hotaks444
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समीर आदम का मोबाइल हाथ में लिए मूठ रहा था आदम भी उसके साथ पॅंट नीचे किए दोनो साथ साथ अंजुम की बाथरूम वाली वीडियो को बड़े चाव से देख रहे थे...आदम को समीर का यूँ मस्त होते देखना देख मज़ा दिला रहा था....समीर पूरी वीडियो को देखते हुए खासकरके उसकी माँ की योनि और चुचियो को देखते हुए सिसक रहा था...उसने मोबाइल आदम के हाथ में दे दिया दोनो बेस्ट फ्रेंड थे इसलिए दोनो के बीच कुछ छुपा नही था
समीर : उफ़फ्फ़ कसम से यार आंटी बहुत सेक्सी है साले (समीर का चेहरा लाल था उत्तेजना में वो मदहोश स्वर में बोल उठा)
आदम : हां रे देख मेरा तो पूरी औकात में खड़ा है 3 महीने तक इस लंड की मालिश करवाई थी और देख कल से ही माँ की याद में कैसे झड रहा है?
समीर : कंट्रोल बेटा कंट्रोल यार कसम से आंटी तो मेरी माँ से भी सेक्सी है
आदम : पर तेरी माँ का देखके तो अच्छे अछो का पानी निकल जाए एक तू है जो उन्हें बाँध रखा है कसम से उनकी अंतर्वासना खुलते ही वो तो किसी हवस की भूकि शेरनी की तरह तुझपे टूट पड़ती होगी बिस्तर पे
समीर : मत पूछ साले इसी लिए कह रहा हूँ मत पूछ हमारी माओ की बात ही जुदा है खैर तूने यहाँ तक तो रास्ता नाप लिया...आगे का रास्ता तय करना कोई बड़ी बात नही देख लेना तू एकदिन अंजुम आंटी को अपने बिस्तर पे नंगा देखेगा बहुत जल्द ही
आदम : तेरे मुँह में घी शक्कर
समीर : पर उनसे मुहब्बत करना टूटके मेरे जैसा क्यूंकी औरत के साथ करने के बाद उन्हें दगा देना धोका देने से भी ज़्यादा गुनाहगारी कहलाता है
आदम : हां यार चल अब मैं घर चलता हूँ सोचा तुझे आज यह वीडियो दिखा दूं अब इसे डेलीट कर देता हूँ (आदम ने समीर के सामने ही वीडियो डेलीट कर दी)
समीर : ह्म चल ठीक है फिर ओके भाईजान मेरी शुभकामनाए
आदम : ह्म चल बाइ
आदम समीर के ऑफीस से निकल जाता है पीछे समीर अपने उभरे हुए पॅंट को ठीक करते हुया...ऑनलाइन शॉपिंग में अपनी माँ के लिए एक सेक्सी ब्लॅक निघ्त्य खदीद लेता है
उधर आदम जब घर पहुचता है तो उसकी माँ उसे खुश लगती है....पूछने पे बताती है कि वो आज ऐसे ही बेटे के अब यहाँ रहने से काफ़ी खुश है...आदम अभी मुस्कुराता ही है कि उसे माँ बताती है की उसकी सहेली हेमा उससे मिलना चाहती है आदम हेमा आंटी से मिलने को राज़ी हो जाता है....
"बेटा सवा 12 हो चुका है दोपहर सर चढ़ रहा है बेटा उठ भी जा अब कब तक ऐसे सोया पड़ा रहेगा".......जब आदम का सपना टूटा तो उसने पाया कि वो करीब 9 घंटे तक सोया पड़ा था अपने बिस्तर पे...
