Maa Sex Chudai माँ बेटे का अनौखा रिश्ता - Page 7 - SexBaba
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Maa Sex Chudai माँ बेटे का अनौखा रिश्ता

गतांक से आगे.....................

मैंने पहले रीमा की काँख और एक बार फिर से सूंघा और फिर उसकी काँख निहारने लगा। काले घने बालो से भरी और पसीने से लबालब उसकी काँख बहुत ही मस्त लग रही थी। उसकी काँख के बहुत से बालो पर पसीनो की बूंदे जमा थी। वह पसीने के बूंदे किसी मोती के समान लग रही थी। जो इस काले घने बालो के जंगल मे बिखरे पडे थे। जब भी मैं किसी औरत ही बालो भरी काँख को देखता था तो मेरा लंड तन जाता था। इंटरनेट पर तो न जाने कितनी बार बालो से भारी काँख देख कर मैंने मुठ मारी थी। रीमा के बदन मे वह सारे लक्षण थे जो मुझे उत्तेजित करते थे। मैं थोडी देर तक सिर्फ रीमा की काँख को निहारता ही रहा। जब रीमा ने अपना हाथ मेरे लंड पर रखा और उसको सहलाया त्ब जाकर मुझे कुछ होश आया कि मुझे क्या करना है वर्ना मैं तो रीमा की काँख की खूबसूरती में ही खो गया था। ओह माँ क्या खूबसूरत काँख है तुम्हारी एक दम जन्नत का नजारा है। पंसद आयी हाँ माँ तो देख क्या रहा है पूरे पसीने से भरी है घुसा दे अपना मुँह। मैं तो बस इसकी खूबसूरती निहार रहा था। पर तुम सही कह रही हो अब मुझसे भी दूर नंही रहा जा रहा अब तो काँख मे मुँह घुसाना हे पडेगा। मैंने एक आखरी बार एक गहरी साँस लेकर रीमा के पसीने के गंध को सूंघा और अपनी जीभ निकाल कर रीमा की काँख एक आस पास के हिस्से पर जो थोडा बहुत पसीना लगा था उसको चाटने लगा। ऐसा करते वक्त मैंने इस बात का ध्यान रखा कि मेरा चेहरा रीमा की काँख के बालो से न टकराये क्योकी मैं रीमा की काँख के बालो मे जमे पसीन के मोतियो को तोडना नंही चाहाता था। मैं चाहाता था कि मैं खुद अपनी जीभ पर लेकर उन मोतियो का सेवन करूं। मैंने पहले रीमा की काँख के आस पास का पसीना साफ किया अब रीमा के पसीने के मोतियो को पीने की बारी थी।

मैंने अपनी पूरी जीभ जितनी भी बाहर निकाल सकता था निकाली और उसके एक बाल पर जमा उसके पसीने की एक बूंद को अपने जीभ में भर लिया और फिर उसे पी लिया ऐसा करने से रीमा का बाल मेरी जीभ से रगड खा गया। एक बाल से रीमा के नशीले पसीने को पीने का मजा ही कुछ और था मेरा लंड आगे की कारवायी की बारे में सोच कर ही उत्तेजित हो रहा था। रीमा भी इन सब बात से उत्तेजित थी और अपने दूसरे हाथ से अपनी चूत के साथ खेल रही थी। मैंने उसकी एक एक बाल से पसीना पीना शुरु किया ये थोडा मुश्किल था पर मैं उसकी पूरी काँख को मुँह मे भरने से पहले उसकी काँख के बालो पर लगी पसीने की बूंदो को पीना चाहाता था। मैं एक एक बाल को मुँह मे लेता और उसको चूसता एक एक बाल करके चूसने से मुझे पसीना पीने में थोडा वक्त लग गया। पर मैं इससे संतुष्ट था। जब मुझे एक भी पसीने की बूंद नंही नजर आयी तो मैंने उसकी काँख के बालो को पूरा मुँह मे भर कर चूसने का निर्णय लिया। क्योकि मैं जानता था कि इस काँख के नीचे पसीने का बडा तालाब है तो मैं उसे कैसे छोड देता। मैंने अपना मुँह बडा सा खोला और उसकी काँख को ज्यादा से ज्यादा मुँह मे भर लिया। उसकी काँख से बहुत से बाल मेरे मुँह मे समा गये। मुँह मे बाल भर लेने के बाद मैंने उसके बालो को चूसना शुरु कर दिया। मैं ऐसे चूस रहा था की जैसे उस्की काँख कोई संतरे की फाँक हो और उसके बाल रस से भरे संतरे के रेशे।

रीमा की काँख पसीने से भरी बडी थी जैसे ही मैंने रीमा की काँख के बाल मुँह मे भर कर चूसना शुरू किया रस भरा पसीना मेरे मुँह मे समाने लगा और उसका कसैला स्वाद मुझे बहुत ही भा गया। उसकी काँख मे इतना ज्यादा पसीने कारण यह था कि उसकी काँख के बाल बहुत ही घने थे और बहुत ही ज्यादा बाल थे उसकी काँख मे जिसकी वजह से शायद उसको बहुत पसीना आता था। और यही वजह थी की उसने मुझे बताया था कि वह ज्यादातर स्लीवल्स बलाउस पहनती है। ताकि उसकी काँख को थोडी हवा लग सके। पर मेरे लिये तो रीमा की ये पसीने भरी काँख जन्नत थी और अभी मैं उस जन्नत का मजा ले रहा था। मैं रीमा के बालो को मुँह मे भरता उसको थोडी देर चूस कर उसका पसीना पीता और फिर थोडे और बाल मुँह मे भर कर उस भाग के पसीने को पीता इस तरह चूस चूस कर मैंने उसकी बालो मे भरा सारा पसीना पी लिया। रीमा मुझे काँख का पसीना पीला कर बहुत ही गर्म हो गयी थी। और उसकी चूत भी पूरी गीली हो चुकी थी रीमा अपनी चूत की भूख को शांत करने के लिये अपनी उंगलियो से उसको कुरेद रही थी। फिर उसकी चूत खोल कर अपने अंगूठे से अपनी चूत के दाने को रगडना शुरु कर दिया था। फिर जब मैने जोर जोर से उसकी बालो को मुँह मे भर कर चूसना शुरु किया तो रीमा ने अपनी दो उंगलियाँ अपनी चूत मे घुसेडी और अपने चूत के दाने को अपने अंगूठे से रगडते हुये अपनी चूत अपनी उंगलियो से चोदने लगी। वह अपनी चूत की गर्मी को इस तरीके शांत करना चाहाती थी
 
