Nangi Kahani साला है बड़ी किस्मत वाला - Page 5 - SexBaba
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Nangi Kahani साला है बड़ी किस्मत वाला

ये साला है बड़ी किस्मत वाला है – 43 - 46
“कौनसा रास्ता” योगेश ने पूछा
“हमें किसी भी तरह उसे हमारे खेल में शामिल करना ही होगा, यदि उसे भी चुदाई का चस्का लगा दिया जाए तो फिर हमारी मौज ही मौज है” पूजा बोली
“लेकिन उस बिल्ली के गले में घंटी कौन बँधेगा” योगिता ने अपनी चिंता जताई
“ये कम तो भैया को ही करना पड़ेगा क्योंकि इसमें तो हम कुछ कर भी नहीं सकते लेकिन हाँ जितनी मदद बन सकेगी कर ही देंगे, क्यों योगिता” पूजा बोली
“हाँ भैया आप को ही मनीषा दीदी को सेदुसे करना पड़ेगा अरे हाँ इसमें तो आप मधु दीदी की भी मदद ले सकते है एक वो ही है पूरे घर में जो उस बिल्ली के गले में घंटी बाँध सकती है” योगिता बोली
“अरे हाँ ये तो मैं भूल ही गैट ही, आख़िर मधु दीदी की भी तो वही समस्या है जो हमारी है भैया आप जरूर मधु से बात करना इस बारे में” पूजा बोली
“ठीक है मैं सोचता हूँ इस बारे में” योगेश ने जवाब दिया
कुछ देर तक सभी भाई बहन चुप रहे और टीवी देखते रहे योगेश को कुछ थकान सी लग रही थी इस लिए वो उठा और अपने रूम को ओर जाता हुआ बोला “मैं अपने रूम में जा रही होंठ तुम दोनों मैं दरवाजा लॉक करके ऊपर आजना” कहते हुए वो ऊपर जाने लगा
“भैया आप कुछ भूल रहे है अभी आपको योगिता की गांड मारना है और मुझे चोदना भी है आप ऐसे कैसे जा सकते है” पूजा बोली
“तू सोच भी कैसे सकती है की मैं इतनी मस्त गांड मरने की बात भूल सकता हूँ वो तो मुझे ज़रा आराम करके अपने लंड को तैयार करना है योगिता की गांड में घुसेड़ने के लिए इसी लिए मैं रूम में झड़ रहा हूँ” योगेश बोला और आगे तरफ गया उसकी बात सुनकर योगिता ने बुरा सा मुंह बनाया और टीवी देखने लगी उसकी गांड में अभी से अजीब सी सरसराहट होने लगी थी पूजा योगिता के चेहरे के एक्शप्रेटिओन्स देख कर मंद मंद मुस्कराए जा रही थी
कुछ देर दोनों बहन टीवी देख कर आने वाले समय की परेशानियो के बारे में बातें करती रही जब पूजा से ओए नहीं रहा गया तो वो बोली “चलो योगिता अब हम भी ऊपर चलते है मेरी चुत की खुजली बढ़ते ही जा रही है”
“लेकिन पूजा भैया अभी आराम करना चाहते है, ऐसे में उन्हें परेशान करना ठीक नहीं होगा” योगिता बोली
“पहले ऊपर चल कर तो देखते है अगर भैया आराम कर रहे होंगे तो हम उन्हें डिस्टर्ब नहीं करेंगे” कहते हुए पूजा ने योगिता को हाथ पकड़ कर उठा लिया और उसके साथ ऊपर जाने लगी
उधर योगेश सच मच थकान के कारण अपने रूम में आते ही सो गया था और ऐसा लगता था की वो अब सुबह से पहले उठने वाला नहीं था पूजा को उसकी ऐसी हालत देख कर बहुत गुस्सा आया और वो वहीं योगेश के पास ही बेड पर लेट गई उसे वहीं लेटते देख योगता बोली “पूजा भैया को परेशान नहीं करना उन्हें अभी सोने ही दे, मैं अपने रूम में जा रही हूँ अगर भैया उतहे तो मुझे बुला लेना” कह कर योगिता अपने रूम में चली गई
पूजा को अच्छा तो नहीं लग रहा था लेकिन वो योगेश को परेशान भी नहीं करना चाहती थी इसलिए उसने अपने सारे कपड़े उतरे और अपनी चुत में उंगली कर के जैसे तैसे अपने आप को शांत किया और नंगे बदन ही योगेश के ऊपर अपनी एक तंग डाल कर सोने की कोशिश करने लगी थोड़ी देर बाद उसे भी नींद ने आ घेरा और वो भी सो गई………
सुबह लगभग 6 बजे योगेश की नींद खुली पूजा अभी भी उसके ऊपर अपनी एक तंग डाले सो रही थी वैसे भी वो रात को लेट सोई थी इसलिए वो जल्दी उठने वाली नहीं थी सो कर उठने के कारण योगेश का लंड अभी पूरी तरह त ना हुआ था और अभी उसे बहुत ज्यादा पेशाब आई हुई थी उसने पूजा का पैर अपने ऊपर से उठाया और सीधे बाथरूम की तरफ भगा अच्छे से मूत कर आने के बाद उसकी नज़र पूजा के नंगे जिस्म पर पड़ी तो उसे रात की बातें याद आई की रात को तो उसे योगिता की गांड मारनी थी और भी सिर्फ़ आज का दिन था उसके पास उसके अंकल वग़ैरह रात में कभी भी आ सकते थे उसने सोच लिया की आज दोपहर को वो योगिता की गांड का बंद बजा ही देगा तभी पूजा ने नींद में करवट ली जिससे उसका शरीर योगेश को अच्छे से नज़र आने लगा पूजा की गोल मटोल चुचियाँ और उसकी नंगी चुत देख कर योगेश का लंड फिर टाइट हो गया था ‘दोपहर की दोपहर से अभी तो सुबह का नाश्ता कर ही लेता हूँ’ इतना सोच कर उसने अपने कपड़े उतरे और नंगा होकर बेड पर पूजा के साइड में लेट कर उसके बूब्स दबाने लगा पूजा अभी बहुत गहरी नींद में थी इसलिए उसने कुछ हरकत नहीं की अब योगेश उस की चुत में उंगली चलाने लगा जिससे पूजा ने भी थोड़ी हरकत की और नींद में ही कसमसने लगी तभी योगिता रूम में दाखिल हुई और योगेश को ऐसा करते देख हैरत से बोली “बाप रे बाप सुबह सुबह ही शुरू हो गये” उसकी आवाज़ सुन कर योगेश ने चौंकते हुए उसे देखा और बोला “तू अंदर कैसे आगाई”
“दरवाजा तो खुला ही तन आ तो अंदर आने कैसी प्राब्लम थी” योगिता बोली
“लगता है रात को इस महारानी ने दरवाजा बंद नहीं किया था, चल टब ही आजा बेड पर ये तो सोई हुई है कोई रिस्पोन्से ही नहीं दे रही है आज इसे सोते हुए ही पेलता हूँ” कह कर योगेश फिर से पूजा के बूब्स चूसते हुए उसकी चुत में उंगली करने लगा
अब योगिता भी कपड़े उतार कर बेड पर आगाई थी वो योगेश के पास गई और उसका लंड पकड़ कर मसलने लगी “ऐसे नहीं मुंह में लेकर चूस” योगेश बोला
योगिता थोड़ी नीचे खिसकी और योगेश के लंड को अपनी जीभ से चाटने लगी पूजा अभी भी नींद में ही थी उसके चेहरे पर एक मादक मुस्कान आगाई थी और उसके मुंह से हल्की हल्की सिसकियां निकल रही थी जैसे वो कोई सपना देख रही हो इधर योगिता ने योगेश का पूरा लंड अपने मुंह में ले लिया था और उसे अपनी मुट्ठी में भर कर मुंह के अंदर बाहर कर रही थी पूजा की चुत भी अब पानी छोड़ लगी थी और योगेश की उंगली अब सतसट उसमें चल रही थी योगेश का लंड भी अब अपनी पूरी उत्तेजित अवस्था में आ चुका था उससे अब रहा नहीं गया तो उसने पूजा को छोडा और योगिता के मुंह से लंड निकल लिया योगिता उसे सवालिया नज़रो से देखने लगी योगेश उसका इशारा समझ गया और बोला “तू तो अभी चुदाई को भूल ही जा क्योंकि अब मैं तेरी गांड मारे बिना तेरी चुत चोदने वाला नहीं हूँ अभी मैं पूजा के साथ ही ठंडा हो जाता हूँ फिर दोपहर में खाना ख़ान एके बाद तेरी गांड और चुत की खुजली मिटाता हूँ” इतना कह कर योगेश पूजा को चुदाई की पोज़ीशन में लाने लगा उधर योगिता अपना सा मुंह लेकर बेड पर एक साइड बैठ गई उसे पता था की जो कम रात को नहीं हुआ अब वो दोपहर में होकर ही रहना था अब वो भी अपनी चुत में उंगली घुसाए योगेश की ओर देखने लगा योगेश अब पूरी तरह जोश में आ गया था उसने पूजा की चुत पर अपना लंड सेट किया और एक भरपूर ताक़त भरा धक्का लगा दिया चूँकि पूजा नींद में थी और इस धक्के के लिए तैयार नहीं थी इस लिए वो एक ज़ोर की चीख मरते हुए जगह गई और हालात को समझने की कोशिश करने लगी लेकिन तभी योगेश लगातार धक्के पर धक्के लगाने लगा जैसे तैसे पूजा को योगेश का चेहरा दिखाई दिया तो उसने फिर आंखें बंद करली और कमर उचका उचका कर योगेश का साथ देते हुए चुदाई का मजा लेने लगी उधर योगिता भी इस धुआधार चुदाई का मजा लेते हुए अपनी उंगली की बढ़ता बढ़ने लगी और कुछ ही देर में झाड़ गई योगेश भी ज़ोर ज़ोर से धक्के लगाने लगा था कुछ देर बाद दोनों ही भाई भान साथ साथ झाड़ गये जो मजा पूजा रात को नहीं ले पाई थी उसे वो सुबह के नाश्ते में मिल गया था अब तीनों भाई बहन बेड पर लेते हुए हाप रहे थे………………
दोपहर को तीनों भाई बहन खाना कहा चुके थे और अपने अपने रूम में आराम कर रहे थे योगिता अभी बहुत ज्यादा एक्शतेड और डरी हुई थी क्यों की योगेश उसे स्पष्ट टूर पर कह चुका था की आज वो उसकी गांड मर कर ही मानेगा ये सोच सोच कर की गांड मरवाने में कितना दर्द होगा उसकी हालत पतली हुई जा रही थी पूजा उसकी ऐसी हालत देख कर मुस्कुराते हुए मजे ले रही थी योगिता पूजा के होठों पर मुस्कान देख कर समझ गई की वो उसे चिढ़ा रही है आख़िर वो बोल ही पड़ी “हाँ,हाँ ले ले मजे तेरे तो मान की होने वाली है ना आज”
“तू मुझे गलत समझ रही है योगिता मैं ऐसा कुछ भी नहीं सोच रही हूँ भैया से तेरी गांड मरवाने से मेरा मतलब बस इतना ही है की हम भाई बहनों में अब कोई भी परदा बाकी ना रहे और हम खुल कर सेक्स का मजा ले सके, और देख ना मैं तो तुझसे पहले ही गांड मरवा चुकी हूँ भैया से” पूजा उसे समझते हुए बोली
