Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास - Page 5 - SexBaba
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Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास



फिर मैने रोना बंद किया और चेहरे पर मासूमीयत वाले भाव लाकर बोला

"थैंक्यू आंटी, पहले मेरी बात सुनिए,
मॉम को कल अचानक जाना पड़ा था और वो बहुत टेंशन में थी इसलिए आपको बताना भूल गई थी"

"और रही बात रात के खाने की और आज के नाश्ते और लंच की तो आंटी, मॉम टेंशन में होने के कारण आपका याद नहीं आया होगा या फिर वो आपको तकलीफ़ नहीं देना चाहती होगी"

"आंटी आपके दिल को दुखी करने या आपको नाराज़ करने का ,मॉम और मेरा ऐसा कोई भी इरादा नहीं था"

"आंटी मॉम तो आपको बेस्ट फ्रेंड से भी ज्यादा आपको अपनी बहन मानती है और में भी आपको अपनी मॉम की तरह मानता हूं,

"और आंटी, मॉम रोज रोज तो ऐसे घर से बाहर जाती नहीं है और आगे ऐसी कुछ स्थति हुई तो में आपके पास अा जाऊंगा और आपके साथ ही रहूंगा"

मेरी यह सफाई सुनकर रेशमा आंटी के चेहरे पर वापस रौनक अा गई

और ममता वाले भाव में बोली
"सॉरी बेटा ,मैने कुछ ज्यादा रिएक्ट कर दिया, बिना पूरी बात सुने ही तुझ पर गुस्सा कर दिया, अब मुझे सीमा और तुझसे किसी भी तरह की नाराज़गी नहीं है"

"प्लीज मुझे माफ़ कर देना और सीमा को यह सब मत बताना, अगर उसे पता चलेगा वो बेचारी बहुत दुखी होगी, फिर में उसे अपना मुंह दिखा नहीं पाऊंगी"

रेशमा आंटी "अर्जुन तू मुझसे वादा कर की तू यह सब बात अपनी मॉम को नहीं बताएगा"
 

रेशमा आंटी की बात सुनकर मुझे चैन की सांस मिली,मेरे ड्रामा से आंटी की नाराज़गी दूर हो गई और आंटी के साथ मॉम और मेरा रिश्ता और मजबूत हो गया,

में बोला "आंटी मुझ पर भरोसा रखिए,अभी जो कुछ भी हुआ वो में मॉम को कभी नहीं बताऊंगा,में तो आपके और मॉम के बीच में कभी भी इस तरह की गलतफहमी आने ही नहीं दूंगा,"

मेरे जवाब सुनकर रेशमा आंटी ने
मुझे अपने गले से लगा लिया और बोली

"मेरा अर्जुन बेटा, तू बहुत समझदार हो गया, पूरा मैच्योर हो चुका है सीमा बहुत भाग्यशाली है जिसे तेरे जैसा हीरा और समझदार बेटा मिला है"

आंटी से गले लगने से मेरा मुंह आंटी की कंधो पर अा गया था आंटी के दोनो बड़े और मोटे स्तन मेरे सीने के दो छोटे नींबू आकर के स्तनों से टकरा गए थे

और रेशमा आंटी के मस्त बदन से बहुत ही उत्तेजना और वासना से भरी हुई खुशबू अा रही थी

मेरे शरीर में करेंट दौड़ना लग गया था
एक तो पहले से ही गोली के कारण मेरा लन्ड सातवे आसमान पर था उसको मैने पहले से हाफ पैंट में जबरदस्ती एडजस्ट किया हुआ था जिससे वो बाहर की तरफ कम निकले,

लेकिन सेक्सी रेशमा आंटी के मुझसे गले लगने के बाद और उनके बूब्स मेरे सीने से टकराने से मेरा लौड़ा ने सारी एडजस्टमेंट की गान्ड मार दी, और वो वापस एकदम सीधा हो गया
और हाफ पैंट से बाहर अा गया

और वो हाफ पैंट से आंटी के स्कर्ट से टच कर रहा था

 


मुझे डर भी लग रहा था कि कहीं रेशमा आंटी को मेरे हॉफ पैंट में खड़े मेरे 5 इंच के लन्ड के खड़ेपन का महसूस ना हो जाए,
अगर उन्हें मालूम चल गया तो वो मेरे बारे में क्या क्या ग़लत और गन्दा सोचेगी, यही सोचकर में थोड़ा डरा हुआ था

मेरी हाफ पैंट के अंदर से लन्ड उनकी स्कर्ट से टकरा रहा था लेकिन टाईट स्कर्ट पहने होने के कारण शायद आंटी को पता नहीं चला,

