hotaks444
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विशाल- “बात तो शायद आप सही कह रही हैं, मगर अब जमाने से ऐतबार टूट चुका है मेरा..” विशाल ने गाड़ी
को मोड़ते हुए कहा।
धन्नो- “विशाल ऐसा नहीं है... एक लड़की की वजह से तुम सारी दुनियां को दोष नहीं दे सकते, मुझे यकीन है। की अगर तुम कोशिश करोगे तो जरूर कोई ना कोई सच्चा साथी मिल जाएगा..." धन्नो ने अपना हाथ विशाल के कंधे पर रखते हुए कहा।
विशाल- “ठीक है धन्नो आज आपकी बातों की वजह से मैं अपनी जिंदगी को जीने की एक और कोशिश करता हूँ...” विशाल ने धन्नो की बातें सुनने के बाद कहा।
धन्नो- “बैंक्स विशाल, तुमने मेरी बात को समझा..” धन्नो ने विशाल की बात सुनकर खुश होते हुए कहा।
विशाल- “आप बताएं आपने अभी तक कोई साथी ढूँढा है या सिंगल ही हो?” विशाल ने धन्नो से पूछा।
धन्नो- “जी हमारी शादी बहुत जल्द होने वाली है...” धन्नो ने अपने बारे में सुनकर शर्माते हुए कहा।
विशाल- “अरेंज या लोव?” विशाल ने फिर से पूछा।
धन्नो- “जी लोव मैरेज है...” धन्नो ने अपना कंधा नीचे करते हुए कहा।
विशाल- “बधाईयां... आपको अपना प्यार मिल गया...” विशाल ने खुश होते हुए कहा।
ऐसे ही बातें करते हुए धन्नो अपने घर तक पहुँच गई और कार से उतारकर विशाल को बैंक्स कहा।
विशाल- “बैंक्स तो हमें करनी चाहिये की आपकी वजह से हमें नई जिंदगी शुरू करने का मौका मिला है..” विशाल ने हँसते हुए कहा।
धन्नो- “आप कभी आइए ना चाय पीने के लिए हमारे घर...” धन्नो ने विशाल को सलाह देते हुए कहा।
विशाल- “जरूर आएंगे हम। पर आपकी चाय उधार रही, मगर अब चलते हैं.." विशाल ने धन्नो को बाइ कहते हुए अपनी गाड़ी को आगे बढ़ा दिया।
विशाल के जाते ही धन्नो सोचने लगी- “कितना अच्छा लड़का है, और एक लड़की जो उसका प्यार समझ ही ना सकी उसके लिए अपनी जिंदगी खराब कर रहा था। अच्छा हुआ जो वो मुझे मिल गया और मेरी बात को समझकर अपनी जिंदगी को फिर सही ढंग से जीने का फैसला किया..." धन्नो ने यह सोचते हुए अपने पर्स से चाबी निकालकर दरवाजा खोला और अंदर दाखिल हो गई।
धन्नो अपने कमरे में जा ही रही थी की उसे अपनी चाची के कमरे से सिसकने की आवाजें सुनाई दी। धन्नो समझ गई की उसकी चाची अपनी चूत की खुजली मिटा रही है, और वो हँसते हुए अपने कमरे की तरफ बढ़ । गई। आज धन्नो बहुत खुश थी की उसकी वजह से बिंदिया की जिंदगी तबाह होने से बच गई थी और सब कुछ सही हो गया था। धन्नो अपने कपड़े उतारकर बाथरूम में चली गई और शावर ओन करके नहाने लगी। नहाते हुए उसने देखा की उसकी चूत उस काले सांड़ से चुदकर बहुत सूज और खुल चुकी थी। वो फ्रेश होकर एक नाइटी पहनकर अपने बेड पर आकर लेट गई। थोड़ी ही देर में धन्नो नींद के आगोश में चली गई।
