desiaks
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नीचे से मेरा लण्ड खड़ा हो गया था, जो खाला की जांघ के अंदर की तरफ छू रहा था। मैंने कहा "खाला मुझे आपके होठ बहुत नरम लगते हैं। इसलिए चूसने को दिल किया और चूस लिया। खाला और चूसने दें ना अपने होंठ मुझे.."
खाला मान गई और कहा- "अच्छा चूस ली लेकिन बताना नहीं किसी को की खाला को यहां किस करते हो.."
मैंने कहा- "ठीक है खाला, नहीं बताता। खाला आप बहुत अच्छी हो..."
खाला मुश्कुराई। मैं फिर खाला का निचला होंठ पकड़ा और चूसने लगा। एक अलग ही टेस्ट आ रहा था खाला के होंठा से, फीका सा लेकिन मुझे क्या था। मैं उनके ऊपरी होंठ को भी होंठों में लिया और चूसता रहा। फिर मैंने देखा की खाला की आँखें बंद हैं, उन्होंने अपने साथ मुझे दबाया हुवा था।
मैंने अपने होंठ हटाए तो खाला ने आँखें खोली और पूछा- "क्या हुवा बेटा?"
मैंने कहा- "कुछ नहीं खाला.." और मेरे चेहरे पे शरारती मुश्कान थी। मैंने फिर खाला के नरम और सुर्ख गाल अपने होंठ में दबाए और उनको चूसने लगा, साथ में अपनी जुबान भी टच कर देता बीच-बीच में उनके गाल पे।
खाला ने कहा "गंदा... बहुत शैतान हो गये हो तुम। सुधार जाओ अभी..."
मैंने दोनों गालों पे ऐसा किया। रूम में इस वक्त अंधेरा था बस हल्की-हल्की रोशनी आ रही थी बाहर से। मैंने अपने लण्ड को हरकत दी और खाला की फुद्दी पे दबा दिया और खाला के जांघ पे हाथ रख दिया जो मेरे ऊपर रखा हवा था खाला ने। मेरी उंगली धस गई खाला के मोटे गोस्त से भरी हुई जांघ में।
खाला थोड़ी सी आगे हई जिससे मेरा लण्ड अच्छी तरह उनकी फुद्दी पे दब गया। मुझे अपने लण्ड पे खाला की फुद्दी की गमी अच्छी खासी महसूस हो रही थी। मैं बहुत खुश हवा की खाला ने काई रोक-टोक नहीं की अभी। मैंने चहरा नीचें किया और खाला के मम्मों में किस की। मैंने कहा- "खाला मुझे आपकी बनियान में किस करनी है." बनियान वाला वाकिया आप ऊपर पढ़ा होगा इसलिए मैंने जानबूझ के बनियान कहा।
खाला ने कहा "अच्छा बेटा... आज तो तुम मुझसे खूब बदला ले रहे हो रात की नाराजगी का..."
में हंसा और कहा- "अब नाराज हुई तो इससे भी ज्यादा करणगा.."
खाला ने कहा "मेरी तौबा जो अब किया तुमको नाराज.."
मैंने खाला की कमीज ऊपर की जिसमें खाला ने भी हेल्प किया थोड़ा उठकर। खाला ने आज पिंक वा पहना हवा था। मैंने कहा- "खाला आज तो बहुत खूबसूरत बनियान पहनी है अपनें..." और अपने होंठ उनकी वा पे रख दिए,
और अपना एक हाथ भी उनके गरम मम्मे पे रख दिया। ब्रा के ऊपर खाला के आधे मम्मे नंगे थे। मैंने वहां होंठ लगाए और गोस्त को होंठ में दबाया और चूसने लगा।
खाला ने कहा "ना करो बेटा, गुदगुदी होती है."