योगिता भी अब अपने आप को तैयार कर चुकी थी आने वाले वक्त के लिए वो समझ गई की आज नहीं तो कल तो योगेश उसकी गांड मारकर ही मानेगा फिर जबकि अभी घर में ज्यादा भीड़ भाड़ नहीं है तो यही सही मौका है गांड मरवाने का क्योंकि अगर उसे कोई तकलीफ भी हुई तो किसी को पता भी नहीं चलेगा ऐसा सोचते हुए वो पूजा से बोली “यार पूजा सच में बहुत दर्द होता है ना गांड मरवाने में, उस दिन ज़रा सा लंड अंदर जाते ही कितना बुरा हाल हुआ था मेरा जब पूरा का पूरा अंदर जाएगा तो जान ही निकल जाएगी मेरी”
ये साला है बड़ी किस्मत वाला है – 43
ये साला है बड़ी किस्मत वाला है – 44
 
“तू पागल है क्या यू कोई पहली लड़की है जोग और मरवाएगी, तेरे सामने ही मैंने अपनी गांड मरवाई है तो क्या मैं मर गई और माधुरी दीदी भी तो भैया से गांड मरवा चुकी है तो उन्हें कुछ हुआ है क्या सिर्फ़ एक बार पूरा लंड अंदर जाते तक ही दर्द होता है बाद में सब नॉर्मल हो जाता है” पूजा उसका डर दूर करते हुए बोली
“ठीक है यार अब जॉब ही हो मैं तैयार हूँ आज के बाद शायद पता नहीं कब मौका मिले चुदाई करवाने का इसलिए मैं कितना भी दर्द सहने को तैयार हूँ” योगिता भी अपना दिल पक्का कर चुकी थी
“ये हुई ना बात” कहते हुए पूजा ने योगिता की पीठ थपथपाई और फिर वो दोनों इधर उधर की बातें करने लगी लेकिन उन दोनों को पता नहीं था अब तक वो लोग जितनी चुदाई कर चुके है बस उतनी ही चुदाई आज तक उन दोनों को नसीब थी अब अगली चुदाई के लिए उन्हें बहुत लंबा इंतजार करना था
उधर योगेश अभी योगिता की 38 साइज की बड़ी गांड के ही बारे में सोच रहा था की आज उसे एक और गांड मरने को मिल रही है वो मान ही मान अपनी किस्मत की तारीफ कर रहा था लेकिन उसे नहीं पता था की अब गांड तो उसे बहुत मिलेगी लेकिन इस गांड के लिए उसे लंबा इंतजार करना था उसने टाइम देखा 1.30 बज गये थे लेकिन अभी तक योगिता नहीं आई थी वो उठा और योगिता के रूम की ओर चल दिया
“योगिता, पूजा अरे कोई सुन रहा है ज़रा दरवाजा तो खोलो” योगेश ने रूम के बाहर पहुँच कर आवाज़ लगाई
योगेश की आवाज़ सुनकर योगिता उतही और उसने दरवाजा खोल दिया योगिता को सामने देखते ही योगेश ने उसे बांहों में भर लिया और उसके होठों को चूमते हुए उसके बूब्स को ज़ोर ज़ोर से मसलने लगा वो आज बहुत गरम था योगिता की गांड मरने के ख्याल से ही उसका लंड झटके मारे जा रहा था अब उसने योगिता के बूब्स छोड दिए और उसकी गांड की दरार पर उंगली चलाने लगा ऐसा करते ही योगिता के शरीर में एक झुरजुरी सी हुई और उसने भी योगेश के लंड को मसलना शुरू कर दिया पूजा चुप बैठे दोनों का तमाशा देखे जा रही थी
योगिता की गांड उसके कपड़ों के ऊपर से सहलाने में योगेश को मजा नहीं आया तो उसने योगिता को अपने कपड़े उतरने को कहा और खुद भी अपने कपड़े उतार दिए अब दोनों ही पूरे नंगे हो चुके थे जैसे ही योगिता ने अपनी पैंटी उतेरी थी योगेश झट से उसकी गांड के पास बैठ गया था और उसकी गांड में अपना मुंह लगा कर उसके भारी चूतडो को चूमने और चाटने लगा था कभी कभी वो उन्हें अपने डटो से काट भी रहा था योगिता भी अब मस्ती में मादक आहें भरने लगी थी कुछ दे रेज़ ही करने के बाद जब योगेश से नहीं रहा गया तो वो उठा और पीछे से योगिता से चिपक गया और उसकी चुचियों को दबाते हुए उन्हें खींचने लगा जैसे वो उन्हें उखाड़ कर फेंक देना चाहता हो उसका लंड योगिता की गांड की दरार में घूम रहा था और एक दो बार गांड के छेद में टच भी हुआ छेद से लंड टकराते ही योगिता को अजीब सा रोमांच होना शुरू हो गया था अब योगेश की सहन शक्ति खत्म होने लगी थी उसने पूजा को देखा और बोला “चल पूजा आज तेरे मान की होने वाली है झट से उठ और कोई चिकनाई ला अपनी बहन की गांड के उद्घाटन के लिए”
“अभी लाई भैया” पूजा मुस्कुराते हुए बोली और ड्रेसिंग टेबल के पास पहुँच कर कोई क्रीम उठाने लगी अभी पूजा वो क्रीम लेकर योगेश के पास पहुँची भी नहीं थी की दूरबैयल बड़ी जोरों से चिंघाड़ उठी ‘तरिंन…..तरिंन….’
दूरबैयल की आवाज़ सुनकर तीनों भाई बहन की हालत देखने लायक हो गैट ही उन्हें ऐसा लगा जैसे बैल नहीं बाजी बल्कि कोई बम फटा हो तीनों ही भौच्चके से एक दूसरे का मुंह देख रहे थे तभी बैल फिर से बाजी दोबारा बैल बजने की आवाज़ से योगेश होश में आया और झट से अपने कपड़े उठाकर पहनने लगा योगिता भी अपने कपड़ों की ओर लपकी तब तक योगेश कपड़े पहनकर नीचे की ओर भाग चुका था
योगेश ने लपक कर मैं दरवाजा खोला गैट खुलते ही वो एकदम स्टॅच्यू की तरह झड़ सा हो गया उसे अपनी आंखों पर यकीन नहीं हो रहा था सामने खड़े हुए इनसेन को देख कर…
दरवाजा खोलते ही योगेश की आंखें फॅट गई थी सामने उसके चाचा नीरज और चाची ज्योति खड़े हुए थे उसके चाचा मुंबई में रहते थे और एक बड़ी कंपनी में अच्छी पोस्ट पर थे उसके चाचा लगभग 40 साल और चाची 38 साल की थी उनके दो बच्चे थे बड़ी लड़की थी जिसका नाम निशा था और वो 20 साल कीटि और छोटा लड़का था जिसका नाम निर्मल था जिसे सब प्यार से नीरू बोलते थे उसकी उमर 18 साल थी चाचा आज लगभग 3 साल बाद उनके घर आए थे और वो भी बिना कोई खबर करे इस लिए योगेश मुंह फाड़े उन्हें देखे ही जा रही था
“हेलो अरे कहा खो गया पागल क्या दिन भर यहीं खड़ा रखेगा अंदर नहीं आने देगा” नीरज चाचा चुटकी बजाते हुए बोले
चाचा की आवाज़ सुनते ही योगवष को होश आया और वो दरवाजे से हाथ गया और बोला “अरे नहीं वो तो मैं आपको अचानक इतने दीनों बाद अपने सामने सामने देख कर शोकेड हो गया था आप लोग अंदर आइये ना” कहते हुए योगेश पीछे हटा और उसके चाचा अंदर दाखिल हुए उनके पीछे पीछे चाची भी अंदर आई योगेश का लंड अभी भी खड़ा हुआ था इसलिए जब उसकी चाची उसके पास से चिपकते हुए गुज़री तो उसका खड़ा लंड खींची की जांघों से टच हो गया चाची बहुत खेली खाई हुई औरत थी वो झट से समझ गई की उसे क्या टच हुआ है वो वहीं योगेश के पास ही रुक गई ओए उसकी आंखों में आंखें डाल कर बोली “बहुत बड़ा हो गया है योगेश तू तो” और वो योगेश को दिखाते हुए उसके लंड को देखने लगी योगेश की हालत पतली हो गैट ही उसे समझ नहीं आ रहा था की वो क्या करे इसके पहले भी जब उसकी ज्योति खींची उसके घर आई थी तो वो हमेशा ही उसके लंड को घूरते रहती थी और एक दो बार तो वो उसके लंड को पेंट के ऊपर से पकड़ भी चुकी थी लेकिन तब योगेश ने ये सब मज़ाक में लिया था लेकिन आज आते ही ज्योति ने फिर वही हरकतें शुरू कर दी थी तो क्या चाची के मान में कुछ गलत है क्या, नहीं नहीं वो उसकी मां जैसी है वो उसके बारे में ऐसा कैसे सोच सकती है योगेश सोच रहा था लेकिन तभी ज्योति ने ऐसी हरकत की जिस से योगेश अपनी चाची के बारे में एक अलग ही नजरिए से सोचने को मजबूर हो गया क्योंकि ज्योति ने अचानक ही उसका लंड पकड़ लिया और ज़ोर से भींचते हुए बोली “सच में बहुत बड़ा हो गया है पहले से” और उसे आँख मरते हुए अंदर चली गई योगेश उसे अंदर जाता हुआ देखने लगा जैसे ही उसकी आंखें ज्योति चाची की गांड पर पड़ी उसके होश उड़ गये टाइट सलवार में फाँसी मस्त 40 साइज की गांड को देख योगेश ने मान में सोचा ‘क्या गजब की गांड है’ है और टकटकी लगाए ज्योति की मटकती बड़ी गांड को घूरने लगा तभी ज्योति ने पलट कर देखा की योगेश उसकी गांड को घूर रहा है तो उसके होठों पर मुस्कान आगाई और वो बोली “योगेश हमारा समान बाहर ही पड़ा है उठा कर ले आओ” चाची से नज़र मिलते ही योगेश शर्म से पानी पानी हो गया वो समझ गया की चाची उसे अपनी गांड को घूरते हुए देख चुकी है उसने अपनी नज़रे झुकाई और बिना कुछ कहे बाहर जा कर समान ले आया अब तक चाचा चाची अंदर सोफे पर बैठ गये थे योगेश ने आवाज़ देकर अपनी दोनों बहनों को नीचे बुलाया और खुद पानी लाकर देने लगा पूजा और योगिता भी चाचा चाची को देख कर बहुत खुश हुई लेकिन वो दोनों समझ गई की अब चुदाई के सारे चान्स खत्म हो चुके है उन दोनों के चेहरे पर के साथ हल्के से उदासी के भी भाव थे लेकिन अब वो दोनों ही कुछ भी नहीं कर सकती थी थोड़ी देर में चाचा चाची नहा धोकर खाना कहा चुके थे और वो अब रिलॅक्स करते हुए हॉल में सभी के साथ बैठे थे
“चाचा नीरू और निशा कैसे है, और वो लोग क्यों नहीं आए आप के साथ बहुत दीनों से मिले नहीं है ना याद आ रही है उनकी” योगेश बोला
“दोनों ही मस्त है बेटा और वो लोग कल आएँगे तब मिल लेना उनसे अच्छे से” चाचा बोले
“भैया भाभी और बाकी लोग कब तक आएँगे योगेश” ज्योति चाची बोली
“वो लोग रात में या कल सुबह तक आजाएँगे चाची” योगेश ने जवाब दिया
