Indian Sex Story ब्रा वाली दुकान - Page 7 - SexBaba
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Indian Sex Story ब्रा वाली दुकान

बहरहाल अबकी बार समीरा मलिक ने जो लगातार अविराम चौपे लगाए तो मैं मजे की ऊंचाई पर पहुंच गया। वह मेरा पूरा लंड अपने मुंह में लेने की कोशिश करती और मेरे टट्टों को अपने हाथ में पकड़ कर मसलती जिसकी वजह से मुझे बहुत मज़ा आता है, लेकिन अब मैं अपने लंड के प्रदर्शन से संतुष्ट था क्योंकि एक तो कंडोम चढ़ा हो तो वैसे ही एक टाइमिंग बढ़ जाती है ऊपर से इस कंडोम के अंदर थोड़ी सी पेस्ट लगी होती है जो लंड की टोपी पर लगने के बाद उसको थोड़ा सुन्न देती है जिसकी वजह से लंड की टोपी पर घर्षण कम महसूस होती है और पुरुषों की टाइमिंग बढ़ जाती है। 
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समीरा मलिक 5 मिनट तक बहुत जोरदार ढंग से मेरे चौपे लगाती रही उसके बाद उसने लंड अपने मुंह से निकाला और मेरे टट्टों को अपने मुँह में लेकर चूसना शुरू कर दिए और साथ ही मेरे लंड की मुठ मारना जारी रखा। 
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उसका भी एक अनोखा ही मज़ा था, कुछ देर तक आँड चूसने के बाद समीरा मलिक पीछे हटी और सोफे पर जाकर लेट गई और बोली- चल आ जा अब मजे ले मेरे मम्मों के। समीरा मलिक ज़्यादा मोटी नहीं थी, उसकी कमर 30 थी जो एक साधारण स्मार्ट लड़की की होती है और उसकी गाण्ड 34 की थी जबकि उसके बड़े बड़े मम्मे उसके शरीर पर ऐसे लग रहे थे जैसे किसी बच्ची ने 2 छोटे आकार के खरबूजे अपने सीने पर रख लिए हैं। 28 साल की जवान समीरा मलिक सोफे पर लेटी एक सुंदर हसीना की तरह दिख रही थी और मैंने भी उसके बुलाने पर तुरंत ही उसके ऊपर लेटने में देर नहीं लगाई और उसके मम्मे हाथ में पकड़ कर जोर जोर से दबाने लगा साथ ही उसके मोटे नपल्स को अपने मुँह में लेकर चूसना शुरू कर दिया जिससे समीरा मलिक की हल्की-हल्की सिसकियाँ निकलने लगी और उसके हाथ मेरी पीठ की मालिश करने लगे।
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समीरा मलिक का शरीर हर तरह की सेक्सी नुमाइश के लिए अच्छा था, उसके नीचे झुकने पर उसके 38 साइज़ के भारी पर कम मम्मे कमीज से बाहर निकलने की कोशिश कर के दर्शकों के लोड़ों को खड़ा होने पर मजबूर कर देते थे और इस समय यही मम्मे मेरे मुँह में थे और मेरा लंड समीरा मलिक की दोनों जांघों के बीच में था और समीरा मलिक अपनी जांघों को आपस में मिलाकर मेरे लंड को मसल रही थी। 
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में समीरा मलिक के मम्मों को अपने हाथों में लेकर जोर से दबाता और अपनी जीभ की नोक से समीरा मलिक के मोटे सख्त निपल्स को रगड़ता जिससे उसकी उत्तेजना बढ़ रही थी और थोड़ी देर ही अभी मैं उसके भारी भरकम मम्मों से खेला था कि उसने मुझे पीछे हटा दिया और बोली चल अब मेरी चूत की प्यास मिटा। कितने दिनों से तेरा लोड़ा लेने के लिए तड़प रही हूँ डाल दे अब अंदर। मैंने कहा ठीक है और यह कह कर मैं उसकी टांगों की तरफ बढ़ा और उसके पैर खोलकर अपनी ज़ुबान उसकी गीली चूत पर रख दी। उसकी योनी से मालूम हो रहा था कि यह न जाने कितने लोड़ों को अपने अंदर समा चुकी है इसलिए अब कुछ विशेष टाइट नहीं थी मगर गर्मी इसमें कूट कर भरी हुई थी। मैंने अपनी ज़ुबान समीरा की योनी में रखकर रगड़ना शुरू किया तो उसने कुछ देर तो अपनी पैर मार मार कर अपनी उत्तेजना व्यक्त की और मेरा सिर पकड़ कर अपनी योनी पर जोर से रगड़ने की कोशिश करने लगी और साथ ही अपनी तेज सिसकियों से पूरी दुकान का माहौल गर्म कर दिया था, मगर फिर उसने कहा बस कर यार, अब मार मेरी योनी अपने लोड़े से। वह लंड लेने कि लिए कुछ ज्यादा ही बेताब थी, मैंने भी उसे अधिक परेशान करना उचित नहीं समझा और उसकी टांगों को खोलकर एक घुटना उसकी योनी के पास रखा और एक पैर सोफे के नीचे जमीन पर लगाकर अपने लंड की टोपी उसकी चूत मे फिट की और एक जोरदार धक्का मारा जिससे आधे से अधिक लंड समीरा मलिक की योनी में उतरता चला गया। 
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जैसे ही मेरा मोटा लंड समीरा मलिक की चूत में गया उसने एक हल्की सी चीख और लम्बी सी सिसकारी ली जिससे पता चला कि मेरे लंड ने उसको पहले ही धक्के में बहुत मज़ा दिया है, तो मैंने अपना लंड बाहर निकाल कर उसको एक बार फिर समीरा मलिक की योनी के छेद पर रखा और अपनी कमर का जोर लगाकर जोरदार धक्का मारा, इस बार मेरा पूरा लंड समीरा मलिक की योनी में गायब हो गया और उसने अब की बार थोड़ा जोरदार चीख मारी और फिर बोली धक्के मार बहनचोद ..... जोर से धक्के मार मेरी योनी में। मिटा उसकी प्यास। 

मैंने भी बिना समय बर्बाद किए समीरा मलिक की योनी में जोर से धक्के मारने शुरू कर दिए और शुरू से ही अपनी गति इतनी तेज रखी कि समीरा मलिक के लिए मेरे धक्के बर्दाश्त करना मुश्किल हो। ऊपर से मेरे लंड पर चढ़ा हुआ बारीक कंडोम भी समीरा मलिक की चूत की दीवारों पर ज़्यादा घर्षण दे रहा था जिसकी वजह से उसकी उत्तेजना और बढ़ रही थी मेरे जोरदार धक्के मारने पर समीरा मलिक के भारी भरकम मम्मे भी तेज तेज हिलते और उसके हिलते हुए मम्मों को देख चुदाई गति में और भी वृद्धि करता चला जा रहा था। समीरा मलिक के एक पैर को मैंने हल्का सा मोड़ा हुआ था और उसका पैर मेरी जांघ पर था जबकि दूसरे पैर को मैंने अपने कंधे पर रखा हुआ था और इस तरह समीरा की योनी तक मेरे लंड को काफी खुला रास्ता मिला हुआ था और मैं अपनी अच्छी गति के साथ समीरा मलिक की योनी की गहराई तक अपने लंड की टोपी को मार रहा था।
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समीरा मलिक की योनी में मेरा लंड पिछले 5 मिनट से लगातार बिना रुके धक्के लगाने में व्यस्त था और मैं एक पल के लिए भी रुका नहीं था, यही वजह थी कि मुझे समीरा मलिक के शरीर में कुछ तनाव पैदा होता हुआ महसूस हो रहा था और अब उसकी सिसकियाँ खतरनाक हद तक मेरी दुकान में गूंज रही थीं और मुझे यह भी डर लग रहा था कि कहीं उसकी तेज आवाज दूसरी दुकान में न सुनाई दे रही हों, लेकिन इस समय तो मेरे मन में चुदाई का भूत सवार था और समीरा मलिक की चूत का पानी निकालने के लिए और भी जोरदार धक्के मारना शुरू कर चुका था। कोई 7 मिनट की लगातार चुदाई के बाद समीरा मलिक के शरीर में तनाव बहुत बढ़ गया था और उसकी चूत भी पहले से थोड़ी टाइट हो गई थी, उसकी चूत की पकड़ मेरे लंड पर बहुत मज़बूत हो गई थी और अब मुझे ऐसे लग रहा था जैसे किसी युवा हसीना की चूत को चोद रहा हूँ। फिर अचानक ही समीरा मलिक शरीर ने झटके लेना शुरू किया और उसकी प्यासी चूत से पानी की एक धार निकली जिसने मेरे लंड के साथ साथ मेरे पेट और मसानी तक को भिगो दिया था। जितनी देर तक समीरा का शरीर झटके लेता रहा इतनी देर तक मैंने धक्के लगाना जारी रखे ताकि उसके वीर्य की आखिरी बूंद तक उसकी चूत से निकल जाए। जब समीरा मलिक के शरीर ने झटके लेना बंद कर दिए तो मैंने समीरा मलिक की चूत में झटके मारने बंद कर दिए और पूछा कि सुनाओ कैसी रही चुदाई ??? 
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मेरी बात पर समीरा मलिक बोली बहुत मज़ा आया आज तेरे से चूत मरवा कर, बहुत समय बाद किसी लोड़े ने मेरी चूत का इतना ढेर सारा पानी निकाल दिया है। फिर वह बोली मगर मुझे अपनी चूत में अब तक आपका लंड सख्त महसूस हो रहा है, आप फारिग नहीं हुए अब क्या ???? 

मैंने कहा अभी कहाँ समीरा साहिबा, अभी तो पार्टी शुरू हुई है। अब तो आपकी योनी को चोद चोद कर फुद्दा बनाना है। इस पर समीरा मलिक बहुत खुश हुई और बोली वाह, तुम तो मेरे अनुमान से भी अधिक तेज हो। यह कह कर समीरा मलिक अपनी जगह से उठ गई और मेरा लंड भी उसकी चूत से निकल गया, तो वह मेरे पास आई और मेरे होंठों को चूसने लगी। कुछ देर मेरे होंठों को चूसने के बाद वो बोली, अब बताओ अपनी रानी को कैसे चोदना पसंद करोगे तुम ??? 

