desiaks
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उसने कहा- "कल आओगे तो बताऊँगी.." और मुझे एक प्यार सी स्माइल दी, जिससे मेरा दिल बाग-बाग हो
गया।
मैंने कहा- "ठीक है आ जाऊँगा.."
उसने कहा- "बैठक का दरवाजा खुला होगा कल इस टाइम। तुम देखकर अंदर आना। मैं इतंजार करंगी तुम्हारा.."
मैंने हामी भरी और वहां से निकल आया।
घर पहुँच गया। घर में दाखिल हुआ तो वाशरूम के पास बाजी अमीना खड़ी थी। मैंने उनकी गाण्ड में चुटकी काट दी। वो उसली और मुझे चपत लगाई- "देख लिया करो आगे-पीछे भी..."
मैंने कहा- "कोई भी नहीं है यहां बाजी.." और एक बार उनका चूतड़ पकड़कर दबा दिया।
लेकिन इस बार बाजी में कुछ नहीं कहा। एक बार और दबाया उनका चूतड़ तो बाजी ने कहा- "क्या बात है दिल कर रहा है क्या फुद्दी लेने का?"
मैंने कहा- "बाजी, मिल जाए तो अच्छा है। वाकई बहुत दिल कर रहा है...'
बाजी ने कहा- "अच्छा मैं करती है कुछ.. तुम अंदर चलो.."
मैं अंदर चला गया और घर वालों के पास बैठ गया। थोड़ी देर बाद बाजी अंदर आई और मुझे इशारा किया ऊपर जाने का। मैं आराम से उठा और ऊपर चला गया। 5 मिनट बाद बाजी भी ऊपर आ गई।
बाजी ने कहा- "वहां वाशरूम में चलते हैं..."
फिर में और बाजी अमीना वाशरूम में चले गये, और कुण्डी लगा ली लेकिन लाइट नहीं जलाई।
बाजी ने कहा- "जल्दी-जल्दी कर लो, कोई ऊपर ना आ जाए। बहुत रिस्क लेकर हम आये हैं यहां.."
मेरा लण्ड तो पहले से ही खड़ा हो चुका था, जब से ऊपर आया हुवा था। बाजी में मेरा लण्ड पकड़कर चेक किया खड़ा है की नहीं? फिर बाजी ने सलवार नीचे की और दीवार के साथ घोड़ी बन गई। मुझे इशारा किया की आ जाओं जल्दी, अली अपना लण्ड अंदर करो।
मैं बाजी की गाण्ड के पास जाकर अपनी सलवार नीचे की और लण्ड में अच्छी तरह थूक लगाई, और लण्ड को फुद्दी पे फेरा, और जहां मुझे फुद्दी का सुराख लगा, वहा लण्ड पे प्रेशर डाला और लण्ड मेरा घुसता चला गया उनकी फुद्दी में।
बाजी को थोड़ा झुकना पड़ा था, फिर जाकर मेरा लण्ड उनकी फुद्दी के बराबर आया था। लण्ड डालकर मैंने बाजी के चूतड़ों को पकड़ लिया और फुदद्दी में लण्ड को धक्के लगाने लगा। मेरा लण्ड बाजी की फुददी में फँसा-फंसा जा रहा था, और अदर से फुद्दी गरम थी, जो लण्ड के रास्ते मुझे पूरा गरम कर रही थी।
बाजी ने अपनी टांगों के नीचे से अपना हाथ गुजारा और मेरे टट्टे पकड़कर सहलाने लगी। इससे मेरी टाँगें अकड़ गई। क्योंकी सिर से पैर तक की लहरें मेरे जिम में दौड़ रही थी। बाजी बड़े मस्त अंदाज में मेरै टटें सहला रही थी। में बात भी नहीं कर रहा था बाजी से की कही बाहर कोई सुन ही ना ले। वरना मेरा बड़ा दिल कर रहा था बाजी से सेक्सी बातें करने को। बाजी एक बार फारिग हो चुकी थी।
मैंने अपने हाथ मम्मों पे रख दिए थे, बा में अपना हाथ घुसा दिया था और बाजी के टाइट मम्मे पकड़ लिए जो मेरे हाथों में नहीं आ रहे थे। मैं फुद्दी में धक्के लगाने के साथ-साथ मम्मे भी लय के साथ दबा रहा था। बाजी की गरम सिसकियां निकल रही थी। मैं पूरा जोर-जोर बाजी को धक्के लगा रहा था। मैं थक गया था और बाजी भी। लेकिन मेरा लण्ड था की फारिग नहीं था हो रहा था।