सारा पसीना पी लेने बाद भी मैंने अपनी जीभ उसकी बालो की बीच घुसा कर देखा कंही कोई पसीने की बूंद छूट तो नंही गयी है। जब मुझे पूरी तरह विश्वास हो गया की मैंने सारा पसीना पी लिया है तभी मैने उसकी काँख को छोडा। माँ तुम्ने तो आज मुझे अपने बदन का अमृत पीला कर मेरे लंड को अमर कर दिया अब तुम्को अपने इस पसीने से घबराने की कोई जरुरत नंही है। जब भी तुम्हारी काँख पसीन से भर जाये बस मुझे बता देना मैं चूस कर तुम्हारा पसीना पी लूंगा और तुम्को इस पसीन से मुक्ति दिला दूंगा। और अगर ये पसीना तुम्हारे ब्लाउस मे समा गया तो भी मैं तुम्हारा ब्लाउस चूस कर इसका पसीना पी लूंगा। हाँ बेटा तेरी माँ भी बहुत खुश है कि तू आज मेरा पसीना पी रहा है मेरे राजा बेटा इस काँख का पसीना तो तूने पी लिया अब जरा दूसरी काँख का पसीना भी पी मेरे लाल। देख वह भी पसीने से लबालब भरी है। देख मेरी चूत भी कितनी खुश है तेरे से एक दम गर्म हो गयी है तेरे लिये पी ले मेरे लाल मेरा पसीना पी ले रीमा ने जोर जोर से अपनी उंगलियो से अपनी चूत की चुदायी करते हुये कहा। हाँ माँ अभी पीता हू तुम्हारी दूसरी काँख का भी पसीना। रीमा की ये प्यार भरी इच्छा सुन कर मैं भी मचल उठा और रीमा के दूसरी और आकर बैठ गया। रीमा ने अपना दूसरा हाथ खोल कर मेरे सामने कर दिया और जिस काँख को अभी मैंने चूसा था उससे अपनी चूत सहलाने लगी। मुझे याद आया की रीमा अपने हाथ से अपनी चूत चोद रही थी इसका मतलब उसकी उंगलियाँ चूत रस में भीगी होगी मैंने रीमा की हथेली पकडी और उसकी चूत रस से भरी उंगलियो को चाटने लगा।

बडा ही अधीर है तू जरा सा भी चूत रस नंही छोड सकता साला हूँ ठीक है तेरे प्यार में ही तो बहा रही है मेरी चूत इतना रस पी ले। मैंने थोडी ही देर मैं चाट और चूस कर उसकी उंगलियो को साफ कर दिया। फिर रीमा की बाँह मे लगा पसीना चाटने लगा मैं जल्दी से जल्दी उसकी दूसरी काँख मे भी मुँह घुसाना चाहाता था जल्दी से उसका पसीना चाटने के बाद मैंने रीमा की काँख में मुँह घुसा कर उसके पसीने की तीखी गंध को सुंघने लगा। काफी देर तक मैं पसीने की गंध को सूंघता रहा। फिर पहले की तरह काँख के आस पास के हिस्से का पसीना पिया और बालो से पसीने के मोती। अब मुझसे बिल्कुल नंही रहा गया और मैंने अपना मुँह रीमा की काँख में घुसा दिया और उसके पसीने से भरी काँख पीने लगा। इस काँख एक पसीने को भी मैंने उसी जोश के साथ पीया जैसे पहली काँख के पसीने को पिया था। मस्त रीमा अपने दूसरे हाथ से अपनी चूत चोदती रही अब तो वह मस्ती में बहुत जोर जोर से करहा रही थी और उसकी उंगलियाँ किसी पिस्टन की भांति जोर जोर से उसकी चूत के अंदर चल रही थी। जब चूस और चाट कर पसीने की एक एक बूंद मैंने पी ली तब जाकर हि मैंने रीमा की काँख को छोडा। ओह मेरे लाल तेरी जीभ ने देख क्या जादू कर दिया मेरी चूत पर देख चूत रस की नदी बह निकली है इससे इतना रस तुझे पीला चुकी है पर रस रुकने का नाम ही नंही ले रहा शायद इतने सालो की माँ बेटे की तडप से कुछ ज्यादा ही भावुक हो गयी है। तभी इतना रस बहा रही है अब इसको थोडा शांत करना पडेगा वर्ना ये तो ऐसे ही रोती रहेगी तो मेरा क्या होगा बेटा। हाँ माँ तुम ठीक कहती हो इसको थोडा सा मजा तो देना ही पडेगा मैं ऐसा करता हूँ की चूत चाट कर तुम्हें झडा देता हूँ तुम टाँगे खोल कर लेट जाओ मैं तुम्हारी चूत चाटूंगा अब।
 
नंही बेटा अबकी बार ऐसे नंही पहले तू नीचे लेट जा मैं तेरे मुँह पर बैठ कर चूसवाउंगी। मैं तेरे मुँह की सवारी करना चाहाती हूँ और इस तरह से मुझे थोडी मेहनत भी करनी पडेगी जिससे मेरे शरीर का और भी पसीना निकलेगा और अभी भी काफी जगह मेरे बदन की बची है जिन पर जमा पसीना तुमको अभी पीना है और मेरे मेहनत करने से तुम्को ज्यादा पसीना पीन को मिलेगा। रीमा की बात का अर्थ समझ कर मैं ने सहमति में सर हिला दिया और बोला काहाँ लेटूं माँ बोलो चल इधर कालीन पर लेट जा मेरे लाल। मैंन नीचे कालीन पर चित लेट गया रीमा ने पास पडे कुशन को उठाया और बोली ले इसको अपने सिर के नीचे लगा ले इससे तेरे को चूसने में आसानी होगी। मैं कुशन सर के नीचे लगा कर लेट गया। रीमा मेरे शरीर के दोनो और अपने पैर रख कर खडी हो गयी। क्या नजारा दिखायी दिया मुझे नीचे मोटी मोटी जाँघो की बीच रस की नदी बहाती चूत रानी। जो अभी मेरे मुँह पर विराजमान होने को तैयार थी। और चूत राने के रस का प्यासा उनका एक भक्त चूत रानी को सेवा भाब से निहार रहा था। रीमा मुझे देख कर मुस्कुरायी और मेरे सामने धीमी गति मे बैठी जैसे कोई धीमी गति का रिप्ले दिखाते है टी वी में। वह ऐसे बैठी थी जैसे औरते मूतने के वक्त बैठती है। उसकी रस भरी खुली चूत मेरी आँखो के सामने थी।

रीमा ने अपने बदन को आगे झुकाया जिससे उसकी चूत आगे खिसक कर ठीक मेरे चेहरे के सामने आ गयी फिर रीमा ने नीचे देख कर अपने चूतडो को थोडा हिला कर चूत के मुँह को ठीक मेरे होंठो के सामने कर दिया। और बोली ले बेटा चाट मेरी चूत साली बहुत पनिया गयी है। पी ले रस भरी चूत कह कर रीमा ने अपने चूत मेरे होंठो पर टिका दी। रीमा की चूत काफी गीली थी मेरे होठों पर जैसे ही रीमा ने अपनी चूत रखी मेरे होंठ रीमा के चूत रस से गीले हो गये। और रीमा ने ने अपने चूतडो को हिला कर मेरे होंठो को अपने चूत रस से गीला कर दिया। मैंने अपनी जीभ निकाल कर अपने होंठो पर फिरायी फिर मैंने पहले उसकी चूत को चूमा एक एक इंच को चूमा और अपने मुँह मे भर कर चूसने लगा। मोटी पुत्तियो वाली चूत चूसने में मुझे बहुत मजा आ रहा था। रीमा की चूत लगता था कभी शांट होती ही नंही थी अभे थोडी देर पहले ही तो मैने चूस कर रीमा की चूत को झडाया था और उसकी चूत फिर से गर्म हो गयी थी और झडने को तैयार थी। पर मेरे लिये तो यह सारा अनुभव नया ही था क्योकी मैंने आज तक कोई भी औरत नंगी नंही देखी थी और मुझे मिली भी तो इतनी मस्त रसीली चूत पहली बार मैंने तो जब से आया था बस मस्ती के सातवें आसमान पर था। और जैसा कि रीमा ने कहा था कि मेरे जैसे जवान मर्दो को चूत रस का सेवन करना चाहिये और चूत रस का सेवन करके मेरा लंड मस्त होकर और भी मोटा होता जा रहा था।

