hotaks444
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खिलोना पार्ट--13
साथ ही साथ रीमा ने ये भी सोच लिया कि आज रात बिस्तर मे वो दोनो से इस शंतु के बारे मे ज़रूर पुछेगि..शायद दोनो मे से कोई उसके बारे मे कुच्छ जानता हो.रीमा ने रवि की पूरी डाइयरी छान मारी थी,पर कही भी शंतु का नाम नही था सिवाय उस आखरी पन्ने के इस कारण रीमा को ये पता नही था कि ये शंतु रवि का कोई दोस्त,रिश्तेदार या फिर कोई ऐसे ही जान-पहचान वाला था...लेकिन उसे इतना यकीन क्यू था कि शंतु से उसे रवि की मौत के बारे मे कुच्छ अहम बात पता चल सकती है?...ऐसा भी तो हो सकता है कि दोनो ने किसी अफीशियल काम के बारे मे 1 दूसरे से बात की हो..ये बस 1 इत्तेफ़ाक़ हो कि शंतु की कॉल आखरी कॉल थी रवि के मोबाइल पे...हो सकता है जैसा वीरेंद्र जी & शेखर मानते थे,सच मे रवि की मौत 1 आक्सिडेंट थी & वो खमखा अपने मन मे शक़ लिए बैठी थी.
उसने अपना सर झटका..जो भी हो,अगर मन मे शक़ है तो उसे दूर करना ही होगा..वो आज रात दोनो से शंतु के बारे मे ज़रूर पुछेगि मगर इस से पहले दोनो को दोपहर मे आने वाली ब्लॅंक कॉल्स के बारे मे बताएगी.
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"क्या???!",शेखर चौंक गया,"..& तुम आज बता रही हो!"
"मुझे लगा कि कोई शरारत कर रहा होगा,उस दिन डाँटने के बाद दोबारा नही करेगा..मगर उसने जब आज फिर से कॉल किया तो मैने सोचा कि आप लोगो को बता दू."
तीनो ड्रॉयिंग रूम मे बैठे चाइ पी रहे थे.विरेन्द्र जी खामोशी से चाइ के घूँट भरते रहे.शेखर ने कहा कि वो इस बारे मे कुच्छ ज़रूर करेगा.उसे कल फिर दिल्ली जाना था & उसी सिलसिले मे वो किसी काम से बाहर चला गया & कह गया कि खाने के वक़्त तक वापस आएगा.
"तुम्हे लगा रहा है कि ये ब्लॅंक कॉलर कही रवि की मौत से जुड़ा हुआ है,है ना?"
"जी!",रीमा ने कप नीचे किया,"जी.हां."
"ह्म्म.",विरेन्द्र जी ने कप खाली कर टेबल पे रखा,"बिल्कुल मत घबराना.इस कॉलर का भी पता लगा लेंगे & तुम्हारे मन के बाकी शुबहे भी दूर कर देंगे."
जवाब मे रीमा बस मुस्कुरा दी.
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रीमा नहा कर बाथरूम से बाहर आई & 1 छ्होटी स्लिप स्टाइल की नाइटी पहन ली जो बस उसकी गंद के नीचे तक आ रही थी,इसके उपर उसने 1 ड्रेसिंग गाउन डाल लिया & किचन से पानी लेने चली गयी.हर रात की तरह ही आज रात भी उसने अपने ससुर को कह दिया था कि वो सो जाएँ,वो देर से उनके पास आयेगी.
पानी पीते वक़्त उसे शेखर ने पीछे से अपने आगोश भर लिया,"आप भी ना मरवाएँगे मुझे!आप ही के पास तो आ रही थी,थोड़ा इंतेज़ार नही कर सकते थे?",रीमा घूम कर उसके सामने आ गयी.
शेखर ने उसे किचन के काउंटर से टिका दिया & चूमने लगा,"..उम्म्म्म....यहा नही..कही पिता जी ना आ जाएँ.",शेखर ने उसकी जंघे पकड़ उसे गोद मे उठा लिया तो रीमा ने भी अपने बाहे उसकी गर्दन मे डाल दी & उस से लिपट उसके सर को चूमने लगी.