अब सभी लोग बातें करने लगे थे और योगेश ज्योति के बारे में सोचे जा रही था की क्या सचमुच चाची उससे चुदवाना चाहती है है यॉ ओ बारे शहर में रहने के कारण ये सब मज़ाक में करती है वो इसी उड़ेड़बुन में लगा हुआ था लेकिन अगर ये मज़ाक ना होकर सच हुआ तो अगर चाची सच मुंह उससे छुड़ाना चाहे तो क्या वो चाची के साथ चुदाई करेगा ये ख्याल आते ही वो ध्यान से ज्योति को देखने लगा भले ही ज्योति की उमर 38 की थी लेकिन वो 30 से ज्यादा की नहीं लगती थी गोरा रंग काटीले नयन नक्श 38 साइज की चुचियां 40 की गांड जो एकदम बाहर निकली हुई थी सभी कुछ तो था ज्योति के पास और एक बात जो योगेश को पता नहीं थी की ज्योति आज तक कइयों लुंडो की सवारी कर चुकी थी क्योंकि उसके चाचा को अपने कम से फुर्सत ही नहीं मिलती थी इसलिए वो ज्योति पर ध्यान नहीं दे पाते थे वीक में दो तीन बार ही सेक्स कर पाते थे वो और ज्योति जो जवान होते ही लंड खाने लगी थी उसका वीक में दो तीन बार से क्या होता उसे तो रोज ही दो तीन बार चुदाई चाहिए थी इसलिए उसे किसी के भी साथ चुदवाने में कोई ऐतराज नहीं था चाहे वो उसका भतीजा योगेश ही क्यों ना हो
ये साला है बड़ी किस्मत वाला है – 44

ये साला है बड़ी किस्मत वाला है – 45
अब तक योगेश अच्छे से अपनी चाची के बदन का मुआइना कर चुका था और इस नतीजे पर पहुँचा था की कुछ भी हो उसकी चाची चोदने के लिए अच्छा माल थी उधर ज्योति भी योगेश को अपने बदन को घूरते हुए देख चुकी थी और वो समझ गैट ही की शिकार फँस गया है बस थोड़ा सा दम और लगाना है इसे कब्जे में करने के लिए वो बहुत दीनों से कुवारे लंड से चुदी नहीं थी इसलिए उसने आते ही योगेश पर ट्राइ मारना शुरू कर दिया था चूँकि वो पहले भी योगेश के साथ थोड़ी मस्ती कर चुकी थी इसलिए उसे पता था की योगेश इन सब का बुरा नहीं मानेगा और वो उसे अपने शब्द जल में फँसा कर उससे चुदाई करवा के ही रहेगी
बातें करते करते कब 5 बज गये किसी को पता ही नहीं चला सफ़र करने के कारण अब नीरज चाचा को थोड़ी थकावट महसूस होने लगी थी इसलिए उन्होंने योगेश को अपने लिए रूम सेट करने को कहा और रूम सेट होते ही वहाँ जाकर बेड पर लेट गये पूजा और योगिता भी अब रात के खाने की तैयारियाँ करने लगी थी योगेश और ज्योति चाची दोनों ही हॉल में बैठे थे तभी ना जाने ज्योति के मान में क्या आया वो बिल उठी “चल योगेश ज़रा मुझे तेरा रूम तो दिखा”
“क्या….मेरा मतलब है आप मेरा रूम देख कर क्या करोगी चाची” योगेश बोला
“ज्यादा तो कुछ नहीं करूँगी बस इतना ही चेक करूँगी की यू कितना बड़ा हो गया है,ई मीन की यू अभी सुधरा या नहीं या फिर पहले की तरह ही अपना रूम सदा कर रखता है” ज्योति शरारती मुस्कान के साथ बोली
“ठीक है चाची चलो ऊपर” कहते हुए योगेश सोचने लगा की पता नहीं चाची के मान में क्या है ये क्यों मेरे रूम में जाना चाहती है और वो दोनों ही ऊपर की ओर चल दिए…………………
माआंटी के घर
सुबह से सभी लोग सम्मेलन में जाने की तैयारियों में लगे थे माधुरी आज बहुत खुश थी क्योंकि उसे पता था की कल सुबह से पहले वो अपने घर पर होगी और फिर वो और उसका भाई दोनों ही एक फिर से अपने चुदाई के खेल में लग जाएँगे और वो अब पक्का अपने भाई को अपनी चुत गिफ्ट कर देगी चाहे कुछ भी हो चाहे समाज इसे कितना भी गलत क्योब ना मानता हो चाहे ये पाप ही क्यों ना हो इन्हीं सब सोचो में दुबई वो तैयार हो रही थी
उधर मनीषा भी घर जाने के नाम से ही बहुत एक्शैटेड हो रही थी उसकी चुत में सुरसुरी सी हो रही थी क्योंकि यहाँ टीना की चुदाई देख कर उसे भी चुदाई का बहुत लग गया था जो अब बिना चुदाई किए मानने वाला नहीं था लेकिन अभी भी उसके मान में शंका थी की योगेश तैयार होगा या नहीं उसकी सारी उम्मीदे टीना पर ही टिकी थी और वो जानती थी की टीना कैसे भी का एके चक्कर चला ही लेगी योगेश के साथ अब वो तैयार हो चुकी थी और नीचे हॉल में आगाई थी थोड़ी देर में सभी लोग तैयार हो कर सम्मेलन में पहुंच गये वहाँ समाज के सभी लोगों से उनकी मुलाकात हुई बाद में टीना, मनीषा और माधुरी के लिए कुछ रिश्तो के बारे में भी पूछ टच की गई दोपहर के लगभग 3 बजे वो लोग वापस घर आ गये 5 बजे की ट्रेन से माधुरी वग़ैरा ने वापस जाना था तो सभी लोग अब जाने की तैयारियों में जुट गये
टीना अपनी तैयारी पहले ही कर चुकी थी तो उसे तो कुछ करना ही नहीं था इसलिए वो राहुल के रूम में आगाई आज वो बहुत उदास थी हलकी वो रात को राहुल से जमकर चुदाया चुकी थी लेकिन अब उसे राहुल से दूर जाने का गम फिर से सताने लगा था राहुल टीना को यू उदास देख कर समझ गया की वॉक यों उदास है राहुल ने टीना को बेड पर अपने पास बैठाया और उसके होंठ चूम लिए और बारे प्यार से बोला “क्या बात है गुड़िया तूने आज फिर से रोने सूरत क्यों बना रखी है कल मैं तुझसे बोल चुका हूँ ना की अब उदास नहीं होना”
 
टीना राहुल के सीने से लग गई उसकी आंखों में हल्के हल्के आँसू भी आचुके थे जो राहुल ने देख लिए थे राहुल ने टीना के आँसू पुन्छे और बोला “देख अब अगर तूने और नाटक किया तो मैं अभी अंकल से बोल कर तेरा जाना काँसेल करवा देता हूँ, फिर तो मैं तेरे पास ही होऊँगा और तू रोएगी भी नहीं, है ना”
“मैं रो कहा रही हूँ भैया, वो तो आपसे बिछुड़ने की वजह से मेरा दिल भर आया था ये उसीके आँसू है, ठीक है अब मैं चलती हूँ” कह कर वो खड़ी हो गई
राहुल ने टाइम देखा तो 4 बज रहे थे उसने सोचा की एक राउंड तो हो ही सकता है वो भी खड़ा हुआ और जाती हुई टीना का हाथ पकड़ कर बोला “क्या यू यही कपड़े पहन कर जा रही है”“नहीं भैया सफ़र के लिए मैंने दूसरे कपड़े निकल रखे है मैं ये स्कर्ट पहन कर सफ़र नहीं कर सकती” टीना बोली
टीना की बात सुनते ही राहुल ने झट से आगे तरफ कर दरवाजा लॉक किया और टीना को अपने बाहों में भर कर उसके होंठ चूसते हुए एक हाथ से टीना की चुत को रगड़ने लगा टीना समझ गई की क्यों राहुल ने कपड़ों के बारे में पूछा था उसे भी मजा आने लगा और वो भी राहुल के लंड के साथ मस्ती करने लगी अब राहुल टीना की चुत छोड कर उसकी गांड की दरार में उंगली फिरने लगा जिससे टीना और भी मस्त हो गई और वो राहुल के होठों को पागलपन में काटने भी लगी राहुल को पता था की समय कम है इस लिए उसने देर ना करते हुए टीना की पैंटी उतेरी और खुद भी नीचे से पूरा नंगा हो गया फिर उसने टीना का स्कर्ट ऊपर कर उसे दीवार से चिपका दिया और टीना की चुत पर अपना लंड सेट कर के एक धक्के में अपना आधा लंड चुत में घुसेड़ दिया और टीना के बूब्स दबाते हुए लगातार धक्के मरते हुए लंड को अंदर करने लगा टीना भी मस्ती में सिसकियां भरते हुए राहुल के होंठ चूसे जा रही थी और चुदाई का पूरा मजा ले रही थी अब राहुल ने अपनी एक उंगली अपने थूक से गीली की और उसे टीना की गांड में डाल कर आगे पीछे करने लगा टीना तो जैसे स्वर्ग में पहुँच गैट ही उसके दोनों ही छेड़ो में चुदाई शुरू थी और मुंह में उसके भाई की जीभ धमाल मचा रही थी राहुल बजी अब ज़ोर ज़ोर से धक्के लगा रहा था खड़े खड़े चुदाई करने में लगी मेहनत के कारण वो अब कभी भी झाड़ सकता था उसे लगा की कहीं टीना प्यासी ना रही जाए इसलिए उसने अपने धक्को की बढ़ता कम की और टीना की गांड में उंगली की बढ़ता बढ़ा दी टीना इस दोहरे हमले को ज्यादा देर झेल नहीं पाई और “ऊहह…..भैया मैं तो गैइइ……….” कहते हुए भरभरा कर झड़ने लगी राहुल भी टीना को पिघलते देख ज़ोर ज़ोर से धक्के लगते हुए झड़ने लगा था कुछ देर बाद जब दोनों नॉर्मल हुए तो टीना ने अपनी पैंटी पहनी और राहुल के होंठ चूमकर बोली “ई लव यू भैया अब मैं चलती हूँ लेकिन एक बात पुन्छु भैया आप बुरा तो नहीं मानोगे”
“कौन सी बात और आज तक कभी मैंने तेरी बातों का बुरा मना है जॉब ही बात हो खुल कर बोल मैं बुरा नहीं मानने वाला” राहुल ने भी उसे चूमते हुए कहा
“भैया अगर मैं मनीषा के घर में योगेश से चुदाया लूँगी तो आपको बुरा तो नहीं लगेगा” टीना सकुचते हुए बोली
“इसमें बुरा मानने वाली कौन सी बात है योगेश भी तो हमारा भाई ही है और फिर अगर वो मेरी एक बहन को छोड़ेगा तो मैं भी तो उसकी दो बहनों को चोदूंगा अगर पॉसिबल हुआ तो शायद उसकी चारों बहनों को ही नहीं छोड़ूंगा पूजा और योगिता को भी निपटा दूँगा तू चिंता मत कर फायदे में हम ही रहेंगे” राहुल मुस्कुराते हुए बोला
“थॅंक्स भैया आपने मेरी चिंता दूर कर दी अब मैं चलती हूँ मुझे अभी तैयार भी होना है” कहते हुए टीना दरवाजा खोल कर राहुल के रूम से बाहर निकल गई
थोड़ी बाद सभी लोग तैयार हो कर स्टेशन के लिए निकल गये थे ट्रेन अपने राइट टाइम पर थी और सभी लोगों को रेगेरवाटिओं होने के कारण सीट्स भी मिल गैट ही सही समय पर ट्रेन रवाना हो गैट ही माधुरी ने घड़ी में टाइम देखा शाम के 5.30 हुए थे यानि की उन्होंने रात को 2 बजे तक अपने घर पहुँच जाना था ‘मैं आ रही हूँ योगेश, तुझे अपनी चुत का तोहफा देने मैं आ रही हूँ’ माधुरी ने मान ही मान योगेश से किए वेड को याद किया अब ट्रेन अपनी रफ्तार पकड़ चुकी थी और धड़ाधड़ पटरी को रौणदते हुए अपनी मंजिल की ओर भागे जा रही थी…………..