मैंने रीमा की चूत को मुँह मे भर कर चूसना शुरु कर दिया था। रीमा भी अपने हौदे जैसे चूतड मेरे मुँह पर दबा कर मजा ले रही थी। मैंने सबसे पहले उसकी चूत चाट कर उसकी चूत पर बाहरी हिस्सो पर लगा सारा रस पीया फिर मैंने अपनी जीभ की नोक उसकी चूत की दरार मैं फिराने लगा। कभी उसकी चूत की दरार मे जीभ फिराता तो कभी चूत के चारो और फिर मेरे ऐसा करने ने रीमा की चूत जो रस बहाती उसको चूत मुँह मे भर कर चूसता। ऐसे चूसने से रीमा की चूत और गर्म होती जा रही थी। और वह अब और भी जोर से अपने चूत मेरे मुँह बर दबाने लगी। वह अपनी चूत का दाना मेरी जीभ से रगडना चाहाती थी ताकी वह झड कर मजा ले सके। अरे ओ गाँडू क्या कर रहा है साले मादरचोद मुझे झडाने के लिये चूत चूस रहा है कि गर्म करने के लिये साली मेरी चूत तो और भी मस्ता गयी है। अबे मेरी चूत का दाना चूस साले मुझे झडा पहले तो अपनी जीभ से मेरा बदन चाट कर इतनी आग लगा दी मेरे बदन में और अब तडपा रहा है साला वह भी अपनी माँ को मादर चोद चूस जोर से चूस मेरी चूत खेल मत कर। रीमा की प्यार भरी फटकार सुनकर मैंने उसकी चूत को एक बार मुँह मे भर कर चूसा और फिर अपनी जीभ की नोक से उसकी चूत का दाना कुरेदने लगा। जो मस्ती मे खडा होकर उसकी चूत के घूंघट से थोडा बाहर आ गया था।

क्रमशः........................
 
गतांक से आगे.....................

रीमा ने खुद ही अपने चूतड को गोल गोल घुमा कर अपनी चूत के दाने को मेरे जीभ की नोक पर रगडना शुरु कर दिया। वह अपनी चूत थोडी देर मेरी जीभ पर गोल गोल घुमाती और फिर अपने चूतड कस कर मेरी मेरे चेहरे पर दबा देती। मैंने अपनी हाथ निकाल कर उसकी मोटी जाँघो पर रख लिये थे और अपने हाथो से उसकी मोटी जाँघो के माँस को दबा रहा था। रीमा के लिये उसकी चूत की गर्मी अब उसके बर्दाश्त से बाहर हो चूकी थी। मैंने अपनी जीभ की नोक कडी कर ली थी ताकि मैं रीमा के चूत के दाने को जोर जोर से रगड संकू। रीमा के चूतड हिलाने से मेरी जीभ रीमा की चूत मे समा गयी रीमा की चूत की गर्मी से मुझे ऐसा लगा कि मेरी जीभ जल जायेगी। मेरी जीभ चूत मे घुसते ही रीमा ने अपने चूतड हिला कर मेरी जीभ से ही अपनी चूत चोदनी शुरु कर दी। मैंने भी जितनी जीभ मे बाहर निकाल सकता था उतनी जीभ बाहर कर दी जिससे रीमा पूरी जीभ चूत मे लेकर अच्छे से चुद सके। रीमा हल्के हल्के अपने चूतड आगे पीछे हिला रही थी। उसके ऐसा करने से जब वह अपनी चूत में मेरी जीभ घुसाती तो उसके चूतडो का पूरा भार मेरे चेहरे पर आ जाता और मेरी नाक भी उसके बदन के भार से थोडी दब जाती। और जीभ चुदायी की वजह से हल्की फट फट की आवाज भी बज रही थी जो इस मस्ती भरे वातावरण मे चुदायी संगीत का काम कर रहा था।

रीमा अपने चूतड गोल गोल घुमा रही थी जिससे मेरी जीभ उसकी चूत से बाहर निकलती और फिर अंदर घुस जाती। मैं अपने हाथ ले जाकर रीमा के चूतडो पर रख दिये और बडे ही प्यार से अपनी उंगलियो से उसकी चूतड सहलाने लगा। मेरे ऐसे सहलाने से रीमा ने बदन के सारे रूये खडे हो गये। रीमा पहले से ही चूत की गर्मी से बेहाल थी और मेरी उंगलियो ने भी उसकी हालत और भी खराब कर दी। थोडी देर उंगली फिराने के बाद मैंने अपने हाथ खोल कर पूरी हथेली उसके चूतड पर रखी और उसके चूतड को भोंपू की तरह दबाने लगा। जब वह मेरी जीभ से अपनी चूत दूर करती तो उसके चूतड मेरी हथेली से टकराते और मैं उनको दबा देता और जब मेरी जीभ अपनी में घुसाती तब मैं उसके चूतड छोड देता। रीमा अपने सारे होश खोकर अपने बदन को संतुष्ट करने मे लगी थी। मेरी जीभ इतनी देर से बाहर निकली हुयी रीमा की चूत को मजा दे रही थी और जीभ से निकलती लार और चूत से निकलता रस सीधा मेरे मुँह मे जा रहा था और मैं पूर्ण रूप से इसका मजा भी नंही ले पा रहा था। और अब तो मेरी जीभ भी दर्द करने लगी थी। मैंने अपनी जीभ को अपने मुँह के अंदर किया और उसकी चूत को अपने मुँह मे भर लिया और चूसने लगा। चुदायी का बाँध एक दम से टूटने से रीमा की निंद्रा टूटी। उसके चूतड एक दम से थम गये। अरे औ भोसडी की औलाद जीभ क्यो अंदर कर ली साले मादर चोद इतना मजा आ रहा था जीभ से चुदने का और थोडी देर करती तो झड ही जाती मैं।