आदम आँख मसल्ते हुए उठा तो उसकी माँ उसे जगाके किचन में नाश्ता बनाने चली गयी...आदम ने वक़्त देखा सच में 12 बज चुके थे...एक वक़्त था कि वो सुबह सुबह जल्दी उठके नौकरी के लिए निकल जाता था पर आज एक वक़्त है कि माँ के हाथो का खाना और आलस्पन ने उसे काफ़ी स्लो कर दिया था...इतने में उसने ख्याल किया उसने समीर को वीडियो दिखाई थी उसने अपनी माँ के कमरे में दाखिल होते ही उसे पूछा
आदम : अर्रे माँ कल मैं समीर के यहाँ गया था क्या? आइ मीन कल घर से बाहर गया था
अंजुम : और लो ? एक तो साहेबज़ादे दोपहर के इस वक़्त उठ रहे है और पूछ रहे है मैं घर से निकला था कल? अर्रे उल्लू तू जबसे आया है गया ही कब है? वो तो समीर का आज सुबह ही तेरे फोन पे कॉल आया तो मैने ही उसे बताया कि तू जबसे आया है या तो पीसी पे बैठा रहता है या सोया पड़ा रहता है
आदम : मतलब कल मैं कहीं गया नही था? और आपसे हेमा आंटी ने मुझे बुलावा भेजा
अंजुम : बेटा तूने सपना देखा होगा हेमा का फोन आया ही कब है मुझे तेरे आने के बाद से और मैने कब बात किया उनसे तू सच में सपना ही देख रहा होगा अच्छा जल्दी उठ पड़ता खा और नाश्ता से फारिग होके कपड़े दे जल्दी से धो दूं
आदम : माँ तुम इतना काम क्यूँ करोगी मैं ही पोंचा लगा देता हूँ ना और झूठे बर्तन भी धो देता हूँ
अंजुम : वाहह माँ का बड़ा ख्याल है तुझे चल ठीक है लेकिन बाद में तेरे बाबूजी को मुँह ना मिले कि बेटे से माँ काम करवा रही है उन्हें पसंद नही कि मर्द होके तू घर का काम करे एक बार बहुत डांटा था मुझे और उन्हें तो बस मौका ही मिल जाएगा
आदम : अपनी माँ का हाथ बाटने में मुझे कोई प्राब्लम नही बाबूजी गये हुए है ना नौकरी पे तो कौन बताएगा उन्हें मैं या तू? चल तू झाड़ू मार दे मैं पोछा लगा देता हूँ
अंजुम : हां पहले नाश्ता तो कर ले बाबू
अंजुम ने प्यार से बेटे के बाल को सहलाते हुए दस्तार ख़ान बिछा कर बिस्तर पे ही नाश्ता लगाया...दोनो माँ-बेटा नाश्ता करने लगे...आदम को अहसास हुआ कि कल रात को ज़्यादा देर रात सोने के बाद से ही उसने ये सपना देखा होगा कि उसने समीर को वीडियो दिखाई थी अपनी माँ की...उसने अपना मोबाइल चेक किया सच में वीडियो तो अब तक डेलीट नही हुआ था....इसका मतलब सॉफ था कि महेज़ वो एक ख्वाब था
आदम को जैसा अज़ीब सा बुरा सा लगा उसने फ़ौरन वीडियो डेलीट कर दिया....माँ ने नाश्ते के वक़्त कहा कि हेमा तुझसे मिलने की ज़िद्द कर रही थी जब तू नही आया था एक बार अपनी बहनों से भी मिल लेना और हेमा आंटी से भी...आदम ने हामी भर दी कि वो आज शाम को अपनी माँ के साथ उनकी सहेली के यहाँ जाएगा
माँ कपड़े लेके गुसलखाने में घुस गयी...आदम पोछा लगाके फारिग हुया झट से पीसी ऑन करता है...उसकी फेव पोर्न्स्टार जूलीया अन्न की एक सेक्सी क्लिप उसे मिलती है जिसमें वो एक हबशी से चुद रही होती है....गौर करने पे पाता है कि उसका बेटा कमरे के बाहर से दोनो की चुदाई देखते हुए रो रहा था...वो अपने आँसू पोंछता है...बाद में सीन में दिखाया जाता है कि जूलीया अन्न एक ग़रीब विधवा औरत होती है जिसका पति के बाद गुज़ारा मुस्किल होता है उसके बेटे की स्कूल फीस भरने और बाकी घर के खर्चा निकालने के लिए वो अपने बाय्फ्रेंड से चुद रही होती है....