आंटी के दोनो हाथ मेरे कंधो पर ही थे

करीब 1 मिनट तक आंटी ने मुझे अपनी बाहों में रखा और

फिर आंटी ने मुझे अपने से अलग किया और मेरे माथे पर एक मस्त मां की ममता वाला किस किया,

लेकिन मुझे किसी भी तरह से आंटी की आंखो से गायब होना था जिससे में अपनी हॉफ पैंट में लन्ड को एडजस्ट कर सकू, जिससे लन्ड बाहर कम दिखे,

आंटी और में दोनो खड़े ही थे
और आंटी की नजर मेरे नीचे वाले हिस्से पर नहीं थी उनकी नजरें मेरे चेहरे पर ही थी इसलिए अब तक में बचा हुआ था

लेकिन आंटी की नजर कभी भी मेरे हॉफ पैंट के अंदर खड़े लन्ड पर पड़ सकती थी इसलिए मुझे जल्दी से आंटी के सामने से कुछ देर के लिए गायब होना था

मैने तरकीब लगाई और

फिर मैने आंटी को बोला

"आंटी आप बैठिए ,में आपके लिए कुछ पीने के लिए लाता हूं,"

यह बोलते ही में तुरंत आंटी के सामने से किचन कि और चला गया

आंटी मेरे पीछे से बोली
"अरे अर्जुन तकलीफ़ की कोई जरूरत नहीं है, मेरा ही घर है यह"

मैने भी उल्टे शरीर से जवाब दिया
"आंटी आप सोफे पर बैठिए, अपने बेटा को आपकी सेवा करने दीजिए"

 


में किचन में पहुंच गया और शायद आंटी भी सोफे पर बैठ गई और अपने मोबाइल में लग गई थी

पहले मैने अपने अंडरवियर में लन्ड
को अच्छे से एडजस्ट किया जिससे उसका खड़ापन बाहर कम दिखे,

में सोच रहा था कि एक तो मैने सैक्स पॉवर की गोली ले रखी है और दूसरी और यह हॉट और सेक्सी रेशमा आंटी को अभी ही मेरे घर पर आना था

मेरा तो उत्तेजना से बुरा हाल था

मेरी उत्तेजना और वासना को शांत करने कोई समय ही नहीं मिल रहा था
काश आंटी की जगह मॉम आई होती तो
ड्रॉइंग हॉल में ही मॉम के साथ चुदाई का प्रोग्राम कर लेता और लन्ड को संतुष्ट कर देता,

लेकिन मेरा तो आज का दिन ही खराब चल रहा था

एक तो स्नेहा आंटी के साथ चुदाई का कार्यक्रम कैंसल हुआ और दूसरी और यह आंटी अचानक अा गई,

फिर मैने एक प्लेट में ड्रायफ्रूट काजू और बादाम को रखा और फ्रिज से जूस की बोतल से दो गिलास भरी, और सभी को एक ट्रे में सजाया,

फिर ड्रॉइंग हॉल में अा गया ,आंटी मोबाइल में कोई काम कर रही थी
मुझे देखकर मोबाइल टेबल पर रखा और बोली

"अरे अर्जुन बेटा , यह सबकी क्या जरूरत थी में कोई मेहमान नहीं हूं, में कोई बहुत दूर से थोड़ी आई हूं, तेरे पड़ोस में ही तो रहती हूं"

मैने टेबल पर ट्रे रख दी और आंटी के हाथो में जूस की गिलास दे दी और खुद भी बाजू के सोफे पर बैठ गया

और बोला "आंटी आप मॉम की बेस्ट फ्रेंड हो और आप मॉम की अनुपस्थिति में आई हो, इसलिए आपका पूरा ध्यान रखना मेरा फ़र्ज़ है, आप जूस पीजिए"

 


फिर मेरे इस जवाब से रेशमा आंटी मुस्कराई और जूस पीने लग गई और मैने भी जूस की गिलास अपने हाथ में ले ली और पीने लग गया

रेशम आंटी अब अपने दोनो सेक्सी हॉट पैरो को फर्श पर रखकर ही बैठी थी अब वो काफी कंफर्टेबल महसूस कर रही थी क्योंंकि में उनके पास वाले सोफे पर बैठा था इसलिए उन्हें अपने स्कर्ट के खुलेपन की फिक्र नहीं थी

क्योंंकि उनके इस तरह बैठने से उनका स्कर्ट थोड़ा ओपन हो जाता है और सामने बैठा कोई भी सख्स उनके स्कर्ट के अंदर का सामान देख सकता था लेकिन, में सामने नहीं बैठा था
पास वाले सोफे पर बैठा था

