hotaks444
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वक़्त के साथ साथ आदम सबकुछ भूल अपनी ज़िंदगी हँसी खुशी बीता रहा था...और इसी बीच उसकी मुलाक़ात एक बहुत ही राइज़ शख्सियत से हुई जिसने उसके लिए नये नये मुकामो को हासिल का ज़रिया उसे दे डाला
उस शाम ऑफीस में आदम को उसके हेड ने बुलाया और मिस्टर जमशेद से उसका परिचय कराया जो कि बांग्लादेश की कोल्ड ड्रिंक इंडस्ट्री के सीईओ थे...
मिस्टर जमशेद : हेलो मिस्टर.आदम नाइस टू मीट यू
आदम : ओह हेलो सर प्लेषर टू मीट यू टू सर (हाथ मिलाते हुए जमशेद से)
मिस्टर जमशेद : ह्म वैसे आपकी मेहनत और लगन का मुझे मिस्टर दत्ता ने सबकुछ क्लियर्ली बताया आपने कितनी ईमानदारी से अपनी पोस्ट को बखूबी और उसकी ज़िम्मेदारिया निभाई है मैं आपसे बस यही चाहता हूँ कि आप हमारी कंपनी को जाय्न करे
आदम : प..पर्र सर उम्म मा...मैं कैसे ? आइ मीन मैं कभी बंगलादेश गया नही
मिस्टर जमशेद : नो नो मैं तुम्हें बांग्लादेश में जॉब ऑफर नही कर रहा...असल में मेरा माल यहाँ डिसट्रिब्यूट होयगा और जैसा तुम जानते ही हो हमारी प्रॉडक्ट्स यहाँ ऑलरेडी काफ़ी लॉंच हो चुकी है तो अगर तुम चाहो तो मैं तुम्हें एक बिज़्नेस ऑपर्चुनिटी दे सकता हूँ तुम इंडिया में हमारे प्रॉडक्ट्स को सेल करोगे दट'स ऑल
आदम : पर सर मेरे पास तो कोई दुकान नही है और मैं ऐसा कैसे कर पाउन्गा
मिस्टर जमशेद :== डरो नही इसमें काफ़ी मेहनत है बाकी तुम जैसा होनहार लड़का इस काम के लिए पर्फेक्ट है उपर से तुम्हारी इंडियन गूव्ट ने अप्रूव्ड किया है हमारे प्रॉडक्ट्स को यहाँ पे
मिस्टर दत्ता : हां आदम दिस ईज़ आ गोलडेन ऑपर्चुनिटी ऐसे मौके बार बार हासिल नही होते...वैसे तो ये कोई अफीशियल प्रमोशन ऑफ युवर जॉब नही है पर इससे तुम्हें साइड बिज़्नेस का मालूमत चलेगा वैसे भी तुम इस शहर से काफ़ी वाक़िफ़ हो अगर यहाँ इस शहर में हमारे प्रॉडक्ट्स इतने सेल हो सकते है तुम उन्हें ऑनलाइन भी इंडिया के किसी भी स्टेट में भेज सकते हो इट'स गॉना बी लाइक ए-बिज़्नेस टू
आदम : ओ..क्क् सिर्र आइ विल कन्सिडर अबाउट
आदम ने काफ़ी सोच विचार किया फिर जमशेद ने उसे इतना हौसला दे दिया कि उसने ना नही किया.....उसने तुरंत ही मिस्टर जमशेद की प्रोवाइडिंग ऑफीस को संभाल लिया जो शहर में थी....फिर वो उस ऑफीस का मॅनेजर बन गया...उसके अंडर काफ़ी वर्कर्स थे....मार्केटिंग का ये बिज़्नेस उसे अच्छा लगा...और जल्द ही आदम के कदम धीरे धीरे शौहरत और कामयाबी की तरफ बढ़ने लगे
उसने अपने फर्स्ट कमामी से माँ के लिए कीमती महेंगी साड़ी खरीद के उसे तोहफे में दी थी.....उसकी माँ का पहनावा उसकी बदलती रंगत से और भी निखार गया अब ऐसा लगता था जैसे कोई हाइ-प्रोफाइल मॉडर्न लेडी हो....आदम उसे ऐसा बना दिया था....वो अपनी ये खुशी राजीव दा के साथ भी सेलेब्रेट कर चुका था...लेकिन बाद में उसे मालूम हुआ कि राजीव दा की पोस्टिंग वापिस बुर्ड़वन में हो गयी है क्यूंकी उनके माता-पिता अब उन्हें बहुत रिक्वेस्ट करके बुला रहे है....आदम को बुरा लगा कि उन दोनो ने उनका कितना साथ दिया? पर राजीव दा ने विश्वास दिलाया कि दूरिया चाहे जितनी भी हो साथ दिल से दिल का जुड़ा ही रहता है.......राजीव दा और ज्योति भाभी चले गये....
