Maa Sex Chudai माँ बेटे का अनौखा रिश्ता - SexBaba
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Maa Sex Chudai माँ बेटे का अनौखा रिश्ता

hotaks444

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माँ बेटे का अनौखा रिश्ता

मेरी ये कहनी कालप्निक है। इसका काहानी का आधार एक औरत पर है जिससे मैंने एक चाट वेब पेज पर कयी बार बात की। उसके साथ कयी बार चाट रुम मै चुदायी भी कि । मैं उसको माँ बुलाता हुँ और वह मुझको बेटा । हम दोनो अलग अलग शहर मै रहते है और कभी भी मिले नही है । मेरा नाम दीपक है और मैं २६ साल का हुँ । मेरे लन्ड का साईज ८ इंच है ।

उसका नाम रीमा है। उसने जो मुझको बताया उसके आनुसार वह एक तालाक शुदा औरत है । उसकी उमर कोई ४८ साल की है और उसकी फ़िगर ३८ डी ३० ४२ कि है और वह दिल्ली मै रहती है। वह जिस औफ़ीस मै काम करती है उस के बॉस के साथ उसके संबन्ध है । उसका बॉस शादी शुदा है और कोइ २६ साल कि उमर का है । उसको कम उमर के लडको से चुदाने मे बडा मजा आता है । उसकी एक नौकरानी भी है जो कोई २० साल की है वह सेक्स मै उसका साथ देती है । उसको जवान लौन्डौ की कोई कमी नही है । वह अपने बॉस के साथ बहुत टूर पर जाती रहती और टूर पर वह अपने बॉस और कलाईन्ट के साथ चुदायी के मजे लेती है ।

हम लोगो एक चाट साईट पर मिले और हम लोगो मे चुदायी कि बातें होने लगी । मैंने उसको बतया कि मुझे बडी उमर की औरतें बहुत पसन्द है । उसने मेरे से पूछा कि किस बडी उमर कि औरत के बारे मे सोच कर मैं हस्थ मैथुन करता हुँ । मैने कहा अपनी माँ के बारे मे । उसने पुछा की मेरी माँ का नाम क्या है और वह कैसी दिखती है । मैं बोला कि मेरी माँ का नाम निर्मला है और उसका रंग गोरा है । उसके नयन और नक्श बहुत ही तीखें हैं । उसकी फिगर ३६ सी ३० और ४० है।

फिर हमने इस बारे मे बहुत सारी बातें कि जो आप लोगो को आगे पता चलेगी। वोह मुझ से चाट कर के बहुत मजा लेती थी। मुझे भी उसके साथ बडा मजा आता था। एक दिन उसने मुझ से कहा कि वह रियेल्टी मे मुझ से चुदाना चाहती है पर मैं बोम्बे मै रहता हुँ और उसका बॉस का बोम्बे मै कोई टूर नही होता । जिसकी वजह से हम लोग कभी भी मिल नही पाये थे। पर हम दोनो ने अपने फोन नम्बर और घर का पता एक दूसरे को बता दिया था। और एक दूसरे को कार्ड भी भेजते थे। और हम चाट रुम मे ही चुदायी का मजा लेते थे ।

फिर एक दिन जब हम चाट कर रहे थे तो वह बोली उसका बॉस बोम्बे मै एक नयी ब्रान्च खोलने कि सोच रहा है और इसके लिये वह लोग टूर पर बोम्बे आ रहे है । और उसने अपने बॉस से बात कि वह टूर समाप्त होने के बात चार दिन के लिये बोम्बे मे अकेले रुकना चाहती है होटल मे कम्पनी के खर्चे पर । और उसका बॉस इस बात के लिये राजी हो गया है ।

मैं तो यह खबर सुन कर बहुत खुश हुआ क्योकि अब हम वह सब कर सकते थे जो कि हमने करने कि चाट रूम मे बात कि थी । उसने कहा कि वह ताज होटल मे रुकने वाली है और उसका रूम नम्बर वह बाद मे मुझको फोन पर बतायेगी । उसने कहा वह ४ फरवरी को बोम्बे आ रही है और ८ फरवरी को मुझको फोन करेगी ।
 
पर ४ तारीख को उसका फोन आया कि वह बोम्बे पहुँच गयी है और बाद मैं मुझ को फोन करेगी । मैंने उसको कहा कि मैं उसके फोन का इंतजार करूगाँ । पर ८ तारीख को उसका फोन नही आया । मैंने सोचा कि शायद काम पूरा नही हुआ होगा । लेकिन फिर ९ और १० तारीख को भी उसका फोन नही आया अब तो मैं बहुत ही उतावला हो रहा था । सोचने लगा कि कहीं वह मजाक तो नही कर रही थी। पर मैं कर भी क्या सकता था उसके फोन के इंतजार के अलावा। फिर अगले दिन बुधवार था दोपहर को करीब एक बजे रीमा का फोन आया उसकी अवाज सुनते ही मेरा लंड खडा हो गया। मैंने पुछा तुमने फोन क्यो नही किया मैं तो सोच रहा था कि तुम फोन ही नही करोगी।

रीमा ने कहा कि ब्रान्च खोलने के बात पक्की हो गयी है इसलिये वह, उसका बॉस और यहां का मैनेजर मिल कर २ दिन से मौज कर रहे थे। दोनो ने मिल कर उसको दो दिन तक बहुत जम कर चोदा था। इसलिये दो दिन वह फोन नही कर पायी आज सुबह ही उसका बॉस वापस दिल्ली गया है। और वह सुबह से आराम कर रही थी जिससे की मेरे साथ पूरी तरह से मजा ले सके। लेकिन उसको पहले से ही पता था कि वह मुझको ११ तारीख से पहले फोन नहीं कर पायेगी। मैने पूछा कि फिर तुमने बताया क्यो नही। रीमा बोली कि मैं तुम्को कुछ देर तडपाना चाहती थी। मुझको जवान लडको को तडपाने मे बडा मजा आता है। मैंने पूछा अब तो बताओ कि तुम्हारा रूम नंम्बर क्या है। रीमा बोली मुझ से मिलने के लिये तडप रहे हो। मैंने कहा हाँ।