बेटा इतना गिल्ट महसूस करता है कि वो अपने दोस्त को ये बात नही बताता है और उसका दोस्त सबकी माओ की चर्चा करता है उसे अहसास होता है कि कल्तक वो दूसरो की माओ की चर्चा करता था आज उसके घर उसकी अपनी माँ चुद रही थी उसे बेहद बुरा लगता है उसे महसूस होता है कि कल उसकी भी माँ उसके दोस्तो के बीच इस वाकिये के जानने के बाद चर्चित होगी उसे शर्मिंदगी होगी है और वो माँ का सामना करके उनसे सच्चाई जान जाता है और बढ़ते गिल्ट में वो घर छोड़ देता है...और माँ को भी अपनी मजबूरियो पे शरम और बेटे की मुहब्बत खोने की तक़लीफ़ होती है
इस क्लिप को देखते हुए मेरे अंदर भी कुछ ऐसे भाव आ गये थे कल तक मैं भी कितनी ही वासना भरी नज़रों से अपनी माँ को देखा करता था लेकिन मेरे ईमान ने मुझे जैसे झीजोडा था....नही मुझे अपनी माँ के लिए ऐसी चर्चा किसी से नही करनी चाहिए यहाँ तक कि अपने सबसे अज़ीज़ बेस्ट फ्रेंड समीर से भी नाहही...आख़िर ये मेरा और मेरी माँ के बीच का बेहद पर्सनल मामला था...हालाँकि समीर किसी को कुछ ना बताता लेकिन आज जैसा सपने में वो मेरी माँ को देखके मूठ मारा और मैं एक भद्वे बेटे की तरह लज़्ज़त महसूस कर रहा था
मैं भूल गया था कि माँ मुझे कितना मानती है? और मैं जो गुनाहगारी का काम कर रहा हूँ वो सब क्या था? रूपाली भी तो मेरी अपनी थी....जब उसे कल मालूम चला था मेरा और मेरी दूधमा मौसी का वाक़या तो कैसे उसने मुझसे रिश्ता तोड़ लिया उसके दिल में मेरी इज़्ज़त कितनी कम रह गयी थी..नही आदम तू ये ठीक नही कर रहा? ना ही हेमा को पता चलने दूँगा ना ही अपने दोस्त को...किसी गैर को हमारे बीच के रिश्ते को जानने का कोई हक़ नही माँ सिर्फ़ मेरी है वो मेरी इज़्ज़त और घर की इज़्ज़त कभी बाहर नही उतारी जाती
आदम ने फ़ैसला किया कि वो अपनी माँ को अब हवस भरी निगाहो से नही देखेगा शायद ये खुदा का चमत्कार था या फिर आदम होमटाउन की हवस भरी ज़िंदगी से अब उठ चुका था.....आदम अपनी कशमकश में मगन था कि इतने में उसकी माँ जैसे तौलिया लपेटी अंदर आने को हुई तो उसने बेटे को पॉर्न फिल्में देखते हुए पाया...उसकी साँसें बंद हो गयी क्यूंकी स्क्रीन पे काफ़ी अश्लील तस्वीरे इधर उधर दिखाई जा रही थी जिसमें करीब उसके उमर की औरत जो कि अँग्रेज़ थी नंगी टाँग खोले अपनी गुप्तांगो को दर्शा रही थी
माँ को थोड़ा गुस्सा आया पर उसने पाया कि बेटा उसका जवान था हो सकता था? शायद उसे ये सब देखने की लत लगी थी...पर उसे बुरा भी लगा कि वो ऐसी फिल्में देखता है...उसने वापिस बाथरूम के पास जाके आवाज़ दी..तो सकपकाए आदम उठ खड़ा हुआ..."हां माँ जा रहा हूँ नहाने".....कहते हुए आदम ने फ़ौरन पीसी ऑफ किया और गुसलखाने में माँ के बगल से गुज़रता हुआ नहाने घुस गया....माँ ने उसे कुछ नही कहा...उसने सोचा इस बारे में उससे वो फारिग होके बात करेगी..वो अंदर कपड़े पहनने चली गयी लेकिन उसका दिल उन अशील नंगी औरतो को जिसे उसका बेटा देख रहा था याद करते ही दिल ज़ोरो से अंजुम का धड़कने लगा था...
