hotaks444
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ये साला है बड़ी किस्मत वाला है – 11
रात को खाना खाने के बाद मैं रूम में आगाई आते ही सबसे पहले मैंने अपनी चुत के बाल साफ किए क्योंकि उनके होते मुझे भैया के सामने नंगी होने में शर्म आती और शायद भैया को भी वो अच्छे नहीं लगते
फिर मैंने एक टी-शर्ट और लोवर पहना और 10 बजने का इंतजार करने लगी
जैसे ही घड़ी ने 10 बजाए मैं उठी और भैया के कमरे में जाने के लिए सामने का दरवाजा खोलने लगी तभी मेरे दिमाग में कुछ ख्याल आया और मैंने वो दरवाजा अच्छे से बंद कर के बोल्ट कर दिया और लाइट बंद कर के बाथरूम के रास्ते से भैया के रूम की ओर जाने लगी बाथरूम का भैया के साइड वाला दरवाजा खुला हुआ था मैं धीरे से रूम में एंटर हुई भैया अपने पीसी पर कुछ कम कर रहे थे मैं उनके पीछे जा कर खड़ी हो गई और धीरे से बोली ”भैया”
भैया मेरी आवाज़ सुनकर चौंकते हुए उठे और खुशी से चहकते हुए बोले ”आ गई मेरी प्यारी बहन मैं कब से दरवाजा खोले हुए तेरे इंतजार कर रहा था और तू पीछे से क्यों आई?”
”भैया मैंने सोचा की अगर कोई आ गया तो बड़ी परेशानी हो जाएगी इसीलिए मैं अपना दरवाजा अंदर से बंद कर के बाथरूम के रास्ते आगाई की अगर कोई आए भी तो यही समझे की मैं अपने ही रूम में हूँ” मैंने जवाब दिया
तब तक भैया अपना दरवाजा बंद कर चुके थे और मेरी बात सुनते ही उन्होंने मुझे कस के हग कर लिया जिससे मेरी बड़ी बड़ी चुचियां उनके सीने में गड़ गई और उनका खड़ा हुआ लंड मेरे पेट में नाभि के पास गाड़ने लगा मैं एक्शैटेड तो पहले से ही थी और उस पर भैया की इस हरकत ने तो जैसे मेरी जान ही निकल दी मुझे हग कर के भैया बोले ”वो रे मेरी सयानी बहन तूने तो कमाल कर दिया किसी के आने जाने की सारी टेंशों ही खत्म कर दी” भैया लगातार मुझे अपने सीने की ओर भिच रहे थे और मुझे भी इसमें मजा आ रहा था.
थोड़ी देर ऐसे ही रहने के बाद भैया ने मुझे चोदा और पीसी के सामने दो कुर्सियाँ रख दी और बैठते हुए बोले ”चल तू भी बैठ जा अब हम हमारा खेल शुरू करते है”
और उन्होंने पीसी पर एक बाय्फ्रेंड स्टार्ट कर दी जिसमें एक कालो का जोड़ा चुदाई की तैयारी कर रहा था दोनों पूरी तरह नंगे थे आदमी का लंड बहुत लंबा और मोटा था औरत की चुचियाँ भी बड़ी बड़ी थी और उसकी गांड बहुत ज्यादा बाहर की ओर निकली हुई थी.