थीक है बता देती हूँ तुम्को तुम भी क्या याद करोगे। मेरा रूम नंम्बर ५१४ है। मैंने कहा थीक है मैं अभी वहाँ पहुँच रहा हुँ। रीमा ने कहा वह भी बडी बेसबरी से मेरा इंतजार कर रही है। और जैसे हो वेसे ही चले आओ क्योकी वेसे भी इन चार दिनो मे मैं तुमको कोई कपडे तो पहनने दूंगी नहीं। बस अब चले आओ दौड कर अपनी माँ के पास। मैंने कहा थीक है माँ आता हूँ अभी। रीमा बोली कि मैंने अपने रूम के बाहर डू नॉट डिस्टर्ब का साईन लगा दिया है जिस से की जब घंटी बजेगी तो मैं समझ जाऊगीं कि तुम हो। मैंने कह ठीक है। फिर मैंने फोन रख दिया और अपने बॉस के पास गया मैंने छुट्टी के लिये पहले से ही बोल रखा था इसलिये कोई परेशानी नही हुई। नही तो जिस तरह की मेरी बॉस थी छुट्टी मिलना बिल्कुल ही नामुमकिन था।

फिर जल्दी से मैं टेक्सी पकड कर होटल पहुँच गया। मेरा दिल धक धक कर रहा था। मैं आज तक कुवाँरा था आज मेरे इस कुवाँरे लंड को चुदायी चुसायी का मजा मिलने वाला था। फिर मैं लिफ़्ट लेकर पाँचवे माले पर गया जहाँ पर रीमा का कमरा था। जैसे ही मैं गलीयारे से निकल कर रीमा के कमरे की तरफ़ जा रहा था तो दीवार पर लगे साईन को देख कर मैं समझ गया कि उसका रूम होटल के आलीशान रूम मे से एक था। थोडी देर मे मैं रूम तक पहुँच गया। फिर मैने धडकते हुये दिल से रूम कि बेल बजायी। अन्दर से रीमा की आवाज आयी आ रही हूँ दीपक बेटा। कुछ पल बाद कमरे का दरवाजा खुला। और मेरे सामने रीमा खडी थी।

मैं अभी उसे ठीक से देख भी नही पाया था की उसने मेरा हाथ पकड कर मुझे अन्दर खीच लिया। और एक झटके के साथ दरवाजा बन्द कर दिया। मैं उसकी इस हरकत से एक दम सकपका गया। रीमा ने कहा अगर मैं तुम्को इस तरह से अन्दर नही खीचती तो तुम बाहर खडे खडे ही मुझ देखते रहते जो कि मैं नही चाहती थी। तुम्को मुझको देखना हे तो लो मैं तुमहारे सामने खडी हो जाती हूँ जी भर के देख लो। ऐसा कह कर वह मेरे सामने अपने दोनो हाथ कमर पर रख कर खडी हो गयी। खडी होने से पहले उसने अपनी साडी का पल्लू उतार कर अपनी कमर से नीचे गिरा दिया। ये सब इतनी ज्लदी मे हुआ था की मुझे उसको देखने का मौका भी नही मिला था। अब वह मेरे सामने थी और मैं जी भर कर उसको देख सकता था।

फिर मैंने अपनी नजर उसपर गढा दी। उसका रंग गोरा था उसने अपनी उमर मुझको ४८ साल बतायी थी पर वो अपनी उमर से करीब दस साल छोटी दिखती थी। उसकी आँखे बडी बडी थी। जिन मे वासना भरी हुयी थी। उसके होठ बडे बडे थे। जैसे कि अभिनेत्री सुमन रंगनाथन के हैं। मुझे इस तरह के होठ बहुत ही पसन्द हैं। उसपर उसने गहरे लाल रंग की लिपस्टिक लगा रखी थी। जो उसकी सुन्दरता को और बढा रही थी। उसके चहरे पर एक आमत्रंण का भाव था जैसे कह रही हो आओ और चुम लो मेरे होठों को।
 
फिर मेरी नजर उसके बदन पर गयी बडा ही भरपूर बदन था उसका। उसका गदराया बदन देख कर मेरा लंड पैन्ट के अन्दर ही उछलने लगा था। उसने हल्के गुलाबी रंग की साडी पहन रखी थी। उसका ब्लौस स्लीव लेस था। और उसमे कफ़ी गहरा कट था जिसकी वजह सी उसके बडे बडे मम्मे आधे से ज्यादा ब्लाउस से बाहर झाँक रहे थे। रीमा ने शायद बहुत ही टाईट ब्लाउस पहन रखा था क्योकी उसके मम्मो की दोनो बडी बडी गोलाईयाँ आपस मैं चिपक गयी थी। और एक गहरा कट बना रही थी। जो कि बडा ही सेक्सी लग रहा था। इस नजारे को देख कर मैं उत्तेजना से पागल हो रहा था। मेरे लंड का उभार मेरी पैन्ट से साफ़ दिखायी दे रहा था।

फिर मेरी नजर उसके पेट पर गयी। उसने साडी अपनी नाभी के काफ़ी नीचे पहनी थी। जिस से उसकी गहरी नाभी साफ़ दिखयी दे रही थी। उसकी नाभी की गहरायी देख कर मेरा मन उसको चूम लेने का हुआ। फिर मैं थोडी देर तक उसको ऐसे ही निहरता रहा। कुछ देर बाद रीमा ने कहा क्या हुआ बेटे कैसी लगी तुम्को अपनी माँ। मैंने कहा बहुत ही अच्छी। रीमा ने कहा वो तो तुम्हारे पैन्ट मे उभरते तुम्हारे लंड को देख कर पता चल रहा है। मैं उसको देख कर इतना गर्म हो गया था कि मेरा गला सुखने लगा। और मुझ को प्यास लगने लगी।