अंजुम बेटे की थाली में तरकारी और चावल डालते हुए उसे बार बार देख रही थी....आदम ने नोटीस किया कि माँ उसे गौर कर रही है पर उसे नॉर्मल लगा फिर मन में आया शायद माँ के दिल मे कोई सवाल उमड़ा हो
अंजुम : ह्म अच्छा आदम तू क्या देख रहा था उस वक़्त? (माँ ने एकदम से कड़क के आदम से सवाल किया जो नीवाला आदम मुँह में लेने ही वाला था उसने उसे वापिस थाली पे रख दिया वो एकदम चुपचाप सेहेम सा गया)
आदम : म..मा मैं क्या देख रहा था?
अंजुम : देख बेटा तेरा मुझसे कुछ छुपा नही है तू ब्लू फिल्म देखता है ची ची
आदम : म..आ वो (आदम को जवाब नही मिल रहा था उसकी हकलाहट ही उसके सच्चाई को उभार दे रही थी)
अंजुम : देख आदम मेरा तेरे पिताजी से 10 साल तक कोई संबंध नही रहा है और मैं तुझसे छुपाउंगी नही तू आज कल का बच्चा है और तू सबकुछ जानता है शायद मुझसे भी ज़्यादा जानता होगा ये सब देखके तुझे कैसे अच्छा लगता है इन सबसे माइंड खराब होता है
आदम : माँ दरअसल वो एक फ्रेंड ने!
अंजुम : क्या फ्रेंड कहीं समीर ने तो!
आदम : नही नही माँ दरअसल वो किसी नेट फ्रेंड ने मुझे ये लिंक भेजा था मैं नही जानता था तो मेरी नज़र पड़ गयी माँ मैं आपसे कुछ छुपाउंगा नही मैने पहले भी ब्ल्यूफिल्म देख रखी है
अंजुम की आँखे बड़ी बड़ी हो गयी लगभग उसने अपने मुँह पे हाथ रखके वापिस नीचे किया...."कौन भेजता है तुझे ये सब?".........माँ ने कर्कश स्वर में कहा....
"माँ है एक?".....आदम ने झूंट कहा था उसके ज़हन से अब तक सपने वाली बात गायब हो चुकी थी...अभी उसके दिल में माँ के सामने पकड़े जाने का ख़ौफ़ था
समीर : उफ़फ्फ़ कसम से यार आंटी बहुत सेक्सी है साले (समीर का चेहरा लाल था उत्तेजना में वो मदहोश स्वर में बोल उठा)
आदम : हां रे देख मेरा तो पूरी औकात में खड़ा है 3 महीने तक इस लंड की मालिश करवाई थी और देख कल से ही माँ की याद में कैसे झड रहा है?
समीर : कंट्रोल बेटा कंट्रोल यार कसम से आंटी तो मेरी माँ से भी सेक्सी है
आदम : पर तेरी माँ का देखके तो अच्छे अछो का पानी निकल जाए एक तू है जो उन्हें बाँध रखा है कसम से उनकी अंतर्वासना खुलते ही वो तो किसी हवस की भूकि शेरनी की तरह तुझपे टूट पड़ती होगी बिस्तर पे
समीर : मत पूछ साले इसी लिए कह रहा हूँ मत पूछ हमारी माओ की बात ही जुदा है खैर तूने यहाँ तक तो रास्ता नाप लिया...आगे का रास्ता तय करना कोई बड़ी बात नही देख लेना तू एकदिन अंजुम आंटी को अपने बिस्तर पे नंगा देखेगा बहुत जल्द ही
आदम : तेरे मुँह में घी शक्कर
समीर : पर उनसे मुहब्बत करना टूटके मेरे जैसा क्यूंकी औरत के साथ करने के बाद उन्हें दगा देना धोका देने से भी ज़्यादा गुनाहगारी कहलाता है
आदम : हां यार चल अब मैं घर चलता हूँ सोचा तुझे आज यह वीडियो दिखा दूं अब इसे डेलीट कर देता हूँ (आदम ने समीर के सामने ही वीडियो डेलीट कर दी)
समीर : ह्म चल ठीक है फिर ओके भाईजान मेरी शुभकामनाए
आदम : ह्म चल बाइ
आदम समीर के ऑफीस से निकल जाता है पीछे समीर अपने उभरे हुए पॅंट को ठीक करते हुया...ऑनलाइन शॉपिंग में अपनी माँ के लिए एक सेक्सी ब्लॅक निघ्त्य खदीद लेता है
उधर आदम जब घर पहुचता है तो उसकी माँ उसे खुश लगती है....पूछने पे बताती है कि वो आज ऐसे ही बेटे के अब यहाँ रहने से काफ़ी खुश है...आदम अभी मुस्कुराता ही है कि उसे माँ बताती है की उसकी सहेली हेमा उससे मिलना चाहती है आदम हेमा आंटी से मिलने को राज़ी हो जाता है....