उस आदमी का लंड देख कर मेरी आंखें फटी की फटी रही गयी मुझे ऐसी हालत में देल् कर भैया समझ गये की मेरे मान में क्या चल रहा है वो बोले ”क्या हुआ टीना ऐसे क्या देख रही है, बताना”
”भैया उस आदमी का ‘वो’ कितना बड़ा है” मैं भी अब खुलते हुए बोली
”अरे ये ‘वो’ क्या होता है देख हम यहाँ मजे लेने के लिए बैठे है शरमाते के लिए नहीं, और अगर तुझे ह्यूमन बॉडी पार्ट्स के नाम नहीं पता है तो सुन मैं तुझे बताता हूँ तू जिसको ‘वो’ कह रही है ना उसे लंड कहते है और वो जो लेडी की छाती पर बारे बारे बॉल्स लटक रहे है ना उन्हें चुचियाँ कहते और उसकी कमर के नीचे टांगों के जोड़ पर जो ‘भी’ शेप है ना उसे चुत कहते है और उस के ठीक पीछे जो हिस्सा बाहर को निकला हुआ है ना उसे गान्ड कहते है समझी, और अब तू भी इन्हें यही सब कहेगी ठीक है” भैया के इस तरह समझने से मुझे हँसी आ गई अब भैया के इस तरह से बात करने से मेरी रही सही झिझक भी खत्म हो गई और मैं एक कदम आगे जा कर बोली ”भैया लगता हैनापने ‘चुदाई शस्त्रा’ में फ्ड कर रखी है कितने अच्छे से समझाया है आपने मुझे ठीक है मैं अब से इन्हें यही सब कहूँगी पर आप मुझे सच सच बताओ अपने अभी तक कितनी बार चुदाई के मजे लिए है”
”एक बार भी नहीं, यदि मुझे ये मौका मिला होता तो मैं तुझे यहाँ क्यों बुलाता” मेरे मुंह से चुदाई जैसे शब्द सुनकर भैया मस्त हो गये थे ये मस्ती उनके चेहरे पर साफ झलक रही थी
”यनेकी आपने मुझे यहाँ चोदने के लिए बुलाया है” मैंने भैया को खीजाया
”नहीं मैंने तुझे यहाँ चोदने के लिए नहीं बुलाया पर अगर तू चाहे तो तुझे चोदने में मुझे कोई हर्ज नहीं है बोल चुदेगी अपने भाई से” भैया ने मेरे नहले पर दहला मारा
”पहले तो हम वो कम करते हैं जो की हमने देसिडे किया हैं बाद की बात बाद में देखेंगे” मैं बात घूमते हुए बोली
अब फिल्म में चुदाई शुरू हो चुकी थी वो आदमी उस औरत को पूरी ताक़त से कस कस कर चोद रहा था, भैया भी अब अपने बॉक्सर के उप्पर से अपने लंड को सहला रहे थे मैं भी अब गरम हो गई थी और मैंने भी अपना हाथ लोवर के अंदर डाल लिया और अपनी चुत सहलाने लगी ये देख कर भैया बोले ”मेरे ख्याल से अब हमें कपड़े उतार लेने चाहिए”
मुझे लगता है के अब हमें भी अपने कपड़े उतार लेने चाहिए ‘ भैया बोले
”भैया मुझे आपके सामने शर्म आती है” दिल तो मेरा भी कपड़े उतार कर अच्छे से उंगली करने का हो रहा था पर एकदम से भैया के सामने खुलना भी मुझे ठीक नहीं लग रहा था.
”देख टीना तुझे तो पता ही है के मैं तुझे पहले भी नंगा देख चुका हूँ फिर इसमें शरमाना कैसा और बगैर कपड़े उतरे हम मजे भी कैसे ले सकते है?” भैया ने मुझे समझाया
”ठीक है तो पहले आप अपने कपड़े उतरो” मैं नज़रे झुकाए बोली
”चल जैसी तेरी मर्जी, पर पहले एक कपड़ा मैं उतरूँगा फिर एक तुझे उतरना होगा इसी तरह हम अपने पूरे कपड़े उतरेंगे, चल खड़ी हो जा” भैया इतना बोल कर खड़े हो गये