रीमा मेरे को देख कर शायद समझ गयी की मेरे को प्यास लगी है। बोली पानी चाहिये बेटा मेने कहा हाँ। ठीक है अभी लाती हूँ कह कर उसने अपनी साडी का आँचल उठा कर पेटीकोट मे ठूंस लिया और पलट कर पानी लेने चल दी। जैसे ही वह पल्टी सबसे पहले मेरी नजर उसके भारी भरकम चूतडो पर गयी। औरत के चूतड मेरा सबसे पसन्दीदा अंग है। और रीमा के चूतड तो बहुत ही बडे थे। उसने ऊँची ऐडी की सैंडल पहन रखी थी। जिस की वजह से जब वह चल रही थी तो उसके चुतड बहुत ही मस्ताने ठंग से मटक रहे थे। जेसे किसी फैशन शो मे मॉडल अपने चूतडो को मटका के चलती है वैसे ही।

एक तो उसको आगे से देख कर ही मेरा बुरा हाल था अब तो मैंने उसको पीछे से भि देखा लिया था मेरा लंड तो बिलकुल ही आपे से बाहर हो गया। वोह भी शायद जानती थी की उसके चूतडो का मुझ पर क्या असर होगा क्योकी मैं उस को बता चुका था की भारी चूतड मुझ को कितने पसन्द हैं। इसलिये मेज तक जाने मे जहाँ पर पानी का जग रखा था उसने बहुत देर लगायी जिस से मैं जी भर कर उसके चूतड और उनका मटकना देख सकूं।

फिर उसने जग उठाया और मेरी तरफ़ देखते हुये उसने गिलास मे पानी भरना शुरु किया। वह मुझ को देख कर मस्ती भरी नजरो से मुस्कुरा रही थी। पानी भरकर वह मेरी तरफ़ चल दी। उसके मस्त बदन ने मेरे उपर ऐसा असर किया था कि मैं अभी तक दरवाजे पर ही खडा था। उसने ऊँची ऐडी के सैंडल पहन रखे थे और जिस तरह से वह चूतड मटका के चल रही थी उसकी वजह से उसके बडे बडे मम्मे उसके कसे ब्लाउस मे फंसे हुये जोर जोर से उछल रहे थे। उसने पुरी तरह से मुझको अपने अधेड उम्र के हुस्न के जाल मे फसाँ लिया था।

लो पानी पी लो कह कर उसने गिलास मेरे हाथ मे थमा दिया। मैं पानी पीने लगा और पानी पी कर मैंने गिलास उसको दे दिया। जो देखा पसन्द आया मै मुस्कुरा कर बोला हाँ बहुत पसन्द आया। फिर यहाँ क्यो खडे हो चलो अन्दर बैठते हैं। फिर मैं उसके साथ चल दिया अन्दर आ कर मैं सोफ़े पर बैठ गया। अन्दर आने से पहले मैंने अपने जूते बाहर ही उतार दिये। रीमा भी मेरे पास आ कर बेठ गयी।

मैंने उसका हाथ अपने हाथो मे लिया और बोला माँ तुम बहुत सुन्दर हो। जैसा तुमने बताया था तो मैने सोचा था कि तुम सेक्सी हो पर तुम तो महा सेक्सी हो माँ। मेरा लंड तो तुमको देखते ही खडा हो गया था माँ। और अभी तक पुरी तरह टनटनाया हुआ है। देखो कैसे पैन्ट फाड कर बाहर आने को तैयार है। फिर तुमने इसको पैन्ट के अन्दर रखा ही क्यो है पैन्ट उतार कर अपने प्यारे लंड को मुझको दिखाओ। लाओ मैं तुम्हारे कपडे उतरने मे तुम्हारी मदद करती हूँ। मैंने कहा नही माँ मैं खुद ही उतार देता हूँ। तो वह बोली हर माँ बचपन मैं अपने बेटे के कपडे उतारती और पहनाती है। माँ ही होती है जो बेटे को कपडे पहनना और उतारना सिखाती है। मुझे तो वो मौका आज ही मिला है तुम इस तरह से मुझसे ये मौका नही छीन सकते।
 
रीमा की बात सुन कर मैं बोला ठीक है माँ तुम ठीक कह रही हो मैं इस तरह से तुम्हारा हक नही छीन सकता। मैं तैयार हूँ उतार दो मेरे कपडे। आज से जब तक मैं तुम्हारे साथ हूँ और जब भी हम मिलेंगे मेरे कपडे तुम ही उतारोगी और तुम ही पहनओगी। यह सुन कर वह बहुत खुश हो गयी और मेरे माथे पर किस किया जैसे एक माँ अपने बेटे को करती है। फिर वह मेरी कमीज के बटन खोलने लगी। उसके भरी पूरी गोरी बाँहे मुझको बहुत अच्छी लग रही थी। फिर उसने सारे बटन खोल दिये और बोली बेटा खडे हो जाओ जिस से मैं तुम्हरी कमीज उतार सकूँ।

मैं खडा हो गया रीमा भी मेरे साथ खडी हो गयी और पीछे कर के मेरी कमीज उतार दी। मैंने नीचे बनियान पहन रखी थी। मेरी कमीज उतार कर रीमा मेरी छाती पर हाथ फेरने लगी। और बोली तुम्हरी छाती कितनी चौडी है। तुम भी कोई कम हैडसम नही हो। तुम इतने सालो अपनी माँ से दूर रहे हो जिसकी वजह से तुम्हारी ये माँ तुमको कुछ प्यार भी नंही कर पायी। चिन्ता मत करो अब तुम मेरे पास आ गये हो अब मैं तुमको अपना सारा प्यार दूंगी। ऐसा कहते वक्त उसके आँखो मे वासना भरी थी। ऐसा कह कर उसने मेरी बनीयान भी उतर दी।

बनियान उतरते वक्त उसने अपने हाथ उपर किये उसने स्लीवलैस ब्लाउस पहन रखा था जिसकी वजह से उसकी काँख मुझको दिखायी दी। उसकी काँख के बाल काले और घने थे। मुझे काँख के बाल बहुत पसन्द हैं। उसकी काँख देखकर मेरी मस्ती और बढ गयी। बनियान उतार कर उसने कमरे के एक कोने मै फेंक दी। अब मेरी छाती पूरी नंगी हो गयी और वो अपने गोरे गोरे हाथ मेरी छाती पर धीरे धीरे फिराने लगी। जिसकी वजह से मेरी उत्तेजना बढने लगी और मेरे निप्पल कडे हो गये।