चाची और योगेश दोनों ही योगेश के रूम में आ गये थे योगेश अभी भी समझ नहीं परहा था की उसकी चाची चाहती क्या है और वो उसे यहाँ क्यों लाई है उधर ज्योति को पता था की अगर उसे कुवारे लंड से चुदवाना है तो आज ही योगेश से सेटिंग करनी पड़ेगी वरना कल से तो घर में मेला लग जाएगा वो पहले भी योगेश के साथ थोड़ी बहुत मस्ती कर चुकी थी इसलिए उसे पता था की योगेश उसकी कोई भी बात किसी को भी नहीं बताएगा और वो उसके लिए एकदम सॉफ्ट टारगेट था ज्योति जानती थी की पूजा और योगिता अभी एक डेढ़ घंटा फ्री नहीं होने वाली थी और उसका पति नीरज भी शायद सो चुका था इसलिए यही वक्त ठीक था योगेश को अपने जाल में फँसाने का वो बेड पर बैठी थी और योगेश उसके सामने कुर्सी पर बैठा था और उसके मुंह को देखे जा रही था
“जब मैं तेरे पास से घर के अंदर आ रही थी तब तू पीछे से मुझे क्यों घूर रहा था” ज्योति ने जैसे बम फोड़ा
योगेश समझ गया की चाची ने उसको अपनी गांड को घूरते हुए पकड़ लिया था उसे समझ नहीं आया के वो क्या बोले उसने गर्दन झुकाली और नीचे देखने लगा
“तू कुछ बोलता क्यों नहीं, जवाब दे तू क्या घूर रहा था” ज्योति गुस्से से बोली
ये साला है बड़ी किस्मत वाला है – 45
ये साला है बड़ी किस्मत वाला है – 46
“जी…छा…ची…जीिइई….आआआपकू….कुच्च्च्च….ग़लतफहमी हुई है मैं आपको घूर नहीं रहा था” योगेश हकलाते हुए बोला
“तू मुझे चूतिया समझता है क्या, मैं तेरी उमर के लौंधो की नियत अच्छे से जानती हूँ लेकिन मैं तेरी मां जैसी हूँ और तू मेरी ही गान्ड को घूर रहा था तुझे ज़रा भी शर्म नहीं आई अपनी चाची की गान्ड को घूरते हुए” ज्योति अपने प्लान को कामयाब होते देख और भी ज़ोर से बोली
अब तक योगेश की गांड अच्छी तरह से फॅट चुकी थी वो समझ गया था की चाची अब नहीं मानने वाली थी अगर उसने अपनी चाची को नहीं मनाया तो वो उसकी वॉट भी लगा सकती है घर में सभी को ये सब बता कर और वो अपनी चाची के मुंह से गान्ड जैसा शब्द सुनकर थोड़ा हैरान भी हुआ था लेकिन वो अपनी सारी हैरानी भूल कर उठा और उसने ज्योति के पैर पकड़ लिए और रोते हुए बोला “चाची जी मुझे माफ कर दीजिए मैं बहक गया था लेकिन आगे से ऐसी गलती नहीं होगी”
“क्या गलती नहीं होगी तूने मेरे बारे में ऐसा गंदा ख्याल भी अपने मान में लाया कैसे” ज्योति पहले जैसे ही गुस्से भरे अंदाज में बोली
“चाचिजी मेरे मान में आपके लिए ऐसा कुछ नहीं था लेकिन आपने जब मेरा ‘वो’ पकड़ा था तो पता नहीं मुझे क्या हुआ की मेरे मान में ऐसे ख्याल आ गये और जब आप जाने लगी तो मेरी नज़र आपकी बॅक पर ही टिक गई लेकिन अब ऐसा फिर कभी नहीं होगा” योगेश गिड़गिडता हुआ बोला
“ ‘वो’ क्या मैंने तेरा क्या पकड़ा था ज़रा सीधे सीधे बोल” अब ज्योति कुछ नरम पड़ते हुए बोली
“चाची ‘वो’ मतलब…….. ‘वो’ मतलब ये” कहते हुए योगेश ने अपने लंड की ओर इशारा कर दिया वो अपने मुंह से कोई भी अश्लील शब्द नहीं निकलना चाहता था
योगेश की ऐसी हालत देख कर ज्योति खिलखिला कर हंस पड़ी उसे इस तरह हंसते देख योगेश हक्का बक्का रही गया उसे समझ ही नहीं आया की असल में उसकी चाची चीज़ क्या है पल में टोला पल में माशा जैसा व्यवहार उसने आज पहली बार देखा था ओ अपनी चाची को देखे जा रही था और चाची लगातार हँसे जा रही थी आख़िर में जब योगेश से रहा नहीं गया तो वो बोल ही उठा “चाचिजी आप इस तरह क्यों हंस रही है”
“अरे पागल ज़रा अपनी हालत तो देख, कैसे घबरा गया है तेरे चेहरे का तो रंग ही उड़ गया है” ज्योति बोली
योगेश अभी भी कुछ नहीं बोला असल में उसे समझ ही नहीं आ रहा था की वो क्या बोले उसकी चाची का बर्ताव उसकी उम्मीडो से परे था ओ ऐसे ही चुपचाप बैठा रहा हलकी उसके मान से अब डर बहुत हद तक निकल चुका था अब ज्योति ने उसे बुला कर बेड पर ही अपने साइड में बिता लिया और उसके सर पर हाथ फेरते हुए बारे प्यार से बोली “देख योगेश मैं तुझसे ज़रा भी नाराज़ नहीं हूँ और मैं भी तेरी उमर से गुज़री हूँ मुझे पता है की इस उमर में हर किसी को सेक्स की भूख लगी होती है और उस पर जब मैंने तेरा लंड पकड़ लिया तो तेरा मेरी गांड घूर्ना तो बनता ही है, अच्छा आज से चाची भतीजे के अलावा हम दोस्त भी हुए ठीक”
“ठीक” योगेश बोला अब उसका डर पूरी तरह खत्म हो चुका था और भी वो अपनी चाची की बड़ी और मस्त गांड के बारे में सोच रहा था
ज्योति भी अब इसी विचार में लगी थी की अब बात आगे कैसे बधाई जाए कुछ देर तक सोचने के बाद वो बोली “अच्छा योगेश अब सच सच बताना की यू उस वक्त मेरी गांड को घूरते हुए क्या सोच रहा था और हाँ ये सवाल तेरी दोस्त पूछ रही है चाची नहीं इसलिए खुल कर बताना शर्म नहीं करना ओके”
“वो…चाची बात ये है की मैंने आज तक आपकी गांड जैसी गांड नहीं देखी इसीलिए मैं उसे घूरने लगा था” जैसे तैसे योगेश ने जवाब दिया
“और किस किस की गांड देखी है तूने जो मेरी गांड की इतनी तारीफ कर रहा है” ज्योति बोली
एक पल को तो योगेश चौंका लेकिन फिर बात को संभालते हुए बोला “अरे मैंने रियल में किसी की भी गांड नहीं देखी लेकिन चलते फिरते तो दिख ही जाती है ना इसीलिए ऐसा बोला”
“और ख्याल इच्छा हुंटेरी मेरी गांड देख कर” ज्योति और भी खुलते हुए बोली
“वैसे तो कोई इच्छा नहीं हुई बस मेरा ‘वो’ खड़ा हो गया था आपकी गांड देख कर” योगेश भी अब धीरे धीरे खुल रहा था
“तू ये ‘वो’ ‘वो’ क्या कर रहा है सीधे सीधे लंड क्यों नहीं बोलता है अब मेरे से कैसा शरमाना, अच्छा एक बात बता आज तक कभी चुदाई की है किसी के साथ” अब ज्योति पूरी तरह खुल गैट ही वो किसी भी तरह योगेश को फँसा लेना चाहती थी
अपनी चाची के मुंह से चुदाई जैसा शब्द सुनकर योगेश सन्न रही गया अब उसे भी मस्ती चढ़ने लगी थी “अपनी ऐसी किस्मत कहाँ की चुदाई करने को मिले” योगेश बोला
“क्यों तेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है क्या” ज्योति बोली
“इस छोटे से शहर की लड़कियां अभी इतनी स्मार्ट नहीं हुई है की बाय्फ्रेंड बनाते फायर और अगर मैं किसी लड़की से संबंध बना भी लू तो अंकल को मालूम पड़ने के बाद मेरा क्या हाल होगा ये आप भी अच्छी तरह जानती है” योगेश ने जवाब दिया
“तो क्या तेरी इच्छा नहीं होती चुदाई करने की” ज्योति ने पूछा
“इच्छा तो बहुत होती है लेकिन करूं किस के साथ यही तो प्राब्लम है” योगेश ने भी अपनी मजबूरी बताई
“अगर तेरी मर्जी हो तो मैं तुझे ये चान्स दे सकती हूँ”ज्योति ने फिर से योगेश को झटका दिया पहले तो योगेश कुछ समझा ही नहीं लेकिन अपनी चाची की बात का मतलब समझते ही उसका मुंह खुला की खुला रही गया उसे उम्मीद ही नहीं थी की उसकी चाची उससे छुड़ाने को तैयार हो जाएगी
“ये आप क्या बोल रही है खींची मैं आप के साथ ये सब कैसे कर सकता हूँ” योगेश हैरानी से बोला
“क्यों इसमें क्या बुरा है मैं एक औरत हूँ और तुम एक मर्द हमें अपनी ज़रूरते पूरा करने का पूरा हक है” ज्योति बोली
“लेकिन आप शादी शुदा है आपकी ज़रूरते तो चाचा ही पूरी कर देते होंगे फिर आपको बाहर ये सब करने की क्या जरूरत है” योगेश बोला
“चाचा हुउः….अगर उनमें दम होता तो मैं तुझसे क्यों बोलती वो तो अपने काम में ही इतने बिज़ी रहते है की महीने एक या दो बार से ज्यादा उनका लंड खड़ा ही नहीं होता, वो रात को मस्त सोते है और मैं अपने जिस्म की आग में रात भर करवाते बदलती रहती हूँ अब तू ही बता मैं बाहर मुंह नहीं मारू तो क्या करूं” ज्योति योगेश को सेनटी करते हुए बोली
अब योगेश भी गंभीर हो चुका था उसे अपनी चाची की बात सही लगी थी लेकिन अभी भी वो अपनी चाची के साथ ये सब करने लिए अपने आप को तैयार नहीं कर पा रहा था
“बोल योगेश तू मेरा साथ देगा ना अगर तू मेरे साथ ये सब करने को तैयार हो जाएगा तो मुझे भी बाहर मुंह नहीं मारना पड़ेगा और तुझे भी चुत मिल जाएगी इस में हम दोनों का ही भला है” ज्योति ने फिर आग में घी डाला
अब योगेश ने भी सोचा की वो अपनी बहनों को तो चोद ही चुका है तो चाची को चोदने से उसे कौनसा पाप लग जाएगा और उसकी चाची एक्सपीरियेन्स होल्डर है उसके साथ चुदाई करने में तो और भी मजा आएगा वो अब पूरी तरह तैयार था चाची चोद बनने के लिए “लेकिन हम ये सब करेंगे कहाँ” आख़िर योगेश तैयार होते हुए बोला
योगेश के हाँ करते ही ज्योति का चेहरा खिल उठा था उसने योगेश को ज़ोर से अपने गले लगा लिया और बोली “तू उसकी चिंता मत कर रात को सभी के सन एके बाद मैं चाट पर आ जाऊंगी और तुझे एक मिस्काल दे दूँगी टब ही वहाँ आजना फिर हम आज अपनी पहली चुदाई कर ही लेंगे”
तभी नीचे से योगिता की आवाज़ आई खाना ख़ान एके लिए तो वो दोनों ही उठ कर नीचे जाने लगे योगेश अभी भी सोचे जा रही था की किस्मत के भी क्या खेल होते है कहाँ तो कुछ दिन तक उसे नंगी लड़की भी देखने को नहीं मिलती थी और कहाँ पिछले कुछ ही दीनों में वो दो चुत और दो गांड की सील तोड़ चुका है और अब उसकी चाची जैसा मस्त माल उसे चोदने को मिलने वाला है ‘बस्टर्द’ उसने अपने आपको ही गली दी और सीडियान उतरने लगा………..
