Indian Sex Story प्यार का रिश्ता - Page 3 - SexBaba
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Indian Sex Story प्यार का रिश्ता

मुझे ना जाने कितने मौके मिले उसके साथ एककार होने के मैं कब का उसे लड़की से औरत बना चुका होता पर मेरी आत्मा मुझे रोक देती थी. अंदर से आवाज़ आती थी नही मनु यह पाप है उसका साथ दो की वो बहके नही पर उसको धोका मत दो....

इस बीच उसकी सहेली सूची मेरे से जुड़ गई... वो शिवानी से ज़्यादा सुन्दर तो नही पर हा सेक्सी बहुत थी और मुझे मालूम था की उसका फार्मेसी डिपार्टमेंट मे कइयों से शारीरिक संबंध है सो जैसे ही उसने मुझे बुलाया सो मैने उसे भोगा... यही नही सूची ने अपनी 2-3 सहेलियों को मेरे साथ सुलाया...... पर यह सब काम मैं शिवानी के साथ नही करना चाहता था.... और कहते है इस्क़-मुस्क़-और खाँससी छुपाए नही छुपते यही हुआ मेरे और सूची के संबंधों का पता शिवानी को चल गया. हो सकता है पूरा ना चला हो पर उसको कुछ शक-ओ-सुबा तो हो ही गई थी.... मेरे दिमाग़ मे प्लान आया की क्यों ना इस मौके का फायडा उठाया जाए ...... यदि किसी का शक दूर ना करो और उसके साथ कोई हरकत कर दो तो वो बहुत चिड जाता है....मैने ऐसा ही किया और मैं सक्सेज हो गया..... वो मेरे से गुस्सा हो गई और मैने एक साल के लिए सहर ही छोड़ दिया.....क्योंकि मैं जब से उससे मिला उसको बहुत समझाया पर वो नही मानी.... और शायद मैं भी अपना आपा खोता जा रहा था कमजोर पड़ता जा रहा था.....

अनु और अश्विन दोनो रूम से उठकर बाहर निकल गये.... कुछ देर बाद लौटे..... अनु ने कहा " मनु एक बात बताओ की क्या तुम सिर्फ़ देना और सिर्फ़ देना चाहते हो कुछ लेना नही" तुम समझते क्या हो अपने आप को.... की तुम सच मे कोई भगवान हो अरे तुम तो एक ऐसे इंसान हो जो किसी को सिर्फ़ दर्द देते हो..... तुम्हारी ग़लतफहमी है की तुम सभी की मुश्किले अपने सिर पर ले कर उनको हल्का करते हो....

अनु की इस बात पर मैं चौंक पड़ा मैं ही नही जीतने वाहा पर थे सभी चौंक पड़े..... दोस्तो मैं बहस होने लगी .... और अनु अकेली पड़ने लगी... मेरा मन रोने को कर रहा था.... सो मैने उस दिन दारू पी ली.... ना जाने कितनी नीट ही पी गया .......... और मैं अपने होश खो बैठा.. मैं नशे मे चूर चूर हो गया था.... जब मेरी नींद खुली तो मैने टाइम देखा 2-30 हो रहे थे मुझे नही पता मैं उस कमरे से एक आलीशान बेडरूम मे कैसे पहुचा..... . उस बेडरूम की खुसबू मुझे जानी पहचानी लग रही थी मेरे शरीर पर जीन्स-टी-शर्ट की जगह कुर्ता पयज़ामा था... मेरे कपड़े कपबोर्ड की दरवाजे पर टँगे थे... मैं जैसे ही पलंग से उठा तो मेरे शरीर ने मेरा साथ छोड़ दिया और मैं धदाम से ज़मीन पर गिर पड़ा... मेरे पैर मे पट्टी बँधी हुई थी मैं रात की घटना को याद करने की कोशिश कर रहा था......मैं उठा और ड्रेसिंग टेबल पे रखा पानी का गिलास उठाकर जैसे ही मूह से लाया वो ताज़ा नीबू पानी लगा मैं पी गया मैने जग से फिर से पानी लिया वो भी ताज़ा नीबू पानी था...

कुछ देर तक मैं वही ड्रेसिंग टेबल से टिक-कर बैठा रहा फिर अपना सेल ढुंडा वो वन्हि टेबल पर रखा था... मैने उस्मै डेल्ड और रेसीएवेड कॉल्स चेक करी.... मैं उठकर बाथरूम मे गया फ्रेश होकर मैने अपने कपड़े बदले और जैसे ही रूम से बाहर निकलने लगा तो एक बहुत ही खनकती हुई सी आवाज़ मेरे कानो से टकराई....

मनु मैं दौड़ी दौड़ी आपके ही पास आ रही थी...... मुझे चलने मे काफ़ी तक़लीफ़ हो रही थी.......वो अनु थी जिसने मुझे अपने कंधे का सहारा देकर वापिस रूम मे ले जाकर सोफे पर बिठाया..... .

मैने अनु से सॉरी कहा और पूछा अनु प्ल्ज़ मुझे बताओ कल रात क्या हुआ....

"ज़्यादा कुछ नही... मनु.... आपने बस 3-4 बॉटल झोनी वॉकर व्हीश्के नीट अपने गले के नीचे कर के ज़िद करके उठे और भाग खड़े हुए.. जबार्दुस्त नशे के कारण सीडीयों से गिरे लेकिन फिर भी आप ना माने अपने अपनी बाइक स्टार्ट की और जाकर एक गाड़ी से भीड़ गये... उसके बाद आपको हम हॉस्पिटल ले गये जिससे भिड़े घायल तो वो भी बहुत है.... पर ठीक है... और आपको यह चोट लगी बस.... कोई 35-40 स्टिचेस है और हल्के हल्के दो फ्रॅक्चर बस......
 
हम दोनो बात कर ही रहे थे की इतने मे अश्विन और अजय भी आ गये.... मैने दोनो से माफी माँगी और उनसे कहा यार मेरे को उसके पास ले चलो जिससे मेरी गाड़ी टकराई थी वो भी घायल है मुझे उसको सॉरी बोलना है....

" मनु थोड़ा शांति रखो अभी चलते है कुछ खा पी तो लो..."