मैंने कहा कि अब तुम मेरी गोद में बैठो ताकि नीचे से तुम्हारी चूत को जम कर चोद सकूँ। यह सुनकर समीरा मलिक ने मुझे सोफे पर धक्का देकर बिठा दिया और खुद तुरंत ही मेरी गोद में बैठ गई और मेरा लंड अपने हाथ में पकड़ कर उसको अपनी चूत के छेद पर रखा और फिर खुद ही एक ही झटके में मेरे लंड पर गिरी जिसकी वजह से मेरा लंड जड़ तक उसकी चूत में उतर गया। उसके बाद समीरा मलिक ने खुद ही मेरे लंड पर उछलना शुरू कर दिया और उछल उछल कर अपनी चुदाई करती रही। साथ ही वह अपने मम्मों को अपने हाथ में पकड़ कर उन्हें दबा रही थी और अपना एक होंठ अपने दांतों में दबा कर अपनी मस्ती व्यक्त कर रही थी। मुझे उसका यह शैली बहुत अच्छा लगा और मैं इसे ऐसे ही अपने लंड पर उछलने दिया। 
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जिस तरह वह अपने होंठ काट रही थी और अपने दोनों मम्मों को पकड़ कर उन्हें दबा रही थी और साथ ही लंड पर उछल कूद कर रही थी, ऐसा लग रहा था जैसे किसी इंग्लिश अश्लील फिल्म की सेक्सी हीरोइन अपने बड़े बड़े बूब्स के साथ चुदाई करवा रही हो। कुछ देर तक उछलने के बाद जब समीरा मलिक थक गई तो मैंने उसके चूतड़ों के नीचे हाथ रख कर उसे थोड़ा ऊपर उठाया और खुद सोफे के साथ टेक लगा कर नीचे से अपनी पंप चलाने की कार्यवाही को शुरू कर दिया। मेरा पंप शाफ्ट, यानी मेरा 8 इंच लंड तूफानी गति के साथ समीरा मलिक की योनी में जाता और उसके चूतड़ों का मांस मेरी जांघों के मांस से टकरा कर दुकान में धुप्प धुप्प की आवाज पैदा कर रहा था। कुछ देर बाद समीरा मलिक मेरे ऊपर झुक गई और इस तरह उसके मम्मे मेरे मुँह के बिल्कुल सामने आ गए और मैंने बिना समय बर्बाद किए उसके निपल्स को अपने दांतों में लेकर चूसना शुरू कर दिया और नीचे से अपने तूफानी धक्के समीरा मलिक की योनी में लगाना जारी रखे। जिसकी वजह से अब समीरा मलिक आह ह ह ह ..... आह ह ह .... आह ह ह ... आह ह ह ... उफ़ .फफ। एफ। एफ। । आह ह ह ह ... आह ह ह ह। । उम म म म म .... आह ह। राजा राजा राजा राजा उफ़ एफ एफ एफ .... वाव और व व व ..... आह ह ह ह। । । की मिलीजुली आवाज निकाल रही थीं। काफी देर तक मैं समीरा मलिक की इसी तरह चुदाई करता रहा और उसको अपने लंड की सवारी करवाता रहा है, तो मैंने समीरा मलिक से कहा कि अब वह मेरे लंड से उतरे और दूसरी तरफ मुंह करके मेरी गोद में बैठ जाए। 
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समीरा मलिक मेरे लंड से उतरी और फिर गोद से उतर गई और फिर काउन्टर की ओर मुँह करके अपनी गाण्ड बाहर निकालकर मेरे लंड के ऊपर ले आई और फिर उसने खुद ही मेरा लंड पकड़ कर उसको अपनी चूत के छेद पर रखा और एक बार फिर अपना पूरा वजन मेरे लंड पर डाल कर बैठ गई और मेरा लंड एक बार फिर उसकी चूत में उतर गया और मैंने समीरा मलिक की चूत में पीछे से धक्के पर धक्का लगाना शुरू कर दिया। इस शैली में बिठाने के बाद मैंने समीरा मलिक के दोनों मम्मों को अपने हाथ आगे लाके पकड़ रखा था और उन्हें जोर से मसल रहा था जबकि समीरा मलिक का एक हाथ अपनी चूत के दाने पर था और वह उसको तेज तेज मसल रही थी जबकि उसकी योनी में मेरा लंड लगातार चुदाई करने में व्यस्त था। अब की बार समीरा मलिक को चोदते हुए काफी समय हो गया था लेकिन अभी तक उसकी चूत ने हार नहीं मानी थी क्योंकि वह एक बार पानी छोड़ चुकी थी। जबकि मेरा लोड़ा एक तो कंडोम के कारण ऊपर से कंडोम में मौजूद टाइमिंग बढ़ाने सामग्री की वजह से अब तक तना हुआ था और उसकी टोपी सुन्न हो जाने के कारण शुक्राणु निकलने का अभी दूर दूर तक कोई नामोनिशान नहीं था। फिर मैंने समीरा मलिक को अपनी गोद उठाया और उसे काउन्टर के साथ टेक लगा कर खड़े होने को कहा। उसने अपने दोनों हाथ काउन्टर पर रखे और हल्का सा झुक कर अपनी गाण्ड बाहर निकाल दी। मैंने उसके 34 आकार के चूतड़ों पर 2 जोरदार थप्पड़ मारे जिससे उसके चूतड़ों पर मेरे हाथ का निशान भी बन गया। फिर मैंने अपने लंड को फिर से समीरा मलिक की चूत में फिट किया और एक ही धक्के में अपना लंड उसकी चूत में उतार दिया। खड़े होने की वजह से मेरा लंड पूरी तरह से उसकी चूत में नहीं जा रहा था, कोई 2 इंच के करीब लंड उसकी चूत से बाहर ही था, लेकिन इस तरह भी चोदने का अपना ही मजा था। 
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समीरा मलिक को उसके भरे हुए चूतड़ों से पकड़ कर लगातार उसकी चूत में धक्के लगा रहा था और थोड़ी थोड़ी देर के बाद उसके चूतड़ों पर एक हाथ भी मारता जिससे उसकी एक दर्द भरी सिसकी निकलती जिसमें मजे का समावेश भी होता था समीरा मलिक की चूत में यह दूसरा राउंड लगाते हुए मुझे 10 मिनट से ऊपर का समय हो चुका था और अब उसकी चूत थोड़ी टाइट होना शुरू हो रही थी जिसका मतलब था कि वह एक बार फिर अपनी चूत का रसीला पानी निकालने वाली है। जब मुझे लगा कि अब कुछ ही धक्कों से उसकी चूत पानी निकाल देगी तो मैंने तुरंत उसकी चूत से अपना लंड निकाल लिया जिस पर वह बोली अरे डालो ना उसको मेरी चूत में, मैं बस छूटने ही वाली हूँ, लेकिन मैं उसकी बात सुनी अनसुनी कर नीचे बैठ गया और उसकी गाण्ड के नीचे से अपना सिर दूसरी ओर लेजाने कर अपनी जीभ उसकी चूत के दाने पर रख कर उसको रगड़ना शुरू कर दिया, साथ ही मैं अपने हाथ 3 उंगलियां भी उसकी योनी में प्रवेश करा दी थी और उन्हें अंदर बाहर कर रहा था। 
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समीरा मलिक की चूत अंदर से बहुत गीली थी और आग की तरह गर्म हो रही थी जिससे मेरी उंगलियां जल रही थी मगर मैंने उंगलियों को अंदर बाहर करना जारी रखा और अपनी जीभ से समीरा मलिक की चूत के दाने को भी रगड़ता रहा। वह अभी भी काउन्टर का सहारा लेकर कर झुकी हुई थी और नीचे से उसकी चूत के दाने को लगातार मसल रहा था। कुछ ही देर बाद मुझे महसूस हुआ कि उसके पैरों मे कंपन शुरू हो गई हैं। तो मैंने अपनी उंगलियां उसकी चूत से निकाल ली और दोनों हाथों से उसके चूतड़ों को पकड़ लिया मगर अपना चेहरा उसकी चूत के ऐन सामने रखते हुए उसकी चूत के दाने को मसलना जारी रखा, तो कुछ ही क्षणों बाद मुझे ऐसे लगा जैसे किसी ने गरम पानी का गिलास मेरे मुंह में डाल दिया हो। हाँ यह समीरा मलिक की चूत का गर्म गर्म पानी था जो मेरे मुंह पर बरस रहा था और उसकी आह ह ह ह ह आह ह ह ह ... की आवाज निकल रही थीं। अब मैं उसकी चूत के दाने को छोड़कर ज़ुबान उसकी चूत के छेद पर फेर रहा था जिसकी वजह से उसकी चूत का गाढ़ा और चिकनाई वाला पानी मेंरे मुंह में भी गया जिसे मैं अमृत समझकर पी गया था। कुछ देर और झटके लेने के बाद समीरा मलिक शांत हो गई तो मैं उसके चुतड़ों के नीचे से निकला और उसे कहा कि वह अपनी जीभ से मेरे चेहरे को चाट कर साफ कर दे जिस पर उसकी चूत का पानी लगा हुआ था। समीरा मलिक जो मेरी चुदाई से अब पूरी तरह से संतुष्ट हो चुकी थी, उसने बहुत शौक से और प्यार के साथ मेरे चेहरे को चाटना शुरू किया और कुछ ही देर में अपना सारा पानी मेरे चेहरे से साफ कर दिया। और एक बार और फिर मेरे होठों को चूसना शुरू कर दिया। मैंने मुंह खोल कर उसकी ज़ुबान को अपने मुँह में लेकर चूसना शुरू कर दिया जहां से मुझे समीरा मलिक की चूत के पानी का स्वाद भी आ रहा था। 
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समीरा मलिक कुछ देर मेरे होंठ चूसती रही और फिर बोली अब तुम्हारा लंड झडा या अभी भी खड़ा है ??? मैंने कहा हाथ लगा कर देख लो ... समीरा मलिक ने हाथ नीचे मेरे पैरों में किया तो वहां 8 इंच का लोड़ा लोहे के रॉड की तरह अब तक तना हुआ था, यह देखकर समीर मलिक की आँखें फटी की फटी रह गईं, उसने घड़ी में समय देखा और बोली पिछले आधे घंटे से लगातार तेरा लंड मेरी चूत में है और पहले मैं तेरे चौपे भी लगा चुकी हूँ मगर यह कैसा लंड है कि बैठने का नाम ही नहीं ले रहा। मैंने समीरा मलिक को कहा जब तक यह आपकी गाण्ड का मजा नहीं चख लेता तब तक ऐसे ही खड़ा रहेगा . 

गाण्ड का नाम सुनकर समीरा मलिक की आँखों में डर और चमक के मिश्रित भाव दिखने लगे। मेरा अनुमान यही था कि वह पहले भी कई बार गाण्ड मरवा चुकी होगी क्योंकि ऐसा कैसे हो सकता है कि एक रंडी जो पता नहीं किस किस के लंड को अपनी चूत में ले चुकी हो उसकी कभी किसी ने गाण्ड ना मारी हो। मगर उसने शायद कभी 8 इंच का लोड़ा अपनी गाण्ड में नहीं लिया था जिसकी वजह से वह थोड़ी डर गई थी। 
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मैंने उससे पूछा क्या हुआ? तो वह बोली गाण्ड मरवाने का मजा तो आएगा मगर तेरा लोड़ा बहुत तगड़ा है यह मेरी गाण्ड की मूठ मार देगा। फिर समीरा मलिक खुद ही बोली चल तू भी क्या याद करेगा किस रंडी से पाला पड़ा है तेरा। आज मेरी गाण्ड भी जी भर कर मार ले। 

यह कह कर समीरा मलिक एक बार फिर नीचे बैठ गई और अब की बार उसने मेरे लंड पर चढ़ा हुआ कंडोम उतार दिया और फिर मेरे लंड को मुंह में लेकर उसके चौपे लगाने लगी कि मेरा लंड अब जल्दी वीर्य छोड़ दे। 5 मिनट तक मेरे लंड कोसमीरा मलिक ने खूब जी भर के चूसा और उसकी टोपी पर अपनी जीभ फेर फेर कर उसको फिर से फूलने पर मजबूर कर दिया। 5 मिनट तक मेरे लंड के चौपे लगाने के बाद समीरा मलिक खुद ही सोफे पर घोड़ी बन गई और बोली- गांड में डालने से पहले गाण्ड को चिकना कर लेना, 

मैंने उसकी बात सुनते ही अपने हाथ पर थूक फेंका और उसको समीरा मलिक की गाण्ड के छेद पर रगड़ दिया, फिर समीरा मलिक ने कहा अपना हाथ मेरे आगे कर, मैंने अपना हाथ समीरा मलिक के मुंह के आगे किया तो उसने भी एक थूक का गोला मेरे हाथ पर फेंका और मैंने उसको भी समीरा मलिक की गाण्ड में अच्छी तरह मसल कर एक उंगली उसकी गाण्ड में डाल कर उसको अच्छी तरह चिकना कर दिया था। उसकी गाण्ड कुंवारी नहीं थी, मगर फिर भी थी बहुत तंग और लंड डालने का अपना ही मज़ा आना था। 
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समीरा मलिक की गाण्ड को अच्छी तरह चिकना कर लेने के बाद एक बार मैंने अपना लंड समीरा मलिक की चूत में अंदर किया जो अब तक काफी चिकनी थी। इसका लाभ यह हुआ कि उसकी चूत का चिकना पानी मेरे लंड पर लग गया और उसे भी चिकना कर गया, तो मैंने लंड उसकी चूत से निकाला और उसकी गाण्ड के बारीक छेद पर टोपी रखकर अपना जोर लगाना शुरू किया जिससे मेरी टोपी समीरा मलिक की गाण्ड के छेद में प्रवेश कर गई और समीरा मलिक ने एक जोर की चीख मारी जिसे मैंने उसके मुँह पर हाथ रख कर रोक दिया। फिर मैंने एक जोरदार धक्का मारा जिससे आधे से कुछ कम लंड उसकी गाण्ड में उतर गया और फिर समीरा मलिक की चीख को मेरे हाथ ने रोक लिया जो उसके मुंह पर था। समीरा मलिक के पैर कांपने शुरू हो गये थे और उसे काफी तकलीफ हो रही थी मगर उसने लंड बाहर निकालने के कहने की बजाय कहा, उफ़ एफ एफ एफ .... आह में मर गई। । । आह ह हु मेरी गाण्ड ...... लंड बाहर न निकाले। । । कुछ देर ठहर कर एक और ऐसा धक्का मारना कि सारा लंड उतर जाए और फिर से आह मेरी गाण्ड ...... आह ह ह में मर गई आ ह आह आह .... जैसी सिसकियाँ लेना शुरू हो गई। मैंने थोड़ा इंतजार करने के बाद अपना लंड इतना बाहर निकाला कि उसकी टोपी अंदर ही रहे और फिर धक्का मारा तो आधे से कुछ अधिक लंड समीरा मलिक की तंग गाण्ड में उतर गया था और फिर उसने चीख मारी थी। अब मैं ने लंड को रोकने की बजाय धीरे धीरे उसकी गाण्ड में धक्के लगाने शुरू कर दिए थे जिनकी गति बहुत धीमी थी। 3 से 4 मिनट तक इसी धीमी गति के साथ धीरे धीरे उसकी गाण्ड में लंड अंदर बाहर करता रहा। 
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जब मेरा लंड धारा प्रवाह के साथ उसकी गाण्ड में अंदर बाहर होने लगा तो अब मैंने चुदाई की गति बढ़ाई और उसकी गाण्ड को बेरहमी के साथ चोदना शुरू कर दिया और समीरा मलिक भी किसी वहशी की तरह मार मेरी गाण्ड, फाड़ दे उसको, आह राजा राजा राजा। .. .. जोर से मार। । । आह ह ह। .. । आह ह ह ह। । आह। .. । । और जोर से मार मेरी गाण्ड की आवाजें निकालना शुरू हो गई थी। इसकी हर सिसकी के साथ अपने धक्के की तीव्रता में वृद्धि करता और एक जानदार धक्के के साथ अपना लंड उसकी गाण्ड में उतारता मैंने करीब 10 मिनट तक समीरा मलिक की गाण्ड मारी जिससे उसकी गाण्ड में मेरे लंड का आना जाना अब काफी तेज़ी के साथ चल रहा था और उसकी सारी दर्द भी खत्म हो चुकी थी और वो गाण्ड मरवाने का खूब मज़ा ले रही थी। धीरे धीरे मेरे लंड पर मौजूद कंडोम की दवाई का असर कम होता जा रहा था और मुझे लग रहा था कि अब किसी भी समय मेरा लंड जवाब दे सकता है। मैंने समीरा मलिक से पूछा कि लंड का वीर्य तुम्हारी गाण्ड में ही निकाल दूं तो उसने कहा नहीं, वीर्य मेरी चूत में ही चाहिए और एक बार फिर से मेरी चूत मारो ताकि मुझे ज़्यादा आराम मिल सके।
 