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सभी लोग नीचे डाइनिंग हॉल में टेबल पर बैठे हुए थे और खाना कहा रहे थे ज्योति चाची और योगेश दोनों ही बहुत एक्शैटेड थे अपनी पहली चुदाई को लेकर और उनका रोमांच लगातार बढ़ता ही जा रही था दोनों अगल बगल में बैठे हुए थे इस लिए ज्योति रही रहकर योगेश के साथ छेड़कनी किए जा रही थी अभी भी उसका एक हाथ योगेश का मोटा लंड कपड़ों के ऊपर से पकड़े हुए था और वो योगेश के लंड को मसले जा रही थी योगेश को सबकी मौजूदगी में ज्योति के ऐसे करने से बहुत डर लग रहा था लेकिन वो ज्योति से कुछ बोल भी नहीं सकता था लेकिन उसने एक दो बार ज्योति का हाथ हटाने की कोशिश जरूर की ही मगर ज्योति कहाँ मानने वाली थी आख़िर आज उसकी बहुत दीनों की इच्छा जो पूरी होने वाली थी उधर सभी लोग बातें करते हुए खाना खाने में व्यस्त थे और इधर ज्योति मस्ती करने में और योगेश उसे झेलने में लगा हुआ था तभी एकाएक ज्योति ने अपना हाथ योगेश के लोवर के अंदर घुसा दिया और उसके नंगे लंड के सुपाडे के छेद पर अपनी एक उंगली घूमने लगी अचानक हुए इस हमले से योगेश बौखला गया और उसके मुंह से एक लंबी ‘आहह…..’ निकल गई योगेश की आ सुनकर सभी लोगों ने उसकी तरफ देखा अबतक थोड़ी देर के लिए ज्योति के हाथ की हरकतें भी रुक गई थी
“क्या हुआ योगेश ऐसे आहें क्यों भर रहे हो” नीरज चाचा बोले
“कुछ नहीं हुआ चाचाजी एक चिंटी ने काट लिया था इसीलिए आ निकल गई” योगेश बात संभालते हुए बोला
“अब तो सब ठीक है ना भैया, ज्यादा दर्द तो नहीं हो रहा” योगिता केर दिखाते हुए बोली
“नहीं नहीं अब सब ठीक है आप लोग खाना खाओ” योगश् बोला
सब लोग फिर से खाने में बिज़ी हो गये थे और ज्योति का हाथ फिर से अपना काम शुरू कर चुका था अब योगेश भी ज्योति से बदला निकालने की सोच रहा था लेकिन अपने अंदर इतनी हिम्मत नहीं जुटा पा रहा था जबकि उसकी चाची उससे चुदाई करने का वादा कर चुकी थी फिर भी उसकी हिम्मत नहीं हो रही थी अपनी चाची के शरीर को टच करने की अब ज्योति ने योगेश के लंड को सहलाना छोडकर उसकी मूठ मरने लगी थी योगेश को अब डर के साथ साथ मजा भी आने लगा था लेकिन उसे लगा की यदि वो यहीं सबके सामने झड़ने लगा तो शायद उसके मुंह से फिर आहें निकालने लगेगी और उसे फिर कोई बहाना बनाना पड़ेगा इस लिए उसने मजबूती के साथ ज्योति का हाथ पकड़ कर उसे रोक दिया उसके ऐसा करते ही ज्योति ने उसकी ओर देखा तो योगेश ने बिना उसकी ओर देखे ना में गर्दन हिला दी लेकिन वो दोनों ही ये बात नोट नहीं कर पाए की किसी ने उनकी ये हरकत देख ली है और उसका ध्यान अब पूरी तरह से उन दोनों पर ही है अब ज्योति ने अपना हाथ योगेश के लोवर से बाहर निकल लिया और योगेश को दिखाते हुए हाथ पर लगे योगेश के प्रेकुं को चाटने लगी इस हरकत को उन पर ध्यान रखे शख्स ने भी देखा और वो भी सोच में पड़ गया की ये क्या हो रहा है लेकिन वो इतना अंदाज नहीं लगा पाया की ज्योति के हाथ पर क्या लगा है जिसे वो चाट रही है उसने सोच लिया की अब तो इन दोनों पर नज़र रखनी ही पड़ेगी
थोड़ी देर में सभी लोग खाना कहा कर हॉल में आ गये थे थोड़ी देर तक इधर उधर की बातें चलती रही फिर पूजा और योगिता किचन की सफाई करने चली गई नीरज भी एबेस वन के लिए जाने लगा था तो ज्योति योगेश से बोली “चलो योगेश थोड़ा टहल कर आते है”
ज्योति की बात सुनकर योगेश खड़ा हुआ और नीरज से बोला “चलिए चाचाजी आप भी हमारे साथ चलिए”
“नहीं भाई मुझे नहीं जाना, वैसे भी सफ़र की थकान अभी उतरी नहीं है और वैसे भी मुंबई जैसी जगह में काम की वजह से ज्यादा सोने को भी नहीं मिलता था इस लिए मैं तो बस अच्छे से सोना चाहता हूँ तुम लोग आ जाओ टहल कर मैं तो चला अपने रूम में” कह कर नीरज अपने रूम में चला गया
“तो फिर चले” योगेश ज्योति से बोला
“अभी रुको मैं बस 2 मिनट में आती हूँ” कह कर ज्योति रूम में गई और अपनी कुरती उतार कर सलवार के ऊपर एक ढीला सा टॉप पहन कर बाहर आगाई और वो दोनों टहलने के लिए निकल पड़े शहर छोटा होने के कारण अब सड़कों पर इक्का दुक्का लोग ही नज़र आरहे थे उनमें कुछ इन्हीं की तरह नाइट वॉक करने वाले थे तभी ज्योति ने योगेश का हाथ पकड़ लिया और उसका हाथ पकड़ कर चलने लगी उसके ऐसा करते ही योगेश ने उसकी ओर देखा और उसका हाथ दबा कर मुस्करा दिया
“तो योगेश तुम ने आज तक चुदाई का मजा नहीं लिया है, लेकिन पॉर्न फिल्में तो देखी ही होगी क्या अच्छा लगता है तुम्हें एक औरत के बदन में” ज्योति बोली
“मुझे एक सेक्सी औरत के बदन में उसके सभी अंग अच्छे लगते है” योगेश बोला
“लेकिन कोई खास जगह तो होगी जो तुम्हें औरत की ओर सबसे पहले आकर्षित करती होगी” ज्योति बोली
“हाँ वो है ना, मुझे औरत के शरीर में उसकी गान्ड वाला हिस्सा सबसे अच्छा लगता है उसके बाद उसके बूब्स है जो मुझे अच्छे लगते है” योगेश बोला
“और चुत के बारे में तुम्हारा क्या ख्याल है” ज्योति मुस्कुराते हुए बोली
“वो तो सबसे अच्छी जगह है वहीं तो लुंडो को आराम मिलता है लेकिन वो तो इतने पर्दो में रहती है किन अजर ही नहीं आती इसी लिए एक मर्द औरत में सिर्फ़ गांड और बस की वजह से ही आकर्षित होता है” योगेश बोला
“ बहुत जानते हो तुम औरत के बारे में मुझे तो लगता है की तुम पहले भी चुदाई कर चुके हो लेकिन मुझसे झूठ बोल रहे हो” ज्योति उससे चिपक कर उसकी कमर में हाथ डाल कर चलती हुई बोली
“नहीं चाची ऐसी कोई बात नहीं है वो तो ब्लू फिल्म देख देख कर ही मैं इतना सीखा हूँ” योगेश ने जवाब दिया ज्योति के इस तरह छिपकने से वो अपनी पसलियों पर ज्योति के बूब्स की सख्ती को योगेश अच्छे से महसूस कर रहा था अब उसने भी थोड़ी हिम्मत दिखाई और अपना हाथ ज्योति के भारी नितंबों पर ले आया और उसकी गांड की दरार को सहलाने लगा
कुछ दे रेज़ ही चलने के बाद वो के छोटे से पार्क में पहुँच गये वहाँ बहुत सी बेंच लगी थी लेकिन वहाँ अभी दूसरा कोई नहीं था वो दोनों ही अंधेरे में एक बेंच पर बैठ गये थे ज्योति योगेश से एकदम सात कर बैठी थी योगेश उसके शरीर की मादक खुशबू से मस्त हुए जा रही था इसी मस्ती में उसने ज्योति की एक चूची को दबाना शुरू कर दिया था ज्योति भी उसे ऐसा करते देख अपने आपको रोक नहीं पाई और वो भी योगेश के लंड को मसलते हुए उसके होठों को किस करने लगी थोड़ी ही देर में दोनों ही बहुत गरम हो गये थे दोनों की सांसें धौकनी की तरह चल रही थी योगेश अब ज़ोर ज़ोर से ज्योति के बूब्स मसलने लगा था और उधर ज्योति भी योगेश के लोवर के अंदर हाथ डाल कर जंगलियो की तरह योगेश के लंड को उमेत और खींच रही थी योगेश भी उसकी इस हरकत से ताव में आ गया और उसने भी ज्योति की सलवार में हाथ घुसेड़ दिया और उसकी चुत को मुट्ठी में भर कर भींचने लगा ज्योति के सारे बदन में चिंतिया सी रेंगने लगी थी अपने भतीजे के साथ ये सब करने के रोमांच से वो पागल सी हो रही थी अब तक उसकी चुत भाल भाल कर के पानी छोडने लगी थी तभी योगेश ने उसकी चुत को अपनी मुट्ठी से आज़ाद किया और अपनी चाची की पनियाई हुई चुत में ‘खच्छ…’ से दो उंगलियां घुसेड़ दी “आहह……हुउंम….” योगेश के ऐसा करते ही ज्योति सिसकियां भरने लगी और ज़ोर ज़ोर से योगेश की मूठ मरने लगी अब योगेश से रहा नहीं गया तो वो बोला “चलो चाची उस झड़ी के पास चलते है वहाँ अंधेरा भी है कोई हमें देख भी नहीं पाएगा अब मुझसे सहन नहीं हो रहा है”
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“नहीं योगेश यहाँ ये सब करना ठीक नहीं है चलो हम घर ही चलते है”कह कर ज्योति खड़ी हो गई आग तो उसके बदन में भी बहुत लगी थी लेकिन उसे खुलेआम ये सब करना मंजूर नहीं था योगेश भी उसके उठहते ही खड़ा हो गया और दोनों जल्दी जल्दी चलते हुए घर आ गये
अब तक पूजा और योगिता भी किचन का काम खत्म करके हॉल में आगाई थी योगेश और ज्योति भी उनके पास जाकर बैठ गये और उनमें बातें होने लगी कुछ देर बाद पूजा किचन में गई और उसने वहाँ से आवाज़ लगाई “भैया ज़रा यहाँ आना मुझसे ये डिब्बा रखा नहीं जा रही है”
योगेश उठा और अंदर चला गया जैसे ही योगेश पूजा के पास पहुँचा पूजा उससे लिपट कर उसका लंड सहलाने लगी उसे ऐसा करते देख योगेश घबरा गया और उसे अपने से अलग करते हुए बोला “तू पागल तो नहीं हो गई है अगर चाची ने देख लिया तो लेने के देने पड़ जाएँगे”
“तो भैया क्या अब हमें चुदाई के बगैर ही रहना पड़ेगा” पूजा उदास लहजे में बोली