माँ मेरी जीभ अब थक गयी है मैं तुम्हारी चूत थोडी देर मुँह मे भर कर चूस लेता हूँ फिर चोद लेना जीभ साले थोडा सा दर्द भी नंही सह सकता अपनी माँ के लिये चल अब जोर जोर से मुँह मे भर कर चूस मेरी चूत, चूत के दाने को भी चूस। रीमा ने अपने हाथ नीचे लाकर मेरे सर पर रखे और अपने चूतड मेरे चेहरे पर दबा दिये। मेरी चूत चोदने मे तेरे को दर्द होता है मादर चोद अपनी माँ के लिये थोडा सा दर्द भी नंही सहन कर सकता। ले कुतिया के जने अब मैं जब अपना पूरा भार से तेरा चेहरा दबा दूंगी तब पता चलेगा तेरे को। रीमा ने कस कर मेरे सर को पकड रखा था और अपनी पूरी ताकत से अपनी चूत को मेरी जीभ पर दबा दिया था मैंने भी अपनी जीभ थोडी सी बाहर निकाली और उसके चूत के दाने पर रख दी थी। रीमा के चूतडो के भारी बोझ के तले मेरी जीभ भी दब गयी जोकि एक दम उसके चूत के दाने के बाद थी। रीमा खुद ही कस के अपने चूतड मेरी जीभ पर दबा कर अपनी चूत का दाना रगडने लगी।

खुरदरी जीभ पर चूत का दाना रगडते ही रीमा का बदन मे मस्ती की लहर दौड गयी और वह जोर जोर से चूतड मटकाने लगी। आह मस्त मजा आ गया साले रंडी की औलाद तेरी जीभ का तो कोई मोल नंही है जब भी चूत से छूती है जंन्नत का नजारा मुझे मिलता है। ले कुत्ते अब बोल अब दर्द नंही हो रहा तेरे को। रीमा ने इतनी कस से मेरे चेहरे को अपनी चूत पर दबा रखा था कि मेरी नाक उसके चूत के उपर के हिस्से से पूरी दब गयी थी और मुझे सांस लेना भी मुश्किल हो रहा था। पर मुझे रीमा के इस बर्ताव से बहुत ही मस्ती चढ रही थी। मुझे ऐसा लग रहा था कि मैं जैसे रीमा की कोई खिलौना हूँ। और मुझे थोडे से दर्द मे मजा आता था। रीमा अब अपना आपा खो बैठी थी चूत रगड रगड कर उसकी हालत खराब हो रही थी। वह चूतड हिला कर रगडती तो कभी कस के चूत जीभ पर दबा देती। और मस्ती में जोर जोर से गालियाँ बकते हुये चिल्ला रही थी। थोडी देर बाद मैंने खुद रीमा के कूल्हे पर हाथ रख कर उसकी चूत को अपनी जीभ से अलग किया। अरे भोसडी के अब क्या हुआ जब भी मुझे मजा आ रहा होता है तू कुत्ता साला अपने को मुझसे अलग कर देता है लगता है मार मार के तुझे सीधा करना पडेगा कि माँ कि सेवा कैसे करते हैं।
 
माँ मैं तुम्हारी सेवा करने के लिये पूरी तरह से तत्पर हूँ पर इस तरह से अगर तुम झड गयी तो तुम्हारा सारा चूत रस मेरे चेहरे पर बह जायेगा और मैं उसका सेवन नंही कर पाऊंगा मै ऐसा करता हूँ कि मैं अपनी जीभ की नोक तुम्हारे चूत के दाने पर रख देता हूँ तुम अपने चूत रगडो और मजा लो वादा करता हूँ जब तक झड न जाओगी अपनी जीभ तुम्हारे चूत के दाने पर ही रखूंगा। ऐसे तुम्हारी चूत से जो भी रस बहगा मैं अपना मुँह खोल कर उसमे समेट लूंगा और गटक जाऊगा और तुम्हारा इतना कीमती नशीला चूत रस बर्बाद भी नंही होगा। तू बात तो सही कह रहा है चल मैं भी चाहाती हूँ की एक एक बूंद अपने चूत रस की तुझे पीलाऊं। मैंने जीभ निकाली और रीमा के चूत के दाने पर रख दी। रीमा ने भी अपनी चूचीयो के बीच से देखा जब मेरी जीभ चूत के दाने पर एक दम सही बैठ गयी रीमा ने चूत के दाने को मेरी जीभ के संपर्क मे रखते हुये ही अपने चूतड गोल गोल घुमाने लगी जिससे जीभ की नोक चूत के दाने पर रगड खाने लगी और रीमा को फिर से मजा आने लगा। मुझे पता जितनी गर्म रीमा हो चुकी है अब उसके लिये अपने आप को काबू में रखना बहुत ही मुश्किल है। उसकी चूत ज्यादा देर नंही रूक सकती जल्दी ही झड जायेगी। रीमा के जोर से करहाने की आवाज इस बात का संकेत थी। और उसकी चूत से बहता रस जिसे मैं कभी कभी अपनी जीभ और होंठो से मुँह के अंदर समेट लेता था।

ओह मेरे लाल ओह मर गयी रे मेरे बच्चे अब मेरा किसी भी वक्त पानी छूट सकता है बडा ही मजा आ रहा है मेरे गर्म बदन को आज तक मैं रोज अतृत ही रहा जाती थी पर आज लग रहा है जब सोऊगी तो पूरी तृत होकर। आज तक जितने भी मर्द मिले वह दो तीन बार मेरी चूत चोद कर सो जाते थे आज तक किसी ने ये नंही सोचा की मेरी चूत को क्या चाहिये आज मेरी चूत को समझने वाला सही से प्यार करने वाला मिला जो मुझे अपनी माँ के रुप मे देखता है इससे बडी बात और क्या हो सकती है मेरे लाल। ओह मेरे राजा ओह रे चूत की गर्मी मर गयी रे मर गयी मैं तो मेरे जवान बेटे की जवानी देख कर मेरी चूत का रस रुक ही नंही रहा। पी ले मेरे राजा पी ले मेरा रस आज सारा रस पी जा मेरी चूत का एक भी बूंद न छोड सुखा दे मेरी चूत मेरी चूत के जने मेरे प्यारे बेटे खुश कर दे अपनी माँ की चूत को। बहुत रस भरा है तेरे लंड की माँ मेरी चूत में। मेरी अच्छे से सेवा कर मादर चोद अच्छे से सेवा करेगा तभी मैं तेरे लंड को उसकी माँ से मिलने दूंगी। वैसे भी मैं एक बार मिलन करवा चूंकी हू तेरे लंड और अपनी चूत का अब झडा भी दे कुत्ते जीभ चला हाँफते हुये रीमा ने कहा।

रीमा ने सही कहा था क्योकि मेरे उपर चढ कर रीमा खुद ही चूत चटवाने मे मेहनत कर रही थी इसलिये उसके बदन से पसीना और रिसना शुरु हो गया था जिसे मे उसकी जाँघो पर महसूस कर सकता था इसका मतलब उसकी चिकनी पीठ और छाती पर भी पसीना जमा हो गया होगा। रीमा की पीठ और छाती से पसीना पीना अभी बाकी था। मैं तो ये बात सोच कर उत्तेजित हो रहा था कि जब मैं उसके चूतड और उसके चूतड की दरार खोल कर उसकी बीच छुपी उसकी मस्तानी गाँड से उसका पसीना चाटूंगा तो मेरा क्या होगा। पर अभी तो मेरा ध्यान सिर्फ उसकी चूत पर था जो अब किसी भी वक्त चूत की गर्मी की वजह से लावे की तरह फट सकती थी और उससे जो चूत रस का सैलाब आता उससे न जाने क्या क्या बह जाता और मैं उस अमृत जैसे चूत रस के सैलाब को अपने मुँह मे समा लेना चाहाता था। और अभी भी जो चूत रस की बूंदे चूत से टपक रही थी उन्हैं मैं अपनी मुँह के अंदर समेट रहा था। रीमा अब किसी भी वक्त झड सकती थी वह अपने चूतड किसी तेज गाडी के चलते टायर की भांति तेज तेज घुमा रही थी और मस्ती मे न जाने क्या क्या बड बडा रही थी। मेरी जीभ लगातार उसके चूत के दाने से रगड खा रही थी। आह आह ओह्ह ओह्ह्ह आह्ह्ह मेरी रे मैं तो मरी ओह्ह्ह अह्ह्ह और फिर अचानक वही हुआ रीमा का बदन एक दम से कडा पड गया रीमा ने कस कर अपनी चूत मेरे मुँह पर दबा दी जिसे मैंने अपना पूरा मुँह खोल कर अपने मुँह मे भर लिया।
 
