hotaks444
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जैसे ही मैं अपने ससुर की कमरे मे आई उन्होने मुझे अपनी बाहों मे दबोच लिया और मुझे जगह जगह चूमने लगे.
मैं:"अर्रे मेरे राजा, मैं यहीं हूँ रात तक तुम्हारे साथ, टेन्षन मत लो, रात भर रगड़ रगड़ कर चोदना मुझे"
ससुरजी:"ह्म्म्म्म मेरी रानी आज तो मैं सोच रहा हूँ कि रात भर तुमको प्यार करूँ"
मैं:"तो कर ना मेरे कुत्ता, अच्छा रुक मुझे फिर से पेसाब आया है, हट वरना सासू जी की चद्दर फिर गीली हो जाएगी,,,,हहाहाहा"
ससुरजी:"तो मेरे मूह मे कर लो मेरी जान"
मैं:"मुझे बहोत ज़ोर से लगा है, तू कितना पी पाएगा"
ससुरजी:"एक काम करो इस ग्लास मे मूतो"
मैं वो ग्लास लिया और उसमे मूतने लगी, मेरी चूत से सीयी,,, की आवाज़ आ रही थी, मैने वो ग्लास ससुरजी को दिया उन्होने उसमे से एक घूँट पिया और फिर मुझे दोपहर की तरह बिस्तर को कोने मे बिठा दिया और मेरी चूत चाटने लगे. मैं भी उनके बालो मे उंगली घुमा रही थी.
मैं:"बरकत मेरी जान काश हम लोग खुल कर दिन के उजाले में सबके सामने प्यार कर पाते"
ससुरजी:"ऐसा कैसे हो पाएगा"
मैं:"तेरी बीवी को तो मैं शीशे में उतार चुकी हूँ, अभी जब मैं इनायत के रूम मे गयी थी, तो वो सो रहा था, मैने उसके
कमरे में जाकर तेरी बीवी की चूत में उंगली डाली थी और उसके सीने को दबाया, बदले में उसने भी ऐसा ही किया,कल सुबह ही मैं उसकी चूत का स्वाद ले लूँगी और फिर उसको इनायत के लिए तैयार कर दूँगी.समझा"
ससुरजी:"जैसे चाहो करो लेकिन मेरे लिए साना को और ताबू को तैय्यार करो"
अब ससुरजी ने मुझे किसी कुतिआ की तरहा पीछे मोड़ दिया और मैने सपोर्ट के लिए बेड पर दोनो हाथ रख लिए और अब वो मेरे पीछे से मेरी चूत मे लंड डाल कर धक्के लगाना शुरू हो गये थे.
मैं:"पहले इनायत तो चोद ले तेरी बीवी,फिर साना को भी तेरे लौडे से चुदवा देंगे"
ससुरजी:"वो दोनो कैसे मान जायेंगे?"
मैं:"इनायत तो कई बार मुझे अपनी अम्मी बना का चोद चुका है, तो उसकी कोई टेन्षन मत लो, रही तेरी बीवी की तो कल ही उसको राज़ी करती हूँ"
ससुरजी:"लेकिन उससे साना कैसे राज़ी होगी?"
मैं:"साना को ये दिखाना पड़ेगा कि इनायत अपनी मा को ही चोद रहा है, जब वो अपनी आँखो से देखेगी तो परेशान हो जाएगी, फिर मैं उसको बता दूँगी कि इनायत शुरू से ही अपनी मा और बहेन को चोदना चाहता है और उसकी मा भी अपने शौहर के ढीले लंड से परेशान हो चुकी है, इसलिए मैने दोनो का मिलन करवाया"
ससुरजी:"तो इससे वो मेरे पास कैसे आएगी"
मैं:"पहले वो अपने भाई के लंड का मज़ा लेगी वो भी मेरे और अपनी मा के सामने और फिर मैं उसको ये दिखा दूँगी कि मैं तेरे लौडे से रोज़ रात को चुद रही हूँ, फिर क्या आपकी ख्वाइश भी मैं उसको बता दूँगी, इससे वो राज़ी हो जाएगी"
ससुरजी:"वाह क्या प्लान है तुम्हारा मेरी जान, लेकिन फिर ताबू कैसे मानेगी"
मैं:"शौकत की नज़र अब भी मुझपर रहती है,एक बार भाई बहेन, मा बेटा और बाप बेटी की चुदाई हो जाए तो इनायत को मेरा शौकत से चुदना बुरा नही लगेगा और वो भी अपनी मा और बहेन की चूत का रस पी लेगा, फिर मैं तब्बास्सुम को भी इस खेल में शामिल कर लूँगी"
ससुरजी:"तो तुम कल ही ये सब करो, ठीक है"
मैं:"हाँ कल की कल देखेंगे अभी तो तू मेरी चूत मार यार"
रात भर मैं अपने ससुर से चुदवाती रही, वो थक चुके थे लेकिन उनका दिल नही भरा था.इस दौरान उन्होने मेरे जिस्म का कोई हिस्सा बाकी नही रखा था जहाँ उन्होने चाटा ना हो. मैं भी नंगी ही उनके साथ सो गयी. सुबह जब आँख खुली तो देखा कि दरवाज़ा खुला ही रह गया है. ये देखकर मेरे तोते उड़ गये, ससुरजी भी नंगे ही मेरी बगल में लेटे थे,अचानक परदा हटा तो ताबू को अंदर चाइ का ट्रे लेकर आते देखा तो वो चाइ का ट्रे गिरने से बचा. वो हैरान थी मुझे देखकर, मैने उसको एक कातिल मुस्कान दी और आँख मारी, मैं चुपके से उसके पास गयी और उसके कान मे कहा कि बाद में डीटेल में समझाउंगी अभी तुम ये चाइ का ट्रे यहाँ रखो और अपने रूम मे जाओ. वो चली गयी फिर मैने अपने कपड़े पहने और ससुरजी को भी उठाया.