अचानक बाजी आगे से बगल हुई और उकड़ होकर नीचे बैठ गई और मेरे लण्ड को पकड़ लिया। लण्ड पे बाजी की फुद्दी का पानी लगा हुआ था। अचानक मुझे नरम-नरम एहसास हुआ लण्ड पे। मैंने गौर किया तो बाजी में मेरा लण्ड होंठों में दबाया हुआ था। उफफ्फ... क्या जरम एहसास था लण्ड पे। इतना नरम एहसास तो बाजी की फुददी का भी नहीं हुवा था।
मेरे लण्ड में झटके लेने शुरू कर दिए। बाजी में जानदार चुप्पे लगाने शुरू कर दिए। मुँह की गरम महक मुझे लण्ड पे महसूस हो रही थी। मैंमें हरान भी था और मजा भी बहुत आ रहा था। कोई एक मिनट ही बाजी ने लण्ड को मुँह में रखा होगा की मेरा लण्ड फूलने लगा। बाजी को पता लग गया की मैं फारिग होने लगा हूँ। बाजी ने मुँह से लण्ड बाहर निकाला और हाथ से लण्ड को हिलाया और मैं फारिग हो गया।
वहीं मैंने लण्ड साफ किया और एक-एक करके वाशरूम से बाहर आ गये। फिर नीचे भी ऐसे गये जिससे घर वालों को शक ना हो। नीचे थोड़ी देर गप-शप हुई, और साने को लेट गये। में नीचे खाला के पास ही लेटा था। में जल्द सो गया था। रात को मेरी आँख खुली क्योंकी प्यास लग रही थी।
मैं उठा और पानी पीने किचन में गया। वापस आया तो खाला कर बट लिए सो रही थी। मैं दुबारा लेटा और सो गया। अगले दिन सारा दिन बस ऐसे ही छेड़छाड़ करते गुज़रा। जैसे है रात हई मुझे बाजी के घर जाने की जल्दी पड़ गई। मैंने खाना खाया और टहलने के बहाने बाहर निकाल आया, और मेरे कदम बाजी की दोस्त के घर की तरफ उठ गये।
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गया।
मैंने कहा- "ठीक है आ जाऊँगा.."
उसने कहा- "बैठक का दरवाजा खुला होगा कल इस टाइम। तुम देखकर अंदर आना। मैं इतंजार करंगी तुम्हारा.."
मैंने हामी भरी और वहां से निकल आया।
घर पहुँच गया। घर में दाखिल हुआ तो वाशरूम के पास बाजी अमीना खड़ी थी। मैंने उनकी गाण्ड में चुटकी काट दी। वो उसली और मुझे चपत लगाई- "देख लिया करो आगे-पीछे भी..."
मैंने कहा- "कोई भी नहीं है यहां बाजी.." और एक बार उनका चूतड़ पकड़कर दबा दिया।
लेकिन इस बार बाजी में कुछ नहीं कहा। एक बार और दबाया उनका चूतड़ तो बाजी ने कहा- "क्या बात है दिल कर रहा है क्या फुद्दी लेने का?"
मैंने कहा- "बाजी, मिल जाए तो अच्छा है। वाकई बहुत दिल कर रहा है...'
बाजी ने कहा- "अच्छा मैं करती है कुछ.. तुम अंदर चलो.."
मैं अंदर चला गया और घर वालों के पास बैठ गया। थोड़ी देर बाद बाजी अंदर आई और मुझे इशारा किया ऊपर जाने का। मैं आराम से उठा और ऊपर चला गया। 5 मिनट बाद बाजी भी ऊपर आ गई।
बाजी ने कहा- "वहां वाशरूम में चलते हैं..."
फिर में और बाजी अमीना वाशरूम में चले गये, और कुण्डी लगा ली लेकिन लाइट नहीं जलाई।
बाजी ने कहा- "जल्दी-जल्दी कर लो, कोई ऊपर ना आ जाए। बहुत रिस्क लेकर हम आये हैं यहां.."