अपने कमरे मे आ शेखर बिस्तर पे बैठ गया & गोद मे बैठी रीमा को चूमने लगा.रीमा भी उसके बालो मे हाथ फिराती उसकी किस का जबाब देने लगी.हाथ आगे ला शेखर ने गाउन के सॅश को खोला & फिर उसे उसके कंधो से सरका दिया,रीमा ने भी अपने हाथ अपने जेठ के सर से हटा नीचे ले जा के गाउन को गिरने दिया.
"वाउ..!आज तो कहर ढा रही हो.",शेखर उसकी मक्खनी जंघे सहलाता हुए उसकी गर्दन चूमते हुए उसके क्लीवेज तक पहुँच गया.
"ओह्ह्ह्ह...!",उसने रीमा के सीने पे हल्के से काट लिया.रीमा ने उसके सर को अपने सीने से उठाया & फिर उसकी टी शर्ट उतार दी,फिर नीचे झुकी & उसके चिकने सीने पे काट लिया,"..आहह..!",शेखर उसकी ओर देख मुस्कुराया.
दोनो फिर से 1 दूसरे से लिपट कर चूमने लगे,रीमा चूमते हुए अपनी चूत से अपने जेठ के खड़े लंड को रगडे जा रही थी.शेखर के हाथ उसकी स्लिप के अंदर घुस उसकी पीठ पे फिसल रहे थे.उसने ब्रा नही पहनी थी & जब भी शेखर के हाथ उसकी पीठ पे घूमते हुए उसकी बगलो मे आ कर उसकी चूचियो को छु जाते तो उसे गुदगुदी सी होती.
शेखर पूरे जोश मे आ चुका था & अब उसकी गर्दन चूमता हुआ,उसकी नाइटी मे घुसे हाथ से उसकी चूचिया मसल रहा था.रीमा भी अपने जेठ की हर्कतो का पूरा मज़ा लूट रही थी,उसके नाख़ून उसकी पीठ पे खरोंच रहे थे.शेखर के होंठ उसके गले से नीचे उसके क्लीवेज पे पहुँचे तो उसके दिल मे चाह उठी की अब वो इन मस्त गोलैईयों को अपने मुँह मे भर ले.
साथ ही साथ रीमा ने ये भी सोच लिया कि आज रात बिस्तर मे वो दोनो से इस शंतु के बारे मे ज़रूर पुछेगि..शायद दोनो मे से कोई उसके बारे मे कुच्छ जानता हो.रीमा ने रवि की पूरी डाइयरी छान मारी थी,पर कही भी शंतु का नाम नही था सिवाय उस आखरी पन्ने के इस कारण रीमा को ये पता नही था कि ये शंतु रवि का कोई दोस्त,रिश्तेदार या फिर कोई ऐसे ही जान-पहचान वाला था...लेकिन उसे इतना यकीन क्यू था कि शंतु से उसे रवि की मौत के बारे मे कुच्छ अहम बात पता चल सकती है?...ऐसा भी तो हो सकता है कि दोनो ने किसी अफीशियल काम के बारे मे 1 दूसरे से बात की हो..ये बस 1 इत्तेफ़ाक़ हो कि शंतु की कॉल आखरी कॉल थी रवि के मोबाइल पे...हो सकता है जैसा वीरेंद्र जी & शेखर मानते थे,सच मे रवि की मौत 1 आक्सिडेंट थी & वो खमखा अपने मन मे शक़ लिए बैठी थी.
उसने अपना सर झटका..जो भी हो,अगर मन मे शक़ है तो उसे दूर करना ही होगा..वो आज रात दोनो से शंतु के बारे मे ज़रूर पुछेगि मगर इस से पहले दोनो को दोपहर मे आने वाली ब्लॅंक कॉल्स के बारे मे बताएगी.
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"क्या???!",शेखर चौंक गया,"..& तुम आज बता रही हो!"
"मुझे लगा कि कोई शरारत कर रहा होगा,उस दिन डाँटने के बाद दोबारा नही करेगा..मगर उसने जब आज फिर से कॉल किया तो मैने सोचा कि आप लोगो को बता दू."