मुझे ये जानने कि जल्दी थी कि रात को मा और बेटे में क्या हुआ, मेरी सास मेरे रूम मे नहीं थी, वो किचन में थीं.
मैने जाते ही इनायत से हाल पूछा.
मैं:"मेरी जान कैसी रही रात, क्या क्या हुआ"
इनायत ने मुझे बिस्तर पर खींच लिया और मुझे बाहों मे भर के मेरे होंठ चूम लिए.
इनायत:"थॅंक्स मेरी जान, तुम्हारी वजह से मैं अपना ड्रीम पूरा कर पाया,अम्मी के साथ पूरी रात बड़ी हसीन गुज़री है"
मैं:"वो तो मैं जानती हूँ, अच्छी ही गुज़री होगी लेकिन क्या क्या किया ये तो बताओ"
इनायत:"अम्मी को सेक्स का असली मज़ा दिया जिसके लिए वो बेताब थी,उनको हर पोज़िशन मे कयि बार चोदा"
मैं:"अच्छा वो शर्मा ही रही थी कि कुछ बोल भी रहीं थी"
इनायत:"पहले तो बहोत शरमाई लेकिन एक बार जब मेरा लंड गया उनकी खूबसूरत चूत में तो वो सारी शर्म छोड़ चुकी थी,
मुझे तो फिर डर लग रहा था कि कहीं कोई जाग ना जाए इतनी ज़ोर से वो चिल्ला रहीं थी जोश में, मैने सोचा नहीं
था कि वो बहोत पहले से ही मुझसे चुदवाना चाहती थी, वो तो तुमने हमको मिलाया वरना हम तो कभी एक ना हो पाते
, काश शौकत भी अम्मी को चोद पाए,लेकिन मैं सोचता हूँ कि अगर अब्बू को पता चला तो क्या होगा"
मैं:"देखो सीधा सा हिसाब है, तुम उनकी बीवी चोद रहे हो तो अगर वो तुम्हारी बीवी चोद सके तो मामला बराबर का होगा"
इनायत:"अच्छा लेकिन ये होगा कैसे"
मैं:"वो एक मर्द हैं, तुम कहो तो मैं आज रात ही उनसे चुदवा लूँ"
इनायत:"इतनी जल्दी कैसे मुमकिन है"
मैं:"वो मुझ पर छोड़ दो,मुझे नींद आ रही है, सारी रात मैं जाग रही थी तुम्हारे अब्बू की खातिर"
इनायत:"अच्छा कैसी तबीयत है उनकी?"
मैं:"वो जाग गये हैं, मैने टेंपरेचर चेक किया था, अब बुखार नहीं है"
इनायत:"चलो ठीक है, मैं फ्रेश हो लेता हूँ, तुम ब्रेकफास्ट रेडी करो"
मैं:"तुम्हारी दूसरी बीवी बना रही है, तुम्हारे लिए ब्रेकफास्ट"
इनायत:"कौन ताबू"
मैं:"नहीं वो जिसने कल रात तुम्हारा बिस्तर गरम किया था अहहहाआहहः"
इनायत:"यू नॉटी"
ये कहकर मैं किचन में चली आई.यहाँ मेरी सास नहा धो कर अपने बेटे के लिए ब्रेकफास्ट बना रही थी.