फिर रीमा ने अपनी एक उँगली को अपने थूक से गिला करके मेरे बाँये निप्पल पर फिरने लगी। और उसका दुसरा हाथ मेरी छाती पर धीरे धीरे चल रहा था। वोह अच्छी तरह से जानती थी कि किस तरह मर्द को मस्त किया जाता है। थोडी देर इसी तरह से मेरे निप्पल पर हाथ फेरने के बाद उसने अपना मुँह मेरे निप्पल पर रख दिया और उसे अपने होंठो के बीच लेकर चुसने लगी। उसके ऐसा करने से मेरे मुँह से एक दम से एक आह निकल गयी। इसका सीधा असर मेरे लंड पर हुआ। वोह मस्ती मे एक दम कडा को गया। अब उसका मेरी पैन्ट मे रहना बडा ही मुश्किल था।

क्रमशः........................
 
गतांक से आगे...................

वह मेरे दुसरे निप्पल को अपने हाथ के नाखून से जोर जोर से कुरेद रही थी। एक तो निप्पल चुसे जाने की मस्ती दूसरा निप्पल कुरेदे जाने की वजह से होता दर्द ने मुझे तो स्वर्ग मे पहुँचा दिया था। इस बेताह मस्ती के कारण मेरे मुँह से आह ओह के आवाज निकल रही थी। मैने अपने हाथ उसकी पीठ और एक बाँह पर रख रखा था। एक हाथ से उसकी बाँह मसल रहा था और दुसरे हाथ उसकी पीठ और कमर पर फेर रहा था। वोह करीब ३-४ मिनट तक ऐसे ही करती रही फिर रीमा बाँयी निप्पल छोड कर दाँयी निप्पल को चुसने लगी और बाँयी निप्पल को नाखुनो से कुरेदने लगी।

दुसरे निप्पल को अच्छी तरह से चुसने के बाद ही उसने मेरे को छोडा। फिर मेरी और देख कर आँखो मे आँखे डाल कर पूछा कैसा लगा बेटा माँ का तुम्हारी निप्पल चुसना। मैं बोला क्या बताँऊ माँ बस इतना कह सकता हूँ कि तुम्हारे इस बेटे को तुमसे बहुत कुछ सीखना है। सीखाओगी न माँ अपने इस अनाडी बेटे को। रीमा बोली जरूर बेटा आखिर माँ होती किस लिये है। माँ का तो ये कर्तव्य है के उसके बेटे की शादी से पहले उसे सेक्स की पूरी शिक्षा दे प्रेक्टिकल के साथ जिससे की उसकी पत्नी सुहाग रात को ये ना कह सके की उसकी माँ ने उसको कुछ भी नहीं सिखाया।

उसके मुहँ से ये बात सुन कर मैं बोला माँ तुम्हारे विचार कितने उत्तम हैं। अगर तुम जैसी सबकी माँ हो तो किसी भी बेटे को रंडी के पास जाने की जरूरत ही नही। सुन कर उसने मेरे होंठो पर किस कर लिया और बोली तुम बिल्कुल मेरे बेटे कहलाने के लायक हो। चलो मैं अब तुम्हारा लंड पैन्ट से बाहर निकाल देती हूँ। ये भी मुझको गाली दे रहा होगा कि बात तो लंड को बाहर निकालने की कर रही थी और निप्पलस को मजा देने लगी। कह रहा होगा कितनी निर्दयी है तुम्हारी माँ। नंही माँ मेरा लंड तो बल्की बहुत खुश है की मेरी माँ तुम हो।

वह तो कह रहा है की जिस तरह से तुम मेरी माँ हो तुम्हारी चुत उसकी माँ हुयी ओर जब तुम इतनी मस्त हो तो उसकी माँ और भी मस्त होगी वोह भी अपनी माँ से मिलने और उसकी बाँहो मै जाने के लिये बेचैन है। रीमा बोली उसके लिये तो उसको थोडा इंतजार करना पडेगा। पहले मैं अपने बेटे को और उसके लंड को तो जी भर के प्यार कर लूँ और अपने बेटे से अपने आप को और लंड की माँ को प्यार करा लूँ तब कही जा कर वोह अपनी माँ से मिल सकता हे समझे। मैंने कहा हाँ माँ तुम ठीक कह रही हो।

इतना कह कर रीमा ने मेरी पैन्ट खोलनी शुरु कर दी। जब रीम मेरी पैन्ट खोल रही थी तो उसकी नजर मेरी तरफ थी। वह मेरी तरफ देख कर मन्द मन्द मुस्कुरा रही थी। सबसे पहले उसने मेरी बेल्ट को निकाल कर फेंक दिया। ओर मेरी पैन्ट का बटन खोलने लगी। बटन ओर चैन खोल कर उसने कमर से पकड कर एक ही झटके मे मेरी पैन्ट नीचे कर दी और साथ मै खुद भी नीचे बैठ गयी। मैंने भी अपने पैर उठा कर पैन्ट निकालने मे उसकी मदद की।
 
उसने पैन्ट निकाल कर उसको भी एक कोने मे फेंक दिया। मैंने अन्डर वीयर पहन रखा था। रीमा का मुँह बिल्कुल मेरे लंड के सामने था। मेरा लंड पूरी तरह से खडा था जो कि मेरे अन्डर वीयर के उभार से पता चल रहा था। उसने मेरी तरफ़ देखा और अपनी जीभ बाहर निकाल कर अपने होठों पर फिराने लगी। जैसे कोई बहुत ही स्वादिष्ठ चीज देख ली हो। और फिर एक दम से आगे बढ कर मेरे लंड को उन्डर वीयर के उपर से किस करने लगी उन्डर वीयर की इलास्टिक से लेकर नीचे जाँघो के जोड तक। फिर रीमा ने मेरे उन्डर वीयर की को कमर से पकड कर एक ही झटके मैं खीच कर उतार दिया।