सामने बैठने वाले सख्स को आंटी की
सेक्सी, गोरी, चिकनी और पतली जांघें बाहर से थोड़ी दिख सकती थी और उनके स्कर्ट के अंदर की बहुमूल्य चूत को छिपाने वाली उनकी पैंटी के भी दर्शन हो सकते थे

लेकिन में उनके पास वाले सोफे में बैठा था और वहां से स्कर्ट के अंदर के दृश्य देखना मुश्किल था इसलिए मेरी किस्मत में यह देखना नहीं था

अगर चोरी छिपे देख भी लेता तो खाली एक पैर की थोड़ी बहुत जांघ के दर्शन हो सकते उसके आगे कुछ भी नहीं दिख सकता था

लेकिन मेरी ऐसी कोई मंशा और नीयत नहीं थी कि में इस तरह की लोअर लेवल की हरकत करू,
में कोई निचले स्तर का या गली नुक्कड़ के टपोरियों और मनचलों जैसे लड़का नहीं था,

में एक पढ़े लिखे, सभ्य, इज्जतदार और अमीर परिवार से ताल्लुक रखने वाला हाई प्रोफ़ाइल लड़का था और आंटी भी हाई प्रोफ़ाइल औरत ही थी

 

रेशमा आंटी ने जूस का घुट पिया और मुस्करा के बोली
" Nice टेस्ट, मेरा फेवरेट जूस है,"

में भी मुस्करा के बोला
"yes आंटी, में जानता हूं यह आपका और मॉम का फेवरेट जूस है"

"zero sugar, zero fat, और फूल प्रोटीन युक्त,ड्रायफ्रूट और फ्रूट का मिक्स जूस है आप और मॉम, आप दोनो ही अपनी फिटनेस और सेहत के प्रति बहुत ही सचेत रहती है और खाने पीने में बहुत ही ख्याल रखती हो, इसलिए जूस के साथ आपके ही पसंदीदा काजू और बादाम भी रखे है आंटी प्लीज इन्हे भी खाइए"

मेरे जवाब से रेशमा आंटी ने अपने चेहरे पर ममता वाले प्यार दिखाया
और बोली " थैंक यू, माई डार्लिंग अर्जुन"

आंटी के मुंह से डार्लिंग वर्ड सुनकर अच्छा लगा,

और आंटी टेबल पर रखे ड्राई फ्रूट्स की प्लेट्स से काजू और बिदाम भी खाने लग गई,
और बोली "अर्जुन, बातों बातों में, में यह पूछना ही भूल गई की आज तू घर पर कैसे, आज कॉलेज नहीं गया,"

में बोला "आंटी कल मेरा कॉलेज में टेस्ट था इसलिए आज कॉलेज की छुट्टी है"

आंटी "ok , टेस्ट कैसा रहा"

में " बहुत ही शानदार रहा आंटी"

आंटी "ग्रेट, सीमा हर वक्त तेरी तारीफ करती रहती है कि मेरा बेटा पढ़ाई के मामले में नंबर वन है, इंटेलीजेंट,स्मार्ट और बहुत ही समझदार और शरीफ है"

रेशमा आंटी " सीमा एकदम सही ही बोलती है, तू वास्तव में एक हीरा है सोना है काश तेरे जैसा बेटा सब मां को मिल पाते "

आंटी के मुंह से अपनी तारीफ सुनकर अंदर ही अंदर में बहुत खुश हो रहा था लेकिन ज्यादा खुशी अपने चेहरे पर नहीं झलकने दी,
और हल्की मुस्कराहट अपने चेहरे पर लाकर बोला

"थैंक यू आंटी, हर मां अपने बच्चों कि हमेशा तारीफ ही करती है कभी भी बुराई नहीं करती है में तो चाहता हूं हर बेटे को मेरी मॉम जैसी मां मिले, माई मॉम बेस्ट मॉम इन दे वर्ल्ड"

 
रेशमा आंटी की बात सुनकर में हल्का हंसते हुए बोला

" आंटी, इसमें तो में आपकी मदद कर ही सकता हूं, आज आपकी बेस्ट फ्रैंड मॉम घर पर नहीं है तो क्या हुआ, आपका बेटा अर्जुन तो है ना, उसके साथ ही गप्पे मार लीजिए,"

" में भी कब से बोर हो रहा था बहुत ही अकेला फिल कर रहा था इसलिए मुझे मॉम की बहुत याद अा रही थी अच्छा हुआ आप अा गई, अब मिल बैठेंगे मां और बेटा और मारेंगे खूब गप्पे"