हम सब ने मिल कर लंच लिया...... फिर हम अजय की गाड़ी मे सवार होकर चल पड़े.... गाड़ी मे सिर्फ़ अनु ही मुझे छेड़ती रही........ .....

गाड़ी एक आलीशान ड्यूप्लेक्स फ्लॅट के सामने रुक गई..... सभी उतरे और मुझे उतारा....हम अंदर दाखिल हुए.. अजय ने गाते खुलवाया मुझे नही पता गेट किसने खोला... हम जाकर हाल मे सोफे पर बैठ गये......

मैने कहा "कम से कम नाम तो बता दो यार "

बस आती होगी..... वो .....

और देखता हू की सामने से शिवानी चली आ रही थी...... मैं जो रेड रोज़ का बुके लाया था उसे विश करने वो मेरे हाथ से छूट गया ....

तुम!!!! यहा और मैं तुम से टकराया..... .?!!!? ओह!!!! माइ गॉड" खैर.... अब मुझे पता है आपको कहा चोट लगी है.... लीजिए ... क़ुबूल फरमाइए.... .शिवानी जी......" मैने गुलदस्ता शिवानी को देते हुए उसे रात के लिए सॉरी कहा......

क्रमशः..............................
 
प्यार का रिश्ता --5

शिवानी मेरे से लिपट गयी..... और रोने लगी...

मुझे माफ़ कर दो मनु..... मैने बहुत बड़ी भूल कर दी..... हॉल मे मौजूद सभी की आँखे नम थी सिर्फ़ मेरे सिवा....

मैने शिवानी को पकड़ा...और सोफे की ओर चलने का इशारा किया... सोफे पर बैठा... और कहा "शिवानी एक बार दूर करने के बाद फिर क्यों मेरे पास आई"

" जानम तुम्हारा प्यार मुझे तुम्हारे पास खींच लाया...."

"सूची कहा है आज कल..."

" यही है .. अभी आती होगी किचन मे थी...."

सूची चाइ की ट्रे लेकर हाल मे आ गई....

" हाई सूची कैसी हो..."

शिवानी को इग्नोर करने के लिए मैं सूची से मुखातिब हो गया ...

सूची ने भी सीधे सीधे शॉर्ट मे आन्सर दिए और शिवानी को बोली शिवि मैं तुम्हारी गाड़ी ले जा रही हू देर से लौटूँगी और वो आन्सर का इंतेज़ार किए बिना हाल से निकल गयी...

"मनु अब हम कभी जुदा नही होंगे......" शिवानी ने कहा..

मैं चुप रहा..

" मैने तुमको अपना सब कुछ सौपने के लिए कहा था... ध्यान है तुम्हे ".. शिवानी ने मेरे से कहा पर मैं चुप था वो ही बोलती रही

बहुत देर बाद मैं बोला " अनु... अजय सुनो.... मेरी बीबी का मेरे प्यार पर पहला अधिकार है उसको छोड़ कर मैं शिवानी को नही अपना सकता..." इसको कह दो कि यह किसी अच्छे से लड़के से शादी कर ले... मैं अपनी पत्नी से बेवफ़ाई नही कर सकता.....

तभी हाल मे मेरी वाइफ अंदर आई..... "भाई कोई मुझे भी तो बताए की कौन किससे बेवफ़ाई कर रहा है.... "

मैं तो सहम ही गया ...

फिर अनु बोली " देखो मनु हम सब ने मिलकर बहुत सोचा और इस मसले पर भाभी जी से बात की उनको समझाने मे थोड़ा समय लगा लेकिन वो मान गई... लेकिन तुम भी गजब हो कि तुमने अपनी वाइफ को सब कुछ बता दिया....

मेरी वाइफ बोली-अनु तभी तो मैं इनपर मरती हू मैं बहुत खुसकिस्मत हू की मेरे पति बहुत ईमानदार और नेक-दिल इंसान है...

मनु यह तुमसे शादी करने को थोड़े ही कह रही है.. सिर्फ़ तुम्हारी और शिवि की दोस्ती रहेगी बस फ़र्क इतना होगा की इस्मै दोस्ती की हदे कुछ ज़्यादा होगी.... जब मुझे कोई ऐतराज़ नही तो भला तुमको क्यों ऐतराज़ होने लगा.....

सब की बात मानकर मैने सोचा यदि ईश्वर की यही इच्छा है तो यही सही.. फिर हमारे धर्मा ग्रंथों मे लिखा है की यदि कोई कामतूर (सेक्स मे उत्तेजित) महिला यदि रति दान (सेक्स) मांगती है तो एक पुरुष को उस महिला को सन्तुस्त करना उसका परम धर्म है यदि यह नही किया तो घोर पाप होगा... सो मैं भी तैयार हो गया....

और हमारी और शिवानी का मिलना जुलना फिर से पहले जैसा हो गया .....

एक दिन शिवानी ने मुझे बुलाया... मैं उसके घर पर गया .... वो मेरा ही इंतेज़ार कर रही थी....

शिवानी ने दरवाजा खोला शिवानी पिंक कलर का फिल्मी गाउन पहने हुए थी और उसके नीचे बिल्कुल नंगी थी.... मैं अंदर हुआ और उसने डोर लॉक किया....

मैने शिवानी को बाँहो मे लेकर उसके होंठो पर किस किया और उसकी गांद को और पीठ को मसला गाउन के ऊपेर से ही......... आज तो गजब ढा रही हो शिवानी... क्या इरादा है...... ....
 
शिवानी ने मेरे गले मे बाहें डाली और मेरे से अपनी चूत चिपकाती हुई धीरे से बोली आज तो मन कर रहा है... की बस हम दोनो समा जाए..... और उसने मेरे होंठो को चूसना शुरू कर दिया मैं भी शिवानी का भरपूर साथ दे रहा था शिवानी अपनी जीभ मेरे मूह मे घुमा रही थी.... मैने शिवानी के मम्मो को बारी बारी से हाथ से मसलना शुरू कर दिया.. शिवानी सिसकारियाँ लेती हुई मेरे हाथों मे पिघलने लगी...... . मैने शिवानी का गाउन खोल दिया वो उसके बदन से सरक गया अब शिवानी मेरे सामने बिल्कुल बिर्थ सूयीट मे खड़ी थी..... शिवानी का बदन और भी कसाव वाला हो गया था और उसकी चूत पर बहुत ही हल्की हल्की सी झांते थी बहुत ही करीने से लुब्बाई मे दिल के शेप मे सजी हुई... शिवानी को लेकर मैं बेड रूम मे आ गया.....