ले मैं गयी रज्जा कह कर रीमा ने मेरे सर को पकड लिया मेरी नाक और मुँह उसके भारी भरकम मोटे बदन के नीचे दब से गये और रीमा की चूत झडने लगी उसकी चूत ने रस की फुहार कर दी जिसे मैं अपने मुँह से पीने लगा रीमा के चूतड हल्के से झटक मारते हुये चुत के झडने का अहसास करा रहे थे। धीरे धीरे रीमा के झटके बंद हो गये और रीमा बिल्कुल शांत हो गयी और उसका शरीर भी ढीला पडने लगा। मैं लगातार उस्की चूत मुँह मे भर कर चूसता जा रहा था। और कुछ ही देर में रीमा का बदन ऐसा हो गया कि जैसे उसमे कोई जान ही नंही है। रीमा अपनी चूत मेरे मुँह मे घुसाये ऐसे ही पडी रही और मैंने पहले उसकी चूत को चूस कर सारा रस पी लिया फिर उसकी चूत को अपने दाँतो से हल्के हल्के चबाने लगा। रीमा इस दौरान कुछ नंही बोली बस ऐसे ही मेरे मुँह पर अपनी चूत डाल कर पडी रही लगाता था अबकी बार बहुत जबर्दस्त झडी थी वह जिसने उसके शरीर से जान ही निकाल दी थी। और उसके पास उठने के शक्ति बिल्कुल नंही थी।

मैंने उसकी चूत को पूरा मुँह मे भर लिया और रसीले पके आम के तरह उसे चूसने और चबाने लगा साथ ही साथ अब मेरे हाथ उसकी जाँघ और चूतड पर बहुत के प्यार से चल रहे थे। मैं जानता था कि अगर मैं इस तरह उसके बदन से प्यार से पेश आऊंगा तो वह बहुत जल्दी उठ कर फिर से खडी हो जायेगी। और फिर थोडी ही देर मे रीमा में फिर से जान आ गयी। इतनी जोर से झडने की वजह से उसका बदन थोडा कमजोर हो गया था। आज तो तूने मेरी जान ही निकाल दी इतना तो मैं कभी कभी ही झडती हूँ और वह भी मैं किसी औरत के साथ संभोग करती हूँ। किसी मर्द के साथ तो आज तक मेरे बदन की ये स्थिति कभी भी नंही हुयी। अब तो मुझे तोडी ताकत जमा करनी पडेगी आगे लिये। कह कर रीमा उठी और घुटने और हाथो के बल कुतिया बन कर खडी हो गयी। चल बेटा तू निकल मेरे नीचे से अभी थोडे देर मेरी चूत छोड दे फिर दूंगी तेरे मुँह मे चूसने को मुझे पता है तुझे चूत रस बहुत पंसद है जल्दी ही दूंगी मन भर कर चूसना पर अभी तो छोड दे मेरी चूत इसमे बिल्कुल भी रस नंही बचा जब रस बन जायेगा तब फिर तेरे मुँह मे घुसेड दूंगी। मुझे पता है तू अभी भी भूखा है तब तक माँ के पास अपने बदन का पसीना है पीलाने के लिये उसे पी कर अपनी भूख मिटा ले जब चूत रस फिर से इकठ्ठा हो जायेगा फिर से पी लेना ठीक है लाल।

रीमा अच्छी तरह से जानती थी कि मेरे जैसे जवान छोरे से कब क्या कहना और कैसे मुझे उत्तेजित रखते हुये भी अपनी बात मनवानी है वैसे भी मेरे दिल दिमाग पर अब मेरा लंड हावी हो चुका था और मेरे लंड को रीमा जो भी कहती वह तो वही करता जैसे रीमा के नंगे बदन से कोई मंत्र पढ कर मेरे लंड को अपने वश में कर लिया था। मैंन रीमा ने बदन के नीचे से निकल कर खडा हो गया। खडा होते ही रीमा के खुले हुये मोटे चूतड और उसकी गाँड का छेद देखायी दिया। उसकी चूतड पसीने मे एक दम भीग रहे थी। उसके चूतडो पर जमी पसीने की एक एक बूंद किसी मोती के समान लग रही थी और उसकी खुली हुयी गाँड मुझे दावत दे रही थी और रीमा मुझे अपना कोई मंदपंसद भोजन लग रही थी। रीमा ने पीछे मुड कर मेरी तरफ देखा तो मुझे अपनी मोटी गाँड को निहारते पाया। वह मुस्कुरायी जैसे मन ही मन कह रही हो किस तरह अपने इस मोटे बेडोल नग्न बदन से उसने एक सीधे साधे जवान कुंवारे मर्द को फंसा लिया अब वह जो चाहे वह करवा सकती थी मेरे साथ और मैं कभी भी मना नंही करता। इसका जीता जागता सबूत ये था कि मेरा लंड इतनी देर से लोहे की रॉड की तरह तन कर खडा था और कोई छेद ढूंढ रहा था घुसाने लिये जिसमे घुस कर वह अपनी गर्मी शांत कर सके पर क्योकि रीमा ने अभी आज्ञा नंही दी थी इसलिये लंड का दर्द भी सहन कर रहा था।
 
गतांक से आगे.....................