समीरा मलिक की फरमाइश पर अब मैंने उसकी गाण्ड से अपना लंड बाहर निकाल लिया और फिर उसे सोफे पर लिटा कर उसकी टाँगें खोल कर लंड उसकी चूत में उतार दिया। समीरा मलिक चूत गांड मरवा मरवा कर थोड़ी सूख चुकी थी, लेकिन लंड के अंदर जाते ही उसकी चिकनाहट में वृद्धि होने लगी और कुछ झटकों के बाद ही उसकी चूत पहले की तरह चिकनी हो गई और मेरा लंड धारा प्रवाह के साथ उसकी चूत में अंदर बाहर जाने लगा। और अब की बार में पूरी गति के साथ उसकी चूत में धक्के लगा रहा था
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 क्योंकि मैं जानता था कि अब मेरा पानी निकलने वाला है इसलिए फूल मज़ा लेना चाहता था चुदाई का। मेरे तूफानी धक्कों कारण समीरा मलिक के भारी भर कम मम्मे ऐसे हिल रहे थे जैसे किसी प्लेट मे जेली रखकर उसे हिलाएं तो वह हिलती है। और मेरे हर धक्के के साथ समीरा मलिक की एक सिसकी निकलती मिस में मज़ा ही मज़ा होता था, उसके साथ समीरा मलिक लगातार अपने हाथ से अपनी चूत के दाने को मसल रही थी। 
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5 मिनट चुदाई के बाद मुझे ऐसा लगने लगा कि मेरे टट्टों से कोई चीज़ निकल कर मेरे लंड की नसों से गुजर रही है और फिर मेरे तूफानी धक्कों में और भी सख्त हो गई और पिछले कुछ धक्कों में ये चीज़ मेरे लंड की टोपी तक पहुँच चुकी थी और फिर एक ही झटके में मेरी टोपी के छेद से वो चीज़ निकली और समीरा मलिक की चूत में वीर्य की बरसात होने लगी। चूत में जैसे ही मेरा गरम गरम लावा पहुंचा समीरा की चूत की सहनशक्ति भी जवाब दे गई और उसने भी गरम पानी छोड़ कर सुख का सांस लिया। कुछ देर तक मेरा लंड समीरा मलिक की चूत में झटके मार मार कर वीर्य निकालता रहा और समीरा मलिक की चूत भी टाइट होकर अपना पानी निकालती रही। फिर जब दोनों का पानी अच्छी तरह निकल गया तो मैं समीरा मलिक के ऊपर ढह गया।
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मैं पिछले एक घंटे से उसको चोद रहा था और उस समय मुझ सहित समीरा मलिक की भी बुरी हालत थी। उसने लेटे लेटे ही मुझे फिर से प्यार करना शुरू किया और बोली तेरा लंड तो कमाल का है, ऐसी चुदाई समीरा मलिक ने आज तक किसी ने नहीं की। यह कह कर उसने अपने हाथ मेरी कमर पर फेरना शुरू कर दिए और मेरे होंठों को भी चूसना शुरू कर दिया। काफी देर तक जब समीरा मलिक मेरे होठों को चुस्ती रही तो मैंने उससे कहा कि फिर से चुदाई का इरादा है क्या ??? 

समीरा मलिक ने कहा न बाबा, अब एक सप्ताह तो फिर से लंड लेने का नाम नहीं लूंगी, आराम मिल गया है आज। मैंने कहा तो यह जिस तरह आप मुझे प्यार कर रही हो, मेरा लंड खड़ा हो जाना है और मैंने फिर से पकड़ लेना है आपको। 

यह सुनकर समीरा मलिक ने तुरंत मुझे छोड़ दिया और बोली ना बाबा ना, इसे अभी सोया ही रहने दो अब मुझ में अब ज़्यादा चुदाई की हिम्मत नहीं पहले से ही आपने मेरी चूत और गाण्ड मार मार कर मेरा बुरा हाल कर दिया है। यह कर समीरा मलिक ने अपना ब्रा पहना और फिर बाकी के कपड़े पहन लिए। इसी दौरान मैंने भी अपने कपड़े पहन लिए और पहले ठंडा पानी पिया उसके बाद समीरा मलिक को भी पानी पिलाया। 4 बजने में कुछ ही देर रह गई थी, इस दौरान समीरा मलिक ने अपना पर्स निकाला और उसमें से कुछ पैसा निकालकर गिनने लगी। फिर उसने हजार हजार के कुछ नोट मेरी ओर बढ़ाए और बोली यह लो यह तुम्हारा इनाम मैंने कहा नहीं नहीं उसकी कोई जरूरत नहीं आख़िर मैने भी तो जी भर कर आपकी चूत और गाण्ड का मजा लिया है हिसाब बराबर। समीरा मलिक ने कहा नहीं, अपने वादे के अनुसार यह तुम्हारा इनाम है, और आगे भी जब भी मुझे तुम्हारे लंड की जरूरत महसूस हुई तो या तो आपकी दुकान पर आ जाउन्गी या फिर तुम्हें अपने पास बुला लूँगी और तुम्हें आना होगा। और अगर कभी तुम्हारा मन करे मेरी चूत लेने को तो तुम खुद भी मुझसे संपर्क कर सकते को यह कह कर समीरा मलिक ने ज़बरदस्ती मुझे वह नोट थमा दिए और इसी दौरान समीरा मलिक का भीमकाय बॉडीगार्ड भी अपनी कार ले आया, समीरा मलिक ने उसके अंदर आने से पहले मुझे एक प्यार भरा चुंबन दिया और उसके बाद दुकान का दरवाजा खोलकर बाहर निकल गई। 

समीरा मलिक के बाहर जाने के बाद मैंने उसके दिए हुए पैसे गिने तो वह पूरे 10 हजार थे। मैंने तो सोचा भी नहीं था कि वह इतनी बड़ी रकम महज अपनी चुदाई की दे देगी मुझे। 10 हजार की राशि देख कर मुझे लगा कि यह तो बड़ा अच्छा धंधा है, मजे का स्वाद कमाई की कमाई। और अगर मैंने इन 2 घंटों में 10 हजार कमा लिए हैं जोकि समीरा मलिक जैसी औरत है और बड़े लोगो और राजनेताओं के लंड पर सवार होती है वह कितना कमाती होगी। बहरहाल मैने समीरा मलिक के ड्रेस से मिलने वाली राशि और 10 हजार की राशि जो उसको चोदने का इनाम था एक साइड पर रख ली क्योंकि यह टोटल प्रॉफ़िट था। समीरा मलिक के ड्रेस विशेष ऑर्डर पर तैयार करवाने पर कोई विशेष खर्च नहीं आया था, वही 5000 जो एडवांस लिया था उन्हीं में उसके ड्रेस तैयार हो गए थे और ऊपर वाली राशि मेरा प्रॉफ़िट थी। यूं मेरे पास एक ही दिन में 25 हजार की राशि आ गई थी और मैंने पहली फुर्सत में ही अगले दिन जाकर बाजार से एक सेकेंड हैंड होंडा मोटर साइकिल खरीद ली जो मुझे बहुत अच्छे दाम मिल गई, 25 हजार अग्रिम देकर शेष राशि की मैंने 6 महीने की किश्तें बनवा ली थीं और इस प्रकार मैं एक अच्छी और करीब करीब नई होंडा बाइक का मालिक बन गया था। 

मेरे पास बाइक देखकर अम्मी भी बहुत खुश हुईं और उन्होंने आसपास के घरों में मिठाई बंटवाई क्योंकि हमारे लिए यह बहुत बड़ी बात थी। मलीहा को बताया तो वह भी बहुत खुश हुई और बोली मुझे फिर कब घुमा रहे हो अपनी इस नई मोटर बाइक पर ?? मैंने कहा जब तुम्हारा मन करे बंदा हाज़िर है

बहरहाल दुकान अब मैं लैला मेडम को किराया भी दे रहा था और मेरा दिन का आना जाना भी बाइक पर हो रहा था जिसकी वजह से मेरा दिन का रिक्शे का किराया बच रहा था और दुकान भी बहुत अच्छी चल रही थी। फिर एक दिन दोपहर के समय राफिया अकेले मेरी दुकान पर आई, और बाई चांस इस समय में खाना खा रहा था और दुकान का दरवाजा लॉक था मगर उसने फोन करके मुझसे दरवाजा खुलवा लिया था। मैंने उसको भी खाना परोसा मगर उसने खाने से इनकार कर दिया और मुझे कहा कि आप आराम से खाना खाओ मुझे कोई जल्दी नहीं और खुद आगे जाकर ब्रा और पैन्टी देखने लगी। आज शायद वह कुछ खरीदने के मूड में थी। जब मैं खाना खा चुका तो राफिया ने मुझसे एक ब्रा की मांग की जो पिछली कोठरी में प्लास्टिक के मम्मों वाले ढांचे पर लगा हुआ था और काफी सेक्सी मालूम हो रहा था। मैंने वह ब्रा राफिया को दिया तो उसने कहा यह ट्राई कर लूं ?? तो मैंने कहा हां ज़रूर क्यो नहीं तुम्हारी अपनी ही दुकान है। 
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यह सुनकर राफिया ने मुझे एक स्माइल दी और ट्राई रूम में चली गई। इस दौरान मेरा दिल किया कि कैमरे में राफिया को ब्रा बदलते हुए देखूं लेकिन फिर मैंने सोचा नहीं यह गलत है वह मेरी साली है और वैसे भी मैंने किसी लड़की को बेवजह इस तरह नहीं देखा था यह मेरा सिद्धांत था। राफिया ने यह ब्रा ट्राई करने में आश्चर्यजनक रूप से काफी देर लगा दी और कोई 5 मिनट तक वह ट्राई रूम में मौजूद रही। 

मेरे दिल ने बार बार कहा कि एक बार देखो तो सही वह अंदर क्या कर रही है मगर मेरी अंतरात्मा ने यह गवारा न किया और मैं कैमरे को ऑनलाइन नहीं किया। फिर 5 मिनट के बाद राफिया बाहर निकल आई और उसके हाथ में ही ब्रा थी, उसने वह ब्रा मुझे पकड़ाई और बोली जीजाजी कैसा लगा आपको यह ब्रा ??? मैंने कहा तुम्हारी पसंद है, वैसे भी शैली तो अच्छी है यह। 
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राफिया कहने लगी मुझे तो अच्छा लगा ही है आप बताएं आपको कैसा लगा ??? उसकी आँखों में हल्की सी शरारत थी मगर मैंने उसकी बात को नॉर्मल लिया और कहा कि अच्छा है ब्रा, तुम बताओ अगर तुम्हें पसंद है तो मैं पैक कर देता हूँ। राफिया ने कहा अगर आपको अच्छा लगा है तो पैक कर दें। मैंने अभी भी उसकी बात पर ध्यान दिए बिना ब्रा पैक किया। अब ब्रा पैक ही कर रहा था कि बाहर राफिया के कॉलेज की लड़कियाँ नीलोफर और शाज़िया आ गई। दुकान का दरवाजा लॉक नहीं था इसलिए वे दोनों दरवाजा खोलकर दुकान में आ गई और अंदर राफिया को देखकर थोड़ी हैरान हुई और उनके चेहरे से लगा जैसे उन्हें उसकी यहाँ उपस्थिति पसंद नहीं आई हो। मगर इन दोनों ने राफिया को औपचारिक हाई हेलो की और उसके बाद नीलोफर ने मुझसे पूछा कि कोई नई शैली में अच्छा सा ब्रा दिखाइए मैंने नीलोफर ब्रा दिखाया और चोरी चोरी नज़रों से शाज़िया को देखने लगा जो मुझसे चुदाई करवाने के बाद पहली बार मेरी दुकान पर फिर आई थी। 
 
वह भी कनखियों से मुझे देख रही थी जैसे विनती कर रही हो कि फिर से अपना लंड मेरी चूत में उतार दो। नीलोफर ने एक ब्रा पसंद किया तो उसने शाज़िया को दिखाया, शाज़िया ने कहा ट्राई कर लो, तो नीलोफर शाज़िया को लेकर ट्राई रूम में चली गई। जैसे ही नीलोफर और शाज़िया ट्राई रूम में गईं राफिया मेरी ओर मुड़ी और हंसते हुए धीमी सी आवाज मे कहने लगी, कैमरा ऑनलाइन कर लें जीजा जी ....

उसकी बात सुनकर मैं हक्का-बक्का रह गया कि यह क्या कह रही है? मैंने हकलाते हुए उससे कहा कि। । । क्या म् .. । म्ल। । । । मतलब त। त। तुम्हारा ??? इस पर राफिया ने हल्का सा ठहाका लगाया और बोली जीजाजी मुझे पता है आपकी चोरियों का, जो आपने कैमरा लगाया हुआ है ना ट्राई रूम में जिसमे आप थोड़ी देर पहले मुझे देख रहे थे ...

उसकी बात सुन कर मुझे एक झटका लगा और मेरी समझ में कुछ नहीं आया कि उसे क्या कहूँ ?? मेरे लिए राफिया की यह बात बिल्कुल अप्रत्याशित थी, खासकर उसका यह कहना कि मैं उसे देख रहा था। मैंने फिर उसे गुस्से से देखा और कहा, क्या मतलब है मैं तुम्हें देख रहा था ??? मैं तुम्हें इतना ही सम्मान देता हूँ कि तुम कैमरा मैं देखूँगा ब्रा बदलते हुए ?? 