शिवानी को बेड पर लिटाया और उसको सिर से पैर तक गीले किस करने लगा... जब मैं शिवानी के गर्दन और कान के पीछे या निपल्स या चूत पर किस करता तो वो मुझे जाकड़ लेती..... मैं अभी तक कपड़े पहने हुए था....

शिवानी के बूब्स पर मेरे काटने से लाल नीले निशान पड़ गये थे शिवानी का रंग बिल्कुल गोरा था... शिवानी के दोनो निपल्स लगभग 1 इंच के गुलाबी बिल्कुल छत की ओर सीधे तने हुए थे जैसे ही मैने शिवानी की चूत पर अपनी हथेली रखी तो शिवानी के मूह से सीत्कार निकल गई

" उम्म्म्म सीईईईईईई... हाईईईईई मनु,,,, प्लज़्ज़्ज़.. मत करो मैं पिघल रही हूँ...." मैं शिवानी की चूत जिससे उसकी जवानी का रस हल्का हल्का सा रिस रहा था धीरे धीरे मसल रहा था जब शिवानी का क्लाइटॉरिस छेड़ता तो वो तड़प उठती..... " उ माआ मनुव्व प्ल्ज़्ज़ मत करो मुझे करेंट लगता है और शर्म भी आ रही है.......मैं शिवानी का एक निपल मूह मैं भरकर चूस रहा था और दूसरे मम्मे के बिल्कुल किनारे किनारे अपनी उंगली फिरा रहा था और साथ ही साथ उसकी चूत की मस्लाई भी कर रहा था.....

शिवानी यह सब सहन नही कर पा रही थी....

''' उम्म्म मनु मुझे कुछ हो रहा है.... मुझे बाथरूम जाना है ...... मुझे जोरो से बाथरूम लगी है..." ऐसा शिवानी ने कहा मैने शिवानी को छोड़ दिया तो वो नंगी ही दौड़कर बाथरूम मे घुस गई मैं भी उसके पीछे घुस गया

'''प्ल्ज़्ज़ मनु तुम बाहर जाओ मैं अभी आती हू.... मुझे कर लेने दो ना... मुझे बहुत शर्म आ रही है... फिर मैं तुम्हारी हू...."

"मैं तुमको मूत-ते हुए देखना चाहता हू तुम मेरे सामने मूतो.." मैने शिवानी से कहा...

शिवानी उखड़ू बैठ गई थी और अपनी नग्नता छिपाने का असफल प्रयस्स कर रही थी उसने अपनी चूत को अपने हाथ से ढक लिया था और बूब्स को घुटनो से छिपा लिया था..... मैने वही खड़े क़हड़े अपने कपड़े उतारे मैं भी शिवानी के जैसा नंगा हो गया और शिवानी के सामने फर्श पर पैर फैलाकर नंगा बैठ गया ...

"छी.... मनु यह क्या कर रहे हू तुमको शर्म नही आती मेरे सामने तुम इस तरह से बैठे हो..."

"मुझे तुम्हारे उससे डर लग रहा है देखो कितना मोटा और लंबा है'

मनु प्ल्ज़ हट जाओ.... मुझे सू.. सू कर ले ने दो ना प्लज़्ज़्ज़्ज़्ज़्ज़.... .

' देखो शिवानी अब छिपाने से कोई फायडा नही हम पहले भी कई बार एक दूसरे के साथ इस अवस्था मे रह चुके है.... परमैं अब नही रह सकता......

और शिवानी को संभालने का मौका दिए बगैर मैने शिवानी के पैर अपने पैरों से फैला दिया और हाथ पकड़ कर अपने ऊपेर खींच लिया... शिवानी अनबॅलेन्स हो गई उसे मैने अपनी गोद मे खीच लिया और उसकी गांद मेरे गरम लंड के उपेर थी और मैं शिवानी के मम्मे चूस रहा था.. बड़ी ही बेरहमी से काट रहा था उनको....

शिवानी बोली अछा बाबा मैं हारी मैं करती हू .....
 
मैने कहा तो उठो उसको बाथ स्टूल पर बैठाया शिवानी की पीठ बाथरूम की दीवार से चिपकी थी उसकी दोनो टाँगे फैला दी और मैं ठीक उसकी चूत के सामने बैठ गया ....

शिवानी की हल्की झांतो वाली चूत बिल्कुल किसी बंद कलिकी तारह चिपकी हुई थी.... मैने उसको किस किया..... तो वो सिहर उठी....उसकी चूत की बंद फांकों को खोलकर पहली बार शिवानी की कुँवारी और रसीली प्यारी गुलाबी चूत के दर्शन किए... उसे मैने जोरो से सूँघा.... और उसकी चूत मे एक उंगली डालने की कोशिश करी तो वो उछल पड़ी दर्द के मारे...

मत... करो.. मनु प्ल्ज़्ज़ दर्द होता है... इस्मै मैने आज तक उंगली भी नही डाली है....... बिल्कुल अनटच है....... एयेए...... मैने ज़बरदस्ती थोड़ी सी उंगली उसकी चूत के छेद मे घुसकर गोल गोल घुमाई और आगे पीछे की शिवानी की चूत बहुत रसीली और टाइट थी.... मैने उसे फिर से अपने मूह मे भर लिया और चूत की लूम्बई मे ख़ासकर पी होल और क्लिट जो की अब अपने पर्दे से बाहर झाँकने लगा था उसको चूसना चालू कर दिया था...

" उ भगवान... यह क्या.. कर दिया मनुव... वाहा मूह नही लगाते..... आआआ... मत करो प्लज़्ज़्ज़ उम्म्म्ममममम बहुत अछा लग रहा है.... एयाया मनुव्व..... मुझे जोरो से पेशाब निकलने वाली है........ " शिवानी ऐसा कहते जा रही थी और मेरा सिर अपने हाथ से और पैरो से अपनी चूत पर दबाते जा रही थी.. मुझे मालूम था की शिवानी झरने के बहुत करीब है......... मैने अपनी जीभ की स्पीड बड़ा दी....