उस शाम ऑफीस में आदम को उसके हेड ने बुलाया और मिस्टर जमशेद से उसका परिचय कराया जो कि बांग्लादेश की कोल्ड ड्रिंक इंडस्ट्री के सीईओ थे...
मिस्टर जमशेद : हेलो मिस्टर.आदम नाइस टू मीट यू
आदम : ओह हेलो सर प्लेषर टू मीट यू टू सर (हाथ मिलाते हुए जमशेद से)
मिस्टर जमशेद : ह्म वैसे आपकी मेहनत और लगन का मुझे मिस्टर दत्ता ने सबकुछ क्लियर्ली बताया आपने कितनी ईमानदारी से अपनी पोस्ट को बखूबी और उसकी ज़िम्मेदारिया निभाई है मैं आपसे बस यही चाहता हूँ कि आप हमारी कंपनी को जाय्न करे
आदम : प..पर्र सर उम्म मा...मैं कैसे ? आइ मीन मैं कभी बंगलादेश गया नही
मिस्टर जमशेद : नो नो मैं तुम्हें बांग्लादेश में जॉब ऑफर नही कर रहा...असल में मेरा माल यहाँ डिसट्रिब्यूट होयगा और जैसा तुम जानते ही हो हमारी प्रॉडक्ट्स यहाँ ऑलरेडी काफ़ी लॉंच हो चुकी है तो अगर तुम चाहो तो मैं तुम्हें एक बिज़्नेस ऑपर्चुनिटी दे सकता हूँ तुम इंडिया में हमारे प्रॉडक्ट्स को सेल करोगे दट'स ऑल
आदम : पर सर मेरे पास तो कोई दुकान नही है और मैं ऐसा कैसे कर पाउन्गा
मिस्टर जमशेद :== डरो नही इसमें काफ़ी मेहनत है बाकी तुम जैसा होनहार लड़का इस काम के लिए पर्फेक्ट है उपर से तुम्हारी इंडियन गूव्ट ने अप्रूव्ड किया है हमारे प्रॉडक्ट्स को यहाँ पे
मिस्टर दत्ता : हां आदम दिस ईज़ आ गोलडेन ऑपर्चुनिटी ऐसे मौके बार बार हासिल नही होते...वैसे तो ये कोई अफीशियल प्रमोशन ऑफ युवर जॉब नही है पर इससे तुम्हें साइड बिज़्नेस का मालूमत चलेगा वैसे भी तुम इस शहर से काफ़ी वाक़िफ़ हो अगर यहाँ इस शहर में हमारे प्रॉडक्ट्स इतने सेल हो सकते है तुम उन्हें ऑनलाइन भी इंडिया के किसी भी स्टेट में भेज सकते हो इट'स गॉना बी लाइक ए-बिज़्नेस टू
आदम : ओ..क्क् सिर्र आइ विल कन्सिडर अबाउट
आदम ने काफ़ी सोच विचार किया फिर जमशेद ने उसे इतना हौसला दे दिया कि उसने ना नही किया.....उसने तुरंत ही मिस्टर जमशेद की प्रोवाइडिंग ऑफीस को संभाल लिया जो शहर में थी....फिर वो उस ऑफीस का मॅनेजर बन गया...उसके अंडर काफ़ी वर्कर्स थे....मार्केटिंग का ये बिज़्नेस उसे अच्छा लगा...और जल्द ही आदम के कदम धीरे धीरे शौहरत और कामयाबी की तरफ बढ़ने लगे
उसने अपने फर्स्ट कमामी से माँ के लिए कीमती महेंगी साड़ी खरीद के उसे तोहफे में दी थी.....उसकी माँ का पहनावा उसकी बदलती रंगत से और भी निखार गया अब ऐसा लगता था जैसे कोई हाइ-प्रोफाइल मॉडर्न लेडी हो....आदम उसे ऐसा बना दिया था....वो अपनी ये खुशी राजीव दा के साथ भी सेलेब्रेट कर चुका था...लेकिन बाद में उसे मालूम हुआ कि राजीव दा की पोस्टिंग वापिस बुर्ड़वन में हो गयी है क्यूंकी उनके माता-पिता अब उन्हें बहुत रिक्वेस्ट करके बुला रहे है....आदम को बुरा लगा कि उन दोनो ने उनका कितना साथ दिया? पर राजीव दा ने विश्वास दिलाया कि दूरिया चाहे जितनी भी हो साथ दिल से दिल का जुड़ा ही रहता है.......राजीव दा और ज्योति भाभी चले गये....