मुझे देखकर वो बोल पड़ी
सास:"आरा मैने तुमको देखा था अपने कमरे में , मैं दरवाज़ा लॉक करने आना ही चाहती थी लेकिन फिर बाद में भूल गयी,
तुमको तो ख़याल होना चाहिए था ना"
मैं:"अर्रे मेरे राजा, मैं यहीं हूँ रात तक तुम्हारे साथ, टेन्षन मत लो, रात भर रगड़ रगड़ कर चोदना मुझे"
ससुरजी:"ह्म्म्म्म मेरी रानी आज तो मैं सोच रहा हूँ कि रात भर तुमको प्यार करूँ"
मैं:"तो कर ना मेरे कुत्ता, अच्छा रुक मुझे फिर से पेसाब आया है, हट वरना सासू जी की चद्दर फिर गीली हो जाएगी,,,,हहाहाहा"
ससुरजी:"तो मेरे मूह मे कर लो मेरी जान"
मैं:"मुझे बहोत ज़ोर से लगा है, तू कितना पी पाएगा"
ससुरजी:"एक काम करो इस ग्लास मे मूतो"
मैं वो ग्लास लिया और उसमे मूतने लगी, मेरी चूत से सीयी,,, की आवाज़ आ रही थी, मैने वो ग्लास ससुरजी को दिया उन्होने उसमे से एक घूँट पिया और फिर मुझे दोपहर की तरह बिस्तर को कोने मे बिठा दिया और मेरी चूत चाटने लगे. मैं भी उनके बालो मे उंगली घुमा रही थी.
मैं:"बरकत मेरी जान काश हम लोग खुल कर दिन के उजाले में सबके सामने प्यार कर पाते"
ससुरजी:"ऐसा कैसे हो पाएगा"
मैं:"तेरी बीवी को तो मैं शीशे में उतार चुकी हूँ, अभी जब मैं इनायत के रूम मे गयी थी, तो वो सो रहा था, मैने उसके
कमरे में जाकर तेरी बीवी की चूत में उंगली डाली थी और उसके सीने को दबाया, बदले में उसने भी ऐसा ही किया,कल सुबह ही मैं उसकी चूत का स्वाद ले लूँगी और फिर उसको इनायत के लिए तैयार कर दूँगी.समझा"
ससुरजी:"जैसे चाहो करो लेकिन मेरे लिए साना को और ताबू को तैय्यार करो"
अब ससुरजी ने मुझे किसी कुतिआ की तरहा पीछे मोड़ दिया और मैने सपोर्ट के लिए बेड पर दोनो हाथ रख लिए और अब वो मेरे पीछे से मेरी चूत मे लंड डाल कर धक्के लगाना शुरू हो गये थे.
मैं:"पहले इनायत तो चोद ले तेरी बीवी,फिर साना को भी तेरे लौडे से चुदवा देंगे"
ससुरजी:"वो दोनो कैसे मान जायेंगे?"
मैं:"इनायत तो कई बार मुझे अपनी अम्मी बना का चोद चुका है, तो उसकी कोई टेन्षन मत लो, रही तेरी बीवी की तो कल ही उसको राज़ी करती हूँ"
ससुरजी:"लेकिन उससे साना कैसे राज़ी होगी?"
मैं:"साना को ये दिखाना पड़ेगा कि इनायत अपनी मा को ही चोद रहा है, जब वो अपनी आँखो से देखेगी तो परेशान हो जाएगी, फिर मैं उसको बता दूँगी कि इनायत शुरू से ही अपनी मा और बहेन को चोदना चाहता है और उसकी मा भी अपने शौहर के ढीले लंड से परेशान हो चुकी है, इसलिए मैने दोनो का मिलन करवाया"
ससुरजी:"तो इससे वो मेरे पास कैसे आएगी"
मैं:"पहले वो अपने भाई के लंड का मज़ा लेगी वो भी मेरे और अपनी मा के सामने और फिर मैं उसको ये दिखा दूँगी कि मैं तेरे लौडे से रोज़ रात को चुद रही हूँ, फिर क्या आपकी ख्वाइश भी मैं उसको बता दूँगी, इससे वो राज़ी हो जाएगी"
ससुरजी:"वाह क्या प्लान है तुम्हारा मेरी जान, लेकिन फिर ताबू कैसे मानेगी"
मैं:"शौकत की नज़र अब भी मुझपर रहती है,एक बार भाई बहेन, मा बेटा और बाप बेटी की चुदाई हो जाए तो इनायत को मेरा शौकत से चुदना बुरा नही लगेगा और वो भी अपनी मा और बहेन की चूत का रस पी लेगा, फिर मैं तब्बास्सुम को भी इस खेल में शामिल कर लूँगी"
ससुरजी:"तो तुम कल ही ये सब करो, ठीक है"
मैं:"हाँ कल की कल देखेंगे अभी तो तू मेरी चूत मार यार"
रात भर मैं अपने ससुर से चुदवाती रही, वो थक चुके थे लेकिन उनका दिल नही भरा था.इस दौरान उन्होने मेरे जिस्म का कोई हिस्सा बाकी नही रखा था जहाँ उन्होने चाटा ना हो. मैं भी नंगी ही उनके साथ सो गयी. सुबह जब आँख खुली तो देखा कि दरवाज़ा खुला ही रह गया है. ये देखकर मेरे तोते उड़ गये, ससुरजी भी नंगे ही मेरी बगल में लेटे थे,अचानक परदा हटा तो ताबू को अंदर चाइ का ट्रे लेकर आते देखा तो वो चाइ का ट्रे गिरने से बचा. वो हैरान थी मुझे देखकर, मैने उसको एक कातिल मुस्कान दी और आँख मारी, मैं चुपके से उसके पास गयी और उसके कान मे कहा कि बाद में डीटेल में समझाउंगी अभी तुम ये चाइ का ट्रे यहाँ रखो और अपने रूम मे जाओ. वो चली गयी फिर मैने अपने कपड़े पहने और ससुरजी को भी उठाया.