यह तो मेरा दिल जानता है कि मॉम की याद मुझे अपने खड़े लौड़े को संतुष्ट करने लिए अा रही थी

मेरी बात सुनकर रेशमा आंटी ज़ोर से हंसी
" हांह हां हांह हाहह हा" और
बोली " ठीक है आज हम दोनों ही गप्पे मार लेते है दोनो का टाइम भी पास हो जाएगा"

आंटी ने अभी तक अपने पैरों में लंबे हिल के सैंडल पहन रखे थे सैंडल पहने होने के कारण आंटी को पैरो को कंफर्टेबल होने में और फैलाने में तकलीफ़ हो रही थी इसलिए आंटी ने सोफे पर बैठे बैठे ही और थोड़ा नीचे झुक कर अपने पैरो से सैंडल निकालने के लिए कोशिश कर ही रही थी आंटी को झुकने में तकलीफ़ हो रही थी

तभी मैने भी इस मौके का फायदा उठाया
और सोफे से उठकर आंटी के पैरो के पास फर्श पर बैठ गया और बोला

"आंटी आप रहने दीजिए,आपके सैंडल में निकाल देता हूं मॉम के भी काफी बार में ही निकालता हूं आप आराम से सोफे पर बैठे रहिए"

आंटी ने मुझे रोका नहीं उल्टा खुश हो गई और बोली "ठीक है अर्जुन"

में आंटी के सैंडल निकालने लगा
आंटी का स्कर्ट तो आगे की और खुला था ही, और में आंटी के स्कर्ट के आगे ही बैठा था और आंटी शायद इस बात से बेपरवाह थी और में जिस पोजिशन में बैठा था उस जगह से आंटी के स्कर्ट का खुला हुआ हिस्सा साफ साफ दिखाई देता था

सैंडल निकालते वक़्त चोरी चूपे कुछ पल के लिए मेरी नजर आंटी के स्कर्ट के अंदर चली गई
 

मुझे जन्नत का नज़ारा दिखने लग गया था स्कर्ट के अन्दर रेशमा आंटी की गोरी,सफेद और मलाईदार जांघ दिख रही थी और उसके आगे तो लाल कलर की पैंटी भी नजर आई, जिसने रेशमा आंटी की खूबसूरत चूतड़ को ढक रखा था

कम समय होने और आंटी की आंखो से बचने के कारण यह नज़ारा ज्यादा देर तक देख नहीं सका,

मैने आंटी के पैरो से दोनो सैंडल निकाल दिए और साइड के कोने में रख दिए
और वापस सोफे पर बैठ

आंटी मुस्करा के बोली "थैंक यू "

हम दोनों ने जूस खत्म कर दिया था
अभी काजू और बादाम को खा रहे थे

आंटी "अर्जुन और बता कॉलेज में कैसे चल रहा है खाली पढ़ाई ही करता है कि कोई गर्ल फ्रेंड भी बनाई है क्योंकि आजकल के लडके तो तेरी जितनी उम्र में तो 2-3 गर्ल फ्रेंड बना ही लेते है"

आंटी के इस बोल्ड सवाल से में थोड़ा चोंक गया, कहीं आंटी ने मुझे अपने स्कर्ट के अंदर झांकते हुए देख तो नहीं लिया या कहीं कुछ देर पहले मेरे हॉफ पैंट में खड़े लन्ड को देख तो नहीं लिया था

अभी तो मेरा लन्ड हॉफ पैंट में एकदम सही जगह सेट था बाहर कम ही दिख रहा था

मैने शर्माने वाला चेहरा बनाकर बोला।
"आंटी में कॉलेज में खाली पढ़ाई करने ही जाता हूं इसके अलावा मेरा ध्यान कहीं और जाता ही नहीं है

"मुझे अपना फ्यूचर और कैरियर बनाना है पापा की तरह हाइली एजुकेटेड और बड़ा आदमी बनना है"

"और मेरी कोई गर्ल फ्रेंड नहीं है यहां तक की मैने बहुत ही कम लडको से भी दोस्ती कर रखी"
 

मेरे जवाब से आंटी ने हल्की स्माइल दी
और बोली
"ग्रेट, अर्जुन, तेरी मॉम भी यह कहती है कि मेरा अर्जुन का ध्यान तो खाली पढ़ाई में ही रहता है और वो फालतू के लड़कियों के चक्कर में नहीं पड़ता है
पूरा साफ़ सुथरा और शरीफ है मेरा बेटा"