मेरा लंड उत्तेजना के कारण मस्त होकर बुरी तरह से खडा हो गया थ। जैसे ही रीमा ने मेरा उन्डर वीयर उतारा मेरा लंड उसके मुँह के सामने एक लम्बे साँप की तरह फुँकार मारते हुये नाचने लगा। मेरा लंड देख कर रीमा बोली हाय रे इतना बडा लंड है मेरे बेटे का। फिर उसने मेरे लंड को अपने हाथ मे पकड लिया। जैसे ही उसने मेरे लंड को अपने कोमल हाथो मे पकडा मुझे ऐसा लगा ४४० वोल्ट का करंट लगा हो। मेरे लंड का हाल तब था जबकी उसने अभी तक एक भी कपडा अपने बदन से नही उतारा था। मैं सोचने लगा कि जब मैं उसको नंगा देखुँगा तो मेरा क्या हाल होगा।

रीमा मेरे लंड को अपनी एक हथेली मे रख कर दूसरे हाथ से उसको सहला रही थी जैसे किसी बच्चे को प्यार से पुचकारते हैं। थोडी देर तक इसी तरह मेरे लंड को पुचकारने के बाद रीमा उठ कर खडी हो गयी और बोली लो निकाल दिया मैंने तुम्हारे लंड को बाहर। अब हम चल कर बैठते हैं और थोडी प्यार भरी बातें करते हैं। फिर मैं सोफे पर बेठ गया और रीमा से बोला आओ माँ मेरी गोदी मैं बैठ जाओ। हम लोग जब चाट किया करते थे तब भी सबसे पहले मैं रीमा को अपनी गोदी मे बिठा लेता था। रीमा थोडी सी मुस्कुरायी और आ कर मेरी गोदी मे बैठ गयी।

रीमा इस तरह से मेरी गोदी मे बेठी थी की मेरा लंड उसकी गाँड की दरार मे फंसा था। जैसा की मुझको मेरे लंड पर महसूस हो रहा था। उसने अपनी पीठ मेरे कंधे से लगा ली थी और अपनी गोरी दाँयी बाँह मेरे गले के पीछे से निकाल कर दुसरे हाथ से पकड ली। ओर मैंने पीछे से अपने हाथ उसके कमर मे डाल कर उसके नंगे पेट को पकड लिया। उसके इस तरह से बैठने के कारण उसकी भारी भरकम चूचियाँ मेरे मुँह के सामने आ गयी। साथ ही साथ उसके मस्ताने चुतडो का दवाब मेरे लंड पर पड रहा था। मैं अपने आप को बडा ही खुशकिस्मत समझ रहा था इतनी मस्तानी औरत मेरी गोद मे बैठी थी।

मेरी नजर उसकी बडी बडी गोलाईयो की तरफ़ थी। चुचियो के बीच की दरार ऐसी थी जैसे कि निमंत्रण दे रही हो कि आओ और घुसा दो अपना मुँह इस खायी के अन्दर। फिर रीमा ने पूछा अब बताओ बेटा कैसी लगी तुमको अपनी ये बेशर्म माँ। मैंने कहा बहुत ही मस्तानी सेक्सी महा चुदक्कड चुदासी और रस से भरपूर। इस पर रीमा मुस्कुरा दी और बोली ऐसे शब्द कोई भी औरत किसी मर्द से अपने बारे मे सुने तो बस निहाल हो जाये। और तुमने तो ये सब मेरे लिये कहा अपनी माँ के लिये, सुनकर मेरा दिल गदगद हो गया। इसका मतलब है की मैं तुमको रिझाने मे सफ़ल रही।
 
तुमने मुझको बताया था की तुम्हारी उम्र ४८ साल है पर देखने से तुम उससे दस साल छोटी दिखती हो। ये तो तुम्हारी मुझे देखने की नजर है बेटा नही तो उम्र तो मेरी ४८ ही है। लेकिन तुम्हारे मुँह से अपनी तारीफ सुन कर मुझे बडा अच्छा लगा। फिर मैं बोला माँ तुमसे एक बात पूछना चाहता हूँ। रीमा बोली पूछो। मैं जब से आया हूँ मैंने गौर किया हे की तुम्हारा ब्लाउस काफी तंग है। जिसकी वजह से तुम्हारी चुचियाँ ब्लाउस को फाड कर बाहर आने को तैयार है। लगता है कि एक हफ़्ते बोम्बे मे रह कर चुचियाँ मसलवाने से बडी हो गयी है जिसकी वजह से तुम्हारा ब्लाउस छोटा हो गया है।मेरी बात सुनकर रीमा खिलखिला कर हँस पडी और बोली नही बेटा ब्लाउस तो मेरा एक दम नया है। बोम्बे आने से पहले सिलवाया है। मैंने जानबूझ कर एक इन्च छोटा बनवाया था जिससे मैं इस तुमको रिझाने के लिये इस्तमाल कर सकूँ। जिससे मेरी चुचियाँ और भी बडी बडी लगे। मुझे पता है की तुमको ब्लाउस मे से छाँकती चुचियाँ कितनी पंसन्द है। इसीलिये गले का कट भी नोर्मल गहरे कट से थोडा ज्यादा रखा है। इस ब्लाउस को पहन कर मैं बाहर तो जा ही नही सकती नही तो लोग मेरा सडक पर ही बालात्कार कर देगें। ये तो स्पेशल ब्लाउस है जोकि मैने अपने बेटे के मस्ती बढाने के लिये बनवाया है।

ओह माँ तुम अपने बेटे का कितना ख्याल रखती हो। रीमा ने कहा अगर माँ अपने बेटे का ख्याल नही रखेगी तो कौन रखेगा। फिर मैंने कहा कि तुम ठीक कह रही हो माँ। मैंने तुम्हारे काँख के बाल भी देखे ऐसा लग रहा है कि जैसा तुम १ महिने पहले छोटे कराने को कह रही थी पर तुमने छोटे किये नही। रीमा बोली बेटा मैं छोटे करना तो चाहती थी पर २-३ दिन मेरे बॉस के कुछ कलाइन्ट आ रहे थे तो मुझे उन को खुश करना था। इसलिये काट नही पायी फिर मेरे बॉस ने बोला कि बोम्बे जाने का प्रोगाम बन सकता है । तो मैंने सोचा कि फिर तुमसे भी मिलना हो सकता है तो क्यो ना और बढा लेती हूँ। वैसे भी तुम्को मेरे काँख के बाल बहुत पंसन्द है और इतने बडे बाल देख कर तो तुम बहुत खुश होगे। हाँ माँ मैं बहुत ही खुश हूँ कि तुमने बाल नही काटे।

