desiaks
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प्रिया की फ्लाइट शाम की थी। कबीर, प्रिया को लेने हीथ्रो एअरपोर्ट पहुँचा। माया, बाकी के इंत़जाम करने के लिए घर पर ही रुकी। बोझ उसके मन पर भी था, मगर कबीर के मन के बोझ सा नहीं था। उसे समझ आ रहा था, कि यदि कबीर उससे प्रेम करता था, तो प्रिया उसके साथ खुश कैसे रह सकती थी। प्रिया से एक बार धोखा करना, उसे जीवन भर धोखे में रखने से बेहतर था।
प्रिया, कबीर से मिलते ही उससे लिपट गई। पब्लिक में किस करना ब्रिटेन की परंपरा है। भारत में चार हफ्ते गु़जारने के बाद भी प्रिया इस परंपरा को नहीं भूली। उसने कबीर के होठों पर अपने होंठ रखकर उसे तब तक चूमा, जब तक कि उसके बेली बटन के पीछे थिरक उठी तितली का नृत्य थम नहीं गया। उत्तेजना कबीर को भी हुई, मगर कहीं थोड़ा फर्क आ गया था; लेकिन अपनी स्वयं की उत्तेजना को शांत करने की लगन में शायद प्रिया ने उसे महसूस नहीं किया।
‘‘हे कबीर, आई मिस्ड यू सो बैड।’’
‘‘आई मिस्ड यू टू प्रिया... कैसी हो?’’
‘‘अच्छी हूँ; तुम?’’
‘‘अच्छा हूँ।’’
कबीर ने प्रिया से अधिक बातें नहीं कीं। प्रिया ने भी महसूस किया कि हँसमुख और नटखट कबीर कहीं गुम था।
घर पहुँचकर प्रिया, माया से भी उसी गर्मजोशी से मिली...चहकते हुए।
‘‘हाय माया! कैसी हो? कबीर ने तुम्हें तंग तो नहीं किया न?’’
माया सि़र्फ मुस्कुराकर रह गई।
प्रिया ने अपने अपार्टमेंट का मुआयना किया। अपार्टमेंट की सजावट और रंगत बदली हुई थी। प्रिया को अच्छा लगा। माया, उसके अपार्टमेंट को अपना घर समझकर रह रही थी, उसकी देख-रेख कर रही थी।
‘‘माया, तुमने मेरे घर को तो अपना घर बना लिया है, कहीं मेरे बॉयफ्रेंड को भी...।’’ प्रिया ने शरारत से मुस्कुराकर कहा।
कबीर को घबराहट सी हुई। कहीं प्रिया को अभी से उन पर शक तो नहीं हो गया। उसने अपनी ऩजरें झुका लीं। माया ने भी बस एक बेबस सी मुस्कान बिखेरी।
‘‘क्या बात है, तुम दोनों बहुत चुप चुप से हो; झगड़ा हुआ है क्या?’’ प्रिया ने कबीर और माया की चुप्पी को तोड़ना चाहा।
‘‘नहीं प्रिया; काम से लौटे हैं न, इसलिए थके हुए हैं।’’ माया ने सफाई दी।
‘‘कबीर कब से काम करने लगा?’’ प्रिया ने आश्चर्य में डूबी हँसी से कहा, ‘‘हेलो कबीर, तुम ठीक तो हो न?’’
‘‘प्रिया, देर सबेर जॉब तो करनी ही थी; अच्छा ऑ़फर मिला तो ज्वाइन कर लिया।’’ कबीर ने माया की ओर देखते हुए प्रिया को जवाब दिया।
‘‘हूँ, कन्ग्रैचलेशऩ्ज कबीर; कहाँ ज्वाइन किया है?’’