मेरी बात सुनकर राफिया मुस्कुराई और बोली अच्छा अब तो मेरे सामने बड़े शरीफ बन रहे हैं ??? क्या आपने मलीहा आपी को नहीं देखा ??? उन्होंने मुझे सब बता दिया है। मैंने कहा मलीहा मेरी मंगेतर है अगर मैं उसे देख भी लूँ तो कोई हर्ज नहीं, तुम मेरी साली हो तुम्हारे बारे में ऐसा सोच भी नही सकता और न ही मैंने तुम्हें देखा है ब्रा बदलते हुए, और अगर मलीहा ने तुम्हें बता ही दिया है कि ट्राई रूम में कैमरा है तो उसने यह भी बताया होगा कि मैं केवल तब देखता हूँ जब मुझे लगता है कि अंदर कुछ गलत हरकतें हो रही हैं। वरना मैंने कभी यह कैमरा ऑन नहीं किया।


मेरी बात सुनकर राफिया थोड़ी सीरियस हुई और बोली अच्छा जीजा जी आप तो गुस्सा ही कर गए तो मजाक कर रही थी। बस आपको चेक करना था और आप पास हो गए। यह कह कर राफिया फिर से हंसने लगी। इतने में नीलोफर और शाज़िया भी ट्राई रूम से निकल आईं और बोलीं अब यह तो सही फिट नहीं है और हमें देर भी हो रही है हम फिर किसी दिन आकर ले लेंगे। यह कर कर नीलोफर और शाज़िया राफिया को घूरते हुए बार निकल गईं और कुछ देर बाद राफिया भी अपना खरीदा हुआ ब्रा लेकर बाहर चली गई। मगर मैं उसके जाने के बाद काफी देर तक उसके बारे में सोचता रहा। जो वह मुझसे बार बार पूछ रही थी कि आपको यह ब्रा कैसा लगा, उसका मतलब वह समझ रही थी कि मैं कैमरे में देख रहा हूँ, और हो सकता है उसने जो इतनी देर लगाई ट्राई रूम में उसका उद्देश्य शायद यह हो कि मैं उसका शरीर और उसके शरीर पर ब्रा अच्छी तरह देख लूँ ..... और अगर उसे मालूम था कि अंदर कैमरा लगा हुआ है तो आखिर वह ट्राई रूम में गई ही क्यों ?? 

वह तो वैसे ही काफी शर्मीली लड़की थी मगर उसे क्या हो गया है कि यह मालूम होते हुए भी कि ट्राई रूम में कैमरा है वह बदलने के लिए चली गई। और फिर बार बार मुझसे पूछती रही कि आपको ब्रा कैसा लगा ??? यानी कि वह अपनी ओर से ट्राई रूम में मुझे ब्रा दिखाने गई थी कि उसका विचार था मैं कैमरा ऑन कर के उसको देखूंगा ??? तभी मेरे मन ने कहा बास, हो न हो दाल में कुछ काला जरूर है। मैं जो सगाई से पहले राफिया से दोस्ती का इच्छुक था और वह मुझे प्यारी भी लगती थी मगर सगाई के बाद मैंने उसके बारे में इस तरीके से सोचना छोड़ दिया था अब फिर से मेरे मन में उसके बारे में पहले वाले विचार आने लग गए थे । 

फिर अगले ही दिन मलीहा और राफिया फिर से मेरी दुकान पर आ गई। और मलीहा ने मुझे बताया कि वे लोग एक शादी में जा रहे हैं तो यह एक सुंदर सा ब्रा चाहिए जो फोम वाला हो। मैंने एक अच्छा सा ब्रा मलीहा को दिखाया तो मलीहा ने राफिया से कहा कि आ जाओ में ट्राई कर लूं, मगर राफिया ने कहा मुझे नहीं जाना तुम जीजा जी को ले जाओ। 

राफिया बात सुनकर मलीहा ने एकदम हैरान होकर मेरी तरफ देखा और फिर गुस्से से राफिया को बोली यह क्या बकवास है ???
 
राफिया ने हंसते हुए कहा इसमें बुरा मानने वाली कौनसी बात है ??? मंगेतर हैं वे तुम्हारे, और वैसे भी मुझे यहाँ ज्वैलरी देखनी है, यह कह कर राफिया मुझसे मुखातिब हुई कि आप ही आप बता दें देखकर कि कैसा लग रहा है इन पर ब्रा, मेरा तो यह सिर खा जाती हैं। यह कह कर राफिया आभूषण देखने के लिए खड़ी हो गई और मैं मुस्कुराता हुआ मलीहा को देखकर कहने लगा चलो अब ऊपर वाले को यही मंजूर है, मैं अपनी आँखें बंद कर लूंगा कि तुम चिंता मत करो। यह कह कर मैं मलीहा को ट्राई रूम की तरफ ले गया, वह भी अनिच्छा से ट्राई रूम की तरफ बढ़ने लगी। उसे शायद उम्मीद नहीं थी कि राफिया उसे यह सलाह देगी और मैंभी राफिया की इस सलाह का मानूँगा जबकि राफिया के बारे में मैं कुछ कुछ अभी सही अनुमान लगा रहा था। 

मलीहा ट्राई रूम में गई और मैं भी उसके साथ अंदर जाकर कुंडी लगाने लगा तो राफिया की आवाज आई जीजा जी, 1, 2 ब्रा और ले जाओ आपी को आसानी से कोई चीज़ पसंद नहीं आती। यह सुनकर मैंने मलीहा से कहा तुम यहीं रुको 2 ब्रा और ले आता हूँ 

मलीहा ने मुझे रोका और बोली- मुझे शर्म आती है, राफिया क्या सोचेगी ??? 

मैंने कहा उसने क्या सोचना हैं, और वैसे भी तुमने उसे क्यों बताया कि मैं कैमरे में देख रहा था, अब उसने भी यही सोचा कि अगर कैमरा ही मैं तुम्हें देखना है तो क्यों न आमने सामने देख लूँ, बस तुम यहीं रुको मैं अभी आया। मैं बाहर गया तो राफिया ज्वैलरी वाली जगह को छोड़कर काउन्टर के अंदर खड़ी थी और मेरी कंप्यूटर स्क्रीन ऑन कर चुकी थी। मैंने यह देख कर कहा, यह क्या कर रही हो ??? इस पर राफिया मुस्कुराई और बोली उस दिन तो आपको ज़्यादा मौका नहीं मिला था आप दोनों के चुंबन देखने का मगर आज मैंने आप दोनों को चुंबन करते देखना है ...

मैंने धीरे से कहा राफिया तुम पागल हो रही हो क्या ??? तो राफिया ने कहा इस में पागल होने वाली कौन सी बात है ??? मुझे पता है अंदर आप दोनों चुंबन करोगे ब्रा तो आपी चेंज नहीं करेंगी सारा समय चुंबन में ही लगाकर आओगे और आकर कहोगे फिटिंग ठीक है ब्रा की अब चुप करके मुझे कैमरा ऑन कर दो ताकि मैं आप दोनों को चुंबन करते देख सकूँ।

राफिया के बारे में गलत सोच तो कल से ही मेरे दिमाग में चल रही थी मैंने सोचा चलो राफिया को फंसाने का यही तरीका ठीक है जब वह खुद ही गलत काम करना चाह रही है तो मैं भी इसका लाभ उठा लूँ यह सोच कर मैंने कैमरा ऑन कर दिया और जल्दी से 2 ब्रा उठाकर ट्राई रूम में चला गया जहां मलीहा मेरा इंतजार कर रही थी। अब यह तो मैं जानता था कि बाहर बैठी राफिया हमें देख रही है इसलिए मैंने भी सोच लिया था कि उसे उसकी उम्मीदों से बढ़कर ही कुछ दिखाना है। इसलिए अंदर जाते ही समय बर्बाद किए बिना मैंने मलीहा से कहा कि वो अपनी कमीज उतार दे, मलीहा भी जो पहले ही मुझे अपनी कमीज उतार कर अपना सीना दिखा चुकी थी और फोन पर मेरा लंड देखने को भी राजी हो चुकी थी, उसने तुरंत ही अपनी कमीज उतार दी और मैंने उसे घुमा कर अपने सीने से लगा लिया और उसके मम्मे पकड़ कर दबाना शुरू कर दिए
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 और उसकी गर्दन को चूमना शुरू कर दिया। मैं जानता था कि राफिया इतने की उम्मीद तो रही ही होगी कि मलीहा के मम्मे देखूंगा मगर आगे क्या कुछ होगा वह राफिया के मन में नहीं होगा। कुछ देर तक मलीहा मम्मे दबाता रहा और फिर धीरे धीरे अपना एक हाथ नीचे की तरह ले जा कर उसकी चूत के ऊपर ले लिया। मलीहा ने मुझे रोकने की सरसरी सी कोशिश की मगर फिर जैसे ही मेरा हाथ उसकी चूत के साथ लगा उसने मेरा हाथ जोर से पकड़ कर अपनी चूत पर दबा दिया और मैं धीरे धीरे उसकी सलवार के ऊपर से ही उसकी चूत को रगड़ना शुरू कर दिया। 
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कुछ देर बाद मैंने मलीहा की ब्रा के हुक को खोल दिया और उसका ब्रा उतार कर साइड में लगी खूंटी पर लटका दिया और पहली बार मलीहा के मम्मों को नंगा देख कर हैरान रह गया। उसके मम्मे बहुत सुंदर और सुडौल थे, उनकी बनावट ऐसी थी कि ब्रा उतर के बावजूद भी उसकी क्लीवेज़ बन रही थी और दोनों मम्मे आपस में कुछ हद तक जुड़े हुए थे। मैंने मलीहा को अपनी गोद में उठा लिया और उसे बताया कि उसके मम्मे बहुत सुंदर और सेक्सी है, अपनी गोद में उठाने के बाद मैंने मलीहा के मम्मों को मुँह में लेकर चूसना शुरू कर दिया
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 और मलीहा ने अपनी दोनों टाँगें मेरी कमर के चारों ओर लपेट लीं मलीहा को भी मम्मे चूसे जाने का बहुत मज़ा आ रहा था इसलिए वह हल्की हल्की सिसकियाँ भी ले रही थी और थोड़ी थोड़ी देर बाद मेरे सिर के ऊपर अपना सिर रखकर झुक जाती मगर मैंने उसे तुरंत ही सीधा किया क्योंकि कैमरा ऊपर की ओर था और अगर मलीहा यूं मेरे ऊपर झुकी होती तो बाहर बैठी राफिया को मलीहा के मम्मे नजर न आते जिन्हें मैं बहुत मज़े से चूस रहा था और बाहर बैठी राफिया की चूत निश्चित रूप से यह देख कर गीली हो रही होगी। मलीहा को मैंने कमर से सहारा देकर थोड़ा पीछे की ओर भी धकेल दिया और अपनी जीभ उसके निप्पल पर फेरने लगा जिससे मलीहा की सिसकियों में और वृद्धि होने लगी और साथ ही उसका शरीर हौले हौले कांप रहा था। 
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कुछ देर तक यूं ही मलीहा को अपनी गोद में उठाए खड़ा रहा, फिर मैंने उसके मम्मों को छोड़ कर उसे नीचे उतार दिया और उसके पेट पर बैठ कर चुंबन करने लगा, मैंने उसकी नाभि में अपनी ज़ुबान गोल गोल घुमाई और उसके बाद उसकी सलवार की तरफ जाने लगा, जैसे ही मेरी जीभ मलीहा की सलवार तक पहुंची उसने मुझे रोक दिया,
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 लेकिन मैंने मलीहा से कहा मुझे सिर्फ एक बार अपनी चूत दिखा दो आज। उसने मुझे मना किया और बोली हमने वादा किया था कि हम हनीमून पर ही सेक्स करेंगे बस, मैंने उससे कहा हां मैं तुम्हारी चूत हनीमून में ही फाड़ूँगा मगर आज तो केवल देखनी है, यह कह कर मैंने उसकी सलवार मामूली सी नीचे कर दी और उसकी कुंवारी चूत देख कर हैरान रह गया। उसकी चूत के होंठ आपस में मिले हुए थे और बीच में बिल्कुल भी जगह नहीं आ रही थी। उसकी चूत का दाना भी स्पष्ट नहीं था, चूत पर छोटे बाल थे जैसे कि उसने एक सप्ताह पहले अपने बाल साफ किए हैं। उसकी चूत देखने के बाद मैंने इस पर ज़ुबान रखी और उसको चाटने लगा। मलीहा ने एक बार फिर मुझे यह काम करने से मना किया मगर मैंने कहा बस 2 मिनट मुझे अपनी चूत चाटने दो और मैंने उसकी चूत को चाटना जारी रखा। 
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मेरा यहाँ मलीहा से सेक्स का कोई इरादा नहीं था क्योंकि ऐसी जगह पर सेक्स करना भी नही चाहता था, वह मेरी होने वाली पत्नी थी और घर में ही सेक्स करना उचित था, लेकिन इस समय राफिया को गर्म करना चाहता था जो बाहर बैठी हमारा सेक्स सीन देख रही थी। कुछ देर उसकी चूत चाटने के बाद में वापस खड़ा हो गया और अब मैने मलीहा के रसीले होंठों पर अपने होंठ रख कर उन्हें चूसना शुरू कर दिया और मलीहा का हाथ पकड़ कर अपने लंड पर रख दिया। जैसे ही मेरे 8 इंच लंबे और मोटे लंड पर मलीहा का हाथ लगा उसके हाथ को एकदम झटका लगा और उसने हाथ पीछे हटाने की कोशिश की मगर मैंने उसका हाथ मज़बूती से पकड़ कर अपने लंड पर रख दिया और उसके होंठ चूसना जारी रखे जब मलीहा ने कुछ देर बाद मेरा लंड अपने हाथ से मज़बूती से पकड़ लिया तो मैंने उससे कहा कि धीरे धीरे मेरे लंड को आगे पीछे करना। मलीहा ने मेरे कहने पर मेरे लंड की मुठ मारना शुरू कर दी और साथ चुंबन भी जारी रखा मेरी ज़ुबान मलीहा के मुंह में थी और मैं उसके मुँह में अपनी ज़ुबान गोल गोल घुमा रहा था। मलीहा भी काफी गर्म हो चुकी थी इसलिए वो कभी कभी मेरी जीभ को अपनी जीभ से चूसने भी लगी थी।
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थोड़ी देर तक चुंबन के बाद मैंने मलीहा को कहा कि अब वह मेरा लंड नंगा करके भी देखो जिस पर मलीहा ने इनकार कर दिया। मैंने मलीहा को प्यार से अपने गले से लगाया और उसका एक मम्मा अपने हाथ में पकड़ कर दबाते हुए उसे कहा कि देखो मैंने तुम्हारे मम्मे चूस कर और तुम्हारी चूत चाट कर तुम्हें मज़ा दिया है, अब तुम भी इतना तो करो कि एक बार मेरा लंड मेरी सलवार से निकाल कर उसे सलवार के बिना पकड़ो अपने प्यारे हाथ से। मलीहा ने कहा मुझे डर लगता है। मैंने कहा अरे मैं कौन सा लंड तुम्हारी चूत में डाल रहा हूँ केवल तुम्हे पकड़ना ही है। और वैसे भी फोन पर तुमने खुद ही तो कहा था कि तुम मेरा लंड देखना चाहती हो ... इस पर मलीहा ने कहा वह तो ठीक है मगर बाहर राफिया बैठी है। मैंने कहा अरे यार उसे क्या पता कि हम अंदर क्या कर रहे हैं। वह तो यही समझ रही होगी बस चुंबन आदि ही कर रहे हैं। इस पर मलीहा चुप हो गई और उसकी चुप्पी को हां समझ कर मैंने तुरन्त ही अपनी सलवार का नाड़ा खोल कर अपना 8 इंच का लंबा लंड बाहर निकाल लिया और उसे नीचे से पकड़कर सीधा उसके हाथ पर रख लिया ताकि ऊपर लगे कैमरे में लंड स्पष्ट रूप पर देखा जा सके। 