मैं भी उनके साथ ही खड़ी हो गई अब भैया ने अपनी टी-शर्ट उतार दी थी और मेरी तरफ देख रहे थे मैंने भी अपनी टी-शर्ट उतार दी और आंखें बंद कर ली मेरी दोनों चुचियां जो पहले ही एक्शैतमेंट में सख्त हो गई थी ब्रा में कैद भैया के सामने आ गई थी भैया लगातार उन्हें घुरे जा रहे थे मैंने कस कर आंखें बंद कर रखी थी तभी मुझे भैया की आवाज़ सुनाई दी ”चलो टीना आंखें खोलो अब तुम्हारी बड़ी है” मैंने धीरे से आंखें खोल कर देखा तो भैया ने अपना बॉक्सर उतार दिया था अब वो संडो और फ्रेंची में मेरे सामने खड़े थे बॉक्सर कुछ ढीला होने के कारण उसमें से लंड का उभर कुछ कम दिखाई दे रहा था पर फ्रेंची में तो लंड का आकर जैसे पूरा ही स्पष्ट समझ में आ रहा था भैया का लंड ऐसे लग रहा था जैसे वो भैया की उस छोटी सी चड्डी को फाड़ कर बाहर आने को उतावला हो रहा हो मेरा गला सूखने लगा और मैं एकटक भैया के लंड की ओर ही घुरे जा रही थी तभी भैया बोले ”अगर तुम्हें मेरे लंड को नंगा देखने की इच्छा हो रही हो तो उसे घूर्ना चूड़ो और जल्दी जल्दी अपने कपड़े उतरो”
”क्या भैया आप भी ना, अभी आप भी तो मेरी चुचियों को ऐसे घूर रहे थे जैसे उन्हें कहा ही जाएँगे, फिर अगर मैंने ज़रा सी देर लगा दी तो आप चिल्लाने लगे” ये कहते हुए मैंने एक ही झटके में अपना लोवर उतार दिया अब मैं सिर्फ़ ब्रा और पैंटी में थी काली ब्रा और पैंटी में मेरा जिस्म भैया के ऊपर जैसे कहर ढा रहा था अब उनकी नज़रे मेरे ‘चुत प्रदेश’ से हटने का नाम ही नहीं ले रही थी मेरी भारी भारी गोरी चिकनी जांघें उन्हें ललचाए जा रही थी वो लगातार लेकिन की तरह खड़े हुए वहीं देखे जा रहे थे उन्हें ऐसी हालत में देख कर मैंने मज़ाक किया ”क्या सपनों में ही चुदी च्लू कर दी क्या” मेरी बात सुन कर भैया झेप गये और बोले ”टीना प्लीज़ थोड़ा वापस घूम कर अपना बॅक साइड भी दिखना”
”वो क्या होता है अभी आप ही ने तो मुझे सभी अंगों के नाम बताए थे उसी तरह बोलो ना” मैं उनके मजे लेते हुए बोली
भैया समझ गये के अब मैंने शर्म पूरी तरह चोद दी है वो बोले ”टीना मुझे अपनी प्यारी सी घाआन्न्न्ड दिखा दे बहना”
अब मैं धीरे धीरे वापस मूंड़ गई और मेरी 38 की बाहर की ओर निकली हुई गांड उभर कर भैया के सामने आ चुकी थी पैंटी मेरी गांड की दरार में घुसी हुई थी तो चूतड़ पूरी तरह नंगे थे इस नज़रे को देख कर भैया की क्या हालत हो रही होगी मैं समझ रही थी.
कुछ देर बाद मैं वापस घूम गई जैसे ही मैं वापस घूमी भैया ने अपनी संडो और फ्रेंची दोनों ही एक साथ निकल दी वो शायद अब बहुत गरम हो चुके थे, और बर्दाश्त करना उनके बस में नहीं था
उनका खड़ा हुआ लंड बड़ा भयानक लग रहा था उसकी लंबाई 8 इंच और मोटाई 3 इंच के लगभग थी मैंने आज तक कोई भी लंड इतने पास से नहीं देखा था तो मैं भैया के पास जाकर घुटनों के पास जाकर बैठ गई और बारे ध्यान से उनके लंड को देखने लगी.