तीनो ड्रॉयिंग रूम मे बैठे चाइ पी रहे थे.विरेन्द्र जी खामोशी से चाइ के घूँट भरते रहे.शेखर ने कहा कि वो इस बारे मे कुच्छ ज़रूर करेगा.उसे कल फिर दिल्ली जाना था & उसी सिलसिले मे वो किसी काम से बाहर चला गया & कह गया कि खाने के वक़्त तक वापस आएगा.
"तुम्हे लगा रहा है कि ये ब्लॅंक कॉलर कही रवि की मौत से जुड़ा हुआ है,है ना?"
"जी!",रीमा ने कप नीचे किया,"जी.हां."
"ह्म्म.",विरेन्द्र जी ने कप खाली कर टेबल पे रखा,"बिल्कुल मत घबराना.इस कॉलर का भी पता लगा लेंगे & तुम्हारे मन के बाकी शुबहे भी दूर कर देंगे."
जवाब मे रीमा बस मुस्कुरा दी.
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रीमा नहा कर बाथरूम से बाहर आई & 1 छ्होटी स्लिप स्टाइल की नाइटी पहन ली जो बस उसकी गंद के नीचे तक आ रही थी,इसके उपर उसने 1 ड्रेसिंग गाउन डाल लिया & किचन से पानी लेने चली गयी.हर रात की तरह ही आज रात भी उसने अपने ससुर को कह दिया था कि वो सो जाएँ,वो देर से उनके पास आयेगी.
पानी पीते वक़्त उसे शेखर ने पीछे से अपने आगोश भर लिया,"आप भी ना मरवाएँगे मुझे!आप ही के पास तो आ रही थी,थोड़ा इंतेज़ार नही कर सकते थे?",रीमा घूम कर उसके सामने आ गयी.
शेखर ने उसे किचन के काउंटर से टिका दिया & चूमने लगा,"..उम्म्म्म....यहा नही..कही पिता जी ना आ जाएँ.",शेखर ने उसकी जंघे पकड़ उसे गोद मे उठा लिया तो रीमा ने भी अपने बाहे उसकी गर्दन मे डाल दी & उस से लिपट उसके सर को चूमने लगी.
अपने कमरे मे आ शेखर बिस्तर पे बैठ गया & गोद मे बैठी रीमा को चूमने लगा.रीमा भी उसके बालो मे हाथ फिराती उसकी किस का जबाब देने लगी.हाथ आगे ला शेखर ने गाउन के सॅश को खोला & फिर उसे उसके कंधो से सरका दिया,रीमा ने भी अपने हाथ अपने जेठ के सर से हटा नीचे ले जा के गाउन को गिरने दिया.
"वाउ..!आज तो कहर ढा रही हो.",शेखर उसकी मक्खनी जंघे सहलाता हुए उसकी गर्दन चूमते हुए उसके क्लीवेज तक पहुँच गया.
"ओह्ह्ह्ह...!",उसने रीमा के सीने पे हल्के से काट लिया.रीमा ने उसके सर को अपने सीने से उठाया & फिर उसकी टी शर्ट उतार दी,फिर नीचे झुकी & उसके चिकने सीने पे काट लिया,"..आहह..!",शेखर उसकी ओर देख मुस्कुराया.
दोनो फिर से 1 दूसरे से लिपट कर चूमने लगे,रीमा चूमते हुए अपनी चूत से अपने जेठ के खड़े लंड को रगडे जा रही थी.शेखर के हाथ उसकी स्लिप के अंदर घुस उसकी पीठ पे फिसल रहे थे.उसने ब्रा नही पहनी थी & जब भी शेखर के हाथ उसकी पीठ पे घूमते हुए उसकी बगलो मे आ कर उसकी चूचियो को छु जाते तो उसे गुदगुदी सी होती.
शेखर पूरे जोश मे आ चुका था & अब उसकी गर्दन चूमता हुआ,उसकी नाइटी मे घुसे हाथ से उसकी चूचिया मसल रहा था.रीमा भी अपने जेठ की हर्कतो का पूरा मज़ा लूट रही थी,उसके नाख़ून उसकी पीठ पे खरोंच रहे थे.शेखर के होंठ उसके गले से नीचे उसके क्लीवेज पे पहुँचे तो उसके दिल मे चाह उठी की अब वो इन मस्त गोलैईयों को अपने मुँह मे भर ले.