बेटा क्या निहार रहा है माँ के चूतड, एक दम खुले पडे है गाँड भी दिख रही होगी तेरे को तभी तेरा मन मचल गया है बेटा चिंता मत कर मैं गाँड से खेलने भी दूंगी और गाँड मारने भी दूंगी तब पूरा अंदर डाल कर अपनी माँ की गाँड कि गहरायी नापना अपने लंड से मना नंही करूगी समझा पर अभी उसका वक्त नंही आया है चल आ जा माँ के सामने आकर सोफे पर बैठ माँ को थोडी ताकत चाहिये और देख तेरा ये मूसल का सुपाडा कैसा गीला हो गया है चल माँ को चूस लेने दे तेरा लंड थोडी देर। तेरा लंड चूस कर थोडी ताकत आयेगी फिर मैं तेरी भूख मिटाऊंगी। बहुत पसीना जमा हो गया है पी लेना सारा पहले मेरे पीछवाडे का पसीना ही पी लेना ठीक है मना थोडी कर रही हूँ चल अब अच्छे बच्चे की तरह आजा और अपनी माँ को अपना मूसल चूसने दे। चल अच्छे बच्चे जिद नंही करते माँ से और माँ का कहना मानते है मेरा कहना मनेगा तो माँ चूत का प्रसाद देगी तेरे को। चूत के प्रसाद के अर्थ को मैं उस वक्त समझ नंही सका पर जब रीमा ने सही मैं अपने चूत का प्रसाद मुझे दिया मैं रीमा के विकृत और चुदक्कड दिमाग को दाद दिये बिना न रह सका।

मैं माँ कि गाँड निहार रहा था और उस दर्श्य से मंत्र मुग्ध हो गया था। उसके दो चूतड मुझे दो बडे तरबूज लग रहे थे। और उसके बीच उसकी गाँड का छोटा भूरा छेद प्यार की दवात दे रहा था मेरे लंड को बुला रहा था जैसे वह लंड की माँ चूत की सहेली और अब अपनी सहेली के जवान मस्ताने बेटे की जवानी देख कर उससे चुदवाना चाहाती हो और लंड को अपने अंदर समा लेना चाहाती जिसका मजा कुछ देर पहले उसकी सहेली चूत ने लिया था। एक तरफ रीमा अपने गीले चूत रूपी मुँह में मेरा लंड लेना चाहाती थी और दूसरी और उसकी गाँड मुझे आमंत्रित कर रही थी। पर मेरा लंड रीमा का गुलाम बन चुका था जो जो मुझसे करती थी और जैसे जैसे करती थी उससे लंड को बहुत मजा मिला था इसलिये उसने रीमा की बात ही मानी और गाँड जैसे कसे हुये छेद को छोड कर रीमा की बात मानते हुये एक आखरी बार गाँड को देखा और जाकर रीमा के सामने सोफे पर बैठ गया।

रीमा बहुत खुश हुयी और बोली मेरा प्यारा बेटा मुझे पता है तुझे मेरी गाँड या ये कहूँ किसी भी औरत की गाँड कितनी पंसद है और तू गाँड को चूत से भी ज्यादा चाहाता है और मुझे पता है तेरा ये मूसल जैसा लंड किसी भी मस्तानी औरत की गाँड को मजा देने के लिये ही बनाया गया है परन्तु तू ये नंही जानता तेरे जैसे लंड वाले कितने ही लडके सोचते है कि वह औरत को कितना मजा देंगे पर वह औरत को संतुष्ट नंही कर पाते क्योकी वह सिर्फ अपने मजे के बारे में सोचते है। तेरे जैसे लंड मेरे जैसी चुदैल औरतो को मजा देने के लिये ही बन है और मैं तुझे बताऊंगी की चुदैल औरत को कैसे मजा देते है ऐसे ही मेरी बात मनता जा मस्त मजा आयेगा। हाँ माँ मुझे पता है कि आप मुझे जरुर मजा दोगी। रीमा ने मेरा लंड प्यार से पकड लिया था और उस पर अपनी कोमल उंगलिया चला रही थी। चल अब थोडा आगे को खिसक जा मेरे लाल माँ ने मेरे घुटनो पर हाथ रखा और अपने को सोफे के एक दम किनारे पर ले आयी। ऐसा करने से उसकी एक एक किलो वाली मोटी चूचीयाँ किसी पेड पर लटकी पके पपीते कि तरह हिलने लगी।
 
रीमा ने मुझे पैर चौडा करने को कहा। मैं अपने पैर चौडे करके अपने चूतड को सोफे के किनारे पर टिका कर बैठ गया। और रीमा मेरे लंड के पास आ गयी उसने मेरा लंड पकडा जो नाडा बंधा होने के कारण उसकी एक एक नस तन कर खडी थी। मेरी और देख कर मुस्कुरायी और बोली बेटा तेरा लंड भी मेरा पसीना और चूत चटायी करके थोडा गर्म हो गया होगा अपने मुँह मे लूगी और अपने थूक से गीला करूंगी तो तेरे इस मूसल को कुछ ठंडक पहुंचेगी नंही तो इस गर्म रूप मे मेरे नीचे के किसी छेद मे घुस गया तो मेरा वह छेद तो शहिद हो जायेगा। और फिर अपने जीभ को अपने होंठो पर फिराती हुयी बोली और मुझे भी लालीपॉप चूसने का बडा मन कर रहा था तेरे लंड को शांत करने के बहाने तेरी माँ लालीपॉप भी चूस लेगी। फिर रीमा ने अपना पूरा मुँह खोल कर अपनी जीभ गोल गोल घुमा कर मुझे दिखायी और नीचे मुँह करके अपने खुले मुँह मे मेरा लंड भर लिया। मेरे लंड के एक तिहायी हिस्से को मुँह मे भर कर अपने होंठो मे मेरे लंड को जकड लिया लंड को अपने जीभ और मुँह के उपरी भाग से कैद कर लिया। रीमा के गीले चूत रूपी मुँह मे समाते ही मुझे ऐसा लगा जैसे किसी धक्कती हुयी भट्टी किसी ने मिट्टी का तेल डाल दिया जिससे आग और भी भडक उठी हो। उसके मुँह में कैद होते ही मेरे मुँह से के आह निकल गयी। मेरे लंड का सुपाडा काम अग्नि मे जलने लगा। 

रीमा ने कुछ देर मेरे लंड को इस तरह ही मुँह मे रखा। और फिर अपनी जीभ मेरे लंड के सुपाडे पर गोल गोल घुमाने लगी। उसने अपने जीभ मे बहुत सारा थूक लिया और मेरे लंड को अपने थूक से नहलाने लगी। मेरे लंड के मूत्र छिद्र से निकलता लंड का प्रीकम भी उसके थूक के साफ मिल कर मेरे लंड पर लिथडने लगा। रीमा ने धीरे धीरे अपन थूक जमा करना शुरु कर दिया और थोडी ही देर में मेरा लंड रीमा के मुँह के अंदर थूक के तलाब मे डूब गया। रीमा के होंठो ने मेरे लंड को जकड रखा था फिर एक दम रीमा ने सारा थूक गटक लिया जिससे मेरा लंड उसकी जीभ और उसके तालू के बीच कस कर चिपक गया। रीमा ने लंड मुँह मे लेने से पहले मेरे सुपाडे के उपर से लंड की खाल उतार दी थी जब वह मुझे अपने थूक से नहला रही थी तब मुझे बहुत मजा आ रहा था पर जैसे ही रीमा ने मेरे सुपाडे को जीभ से दबाया सुपाडे वाला भाग नर्म और संवेदनशील होने के कारण मुझे वह दर्द और मस्ती का अहसास सहन नंही हुया। मेरे मुँह से एक जोर की करहा निकल गयी। रीमा को पता था वह मेरे लंड के साथ क्या कर रही है इसलिये थोडी देर इसीतरह मुँह मे दबाये रखने के बाद रीमा ने अपनी गीली जीभ फिर से मेरे लंड के सुपाडे के उपर गोल गोल घुमाने लगी। लंड के सुपाडे को गीला करके रीमा ने अपना मुँह और खोला और मेरा लंड और अंदर घुसेड लिया।