खाला सिमकियों को दबाने की कोशिश कर रही थी। लेकिन मुझे दबी-दबी सिसकियां सुनाई दे रही थी। मैंने खाला के आधे नंगे मम्मे चूक से गीले कर दिये थे। मैंने ऊपर चेहरा किया और दुबारा खाला के होंठ चूसने लगा। इस बार खाला ने भी जवाब दिया मुझे, शायद वो भी गरम हो गई थी। मेरा हाथ जो मम्मे पर था उस हाथ से खाला का मम्मा पकड़ कर दबाने लगा। खाला का मम्मा इतना बड़ा था शायद दो हाथों में पूरा आता। मैं इस वक़्त पूरा मजे में था। लण्ड फटने वाला हो रहा था। मैं अब जोर-जोर से लण्ड रगड़ने लगा खाला की फुद्दी पे। इस वक़्त खाला मुझे रोक नहीं रही थी, बल्की खुद भी मजा कर रही थी।
हम दोनों सेक्स में मस्त थे की अचानक नानी की चारपाई चरचराई, शायद नानी उठ रही थी। खाला को एकदम जैसे होश आया। वो मुझसे अलग हुई और उठकर बाहर चली गई। मैं इस बार वक़्त को कोसता रह गया, जो बीच में ही में रह गया था। मजबूरन थोड़ी देर बाद में भी उठ गया। टाइम देखा तो शाम के 6:00 बज रहे थे। बाहर निकला हाथ मुँह धोया, और सहन में बैठ गया। खाला मुझे शरारती नजरों से देख रही थी।
में मुश्कुराया और खाला के पास उठकर गया और पूछा- "क्या हवा खाला, बड़ी हैंसी निकल रही है आपकी?"
खाला ने कहा "कुछ नहीं बेटा, बस तुमको खुश देखकर में भी खुश हो रही हैं."
मैं भी फिर मुश्कुरा दिया। रात तक बातें होती रही। दोनों माम् भी आ गये हुये थे। लेकिन बड़े माम को खेतों पे वापस जाना था। क्योकी आज रात पानी की बारी थी उनकी खेतों पे। इसलिए फैसला हबा की में आज ऊपर लेट्गा मामी जूबिया और लुबना के साथ। बाजी अमीना और खाला नीचे दादी के पास। छोटे माम और मामी राबी को आलरेडी रूम में सोना था उनको।
खाला मान गई और कहा- "अच्छा चूस ली लेकिन बताना नहीं किसी को की खाला को यहां किस करते हो.."
मैंने कहा- "ठीक है खाला, नहीं बताता। खाला आप बहुत अच्छी हो..."
खाला मुश्कुराई। मैं फिर खाला का निचला होंठ पकड़ा और चूसने लगा। एक अलग ही टेस्ट आ रहा था खाला के होंठा से, फीका सा लेकिन मुझे क्या था। मैं उनके ऊपरी होंठ को भी होंठों में लिया और चूसता रहा। फिर मैंने देखा की खाला की आँखें बंद हैं, उन्होंने अपने साथ मुझे दबाया हुवा था।
मैंने अपने होंठ हटाए तो खाला ने आँखें खोली और पूछा- "क्या हुवा बेटा?"
मैंने कहा- "कुछ नहीं खाला.." और मेरे चेहरे पे शरारती मुश्कान थी। मैंने फिर खाला के नरम और सुर्ख गाल अपने होंठ में दबाए और उनको चूसने लगा, साथ में अपनी जुबान भी टच कर देता बीच-बीच में उनके गाल पे।
खाला ने कहा "गंदा... बहुत शैतान हो गये हो तुम। सुधार जाओ अभी..."