“तू ज़रा सब्र रख मैं जल्दी ही कुछ इंतजाम कर लूँगा, अब बाहर चल” ये कह कर योगेश हॉल में आ गया और वहाँ आते ही बोला “अब मुझे तो नींद आ रही है मैं तो चला अपने रूम में अब सुबह मिलते है”
“नींद तो मुझे भी आ रही है, लेकिन तुम्हारे चाचा खुर्रटे बहुत भरते है इसलिए मुझे तो उनके साथ अच्छे से नींद नहीं आएगी अगर तुम मेरे लिए कोई दूसरा रूम सेट कर दो तो बड़ा अच्छा हो जाए” चाची योगेश से बोली
“रूम सेट करने की क्या बात है मनीषा और माधुरी का रूम भी तो खाली ही पड़ा है अभी तो आप उंमेसए किसी के भी रूम में सो जाओ, क्यों योगिता ठीक है ना” योगेश बोला
“हाँ चाची आप मधु दीदी के रूम में सो जाओ क्यों की टीना दीदी भी आ रही है और वो तो मनीषा दीदी के साथ ही रहती है इसलिए मधु दीदी के रूम में आपको कोई परेशानी नहीं होगी” योगिता बोली
फिर सभी लोग चाचा को गुड नाइट बोल कर ऊपर आए और एक दूसरे को गुड नाइट बोल कर अपने अपने रूम में बंद हो गये
योगेश अब बड़ी बेसब्री से अपनी चाची के मिस कॉल का इंतजार करने लगा था…… रात के 12 बज चुके थे अभी तक चाची का मिस कॉल नहीं आया था अब योगेश परेशान हो चुका था की अभी तक चाची का मिस कॉल क्यों नहीं आया जब की ये मिस कॉल तो बहुत पहले आजना चाहिए था क्योंकि वो सभी लोग लगभग 10.30 पर ही ऊपर आचुके थे पार्क में हुई घटना से पहले ही वो बहुत गरम हो चुका था इसलिए उसका लंड आज चुत के लिए सच में बहुत तड़प रहा था उसने थोड़ी देर और इंतजार करने किया सोचा और फिर से अपनी चाची की चुत के बारे में सोचने लगा
उधर चाची ज्योति भी बहुत एक्शैटेड थी योगेश से चुदवाने के लिए और वो भी बहुत पहले ही योगेश को मिस कॉल करने वाली थी लेकिन पता नहीं उसके दिमाग में क्या आया की वो उठ कर रूम से बाहर आगाई और सबके रूम चेक करने लगी इस चेकिंग में उसे पूजा और योगिता के रूम की लाइट जलते हुए दिखी और वो समझ गई की वो दोनों अभी सोई नहीं है और वो अंदर जाकर उनके सोने का इंतजार करने लगी उसे पता था की इन लड़कियों के सामने उसे रिस्क नहीं लेना है इसलिए वो शॅंटी से उनके रूम की लाइट बंद होने का इंतजार करने लगी लेकिन उसे योगेश की भी च्ीिंता थी की वो पता नहीं क्या सोच रहा होगा शायद वो उसके लेट होने की वजह से सो ना जाए लेकिन ज्योति कर भी क्या सकती थी वो मान ही मान उन दोनों बहनों को गली बकते हुए अपना टाइम पास करने लगी
उधर पूजा जो की अपनी चाची और अपने भाई के इशारे देख कर पहले ही उन पर शक कर चुकी थी को अभी तक नींद नहीं आई थी और ना ही वो अभी तक सोने की सोच रही थी उसे सिर्फ़ इतना पता था की उसे आज की रात इन दोनों की निगरानी करनी है की कहीं ये रात को कोई गुल ना खिलाए उसने अभी तक योगिता को इस बारे में कुछ नहीं बताया था ओ उसे कुछ बताना भी नहीं चाहती थी क्योंकि वो नहीं चाहती थी की योगरष उसके सिवाय किसी और के सामने झुके इसलिए वो योगिता से इधर उधर की बातें करती रही और उसके सोने का इंतजार करते रही जैसे ही योगिता नींद के आगोश में सआंटी गई पूजा झट से उतही और अपने रूम का लाइट बंद करके दरवाजा को थोड़ा सा खोल कर झिर्री बना कर बाहर की ओर देखने लगी चूँकि यदि चाची को योगेश के रूम में या योगेश को चाची रूम में जाना होता तो उन्हें वहीं से गुजरना होता इसलिए इसी उम्मीद में पूजा घाट लगाए वहीं बैठे हुए थी
रात के लगभग 12.30 पर योगेश का मोबाइल तर्रा उठा क्यों की वो अभी वैयब्रेटिओं मोड पर था योगेश ने जैसे ही मोबाइल उठाया उसका क्नप्णा बंद हो गया वो समझ गया की ये उसकी चाची का मिस कॉल था फिर भी उसने नंबर चेक किया तो ये चाची का ही नंबर था ओ उठा और धीरे से दरवाजा खोल कर बाहर झनकने लगा तभी चाची रूम से बाहर निकली और इधर उधर चेक करके चाट की सीडियान चढ़ने लगी पूजा अपने दरवाजे की झिर्री से सब कुछ देख रही थी उधर योगेश भी चाची के सीडियान चढ़ जाने के बाद चाट की ओर तरफ गया और चाची के पीछे पीछे ही चाट पर पहुँच गया उसने इधर उधर नज़र दौड़ाई लेकिन उसे चाची कहीं नज़र नहीं आई तभी उसे स्टोर रूम का ख्याल आया और वो उसकी ओर चल पड़ा स्टोर रूम में घर की पुरानी चीज़े पड़ी थी और वो हमेशा अनलॉक्ड ही रहता था उसने स्टोर रूम में झाँक कर देखा चाची वहीं खड़ी हुई थी और उसे देख कर मुस्करा रही थी वो आगे बढ़ा और दरवाजा भिड़ा दिया क्यों की उसे अभी किसी के भी वहाँ आने की उम्मीद नहीं थी लेकिन उसे क्या पता था की पूजा भी उसके पीछे पीछे ऊपर आचुकी थी और उसे स्टोर रूम घुसते हुए देख चुकी थी पूजा को अभी भी यकीन नहीं आ रहा था की सच में उसका भाई अपनी ही चाची को चोदने के लिए मारा जा रही है उसने दरवाजे की झिर्री में आँख लगा दी और अंदर चल रहे तमाशे को देखने लगी चूँकि अंदर लाइट जल रही थी इस लिए उसे देखने में कोई परेशानी नहीं हो रही थी
ज्योति एक छोटी सी नाइटी में थी जो बड़ी मुश्किल से उसके कुल्हो को ही ढँक पा रही थी उसने अंदर कुछ भी नहीं पहना था योगेश भी सिर्फ़ एक बॉक्सर और सेंड़ो में था उसने भी बॉक्सर के नीचे कुछ नहीं पहना था जैसे ही वो ज्योति के पास पहुँचा ज्योति ने एक झटके में हुक खोल कर नाइटी से छुटकारा पा लिया अब नाइटी उसके पैरों के पास पड़ी थी और उसके बारे बारे बूब्स खुली हवा में सांस लेते हुए योगेश को अपनी ओर आमंत्रित कर रहे थे उसका सपाट पेट और गहरी नाभि उसकी केले के तनो जैसी चिकनी गोरी टांगों के बीच फूली हुई चुत जिस पर बालों का नामोनिशान तक नहीं था योगेश के होश उड़ाए दे रही थी उसका मुंह अपनी चाची के हाहकारी हुस्न को देख कर खुला ही रही गया उसे ऐसा लग रहा था जैसे मल्लिका शहरावट ही उसके सामने नंगी खड़ी हो वो अपने सच चुके होठों पर जीभ फिरा कर उन्हें नाम करने की नाकाम कोशिश करने लगा लेकिन उसके होंठ बार बार सुख़्ते जा रहे थे उसने अपनी चाची के बदन के बारे में ऐसा तो कभी भी नहीं सोचा था की वो इतना कातिलाना होगा दो जवान बच्चों की मां और उमर भी 38 की लेकिन बदन में कमसिनता 23 साल की लड़की जैसी ‘वाह’ उसके मुंह से अनायास ही निकल गया
“अब ऐसे खड़े खड़े घूरते ही रहोगे या कुछ करोगे भी, वैसे भी मैं पहले से ही बहुत गरम हूँ मुझे तुम्हारे लंड के अलावा अभी इस दुनिया में कुछ भी प्यारा नहीं रहा इसलिए देर ना करो ओए अपने लंड के दर्शन करा के उसे झट से मेरी प्यासी चुत में पेल कर उसकी प्यास बुझा दो” ज्योति कामुक निगाहों से योगेश को निहारते हुए बोली
अपनी चाची की बात सुनकर योगेश भी अपने कपड़ों से आज़ाद हो गया और उसका राक्षशो जैसा विकराल लंड टन कर उसके पेट से जा लगा
“हें कितना प्यारा है ये खिलौना लेकिन आज तक मैंने जितनी भी लंड लिए है ये उन सब से लंबा और मोटा है मुझे तो लगता है की ये मेरी चुत ही फाड़ देगा, लेकिन कोई बात नहीं आज मुझे अपनी चुत की ज़रा भी परवाह नहीं है” कहते हुए ज्योति चाची योगेश के सामने घुटनों के बाल बैठ गई और उसके लंड को अपनी मुट्ठी में भर कर उसका नाप तोल करने लगी योगेश भी अपनी चाची के हाथ अपने लंड पर महसूस करके मस्त हो गया और उसके लंड ने अपनी दो बंद बाहर निकल दी योगेश के लंड पर प्री कम की बूंदें देख कर ज्योति से रहा नहीं गया और उसने झट से अपनी जीभ लंड के सुपाडे पर लगा दी और योगेश के पानी को चाटने लगी “वाउ क्या टेस्ट है आज तक किसी भी लंड का टेस्ट मुझे इतना अच्छा नहीं लगा” ज्योति चटखारे लेते हुए बोली अब योगेश भी मस्ती में आ गया था उसने ज्योति का सर अपने लंड पर दबा दिया और बोला “चाची इसे मुंह में लो ना”
ये साला है बड़ी किस्मत वाला है – 48
 
ये साला है बड़ी किस्मत वाला है – 49
योगेश की बात सुन कर ज्योति ने अब उसके विकराल लंड को मुंह में भरना शुरू कर दिया बरसों के एक्षपिरिएन्स के कारण उसे ज्यादा तकलीफ नहीं हुई लंड को मुंह में भरने में लेकिन इस चक्कर में उसकी आंखों में आँसू जरूर आ गये अब धीरे धीरे वो लंड को अपने मुंह में आगे पीछे करने लगी थी योगेश ने मस्ती में अपनी आंखें बंद करली थी उधर पूजा भी अंदर का इतना गरम सीन देख कर मस्त हो गैट ही उसे लग रहा था की चाची की जगह वो ही थी इस ख्याल से उसकी चुत पानी पानी हो चुकी थी उसने भी अब अपने लोवर के अंदर अपनी पैंटी में हाथ डाल दिया था और अपनी चुत को सहलाने लगी थी इधर योगेश अब धीरे धीरे ज्योति के सर को अपने हाथों में दबाए उसके मुंह को चोदने लगा था कुछ देर बाद ज्योति को होश आया तो उसने झट से योगेश का लंड अपने मुंह से बाहर निकल दिया उसके ऐसा करते ही योगेश ने सवालिया नज़रो से उसकी ओर देखा जैसे पूछ रहा हो की लंड को बाहर क्यों निकल दिया ज्योति भी उसके चेहरे के भाव समझती हुई बोली “योगेश हमारे पास टाइम कम है अगर तुम ऐसे ही झाड़ गये तो फिर मेरी चुत का क्या होगा इसे तो आज किसी भी कीमत पर तुम्हारा लंड चाहिए ही चाहिए इसलिए मैंने तुम्हारा लंड बाहर बाहर निकल दिया है अब तुम मेरी चुत की प्यास बुझा दो”