मेरा लंड रीमा के हलक से टकराने लगा। मेरा करीब आधा लंड रीमा के मुँह मे समा चुका था। फिर रीमा अपने मुँह को उपर नीचे करने लगी जैसे वह मेरे लंड को चोद रही हो। मेरे लंड को चूसते हुये रीमा ने आँख उठा कर देखा उसकी आँखो मे वासाना चमक थी। थोडी देर मुँह चोदने के बाद रीमा ने लंड निकाला और बोली क्या मोटा मूसल है तेरा बडा ही मीठा है बहुत मजा आ रहा है चूसने मे। अभी तो मैं हू कुछ दिन एक दिन पूरा सिर्फ तेरा लंड चूसूंगी और अपनी चूत चुसवाउंगी। और कुछ भी नंही तेरा मुँह मेरी चूत पर और मेरा मुँह तेरे लंड पर। फिर रीमा ने लंड अपने मुँह मे घुसेड लिया और मेरे लंड को पकड कर मुँह के अंदर गोल गोल घुमाने लगी। फिर तो जैसे रीमा ने मेरे लंड पर अपने प्यार कि झडी लगा दी। कभी जोर जोर से मेरे लंड को चूसती, कभी अपने मुँह से मेरे लंड को चोदती तो कभी प्यार से अपनी जीभ मेरे लंड के सुपाडे पर घुमाती तो कभी मेरे मूत्र छिद्र को अपनी जीभ की नोक से कुरेदती। मैं एक मूक दर्शक बन कर अपना लंड चुसवाता रहा। मेरा लंड चूसे जाने से बहुत ही गुस्से में आ गया। उसकी नसे फटने को तैयार थी। जब रीमा ने देखा कि मेरी हालत बहुत ही खराब है तो उसने आखरी बार कस के मेरा लंड चूसा और मेरे लंड को अपने मुँह से निकाल दिया और मेरे लंड के सुपाडे पर चुम्बन दिया फिर मेरी और देखा और बोली बोल बेटा आया मजा। मेरे गीले गीले चूत रूपी मुँह मे लंड डाल कर चुसवाने में। जैसे चूत लंड लेती है ऐसे ही मैं भी लंड खा रही थी न। ओह माँ मेरा लंड तो एक दम पत्थर हो गया है। तुम्हारे मुँह ने तो मेरे लंड कि एक दम जान ही निकाल दी। और कुछ देर तुम मेरे लंड को चूसती तो मेरा लंड कि नसे फट ही जाती।
 
चल अब थोडी देर चूस लिया तेरा लंड अब तू मेरा पसीना चाट देख मोती की कितनी बूंदे मेरी पीठ और चूतड पर जमा है चुन ले ये मोती अपने मुँह से। चल मैं ऐसे ही कुतिया बनी खडी हूँ तू पी मेरा पसीना । कह कर रीमा थोडा पीछे खिसकी और कुतिया बन कर खडी हो गयी। मैं उठ कर उसके बगल में आ गया और उसकी पीठ निहारने लगा। फिर मैं उसके बगल में घुटनो के बल बैठ गया। सबसे पहले मैं उसकी गर्दन का पसीना पीना चाहाता था। तो मैंने झुक कर उसके गर्दन पर अपने होंठ रखे और चूमा। रीमा की गर्दन बहुत ही संवेदनशील थी मेरे चुम्बन लेते ही रीमा के बदन मे झुरझुरी दौड गयी और रीमा के मुँह से एक आह निकली। मैंने अपनी जीभ उसकी गर्दन पर घुमाने शुरु कर दी रीमा को मेरे चाटने से बहुत ही गुदगुदी हो रही थी श्याद तभी वह अपनी गर्दन हिला कर और अपने बदन को कडा करके उसको रोकने की कोशिश कर रही थी। मैंने चूमते हुये उसकी गर्दन से उसका पसीना पी लिया और। गर्दन से पसीना पीने के बाद अब उसकी चिकनी पीठ की बारी थी। रीमा चौपाया खडी बिल्कुल कुतिया लग रही थी जो कि कुत्तो को रीझा रही हो। मैंने उसके एक तरफ बैठ कर उसका पसीना चाटा एक एक बूंद को पीया और फिर उसकी चिकनी पीठ को अपने थूक से नहलाया यंहा तक की मैंने खुद उसके बदन पर थूक दिया और फिर खुद ही उस थूक को चाटा।

क्योकी मैंने एक तरफ बैठ कर उसकी पीठ को चाटा था इसलिये उसकी आधी पीठ थूक मे चमकने लगी। मैंने उसके चूतडो का न तो देखने की कोशिश की और न ही पसीना चाटा पहले मैं पीठ चाटना चाहाता था फिर उसके चूतड और गाँड पर अच्छे से समय वयतीत करना चाहाता था उसकी गाँड मे जीभ घुसा कर उसकी गाँड मे घुस गया पसीना भी निकाल कर पीना चाहाता था। फिर मैंने दूसरी तरफ की पीठ भी अच्छे से चूम चूस और चाट कर अपने थूक से चमका दी। रीमा करहा और गाली देती हुयी मुझे उकसा कर उत्तेजित कर रही थी और उसकी चूत भी लगता था अब फिर से गर्म होने लगी थी क्योकी गर्म चूत होने पर वह गालियाँ बकती थी। लो माँ मैने तुम्हारी पीठ को चाट कर एक दम चमका दी है। अब मैं तुम्हारे चूतडो को भोगूंगा। रीमा ने अपने गोल मटोल तरबूज जैसे चूतडो को हिलाय और बोली अरे मेरे प्यारे लाल मैं भे तुझे कंहा मना कर रही हूँ मेरे चूतड और गाँड तो न जाने कब से तडप रहे है प्यार के लिये। मेरे चूतड अच्छे है तो कई लोग बोलते है पर गाँड चाटने या चूतड चूमने को बोलो तो बस गाँड मे लंड डाल कर साले सब अपना मन बहलाते है। प्यार करने का किसी को टाईम ही नंही है। सब सिर्फ अपना मजा देखते। तू पहला मर्द है जिसने मेरे मजे को इतनी अहमियत दी है। इसलिये तेरे से मुझे बहुत आशायें है कि ये करेगा वो करेगा मेरी इस मोटी गाँड के साथ अब देख मेरा भरोसा मत तोडना और पूरा न्याय करना इन कीमती चूतडो के साथ।