आंटी "सीमा कितनी भाग्यशाली है जिसे तेरे जैसा एक जवान,संस्कारी और आज्ञाकारी रेडीमेड बेटा मिला है काश मुझे भी तेरे जैसा एक रेडीमेड बेटा मिल जाता तो लाइफ में और रौनक हो जाती"

में " आंटी मुझे भी अपना बेटा ही मानिए, और आपकी तो 4 साल की प्यारी सी, सुंदर से बेटी तो है ही,"

आंटी सीरियस होकर बोली
"वो तो ठीक है बेटा लेकिन मेरी बेटी अभी बहुत छोटी है और जब तक वो तेरी जैसी मैच्योर और समझदार होगी तब तक मेरी उम्र बहुत बढ जाएगी"

" मेरा तो सपना है कि मेरी इस जवान उम की जिंदगी में ही एक तेरे जैसा कम उम्र का बेटा या बेटी होती, जो की मेरा बेस्ट फ्रेड भी होता, जो मेरी सेवा करे, मेरा ध्यान रखे, मेरी खुशियों का ध्यान रखा, में उससे अपनी बातें और प्रॉब्लम शेयर कर सकू और वो भी अपनी प्रॉब्लम और पर्सनल बातें शेयर कर सके"

" जिसके साथ मे रोज गप्पे मार सकू, उसके साथ गेम खेलु,उसके साथ प्यार वाला झगड़ा कर सकू, और भी बहुत सारी बातें है जो में उसके साथ कर सकती हूं बेटा होने के साथ वो मेरा एक पक्का और सच्चा दोस्त भी होता, जिसके साथ में अपनी पर्सनल लाइफ और पर्सनल सिक्रेट शेयर कर सकती हूं"

"लेकिन मेरा प्रॉब्लम यह है कि मेरे हसबैंड तो बहुत व्यस्त बिजनेसमैन है सुबह जाते है और रात को आते है, उनके साथ तो यह सब नहीं कर सकती और रही मेरी 4 साल की बेटी का तो उसे तो अभी बोलना ही पूरा आता नहीं है"

 


आंटी यह सब बोलकर थोड़ी उदास हो गई
मैने बैठे बैठे ही सोफे से ही आंटी के दोनो हाथो पर प्यार से अपने दोनो हाथ रखे और बोला

"आंटी आप उदास मत होइए, में भी आपका बेटा ही हूं और साथ में आपका बेस्ट फ्रैंड भी हूं आप यह सब मेरे साथ भी कर सकती है अगर आप चाहे तो ही,"

मेरे ऐसे कहने से रेशमा आंटी के चेहरे पर वापस रौनक अा गई
तभी मेरे मोबाइल पर रिंग बजी
मैने कॉलर देखा तो मॉम का कॉल था

मैने रेशमा आंटी को बोला "
मॉम का कॉल अा रहा है"

तभी आंटी ने मुझे धीरे से बोला

"अर्जुन, सीमा को मत बताना की में अभी इधर हूं"

आंटी के मेरे साथ इधर होने का मॉम को नहीं बताने की बात से मेरे दिमाग में कुछ सवाल जाग गए थे

लेकिन इन सब के सोचने का अभी टाइम नहीं था मैंने मॉम का कॉल उठाया

में " हाई मॉम ,
मॉम " हाई बेटा,नाश्ता कर लिया और लंच भी समय पर कर लेना, मेरी स्नेहा से अभी बात हो चुकी है"

में "यस मॉम ,नाश्ता कर दिया,लंच भी कर दूंगा, लेकिन आप तो दोपहर को अा जावोगी ना, फिर साथ में ही लंच करेंगे"

मॉम "सॉरी बेटा, कल रात को मम्मी और बहन के साथ बातें और गप्पे मारने में समय का पता नहीं चला, इसलिए सोने में बहुत देर हो गई थी और में अभी ही नींद से उठी हूं, और उठते ही तुझे और स्नेहा को कॉल किया, बेटा में लंच इधर ही कर दूंगी, और शाम तक तेरे पास अा जाऊंगी, तू लंच कर लेना, बेटा प्लीज मैनेज कर लेगा ना"

में "डोंट वरी मॉम ,में कर लूंगा "
मॉम ",ओके बेटा अभी मुझे फ्रेश होना है में कॉल डिस्कनेक्ट करती हूं आई लव यू बेटा" यह बोलकर मॉम ने मोबाइल में ही मस्त चुम्मा दे दिया

मेरे पास में आंटी बैठी थी इसलिए मॉम को जवाब में चुम्मा तो दे नहीं सकता था

फिर मैने मॉम को खाली "लव यू " बोलकर काल डिस्कनेक्ट कर दिया,
 
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