माँ तुम्हारे होंठ भी बडे सुन्दर हैं तुमने कभी बताया नही कि तुम्हारे होंठ बडे बडे और इतने उभार दार हैं। मुझको इस तरह कि होंठ बहुत पंसन्द हैं। रीमा बोली मैं सोचती थी सब मर्दो को पतले होंठ पंसन्द होते है। अगर मैं तुम को बता दूंगी तो शायद तुम मुझसे बात करना पंसन्द करो या नही। तुम जैसे बेटे कहाँ मिलते हैं। मैं तुमको खोना नही चाहती थी इसलिये नही बताया। मैंने पुछा की यह भी तो हो सकता था कि मैं यहाँ आकर तुम्हारे होठ पंसन्द नही करता और चला जाता। रीमा ने कहा मुझे उसका थोडा सा डर था इसलिये ही मैंने तुमको लुभाने के लिये कसा हुआ ब्लाउस बनवाया था। तुमको बुरा लगा क्या बेटा आई एम सोरी बेटा।

ऐसा कह कर उसने अपनी आँखे नीची कर ली और उसका चेहरा उदास हो गया। मैंने कहा माँ इसमे इतना उदास होने की बात क्या है। तुमको तो खुश होना चाहिये कि मुझे तुम्हारे होंठ पंसन्द आये। उसने मेरी तरफ़ देखा और मुस्कुरा दी और मुझको गले से लगा लिया। और बोली बेटा तुम्हारी माँ अपनी असली जिन्दगी मैं चाहे जितनी भी बडी रंडी हो पर तुमको बहुत प्यार करती है। मेरे अपना तो कोई बेटा है नही लेकिन मैंने तुमको ही अपना बेटा माना है। अपनी माँ से कभी भी नफ़रत मत करना बेटा। नही माँ कभी नही कह कर मैंने भी रीमा को अपनी बाँहो मे जकड लिया। और उसकी पीठ पर हाथ फेरने लगा।
 
अब तक मैं यही सोच रहा था कि हम दोनो के बीच सिर्फ वासना का रिश्ता पनप रहा है। लेकिन मुझे आज पता चला कि चाहे हम दोनो एक दूसरे के पास वासना कि वजह से आये हों पर रीमा सच मे मुझे एक बेटे कि तरह प्यार करने लगी थी। और असली जिन्दगी मे वह बहुत ही अकेली थी। और अकेली होने कि वजह से ही शायद इस समाज से लडने के लिये वोह अपने बॉस की रंडी बनी हुयी थी। मैंने भी सोच लिया था की इन चार दिन मैं उसको इतना प्यार दूंगा कि वोह इन दिनो को कभी भी नही भूल पायेगी।

फिर रीमा पहले कि तरह बैठ गयी और बोली मैं भी क्या बात ले कर बैठ गयी तुमको मेरे होंठ पंसन्द आये मैं बहुत खुश हूँ। और बतओ मेरे शरीर के बारे मैं और क्या क्या तुमको अच्छा लगता है। मैंने कहा माँ मुझे तुम उपर बाल से लेकर पैरो तक पूरी की पूरी अच्छी लगती हो। रीमा बोली तो फिर बताओ हर अंग के बारे मे तुम्हारे मुँह से मुझको अपनी तारीफ अच्छी लग रही है। तुम्हारी ये गोरी गोरी माँसल बाँहे मुझे अच्छी लगती हैं इतना कह कर मैंने उसकी बाँहो हो कोहनी के उपर से चूम लिया। ऐसा ही मैंने दुसरी बाँह के साथ भी किया।

मुझे तुम्हारी ये बडी बडी आँखे अच्छी लगती है। कितनी गहरी है। और इन आँखो मे मेरे लिये प्यार और वासना झलकती है। माँ के प्यार के साथ छुपी हुयी एक अधेड उम्र की औरत की वासना इनको और भी रहस्यमयी बना देती है। और मेरा मन करता है कि इनको प्यार करू। रीमा ने कहा तो कर लो प्यार कौन मना कर रहा है। यह कह उसने अपनी आँखे बंद कर ली फिर मैंने पहले दाँयी आँख पर किस किया फिर बाँयी आँख पर। और फिर रीमा ने अपनी आँखे खोली और मेरे गाल पर किस कर लिया और बोली की तुम बहुत ही प्यार बेटे हो।

फिर मैंने कहा मुझे तुम्हारा ये नंगा पेट भी अच्छा लगा क्योकी तुमने साडी नाभी के नीचे पहनी है और तुम्हारी बडी गहरी नाभी दिखायी दे रही है जो मेरी मस्ती को और भी बढा रही है। और मेरा लंड तुम्हारी गाँड के बीच मे फंसा तडप रहा जैसे मछली पानी के बाहर तडपती है। इस पर रीमा ने कहा ओह मेरे प्यारे बेटे मैं तुम्हारे लंड को इस तरह से तडपाना तो नही चाहती पर क्या करू अभी उसके मजा लेने का वक्त आया नही है। उसे तो अभी तडपना होगा मेरे लिये क्योकी मेरे को तो अभी अभी ही थोडा थोडा मजा आना शुरू हुआ है। लेकिन अगर तुम कहोगे तो मैं तुम्हारे लंड को तडपाँगी नही। लेकिन अगर तुम मेरे कहे अनुसार चलोगे तो मैं तुमसे वादा करती हूँ कि तुमको बहुत मजा आयेगा।

