hotaks444
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"पागल तो नही हो गयी हो... यहाँ भूल से भी ना कहना आख़िर हम
शरीफ खानदान से है. " राज ने बीच मे स्वीटी को टोकते हुए कहा.
"बड़े बदमाश हो तुम सारे खेल का मज़ा खराब कर दिया.. " स्वीटी ने
अपनी जीब निकाल राज को चिढ़ाते हुए कहा..
"ठीक है जैसा तुम कहो.. हम बाद मे देखेंगे..क्यों सही है ना
सोनिया?" स्वीटी ने कहा.
तभी रवि बाथरूम से लौट आया और सभी बाहर आ गये.. राज गाड़ी
चला रहा था.. सोनिया उसके बगल मे बैठी थी... प्रीति राज के
पीछे स्वीटी उसके बगल मे और रवि स्वीटी के बगल मे पीछे की
सीट पर बैठे थे...
स्वीटी का हाथ तो रवि के लंड पर था और वो उसे उसकी पॅंट के उपर
से मसल रही थी फिर उसने तो उसकी पॅंट के बटन खोल दिए और उसके
खड़े लंड को बाहर निकालने लगी... रवि की तो हालत खराब थी..
उसे विश्वास नही था कि प्रीति के सामने चलती गाड़ी स्वीटी ऐसा भी
कर सकती है..
रिव्यू मिरर मे राज को सभी दीखाई दे रहा था और उसे हँसी आ
रही थी...
स्वीटी ने अब रवि की पॅंट को नीचे खिसकना शुरी किया तो रवि ने
थोड़ा अपने आप को अड्जस्ट कर उसकी मदद की.. फिर स्वीटी उसके खड़े
लंड पर झुक गयी और उसके लंड को अपने मुँहे मे ले चूसने लगी..
उसके चूतड़ प्रीति की ओर उठ गये थे.. राज मुस्कुराते हुए सब
मिरर मे देखता रहा..
जब काफ़ी देर तक पिछली सीट से कोई आवाज़ नही आई तो सोनिया ने
अपने चेहरे को पीछे घुमाया देखने के लिए.. गाड़ी मे अंधेरा होने
की वजह से उसे सॉफ सॉफ तो नही दीखा कि स्वीटी क्या कर रही
है.. लेकिन जिस तरह से वो झुकी हुई थी तो उसे कुछ शक हुआ तो
उसने अपनी सीट बेल्ट को खोला और थोड़ा अच्छी तरह घूम देखने
लगी...
"स्वीटी बड़ी छीनाल हो क्या घर तक पहुँचने का इंतेज़ार नही कर
सकती थी" सोनिया ने पूछा.
"हां नही रुक सकती थी..तुम्हे पता है मेरी चूत मे जब खुजली
मचती है तो में नही रुक सकती.. " स्वीटी ने थोड़ी देर के लिए
रवि के लंड को अपने मुँह से बाहर निकाल कर जवाब दिया..
सोनिया ने अपना चेहरा वापस सामने की ओर घुमा लिया.. राज ये सब देख
धीरे से मुस्कुराता रहा.. सोनिया ने फिर पीछे पलट प्रीति की ओर
देखा तो उसे भी मुस्कुराते पाया...और उसने देखा कि प्रीति ने अपना
एक हाथ स्वीटी की स्कर्ट मे घुसा रखा था और शायद उसकी चूत मे
उंगली कर रही थी...
रवि तो जैसे पागल हो गया था... उसका लंड पानी छोड़ने ही वाला
था.. इतने परिवार के लोगों के सामने आज पहली बार कोई लड़की चलती
गाड़ी मे उसका लंड चूस रही थी.. कि तभी राज ने गाड़ी को स्वीटी
के घर के सामने रोका..
"अब अपने मुँह को खाली करो और इसके लंड को बाहर निकालो हम घर
पहुँच गये है" राज ने स्वीटी से कहा.
"सत्यानाश हो तुम्हारा" स्वीटी ने झूठे गुस्से मे कहा.. "ऐसा करो
तुम लोग इसे यहाँ मेरे पास छोड़ दो"
"और तुम्हारे मम्मी पापा से क्या कहें कि हमने रवि को कहाँ छोड़ा
है या फिर ये कहें कि वो तुम्हारे साथ है ?" राज ने कहा,.
"राज तुम भी समझते नही हो... देखो ना बेचारे का लंड किस तरह
तना हुआ है.. और ये अभी थोड़ी देर मे ही झाड़ जाएगा.. क्या तुम
यहाँ थोड़ी देर के लिए रुक नही सकते?" स्वीटी ने गिड़गिदते हुए
कहा.. "वैसे भी मम्मी पापा घर पर नही है.. ऐसा करो तुम लोग
भी अंदर आ जाओ शमा भी अपनी सहेली के घर पर है और में
अकेली घर मे नही रहना चाहती...
थोड़ी देर बाद स्वीटी फिर बोल पड़ी.. "प्रीति तुम जानती हो कि तुम खुद
अंदर आना चाहती हो फिर सोनिया को भी मौका मिल जाएगा राज का लंड
देखने का.. "
तभी स्वीटी ने गाड़ी का दरवाज़ा खोला और रवि को धक्का देकर बाहर
निकालने लगी... रवि अपनी पॅंट को उपर चढ़ाते हुए बाहर
निकला.. "अब जल्दी से घर मे चलो.. फिर तो उन्हे भी आना ही
पड़ेगा" स्वीटी ने उसे धक्का देते हुए कहा.