"बेटा सवा 12 हो चुका है दोपहर सर चढ़ रहा है बेटा उठ भी जा अब कब तक ऐसे सोया पड़ा रहेगा".......जब आदम का सपना टूटा तो उसने पाया कि वो करीब 9 घंटे तक सोया पड़ा था अपने बिस्तर पे...
आदम आँख मसल्ते हुए उठा तो उसकी माँ उसे जगाके किचन में नाश्ता बनाने चली गयी...आदम ने वक़्त देखा सच में 12 बज चुके थे...एक वक़्त था कि वो सुबह सुबह जल्दी उठके नौकरी के लिए निकल जाता था पर आज एक वक़्त है कि माँ के हाथो का खाना और आलस्पन ने उसे काफ़ी स्लो कर दिया था...इतने में उसने ख्याल किया उसने समीर को वीडियो दिखाई थी उसने अपनी माँ के कमरे में दाखिल होते ही उसे पूछा
आदम : अर्रे माँ कल मैं समीर के यहाँ गया था क्या? आइ मीन कल घर से बाहर गया था
अंजुम : और लो ? एक तो साहेबज़ादे दोपहर के इस वक़्त उठ रहे है और पूछ रहे है मैं घर से निकला था कल? अर्रे उल्लू तू जबसे आया है गया ही कब है? वो तो समीर का आज सुबह ही तेरे फोन पे कॉल आया तो मैने ही उसे बताया कि तू जबसे आया है या तो पीसी पे बैठा रहता है या सोया पड़ा रहता है
आदम : मतलब कल मैं कहीं गया नही था? और आपसे हेमा आंटी ने मुझे बुलावा भेजा
अंजुम : बेटा तूने सपना देखा होगा हेमा का फोन आया ही कब है मुझे तेरे आने के बाद से और मैने कब बात किया उनसे तू सच में सपना ही देख रहा होगा अच्छा जल्दी उठ पड़ता खा और नाश्ता से फारिग होके कपड़े दे जल्दी से धो दूं
आदम : माँ तुम इतना काम क्यूँ करोगी मैं ही पोंचा लगा देता हूँ ना और झूठे बर्तन भी धो देता हूँ
अंजुम : वाहह माँ का बड़ा ख्याल है तुझे चल ठीक है लेकिन बाद में तेरे बाबूजी को मुँह ना मिले कि बेटे से माँ काम करवा रही है उन्हें पसंद नही कि मर्द होके तू घर का काम करे एक बार बहुत डांटा था मुझे और उन्हें तो बस मौका ही मिल जाएगा
आदम : अपनी माँ का हाथ बाटने में मुझे कोई प्राब्लम नही बाबूजी गये हुए है ना नौकरी पे तो कौन बताएगा उन्हें मैं या तू? चल तू झाड़ू मार दे मैं पोछा लगा देता हूँ
अंजुम : हां पहले नाश्ता तो कर ले बाबू
अंजुम ने प्यार से बेटे के बाल को सहलाते हुए दस्तार ख़ान बिछा कर बिस्तर पे ही नाश्ता लगाया...दोनो माँ-बेटा नाश्ता करने लगे...आदम को अहसास हुआ कि कल रात को ज़्यादा देर रात सोने के बाद से ही उसने ये सपना देखा होगा कि उसने समीर को वीडियो दिखाई थी अपनी माँ की...उसने अपना मोबाइल चेक किया सच में वीडियो तो अब तक डेलीट नही हुआ था....इसका मतलब सॉफ था कि महेज़ वो एक ख्वाब था
आदम को जैसा अज़ीब सा बुरा सा लगा उसने फ़ौरन वीडियो डेलीट कर दिया....माँ ने नाश्ते के वक़्त कहा कि हेमा तुझसे मिलने की ज़िद्द कर रही थी जब तू नही आया था एक बार अपनी बहनों से भी मिल लेना और हेमा आंटी से भी...आदम ने हामी भर दी कि वो आज शाम को अपनी माँ के साथ उनकी सहेली के यहाँ जाएगा
