hotaks444
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मैं अपना हाथ मोहित के तने हुए लण्ड पर लगाते ही कांप उठी। मेरा पूरा शरीर मोहित के लण्ड का स्पर्श पाते ही गरम होने लगा और मेरा हाथ मोहित की पैंट पर अपने आप ऊपर-नीचे होने लगा।
मोहित मेरे नरम हाथ का अहसास पाते ही बेड पर सीधा लेट गया। मैंने मोहित के लेटते ही उसकी पैंट का बेल्ट खोलते हुए उसकी पैंट को नीचे करते हुए उसका कच्छा भी नीचे सरका दिया। मोहित का कच्छा उतरते ही उसका तना हुआ लण्ड मेरी आँखों के सामने नाचने लगा। मैंने अपने नरम हाथ से मोहित के लण्ड को पकड़ते हुए अपनी जीभ निकालकर उसके छेद पर फिराने लगी। मेरी जीभ अपने लण्ड के छेद पर पड़ते ही मोहित के मुँह से सिसकियां निकलने लगी।
मैंने अपनी जीभ से उसके पूरे लण्ड पर ऊपर से नीचे चाटने लगी। मैंने मोहित का लण्ड चाटते हुए अपनी सलवार का नाड़ा खोलते हुए उतार दिया और अपनी कच्छी को भी उतारते हुए अपना पूरा मुँह खोलकर मोहित का लण्ड अपने मुँह में ले लिया। मोहित के लण्ड को कुछ देर तक चाटने के बाद मैंने अपने मुँह से निकालकर अपनी दोनों टाँगों को फैलाकर उसके लण्ड पर सेट किया और अपना पूरा वजन डालते हुए उसपर बैठ गई। मोहित का लण्ड मेरी थूक की वजह से गीला था और मेरी चूत भी इतनी देर से उसका लण्ड चाटते हुए गीली हो चुकी थी। इसीलिए मोहित का लण्ड एक बार में ही मेरी चूत में जड़ तक घुस गया।
मोहित का पूरा लण्ड घुसते ही मेरे मुँह से निकल गया- “आहहह...” और मैंने मोहित के लण्ड पर उछलना शुरू कर दिया। मैं अपनी चूत को उसके लण्ड के टोपे तक ऊपर उठाकर फिर से नीचे बैठ जाती। ऐसा करने से मेरी चूत में मोहित का लण्ड तेज रगड़ खा रहा था और मेरा पूरा शरीर मजे से काँप रहा था। मैं अब पूरी तरह गर्म हो चुकी थी, इसीलिए मैं मोहित के लण्ड पर बहुत तेजी से ऊपर-नीचे हो रही थी।
मोहित ने मुझे कमर से पकड़कर नीचे झुका लिया और मेरी कमीज में हाथ डालते हुए उसे मेरे शरीर से अलग कर दिया। मेरा पूरा शरीर उत्तेजना के मारे काँप रहा था और मेरा बदन झटके खाने लगा। मैं रोहन के लण्ड पर बहुत जोर से ऊपर-नीचे कूदने लगी। मेरी चूत मोहित के लण्ड पर सिकुड़ने लगी और मेरा पूरा शरीर झटके खाने लगा। मजे से मेरी आँखें बंद हो गई और मैं मोहित के लण्ड पर उछलते हुए झड़ने लगी।
मोहित मुझे झड़ता हुआ देखकर मुझे नीचे से बहुत जोर के धक्के लगाने लगा। मैं झड़ने के बाद निढाल होकर मोहित के ऊपर ढेर हो गई। मोहित ने मेरे होंठों को चूमते हुए मेरी ब्रा के हुक खोल दिए। मोहित मेरी चूचियों से ब्रा को हटाते हुए उन्हें चूसने लगा। मोहित के मुँह में अपनी चूचियां महसूस करते ही मैं फिर से गरम होने लगी और अपने चूतड़ मोहित के अंडों पर उछालने लगी।
मोहित मुझे चूतड़ उछालते हुए देखकर मेरी चूचियों को बहुत जोर से चूसते हुए मेरी चूत में बहुत जोर के धक्के लगाने लगा। मेरी चूत के गीले होने की वजह मोहित का लण्ड मेरी चूत में जड़ तक बहुत जोर के धक्के मार रहा था। मोहित का लण्ड अचानक मेरी चूत में फूलने लगा और उसका लण्ड मेरी चूत को पूरा फैलाकर अंदरबाहर होने लगा। मोहित के लण्ड से अचानक मेरी चूत में वीर्य की बारिश होने लगी।
आअह्हह..करके झड़ते हुए मोहित ने मेरी चूत में बहुत जोर के धक्के लगाते हुए मेरी एक चूची को अपने मुँह में लेकर काट दिया। मोहित का गरम वीर्य मेरी चूत में गिरते ही मेरी चूत सिकुड़ने लगी और मैं ऊईए करते हुए झड़ने लगी। मैं दूसरी बार झड़ते ही मोहित के ऊपर ढेर हो गई।
मोहित का लण्ड मेरी चूत से सिकुड़कर निकल गया और मेरी चूत से वीर्य निकलकर मोहित के पेट पर गिरने लगा। मैंने मोहित के ऊपर से उठते हुए तौलिया उठा लिया और अपनी चूत और मोहित के लण्ड को साफ कर दिया। तभी बाहर वाला दरवाजा खटकने लगा। मैंने और मोहित ने जल्दी से कपड़े पहने और बाहर आ गये, बाहर बिंदिया और रोहन खड़े थे।