मेरा लण्ड तो पहले से ही खड़ा हो चुका था, जब से ऊपर आया हुवा था। बाजी में मेरा लण्ड पकड़कर चेक किया खड़ा है की नहीं? फिर बाजी ने सलवार नीचे की और दीवार के साथ घोड़ी बन गई। मुझे इशारा किया की आ जाओं जल्दी, अली अपना लण्ड अंदर करो।
मैं बाजी की गाण्ड के पास जाकर अपनी सलवार नीचे की और लण्ड में अच्छी तरह थूक लगाई, और लण्ड को फुद्दी पे फेरा, और जहां मुझे फुद्दी का सुराख लगा, वहा लण्ड पे प्रेशर डाला और लण्ड मेरा घुसता चला गया उनकी फुद्दी में।
बाजी को थोड़ा झुकना पड़ा था, फिर जाकर मेरा लण्ड उनकी फुद्दी के बराबर आया था। लण्ड डालकर मैंने बाजी के चूतड़ों को पकड़ लिया और फुदद्दी में लण्ड को धक्के लगाने लगा। मेरा लण्ड बाजी की फुददी में फँसा-फंसा जा रहा था, और अदर से फुद्दी गरम थी, जो लण्ड के रास्ते मुझे पूरा गरम कर रही थी।
बाजी ने अपनी टांगों के नीचे से अपना हाथ गुजारा और मेरे टट्टे पकड़कर सहलाने लगी। इससे मेरी टाँगें अकड़ गई। क्योंकी सिर से पैर तक की लहरें मेरे जिम में दौड़ रही थी। बाजी बड़े मस्त अंदाज में मेरै टटें सहला रही थी। में बात भी नहीं कर रहा था बाजी से की कही बाहर कोई सुन ही ना ले। वरना मेरा बड़ा दिल कर रहा था बाजी से सेक्सी बातें करने को। बाजी एक बार फारिग हो चुकी थी।
मैंने अपने हाथ मम्मों पे रख दिए थे, बा में अपना हाथ घुसा दिया था और बाजी के टाइट मम्मे पकड़ लिए जो मेरे हाथों में नहीं आ रहे थे। मैं फुद्दी में धक्के लगाने के साथ-साथ मम्मे भी लय के साथ दबा रहा था। बाजी की गरम सिसकियां निकल रही थी। मैं पूरा जोर-जोर बाजी को धक्के लगा रहा था। मैं थक गया था और बाजी भी। लेकिन मेरा लण्ड था की फारिग नहीं था हो रहा था।
अचानक बाजी आगे से बगल हुई और उकड़ होकर नीचे बैठ गई और मेरे लण्ड को पकड़ लिया। लण्ड पे बाजी की फुद्दी का पानी लगा हुआ था। अचानक मुझे नरम-नरम एहसास हुआ लण्ड पे। मैंने गौर किया तो बाजी में मेरा लण्ड होंठों में दबाया हुआ था। उफफ्फ... क्या जरम एहसास था लण्ड पे। इतना नरम एहसास तो बाजी की फुददी का भी नहीं हुवा था।
मेरे लण्ड में झटके लेने शुरू कर दिए। बाजी में जानदार चुप्पे लगाने शुरू कर दिए। मुँह की गरम महक मुझे लण्ड पे महसूस हो रही थी। मैंमें हरान भी था और मजा भी बहुत आ रहा था। कोई एक मिनट ही बाजी ने लण्ड को मुँह में रखा होगा की मेरा लण्ड फूलने लगा। बाजी को पता लग गया की मैं फारिग होने लगा हूँ। बाजी ने मुँह से लण्ड बाहर निकाला और हाथ से लण्ड को हिलाया और मैं फारिग हो गया।
वहीं मैंने लण्ड साफ किया और एक-एक करके वाशरूम से बाहर आ गये। फिर नीचे भी ऐसे गये जिससे घर वालों को शक ना हो। नीचे थोड़ी देर गप-शप हुई, और साने को लेट गये। में नीचे खाला के पास ही लेटा था। में जल्द सो गया था। रात को मेरी आँख खुली क्योंकी प्यास लग रही थी।
मैं उठा और पानी पीने किचन में गया। वापस आया तो खाला कर बट लिए सो रही थी। मैं दुबारा लेटा और सो गया। अगले दिन सारा दिन बस ऐसे ही छेड़छाड़ करते गुज़रा। जैसे है रात हई मुझे बाजी के घर जाने की जल्दी पड़ गई। मैंने खाना खाया और टहलने के बहाने बाहर निकाल आया, और मेरे कदम बाजी की दोस्त के घर की तरफ उठ गये।
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