" उईईईई माआ डदीईईववव मेरे पेट मे एतन हो रही हाईईइ आआ माइ हवा मे उड़ी जा रही हू कोई बचाओ मुझीए मेरि पेशाब्ब निकल रही है......... आआ.... उम्म्म्मममम मत करो.... बहुत मज़ा आ रहा है.... उ औरर्र अहाआ -- औरर्र खलूओ .....उउउइई एयाया मूह अहतआऊओ कुछ बाहर आ रहा है उसे आने दो और बड़ी ताक़त से शिवानी ने मेरे बाल पकड़ कर मेरा मूह अपनी चूत से हटाकर पिचकारी छोड़ना चालू कर दिया .... पिचह पिचह पिच 4-5 पिचकारी रुक कर मारी जो सीधे मेरी नाक और मूह से टकराई मैं उसका रस अपने मूह से उंगलियों से चाट रहा थाअ....... . शिवानी कॅंप कपा रही थी... यह उसके 23-24 साल के जीवन मे पहली बार हुआ था.... मैने शिवानी की चूत को फिर से चाटना शुरू किया.. शिवानी की कुँवारी नदी का पवित्र जल बहुत ही स्वदिस्त था.... मैने शिवानी की चूत को चाट चाट के पूरी तरह से सॉफ किया.... अब शिवानी की साँसे कुछ कंट्रोल मे हो रही थी पर मेरा लंड अभी तना हुआ था......... .और झरने को बेकाबू हो रहा था... ऐसा मेरे साथ पहली बार हो रहा था की बिना किसी के हाथ लगाए या चूत मे घुसे लंड झरने को तय्यार था....

मैने शिवानी से कहा " मज़ा आया मेरी जानेमन..... ."

"मुझे नही पता था कि इस्मै इतना मज़ा आता है मैं तो जैसे किसी दूसरी दुनिया मे पहुच गई थी......" जब इस्मै से वो निकला तो बहुत ही गुदगुदी पुर शरीर मे हुई....''''

पर तुम बहुत गंदे हो.... तुम ने वो गंदी चीज़ पूरी क्यों पी ली.....

" अरे जानेमन वोही तो सबसे पवित्र चीज़ होती है" कुछ दिन बाद तुम खुद ही मुझे ऑफर करोगी...... . " मेरे ऐसा कहने से वो शर्मा गई और धत्त.... कहकर अपना मूह हाथों मे छिपा लिया....

मैं खड़ा हुआ और मैने अपना लंड उसके मूह के सामने किया ...... शिवानी आँखे खोलो .....

उसने जैसे ही आँखे खोली तो वो एक दम से जैसे डर गई हो चीखी....

" उईईइ माआ ..... हे भगवान.... .यह कितना मोटा और लंबा है...."

मैने पूछा "कैसा लगा मेरा यह..."

" उम्म्म लव्ली..... पर मेरे को इससे डर लगता है......" शिवानी ने कहा

" अरे काहे का डर जानेमंन सबसे ज़्यादा यही तो मज़ा देता है इसी के पीछे तो इतना लंबा इंतेज़ार हुआ...... छू के देखो..... यह काटता नही है...."

मैने शिवानी का हाथ अपने लंड पर रखा.....

उईईइ मा यह तो बहुत कड़क और गर्म है... मेरी मुट्ठी मे नही आ रहा......

मेरे लंड को हाथ मे पकड़ते है शिवानी की चूत फड़कने लगी वो बार बार फूल और पिचक रही थी.... शिवानी मेरे लंड को पकड़े थी और हिला रही थी....

मैने कहा इसे प्यार करो....

छी यह गंदी चीज़ है इसे सिर्फ़ वही गंदी चीज़ मे इस्तेमाल करते है....

"यह चीज़ क्या होती है इसका और तुम्हारी फो फुदक्ति हुई मुतिया का कुछ नाम भी होता है..."

छी... मुझे नही मालूम मुझे शर्म आती है.... मैने शिवानी को बताया की कैसे इसे मुठियाना है...... शिवानी स्टूल से खड़ी हो गई और मेरे को बैठने के लिए बोलने लगी.... मैं बाथरूम के फर्श पर लेट गया .... और शिवानी से कहा अब इसे प्लज़्ज़्ज़ एक बार प्यार करो... मेरे लंड पर प्री कम लगा हुआ था सो उसने धीरे से चूमा.... मैने कहा ऐसे नही ...यहा आओ और मैने शिवानी को अपने उपर आने को कहा वो आ गई... मैने कहा तुम अपना मूह मेरे लंड की तरफ करो और अपनी गुलाबी चूत मुझे दो.... फिर बता ता हू......

शिवानी पहले तो कुन्मुनाई फिर उसने पोज़िशन लेली शिवानी के घुटने फर्श पर मेरे कंधो के पास थे शिवानी की चूत ठीक मेरे मूह पर थी और उसका मूह मेरे लंड पर.....

मैने शिवानी की चूत को फिर से मूह मे भर लिया और चूत के होंठ अपने होंठो से चबाए और जीब से उसकी पी होल और चूत के होल्व पर ठोकर मारी शिवानी फिर मस्ती मे आनी लगी थी.... साथ ही साथ वो मेरे लंड को मुठिया रही थी.... मैं अब शिवानी की गांद के छेद और चूत के छेद के बीच अपनी जीव घुमाता और चूत और गांद का छेद रॅंडम्ली चाट रहा था... शिवानी की चूत से रस की धारा बह रही थी..... शिवानी से नही रहा गया तो उसने भी मेरा लंड अपने मूह मे ले लिया लेकिन सिर्फ़ सूपड़ा...... और चूसने लगी शिवानी बहुत गरम हो गई थी... मैने अपनी एक उंगली शिवानी की चूत मे घुसेड दी.... और उसके साथ साथ फिंगर फक भी करने लगा...
 
