hotaks444
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"हां नेहा मैं सच कह रही हूँ... तुम नही जानती ये सोच कर ही की मेरी अपनी सहेली मेरी देवरानी अपने ही भतीजे से चुडवाएगी मुझे कुछ होने लगता है... और अगर मौका लगा तो साथ मे चुदवा कर कितना मज़ा आएगा.. है ना?" वासू ने जवाब दिया..
"एक बात कहूँ अगर तुम्हे बुरा ना लगे तो.. अगर तुम इतनी बड़ी छिनाल हो सकती हो कि अपने ही बेटे से चुदवा लो तो में भी कम छीनाल नही हू.... अपने ही भतीजे का लंड अपनी चूत मे लेने के
ख़याल से ही कुछ होता है.. और अगर उसका लंड मेरी चूत मे और तुम्हारी बिना बालों की चूत मेरे मुँह पर तो मज़ा और बढ़ जाएगा है ना?" नेहा ने कहा. "पर तुम ये सब करोगी कैसे?" "वो क्या है ना नेहा.. राज ये नही जानता कि गीली चूत कौन है.. इसलिए में उससे पूछूंगी कि क्या वो दो औरतों की चूत एक साथ मे मारना चाहेगा... और में जहाँ समझती हूँ वो मना नही करेगा...
क्यों कि वो यही समझेगा कि वो दूसरी औरत मेरी सहेली है जिससने उसे मूठ मारते देखा था" वासू ने जवाब दिया..
"मुझे तो विश्वास नही हो रहा कि तुम ये सब कर पावगी?" नेहा ने खुश होते हुए कहा.
"वो तो मैं सब कुछ संभाल लूँगी लेकिन एक ही अड़चन है....." वासू ने अपनी बात बीच मे ही छोड़ दी.. "और वो अड़चन क्या है?" नेहा ने अपनी जेठानी से पूछा. "वो क्या है ना चुदाई के मामले मे राज थोड़ा अलग है...जैसे उसे बिना बालों की चूत बहोत अछी लगती है.. और उसे गंद मारने मे बहोत मज़ा आता है... इसलिए मेने उसे पहले ही बता दिया था कि तुम्हारी चूत पर बाल का नामो निशान नही है और तुम्हे भी अपनी गंद मे लंड लेने मे बहोत मज़ा आता है... वैसे तो उसने आज तक
सिर्फ़ मेरी ही गंद मे अपना लंड घुसाया है लेकिन वो एक नई गंद मे अपना लंड घुसाने के लिए बेकरार है" वासू ने कहा.
"वो सब तो ठीक है लेकिन में उसका इतना मोटा और लंबा लंड अपनी गंद मे कैसे ले पाउन्गि.. कितना मोटा है मेरी तो गंद ही फॅट जाएगी... और दूसरी बात मेने आज तक अपनी चूत की झांते सॉफ नही की है.. में मोहन से क्या कहूँगी.. उसने कई बार मुझे चूत के बाल सॉफ करने को कहा लेकिन मेने हर बार मना कर दिया... और अब में अपनी झांते सॉफ करूँगी तो उसे शक़ हो सकता है" नेहा ने
कहा..
"अरे इस बात को लेकर तुम चिंता मत करो.. तुम मर्दों की फ़ितरत को नही जानती.. जब वो तुम्हारी बिना बालों की चूत देखा तो तुम्हे पूछेगा भी नही की तुम्हारा इरादा कैसे बदल गया.. वो तुम्हारी
चूत चूसने मे लगा रहेगा... और जहाँ तक गंद मे लंड लेने का सवाल है.. तुम एक काम करो मोहन से रोज़ गंद मराओ जिससे तुम्हारी गंद थोड़ी फैल जाए... फिर तुम्हे कोई तकलीएफ नही होगी" वासू ने जवाब दिया...
"ठीक है फिर एक काम करते है.. तुम मेरी चूत के बाल सॉफ कर दो और में मोहन का लंड अपनी गंद मे लेकर अपनी गंद को राज के लंड के लिए तय्यार करती हूँ" नेहा ने कहा..
"ठीक है" वासू ने कहा "क्या में तुम्हारी चूत के बाल अभी सॉफ कर दूं?" वासू ने पूछा..
"हां और क्या? शुभ काम मे देरी क्यों" नेहा ने हंसते हुए कहा...दोनो सहेलियाँ खड़ी हुई और बाथरूम की ओर बढ़ गयी...
बाथरूम मे पहुँच कर वासू ने पहले तो सभी समान इकट्ठा किया जो झांते सॉफ करने के काम मे आता है और फिर एक टवल बिछा कर अपनी देवरानी को उसपर लेट जाने को कहा. नेहा अपने कपड़े उतार कर टॉवेरल पर लेट गयी... वासू उस के सामने खड़ी हो गयी और उसके नंगे बदन को निहारने लगी... फिर उसके पास झुकते हुए उसने नेहा के होठों पर एक चुंबन जड़ दिया... और दूसरे हाथ से उसकी चुचीय को मसल्ते हुए उसकी निपल को चिकोटी काट दी..