मलीहा की नज़र मेरे लंड पर पड़ी तो एक पल के लिए तो उसकी आंखें फटी की फटी रह गईं और वह बोली उफ़ तौबा ,,, इतना लंबा लंड तुम मेरी छोटी सी चूत में डालोगे ??? वह तो फट जाएगी ... मैंने उससे कहा जान अभी तो नहीं डाल रहा नहीं, अभी तो तुम्हे बस इसे पकड़ना है अपने इस प्यारे से हाथ में। 
 
यह कह कर मैंने मलीहा का हाथ अपने लंड पर रख दिया, उसने भी डरते डरते मेरा लंड पकड़ लिया और उसे हल्के हल्के हिलाने लगी। मैंने अपना चेहरा ऊपर कैमरे की तरफ करके एक सिसकी ली जैसे मुझे बहुत मज़ा आ रहा है, लेकिन वास्तव में राफिया की ओर मुंह कर रहा था कि लो, यह मेरा लंड देख लो तुम भी। मलीहा धीरे धीरे मेरे लंड को आगे पीछे कर रही थी तो एकदम से वह बोली यह इतना गर्म क्यों हो रहा है ???? 

मैंने कहा तुम्हारी चूत भी बहुत गर्म हो रही थी उसी तरह यह भी गर्म होता है। फिर मैंने मलीहा को कहा कि उसको अपने मुँह में लो। मलीहा ने कहा यह गंदा है। मैंने कहा तो तुम्हारी चूत कौन सा साफ सुथरी थी वह भी इतना बुरी थी मगर मैंने उसको प्यार किया ताकि तुम्हें मज़ा आए, तुम मेरे लिए इतना सा नहीं कर सकती ??? मेरी बात सुनकर मलीहा बेबसी से मुझे देखने लगी और मेरी आँखों में याचना देखकर नीचे बैठ गई और मैंने एक बार फिर अपना चेहरा ऊपर कैमरे की तरफ किया जैसे मैं राफिया को कह रहा हूँ कि जैसे तुम्हारी बहन मेरा लंड मुंह में लेने वाली है वैसे ही तुम्हे भी इसे अपने मुंह में लेना है पहले तो यह तुम्हारी चूत में जाएगा। 
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मलीहा ने मेरा लंड अपने हाथ में पकड़ लिया और उसके शाफ्ट पर अपने होंठ रख कर एक किस की और फिर से उसे देखने लगी। मैंने मलीहा से कहा कि प्लीज़ आगे भी किस करो। उसने कहा आगे वाले हिस्से पर आपका पानी लगा हुआ है। मैंने अपने हाथ से अपना वीर्य साफ कर दिया और उसे कहा अब अपने होंठों से किस करो उस पर। मलीहा ने अनिच्छा से अपने होंठ मेरे लंड की टोपी पर रख दिये और उन पर एक किस किया। फिर मैंने उसे कहा कि इस पर अपनी जीभ भी फेरे तो मलीहा ने अपनी जीभ बाहर निकाल ली और मेरे लंड की टोपी पर रख कर उस पर धीरे धीरे फेरने लगी। मलीहा की ज़ुबान अपने लंड पर महसूस करके मुझे बहुत मज़ा आ रहा था। मलीहा अब काफी गरम हो चुकी थी और उसकी शर्म भी काफी हद तक खत्म हो गई थी, उसने अपनी ज़ुबान अब मेरे लंड पर फेरना शुरू कर दी थी। वह टोपी पर ज़ुबान रखती और उसको लंड की जड़ तक फेरती जिससे मेरा लंड काफी गीला हो चुका था और मैं ऊपर मुंह करके सिसकियाँ ले रहा था। मैंने कैमरे की ओर मुँह करके एक आंख भी मारी क्योंकि मैं जानता था कि बाहर बैठी राफिया का चहरे उस समय लाल हो रहा होगा और सेक्स की गर्मी के मारे उसकी चूत गीली हो रही होगी, उसके भ्रम व गुमान में भी न होगा कि अंदर उसकी बहन उसके जीजू का लंड चुसेगी .
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कुछ देर बाद मैंने मलीहा को कहा कि एक बार इसको अपने मुँह में भी लो ना, तो मलीहा ने इस बार बिना कुछ कहे मेरे लंड की टोपी को अपने मुंह में ले लिया और उसको चूसने लगी। उसके दांत कुछ हद तक मेरे लंड पर चुभ रहे थे मगर मैंने हिम्मत करके उसको सहन किया क्योंकि अगर मैं उस पर व्यक्त करता कि मुझे तकलीफ हो रही है तो शायद वह मेरा लंड पुनः मुंह में लेने से ही इनकार कर देती। मेरा लंड मुंह में लेकर चूसते हुए मलीहा ने अपने एक हाथ से मेरे आँड भी पकड़ लिए और उन्हें दबाने लगी।

फिर पता नहीं उसे क्या हुआ कि वह लंड मुंह से निकाल कर एक दम हंसने लगी। मैंने पूछा अरे क्या हुआ हँस क्यों रही हो ??? वह बोली तुम्हारे इस छोटे आंडो देखकर हंसी आ रही है।
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मैंने कहा यह छोटे लग रहे हैं तुम्हे ??? तो वह बोली जितना बड़ा तुम्हारा लंड है उसके सामने तो तुम्हारे आँड छोटे ही हैं। मैंने कहा यह तो होते ही छोटे हैं। मलीहा बोली देखो तो तुम्हारा लंड कैसे इस समय सख्त हो रहा है जैसे लोहे का डंडा हो कोई और आँड देखो कैसे इनका मास लटक रहा है, यह कह कर वह फिर हंसने लगी। मैंने कहा अच्छा अब हंसी छोड़ो और खड़ी हो जाओ हमें काफी देर हो गई है। यह कह कर मैंने अपनी सलवार ऊपर करके फिर से नाड़ा बांध लिया और इससे पहले कि मलीहा अपनी कमीज पहनती, मैंने एक बार फिर उसको अपने पास करके उसके मम्मे चूसना शुरू कर दिए। और कुछ ही देर उसके बूब्स को चूस कर उसे छोड़ दिया और कहा, तुम कपड़े पहन कर बाहर जाओ मैं भी बाहर जा रहा हूँ। 
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यह कह कर मैंने तुरन्त ही दरवाजा खोला और जल्दी से बाहर निकल गया क्योंकि राफिया भाव देखना चाहता था, और मेरी उम्मीदों के सटीक सेक्स वासना और उत्तेजना के मारे राफिया का चेहरा उस समय लाल हो रहा था और मुझे इतनी जल्दी अपने सामने देखकर वह कंप्यूटर स्क्रीन भी बंद नहीं कर पाई थी जिस पर मलीहा अपना ब्रा पहनते हुए दिख रही थी। मैं राफिया के पास आया और उससे कहा, कैसी लगी फिर हम दोनों की मस्ती ??? राफिया सिर झुकाए बैठी रही उसकी साँसें तेज तेज चल रही थी और वह मुझसे नज़रें नही मिला पा रही थी। मैंने फिर पूछा अच्छा चलो चुंबन को छोड़ो ये बताओ अपने जीजू का "वह" कैसा लगा ???

इस पर भी राफिया कुछ न बोली बस अपनी हालत ठीक करने की कोशिश करती रही। फिर मैंने राफिया से कहा मैंने तो तुम्हें अपना "वह" दिखा दिया है लेकिन अब तुम भी मुझे अपने बूब्स दिखाओ क्योंकि पहले मैंने वास्तव में तुम्हें ब्रा बदलते हुए नहीं देखा था, लेकिन अब तुम्हारा सुंदर सीना देखने का मन कर रहा है। मेरी बात सुनकर राफिया काँपती हुई आवाज़ में महज इतना ही बोली सलमान भाई प्लीज़ .... मुझे आपसे यह उम्मीद नहीं थी।
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मैंने राफिया को कहा क्यों तुम खुद भी तो मुझे अपने बूब्स दिखाना चाहती थी, वह तो मेरी शराफत कि मैंने देखा नहीं। और अगर तुमने पहले मलीहा और मुझे चुंबन करते देखा तो यह भी देखा होगा कि मैंने उसकी कमीज उठाई हुई थी और उसके मम्मों को दबा रहा था। और तुम जानती थी कि अभी भी अंदर यही कुछ होगा, तुमने जानबूझकर मुझे मलीहा के साथ जाने को कहा और कैमरा भी ऑनलाइन करवाया कि तुम यह सब कुछ देख सको। जो तुम देखना चाहती थी वही तुम्हें दिखाया है। बस अब जो मैं देखना चाहता हूँ वह तुम मुझे दिखाओ और अब जल्दी से बाहर आओ मलीहा आने ही वाली है। यह कह कर मैंने कैमरा और कंप्यूटर स्क्रीन दोनों ही बंद कर दी और राफिया भी जल्दी उठकर काउन्टर से बाहर आ गई। और जब राफिया काउन्टर से बाहर निकल कर खड़ी हुई तभी मलीहा भी ट्राई रूम का दरवाजा खोलकर बाहर निकल आई उसके चेहरे पर अब तक अंदर होने वाले सेक्स की वजह से खुशी के आसार थे जबकि राफिया का चेहरा भी कुछ उड़ा उड़ा सा था वो मुझसे और मलीहा से नजरें नहीं मिला रही थी बस चुप खड़ी थी। मलीहा के बाहर आने के बाद मैंने मलीहा को 2 ब्रा अपनी पसंद के शापर में डाल दिए तो राफिया तुरंत जाने के लिए खड़ी हो गई। मलीहा अब कुछ देर और रुककर मुझसे बातें करना चाहती थी मगर राफिया ने उसको ऐसा न करने दिया और बोली कि घर से अम्मी का फोन आया है कि जल्दी आ जाओ काफी देर हो गई है। अम्मी का सुनकर मलीहा भी जल्दी जाने की ओर मुझे गुड बाय कह कर और हाथ मिला कर चली गई। 

इसके बाद काफी दिनों तक मलीहा और मेरी फोन पर बात चलती रही मगर राफिया ने न तो कभी मुझसे फोन पर बात की और न ही वह दुकान पर आई। हालांकि जब मलीहा और मेरी बात होती थी तो बीच में कभी कभी राफिया उससे फोन पकड़ कर मुझसे बात कर लेती थी। मगर जब से राफिया ने कैमरे में मेरा लंड देखा था उसने मुझसे बात नहीं की थी। इस बात से मुझे थोड़ी सी परेशानी तो हुई थी कि कहीं वह यह बात अपने घर न बता दे अगर उसे ज्यादा ही बुरी लगी हो मेरी यह हरकत मगर फिर मैंने सोचा कि अगर उसने बतानी होती तो वह अंत तक हमारा शो क्यों देखती ??? और अब तक मलीहा बता चुकी होती मगर मलीहा तो सामान्य बात कर रही थी मुझे उसने ऐसा कोई संकेत नहीं दिया था कि घर में राफिया के कारण कोई समस्या बनी हो। और वैसे भी मुझे यकीन था कि वह खुद ही यह सब कुछ देखना चाह रही थी और मैं उसकी इच्छा के अनुसार उसे दिखा दिया था। बस फर्क यह था कि उसे यह उम्मीद नहीं थी कि इतनी जल्दी यह सब कुछ हो जाएगा। इसलिए मैंने उसके बारे में चिंतित होना छोड़ दिया और मुझे पता था कि वह जरूर कुछ दिनों तक सामान्य हो जाएगी 


फिर एक शुक्रवार वाले दिन मैंने दोस्तों केसाथ ट्यूबवेल पर नहाने का कार्यक्रम बनाया और सुबह 6 बजे ही हाफ़ निक्कर और टी शर्ट पहन कर बाइक स्टार्ट कर दोस्त की तरफ जाने लगा कि मेडम लैला की कॉल आ गई। इतनी सुबह लैला मेडम कॉल देखकर मुझे काफी आश्चर्य हुआ। मैं फोन अटेंड किया तो लैला मेडम से हाय हेलो के बाद लैला मेडम ने पूछा कि मैं सुबह कॉल करके तुम्हें तंग तो नहीं कर रही??? मैंने कहा नहीं मैम मैं तो खुद ही आज सुबह उठ गया था मेरा अपने दोस्तों के साथ ट्यूबवेल पर नहाने का कार्यक्रम है आज। मेरी बात सुनकर लैला मैम ने कहा ओ हो ..... तो आप अपने दोस्तों के साथ जा रहे हो ??? मैंने कहा हाँ ... कुशल है? कोई काम है तो बताएं ... 