बिंदिया- “दीदी उठो कितनी देर तक सोती रहोगी?” बिंदिया धन्नो को झंझोड़कर उठाने लगी उसे बहुत चिंता हो रही थी की धन्नो ने वो काम ठीक से किया होगा की नहीं? बिंदिया के ऐसा करने से धन्नो अपनी आँखें मलते हुए उठने लगी।
धन्नो- “क्या हुआ बिंदिया?” धन्नो ने एक अंगड़ाई लेते हुए पूछा।
बिंदिया- “धन्नो 11:00 बज रहे हैं और कितनी देर तक सोओगी मुझे चिंता हो रही है...” बिंदिया ने अपनी परेशानी बताते हुए कहा।
धन्नो- “पगली मेरे होते हुए तुम पर कोई आँच नहीं आएगी, तुम यहीं रह, मैं अभी फ्रेश होकर आती हूँ..” यह कहते हुए धन्नो बाथरूम में घुस गई। धन्नो कुछ ही देर में फ्रेश होकर वापस आ गई और अपनी अलमारी में से वो फोटोस नेगेटिव के साथ और वीडियो कैसेट बिंदिया के हाथ में दे दी।
बिंदिया- “ओह... धन्नो.. तुम सच में बहुत महान हो। पर यह सब उन्होंने इतनी आसानी से कैसे दे दिया?" बिंदिया ने धन्नो से वो चीजें लेते हुए पूछा।।
धन्नो ने बिंदिया की बात सुनकर उसे शुरू से आखिर तक सारी बात बिंदिया को बता दी जो उसके साथ रात को हुआ था।
बिंदिया- “धन्नो मेरी खातिर तुमने यह सब किया? मैं सारी जिंदगी तुम्हारा अहसान नहीं उतार सकती...” बिंदिया ने धन्नो की बात सुनकर उसे गले लगाते हुए कहा।
धन्नो- “बिंदिया एक बहन की मदद उसकी दूसरी बहन ही करेगी क्या? अब तुम बेफिकर हो जाओ..” धन्नो ने बिंदिया को अपनी बाहों में भरते हुए कहा।
वो दोनों कुछ देर तक बातें करने के बाद बाहर आ गई और धन्नो के नाश्ता करने के बाद सब आपस में बातें करने लगे।
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को मोड़ते हुए कहा।
धन्नो- “विशाल ऐसा नहीं है... एक लड़की की वजह से तुम सारी दुनियां को दोष नहीं दे सकते, मुझे यकीन है। की अगर तुम कोशिश करोगे तो जरूर कोई ना कोई सच्चा साथी मिल जाएगा..." धन्नो ने अपना हाथ विशाल के कंधे पर रखते हुए कहा।
विशाल- “ठीक है धन्नो आज आपकी बातों की वजह से मैं अपनी जिंदगी को जीने की एक और कोशिश करता हूँ...” विशाल ने धन्नो की बातें सुनने के बाद कहा।
धन्नो- “बैंक्स विशाल, तुमने मेरी बात को समझा..” धन्नो ने विशाल की बात सुनकर खुश होते हुए कहा।
विशाल- “आप बताएं आपने अभी तक कोई साथी ढूँढा है या सिंगल ही हो?” विशाल ने धन्नो से पूछा।
धन्नो- “जी हमारी शादी बहुत जल्द होने वाली है...” धन्नो ने अपने बारे में सुनकर शर्माते हुए कहा।
विशाल- “अरेंज या लोव?” विशाल ने फिर से पूछा।
धन्नो- “जी लोव मैरेज है...” धन्नो ने अपना कंधा नीचे करते हुए कहा।
विशाल- “बधाईयां... आपको अपना प्यार मिल गया...” विशाल ने खुश होते हुए कहा।
ऐसे ही बातें करते हुए धन्नो अपने घर तक पहुँच गई और कार से उतारकर विशाल को बैंक्स कहा।
विशाल- “बैंक्स तो हमें करनी चाहिये की आपकी वजह से हमें नई जिंदगी शुरू करने का मौका मिला है..” विशाल ने हँसते हुए कहा।
धन्नो- “आप कभी आइए ना चाय पीने के लिए हमारे घर...” धन्नो ने विशाल को सलाह देते हुए कहा।