मैंने दोनों गालों पे ऐसा किया। रूम में इस वक्त अंधेरा था बस हल्की-हल्की रोशनी आ रही थी बाहर से। मैंने अपने लण्ड को हरकत दी और खाला की फुद्दी पे दबा दिया और खाला के जांघ पे हाथ रख दिया जो मेरे ऊपर रखा हवा था खाला ने। मेरी उंगली धस गई खाला के मोटे गोस्त से भरी हुई जांघ में।
खाला थोड़ी सी आगे हई जिससे मेरा लण्ड अच्छी तरह उनकी फुद्दी पे दब गया। मुझे अपने लण्ड पे खाला की फुद्दी की गमी अच्छी खासी महसूस हो रही थी। मैं बहुत खुश हवा की खाला ने काई रोक-टोक नहीं की अभी। मैंने चहरा नीचें किया और खाला के मम्मों में किस की। मैंने कहा- "खाला मुझे आपकी बनियान में किस करनी है." बनियान वाला वाकिया आप ऊपर पढ़ा होगा इसलिए मैंने जानबूझ के बनियान कहा।
खाला ने कहा "अच्छा बेटा... आज तो तुम मुझसे खूब बदला ले रहे हो रात की नाराजगी का..."
में हंसा और कहा- "अब नाराज हुई तो इससे भी ज्यादा करणगा.."
खाला ने कहा "मेरी तौबा जो अब किया तुमको नाराज.."
मैंने खाला की कमीज ऊपर की जिसमें खाला ने भी हेल्प किया थोड़ा उठकर। खाला ने आज पिंक वा पहना हवा था। मैंने कहा- "खाला आज तो बहुत खूबसूरत बनियान पहनी है अपनें..." और अपने होंठ उनकी वा पे रख दिए,
और अपना एक हाथ भी उनके गरम मम्मे पे रख दिया। ब्रा के ऊपर खाला के आधे मम्मे नंगे थे। मैंने वहां होंठ लगाए और गोस्त को होंठ में दबाया और चूसने लगा।
खाला ने कहा "ना करो बेटा, गुदगुदी होती है."
खाला सिमकियों को दबाने की कोशिश कर रही थी। लेकिन मुझे दबी-दबी सिसकियां सुनाई दे रही थी। मैंने खाला के आधे नंगे मम्मे चूक से गीले कर दिये थे। मैंने ऊपर चेहरा किया और दुबारा खाला के होंठ चूसने लगा। इस बार खाला ने भी जवाब दिया मुझे, शायद वो भी गरम हो गई थी। मेरा हाथ जो मम्मे पर था उस हाथ से खाला का मम्मा पकड़ कर दबाने लगा। खाला का मम्मा इतना बड़ा था शायद दो हाथों में पूरा आता। मैं इस वक़्त पूरा मजे में था। लण्ड फटने वाला हो रहा था। मैं अब जोर-जोर से लण्ड रगड़ने लगा खाला की फुद्दी पे। इस वक़्त खाला मुझे रोक नहीं रही थी, बल्की खुद भी मजा कर रही थी।
हम दोनों सेक्स में मस्त थे की अचानक नानी की चारपाई चरचराई, शायद नानी उठ रही थी। खाला को एकदम जैसे होश आया। वो मुझसे अलग हुई और उठकर बाहर चली गई। मैं इस बार वक़्त को कोसता रह गया, जो बीच में ही में रह गया था। मजबूरन थोड़ी देर बाद में भी उठ गया। टाइम देखा तो शाम के 6:00 बज रहे थे। बाहर निकला हाथ मुँह धोया, और सहन में बैठ गया। खाला मुझे शरारती नजरों से देख रही थी।
में मुश्कुराया और खाला के पास उठकर गया और पूछा- "क्या हवा खाला, बड़ी हैंसी निकल रही है आपकी?"
खाला ने कहा "कुछ नहीं बेटा, बस तुमको खुश देखकर में भी खुश हो रही हैं."
मैं भी फिर मुश्कुरा दिया। रात तक बातें होती रही। दोनों माम् भी आ गये हुये थे। लेकिन बड़े माम को खेतों पे वापस जाना था। क्योकी आज रात पानी की बारी थी उनकी खेतों पे। इसलिए फैसला हबा की में आज ऊपर लेट्गा मामी जूबिया और लुबना के साथ। बाजी अमीना और खाला नीचे दादी के पास। छोटे माम और मामी राबी को आलरेडी रूम में सोना था उनको।