hotaks444
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मुझे ना जाने कितने मौके मिले उसके साथ एककार होने के मैं कब का उसे लड़की से औरत बना चुका होता पर मेरी आत्मा मुझे रोक देती थी. अंदर से आवाज़ आती थी नही मनु यह पाप है उसका साथ दो की वो बहके नही पर उसको धोका मत दो....
इस बीच उसकी सहेली सूची मेरे से जुड़ गई... वो शिवानी से ज़्यादा सुन्दर तो नही पर हा सेक्सी बहुत थी और मुझे मालूम था की उसका फार्मेसी डिपार्टमेंट मे कइयों से शारीरिक संबंध है सो जैसे ही उसने मुझे बुलाया सो मैने उसे भोगा... यही नही सूची ने अपनी 2-3 सहेलियों को मेरे साथ सुलाया...... पर यह सब काम मैं शिवानी के साथ नही करना चाहता था.... और कहते है इस्क़-मुस्क़-और खाँससी छुपाए नही छुपते यही हुआ मेरे और सूची के संबंधों का पता शिवानी को चल गया. हो सकता है पूरा ना चला हो पर उसको कुछ शक-ओ-सुबा तो हो ही गई थी.... मेरे दिमाग़ मे प्लान आया की क्यों ना इस मौके का फायडा उठाया जाए ...... यदि किसी का शक दूर ना करो और उसके साथ कोई हरकत कर दो तो वो बहुत चिड जाता है....मैने ऐसा ही किया और मैं सक्सेज हो गया..... वो मेरे से गुस्सा हो गई और मैने एक साल के लिए सहर ही छोड़ दिया.....क्योंकि मैं जब से उससे मिला उसको बहुत समझाया पर वो नही मानी.... और शायद मैं भी अपना आपा खोता जा रहा था कमजोर पड़ता जा रहा था.....
अनु और अश्विन दोनो रूम से उठकर बाहर निकल गये.... कुछ देर बाद लौटे..... अनु ने कहा " मनु एक बात बताओ की क्या तुम सिर्फ़ देना और सिर्फ़ देना चाहते हो कुछ लेना नही" तुम समझते क्या हो अपने आप को.... की तुम सच मे कोई भगवान हो अरे तुम तो एक ऐसे इंसान हो जो किसी को सिर्फ़ दर्द देते हो..... तुम्हारी ग़लतफहमी है की तुम सभी की मुश्किले अपने सिर पर ले कर उनको हल्का करते हो....
अनु की इस बात पर मैं चौंक पड़ा मैं ही नही जीतने वाहा पर थे सभी चौंक पड़े..... दोस्तो मैं बहस होने लगी .... और अनु अकेली पड़ने लगी... मेरा मन रोने को कर रहा था.... सो मैने उस दिन दारू पी ली.... ना जाने कितनी नीट ही पी गया .......... और मैं अपने होश खो बैठा.. मैं नशे मे चूर चूर हो गया था.... जब मेरी नींद खुली तो मैने टाइम देखा 2-30 हो रहे थे मुझे नही पता मैं उस कमरे से एक आलीशान बेडरूम मे कैसे पहुचा..... . उस बेडरूम की खुसबू मुझे जानी पहचानी लग रही थी मेरे शरीर पर जीन्स-टी-शर्ट की जगह कुर्ता पयज़ामा था... मेरे कपड़े कपबोर्ड की दरवाजे पर टँगे थे... मैं जैसे ही पलंग से उठा तो मेरे शरीर ने मेरा साथ छोड़ दिया और मैं धदाम से ज़मीन पर गिर पड़ा... मेरे पैर मे पट्टी बँधी हुई थी मैं रात की घटना को याद करने की कोशिश कर रहा था......मैं उठा और ड्रेसिंग टेबल पे रखा पानी का गिलास उठाकर जैसे ही मूह से लाया वो ताज़ा नीबू पानी लगा मैं पी गया मैने जग से फिर से पानी लिया वो भी ताज़ा नीबू पानी था...
कुछ देर तक मैं वही ड्रेसिंग टेबल से टिक-कर बैठा रहा फिर अपना सेल ढुंडा वो वन्हि टेबल पर रखा था... मैने उस्मै डेल्ड और रेसीएवेड कॉल्स चेक करी.... मैं उठकर बाथरूम मे गया फ्रेश होकर मैने अपने कपड़े बदले और जैसे ही रूम से बाहर निकलने लगा तो एक बहुत ही खनकती हुई सी आवाज़ मेरे कानो से टकराई....
मनु मैं दौड़ी दौड़ी आपके ही पास आ रही थी...... मुझे चलने मे काफ़ी तक़लीफ़ हो रही थी.......वो अनु थी जिसने मुझे अपने कंधे का सहारा देकर वापिस रूम मे ले जाकर सोफे पर बिठाया..... .
मैने अनु से सॉरी कहा और पूछा अनु प्ल्ज़ मुझे बताओ कल रात क्या हुआ....
"ज़्यादा कुछ नही... मनु.... आपने बस 3-4 बॉटल झोनी वॉकर व्हीश्के नीट अपने गले के नीचे कर के ज़िद करके उठे और भाग खड़े हुए.. जबार्दुस्त नशे के कारण सीडीयों से गिरे लेकिन फिर भी आप ना माने अपने अपनी बाइक स्टार्ट की और जाकर एक गाड़ी से भीड़ गये... उसके बाद आपको हम हॉस्पिटल ले गये जिससे भिड़े घायल तो वो भी बहुत है.... पर ठीक है... और आपको यह चोट लगी बस.... कोई 35-40 स्टिचेस है और हल्के हल्के दो फ्रॅक्चर बस......
