hotaks444
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निशा- ये सब क्या हो गया राहुल... मेरी राधिका की किसने की ऐसी हालत...... मैं इसी वक़्त राधिका से मिलना चाहती हूँ. कहाँ हैं वो....ठीक तो हैं ना...
निशा की बातो को सुनकर राहुल भी रोने लगता हैं- पता नहीं निशा ये सब कैसे हो गया... मैं जब राधिका से मिला तब वो बेहोश थी... अभी इस वक़्त वो आइसीयू में हैं और उसका ऑपरेशन चल रहा है... इस सहर की बड़ी बड़ी हस्ती आई हुई हैं और उसका ऑपरेशन कर रहे हैं....
निशा वहीं अपनी मम्मी के गले से लिपट कर रोने लगती हैं... मम्मी अगर राधिका को कुछ हुआ तो देख लेना मैं भी अपनी जान दे दूँगी.. मैं उसके बगैर नहीं जी सकती.... वो मेरी सहेली ही नहीं मेरी जान से बढ़कर हैं... पता नहीं ये सब कैसे हो गया....
सीता- बेटा चुप हो जा राधिका को कुछ नहीं होगा..... सब ठीक हो जाएगा.......फिर वो अपनी बेटी के आँखों से बहते आँसू पोछती हैं और उसे अपने सीने से लगा लेती हैं.
जैसे जैसे वक़्त बीतता जा रहा था वैसे वैसे राहुल और निशा के दिल में डर भी बढ़ता जा रहा था..... वो तो बस उपर वाले से यही दुआ कर रहा था कि राधिका कैसे भी बच जाए.....मगर उपरवाले को तो कुछ और ही मंज़ूर था....
दो घंटे बाद......................
दो घंटे की कड़ी मेहनत के बाद एक एक कर सभी डॉक्टर्स आइसीयू वॉर्ड से बाहर निकलते हैं.. सब के चेहरे झुके हुए थे और सबके चेहरे पर निराशा सॉफ झलक रही थी..... सब एक एक कर अपने वॉर्ड में चले जाते हैं....राधिका को भी प्राइवेट वॉर्ड में शिफ्ट कर दिया जाता हैं.... आख़िरकार राहुल और उन सब का इंतेज़ार ख़तम होता है और ड्र. अभय आइसीयू वॉर्ड से बाहर निकलता हैं..... अभय को देखते ही राहुल तुरंत उसके पास पहुँच जाता हैं और सवाल भरी नज़रो से अभय के चेहरे को पढ़ने की कोशिश करता हैं... राहुल के ऐसे देखने से अभय अपना चेहरा दूसरी तरफ फेर लेता हैं.....
राहुल- क्या हुआ अभय.... सभी डॉक्टर्स के चेहरे पर ऐसी उदासी क्यों हैं.. सब ठीक तो हैं ना.. मेरी राधिका बच तो जाएगी ना... कह दो ना अब वो ख़तरे से बाहर हैं.... अब वो ठीक हो जाएगी......
अभय झट से राहुल के कंधे पर अपना हाथ रख देता हैं ... उसके चेहरे पर पसीने की बूँदें सॉफ छलक रही थी....
राहुल- क्या हुआ अभय... तुम कुछ बोलते क्यों नहीं... मेरी राधिका ठीक तो हैं ना...
अभय फिर भी अभी तक खामोश खड़ा था....
निशा की बातो को सुनकर राहुल भी रोने लगता हैं- पता नहीं निशा ये सब कैसे हो गया... मैं जब राधिका से मिला तब वो बेहोश थी... अभी इस वक़्त वो आइसीयू में हैं और उसका ऑपरेशन चल रहा है... इस सहर की बड़ी बड़ी हस्ती आई हुई हैं और उसका ऑपरेशन कर रहे हैं....
निशा वहीं अपनी मम्मी के गले से लिपट कर रोने लगती हैं... मम्मी अगर राधिका को कुछ हुआ तो देख लेना मैं भी अपनी जान दे दूँगी.. मैं उसके बगैर नहीं जी सकती.... वो मेरी सहेली ही नहीं मेरी जान से बढ़कर हैं... पता नहीं ये सब कैसे हो गया....
सीता- बेटा चुप हो जा राधिका को कुछ नहीं होगा..... सब ठीक हो जाएगा.......फिर वो अपनी बेटी के आँखों से बहते आँसू पोछती हैं और उसे अपने सीने से लगा लेती हैं.
जैसे जैसे वक़्त बीतता जा रहा था वैसे वैसे राहुल और निशा के दिल में डर भी बढ़ता जा रहा था..... वो तो बस उपर वाले से यही दुआ कर रहा था कि राधिका कैसे भी बच जाए.....मगर उपरवाले को तो कुछ और ही मंज़ूर था....
दो घंटे बाद......................
दो घंटे की कड़ी मेहनत के बाद एक एक कर सभी डॉक्टर्स आइसीयू वॉर्ड से बाहर निकलते हैं.. सब के चेहरे झुके हुए थे और सबके चेहरे पर निराशा सॉफ झलक रही थी..... सब एक एक कर अपने वॉर्ड में चले जाते हैं....राधिका को भी प्राइवेट वॉर्ड में शिफ्ट कर दिया जाता हैं.... आख़िरकार राहुल और उन सब का इंतेज़ार ख़तम होता है और ड्र. अभय आइसीयू वॉर्ड से बाहर निकलता हैं..... अभय को देखते ही राहुल तुरंत उसके पास पहुँच जाता हैं और सवाल भरी नज़रो से अभय के चेहरे को पढ़ने की कोशिश करता हैं... राहुल के ऐसे देखने से अभय अपना चेहरा दूसरी तरफ फेर लेता हैं.....
राहुल- क्या हुआ अभय.... सभी डॉक्टर्स के चेहरे पर ऐसी उदासी क्यों हैं.. सब ठीक तो हैं ना.. मेरी राधिका बच तो जाएगी ना... कह दो ना अब वो ख़तरे से बाहर हैं.... अब वो ठीक हो जाएगी......
अभय झट से राहुल के कंधे पर अपना हाथ रख देता हैं ... उसके चेहरे पर पसीने की बूँदें सॉफ छलक रही थी....
राहुल- क्या हुआ अभय... तुम कुछ बोलते क्यों नहीं... मेरी राधिका ठीक तो हैं ना...
अभय फिर भी अभी तक खामोश खड़ा था....