desiaks
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फिर मैने रोना बंद किया और चेहरे पर मासूमीयत वाले भाव लाकर बोला
"थैंक्यू आंटी, पहले मेरी बात सुनिए,
मॉम को कल अचानक जाना पड़ा था और वो बहुत टेंशन में थी इसलिए आपको बताना भूल गई थी"
"और रही बात रात के खाने की और आज के नाश्ते और लंच की तो आंटी, मॉम टेंशन में होने के कारण आपका याद नहीं आया होगा या फिर वो आपको तकलीफ़ नहीं देना चाहती होगी"
"आंटी आपके दिल को दुखी करने या आपको नाराज़ करने का ,मॉम और मेरा ऐसा कोई भी इरादा नहीं था"
"आंटी मॉम तो आपको बेस्ट फ्रेंड से भी ज्यादा आपको अपनी बहन मानती है और में भी आपको अपनी मॉम की तरह मानता हूं,
"और आंटी, मॉम रोज रोज तो ऐसे घर से बाहर जाती नहीं है और आगे ऐसी कुछ स्थति हुई तो में आपके पास अा जाऊंगा और आपके साथ ही रहूंगा"
मेरी यह सफाई सुनकर रेशमा आंटी के चेहरे पर वापस रौनक अा गई
और ममता वाले भाव में बोली
"सॉरी बेटा ,मैने कुछ ज्यादा रिएक्ट कर दिया, बिना पूरी बात सुने ही तुझ पर गुस्सा कर दिया, अब मुझे सीमा और तुझसे किसी भी तरह की नाराज़गी नहीं है"
"प्लीज मुझे माफ़ कर देना और सीमा को यह सब मत बताना, अगर उसे पता चलेगा वो बेचारी बहुत दुखी होगी, फिर में उसे अपना मुंह दिखा नहीं पाऊंगी"
रेशमा आंटी "अर्जुन तू मुझसे वादा कर की तू यह सब बात अपनी मॉम को नहीं बताएगा"