मुझे ये जानने कि जल्दी थी कि रात को मा और बेटे में क्या हुआ, मेरी सास मेरे रूम मे नहीं थी, वो किचन में थीं.
मैने जाते ही इनायत से हाल पूछा.
मैं:"मेरी जान कैसी रही रात, क्या क्या हुआ"
इनायत ने मुझे बिस्तर पर खींच लिया और मुझे बाहों मे भर के मेरे होंठ चूम लिए.
इनायत:"थॅंक्स मेरी जान, तुम्हारी वजह से मैं अपना ड्रीम पूरा कर पाया,अम्मी के साथ पूरी रात बड़ी हसीन गुज़री है"
मैं:"वो तो मैं जानती हूँ, अच्छी ही गुज़री होगी लेकिन क्या क्या किया ये तो बताओ"
इनायत:"अम्मी को सेक्स का असली मज़ा दिया जिसके लिए वो बेताब थी,उनको हर पोज़िशन मे कयि बार चोदा"
मैं:"अच्छा वो शर्मा ही रही थी कि कुछ बोल भी रहीं थी"
इनायत:"पहले तो बहोत शरमाई लेकिन एक बार जब मेरा लंड गया उनकी खूबसूरत चूत में तो वो सारी शर्म छोड़ चुकी थी,
मुझे तो फिर डर लग रहा था कि कहीं कोई जाग ना जाए इतनी ज़ोर से वो चिल्ला रहीं थी जोश में, मैने सोचा नहीं
था कि वो बहोत पहले से ही मुझसे चुदवाना चाहती थी, वो तो तुमने हमको मिलाया वरना हम तो कभी एक ना हो पाते
, काश शौकत भी अम्मी को चोद पाए,लेकिन मैं सोचता हूँ कि अगर अब्बू को पता चला तो क्या होगा"
मैं:"देखो सीधा सा हिसाब है, तुम उनकी बीवी चोद रहे हो तो अगर वो तुम्हारी बीवी चोद सके तो मामला बराबर का होगा"
इनायत:"अच्छा लेकिन ये होगा कैसे"
मैं:"वो एक मर्द हैं, तुम कहो तो मैं आज रात ही उनसे चुदवा लूँ"
इनायत:"इतनी जल्दी कैसे मुमकिन है"
मैं:"वो मुझ पर छोड़ दो,मुझे नींद आ रही है, सारी रात मैं जाग रही थी तुम्हारे अब्बू की खातिर"
इनायत:"अच्छा कैसी तबीयत है उनकी?"
मैं:"वो जाग गये हैं, मैने टेंपरेचर चेक किया था, अब बुखार नहीं है"
इनायत:"चलो ठीक है, मैं फ्रेश हो लेता हूँ, तुम ब्रेकफास्ट रेडी करो"
मैं:"तुम्हारी दूसरी बीवी बना रही है, तुम्हारे लिए ब्रेकफास्ट"
इनायत:"कौन ताबू"
मैं:"नहीं वो जिसने कल रात तुम्हारा बिस्तर गरम किया था अहहहाआहहः"
इनायत:"यू नॉटी"
ये कहकर मैं किचन में चली आई.यहाँ मेरी सास नहा धो कर अपने बेटे के लिए ब्रेकफास्ट बना रही थी.
मुझे देखकर वो बोल पड़ी
सास:"आरा मैने तुमको देखा था अपने कमरे में , मैं दरवाज़ा लॉक करने आना ही चाहती थी लेकिन फिर बाद में भूल गयी,
तुमको तो ख़याल होना चाहिए था ना"