मुझे इस तरह से देखते हुए भैया बोले ”इतने ध्यान से क्या देख रही हो टीना”
”भैया ये लंड है या खंजर ये तो किसी भी चुत को फाड़ के रख देगा” मैं बोली
”तू इससे ही डर गई वो फिल्म वाले आदमी का तो इससे भी बड़ा है पर उस लड़की को देख कैसे गपगाप अंदर ले रही है” भैया बोले
ये साला है बड़ी किस्मत वाला है – 11
रात को खाना खाने के बाद मैं रूम में आगाई आते ही सबसे पहले मैंने अपनी चुत के बाल साफ किए क्योंकि उनके होते मुझे भैया के सामने नंगी होने में शर्म आती और शायद भैया को भी वो अच्छे नहीं लगते
फिर मैंने एक टी-शर्ट और लोवर पहना और 10 बजने का इंतजार करने लगी
जैसे ही घड़ी ने 10 बजाए मैं उठी और भैया के कमरे में जाने के लिए सामने का दरवाजा खोलने लगी तभी मेरे दिमाग में कुछ ख्याल आया और मैंने वो दरवाजा अच्छे से बंद कर के बोल्ट कर दिया और लाइट बंद कर के बाथरूम के रास्ते से भैया के रूम की ओर जाने लगी बाथरूम का भैया के साइड वाला दरवाजा खुला हुआ था मैं धीरे से रूम में एंटर हुई भैया अपने पीसी पर कुछ कम कर रहे थे मैं उनके पीछे जा कर खड़ी हो गई और धीरे से बोली ”भैया”
भैया मेरी आवाज़ सुनकर चौंकते हुए उठे और खुशी से चहकते हुए बोले ”आ गई मेरी प्यारी बहन मैं कब से दरवाजा खोले हुए तेरे इंतजार कर रहा था और तू पीछे से क्यों आई?”
”भैया मैंने सोचा की अगर कोई आ गया तो बड़ी परेशानी हो जाएगी इसीलिए मैं अपना दरवाजा अंदर से बंद कर के बाथरूम के रास्ते आगाई की अगर कोई आए भी तो यही समझे की मैं अपने ही रूम में हूँ” मैंने जवाब दिया
तब तक भैया अपना दरवाजा बंद कर चुके थे और मेरी बात सुनते ही उन्होंने मुझे कस के हग कर लिया जिससे मेरी बड़ी बड़ी चुचियां उनके सीने में गड़ गई और उनका खड़ा हुआ लंड मेरे पेट में नाभि के पास गाड़ने लगा मैं एक्शैटेड तो पहले से ही थी और उस पर भैया की इस हरकत ने तो जैसे मेरी जान ही निकल दी मुझे हग कर के भैया बोले ”वो रे मेरी सयानी बहन तूने तो कमाल कर दिया किसी के आने जाने की सारी टेंशों ही खत्म कर दी” भैया लगातार मुझे अपने सीने की ओर भिच रहे थे और मुझे भी इसमें मजा आ रहा था.
थोड़ी देर ऐसे ही रहने के बाद भैया ने मुझे चोदा और पीसी के सामने दो कुर्सियाँ रख दी और बैठते हुए बोले ”चल तू भी बैठ जा अब हम हमारा खेल शुरू करते है”
और उन्होंने पीसी पर एक बाय्फ्रेंड स्टार्ट कर दी जिसमें एक कालो का जोड़ा चुदाई की तैयारी कर रहा था दोनों पूरी तरह नंगे थे आदमी का लंड बहुत लंबा और मोटा था औरत की चुचियाँ भी बड़ी बड़ी थी और उसकी गांड बहुत ज्यादा बाहर की ओर निकली हुई थी.