कबीर ने एक बार फिर माया की ओर देखा।
‘‘हमारी फ़र्म में कबीर के लिए एक सूटेबल रोल था, तो मैंने रिकमेंड कर दिया।’’ माया ने जवाब दिया।
‘‘वाओ! लेट्स सेलिब्रेट इट देन... कबीर की पहली जॉब।’’ प्रिया ने चहकते हुए कहा।
प्रिया, वाइन रैक से रेड वाइन की बोतल निकालकर वाइन के गिलास भरने लगी। माया ने खाना लगाना शुरू किया।
‘‘सो कबीर, इ़ज माया योर बॉस एट वर्क?’’ प्रिया ने वाइन का घूँट भरते हुए शरारत से पूछा।
‘‘बॉस तो नहीं, मगर तुम्हारी फ्रेंड बॉसी बहुत है।’’ कबीर, माया की ओर देखकर मुस्कुराया।
प्रिया, कबीर से मिलते ही उससे लिपट गई। पब्लिक में किस करना ब्रिटेन की परंपरा है। भारत में चार हफ्ते गु़जारने के बाद भी प्रिया इस परंपरा को नहीं भूली। उसने कबीर के होठों पर अपने होंठ रखकर उसे तब तक चूमा, जब तक कि उसके बेली बटन के पीछे थिरक उठी तितली का नृत्य थम नहीं गया। उत्तेजना कबीर को भी हुई, मगर कहीं थोड़ा फर्क आ गया था; लेकिन अपनी स्वयं की उत्तेजना को शांत करने की लगन में शायद प्रिया ने उसे महसूस नहीं किया।
‘‘हे कबीर, आई मिस्ड यू सो बैड।’’
‘‘आई मिस्ड यू टू प्रिया... कैसी हो?’’
‘‘अच्छी हूँ; तुम?’’
‘‘अच्छा हूँ।’’
कबीर ने प्रिया से अधिक बातें नहीं कीं। प्रिया ने भी महसूस किया कि हँसमुख और नटखट कबीर कहीं गुम था।
घर पहुँचकर प्रिया, माया से भी उसी गर्मजोशी से मिली...चहकते हुए।
‘‘हाय माया! कैसी हो? कबीर ने तुम्हें तंग तो नहीं किया न?’’
माया सि़र्फ मुस्कुराकर रह गई।
प्रिया ने अपने अपार्टमेंट का मुआयना किया। अपार्टमेंट की सजावट और रंगत बदली हुई थी। प्रिया को अच्छा लगा। माया, उसके अपार्टमेंट को अपना घर समझकर रह रही थी, उसकी देख-रेख कर रही थी।
‘‘माया, तुमने मेरे घर को तो अपना घर बना लिया है, कहीं मेरे बॉयफ्रेंड को भी...।’’ प्रिया ने शरारत से मुस्कुराकर कहा।
कबीर को घबराहट सी हुई। कहीं प्रिया को अभी से उन पर शक तो नहीं हो गया। उसने अपनी ऩजरें झुका लीं। माया ने भी बस एक बेबस सी मुस्कान बिखेरी।
‘‘क्या बात है, तुम दोनों बहुत चुप चुप से हो; झगड़ा हुआ है क्या?’’ प्रिया ने कबीर और माया की चुप्पी को तोड़ना चाहा।
‘‘नहीं प्रिया; काम से लौटे हैं न, इसलिए थके हुए हैं।’’ माया ने सफाई दी।
‘‘कबीर कब से काम करने लगा?’’ प्रिया ने आश्चर्य में डूबी हँसी से कहा, ‘‘हेलो कबीर, तुम ठीक तो हो न?’’
‘‘प्रिया, देर सबेर जॉब तो करनी ही थी; अच्छा ऑ़फर मिला तो ज्वाइन कर लिया।’’ कबीर ने माया की ओर देखते हुए प्रिया को जवाब दिया।
‘‘हूँ, कन्ग्रैचलेशऩ्ज कबीर; कहाँ ज्वाइन किया है?’’
कबीर ने एक बार फिर माया की ओर देखा।
‘‘हमारी फ़र्म में कबीर के लिए एक सूटेबल रोल था, तो मैंने रिकमेंड कर दिया।’’ माया ने जवाब दिया।
‘‘वाओ! लेट्स सेलिब्रेट इट देन... कबीर की पहली जॉब।’’ प्रिया ने चहकते हुए कहा।
प्रिया, वाइन रैक से रेड वाइन की बोतल निकालकर वाइन के गिलास भरने लगी। माया ने खाना लगाना शुरू किया।
‘‘सो कबीर, इ़ज माया योर बॉस एट वर्क?’’ प्रिया ने वाइन का घूँट भरते हुए शरारत से पूछा।
‘‘बॉस तो नहीं, मगर तुम्हारी फ्रेंड बॉसी बहुत है।’’ कबीर, माया की ओर देखकर मुस्कुराया।