मैं झरने के करीब था जब तक उसको बताता शिवानी के मूह मे मैने झड़ना शुरू किया पहली पिचकारी शिवानी के गले मे अंदर चली गई लेकिन उसने मूह हटा लिया था सो बाकी की उसके मूह पर लगी... शिवानी भी साथ साथ झड़ी.... शिवानी को मेरे क्रीम से शुरू शुरू मे घिन आ रही थी... सो उसने कुछ उल्टी जैसे करने की इक्चा करी.. मैने उसको कहा सबर करो सब ठीक हो जाएगा...... . और शवर चालू कर दिया... मैं और शिवानी शवर के नीचे एक दूसरे से चिपके पड़े थे अब शिवानी को पेशाब लगी थी और मुझे भी ... क्योंकि नहाते वक़्त अधिकतर इंसान को पेशाब लगती है सो वो कहती हुई उठी "मैं पेशाब कर लू "

मैने शवर बंद किया और उसे अपने उपेर उखड़ू बैठने को बोला वो बैठ गई..... मैने उसकी गुलकबी चूत की फाँक खोली और पी होल को कुरेदा....

शिवानी का यूरिन ब्लॅडर फूलने और पिचकने लगा और उसी के साथ उसकी गुलाबी बुर से सिटी मारती हुई गरमा गरम मुत मेरे मूह पर गिरी...... फिर मैने शिवानी को पेशाब करते हुए दिखाया हम दोनो नहा कर बदन पोंछ कर नंगे ही बाहर आ गये.......

मैने शिवानी से कहा" डियर कैसा लगा..."

बहुत अछा पहली बार महसूस किया इस्मै इतना मज़ा है पर मेरी सहेलिया बताती है की सेक्स मे बहुत दर्द होता है शुरू मे..."

तुम क्या समझ रही हो यह सेक्स है नही पगली सेक्स तो तब होगा जब मेरा लंड तुम्हारी इस चूत मे घुसेगा.....

ओह!!!! तो घुसाओ..... मेरे राजा.. मेरी चूत अब इंतेज़ार नही कर सकती.....

"हा मेरी रानी.... अभी लो लेकिन इसके लिए तुम्हारी चूत को थोड़ा चौड़ा करना पड़ेगा....."

" जो करना है करो... अब देर मत करो....."

और मैने वसलेने की बॉटल उठाकर अपनी उंगली मे ली और शिवानी की चूत मे भर्दि......

और शिवानी की चूत को फिंगर फक देने लगा ......

शिवानी की चूत बहुत टाइट थी और अंदर से गीली भी उसपर वेसलेन की चिकना हट तब भी उंगली बहुत कसी कसी जा रही थी/...

शिवानी शाइयियी एयाया ... कर रही थी....... मैने शिवानी.. के क्लाइटॉरिस को रगड़ना चालू किया और अपनी उंगली की स्पीड बड़ा दी....... शिवानी बहुत जोरो से अपनी गांद उछाल रही थी..... और बकबका भी रही थी.....

शिवानी जब झदने को तय्यार होने लगी तो मैने उसकी बुर मे दो उंगली कर दी........ शिवानी को दर्द तो हुआ पर वो सहन कर गई.. मेरा लंड शिवानी की बुर मे घुसने को तड़प रहा था... मैने विचार किया ऐसे मे ठोक डू.... पर नमई हम दम के लिए दर्द नही देना चाहता था....

सो मैं फिंगर फक ही चालू रखा शिवानी अपना सिर बेड पर इधर उधर पटक रही थी साथ मे अपने पैर भी चला रही थी और अपने मम्मे खुद की नोच रही थी... तभी ऐसा फव्वारा चला की पूरी चादर गीली हो गई... शिवानी झार गई थी....... और वो शिथिल होकर बेड पर पड़ी थी......

मैं शिवानी के ऊपेर आकर उसके बूब्स को निसाना बनाकर मूठ मार रहा था... और मैं भी थोड़ी देर मे उसके बूब्स पर झार गया और उसके बाजू मे लेट गया .....

थोड़ी देर बाद शिवानी बोली..." यार तुम मेरे को कब करोगे अब सहन नही होता कही मैं किसी और से ना करा लू...."

"मैं अपना कंट्रोल खोते जा रही हू....."

"डियर मैं चाहता हू की तुम्हारी पहली चुदाई किसी दुल्हन की सुहाग रात की तारह हो.... बिल्कुल वैसे जैसे ओर्जिनल मे होती है..." मैने कहा..

" तो उसके लिए क्या करना होगा... " शिवानी ने पूछा ....

"2-4 दिन इंतेज़ार और कुछ इंतज़ाम" मैने कहा.. और उठ कर खड़ा हो गया ..... मैने उससे कहा अब तुम कपड़े पहनो....

अब तक शाम के 7 बज चुके थे....

हम त्यार हुए और शिवानी को लेकर मैं अपने घर आ गया ... घर मे मेरी मम्मी-पापा बाहर गये हुए थे सिर्फ़ मेरी बीबी और मैं बचे थे....

मैने शिवानी को अपने घर मे इसलिए रखा जिससे वो सुरक्चित रहे और सुहागरात का पूरा मज़ा मिल सके....

मेरी वाइफ को भी शिवानी से कोई ऐतराज नही था वो मेरे को उससे शेर करने के लिए राज़ी थी... जिसका मैं ऐएहसानमंद था...

मैने रात मे जब सोने लगे तो अपनी वाइफ से पूछा" तुमको कोई परेशानी तो नही अभी भी बता दो... यदि हुई तो नही करूँगा..."

" मेरे मनुता.... मुझे कोई ऐतराज नही है... यदि तुम मेरे से छिपाते तो ऐतराज होता.. फिर तुम्हारी भावनाए तो पवित्र है..." मुझे ख़ुसी है मेरा पति हर किसी को ख़ुसी दे सकता है"

और उस रात मैने अपनी बीबी से अपने जीवन का सबसे अछा सेक्स किया... यह पूरा नज़ारा शिवानी ने देखा.. खिड़की मे से.. यह शिवानी और मेरी बीबी की साजिस थी.. जिससे शिवानी को पता चल सके की सेक्स क्या होता है सुबह तक हम नंगे सोते रहे सुबा मैं उठकर फटाफट तय्यार हुआ और अपने काम पर निकल गया .. शाम को घर लौटा तो वाहा अनु और अश्विन और सूची भी थी... मुझे सूची का मेरे घर मे होना अखर रहा था सो मैं सभी को हाई करता हुआ अपने कमरे मे चेंज करने चला गया ... वाहा मेरी वाइफ आई तो मैने उससे कहा शिवानी को बुलाओ...

शिवानी आई तो मैने कहा यह सूची को किसने यहा बुलाया...

