hotaks444
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प्रिया अब बुरी तरह डर गई थी ... वो अपने ही जाल में फँस गई थी, उसको कुछ समझ नहीं आ रहा था कि क्या करे और क्या ना करे। विकास ने उसके मम्मों को दबाना शुरू कर दिया और लंड का उसके होंठों से स्पर्श करवा दिया।
विकास- अरे क्या हुआ.. कुछ तो बोल.. आज मौनव्रत रख कर आई है क्या? और तेरे मम्मे इतने कड़क क्यों लग रहे हैं.. कुछ अलग ही लग रहे हैं ... ले, अब तो लौड़ा मुंह के पास आ गया ... चूस ना यार…
विकास के चूचे दबाने से प्रिया का मन मचल गया और उसने धीरे से लौड़े का सुपाड़ा मुँह में ले लिया और उसे चूसने लगी।
विकास- आह्ह.. मज़ा आ गया.. अरे मुँह में पूरा ले ना आह्ह..
विकास का लौड़ा झटके से अपने असली रूप में आ गया था। प्रिया ने डरते-डरते पूरा लौड़ा मुँह में ले लिया और मज़े से चूसने लगी।
विकास- आह मेरी जान! ओफ्फ, मज़ा आ गया आह्ह.. आज तो तू कुछ अलग ही अंदाज में चूस रही है आह्ह.. उफ़फ्फ़…
प्रिया अब वासना की आग में जलने लगी थी. उसकी चूत रिसने लगी थी। वो और जोश में लौड़ा चूसने लगी। जब विकास की आँख ठीक हुई, उसने आँखें खोल ली थीं पर वो प्रिया को दीपाली समझ कर उसकी चून्चियां दबा रहा था। दरअसल प्रिया की पीठ उसकी तरफ थी और वो लौड़ा चूस रही थी। उसका जिस्म भी दीपाली जैसा ही था.. बस त्वचा की रंगत का फ़र्क था जिसके कारण विकास को अब तक कुछ पता नहीं लगा। वो बस लौड़े की चुसाई का आनन्द ले रहा था और प्रिया भी मज़े ले रही थी।
विकास- ओफ्फ आह्ह.. चूस.. मेरी जान आह्ह.. आज तेरी चूत और गाण्ड का भुर्ता बना दूँगा आह्ह.. अब बस भी कर.. लौड़ा चूस कर ही ठंडा करेगी क्या आह्ह..? चल अब चूत का मज़ा लेने दे आ जा मेरी जान…
विकास ने प्रिया के सर को पकड़ कर लौड़े से हटाया और उसके चेहरे पर नज़र पड़ते ही उसके होश उड़ गए। प्रिया भी एकदम से घबरा गई.. जैसे लंबी बेहोशी के बाद होश में आई हो। अब विकास से नज़रें मिला पाना उसके लिए मुश्किल हो रहा था, उसने नजरें झुका लीं।
(ओह.. सॉरी मित्रों.. आपको थोड़ा रुकना होगा, कुछ जरूरी बात बतानी है.. आपको बता दूँ.. दीपाली जब अनुजा के पीछे गई थी। तभी प्रिया यहाँ आई थी। सारी घटनाएं एक साथ हो रही हैं तो आपको बता दूँ कि दीपाली वहाँ बिज़ी थी। देखें कि प्रिया, जो यहाँ अपनी हीरोइन है, कहाँ तक पहुँची है. कहीं ऐसा ना हो दीपाली आ जाए और दोनों को इस हाल में देख ले।)
विकास- अरे क्या हुआ.. कुछ तो बोल.. आज मौनव्रत रख कर आई है क्या? और तेरे मम्मे इतने कड़क क्यों लग रहे हैं.. कुछ अलग ही लग रहे हैं ... ले, अब तो लौड़ा मुंह के पास आ गया ... चूस ना यार…
विकास के चूचे दबाने से प्रिया का मन मचल गया और उसने धीरे से लौड़े का सुपाड़ा मुँह में ले लिया और उसे चूसने लगी।
विकास- आह्ह.. मज़ा आ गया.. अरे मुँह में पूरा ले ना आह्ह..
विकास का लौड़ा झटके से अपने असली रूप में आ गया था। प्रिया ने डरते-डरते पूरा लौड़ा मुँह में ले लिया और मज़े से चूसने लगी।
विकास- आह मेरी जान! ओफ्फ, मज़ा आ गया आह्ह.. आज तो तू कुछ अलग ही अंदाज में चूस रही है आह्ह.. उफ़फ्फ़…
प्रिया अब वासना की आग में जलने लगी थी. उसकी चूत रिसने लगी थी। वो और जोश में लौड़ा चूसने लगी। जब विकास की आँख ठीक हुई, उसने आँखें खोल ली थीं पर वो प्रिया को दीपाली समझ कर उसकी चून्चियां दबा रहा था। दरअसल प्रिया की पीठ उसकी तरफ थी और वो लौड़ा चूस रही थी। उसका जिस्म भी दीपाली जैसा ही था.. बस त्वचा की रंगत का फ़र्क था जिसके कारण विकास को अब तक कुछ पता नहीं लगा। वो बस लौड़े की चुसाई का आनन्द ले रहा था और प्रिया भी मज़े ले रही थी।
विकास- ओफ्फ आह्ह.. चूस.. मेरी जान आह्ह.. आज तेरी चूत और गाण्ड का भुर्ता बना दूँगा आह्ह.. अब बस भी कर.. लौड़ा चूस कर ही ठंडा करेगी क्या आह्ह..? चल अब चूत का मज़ा लेने दे आ जा मेरी जान…
विकास ने प्रिया के सर को पकड़ कर लौड़े से हटाया और उसके चेहरे पर नज़र पड़ते ही उसके होश उड़ गए। प्रिया भी एकदम से घबरा गई.. जैसे लंबी बेहोशी के बाद होश में आई हो। अब विकास से नज़रें मिला पाना उसके लिए मुश्किल हो रहा था, उसने नजरें झुका लीं।
(ओह.. सॉरी मित्रों.. आपको थोड़ा रुकना होगा, कुछ जरूरी बात बतानी है.. आपको बता दूँ.. दीपाली जब अनुजा के पीछे गई थी। तभी प्रिया यहाँ आई थी। सारी घटनाएं एक साथ हो रही हैं तो आपको बता दूँ कि दीपाली वहाँ बिज़ी थी। देखें कि प्रिया, जो यहाँ अपनी हीरोइन है, कहाँ तक पहुँची है. कहीं ऐसा ना हो दीपाली आ जाए और दोनों को इस हाल में देख ले।)