विशाल- “जरूर आएंगे हम। पर आपकी चाय उधार रही, मगर अब चलते हैं.." विशाल ने धन्नो को बाइ कहते हुए अपनी गाड़ी को आगे बढ़ा दिया।
विशाल के जाते ही धन्नो सोचने लगी- “कितना अच्छा लड़का है, और एक लड़की जो उसका प्यार समझ ही ना सकी उसके लिए अपनी जिंदगी खराब कर रहा था। अच्छा हुआ जो वो मुझे मिल गया और मेरी बात को समझकर अपनी जिंदगी को फिर सही ढंग से जीने का फैसला किया..." धन्नो ने यह सोचते हुए अपने पर्स से चाबी निकालकर दरवाजा खोला और अंदर दाखिल हो गई।
धन्नो अपने कमरे में जा ही रही थी की उसे अपनी चाची के कमरे से सिसकने की आवाजें सुनाई दी। धन्नो समझ गई की उसकी चाची अपनी चूत की खुजली मिटा रही है, और वो हँसते हुए अपने कमरे की तरफ बढ़ । गई। आज धन्नो बहुत खुश थी की उसकी वजह से बिंदिया की जिंदगी तबाह होने से बच गई थी और सब कुछ सही हो गया था। धन्नो अपने कपड़े उतारकर बाथरूम में चली गई और शावर ओन करके नहाने लगी। नहाते हुए उसने देखा की उसकी चूत उस काले सांड़ से चुदकर बहुत सूज और खुल चुकी थी। वो फ्रेश होकर एक नाइटी पहनकर अपने बेड पर आकर लेट गई। थोड़ी ही देर में धन्नो नींद के आगोश में चली गई।
बिंदिया- “दीदी उठो कितनी देर तक सोती रहोगी?” बिंदिया धन्नो को झंझोड़कर उठाने लगी उसे बहुत चिंता हो रही थी की धन्नो ने वो काम ठीक से किया होगा की नहीं? बिंदिया के ऐसा करने से धन्नो अपनी आँखें मलते हुए उठने लगी।
धन्नो- “क्या हुआ बिंदिया?” धन्नो ने एक अंगड़ाई लेते हुए पूछा।
बिंदिया- “धन्नो 11:00 बज रहे हैं और कितनी देर तक सोओगी मुझे चिंता हो रही है...” बिंदिया ने अपनी परेशानी बताते हुए कहा।
धन्नो- “पगली मेरे होते हुए तुम पर कोई आँच नहीं आएगी, तुम यहीं रह, मैं अभी फ्रेश होकर आती हूँ..” यह कहते हुए धन्नो बाथरूम में घुस गई। धन्नो कुछ ही देर में फ्रेश होकर वापस आ गई और अपनी अलमारी में से वो फोटोस नेगेटिव के साथ और वीडियो कैसेट बिंदिया के हाथ में दे दी।
बिंदिया- “ओह... धन्नो.. तुम सच में बहुत महान हो। पर यह सब उन्होंने इतनी आसानी से कैसे दे दिया?" बिंदिया ने धन्नो से वो चीजें लेते हुए पूछा।।
धन्नो ने बिंदिया की बात सुनकर उसे शुरू से आखिर तक सारी बात बिंदिया को बता दी जो उसके साथ रात को हुआ था।
बिंदिया- “धन्नो मेरी खातिर तुमने यह सब किया? मैं सारी जिंदगी तुम्हारा अहसान नहीं उतार सकती...” बिंदिया ने धन्नो की बात सुनकर उसे गले लगाते हुए कहा।
धन्नो- “बिंदिया एक बहन की मदद उसकी दूसरी बहन ही करेगी क्या? अब तुम बेफिकर हो जाओ..” धन्नो ने बिंदिया को अपनी बाहों में भरते हुए कहा।
वो दोनों कुछ देर तक बातें करने के बाद बाहर आ गई और धन्नो के नाश्ता करने के बाद सब आपस में बातें करने लगे।
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