शिवानी ने कहा की हम सभी की राई थी... उससे क्या प्राब्लम है

" तुम नादान हो तुम्हारी शादी नही हुई है और हो सकता है कि सूची तुम्हारे इस सीक्रॅट का नज़ायद फायडा उठाए..." मैने शिवानी से कहा...

" तुम इसकी चिंता मत करो...." शिवानी बोली और वो बाहर निकल गई..

मेरी वाइफ ने मुझे प्लॅनिंग के बारे मे बताया मैं बाथरूम मे फ्रेश होने के लिए घुसा...

फ्रेश होकर सीधे नीचे अपने दोस्तों के बीच मे जा बैठा...

अश्विन कह रहा था.." यार मनु तू ने तो रात भाबी जी की हालत खराब कर दी...." उनसे तो आज चला नही जा रहा और जगह जगह निसान भी है...

"तू ने कहा से निशान देख लिए बे...." मैने अश्विन से कहा...

"अरे यार नाराज़ क्यों होता है अनु ने बताया था......" अश्विन बोला

अनु को मैने देखते हुए फ्लाइयिंग किस दिया तो वो शर्मा कर अंदर किचन मे मेरी बीबी और शिवानी के पास भाग गई...
 
" हा यार कल रात 2-3 राउंड ख़तरनाक हो गये..." मैने कहा...

अब हॉल मे नाश्ता और चाइ लेकर सभी आ गये.. और बाते होने लगी....

मैने पूछा बच्चे कहा है तो बोले की उनकी मौसी आई है तो उनको अपने साथ ले गई... 8-10 दिन मे आएँगे....

मैने पूछा क्या प्लॅनिंग हुई'.....

शिवानी शर्मा कर अंदर चली गई..

अनु बोली देखो यह बहुत ही सेन्सिटिव मसला है.. इसलिए हर एक कदम बहुत सोच समझकर उठाना होगा... मैं और भाभी जी शिवि को तय्यार कर रहे है मेंटली और फिज़िकली.. .

क्रमशः.............
 
प्यार का रिश्ता --6

मैने चुटकी लेते हुए कहा "अनु मुझे भी फिज़िकली तुम तय्यार करो ना प्ल्ज़्ज़.."

" अनु और मेरी बीबी दोनो ने मेरे को धौल जमाते हुए कहा हट बेशर्म कही के...."

पर मैं जानता था की इस बात पर अनु नीचे से गीली हो गई है इस बात का सुबूत यह था की उसने अपने पैर पर पैर चड़ा लिया था और सोफे की पुस्त जोरो से पकड़ के खड़ी थी... उसको शायद अब बाथरूम जाने की आवास्यकता महसूस हो रही थी... और बाथरूम के लिए उसे हॉल से अंदर जाना पड़ता... सबके सामने कामन बाथरूम मे वो जा नही सकती थी...

मेरे दिमाग़ मे आया की जैसे अनु से अंदर से बिस्किट्स मंगाए जाए इस बहाने वो बाथरूम भी हो आएगी..... और मैं छेड़ भी लूँगा...

मैने अनु से बिज़्किट्स लाने के लिए बोला जैसे ही अनु अंदर गयी... तो मैने कहा मैं नमकीन लेकर आता हू...

और फटाफट अनु के पीछे हो लिया और अनु के कान मैं फुसफुसकर कहा " क्यों अनु.... लीक हो गई... गीली हो गई..."

अनु मुस्कुराती हुई बाथरूम मे घुस गई सो मैने बाथरूम के दरवाजे पर कान सटा दिया अनु की कराहने की आवाज़ आ रही थी अंदर से मैं हाल मे आ गया और अनु का बॅग उठाकर अपने पास रख लिया .. मुझे मालूम था की वो आकर वेट पॅंटी रखने के लिए पर्स को खोजेगी...

फिर प्रोग्राम पर बात होने लगी सभी की सहमति से प्रोग्राम नेक्स्ट वीक फ्राइडे का सेट हुआ क्योंकि फ्राइडे की हॉलिडे थी और सभी की साथ-संडे को भी हॉलिडे होती है... सो वो भी कोई फिकर नही थी....

इतने मे अनु आ गयी अनु अब रेलेक्ष लग रही थी मुझे लग रहा था की उसकी पॅंटी वो अपने रुमाल मे लपेटे हुए है.... अनु ने कहा आशि मेरा पार्स कहा है... मैने कहा यह रहा क्या चाहिए ....

कुछ नही देना प्ल्ज़्ज़.... अरे यार तुम औरते भी अज़ीब होती हो... अपना पर्स बार बार क्यों इस्तेमाल करती हो.....

देखू मैं ज़रा इसमे ऐसा क्या है.... तो सभी लॅडीस मेरे पर चढ़ बैठी और मेरे से पर्स छुड़ा लिया और अनु को दे दिया... और मेरे को हिदायत दी जिस्मै शिवानी भी शामिल थी की किसी लॅडीस का पर्श नही देखते...

फिर प्लॅनिंग पर बात होने लगी... तो यह तय हुआ की जब तक फ्राइडे नही आ जाता शिवानी मेरे घरपर मेरी वाइफ के साथ रहेगी क्योंकि सबसे ज़्यादा अनुभवी वो ही थी.. और बच्चे साथ होने से कोई रिस्क भी नही था... और सारा प्रोग्राम शिवानी के घर पर होगा और उस्दीन सभी लोग वोही रुकेंगे और उस्दीन पहले मेरी और शिवानी की शादी होगी सिर्फ़ वर-माला और फिर सुहागरात.. ..

सुहाग-रात का कमरा सजाने के लिए मैने पायंट्स नोट करा दिए और डिशस भी....

बड़ी मुस्किल से वो 1 हफ़्ता गुज़रा और इस बीच मैने अपनी वाइफ से सिर्फ़ 1 बार सेक्स किया...

शुक्रवार के दिन सुभह से हम दोनो को हल्दी का उबटन ल्गया गया ...हम दोनो को तय्यार किया गया .. शादी वाले गीत गाये गये और फिर रात को वरमाला हुई शिवानी को वरमाला मे देखकर ऐसा लगा की जैसे कोई परी ज़मीन पर उतर आई हो.... फिर डिन्नर के बाद शिवानी को तय्यार कर सुहाग रात वाले कमरे मे मेरी वाइफ सूची और अनु ने पहुचेया...