मोहित मेरे नरम हाथ का अहसास पाते ही बेड पर सीधा लेट गया। मैंने मोहित के लेटते ही उसकी पैंट का बेल्ट खोलते हुए उसकी पैंट को नीचे करते हुए उसका कच्छा भी नीचे सरका दिया। मोहित का कच्छा उतरते ही उसका तना हुआ लण्ड मेरी आँखों के सामने नाचने लगा। मैंने अपने नरम हाथ से मोहित के लण्ड को पकड़ते हुए अपनी जीभ निकालकर उसके छेद पर फिराने लगी। मेरी जीभ अपने लण्ड के छेद पर पड़ते ही मोहित के मुँह से सिसकियां निकलने लगी।
मैंने अपनी जीभ से उसके पूरे लण्ड पर ऊपर से नीचे चाटने लगी। मैंने मोहित का लण्ड चाटते हुए अपनी सलवार का नाड़ा खोलते हुए उतार दिया और अपनी कच्छी को भी उतारते हुए अपना पूरा मुँह खोलकर मोहित का लण्ड अपने मुँह में ले लिया। मोहित के लण्ड को कुछ देर तक चाटने के बाद मैंने अपने मुँह से निकालकर अपनी दोनों टाँगों को फैलाकर उसके लण्ड पर सेट किया और अपना पूरा वजन डालते हुए उसपर बैठ गई। मोहित का लण्ड मेरी थूक की वजह से गीला था और मेरी चूत भी इतनी देर से उसका लण्ड चाटते हुए गीली हो चुकी थी। इसीलिए मोहित का लण्ड एक बार में ही मेरी चूत में जड़ तक घुस गया।
मोहित का पूरा लण्ड घुसते ही मेरे मुँह से निकल गया- “आहहह...” और मैंने मोहित के लण्ड पर उछलना शुरू कर दिया। मैं अपनी चूत को उसके लण्ड के टोपे तक ऊपर उठाकर फिर से नीचे बैठ जाती। ऐसा करने से मेरी चूत में मोहित का लण्ड तेज रगड़ खा रहा था और मेरा पूरा शरीर मजे से काँप रहा था। मैं अब पूरी तरह गर्म हो चुकी थी, इसीलिए मैं मोहित के लण्ड पर बहुत तेजी से ऊपर-नीचे हो रही थी।
मोहित ने मुझे कमर से पकड़कर नीचे झुका लिया और मेरी कमीज में हाथ डालते हुए उसे मेरे शरीर से अलग कर दिया। मेरा पूरा शरीर उत्तेजना के मारे काँप रहा था और मेरा बदन झटके खाने लगा। मैं रोहन के लण्ड पर बहुत जोर से ऊपर-नीचे कूदने लगी। मेरी चूत मोहित के लण्ड पर सिकुड़ने लगी और मेरा पूरा शरीर झटके खाने लगा। मजे से मेरी आँखें बंद हो गई और मैं मोहित के लण्ड पर उछलते हुए झड़ने लगी।
मोहित मुझे झड़ता हुआ देखकर मुझे नीचे से बहुत जोर के धक्के लगाने लगा। मैं झड़ने के बाद निढाल होकर मोहित के ऊपर ढेर हो गई। मोहित ने मेरे होंठों को चूमते हुए मेरी ब्रा के हुक खोल दिए। मोहित मेरी चूचियों से ब्रा को हटाते हुए उन्हें चूसने लगा। मोहित के मुँह में अपनी चूचियां महसूस करते ही मैं फिर से गरम होने लगी और अपने चूतड़ मोहित के अंडों पर उछालने लगी।
मोहित मुझे चूतड़ उछालते हुए देखकर मेरी चूचियों को बहुत जोर से चूसते हुए मेरी चूत में बहुत जोर के धक्के लगाने लगा। मेरी चूत के गीले होने की वजह मोहित का लण्ड मेरी चूत में जड़ तक बहुत जोर के धक्के मार रहा था। मोहित का लण्ड अचानक मेरी चूत में फूलने लगा और उसका लण्ड मेरी चूत को पूरा फैलाकर अंदरबाहर होने लगा। मोहित के लण्ड से अचानक मेरी चूत में वीर्य की बारिश होने लगी।
आअह्हह..करके झड़ते हुए मोहित ने मेरी चूत में बहुत जोर के धक्के लगाते हुए मेरी एक चूची को अपने मुँह में लेकर काट दिया। मोहित का गरम वीर्य मेरी चूत में गिरते ही मेरी चूत सिकुड़ने लगी और मैं ऊईए करते हुए झड़ने लगी। मैं दूसरी बार झड़ते ही मोहित के ऊपर ढेर हो गई।
मोहित का लण्ड मेरी चूत से सिकुड़कर निकल गया और मेरी चूत से वीर्य निकलकर मोहित के पेट पर गिरने लगा। मैंने मोहित के ऊपर से उठते हुए तौलिया उठा लिया और अपनी चूत और मोहित के लण्ड को साफ कर दिया। तभी बाहर वाला दरवाजा खटकने लगा। मैंने और मोहित ने जल्दी से कपड़े पहने और बाहर आ गये, बाहर बिंदिया और रोहन खड़े थे।