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लैला मैम ने कहा वास्तव में आज मैंने सोचा था कि तुम्हारे साथ जाकर जरा अपनी हवेली को चक्कर लगा आउन्गी तो मैंने कहा कौन सी हवेली ?? आपके गांव में ?? लैला मैम बोलीं नहीं लोहादिया चौक से कुछ आगे बहावलपुर रोड पर हमारी जमीन है तो वहाँ हम एक हवेली बनवा रहे थे जिसका काम अभी रुका हुआ है। मगर महीने में एक बार वहां का चक्कर जरूर लगाती हूँ तो मैंने सोचा आज तुम्हारे साथ वहीं चली जाऊं। मैंने लीला मैम को कहा कोई बात नहीं मेडम आप कहती हैं तो मैं आ जाता हूँ ... मैम ने कहा लेकिन तुम्हारा अपना कार्यक्रम? मैंने कहा कोई बात नहीं मेडम वह हम अगले शुक्रवार को बना लेंगे। मेरा विचार था कि लैला मैम मुझे मना कर देंगी और कहेंगी कि हम अगले शुक्रवार हवेली चले जाएंगे मगर अब तुम अपने दोस्तों के साथ जाओ। लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ उल्टा लैला मैम ने मुझे कहा ठीक है फिर तुम आ जाओ मेरे घर यहां से इकट्ठे आगे निकल जाएंगे। 

मुझे लैला मेडम पर गुस्सा तो बहुत आया लेकिन फिर सोचा कि चलो शायद लैला मैम का काम ज्यादा जरूरी हो तो इस तरह किसी की मदद करने में क्या हर्ज है जब उन्होने मुश्किल समय में मेरा साथ भी दिया। यही सोच कर मैं वापस अपने कमरे में गया और एक अंडर वेअर उठाकर पहन लिया क्योंकि अब लैला मैम को देख कर मेरा लोड़ा अकारण ही खड़ा हो जाता था और मैं नहीं चाहता था कि लैला मैम कभी यह सोचें कि उन्हें देख कर मेरी हालत खराब होती है इसलिए मैंने अंडर वेअर पहन लिया और मोटर साइकिल पर लैला मेम के घर पहुंच गया। उनके घर भी इसी कच्छे और टी शर्ट में चला गया था। मैंने उनके घर में प्रवेश किया तो लैला मैम अपने लॉन में ही बैठी मेरा इंतजार कर रही थीं। मुझे बाइक पर देखकर वह काफी हैरान हुई और पूछा यह तुम्हारी अपनी है ??? तो मैंने कहा जी मैम बस कुछ दिन पहले ही ली है। लैला मैम ने मुझे बाइक की बधाई दी और बोलीं चलो फिर तुम्हारी बाइक पर ही चलते हैं। क्या कैसा रहेगा है ??? मैंने कहा ठीक है मैम जैसे आपकी मर्ज़ी। दिल ही दिल में खुश हुआ कि लैला मैम मेरे साथ जुड़कर बाइक पर बैठेंगी लैला मैम इस समय एक सलवार कमीज और छोटा दुपट्टा पहने थीं। उन्होंने कहा चलो फिर तुम्हारी बाइक पर ही चलते हैं और उन्होंने मुझे बाइक स्टार्ट करने के लिए कहा और खुद मेरे पीछे मेरे कंधे पर हाथ रख कर बैठ गईं।
 
मैंने बाइक को रेस दी और उनके घर से निकल कर लुहाडिया चौक की तरफ बढ़ने लगा जहां से मुझे आगे बहावलपुर रोड से जाना था। सुबह 6 बजकर 30 मिनट का समय था रोड पर अधिक यातायात नहीं था इसलिए मैं थोड़ा तेज गति के साथ बाइक चला रहा था कि अचानक सड़क पर लुहाडिया चौक से कुछ पहले एक बच्चा आ गया जिसकी वजह से मुझे अचानक ब्रेक लगानी पड़ी और लैला मैम बाइक की सीट पर थोड़ा फिसल कर मेरे पास आ गईं और उनके 36 आकार के कसे हुए मम्मे मुझे अपनी कमर पर महसूस होने लगे। लैला मैम ने मुझे कहा कि ध्यान से बाइक ड्राइव करो तो मैंने गति थोड़ी धीमी रखी मगर हैरानी की बात यह थी कि लैला मैम फिर से पीछे नहीं हुई बल्कि वह अपने मम्मे मेरी कमर में घर्षण करते हुए मेरे साथ चिपक कर बैठी रहीं जिसकी वजह से मेरे अंडरवेअर मे मेरे लंड ने सिर उठाना शुरू कर दिया था और मैं पहले ही अंदाज़ा कर रहा था कि मैंने अंडर वेअर पहन लिया था। लैला मैम के मम्मे लगातार मेरी कमर के साथ लगे हुए थे मगर उन्होंने कोई ऐसी हरकत नहीं की थी जिसकी वजह से मैं यह समझता कि वह इस समय सेक्स के लिए तैयार हैं, न तो उन्होंने मेरी कमर पर अपने मम्मों को मसला और न ही ज्यादा चिपक कर बैठी, जितना करीब वह ब्रेक लगने के कारण हुई थीं बस इतना ही करीब होकर बैठी थी और उनके मम्मे मेरी कमर पर अपनी मौजूदगी का अहसास दिला रहे थे। 

कुछ ही देर बाद हम बहावलपुर रोड पर पहुँच चुके थे जहां करीब 2 से 3 मील की दूरी पर जाकर लैला मैम मुझे एक कच्चे रास्ते पर चलने को कहा और मैं बाइक कच्चे रास्ते पर चला दी। यहाँ बाइक की गति काफी धीमी थी और सड़क पर खुड्डे की वजह से काफी झटके लग रहे थे। इन्हीं झटकों की बदौलत अब बार बार लैला मैम के मम्मे मेरी कमरे से टकरा रहे थे और झटके लगने के कारण मम्मे मात्र स्पर्श नहीं होते थे बल्कि पूरी तरह मेरी कमर के साथ दब जाते थे। मगर लैला मैम इस बार नहीं बोलीं कि बाइक ध्यान से ड्राइव कतो क्योंकि वे जानती थीं कि बाइक पर इस तरह के झटके तो लगेंगे ही जब रोड खराब होगा तो वह चुपचाप मुझे कसकर पकड़ कर बैठी रहीं और मैं अपनी कमर पर लैला मैम के मम्मों को महसूस करके खुश होता रहा। यहाँ लैला मैम मुझे रास्ता बताती रहीं और कुछ देर के बाद लैला मैम ने एक निर्माणाधीन मकान नुमा कोठी के सामने बाइक रोकने के लिए मुझे कहा। मैं बाइक रोकी तो लैला मैम बाइक से उतरीं और अपने पर्स में से एक चाबी निकालकर हवेली के बड़े गेट पर लगा ताला खोला और गेट खोलकर मुझे बाइक अंदर लाने को कहा। अंदर काफी खुला ग्राउंड था जिसमे कुछ पौधे लगे हुए थे और चन्द एक पेड़ भी थे और ग्राउंड में घास थी। 

हवेली देखकर लग रहा था कि यहाँ कोई नहीं रहता और चीजें काफी बिखरी हुई थीं। लैला मैम दरवाजा खुला छोड़ कर अंदर आ गई और मैंने भी बाइक एक साइड पर खड़ी कर दी। लैला मैम किसी से फोन पर बात कर रही थीं और छोटी सी बात के बाद मैम ने फोन बंद कर दिया। फिर लैला मैम ने मुझे कहा कि आओ तुम्हें अपनी हवेली दिखाऊ यह कह कर लैला मैम मेरे आगे आगे चलने लगीं और उनकी फिटिंग वाली कमीज से उनके 32 आकार के हिलते हुए चूतड़ देख देख कर मैं अपने लोड़े को मसल रहा था। हवेली में जाकर लैला मैम मुझे अलग कमरे दिखाने लगीं और उनके बारे में बताने लगी कि किस कमरे को किस उद्देश्य के लिए इस्तेमाल किया जाएगा। हवेली बहुत बड़ी थी पूरी हवेली दिखाते दिखाते लैला मैम को 20 मिनट हो चुके थे और अब हवेली कुछ हिस्सा ही देखना बाकी था। इतने में मुझे कमरे से बाहर ग्राउंड में एक महिला और 2 पुरुषों आते दिखाई दिए। लैला मैम ने भी उन्हें देख लिया और मुझे लेकर उनकी ओर चल पड़ी ये यहाँ काम करने वाले लोग थे, निर्माण तो रुका हुआ था मगर मैम लॉन की सफाई आदि और कुछ अन्य जरूर काम हर महीने करवाती थीं। उनमें से एक माली था जिसको लैला मैम ने लॉन सफाई और पौधों की सफाई का काम दिया जबकि एक व्यक्ति को महिला के साथ सभी कमरों की सफाई करने को कहा और उसके बाद मुझे हवेली के पिछले हिस्से में ले गईं। वहाँ एक सुंदर सा लॉन बना हुआ था जिसमें कुछ कुर्सियों लगी हुई थीं और आगे एक साइड पर एक छोटे आकार का स्विमिंग पूल था जिसमे इस समय खासी मिट्टी और पत्ते आदि पड़े थे .. स्विमिंग पूल से थोड़ा ही आगे एक ट्यूबवेल लगा हुआ था। मैंने लैला मैम से पूछा कि क्या यह ट्यूबवेल चलता भी है तो लैला मैम ने बताया कि हां यह चलता है और हम अपनी जमीन में लगी फसल को पानी देते हैं। 

मैंने आगे बढ़कर देखा तो ट्यूबवेल का हौज खासा बड़ा था और इसमें नहाने का निश्चित ही मज़ा आता मगर इसमें गंदा पानी भरा था। जिसमें नहाना संभव नहीं था। लैला मैम ने मेरी चिंता देखते हुए पूछा नहाने का इरादा है क्या इसमें ??? मैंने कहा जी मेडम, आज बड़ा मूड था त्यबवेल पर नहाने का अब सामने है तो मन कर रहा है। मैम ने कहा मगर इस समय तो इसमे पानी खासा गंदा है। मैंने इधर उधर नजर दौड़ाई तो एक साइड पर मुझे एक बड़े आकार की बाल्टी रखी दिखी, मैंने मैम को कहा गंदा पानी में अब निकाल देता हूँ तो ट्यूबवेल चलाकर सफाई करके नहा लूँगा। मैम ने कहा, तुम एक मिनट रूको, करमू का खत्म हो जाए तो फिर वह सफाई कर देगा। मैंने कहा नहीं मैम में खुद कर लूँगा उसको तो बहुत देर हो जाएगी और फिर धूप भी तेज हो जानी है तो मैं ये कर लेता हूँ। यह कह कर मैंने अपनी टी शर्ट और बनियान उतार कर ट्यूबवेल के पाइप पर लटका कर कच्छा ऊपर करके बाल्टी उठाकर ट्यूबवेल के गड्ढे में घुस गया और वहां से गंदा पानी बाल्टी भर-भर कर बाहर निकालने लगा। कुछ देर में जब सारा पानी बाहर निकल गया तो नीचे मौजूद कचरा और ईमेल आदि को मैंने झाड़ू से साफ किया और काफी तालाब की सफाई कर ली। इस दौरान लैला मैम वापस हवेली के कमरे में जा चुकी थीं और वहां मौजूद नौकरों से काम करवा रही थीं। 

मैंने ट्यूबवेल चलाया और जब थोड़ा पानी स्वीमिंगपूल में भरा तो ट्यूबवेल बंद करके फिर से तालाब का पानी निकाला ताकि ज़्यादा गंद बाहर निकल जाए और अंदर ताजा और फ्रेश पानी रह जाए। इस काम में मुझे करीब आधा घंटा लग गया था और मुझे खासा पसीना आ चुका था। मगर ये सारी सफाई कर लेने के बाद में स्वीमिंगपूल से बाहर निकल आया और लैला मैम का इंतजार करने लगा। क्योंकि हौज़ के आगे निकलने वाला पाइप बंद था और मुझे नहीं पता था कि क्या उसे खोलना है ताकि पानी फसलों की ओर जा सके या फिर इसे बंद ही रखना है और फसलों तक पानी जाने से रोकना है। 15 मिनट के इंतजार के बाद लैला मैम आ गई और पूछा कि तुम ने नहाना शुरू नहीं किया अब तक ??? मैंने मैम से पानी के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा खोल दो वैसे भी तुम सफाई न भी करते तो ट्यूबवेल चलाकर फसलों को पानी तो देना ही था। यह सुनकर मैंने हौज के गड्ढे से आगे निकलने वाले पाइप का बड़ा सा ढक्कन हटा दिया ताकि पानी आगे निकल सके और उसके बाद पीछे बनी छोटी सी कोठरी से ट्यूबवेल ऑन कर दिया। लैला मैम और मैं ट्यूबवेल के बड़े पाइप से ठंडा पानी निकलता देख रहे थे। मैंने मैम से नौकरों के बारे मे पूछा तो मैम ने बताया कि वे जा चुके हैं। उनका काम पूरा हो गया। अब बस ट्यूबवेल चलाकर खेतों तक पानी पहुंचाना है और फिर वापसी।
 
मैं ने मैम से पूछा कि आप भी नहाती हैं ट्यूबवेल में ??? तो मैम ने कहा हां जब मेरे पति चल फिर सकते थे तो हम दोनों यहाँ आकर नहाते थे। मैंने कहा तो आज भी नहाएँ, बहुत ठंडा पानी होता है ट्यूबवेल का आराम मिल जाएगा। मेरी बात पर मेडम की आँखों में चिंता काफी स्पष्ट थी, मगर उन्होंने बेबसी से कहा नहीं मेरे सारे कपड़े खराब हो जाएंगे। मैंने कहा तो मेरे कपड़े पहन लें