हम जेंट्स लोग नीचे बैठे मज़ाक कर रहे थे... तभी मेरी वाइफ का मोबाइल बज़ा मैने उठाया .. उस तरफ से उसकी भाभी का फोन था.... मेरे से बात हुई सो मैने उनसे कहा आप भतीजे को भेज दीजिए मैं भेज देता हू......

इतने मे मैने अपनी वाइफ को आवाज़ लगाकर नीचे बुलाया... और उसे फोन के बारे मे बताया.... उसने भी बात करी अपनी भाबी से. और वो तय्यार हो गई.. उसके पिताजी की तबीयत खराब हो गई थी उसे बुला रहे थे...
 
अनु उसे छोड़ने को तय्यार हो गयी और उसने लौट कर बताया कोई ख़ास्स बात नही है... थोड़ी तबीयत गड़बड़ थी सो उसे बुला लिया....

फिर मुझे रूम मे भेज दिया गया जैसे ही मैं कमरे मे घुसा तो हल्की सी रोशनी थी रूम मे.... बहुत ही अछी खुसबू आ रही थी....

मैं पान खा रहा था मैने अपना बेड रूम का दरवाजा बंद किया और उस पर परदा डाला और सभी खिड़कियाँ चेक करी... कमरे से सन्तुस्त होने के बाद मैं शिवानी के पास पहुचा....

शिवानी बेड से खड़ी हुई.... और मेरे पैर छुए....

सदा सुहागिन रहो.. मैने आशीर्वाद दिया.....और उसके पकड़ कर उठा लिया.... मैने शिवानी को मूह दिखाई की रसम दी और उस पर से उसका घूँघट हटा दिया... ओह गॉड जैसे बदली मे छिपा पूनम का चाँद निकल आया हो.... आज तो शिवानी बहुत ही खूबसूरत लग रही थी........ मैने उसका माथा चूम लिया.... शिवानी मेरी वाइफ के जेवर और रेड लेनहगा मे बहुत सेक्शी और खूबसूरत लग रही थी........

मैने कहा शिवानी आज जो हम करने जा रहे है यह सब विधि का विधान है और मेरी तरफ से तो बिल्कुल ही नज़ायज़ ही लेकिन तुम्हारी भी इच्छा इस्मै शामिल है और मेरी वाइफ की भी सो मैं तय्यार हो गया ....

लेकिन यदि तुमको तुम्हारी आंतेरात्मा पुकार कर कहे की यह ग़लत हो रहा है तो अभी भी मौका है.....

"नही मेरे राजा... मेरे मनुता.... मैं तन.. मन सब से आपकी हो चुकी हो..." अब कुछ नही सोचना मुझे और मुझे कोई मलाल नही है...

और वो मेरे से लिपट गई.... हम कुछ देर यूँ ही लिपटे रहे. मैं उसे कमरे मे लगे आदमकद आईने के सामने ले गया और उसके पीछे खड़ा होकर शिवानी की तारीफ करने लगा और हर तारीफ के साथ साथ उसको एक किस देने लगा. शिवानी मेरे किस और मेरे स्पर्श से गरमाना शुरू हो गई थी...... मैने शिवानी को कहा आज तुम अपना बदन इस आईने मे गौर से देखना...... ..तुम बहुत खूबसूरत हो शिवानी... मुझे ऐसा लग रहा है मेरी आज ही शादी हुई है....

" मेरे प्रियतम मुझे आज दुनिया की वो ख़ुसी दे दो जिसके लिए हर लड़कियाँ तड़पति है.. मैं तुम्हारी हू जानम मुझमे समा जाओ" शिवानी ने कहा

मैने धीरे धीरे शिवानी की चुनरी हटाई फिर उसके जेवर हटाए हर जेवर हटाने के बाद एक वेट किस दे रहा था.... फिर उसकी चोली खोली शिवानी को पिंक कलर की लेसी ब्रा पहनाई गई थी...... उसके मुम्मे उसकी ब्रा मे कसे हुए थे...... शिवानी के मम्मे देखकर ही मेरा लंड फुल तन गया था लेकिन अभी उसको खुराक मिलने मे देरी थी...

मैने शिवानी की ब्रा की स्ट्रिप्स लाइन पर बॅक मे कई किस्सस लिए. हर किस पर शिवानी पिघल रही थी...... उसकी ब्रा का हुक खोल दिया जिससे शिवानी के मस्त 36 साइज़ के मम्मे फड़फड़कर आज़ाद हो गये मैने शिवानी की ब्रा उसके बदन से अलग कर दी... और शिवानी की पीठ से चिपक गया..... शिवानी को ऐएहसास हुआ की मैं अभी अपना कुर्ता पहने हुए हू मैं शिवानी के कान मे धीरे धीरे फुसफुसा रहा था और उसके मम्मों से खेल रहा था " जान देखो तुम्हारे यह जोबन कितने मस्त है इतने तो तुम्हारी दीदी के नही है यह निपल तो एक दम टाइट हो गये है....." शिवानी अपने जोबन पर मेरे हाथ के स्पर्स और मेरी कराह भरी आवाज़ से ढीली पड़ती जा रही थी... " हा मनु यह तुम्हारे लिए तैय्यार हो गये है.... प्ल्ज़्ज़ लाइट बंद कर दो मुझे अब शर्म आ रही है..."

मैने कहा "नही रानी पहले मिलन मे लाइट का होना ज़रूरी है....."

और मैं शिवानी से थोडा दूर हट कर उसके पेट पर हाथ फेरने लगा और एक हाथ से अपना कुर्ता उतार दिया जिससे मेरा उपर का भाग बिल्कुल नंगा हो गया ........
 
मैं शिवानी के लहनगा के नाडे पर और शिवानी की नाभि पर हाथ फिरा रहा था और मैने अपनी नंगी छाती शिवानी की पीट से सटाई तो शिवानी सीत्कार कर उठी... 'उईईईई.... सीईईईई मनु.... तुम्हारा बदन तो ताप रहा है..... मुझे गुदगुदी होती है........" शिवानी बोली

मैने हाथ लेनहगा के ऊपेर से ही चूत पर रखा तो वाहा शिवानी ने मेरा हाथ दबा दिया......" हाअ .... मनुव यही हाईईईईईईईई इसकू प्यार करोओओओ प्लज़्ज़्ज़....... " "लाइट बंद कर दो...."