“नहीं जान अभी तो मुझे तुम्हारी चुत का रस पीना है और मेरी इच्छा तो तुम्हारी चुत से पहले तुम्हारी गांड मरने की है” योगेश अपनी औकात पर आते हुए बोला
“नहीं योगेश भले ही मैं शादी शुदा हूँ लेकिन मेरी गांड अभी तक कुंवारी है इसलिए मुझसे ऐसा नहीं होगा मैं तुम्हें बस अपनी चुत मरने की ही इजाज़त दे सकती हग और मराई मुझसे नहीं होगी” ज्योति घबरा कर बोली
“तो ठीक है मैं तुम्हारी चुत को भी भूल जाता हूँ” कहकर योगेश अपने कपड़े उतहाने लगा
योगेश की हरकत देख कर ज्योति को ऐसा लगा जैसे किसी ने उसकी भीगी चुत को सूखे कपड़े से पूछ दिया हो उसकी चुत अँगारे बरसा रही थी और योगेश उसे छोड कर जा रही है उसका दिमाग खराब हो चुका था अगर कोई दूसरा मौका होता तो शायद वो योगेश की मां बहन एक कर देती लेकिन अभी ये सब करना खुद उसके लिए ही अच्छा नहीं था इसलिए वो लपक कर योगेश के पास पहुँची और उसका हाथ पकड़ कर बोली “ये सब क्या है, तुम कहाँ जा रहे हो”
“चाची सिंपल सी बात है मैं आपकी गांड में ज्यादा इंट्रेस्टेड हूँ और ये मैं आपको पहले भी बता चुका हूँ बात एकदम साफ है अगर आप मुझे अपनी गांड नहीं दे सकती तो मुझे आपकी चुत भी नहीं चाहिए इसीलिए मैं जा रही हूँ” योगेश बोला
ज्योति समझ गई की योगेश उसकी गांड मारे बिना मानने वाला नहीं है लेकिन अभी ये संभव नहीं तलेकिन अब वो क्या करे ये योगेश तो गीली चुल को पोछने पर आमादा था उसने ट्रांत ही अपनी वाणी को मधुर किया और बारे ही मादक अंदाज में बोली “योगेश मैंने ऐसा कब कहा की मैं तुम्हें अपनी गांड नहीं दूँगी लेकिन अभी ये पॉसिबल नहीं है इसलिए जो सामने है उसी से काम चला लो मैं वादा करती हूँ की अगली बार तुम्हें निराश नहीं करूँगी और तुम जॉब ही कहोगे मैं करूँगी”
“सच में वादा करती हो की अगली बार मेरी बात मानोगे” योगेश ने शर्त रख दी अगली बार के लिए
“हाँ मैं वादा करती हूँ की अगली बार मैं तुम्हारी सब बातें मानूँगी लेकिन अभी तुम मेरी बात मान लो प्लीज़” ज्योति बड़ी कामुक निगाहों से योगेश को देखती हुई बोली
अब योगेश का भी गुस्सा उतार चुका था क्योंकि वो भी जनता था की गांड मरवाना कोई खेल नहीं है इसलिए वो भी राज़ी हो गया लेकिन कुछ देर पहले उसने अपनी चाची की चुत चाटने का जो प्रोग्राम बनाया था वो अब उसे ठीक नहीं लगा उसे पता था की उसकी चाची की चुत वैसे भी फैली हुई होगी और यदि वो उसे चतेगा और चुसेगा तो वो और भी चिकनी हो जाएगी इसलिए उसने अब चुत में सीधे लंड ही घुड़ेड़ने की तन लिट ही
“ठीक है अब लेट जाऊं मैं भी पहले से ही गरम हूँ कही तुम्हारा हुस्न देख कर ही ना झाड़ जाऊं” योगेश बोला
ज्योति को तो जैसे खजाना मिल गया हो योगेश की बात सुनकर वो झट से नंगे फर्श पर लेट गई और अपनी टाँगे चौड़ी कर ली ऐसा करने से उसकी चुत पूरी तरह से खुल कर बाहर आगाई थी अपनी चाची की चुत देख कर पूजा भी हैरान हो गई और योगेश तो जैसे पागल ही हो गया था क्या चुत थी उसकी किसी नाव विवाहिता की भी ऐसी नहीं होती जब की उनकी चाची तो दो जवान बच्चों की मां थी फिर भी इतनी कसी हुई छुउऊउउट वो दोनों भाई बहन अभी यही सोच रहे थे की चाची बोली “ले अब डाल दे”
अपनी चाची के मुंह से ये सुनकर योगेश ने अपनी पोज़ीशन ली और अपना लंड अपनी चाची की चुत के मुंह से टीका दिया ज्योति ने मस्ती के मारे आंखें बंद करली और पूजा ने दरवाजे के बाहर अपनी चुत में उंगली घुसेड़ ली तभी सारा वातावरण ‘आहह…माररररर…गैइइ……रीए…..” की आवाज़ से गूँज गया भले ही ज्योति की चुत फैली हुई थी लेकिन योगेश का लंड भी बहुत मोटा था उसके लंड ने ज्योति की चुत की चुले हिला के रख दी थी एक ही धक्के में योगेश का लगभग पूरा ही लंड ज्योति की चुत में घुस चुका था अब योगेश ज्योति की चीखो का कोई लिहाज नहीं कर रहा था और गछगच्छ धक्के लगाए जा रही था ज्योति भी थोड़ी देर तक दर्द सहने के बॅया द अब मस्त हो गई थी और अब मस्ती में आहें भरने लगी थी उधर पूजा भी सतसट अपनी चुत में उंगली अंदर बाहर कर रही थी चूँकि दोनों ही चाची भतीजा पहले से ही गरम थे इसलिए दोनों ही लगभग साथ में ही झाड़ गये जबकि पूजा उनके झड़ने के कुछ देर बाद झड़ी थी अब दोनों ही चाची भतीजा झड़ने के बाद लंबी लंबी सांसें ले रहे थे और अपने आपको संभाल रहे थे अभी दोनों पूरी तरह ठंडे भी नहीं हुए थे की ‘धड़क’ की आवाज़ के साथ दरवाजा दीवार से टकराया दरवाजे के दीवार के साथ टकराते ही उन दोनों की नज़रे दरवाजे की ओर गयी और वहीं टिक गई दोनों ही पूजा को वहाँ देख कर शर्म से पानी पानी हो गये योगेश तो फिर भी जनता था की वो कैसे भी पूजा को मना लेगा लेकिन ज्योति ने शर्म के मारे अपनी नज़रे झुका लिट ही तब जैसे ही योगेश की नज़रे पूजा से मिली पूजा ने झट से योगेश को आँख मर दी आयार गुस्से से बोली “ये क्या तमाशा बना र्खहा है तुम दोनों ने इस रिश्ते काअ……..
“क्या मज़ाक बना रखा है तुम दोनों ने इस रिश्ते का” पूजा की आवाज़ हथौड़े की तरह उन दोनों के कानों से टकराई थी योदेश तो पहले ही पूजा की आँख मरने से रिलॅक्स हो चुका था लेकिन ज्योति की तो हालत ही पतली हो चुकी थी उसे ऐसा लग रहा था जैसे उसे सारे आम नंगा कर दिया गया हो वो उसी तरह नंगी बैठी थी और भी उसकी आंखों से आँसू निकालने लगे थे उसकी गर्दन अभी भी नीचे झुकी हुई थी और होंठ काप रहे थे उससे कुछ भी बोलते नहीं बन रहा था पूजा ज्योति की ऐसी हालत देख कर मान ही मान खुश हो रही थी
“धिक्कार है तुम दोनों पर जो अपने पवित्र रिश्ते की मर्यादा को भूल गये चाची भी आख़िर मां जैसी होती है और मां बेटा आपस में ये सब कैसे कर सकते है, योगेश की चोदा अभी वो छोटा है और उसकी उमर में इन सब के लिए उत्सुकता रहती है इस लिए मैं उसकी गलती नहीं मानती लेकिन चाची आप तो बड़ी है आपने तो कुछ सोचना था ओ आपका बेटा है आपने उसके साथ संबंध कैसे बना लिए क्या आप अपने बेटे निर्मल के साथ भी ये सब कर सकती है, बोलिए चाची मुझे जवाब दीजिए” पूजा ने और दबाव डाला
ज्योति की हालत बहुत खराब हो चुकी थी ऊपर से पूजा के इस भाषण ने तो उसका बच्चा खुचा दम भी निकल दिया था अब उसके आँसू रुकने का नाम ही नहीं ले रहे थे और वो हिचकिया ले ले कर रोने लगी उसकी ऐसी हालत देख कर योगेश ने पूजा चुप रहने का इशारा किया और बोला “हमें माफ कर दो पूजा सचमुच हमसे बहुत बड़ी गलती हो गई है लेकिन हम कर भी क्या सकते थे चाची को चाचा से ये सुख नहीं मिल रहा था और मेरे बारे में तो तुम जानती ही हो की मेरे लिए ये सब सपने जैसा ही है इस लिए अपनी मजबूरियों के चलते हम बहक गये थे लेकिन मैं वादा करता हूँ की आगे से ऐसा फिर कभी नहीं होगा, प्लीज़ पूजा जॉब ही तुमने यहाँ देखा है वो किसी को भी नहीं बताना वरना हम किसी को भी मुंह दिखाने के लायक नहीं रही जाएँगे” योगेश ने गजब की ऐक्टिंग करते हुए अपनी आवाज़ को रुआंसी बना लिया था
“मैं इतनी पागल नहीं हूँ जो ये बात सबको बताते फिरू मुझे भी पता है की ये कितनी खतरनाक बात है अगर ये बात मेरे मुंह से निकल गई तो तुम दोनों की ही जिंदगी खराब हो जाएगी इसलिए मैं शांत रहूंगी लेकिन तुम लोग भी अपनी करनी के बारे में सोचो चाची आप भी अपने कपड़े पहन लो हम कल इस बारे में बात करते है अब मैं चलती हूँ” कहते हुए पूजा योगेश को आँख मरते हुए नीचे चली गई
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“चाची आप चिंता मत करो मैं उसे संभाल लूँगा” कहते हुए योगेश अपने कपड़े पहनने लगा ज्योति भी अब तक पूजा की बात सुन कर की वो किसी को नहीं बनाएगी काफी हद तक संभाल चुकी थी अब उसने भी अपने कपड़े पहन लिए थे फिर वो दोनों ही आगे पीछे नीचे आ गये और अपने अपने रूम में जाकर सोने लगे लेकिन ज्योति के मान में अभी भी यही चल रहा था की कल पूजा उससे क्या बात करने वाली है और उधर पूजा बहुत खुश थी की अब उसकी चाची उसकी मुट्ठी में है वो जैसे चाहे उसे नाचा सकती है…….