... मैम ने कहा नहीं तुम्हारे भी तो खराब होंगे और वापसी पर बाइक पर जाना है तो गीले कपड़े की वजह से हवा लगेगी और निमोनिया हो सकता है। मैंने कुछ सोचने के बाद कहा आप ऐसा करें मेरी बनियान पहन लें वापसी पर मैं बनियान नहीं पहनूंगा टी शर्ट पहन कर चला जाऊंगा। मैम ने कहा और मेरी सलवार ???? मैंने मैम की सलवार को देखा और कहा मैं अंडर वेअर तो पहना हुआ हेागर आप चाहें तो मेरी हाफ़पेंट पहन सकती हैं। लैला मैम ने कहा नहीं तुम चलो। बस आप नहाओ में फिर कभी नहा लूंगी जब एक्स्ट्रा कपड़े साथ ले आउन्गी मैंने मैम पर अधिक जोर नहीं डाला और ट्यूबवेल के तालाब की ओर चला गया। वहां जाकर मेरे दिल में ख्याल आया कि क्या पता मैम का भी मूड बन जाए नहाने का इसलिए अपने हाफ़पेंट उतार दूं। 

मैंने मेम से कहा, यदि आप बुरा न माने तो मैं अपनी हाफ़पेंट उतार दूँ ??? नीचे अंडर वेअर है। मैम ने कहा हां उतार दो इसमें पूछने वाली कौनसी बात है। मैंने तुरंत अपनी हाफ़पेंट उतारी और ट्यूबवेल के तालाब में कूद गया जो अब भर चुका था, उसमें पानी के निकलने वाला छेद काफी ऊंचा था जिसकी वजह से इस हौज में पर्याप्त पानी जमा हुआ था और मेरे पेट तक हौज में पानी मौजूद था। पानी में डुबकी के बाद एक बार में ट्यूबवेल से निकलने वाले पानी के नीचे सिर करके खड़ा हो गया और अपने पूरे शरीर पर पानी गिरने दिया। ठंडा ठंडा पानी सिर पर पड़ने से बहुत आराम मिल रहा था। जब मैंने ट्यूबवेल के नीचे से सिर निकाल कर कुछ गहरी सांसें लीं तो मैंने देखा कि लैला मैम गड्ढे के बिलकुल करीब खड़ी थीं और मुझे नहाते हुए देख रही थीं। मैं लीला मैम के थोड़ा करीब हुआ और अपने दोनों हाथ छाती पर बांध कर कांपते हुए कहा मैम बहुत ठंडा पानी है, आ जाइए आप को भी बहुत मजा आएगा। मैम ने मुस्कुराते हुए कहा मन तो बड़ा है, लेकिन कपड़ों की समस्या है। मैंने कहा मैम आप कपड़ों की चिंता न करें, अपनी कमीज उतार कर मेरी बनियान पहन लें और सलवार की जगह मेरी हाफ़ पेंट पहन लें और घबराएँ नहीं दोनों साफ है मैंने आज सुबह ही यह बनियान और हाफ़पेंट पहनी है। धूलि हुई हैं। 

मैम ने मुस्कुराते हुए कहा नहीं वो बात नहीं, तुम्हारी बनियान तक तो ठीक है वह पहन सकती हूँ लेकिन तुम्हारी हाफ़पेंट ..... वो तो आप वापसी पर तुम्हे ज़रूर पहननी है। मैंने कहा मैम वो मेरी समस्या है आप परेशान न हों, बस आप कपड़े बदलें और आ जाएं। मैम ने फिर से कहा नहीं यार तुम्हारी हाफ़पेंट खराब हो जाएगी। मैंने फिर हंसते हुए कहा उसका तो यही हल है कि जैसे मैं अंडर वेअर में नहा रहा हूँ आप अपने अंडर वेअर में नहा लें। यह कह कर मैंने एक मामूली ठहाका लगाया और फिर से ठंडे पानी के नीचे अपना सिर ले गया। कुछ देर ठंडा पानी सिर पर फिर से डालने के बाद मैं तालाब में एक जलमग्न और तैराकी करते हुए एक कोने से दूसरे कोने की ओर चला गया। हौज़ खासा बड़ा था, उसकी न्यूनतम लंबाई 20 मीटर होगी। और इतना लंबा तालाब बनवाने का उद्देश्य वास्तव में यही होगा कि मैम अपने पति के साथ इसमें नहाती होंगी। दूसरी ओर पहुंचकर मैं एक बार और जलमग्न हुआ और वापस ट्यूबवेल से निकलने वाले पानी के पास आ गया, वहाँ पहुँच कर मैंने फिर ट्यूबवेल के नीचे अपना सिर किया और फिर सांस लेने के लिए अपना सिर बाहर निकाला तो मेरी ऊपर की सांस ऊपर और नीचे की सांस नीचे रह गई 

तालाब के बाहर लैला मैम मेरी बनियान पहन कर खड़ी थीं। बनियान का गला बाद काफी बड़ा होता है इसलिए मेरी बनियान से लैला मैम के उभरे हुए मम्मे स्पष्ट दिख रहे थे और उनकी सुंदर कलयूेज भी बनी हुई थी। बनियान के नीचे मैम का काले रंग का ब्रा स्पष्ट नजर आ रहा था। मेरे अंडर वेअर में लंड ने एक बार फिर से सिर उठा लिया था और मुझे यह सोच सोच कर ही कुछ होने लगा था कि अब कुछ देर बाद लैला मैम और मैं इसी गड्ढे में इकट्ठे नहाएँ और मैं लैला मैम के बदन से खेलूंगा। इतने में मुझे ट्यूबवेल के पाइप पर अपनी हाफ़पेंट दिखी तो मैंने एकदम से लैला मैम के पैर की तरफ देखा कि अगर मेरी हाफ़पेंट वहीं है तो लैला मैम ने क्या पहना है ...


. वाहह । । । । क्या नज़ारा था वह जब मैंने लैला मैम के पैरों की तरफ देखा। लैला मैम ने अपना दुपट्टा अपनी टांगों पर लपेट रखा था जो शायद उनकी जांघों को ढक रहा था। दुपट्टे के नीचे शायद मैम ने पैन्टी पहनी हुई थी। बिल्कुल सकते की हालत में मैम को देख रहा था जब मैं तभी मैम की आवाज़ आई, मेरा हाथ पकड़ कर खींची तो मैं होश में आया तो लैला मैम ने अपना सुंदर हाथ मेरी ओर बढ़ाया हुआ था जिसको मैंने तुरंत ही थाम लिया, तो मैम ने अपनी एक टांग ऊपर उठाई और ट्यूबवेल के तालाब की दीवार पर रख दी। दीवार खासी ऊंची होने के कारण मेम को काफी मुश्किल हुई अपनी टांग ऊपर रखने में, और इसलिए मुझे मैम के पैरों के बीच का नज़ारा भी मिल गया। मैम का एक पैर गड्ढे की दीवार पर और एक नीचे जमीन पर था और मेरी नजरें मैम के दुपट्टे के बीच में थी जहां से मैम की काले रंग की पैन्टी स्पष्ट दिख रही थी। 

लेकिन अब की बार मैंने होशओहवाश को नियंत्रण में रखा और लैला मैम की पैन्टी से नजरें हटाकर जो टांग उनकी नीचे जमीन पर थी उसके साइड वाले नितंब पर हाथ रखकर मैम को ऊपर उठने में मदद की तो लैला मैम ने दूसरे पैर को उठाकर भी ट्यूबवेल के तालाब की दीवार पर रख लीया और फिर वहीं पर बैठ गईं। इस तरह बैठने से न केवल मुझे लैला मैम की पैन्टी बहुत स्पष्ट दिख रही थी बल्कि उनकी क्लीवेज़ और मम्मों की गहराई भी बहुत स्पष्ट दिख रही थी। फिर मैंने लैला मैम को अंदर आने को कहा तो उन्होंने एक हल्की झुरझुरी ली जैसे उन्हें डर लग रहा हो। मैंने कहा क्या हुआ मैम? तो वह बोलीं पानी बहुत ठंडा होगा और मुझे तो वैसे ही बहुत ठंड लगती है। यह सुनकर मैंने मैम को कहा तो आप ऐसा करें अपने ब्रा को भी उतार दें बस बनियान ही पहने रखें वरना बाद में ब्रा गीला होने के कारण भी आपको ठंड लगेगी। मैम ने कहा अब तो मैंने बनियान पहन ली अब फिर उतारकर ब्रा नहीं पहन रही। मैं एक मिनट में आपका ब्रा उतार देता हूँ बिना बनियान उतारे यह कह कर मैंने मैम की कमर पर हाथ रख कर उनकी बनियान ऊपर उठाई और उनकी कोमल और मुलायम कमर पर हाथ फेरने के बाद मैम की ब्रा का हुक खोल दिया और बनियान वापस नीचे कर दी। इस दौरान मैम ने मुझे कंधे पर हाथ रख कर पकड़ा हुआ था। 

ब्रा हुक खोलने के बाद मैंने मैम की ब्रा की स्ट्रिप उनके दोनों हाथ से ऐसे निकाली कि वह बनियान के नीचे से ही निकले और उसके बाद आगे मैम की बनियान में हाथ डाल कर अपने दोनों हाथ मैम के मम्मों पर रख कर उनके ब्रा को पकड़ा और मम्मों को हल्के ढंग से दबा कर ब्रा उतार लिया और बनियान वापस नीचे कर दी, फिर मैंने मैम को कहा तो जरा संभल कर बैठें में आपका ब्रा पाईप पर लटका देता हूँ, यह कह कर मैं मैम से पीछे से हटा तो उन्होंने तालाब की दीवार पर हाथ रख लिए, लेकिन गड्ढे में उतरने की हिम्मत नहीं की। मैंने मैम का ब्रा ट्यूबवेल के पाइप पर अपनी हाफ़पेंट के साथ रख दिया और वापस आकर मैम को पकड़ लिया। फिर मैंने एक हाथ मैम के चूतड़ों पर रखा और एक कमर पर रखकर मैम को अपनी गोद में उठा लिया तो मैम ने मुझे कसकर पकड़ लिया जैसे उन्हें गिरने का डर हो। मैंने फिर मेम को आराम के साथ तालाब में उतार दिया जिससे उनकी एक सिसकी निकली। ये सिसकी ठंडे पानी की वजह से थी जैसे हमें शावर के नीचे होते हुए एकदम से झुरझुरी आती है और सिसकी से निकलती है। पानी में जाते ही मैम ने अपने दोनों हाथ अपने सीने पर बांध लिए और आँखें बंद कर लीं जबकि मैं आंखें फाड़ फाड़कर मैम के सेक्सी शरीर को देख रहा था और मेरा मन कर रहा था कि अभी अपना 8 इंच का लंड बाहर निकालूं और मैम की नाजुक चूत में डाल दूं जो काफी समय से लंड के लिए तरस रही है। मगर मैं ऐसा नहीं कर सकता था, ऐसा करने के लिए उनकी सहमती ज़रूरी थी मैम को अगर गुस्सा आ जाता तो वह मेरी दुकान भी मुझसे खाली करवा सकती थीं इसलिए मुझे इंतजार करना था कि कब मैम खुद मेरे लंड की मांग करें। 

मैं कुछ देर तक ऐसे ही लैला मैम को देखता रहा फिर मैंने मैम से कहा कि आप पानी से इतना डरती क्यों हैं? मैम ने आँखें खोली और बोलीं मैं पानी से नहीं डरती बस मुझे ठंड अधिक लगती है। मैंने कहा चलें अब तो आप पानी में आ गई हैं अब एक डुबकी भी लगा लें पानी में। यह कह कर मैंने मैम को उनके सिर से पकड़ कर नीचे की ओर धकेला और उनका मुंह पानी में डाल दिया, पानी में जाने से पहले मैम ने हल्की सी चीख मारी मगर जैसे ही उनका मुंह पानी में गया उन्होंने अपना मुंह बंद कर लिया और कोई चीख नहीं निकली। कुछ सेकंड पानी में रहने के बाद मैम वापस बाहर निकल आईं और अब उनके बदन पर कंपकंपी हुई थी और आँखों में चमक भी थी। उन्हें शायद अच्छा लग रहा था ट्यूबवेल पर नहाना। लेकिन अब की बार मैंने मैम को ध्यान से देखा तो एक बार फिर नज़रें हटाना भूल गया। मैम ने मेरी जो बनियान पहन रखी थी वह बहुत बारीक थी और मैं उनका ब्रा तो उतार ही चुका था नीचे से। बनियान गीली होने के कारण उनके बदन से चिपक गई थी और उनके मम्मे और छोटे ब्राउन निपल्स बनियान में बहुत स्पष्ट नजर आ रहे थे। मैम इस बात से अनजान कि मेरी नजरें उनके मम्मों पर हैं और मैं उनके निप्पल देख रहा हूँ पानी देख कर खुश हो रही थीं। फिर मेम ने मेरी ओर देखा और बोलीं तुम्हें ठंड नहीं लग रही है, जब कि तुमने सिर्फ अंडर वेअर पहन रखा है। मैंने कहा नहीं मैम मैं तो नहाता रहता हूँ ट्यूबवेल के पानी में मुझे ठंड ही नहीं लगती, यह कह कर मैं ट्यूब वैल से निकलने वाले पानी के नीचे जाकर खड़ा हो गया और अपना चेहरा मेडम की ओर किया। पानी मेरे सिर पर गिर रहा था और दबाव की वजह से पानी सिर पर गिरने के बाद फैल कर आगे मैम की तरफ जा रहा था। 