इस बीच उसकी सहेली सूची मेरे से जुड़ गई... वो शिवानी से ज़्यादा सुन्दर तो नही पर हा सेक्सी बहुत थी और मुझे मालूम था की उसका फार्मेसी डिपार्टमेंट मे कइयों से शारीरिक संबंध है सो जैसे ही उसने मुझे बुलाया सो मैने उसे भोगा... यही नही सूची ने अपनी 2-3 सहेलियों को मेरे साथ सुलाया...... पर यह सब काम मैं शिवानी के साथ नही करना चाहता था.... और कहते है इस्क़-मुस्क़-और खाँससी छुपाए नही छुपते यही हुआ मेरे और सूची के संबंधों का पता शिवानी को चल गया. हो सकता है पूरा ना चला हो पर उसको कुछ शक-ओ-सुबा तो हो ही गई थी.... मेरे दिमाग़ मे प्लान आया की क्यों ना इस मौके का फायडा उठाया जाए ...... यदि किसी का शक दूर ना करो और उसके साथ कोई हरकत कर दो तो वो बहुत चिड जाता है....मैने ऐसा ही किया और मैं सक्सेज हो गया..... वो मेरे से गुस्सा हो गई और मैने एक साल के लिए सहर ही छोड़ दिया.....क्योंकि मैं जब से उससे मिला उसको बहुत समझाया पर वो नही मानी.... और शायद मैं भी अपना आपा खोता जा रहा था कमजोर पड़ता जा रहा था.....
अनु और अश्विन दोनो रूम से उठकर बाहर निकल गये.... कुछ देर बाद लौटे..... अनु ने कहा " मनु एक बात बताओ की क्या तुम सिर्फ़ देना और सिर्फ़ देना चाहते हो कुछ लेना नही" तुम समझते क्या हो अपने आप को.... की तुम सच मे कोई भगवान हो अरे तुम तो एक ऐसे इंसान हो जो किसी को सिर्फ़ दर्द देते हो..... तुम्हारी ग़लतफहमी है की तुम सभी की मुश्किले अपने सिर पर ले कर उनको हल्का करते हो....
अनु की इस बात पर मैं चौंक पड़ा मैं ही नही जीतने वाहा पर थे सभी चौंक पड़े..... दोस्तो मैं बहस होने लगी .... और अनु अकेली पड़ने लगी... मेरा मन रोने को कर रहा था.... सो मैने उस दिन दारू पी ली.... ना जाने कितनी नीट ही पी गया .......... और मैं अपने होश खो बैठा.. मैं नशे मे चूर चूर हो गया था.... जब मेरी नींद खुली तो मैने टाइम देखा 2-30 हो रहे थे मुझे नही पता मैं उस कमरे से एक आलीशान बेडरूम मे कैसे पहुचा..... . उस बेडरूम की खुसबू मुझे जानी पहचानी लग रही थी मेरे शरीर पर जीन्स-टी-शर्ट की जगह कुर्ता पयज़ामा था... मेरे कपड़े कपबोर्ड की दरवाजे पर टँगे थे... मैं जैसे ही पलंग से उठा तो मेरे शरीर ने मेरा साथ छोड़ दिया और मैं धदाम से ज़मीन पर गिर पड़ा... मेरे पैर मे पट्टी बँधी हुई थी मैं रात की घटना को याद करने की कोशिश कर रहा था......मैं उठा और ड्रेसिंग टेबल पे रखा पानी का गिलास उठाकर जैसे ही मूह से लाया वो ताज़ा नीबू पानी लगा मैं पी गया मैने जग से फिर से पानी लिया वो भी ताज़ा नीबू पानी था...
कुछ देर तक मैं वही ड्रेसिंग टेबल से टिक-कर बैठा रहा फिर अपना सेल ढुंडा वो वन्हि टेबल पर रखा था... मैने उस्मै डेल्ड और रेसीएवेड कॉल्स चेक करी.... मैं उठकर बाथरूम मे गया फ्रेश होकर मैने अपने कपड़े बदले और जैसे ही रूम से बाहर निकलने लगा तो एक बहुत ही खनकती हुई सी आवाज़ मेरे कानो से टकराई....
मनु मैं दौड़ी दौड़ी आपके ही पास आ रही थी...... मुझे चलने मे काफ़ी तक़लीफ़ हो रही थी.......वो अनु थी जिसने मुझे अपने कंधे का सहारा देकर वापिस रूम मे ले जाकर सोफे पर बिठाया..... .
मैने अनु से सॉरी कहा और पूछा अनु प्ल्ज़ मुझे बताओ कल रात क्या हुआ....
"ज़्यादा कुछ नही... मनु.... आपने बस 3-4 बॉटल झोनी वॉकर व्हीश्के नीट अपने गले के नीचे कर के ज़िद करके उठे और भाग खड़े हुए.. जबार्दुस्त नशे के कारण सीडीयों से गिरे लेकिन फिर भी आप ना माने अपने अपनी बाइक स्टार्ट की और जाकर एक गाड़ी से भीड़ गये... उसके बाद आपको हम हॉस्पिटल ले गये जिससे भिड़े घायल तो वो भी बहुत है.... पर ठीक है... और आपको यह चोट लगी बस.... कोई 35-40 स्टिचेस है और हल्के हल्के दो फ्रॅक्चर बस......