मैंने कहा की माँ तुमको वादा करने की जरुरत ही नही है मुझको पता है कि तुम मुझको बहुत मजा दोगी और मुझे उस मे कोई शक नही है। मेरी बात सुनकर वोह बहुत खुश हुयी। और बोली मुझे खुशी है की तुम इस बात को समझते हो कि जल्दबाजी से ज्यादा मजा देर तक धीरे धीरे प्यार करने मे आता है। चलो शुरू हो जओ फिर से। मैं धीरे से मुस्कुराया और बोला मुझे तुम्हारा इस तरह बेशर्मी से गंदी गंदी बातें करना भी अच्छा लगता है। इस पर रीमा ने कहा मेरे बेटे ये बाते गंदी कहाँ है ये तो दुनिया कि सबसे अच्छी बातें है। अगर दुनिया मे सब लोग सबकुछ भूल कर सिर्फ सेक्स की बात करे तो ये दुनिया कितनी सुखी हो जाये।
 
पर बेटा तुम चिन्ता मत करो तुम्हारी ये माँ तुम्को बेशर्म बनना सिखा देगी तब तुम भी ऐसी ही गंदी गंदी बाते कर सकते हो। माँ मुझे चुदायी करते वक्त गलियाँ देना और सुनना पंसन्द है। रीमा बोली बेटा ये तो बहुत ही अच्छी बात है क्योकी गलियाँ तो मस्ती मे हम उसी को देते है जिससे सबसे ज्यादा प्यार करते है। जितनी बडी और गंदी गाली उतना ही ज्यादा प्यार झलकता है। समझ गया रंडी की औलाद। उसके मुहँ से गली सुन कर मेरे लंड ने एक झटका सा लगा जोकी उसकी चूतडो की दरार के बीच फंसा हुआ था।

फिर मैंने कहा माँ मुझको तुम्हारे शरीर के सारे कपडे भी अच्छे लगते है। रीमा ने कहा अच्छा बता इनमे भला तुझे क्या अच्छा लगता है। मैंने कहा इनकी मादक खुशबु। इन कपडो से निकलने वाली मस्तानी सुगंध। इस सुगंध मे कपडो की गंध के साथ साथ तुम्हारे बदन और तुम्हारे पसीने की सोंधी गंध भी शामिल है। जोकी इसको और भी मादक बना देती है।

फिर मैंने कहा मुझे तुम्हारे पैरो मे ये उँची ऐडी के सैडंल भी बहुत अच्छे लगते है। जब तुम इनको पहन कर चल रही थी तो तुम्हारे भारी भरकम चूतड क्या मस्त मटक रहे थे और ५ इन्च हील की वजह से चूतड और भी उभर कर शरीर के बाहर की और निकल आये हैं जो कि इन बडे बडे चूतडो और भी मस्त बना देते है। जिसकी वजह से ये और भी बडे लगते है। और ऊँची हील कि वजह से चाल और भी मस्तनी हो जाती है। क्योकी तुम्हारे मम्मे इतने बडे है इस लिये ये हर कदम के साथ उछलते है। और ये दर्शय देख कर किसी मुर्दे का लंड भी खडा होने को मजबूर हो जाये।

तुमसे चाट रूम मे मिलने से पहले मैं उँची ऐडी के सैडंल नही पहना करती थी। जब तुमने मुझे बताया था की तुमको उँची ऐडी के सैडंल पंसन्द है और अगर ऐडी करीब ५ या ६ इन्च हो तो क्या कहने। तब पहले तो कुछ दिन तक मैंने सोचा की इनका सेक्स मैं क्या काम। लेकिन मैं एक बार एक शाप पर गयी और सैडंल देख कर सोचा क्यो न मैं ट्र्यी करके देखूँ और जब मैंने शीशे मे अपने चूतड देखे तो मैंने कहा तुम गलत नही हो। मेरे मस्त चूतड और भी बाहर निकल आये थे और आस पास के कई मर्द मेरे चूतडो को घूर घूर कर देख रहे थे। तब से मैंने कई जोडी सैडंल खरीदे है। और मैं कयी सारे जोडी ले कर आयी हूँ।

फिर मैं बोला माँ सबसे अच्छा अंग तो मुझे तुम्हारे चूतड लगते है। औरत के चूतड मेरा सबसे पंसन्दीदा अंग है। और तुम्हारे चूतडो के तो क्या कहने। इतने बडे बडे है और तुम्हारी कमर पतली होने की वजह से औरे भी बडे लगते है। तुमने पेटीकोट भी इतना नीचे पहना है की तुम्हारे चूतडो की दरार कहाँ से शुरू होती है वो भी दिखायी देती है। और क्या तारीफ करु इन चूतडो की ये इतने सेक्सी है कि मेरे पास कोई शब्द ही नही है। मेरी बात सुन कर रीमा ने कहा की तुम सही बोल रहे हो या मेरे को रीझाने के लिये ऐसा कह रहे हो मुझे नही पता पर तुम तारीफ करना खूब जानते हो। मैने कहा मै कोई झूठी तारीफ नही कर रहा हूँ माँ तुम हो ही इतनी सुन्दर मैने जितना भी तुम्हारे रूप के बारे मे कहा है वह तो तुम्हारी सुन्दरता का सिर्फ़ १० प्रतिशत ही है। रीमा ने कहा चल झूठा कही का। माँ के साथ खेल करता है।

और ऐसा कह कर रीमा ने एक हल्की सी चपत मेरे गाल पर लगा दी। और बोली चल बता और क्या क्या अच्छा लगा तुझे तेरी माँ मे। मैं बोला मैंने सब कुछ तो बता दिया। और तो कुछ नही बचा। बोली कैसे नही मेरी सबसे कीमती चीज तो अभी बची है। मैं बोला पर वह तो तुम्हारे कपडो से ढकी है। तो फिर ऐसे देख क्या रहा है उतार दे मेरे कपडे मैंने तुझे मना थोडी किया है। तूने ही नही उतारे मेरे कपडे मैंने तो सोचा था जैसे ही आयेगा वैसे ही मेरे रूप को देख कर मेरे कपडे फाड देगा। माँ की बात सुन कर मैंने कहा नही माँ पहले मैं तुम्हारे होंठो का रस पियूगां फ़िर तुम्हारे कपडे उतारूगाँ।
 