मैने शिवानी से कहा प्ल्ज़ तुम अपनी आँख बंद करो... जब तक मैं ना काहू आँख मत खोलना..... ..

शिवानी ने वैसा ही किया मैने रूम की सारी लाइट्स ऑफ कर दी... कमरे मे सिर्फ़ चाँद की रोशनी और नीचे फर्श लेवेल पर लगे नाइट लॅंप की रोशनी थी....... ऐसे मे शिवानी का बदन किसी संगेमरमर की मूरत के समान दमक रहा था.......

मैं अब पूरा नंगा हो गया था मेरा लंड आज अपनी साइज़ दुगुना फूला हुआ और सख़्त महसूस हो रहा था.....

मैं जाकर शिवानी से चिपक गया शिवानी से अब रहा नही जा रहा था....." "मनु मुझे कुछ हो रहा है.... "

मैने उसको शांत करते हुए शिवानी के लेन्ह्गे का नाडा खींच दिया जिससे वो खुलकर शिवानी के पैर तले जा गिरा..... शिवानी पॅंटी भी पिंक ही पहने हुए थी.... मैने शिवानी की पॅंटी के ऊपेर से ही जैसे उसकी कुँवारी लपलपाति चूत पर हाथ रखा शिवानी बहुत जोरो से कसमसा गई.... शिवानी की पॅंटी चूत के हिस्से से नीचे तक बहुत गीली थी...... मैं शिवानी की पॅंटी लाइन्स से उसको टीज़ कर रहा था......

" जान आँख खोल कर अपना बदन देखो कितना मादक लग रहा है"

शिवानी ने धीरे धीरे अपनी आँख खोली और झट से बंद कर ली... वो तो ऐसे शर्मा रही थी जैसे मैं उसका नंगा बदन पहली बार देख रहा हू..... मैने शिवानी की पॅंटी सरका दी... अब तक मैने शिवानी को अपना शरीर नही दिखाया था..... शिवानी की पॅंटी सरका कर मैने उसको दो कदम आईने की तरफ आगे चलने को कहा उसने ऐसा ही किया शिवानी की पॅंटी उसके शरीर से भर निकाल कर मैने पॅंटी के गीले हिस्से को सुँगा और चूसा उस्मआ से शिवानी के यौबान रस और पेशाब की मिलीजुली खुसबू आ रही थी........

मैने शिवानी की पॅंटी लेकर उसको भी सूंघने को कहा पर उसने पहले इनकार किया पर बाद मे मान गई थोडा सुँगा और झट से अलग कर दी.... मैं अब पूरा शिवानी की पीठ से सॅट गया था... जिससे मेरा लंड शिवानी की गांद मे जा लगा और शिवानी की चूत को मैने अपनी हथेली मे और दूसरी हथेली मे एक मम्मे को भरकर भींच लिया.... शिवानी कराह उठी.....

" उम्म्म्म.... सीईईईई हे ... भगवाअमन्‍न्‍णणन् मुझे क्या हो रहा है...... मनु मुझे बेड पर ले चलो नही तो मैं गिर पड़ूँगी... अब मेरी टांगे जवाब दे रही है...."

" अभी चलते है जान पहले अपने बदन के उस हिस्से का दीदार तो कर्लो जो सबसे पवित्र और हसीन है....जाअंन्न थोड़ा पैर फैलाओ..... "

शिवानी ने अपने दोनो पैर फैला दिए और थोड़ा नीचे को झुक गई जिससे शिवानी की पिंक चूत बिना बालो वाली मेरे सामने थी मैने कहा शिवानी देखो तुम्हारी चूत अंदर से कितनी रस भरी और गुलाबी है.....

मैने शिवानी की चूत मे उपेर से नीचे तक अपनी उंगली का अगला हिस्सा फिराया शिवानी की चूत लगातार पानी छोड़ रही थी.......

फिर शिवानी एक दम पलट गई और मेरा नंगा बदन देखकर मेरे से किसी नागिन की भाती लिपट गई....... मेरा लंड शिवानी के पेट मे गड़ रहा था मैं शिवानी के मम्मो को चूस और चबा रहा था... शिवानी की मस्त मखमली गांद को नोच रहा था....

" मुझे वाहा ले चलो....." उसने पलंग की तरफ इशारा करते हुए कहा....

मैं उसके पलग पर ले गया ... पूरे कमरे मे गुलाब और चंदन की खुसबू आ रही थी... पलंग गुलाब की पंखुड़ियो से सज़ा हुआ था ... पंखुड़ियों के कारण पलंग की चादर दिख नही रही थी......

शिवानी को मेरी बीबी की बात याद आई की पहले दूध पिलाना है दूध एक चाँदी के गिलास मे भरकर वही सिरहाने रखा था.... मैने शिवानी के हाथ से दूध पिया और थोड़ा सा छोड़ दिया.. मैने शिवानी को पलंग पर इस तरह से लिटाया की शिवानी की टाँगे ज़मीन पर और शरीर पलंग पर रहे. मैने शिवानी की टांगे फैलाई तो शिवानी सफाचट गुलाबी चूत खुल गई.... बचा हुआ दूध शिवानी की चूत के ऊपेर से लुड़काया और नीचे जीव लगाकर उसके मैं चाटने लगा... अब शिवानी के मूह से उ... सीईइ आअहह मत करो.... बहुत अछा लग रहा हाई.... हाआअ मैं जल राहियी हूओ...... ओह... ऐसा निकल रहा था और वो मेरा सिर अपनी चूत पर दबाते जा रही थी इधर मेरा लंड अपने पूरे उफान पर था........ शिवानी मेरी थोड़ी सी ही चूत चटाई से एक बार झार गई मैं दूध के साथ साथ उसका पूरा पानी चाट गया मैने शिवानी की चूत को सॉफ कर शिवानी की क्लाइटॉरिस को अपने होंठो मे दबाकर जीव से फ्लिक करना शुरू किया......

" शिवानी अब अपनी गांद उछाल रही थी... एयेए मनुव्व अब सहन नही हूता.
 
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