मैम मुझे पानी के नीचे देख कर खुश हो रही थीं, उन्होने अब की बार खुद ही पानी में एक डुबकी लगाई और कुछ सेकंड तक पानी में रहने के बाद फिर बाहर निकल आईं, उनके सिर से पानी चेहरे से होता हुआ नीचे गिर रहा था और वह अपन दोनों हाथों को चेहरे और आंखों पर फेर कर पानी साफ कर रही थीं। कि अचानक उनकी नजर अपने मम्मों पर पड़ी जहां उनके नपल्स बहुत स्पष्ट नजर आ रहे थे, तो उन्होने चौंक कर मेरी तरफ देखा और मेरी नजरें उस समय मैम के हल्के ब्राउन नपल्स पर ही थी। लैला मैम थोड़ी शर्मिंदा हुई और बोली ये बनियान तो बहुत बारीक है, इसमे तो सब कुछ दिख रहा है। तुम नहाओ, मैं जा रही हूँ। यह कह कर मैम तालाब की दीवार की ओर जाने लगीं, उनका निकलने का इरादा था, लेकिन मैंने आगे बढ़कर मैम को पकड़ लिया और कहा इसमें ऐसी कौन सी बात है मैम, मैं भी तो सिर्फ अंडर वेअर में ही नहा रहा हूँ। आपने तो भी बनियान पहन रखी है। मैंने मैम को उनके पेट के आसपास हाथ डाल कर रोका था। मैम ने इस पर मुझे कुछ नहीं कहा लेकिन मेरी ओर मुंह करके बोलीं तुम लड़के हो, तुम्हारी चलती है, मगर मैं औरत हूँ और मेरी जगह केवल मेरे पति ही देख सकते हैं। मैंने कहा अरे मैम इसमें भला इतना घबराने वाली कौनसी बात है। वास्तव में बनियान बारीक बहुत है इसलिए ऐसे आपके निपल्स नज़र आ रहे हैं, लाएं में सही कर देता हूँ। यह कर मैंने मैम की पहनी हुई बनियान नीचे से पकड़कर उठा कर उनके बूब्स पर रख दी और उसका निचला हिस्सा बनियान के ऊपरी भाग के साथ मोड़ दिया, बनियान अब थोड़ी मोटी हो गई थी लेकिन अब मैम की नाभि, अर्थात् नेवल दिख रही थी जो बहुत सुंदर थी, मैंने एक बार फिर बनियान को नीचे से पकड़ा और उसको फिर से फ़ोल्ड करके मॅम के मम्मों पर चढ़ा दिया। 

अब बनियान काफी मोटी हो गई थी और लैला मैम के मम्मे दिखना बंद हो गए थे लेकिन उनका पूरा पेट नंगा हो गया था। और बनियान अब ब्रा का रूप ले चुकी थी जो केवल लैला मैम मम्मों को घेर थी। बनियान सेट करने के बाद मैंने लैला मैम के पेट पर हाथ रखकर फेरा और उन्हें कहा मैम वैसे आपके शरीर को देखकर लगता नहीं कि आप 32 साल की महिला हैं। लैला मैम मेरी बात सुन कर मुस्कुराई जैसा कि हर लड़की और औरत अपनी तारीफ सुन कर खुश होती है। लैला मैम ने कहा फिर मैं कितने साल की औरत लगती हूँ ??? मैंने कहा अरे मैम औरत तो लगती ही नहीं, आपकी फिट बॉडी और फिगर देखकर तो लगता है कि आप 23, 24 साल की जवान लड़की हैं। मेरी बात सुनकर लैला मैम के गालों पर लाली आ गई थी और वह बोलीं, लगता है लड़कियों को पटाने का काफी अनुभव है तुम्हें। उनकी बात सुनकर मैं भी हंसने लगा और बोला कहाँ मेडम आपको तो आज तक पटा नहीं सका और लड़कियों को क्या खाक पटाउँगा यह कह कर मैं भी हंसने लगा और लैला मैम भी मेरी बात सुनकर हंसने लगीं और उसके बाद फिर से पानी में एक डुबकी लगाई और अब की बार वह तैराकी करने लगी थीं। उन्हें तैराकी करता देखकर मैंने भी तैराकी शुरू कर दी और ऐसे ही हम तालाब के दूसरे किनारे पर पहुँच गए। यहां तालाब की गहराई थोड़ी सी ज्यादा थी और पानी हमारे सीने तक आ रहा था। लैला मैम की कद काठी अच्छी थी, वह करीब-करीब मेरे बराबर ही थी। पानी उनके बूब्स को छू रहा था यहाँ भी। 

यहां पास ही गड्ढे में वह छेद था जहां से तालाब का पानी का बाहर निकालता है। मैं उसके सामने जाकर बैठ गया और पानी का रास्ता रोक लिया। अब पानी का निकलना बहुत कम हो गया और ट्यूबवेल से निकलने वाला पानी हौज़ को बहुत तेजी से भर रहा था। लैला मैम ने अपने पति के बारे में बताया कि वह भी इसी तरह पानी रोककर तालाब में पानी इतना कर लेते थे कि बस हमारा चेहरा ही पानी के बाहर रह जाता था। मैंने कहा नहाने का मजा ही ऐसे आता है खाली पेट तक पानी हो तो इसमें मजा नहीं। कुछ ही देर में पानी का स्तर काफी ऊंचा हो गया और पानी लैला मैम की गर्दन तक पहुंच चुका था और उन्हें यहाँ खड़े होना मुश्किल होने लगा था, वह वापसी के लिए बढ़ी तभी मैं छेद से पीछे हट गया और पानी का बहाव तेज़ी से छेद की तरफ बढ़ा और पानी निकलने लगा। पानी के इस दबाव के कारण लैला मैम थोड़ी सी लड़खड़ाई तो मैंने आगे बढ़कर उन्हें पकड़ लिया और उन्होने भी मेरे शरीर के आसपास अपने हाथ लपेट लिए। यहाँ मैं थोड़ा नीचे झुका और अपना चेहरा पानी के अंदर ले गया, पानी के नीचे आँखें खोलकर मैंने लैला मैम के शरीर को देखना शुरू किया। पानी में उनका गीला बदन और भी मस्त लग रहा था और नीचे उनकी गोरी गोरी बालों से मुक्त जांघे तो बहुत ही सुंदर थीं। मैंने आगे बढ़ कर अपने होंठ लैला मैम की नाभि पर रखकर वहाँ एक बोसा दिया और फिर लैला मैम को उनकी कमर से पकड़ कर वापस पानी से बाहर आ गया। लैला मैम ने अपनी नाभि पर मेरे होंठों का चुंबन महसूस कर लिया था जिसकी वजह से उनके चेहरे की लाली में वृद्धि हो गई थी फिर मैंने लैला मैम के चूतड़ों के आसपास अपने हाथ डाल कर उन्हें ऊपर उठा लिया इस तरह लैला मैम के मम्मे मेरे चेहरे के बिल्कुल सामने थे और मैंने थोड़ी हिम्मत से काम लेते हुए लैला मैम के मम्मों पर अपना चेहरा रख कर दबा दिया, मगर लैला मैम ने मुझे इस हरकत से मना नहीं किया।
 
फिर मैंने लैला मैम को ऐसे ही उठाकर 2 कदम गड्ढे की दीवार की तरफ बढ़ाए और फिर गड्ढे दीवार पर पैर रखकर एक जोरदार उछाल लगाई जिससे लैला मैम मेरी गोद में ही ऊपर उठती चली गईं और जिससे मेरी महज नीचे वाली टांग पानी में रह गई तो मैंने पीछे की ओर अपना वजन डाल दिया जिससे लैला मैम और हवा में उड़ते हुए वापस पानी में आ गई, और इस दौरान लैला मैम ने मुझे गिर जाने के डर से कसकर पकड़ लिया था। हम दोनों वापस पानी में आकर गिरे और फिर पानी की गहराई तक गए तो लैला मैम ने मुझे छोड़ कर अपने हाथ पांव मारे और तैरती हुईं ट्यूबवेल के पाइप की तरफ जाने लगीं, इस स्थिति में लैला मैम का पहले पेट मेरे चेहरे से होता हुआ गुज़रा और फिर उनकी चूत और उसके बाद उनके पैर मेरे चेहरे पर लगते हुए गुजर गये जब लैला मैम की चूत मेरे चेहरे के बिल्कुल ऊपर हुई तो मैंने हाथ बढ़ा कर उनका वह दुपट्टा पकड़ लिया था जिसे उन्होंने अपनी पैन्टी के ऊपर से बांध रखा था। दुपट्टा बहुत ज़्यादा मजबूती से नहीं बांधा गया था इसलिए वह तुरंत ही खुल गया और मेरे हाथ में आ गया। ट्यूबवेल के पाइप के पास जाकर लैला मैम जब पानी से बाहर निकली और मेरी तरफ देखा तो उनका दुपट्टा मेरे हाथ में लहरा रहा था, मेरे हाथ में दुपट्टा देखकर लैला मैम ने बनावटी गुस्सा व्यक्त किया और बोलीं यह क्या हरकत है ??? जबकि वह इस बात से गुस्से का इजहार कर बोल रही थीं मगर उनके चेहरे पर खुशी भी काफी थी। और मैं जानता था कि लैला मैम को शरीर के साथ मेरी छेड़छाड़ उन्हें अच्छी लग रही है। 

लैला मैम की बात पर मैंने मुस्कुराते हुए कहा कुछ नहीं मैम, बस ऐसे ही यह दुपट्टा आपके शरीर पर अच्छा नहीं लग रहा था, आपकी सुंदरता को छिपा रहा था इसलिए मैंने उसे उतार दिया। मेरी बात सुनकर लैला मैम बोलीं ऐसे तो तुम्हारा अंडर वेअर भी तुम्हारे सौंदर्य को छिपा रहा है। उनकी यह बात सुनकर मैंने तुरंत कहा तो कोई बात नहीं आप उतार दें मेरा अंडर वेअर। मेरी बात सुनकर लैला मैम मुस्कुराई और बोलीं, नहीं मुझे उसकी कोई जरूरत नहीं। मैंने नहीं देखना आपका सौंदर्य। मैंने कहा ठीक है आप नहीं उतार रही तो मैं उतार देता हूँ। यह कह कर मैं नीचे झुका तो लैला मैम तुरंत पानी में तैरते हुए मेरे पास आ गई और मेरे हाथ को पकड़ कर रोक दिया और बोलीं नहीं ऐसी हरकत मत करो। मैं तो ऐसे ही मजाक कर रही थी। मैं एक ठहाका लगाया और कहा तो मैं कौन सा सच में उतारने वाला था मैं भी तो मज़ाक कर रहा हूँ। यह कह कर मैंने लैला मैम की कमर में हाथ डाला और उन्हें ट्यूबवेल के पाइप की ओर ले जाने लगा। वहां जाकर लीला मैम के पीछे आ गया और उन्हें पेट में हाथ डाल कर पकड़ लिया और उन्हें थोड़ा आगे धक्का देकर पानी के नीचे किया तो लैला मैम अपनी गाण्ड बाहर निकाल कर झुक गई और ट्यूबवेल से निकलता हुआ तेज पानी उनके सिर पर गिरने लगा जबकि लैला मैम की बाहर निकली हुई गाण्ड मेरे लोड़े के बिल्कुल ऊपर थी और उसको छू रही थी। 

निश्चित रूप से लैला मैम को भी अपनी गाण्ड पर मेरे लंड का दबाव महसूस हुआ होगा, मगर वह लगातार एक ही स्थिति में रही और पानी का मज़ा लेती रहीं। कुछ देर बाद उन्होंने अपना सिर पानी के नीचे से निकाल लिया मगर वह लगातार एक ही स्थिति में रही, फिर कुछ देर सांस लेने के बाद लैला मैम ने फिर से अपना सिर पानी के नीचे कर दिया, और मैंने अपने लंड का दबाव लैला मैम की गाण्ड बढ़ा दिया, इस बार लैला मैम ने भी अपनी गाण्ड को थोड़ा घुमा कर मेरे लोड़े ऊपर मसला। अगर बाहर से कोई इस समय हम दोनों इस पोज़ीशन में देख लेता तो वह यही समझता कि मेरा लंड लैला मैम की गाण्ड में जा चुका है। मैंने लैला मैम की कमर पर हाथ रखा हुआ था और उनको मज़बूती से पकड़ रखा था और अपने लंड को 2 झटके मे लैला मैम की गाण्ड में लगा दिया था 2 धक्के खाने के बाद लैला मैम ने अपना सिर फिर से पानी के नीचे से निकाल लिया और सीधी खड़ी हो गईं, तो वे वापस मूडी और हंसते हुए कहा बहुत मज़ा आया। वो पानी की बात कर रही थीं कि पानी के नीचे आकर मज़ा आया, लेकिन इस दौरान उन्होंने चोर नज़रों से मेरे लंड की ओर भी देखना चाहा, लेकिन पानी के नीचे होने के कारण उन्हें वहां कुछ नजर नहीं आया। मैंने द्विअर्थी ज़ुबान से लैला मैम से पूछा मैम सच में मज़ा आया आपको ??? मैम मेरी बात समझ गईं मगर एक अंजान बनते हुए बोलीं, हाँ बहुत मज़ा आया .... मैंने कहा तो एक बार फिर से होजाय ??? तो लैला मैम बोलीं, नहीं अभी नहीं। बल्कि अब तुम आओ पानी के सामने देखते हैं तुम पानी का कितना दबाव सहन कर सकते हैं ... 

मैंने कहा क्या मतलब ??? लैला मैम बोलीं मतलब यह कि तुम्हे पानी के सामने आना है और झुकना नहीं बल्कि अपने सीने पर पानी के दबाव को सहन करते हुए आगे बढ़ना है। देखते हैं आप कितना आगे बढ़ सकते हैं। यह सुनकर मैंने कहा ठीक है आज यह अनुभव भी कर लेते हैं। यह कह कर हाथ फैलाकर पानी के सामने आ गया और धीरे धीरे आगे बढ़ने लगा। पानी का दबाव बहुत तेज था और पानी मेरे सीने से टकरा कर साइड में फैल रहा था और बहुत सारा पानी ट्यूबवेल के गड्ढे से बाहर भी गिर रहा था। धीरे धीरे आगे बढ़ते हुए एक जगह पर जाकर रुक गया। लैला मैम ने कहा क्या हुआ और आगे नहीं जा सकते ??? मैंने कहा नहीं मैम दबाव ज़्यादा है और आगे नहीं जा सकता। लैला मैम ने एक ठहाका लगाया और बोलीं, यह तो कुछ भी नहीं, मेरे पति तो बिल्कुल पाइप के पास पहुंच जाते थे और जितना आगे तुम गए हो उतना तो आगे तो मैं भी जा सकती हूँ।
 
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