माँ कपड़े लेके गुसलखाने में घुस गयी...आदम पोछा लगाके फारिग हुया झट से पीसी ऑन करता है...उसकी फेव पोर्न्स्टार जूलीया अन्न की एक सेक्सी क्लिप उसे मिलती है जिसमें वो एक हबशी से चुद रही होती है....गौर करने पे पाता है कि उसका बेटा कमरे के बाहर से दोनो की चुदाई देखते हुए रो रहा था...वो अपने आँसू पोंछता है...बाद में सीन में दिखाया जाता है कि जूलीया अन्न एक ग़रीब विधवा औरत होती है जिसका पति के बाद गुज़ारा मुस्किल होता है उसके बेटे की स्कूल फीस भरने और बाकी घर के खर्चा निकालने के लिए वो अपने बाय्फ्रेंड से चुद रही होती है....बेटा इतना गिल्ट महसूस करता है कि वो अपने दोस्त को ये बात नही बताता है और उसका दोस्त सबकी माओ की चर्चा करता है उसे अहसास होता है कि कल्तक वो दूसरो की माओ की चर्चा करता था आज उसके घर उसकी अपनी माँ चुद रही थी उसे बेहद बुरा लगता है उसे महसूस होता है कि कल उसकी भी माँ उसके दोस्तो के बीच इस वाकिये के जानने के बाद चर्चित होगी उसे शर्मिंदगी होगी है और वो माँ का सामना करके उनसे सच्चाई जान जाता है और बढ़ते गिल्ट में वो घर छोड़ देता है...और माँ को भी अपनी मजबूरियो पे शरम और बेटे की मुहब्बत खोने की तक़लीफ़ होती है
इस क्लिप को देखते हुए मेरे अंदर भी कुछ ऐसे भाव आ गये थे कल तक मैं भी कितनी ही वासना भरी नज़रों से अपनी माँ को देखा करता था लेकिन मेरे ईमान ने मुझे जैसे झीजोडा था....नही मुझे अपनी माँ के लिए ऐसी चर्चा किसी से नही करनी चाहिए यहाँ तक कि अपने सबसे अज़ीज़ बेस्ट फ्रेंड समीर से भी नाहही...आख़िर ये मेरा और मेरी माँ के बीच का बेहद पर्सनल मामला था...हालाँकि समीर किसी को कुछ ना बताता लेकिन आज जैसा सपने में वो मेरी माँ को देखके मूठ मारा और मैं एक भद्वे बेटे की तरह लज़्ज़त महसूस कर रहा था
मैं भूल गया था कि माँ मुझे कितना मानती है? और मैं जो गुनाहगारी का काम कर रहा हूँ वो सब क्या था? रूपाली भी तो मेरी अपनी थी....जब उसे कल मालूम चला था मेरा और मेरी दूधमा मौसी का वाक़या तो कैसे उसने मुझसे रिश्ता तोड़ लिया उसके दिल में मेरी इज़्ज़त कितनी कम रह गयी थी..नही आदम तू ये ठीक नही कर रहा? ना ही हेमा को पता चलने दूँगा ना ही अपने दोस्त को...किसी गैर को हमारे बीच के रिश्ते को जानने का कोई हक़ नही माँ सिर्फ़ मेरी है वो मेरी इज़्ज़त और घर की इज़्ज़त कभी बाहर नही उतारी जाती
