगना चाहता था….और राज ने अनिता का एक हाथ पकड़ कर वही पर अपने बगल मे बिठा लिया………
अनिता: बैठते हुए….माफी किस बात की माफी…
राज: वो भी मुझे बताना होगा..? मेने तुम्हारे वो (चुचिया) पकड़ जो लिया था….
अनिता ने अपना सिर नीचे कर लिया…..मेने तो आपको कब का माफ़ कर दिया था….मे आपसे नाराज़ भी नही हू…उस दिन में इसलिए आ गयी कि आपके यान्हा पकड़ने से मेरे नीचे कुच्छ होने लगा….था मुझे डर था कि कही……………………………………………………..
राज: अरे नही….ये सब इतना जल्दी नही होता…..टाइम लगता है …और फिर बिना तुम्हारी रज़ामंदी के संभव नही है.
अनिता: वही तो डर था….क्योकि मे अपने आप पर कंट्रोल नही कर पा रही थी…और फिर मेरे प्रण था कि जो मेरे साथ शादी करेगा…अपना शरीर उसी को दूँगी…सॉरी सर….जो उस दिन मेने आपके साथ हार्ट किया………………
राज: अरे ये क्या? सॉरी मे माँग रहा था …अब तुम सुरू हो गयी….अच्छा छोड़ो…तुम शॉप मे कब अयोगी…मेरा रिक्वेस्ट है कि जब तक मे कोई दूसरा ना रखू तब तक तुम शॉप मे आयो…और हां मे वादा करता हू कि बिना तुम्हारी इज़ाज़त के मे तुम्हे हाथ नही लगाऊँगा…….और वो उठ कर चला गया….उसेजाते देख कर अनिता ना जाने क्या सोचने लगी……………..कैसा व्यक्ति है….? माफी माँगने आया था या….और कुच्छ……………..उसके मन को वो नही पढ़ सका…..तभी उसकी मा आ गयी…..
क्या कह रहे थे….बड़ी बाते हो रही थी तुम दोनो मे.
अनिता: अरे मा वो बोल रहे थी कि जब तक मे कोई दूसरा स्टाफ नही रख लेता तुम जॉब कंटिन्यू रखो...
अनिता की मा: ठीक ही तो कह रहे है....तुम 15 डेज़ और चले जाओ....सॅलरी ले कर मत जाना और वैसे भी शादी तुम्हारी 30 तारीख को है...तब तक तुम घर पर क्या करोगी......
अनिता मुस्कुरई पर बोली कुच्छ नही