शरीफ खानदान से है. " राज ने बीच मे स्वीटी को टोकते हुए कहा.
"बड़े बदमाश हो तुम सारे खेल का मज़ा खराब कर दिया.. " स्वीटी ने
अपनी जीब निकाल राज को चिढ़ाते हुए कहा..
"ठीक है जैसा तुम कहो.. हम बाद मे देखेंगे..क्यों सही है ना
सोनिया?" स्वीटी ने कहा.
तभी रवि बाथरूम से लौट आया और सभी बाहर आ गये.. राज गाड़ी
चला रहा था.. सोनिया उसके बगल मे बैठी थी... प्रीति राज के
पीछे स्वीटी उसके बगल मे और रवि स्वीटी के बगल मे पीछे की
सीट पर बैठे थे...
स्वीटी का हाथ तो रवि के लंड पर था और वो उसे उसकी पॅंट के उपर
से मसल रही थी फिर उसने तो उसकी पॅंट के बटन खोल दिए और उसके
खड़े लंड को बाहर निकालने लगी... रवि की तो हालत खराब थी..
उसे विश्वास नही था कि प्रीति के सामने चलती गाड़ी स्वीटी ऐसा भी
कर सकती है..
रिव्यू मिरर मे राज को सभी दीखाई दे रहा था और उसे हँसी आ
रही थी...
स्वीटी ने अब रवि की पॅंट को नीचे खिसकना शुरी किया तो रवि ने
थोड़ा अपने आप को अड्जस्ट कर उसकी मदद की.. फिर स्वीटी उसके खड़े
लंड पर झुक गयी और उसके लंड को अपने मुँहे मे ले चूसने लगी..
उसके चूतड़ प्रीति की ओर उठ गये थे.. राज मुस्कुराते हुए सब
मिरर मे देखता रहा..
जब काफ़ी देर तक पिछली सीट से कोई आवाज़ नही आई तो सोनिया ने
अपने चेहरे को पीछे घुमाया देखने के लिए.. गाड़ी मे अंधेरा होने
की वजह से उसे सॉफ सॉफ तो नही दीखा कि स्वीटी क्या कर रही
है.. लेकिन जिस तरह से वो झुकी हुई थी तो उसे कुछ शक हुआ तो
उसने अपनी सीट बेल्ट को खोला और थोड़ा अच्छी तरह घूम देखने
लगी...
"स्वीटी बड़ी छीनाल हो क्या घर तक पहुँचने का इंतेज़ार नही कर
सकती थी" सोनिया ने पूछा.
"हां नही रुक सकती थी..तुम्हे पता है मेरी चूत मे जब खुजली
मचती है तो में नही रुक सकती.. " स्वीटी ने थोड़ी देर के लिए
रवि के लंड को अपने मुँह से बाहर निकाल कर जवाब दिया..
सोनिया ने अपना चेहरा वापस सामने की ओर घुमा लिया.. राज ये सब देख
धीरे से मुस्कुराता रहा.. सोनिया ने फिर पीछे पलट प्रीति की ओर
देखा तो उसे भी मुस्कुराते पाया...और उसने देखा कि प्रीति ने अपना
एक हाथ स्वीटी की स्कर्ट मे घुसा रखा था और शायद उसकी चूत मे
उंगली कर रही थी...
रवि तो जैसे पागल हो गया था... उसका लंड पानी छोड़ने ही वाला
था.. इतने परिवार के लोगों के सामने आज पहली बार कोई लड़की चलती
गाड़ी मे उसका लंड चूस रही थी.. कि तभी राज ने गाड़ी को स्वीटी
के घर के सामने रोका..
"अब अपने मुँह को खाली करो और इसके लंड को बाहर निकालो हम घर
पहुँच गये है" राज ने स्वीटी से कहा.
"सत्यानाश हो तुम्हारा" स्वीटी ने झूठे गुस्से मे कहा.. "ऐसा करो
तुम लोग इसे यहाँ मेरे पास छोड़ दो"
"और तुम्हारे मम्मी पापा से क्या कहें कि हमने रवि को कहाँ छोड़ा
है या फिर ये कहें कि वो तुम्हारे साथ है ?" राज ने कहा,.
"राज तुम भी समझते नही हो... देखो ना बेचारे का लंड किस तरह
तना हुआ है.. और ये अभी थोड़ी देर मे ही झाड़ जाएगा.. क्या तुम
यहाँ थोड़ी देर के लिए रुक नही सकते?" स्वीटी ने गिड़गिदते हुए
कहा.. "वैसे भी मम्मी पापा घर पर नही है.. ऐसा करो तुम लोग
भी अंदर आ जाओ शमा भी अपनी सहेली के घर पर है और में
अकेली घर मे नही रहना चाहती...
थोड़ी देर बाद स्वीटी फिर बोल पड़ी.. "प्रीति तुम जानती हो कि तुम खुद
अंदर आना चाहती हो फिर सोनिया को भी मौका मिल जाएगा राज का लंड
देखने का.. "
तभी स्वीटी ने गाड़ी का दरवाज़ा खोला और रवि को धक्का देकर बाहर
निकालने लगी... रवि अपनी पॅंट को उपर चढ़ाते हुए बाहर
निकला.. "अब जल्दी से घर मे चलो.. फिर तो उन्हे भी आना ही
पड़ेगा" स्वीटी ने उसे धक्का देते हुए कहा.