आदम ने फ़ैसला किया कि वो अपनी माँ को अब हवस भरी निगाहो से नही देखेगा शायद ये खुदा का चमत्कार था या फिर आदम होमटाउन की हवस भरी ज़िंदगी से अब उठ चुका था.....आदम अपनी कशमकश में मगन था कि इतने में उसकी माँ जैसे तौलिया लपेटी अंदर आने को हुई तो उसने बेटे को पॉर्न फिल्में देखते हुए पाया...उसकी साँसें बंद हो गयी क्यूंकी स्क्रीन पे काफ़ी अश्लील तस्वीरे इधर उधर दिखाई जा रही थी जिसमें करीब उसके उमर की औरत जो कि अँग्रेज़ थी नंगी टाँग खोले अपनी गुप्तांगो को दर्शा रही थी
माँ को थोड़ा गुस्सा आया पर उसने पाया कि बेटा उसका जवान था हो सकता था? शायद उसे ये सब देखने की लत लगी थी...पर उसे बुरा भी लगा कि वो ऐसी फिल्में देखता है...उसने वापिस बाथरूम के पास जाके आवाज़ दी..तो सकपकाए आदम उठ खड़ा हुआ..."हां माँ जा रहा हूँ नहाने".....कहते हुए आदम ने फ़ौरन पीसी ऑफ किया और गुसलखाने में माँ के बगल से गुज़रता हुआ नहाने घुस गया....माँ ने उसे कुछ नही कहा...उसने सोचा इस बारे में उससे वो फारिग होके बात करेगी..वो अंदर कपड़े पहनने चली गयी लेकिन उसका दिल उन अशील नंगी औरतो को जिसे उसका बेटा देख रहा था याद करते ही दिल ज़ोरो से अंजुम का धड़कने लगा था...
अंजुम बेटे की थाली में तरकारी और चावल डालते हुए उसे बार बार देख रही थी....आदम ने नोटीस किया कि माँ उसे गौर कर रही है पर उसे नॉर्मल लगा फिर मन में आया शायद माँ के दिल मे कोई सवाल उमड़ा हो
अंजुम : ह्म अच्छा आदम तू क्या देख रहा था उस वक़्त? (माँ ने एकदम से कड़क के आदम से सवाल किया जो नीवाला आदम मुँह में लेने ही वाला था उसने उसे वापिस थाली पे रख दिया वो एकदम चुपचाप सेहेम सा गया)
आदम : म..मा मैं क्या देख रहा था?
अंजुम : देख बेटा तेरा मुझसे कुछ छुपा नही है तू ब्लू फिल्म देखता है ची ची
आदम : म..आ वो (आदम को जवाब नही मिल रहा था उसकी हकलाहट ही उसके सच्चाई को उभार दे रही थी)
अंजुम : देख आदम मेरा तेरे पिताजी से 10 साल तक कोई संबंध नही रहा है और मैं तुझसे छुपाउंगी नही तू आज कल का बच्चा है और तू सबकुछ जानता है शायद मुझसे भी ज़्यादा जानता होगा ये सब देखके तुझे कैसे अच्छा लगता है इन सबसे माइंड खराब होता है
आदम : माँ दरअसल वो एक फ्रेंड ने!
अंजुम : क्या फ्रेंड कहीं समीर ने तो!
आदम : नही नही माँ दरअसल वो किसी नेट फ्रेंड ने मुझे ये लिंक भेजा था मैं नही जानता था तो मेरी नज़र पड़ गयी माँ मैं आपसे कुछ छुपाउंगा नही मैने पहले भी ब्ल्यूफिल्म देख रखी है
अंजुम की आँखे बड़ी बड़ी हो गयी लगभग उसने अपने मुँह पे हाथ रखके वापिस नीचे किया...."कौन भेजता है तुझे ये सब?".........माँ ने कर्कश स्वर में कहा....
"माँ है एक?".....आदम ने झूंट कहा था उसके ज़हन से अब तक सपने वाली बात गायब हो चुकी थी...अभी उसके दिल में माँ के सामने पकड़े जाने का ख़ौफ़ था