क्रमशः.......
"एक बात कहूँ अगर तुम्हे बुरा ना लगे तो.. अगर तुम इतनी बड़ी छिनाल हो सकती हो कि अपने ही बेटे से चुदवा लो तो में भी कम छीनाल नही हू.... अपने ही भतीजे का लंड अपनी चूत मे लेने के
ख़याल से ही कुछ होता है.. और अगर उसका लंड मेरी चूत मे और तुम्हारी बिना बालों की चूत मेरे मुँह पर तो मज़ा और बढ़ जाएगा है ना?" नेहा ने कहा. "पर तुम ये सब करोगी कैसे?" "वो क्या है ना नेहा.. राज ये नही जानता कि गीली चूत कौन है.. इसलिए में उससे पूछूंगी कि क्या वो दो औरतों की चूत एक साथ मे मारना चाहेगा... और में जहाँ समझती हूँ वो मना नही करेगा...
क्यों कि वो यही समझेगा कि वो दूसरी औरत मेरी सहेली है जिससने उसे मूठ मारते देखा था" वासू ने जवाब दिया..
"मुझे तो विश्वास नही हो रहा कि तुम ये सब कर पावगी?" नेहा ने खुश होते हुए कहा.
"वो तो मैं सब कुछ संभाल लूँगी लेकिन एक ही अड़चन है....." वासू ने अपनी बात बीच मे ही छोड़ दी.. "और वो अड़चन क्या है?" नेहा ने अपनी जेठानी से पूछा. "वो क्या है ना चुदाई के मामले मे राज थोड़ा अलग है...जैसे उसे बिना बालों की चूत बहोत अछी लगती है.. और उसे गंद मारने मे बहोत मज़ा आता है... इसलिए मेने उसे पहले ही बता दिया था कि तुम्हारी चूत पर बाल का नामो निशान नही है और तुम्हे भी अपनी गंद मे लंड लेने मे बहोत मज़ा आता है... वैसे तो उसने आज तक
सिर्फ़ मेरी ही गंद मे अपना लंड घुसाया है लेकिन वो एक नई गंद मे अपना लंड घुसाने के लिए बेकरार है" वासू ने कहा.
"वो सब तो ठीक है लेकिन में उसका इतना मोटा और लंबा लंड अपनी गंद मे कैसे ले पाउन्गि.. कितना मोटा है मेरी तो गंद ही फॅट जाएगी... और दूसरी बात मेने आज तक अपनी चूत की झांते सॉफ नही की है.. में मोहन से क्या कहूँगी.. उसने कई बार मुझे चूत के बाल सॉफ करने को कहा लेकिन मेने हर बार मना कर दिया... और अब में अपनी झांते सॉफ करूँगी तो उसे शक़ हो सकता है" नेहा ने
कहा..
"अरे इस बात को लेकर तुम चिंता मत करो.. तुम मर्दों की फ़ितरत को नही जानती.. जब वो तुम्हारी बिना बालों की चूत देखा तो तुम्हे पूछेगा भी नही की तुम्हारा इरादा कैसे बदल गया.. वो तुम्हारी
चूत चूसने मे लगा रहेगा... और जहाँ तक गंद मे लंड लेने का सवाल है.. तुम एक काम करो मोहन से रोज़ गंद मराओ जिससे तुम्हारी गंद थोड़ी फैल जाए... फिर तुम्हे कोई तकलीएफ नही होगी" वासू ने जवाब दिया...
"ठीक है फिर एक काम करते है.. तुम मेरी चूत के बाल सॉफ कर दो और में मोहन का लंड अपनी गंद मे लेकर अपनी गंद को राज के लंड के लिए तय्यार करती हूँ" नेहा ने कहा..
"ठीक है" वासू ने कहा "क्या में तुम्हारी चूत के बाल अभी सॉफ कर दूं?" वासू ने पूछा..
"हां और क्या? शुभ काम मे देरी क्यों" नेहा ने हंसते हुए कहा...दोनो सहेलियाँ खड़ी हुई और बाथरूम की ओर बढ़ गयी...
बाथरूम मे पहुँच कर वासू ने पहले तो सभी समान इकट्ठा किया जो झांते सॉफ करने के काम मे आता है और फिर एक टवल बिछा कर अपनी देवरानी को उसपर लेट जाने को कहा. नेहा अपने कपड़े उतार कर टॉवेरल पर लेट गयी... वासू उस के सामने खड़ी हो गयी और उसके नंगे बदन को निहारने लगी... फिर उसके पास झुकते हुए उसने नेहा के होठों पर एक चुंबन जड़ दिया... और दूसरे हाथ से उसकी चुचीय को मसल्ते हुए उसकी निपल को चिकोटी काट दी..
क्रमशः.......