उस आदमी का लंड देख कर मेरी आंखें फटी की फटी रही गयी मुझे ऐसी हालत में देल् कर भैया समझ गये की मेरे मान में क्या चल रहा है वो बोले ”क्या हुआ टीना ऐसे क्या देख रही है, बताना”
”भैया उस आदमी का ‘वो’ कितना बड़ा है” मैं भी अब खुलते हुए बोली
”अरे ये ‘वो’ क्या होता है देख हम यहाँ मजे लेने के लिए बैठे है शरमाते के लिए नहीं, और अगर तुझे ह्यूमन बॉडी पार्ट्स के नाम नहीं पता है तो सुन मैं तुझे बताता हूँ तू जिसको ‘वो’ कह रही है ना उसे लंड कहते है और वो जो लेडी की छाती पर बारे बारे बॉल्स लटक रहे है ना उन्हें चुचियाँ कहते और उसकी कमर के नीचे टांगों के जोड़ पर जो ‘भी’ शेप है ना उसे चुत कहते है और उस के ठीक पीछे जो हिस्सा बाहर को निकला हुआ है ना उसे गान्ड कहते है समझी, और अब तू भी इन्हें यही सब कहेगी ठीक है” भैया के इस तरह समझने से मुझे हँसी आ गई अब भैया के इस तरह से बात करने से मेरी रही सही झिझक भी खत्म हो गई और मैं एक कदम आगे जा कर बोली ”भैया लगता हैनापने ‘चुदाई शस्त्रा’ में फ्ड कर रखी है कितने अच्छे से समझाया है आपने मुझे ठीक है मैं अब से इन्हें यही सब कहूँगी पर आप मुझे सच सच बताओ अपने अभी तक कितनी बार चुदाई के मजे लिए है”
”एक बार भी नहीं, यदि मुझे ये मौका मिला होता तो मैं तुझे यहाँ क्यों बुलाता” मेरे मुंह से चुदाई जैसे शब्द सुनकर भैया मस्त हो गये थे ये मस्ती उनके चेहरे पर साफ झलक रही थी
”यनेकी आपने मुझे यहाँ चोदने के लिए बुलाया है” मैंने भैया को खीजाया
”नहीं मैंने तुझे यहाँ चोदने के लिए नहीं बुलाया पर अगर तू चाहे तो तुझे चोदने में मुझे कोई हर्ज नहीं है बोल चुदेगी अपने भाई से” भैया ने मेरे नहले पर दहला मारा
”पहले तो हम वो कम करते हैं जो की हमने देसिडे किया हैं बाद की बात बाद में देखेंगे” मैं बात घूमते हुए बोली
अब फिल्म में चुदाई शुरू हो चुकी थी वो आदमी उस औरत को पूरी ताक़त से कस कस कर चोद रहा था, भैया भी अब अपने बॉक्सर के उप्पर से अपने लंड को सहला रहे थे मैं भी अब गरम हो गई थी और मैंने भी अपना हाथ लोवर के अंदर डाल लिया और अपनी चुत सहलाने लगी ये देख कर भैया बोले ”मेरे ख्याल से अब हमें कपड़े उतार लेने चाहिए”
मुझे लगता है के अब हमें भी अपने कपड़े उतार लेने चाहिए ‘ भैया बोले
”भैया मुझे आपके सामने शर्म आती है” दिल तो मेरा भी कपड़े उतार कर अच्छे से उंगली करने का हो रहा था पर एकदम से भैया के सामने खुलना भी मुझे ठीक नहीं लग रहा था.
”देख टीना तुझे तो पता ही है के मैं तुझे पहले भी नंगा देख चुका हूँ फिर इसमें शरमाना कैसा और बगैर कपड़े उतरे हम मजे भी कैसे ले सकते है?” भैया ने मुझे समझाया
”ठीक है तो पहले आप अपने कपड़े उतरो” मैं नज़रे झुकाए बोली
”चल जैसी तेरी मर्जी, पर पहले एक कपड़ा मैं उतरूँगा फिर एक तुझे उतरना होगा इसी तरह हम अपने पूरे कपड़े उतरेंगे, चल खड़ी हो जा” भैया इतना बोल कर खड़े हो गये