रीमा बोली की अरे पहले कपडे उतार के मुझे नंगा कर दे फिर मेरे होठों का रस पी लेना मैं भागी थोडी ही जा रही हूँ। मैने कहा नही माँ चाहे थोडी देर ही सही पर मैं पहले तुम्हारे होंठो कर रस पीयूगाँ। इस पर रीमा ने कहा ठीक है पी ले मेरे होंठ। माँ हूँ क्या करू बेटे की बात माननी ही पडेगी। मैं बोला ओह माँ तुम कितनी अच्छी हो। इस पर रीमा बोली के बस ५ मिनट ही। मैंने कहा ठीक है। फिर मैंने अपने होठं रीमा के होठ से लगा दिये और एक किस ले लिया। फिर मैं अपने हाथ उसकी गर्दन के पीछे ले गया और उसके मुँह को अपनी तरफ खीचा और अपनी जीभ निकाल कर उसके होंठो पर जीभ फिराने लगा। थोडी देर इसी तरह से जीभ फिराने के बाद मैंने उसका निचला होंठ अपने होंठो के बीच पकड लिया और फिर उस पर जीभ फिराने लगा।

उसके होंठो को चुसने से पहले मै गीला कर देना चाहता था। थोडी देर तक इसी तरह उसके होंठो को गिला करने के बाद मैने उसके होंठ चुसने शुरू कर दिये। मैं बहुत जोर जोर से उसके होंठो को चूस रहा था। रीमा भी अपनी जीभ निकाल कर मेरे उपरी होंठ के उपर फिरा रही थी और साथ ही साथ अपना बहुत सा थूक अपने नीचले होंठ के पास जमा कर रही थी जिस से मैं ज्यादा से ज्यादा उसके स्वादिष्ट थूक को पी सकूँ। मैं भी हर थोडी देर मे नीचले होंठ को छोड कर उसका थूक अपनी जीभ की मदद से उसके होंठो पर मलने लगता और अच्छी तरह से मल कर फिर से उसके होंठ को चुसने लगता करीब २ मिनट तक मैं ऐसा ही उसके साथ करता रहा। मैं इतनी जल्दी नही छोडना चाहता था पर क्या करता मेरे पास सिर्फ़ ५ मिनट थे और मैं भी रीमा को जल्दी से जल्दी नंगा कर देना चाहता था।

फिर मैंने उसका निचला होंठ छोड कर उसका उपरी होंठ अपने दोनो होंठो के बीच पकड लिया। और उसको भी अपने थूक से गीला कर दिया। रीम ने भी मेरा नीचला होंठ अपने थूक से गिला कर दिया था। थोडी देर तक मैं उसके होंठ को गीला करता रहा और और चुसता रहा फिर एक दम से मैंने अपनी जीभ को नुकीला कर के उसके दाँतों और होंठो के बीच डाल दी और उसके दाँतों पर फिराने लगा। वोह भी अपनी जीभ को नुकीली बना कर मेरे जीभ के नीचे गोल गोल घुमाने लगी। जिससे उसकी जीभ से लार निकल कर मेरे मुहँ मे गिरने लगी और मेरी जीभ के नीचे जमा होने लगी।

थोडी देर इसी तरह से उसके दाँत और होंठ के बीच की और उसके जीभ से टपकती लार मेरे मुँह मे जमा हो गयी। फिर मैंने रीमा के होंठ मुँह मे लेकर चूसने लगा तथा साथ ही साथ मुँह के अन्दर जमी स्वादिष्ट लार को भी मैं पी गया। ये लार मेरे लिये अम्रत थी। फिर थोडी देर तक इसी तरह मैं उसका होंठ चुसता और लार पीता रहा। और जैसे ही करीब ५ मिनट हुये मैंने आखरी बार उसके होंठो पर अपने होठ रखे और एक गहरा चुम्बन लेकर उससे अलग हो गया। फिर मैंने पूछा मजा आया माँ। तो रीमा बोली हाँ बेटा बहुत मजा आया।

तुम तो बहुत ही अच्छी किस करते हो बेटा। मैं तो सोच रही थी तुमको किस करने की भी ट्रेनिग देनी पडेगी लेकिन ऐसा लगता तो नही है। मैंने कहा माँ ट्रेनिग कि जरूरत तो मुझे है क्योकि चाहे जितना भी अच्छा किस मैं करता हूँ पर तुमसे अच्छा तो नही हो सकता। रीमा बोली वोह तो तुम ठीक ही कह रहे हो मेरे राजा बेटा ठीक है मैं तुम को पुरी तरह ट्रेन कर दूँगी ठीक है मैंने कहा हाँ माँ। फिर रीमा बोली चल अब जल्दी से मेरे कपडो को उतार कर फेंक दे। मेरी मस्ती होंठ चूसायी के कारण बढ चुकी है और अब मुझे ये कपडे अपने बदन पर बहुत ही बुरे लग रहे है। इस पर मैने कहा माँ तुम मुझको उसी तरह नंगा नाच कर के दिखाओ जैसा तुमने एक बार बताया था चाट पर। करुँगी बेटा वोह भी करुँगी लेकिन सबसे पहले मै तेरे हाथो से नंगी होना चाहती हूँ। जिससे तुझे धीरे धीरे मेरे नंगे होते शरीर को देखने का नजारा जिन्दगी भर याद रहे।बात तो तुम ठीक कह रही हो माँ। मैं जब तुम्हारे कपडे धीरे धीरे उतारुगाँ और तुम्हारे बदन का एक एक हिस्सा नग्न हो कर मेरी आँखो के सामने प्रकट होगा तो पहली बार उस नग्न हिस्से को देखने मे जो मजा आयेगा उसकी छवि तो कभी भी मेरी आँखो से नही जा सकती। रीमा तू बहुत ही समझदार है बेटा तेरे जैसा बेटा पा कर कोई भी माँ धन्य हो जाये। उसकी बात सुनकर मैं थोडा सा शर्मा गया। इसपर रीमा ने कहा हाय देखूँ तो ऐसे शर्मा रहा है जैसे कोई लोडिंया हो। चल अब लग जा काम पर और कर दे अपनी माँ को नंगी। तेरी इस रंडी माँ को कितने ही ग्राहको ने नंगा किया है तू भी कर दे नंगा।
 
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