माँ तुम चिंता मत करो मैं तुम्हारा भरोसा बिल्कुल भी नंही तोडूंगा और जैसा और जो भी तुम कहोगी वही करूगां जब तक तुम्हारा मन न भर जाये तब तक कहना मेरा चेहरा तुम्हारे चूतडो में ही घुसा रहेगा। तुम्हारी गाँड और चूतडो के एक के इंच को प्यार करूंगा और चाटूंगा मैं। मैंने तो जबसे तुम्हारे चूतड देखे है इनकी सुंदरता ने मेरा मन मोह लिया है। मेरे दिलो दिमाग पर झा गया है तुम्हारे चूतडो का ये मनमोहक नजारा। तो आजा बेटा अब अपनी इस माँ को और मत तडपा और अपनी माँ के जनमो के भूखे इन चूतडो को प्यार कर मेरे लाल मेरी चूत के जने घुसा दे अपना मुँह मेरी गाँड में बहुत प्यासी है बेचारी तुझे भी बहुत प्यार देगी अगर तू इसे प्यार देगा। लाओ माँ दो मुझे अपने चूतड उपहार में आज तो इनको जन्नत का सुख दूंगा। तो चल आ जा मेरे पीछवाडे मैं कब मना कर रही हूँ खुद ही गाँड खोल कर कुतिया बनी खडी हूँ। मैं रीमा की पीछे आ गया और रीमा के मोहक चूतड मेरे सामने आ गये। गोल मोटे माँस से भरे दो बडे फुटबाल जैसे थे उसके चूतड। उसके कूल्हो पर भी अच्छा माँस जमा था। उसके चूतडो की दरार कोई गहरी खायी थी। जिसके अंदर छलांग लगाने मे मुझे कोई भी ऐतराज नंही था। मेरे लिये तो वह जीवन से भरपूर खायी थी।

रीमा के पीछे आकर मैं घुटनो के बल बैठ गया। कमरे में गर्मी होने के कारण उसके चूतड पर पसीने की बूदे जमा थी। यहाँ तक उसके चूतड की दरार में भी पसीना भरा पडा था। मेरे मस्ती का इतना बडा खजाना मेरी आँखो के सामने था। रीमा जानती थी की मैं औरत के चूतडो को कितना पंसद करता हूँ वह भी चाहाती थी कि मैं मन भर कर उसके चूतडो को निहारू क्योकी सिर्फ चूतड दर्शन से ही मेरे लंड पर जबर्दस्त असर होता था और एक बार मेरा चूतडो का मतवाला लंड अपने आपे से बाहर हो गया तो वह मुझे अपनी मस्ती के लिये कितना भी गंदे से गंदा काम करने पर मजबूर कर सकता था और मैं अपने आप को नंही रोक सकता था। रीमा ये जानती थी तभी वह चाह रही थी कि जब मैं उसके चूतडो में मुँह घुसाऊ तो वह जो कहे वह मैं बिना झिझक कर संकू। उसने थोडी देर अपने चूतडो को एक दम स्थिर कर रखा था तकि मेरे लिये कोई भी विघन न हो। मन मोहक चूतडो के दर्शन पाकर मेरा नाडे मे कसा लंड अधीर होने लगा और मुझे लगा कि लंड सारी जंजीरे तोड देगा और इधर उधर उछल कर नाडे की कैद से आजाद होने की नाकाम कोशिश कर रहा था। नाडा भी मेरे लंड की खाल मे अंदर तक घुसे जा रहा था। जिससे मेरा दर्द थोडा और बढ गया था दर्द और मस्ती का ये संगम मेरे को कोई अलग ही दुनिया मे ले जा रहा था।
 
रीमा को जब लगा कि अब वह समय आ गया है जब मैं धीरे धीरे अपना होश खो रहा हूँ तो उसने अपने चूतड को हिलाना शूरु कर दिया जैसे एक कुतिया अपनी गाँड हिला कर अपने कुत्ते को रिझाती है बिल्कुल वैसे ही हिला रही थी रीमा अपना पीछवाडा। देख मेरे लाल अपनी माँ का पीछावाडा इसको पाने कि हसरत लेकर तू मेरे पास आया था मेरे लाल देख ले इनको निहार ले मेरे नितंब बडा प्यार करता है न तू अपनी माँ की गाँड से और माँ कि इस मोटी मोहन मतवाली गाँड को भोगने की चाह रखाता है माँ देगी बेटा माँ तुझे जरुर अपनी गाँड देगी जितनी देर चाहे जैसे चाहे भोगना माँ का पीछे वाला छेद तुने जिस तरह से मुझे खुश किया है ना माँ जरुर देगी तू चिंता मत कर मेरे मादरचोद बेटे। बस तू मुझे ऐसे ही मजा दिये जा ऐसे ही जैसा मैं कहती हूँ करता जा मेरे लाल माँ को खुश करेगा तो गाँड मे लंड डाल कर हिलाने को मिलेगा। इन मोटे चूतडो के सवारी करने को मिलेगी बिल्कुल इसी तरह कुतिया बन कर ही खडी रहूगी तेरे लिये और तू भी मुझे अपनी रंगीली कुतिया समझ कर ही चोदना कोई भी रहम मत करना मुझ पर उधेड कर रख देना अपनी माँ को ऐसे उधेडना कि तेरी ये कुतिया चल भी ना पाये पूरा मजा लेना बेटा। देख तेरी ये कुतिया माँ कैसे अपने चूतड हिला रही है और मेरी ये गाँड पसीने से भरी पडी है तेरी इस रंडी माँ का पसीना तेरे माँ के बदन से निकला है और तेरी माँ के बदन के कितने ही प्राकृतिक तत्व इसमे मिले है और ये तत्व तेरे लंड की सेहत के लिये बहुत ही जरूरी है बेटा तू रोज मेरे पसीनी का सेवन करेगा तो तेरा ये मूसल ज्यादा दिनो तक जवान बना रहेगा और अगर ये जवान रहेगा तभी तो अपनी माँ की गंडिया को मजा देगा बोल मादरचोद सही कहा कि नंही।

हाँ माँ तुम तो वैसे भी चुदायी शास्त्र की महा ज्ञानी हो तुम्को तो चुदायी शास्त्र की महान शिक्षक के रूप में प्रसिधी मिलनी चाहिये अगर तुम कह रही हो की तुम्हारे बदन से उतपादित होने वाले पर्दाथ मेरे लंड के लिये लाभ दायक है तो मैं जरुर उनका सेवन करूंगा माँ बेटा तू सच मुच मे पसीने की महत्ता को समझता है मैं तो धन्य हो गयी तेरे जैसे बेटा पाकर। तेरी माँ होने के नाते और मैं पहली औरत हूँ जिसने तुझे चुदायी सिखायी तो मैं तेरी शिक्षका हुयी दोनो तरह से तुझे सही मार्ग दिखाना मेरा कर्तव्य है। मेरी बात मान कर जीवन में आगे बढेगा तो तुझे मस्त चुद्दकड जीवन के साथ साथ हजारो चूत और गाँड भी प्राप्त होगी। तेरे लंड को इतनी प्रसीधी प्राप्त होगी के तेरे सामने मेरे जैसे अधेड उम्र की नारीयो की कतार लग जायेगी और तू अपने लंड रूपी मूसल से उनकी चूत और गाँड का उद्धार कर सकेगा मेरे लाल। मैं तो बस यही चाहाती हूँ कि जो भी औरत तेरे लिये अपने चूत के द्वार खोले वह तेरे लंड को कभी भी भूल न पाये और मैं जानती हूँ तेरे लंड मे ये शक्ति है बाकि तो मुझे पता नंही माँ मैं तो बस इतना जानता हूँ कि जब से मैंने इस कमरे में प्रवेश किया है मुझे ऐसा अहसास हो रहा है कि जैसे मैं किसी स्वर्ग में हूँ।

क्रमशः........................
 
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