मैं भी उनके साथ ही खड़ी हो गई अब भैया ने अपनी टी-शर्ट उतार दी थी और मेरी तरफ देख रहे थे मैंने भी अपनी टी-शर्ट उतार दी और आंखें बंद कर ली मेरी दोनों चुचियां जो पहले ही एक्शैतमेंट में सख्त हो गई थी ब्रा में कैद भैया के सामने आ गई थी भैया लगातार उन्हें घुरे जा रहे थे मैंने कस कर आंखें बंद कर रखी थी तभी मुझे भैया की आवाज़ सुनाई दी ”चलो टीना आंखें खोलो अब तुम्हारी बड़ी है” मैंने धीरे से आंखें खोल कर देखा तो भैया ने अपना बॉक्सर उतार दिया था अब वो संडो और फ्रेंची में मेरे सामने खड़े थे बॉक्सर कुछ ढीला होने के कारण उसमें से लंड का उभर कुछ कम दिखाई दे रहा था पर फ्रेंची में तो लंड का आकर जैसे पूरा ही स्पष्ट समझ में आ रहा था भैया का लंड ऐसे लग रहा था जैसे वो भैया की उस छोटी सी चड्डी को फाड़ कर बाहर आने को उतावला हो रहा हो मेरा गला सूखने लगा और मैं एकटक भैया के लंड की ओर ही घुरे जा रही थी तभी भैया बोले ”अगर तुम्हें मेरे लंड को नंगा देखने की इच्छा हो रही हो तो उसे घूर्ना चूड़ो और जल्दी जल्दी अपने कपड़े उतरो”
”क्या भैया आप भी ना, अभी आप भी तो मेरी चुचियों को ऐसे घूर रहे थे जैसे उन्हें कहा ही जाएँगे, फिर अगर मैंने ज़रा सी देर लगा दी तो आप चिल्लाने लगे” ये कहते हुए मैंने एक ही झटके में अपना लोवर उतार दिया अब मैं सिर्फ़ ब्रा और पैंटी में थी काली ब्रा और पैंटी में मेरा जिस्म भैया के ऊपर जैसे कहर ढा रहा था अब उनकी नज़रे मेरे ‘चुत प्रदेश’ से हटने का नाम ही नहीं ले रही थी मेरी भारी भारी गोरी चिकनी जांघें उन्हें ललचाए जा रही थी वो लगातार लेकिन की तरह खड़े हुए वहीं देखे जा रहे थे उन्हें ऐसी हालत में देख कर मैंने मज़ाक किया ”क्या सपनों में ही चुदी च्लू कर दी क्या” मेरी बात सुन कर भैया झेप गये और बोले ”टीना प्लीज़ थोड़ा वापस घूम कर अपना बॅक साइड भी दिखना”
”वो क्या होता है अभी आप ही ने तो मुझे सभी अंगों के नाम बताए थे उसी तरह बोलो ना” मैं उनके मजे लेते हुए बोली
भैया समझ गये के अब मैंने शर्म पूरी तरह चोद दी है वो बोले ”टीना मुझे अपनी प्यारी सी घाआन्न्न्ड दिखा दे बहना”
अब मैं धीरे धीरे वापस मूंड़ गई और मेरी 38 की बाहर की ओर निकली हुई गांड उभर कर भैया के सामने आ चुकी थी पैंटी मेरी गांड की दरार में घुसी हुई थी तो चूतड़ पूरी तरह नंगे थे इस नज़रे को देख कर भैया की क्या हालत हो रही होगी मैं समझ रही थी.
कुछ देर बाद मैं वापस घूम गई जैसे ही मैं वापस घूमी भैया ने अपनी संडो और फ्रेंची दोनों ही एक साथ निकल दी वो शायद अब बहुत गरम हो चुके थे, और बर्दाश्त करना उनके बस में नहीं था
उनका खड़ा हुआ लंड बड़ा भयानक लग रहा था उसकी लंबाई 8 इंच और मोटाई 3 इंच के लगभग थी मैंने आज तक कोई भी लंड इतने पास से नहीं देखा था तो मैं भैया के पास जाकर घुटनों के पास जाकर बैठ गई और बारे ध्यान से उनके लंड को देखने लगी.
मुझे इस तरह से देखते हुए भैया बोले ”इतने ध्यान से क्या देख रही हो टीना”
”भैया ये लंड है या खंजर ये तो किसी भी चुत को फाड़ के रख देगा” मैं बोली
”तू इससे ही डर गई वो फिल्म वाले आदमी का तो इससे भी बड़ा है पर उस लड़की को देख कैसे गपगाप अंदर ले रही है” भैया बोले
ये साला है बड़ी किस्मत वाला है – 11