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सुबह 5 बजे से ही घर में हलचल शुरू हो गई थी सभी लोग अभी अभी वापस आ गये थे और सभी एक दूसरे से मिल रहे थे राजेश अपने भाई नीरज और उसकी पत्नी से मिल कर बहुत खुश हुआ था थोड़ी देर तक चाय पीते हुए सभी बातें करने लगे फिर राजेश और मोनिका सन एके लिए अपने रूम में चले गये नीरज और ज्योति भी अपने रूम में जा चुके थे पूजा और योगिता घर के झाड़ू पुन्छे में लगी हुई थी अभी हॉल में योगेश, माधुरी, टीना और मनीषा ही थे सबके जाते ही योगेश माधुरी से ऐसे लिपट गया जैसे दोनों भाई बहन कई सालों बाद मिले हो मनीषा उन्हें ऐसे गले लगे देख मान ही मान कुद रही थी और टीना मंद मंद मुस्करा रही थी वो समझ गई थी के मनीषा सच ही कह रही थी की योगेश और माधुरी आपस में बहुत प्यार करते है और माधुरी के रहते योगेश को पेटीना बहुत मुश्किल है मनीषा ने ये सब देख कर टीना की ओर देखा तो टीना ने उसे आंखों आंखों में ही सांत्वना दी और योगेश से बोली “भाई हमसे भी मिल लो”
योगेश टीना की बात सुनकर माधुरी से अलग हुआ और टीना से बोला “कैसी बात करती हो दीदी आप भी मैं आपसे क्यों नहीं मिलूँगा भला आप तो मेरी प्यारी दीदी है” कह कर योगेश ने हाथ मिलने के लिए हाथ आगे बढ़ाया तो टीना बोली “ये क्या बात हुई प्यारी दीदी भी बोलते हो और रेज़ हाथ मिला कर ही काम चला रहे हो इधर आओ और जैसे माधुरी से मिले थे उसी तरह मुझसे भी मिलो”
टीना की बात सुनकर योगेश थोड़ा शर्आंटी गया भले ही वो टीना से बहुत इंपरेसड था लेकिन उसके गले लगने की बात सुन कर उसकी हिम्मत ही नहीं हुई
“ऐसे क्या शर्आंटी रहा है माधुरी से तो बारे प्यार से गले मिल रहा था मैं क्या तेरी बहन नहीं हूँ” कहते हुए टीना ने योगेश का हाथ पकड़ कर खींचा और कस के उससे चिपक गई उसकी बड़ी बड़ी चुचियाँ योगेश के सीने में धँस गैट ही जिन्हें योगेश अच्छे से महसूस कर रहा था और टीना लगातार अपनी गिरफ्त बढ़ाए ही जा रही थी टीना शुरू से ही योगेश की ड्रीम गर्ल थी और कई बार वो टीना के नाम से मूठ मर चुका था और जब आज वो इस तरह से उससे लिपटी हुई थी तो योगेश अपने ऊपर कंट्रोल नहीं रख पाया और उसने भी अपने हाथ टीना की पीठ पर ले जाकर उसे अपने सीने में भिच लिया और उसकी पीठ पर अपने हाथ फिरने लगा जिससे टीना भी मस्त होने लगी थी और योगेश का लंड भी टाइट हो कर टीना के पेट में उसकी नाभि के पास दस्तक देने लगा था टीना योगेश के लंड की चुभन महसूस करते हुए मस्त हो गई और अपनी कमर आगे धकेल कर उसके लंड से अपना पेट रगड़ने लगी योगेश टीना के ऐसा करते ही चौंक गया उसे समझ नहीं आया की टीना ऐसा जानबूझकर कर रही है या ऐसा धोके में हुआ उन दोनों की हरकत मनीषा बारे ध्यान से देख रही थी और कोई टाइम होता तो वो टीना को नहीं टोकती लेकिन माधुरी के सामने ये सब ठीक नहीं था इसलिए उसे टीना को टोकना ही पड़ा “टीना की बच्ची मैं भी योगेश की बहन हूँ मुझे भी उससे मिलने दे” मनीषा बोली
मनीषा की बात सुनकर टीना होश में आई और योगेश से अलग हो गई तो मनीषा आगे बढ़ी और योगेश का हाथ पकड़ कर बोली “और बता योगेश मेरे ना रहते में तुझे कोई परेशानी तो नहीं हुई किसी ने तुझे परेशान तो नहीं किया ना”
“नहीं दीदी मुझे कोई परेशानी नहीं हुई और सभी ने मेरा बहुत ध्यान रखा” योगेश भी मुस्कुराते हुए बोला
“चल ठीक है अब मैं अपने रूम में जाकर नींद पूरी करती हूँ ट्रेन में ठीक तरह से नींद नहीं ले पाई, चल टीना ऊपर चलते है” कहकर मनीषा ऊपर जाने लगी
“ठीक है योगेश कुछ देर बाद मिलते है बहुत बातें करनी मुझे तुझसे” कहकर टीना भी मनीषा के पीछे हो ली
उन दोनों के जाने के बाद माधुरी और योगेश ही हॉल में रही गये थे और दोनों ही एक दूसरे की ओर देख कर मुस्करा रहे थे “और बताओ डार्लिंग वहाँ मेरी याद आई की नहीं”योगेश बोला
“तुझे पता है की मैं घर में भी तेरे बिना नहीं रही सकती तब तू ही सोच की वहाँ मेरी हालत क्या हुई होगी लेकिन मुझे तेरे चेहरे से ऐसा नहीं लग रहा है की तूने मुझे मिस किया होगा” माधुरी बोली
“तुम पागल हो क्या बचपन से ही मैं तुम्हारे बिना नहीं रही पता हूँ और भी तो तुम मेरी बहन होने के साथ कुछ और भी हो गई हो अब तुम ही सोचो की तुम्हारे बिना ये दिन मैंने कैसे कटे होंगे” योगेश बोला
योगेश की बात सुनकर माधुरी शर्आंटी गई और बारे ही प्यार से योगेश की ओर देखने लगी योगेश भी अपनी आंखों में दुनिया भर का प्यार समेटे उसे देखे जा रही था तभी उसे माधुरी की बात याद आई तो वो बोला “तुम्हें अपना वादा याद है ना की वापस आकर तुमने मुझे क्या गिफ्ट देना था”
एक बार फिर माधुरी शर्आंटी गई और बोली “मुझे याद है लेकिन तुम ही बताओ की इतनी भीड़ में और वो भी मनीषा के होते ये कैसे पॉसिबल हो पाएगा और अब तो टीना भी आई हुई है लगता है हमें अब बहुत इंतजार करना होगा” माधुरी की आवाज़ में एक हल्की सी उदासी थी
“तुम चिंता मत करो मैं करता हूँ कुछ इस बारे में” योगेश कुछ सोचते हुए बोला
“ठीक है अब मैं चलती हूँ मुझे भी जोरों की नींद आ रही है” कहते हुए माधुरी उठ गई और अपने रूम की ओर चल दी और योगेश इसी उड़ेड़बुन में लग गया की अब आगे क्या किया जाए जिससे वो माधुरी की चुत जल्दी से जल्दी पा सके……….
दोपहर के 12 बज चुके थे और सभी लोग डाइनिंग टेबल पर ख़ान एके लिए बैठे हुए थे मनियस, माधुरी और टीना भी नींद पूरी करके फ्रेश हो चुकी थी पूजा और योगिता सभी को खाना सर्व कर रही थी ज्योति चाची अभी भी पूजा से नज़रे नहीं मिला पा रही थी लेकिन योगेश सवेरे भी उसे तसल्ली दे चुका था की पूजा की चिंता ना करे वो किसी को कुछ नहीं कहेगी लेकिन ज्योति अभी भी संतुष्ट नहीं हुई थी और उसके दिल में डर बना हुआ था
“और सुनाओ नीरज क्या चल रहा है और खबर किए बिना ही कैसे आ गये अगर हमें पता होता की तुम आने वाले हो तो हम जल्दी ही वापस आजाते” राजेश बोले
“भैया सब कुछ इतनी जल्दी हुआ की खबर देने का वक्त ही नहीं था दरअसल मुझे कॉम्पेनी की तरफ से गोआ का हॉलिडे टूर मिला है जिस में चार लोग जा सकते है अब चूँकि निशा और निर्मल गोआ घूम कर आचुके है तो मैंने सोचा की आपको और भाभी को ही साथ ले चले वैसे भी आप लोग कहीं घूमने जाते ही नहीं तो इस बहाने आप लोगों के साथ घूमने और कुछ वक्त बिताने को मिल जाएगा” नीरज चाचा बोले
“नहीं नीरज अभी गाँव में खेतों में बहुत काम है अगर मैं नहीं रहा तो बहुत परेशानी हो जाएगी मैं नहीं चल सकता हाँ तुम चाहो तो अपनी भाभी को ले जा सकते हो, और हाँ ये निशा और निर्मल कहाँ है उनके बारे में तो मैं पूछना ही भूल गया था” राजेश बोले
“भैया निशा और निर्मल शाम तक यहाँ पहुंच जाएँगे आप उनकी सिंता मत कीजिए और चाहे कुछ भी हो जाए आपको हमारे साथ चलना ही होगा वरना आज के बाद हम कभी भी आपके घर नहीं आएँगे, क्यों ज्योति” नीरज बोला
“हाँ भैया हम बड़ी उम्मीद लेकर यहाँ आए है वैसे तो आप लोगों के साथ रही नहीं सकते तो छुट्टियों के बहाने ही सही आप लोगों को हमारे साथ चलना ही होगा” ज्योति ने भी राजेश को मनाया
“लेकिन नीरज तुम समझते क्यों नहीं अगर मैं तुम्हारे साथ चला गया तो खेतों का काम कौन संभालेंगा” राजेश ने अपनी मजबूरी बताई
ये साला है बड़ी किस्मत वाला है – 50
 
ये साला है बड़ी किस्मत वाला है – 51-57
“कौन संभालेंगा मतलब योगेश करेगा आपके सब काम अब वो बच्चा नहीं रहा वो सब काम ठीक से कर लेगा और यदि आप उसे अभी से नहीं सिखाएँगे तो वो कब सीखेगा आप उसे अपने काम के बारे में समझा दीजिए मुझे उम्मीद है की योगेश सब ठीक से कर लेगा और अब मुझे कुछ नहीं सुनना है आपको हमारे साथ चलना ही है” नीरज ने जैसे आख़िरी फैसला सुनाया
राजेश ने नीरज की बातों पर गौर किया तो उसे उसकी बात सही लगी आख़िर योगेश ने ही आगे सब संभालना था और अगर उसे अभी से सब कुछ नहीं सिखाया गया तो वो आगे कैसे सब काम करेगा ये सोच कर राजेश ने भी गोआ जाने का फैसला कर लिया और बोला “तुम ठीक कहते हो नीरज योगेश को अभी से ही सब सीखना होगा, ठीक है हम दोनों भी तुम्हारे साथ गोआ चल रहे है लेकिन जाना कब है”
राजेश की बात सुनकर नीरज बहुत खुश होते हुए बोला “थेन्क यू भैया, कल सवेरे ही निकलना है 8 बजे”
“तो ठीक है, योगेश तुम खाना कहा कर मेरे रूम में चलो मैं तुम्हें सब समझता हूँ” राजेश बोले और फिर सभी खाना खाने में व्यस्त हो गये थे योगेश को ये बहुत सुनहरा मौका लगा माधुरी के साथ समय बिताने के लिए क्योंकि वो जनता था की गाँव में उसके अंकल का खाना वहीं के मजदूर बनाते थे और उसे उनके हाथ का खाना अच्छा नहीं लगता था इसलिए वो माधुरी को खाना बनाने के बहाने अपने साथ ले जा सकता था उसे ये आइडिया बहुत अच्छा लगा अब तो मनीषा भी उसे माधुरी को साथ ले जाने से नहीं रोक सकती थी उधर मनीषा ये सोचकर परेशान हो गई थी की योगेश को गाँव जाना पड़ रहा है अब उसकी और टीना की प्लॅनिंग का क्या होगा
कुछ देर बाद सभी लोग खाना खाकर फ्री हो गये थे और कुछ देर बातें करने के बाद अपने अपने रूम में चले गये थे योगेश अपने अंकल के रूम में था और उनसे खेतों के काम के बारे में समझ रहा था मनीषा और टीना दोनों ही अपने रूम में आकर बेड पर लेती हुई थी तब मनीषा टीना से बोली “यार टीना अपनी प्लॅनिंग की तो बंद बज गई योगेश को तो गाँव जाना पड़ रहा है ऐसे में अपना काम कैसे होगा”
“तो क्या योगेश अब कुछ दिन गाँव में ही रहेगा घर नहीं आएगा” टीना बोली
“कुछ पक्का नहीं है शायद एक दो दिन में आता रहे वो भी रात में लेकिन उससे क्या होगा इतने से वक्त में तो अपना काम नहीं हो सकता ना” मनीषा मायूस होते हुए बोली
“अरे यार मनीषा तू उदास मत हो मैं कोई ना कोई रास्ता निकलती हूँ इस प्राब्लम से बचने का अब ज़रा मुझे सोचने दे” टीना ने उसे दिलासा दी लेकिन वो खुद भी समझ नहीं पा रही थी वो अब क्या करे अगर योगेश पास ही होता तो वो उसे दो दिन में ही तैयार कर लेती लेकिन अब वो क्या करे वो सोचने लगी
उधर योगेश को भी बहुत टाइम लगा अपने अंकल से काम समझने में क्योंकि भले ही वो बहुत बार उनके साथ खेतों में गया था लेकिन उसने सामने रही कर कभी भी काम नहीं करवाया था लेकिन उसे उम्मीद थी की श्यमू काका (उसके अंकल का गाँव वाला नौकर) के साथ मिल कर वो काम कर ही लेगा दोपहर के लगभग 3 बजे उसके अंकल ने उसे छोडा तो वो सीधे अपने रूम में ना जाकर माधुरी के रूम में चला गया बाकी सारे ही अपने अपने रूम में सो रहे थे उसने माधुरी के रूम के दरवाजा को ढकाया तो वो खुल गया माधुरी सोई नहीं थी उसके मान में यही बात चल रही थी की कुछ भी हो योगेश उसके पास जरूर आएगा और उसके मान की बात सच साबित हुई योगेश दरवाजा भिड़ा कर बेड पर लेती हुई माधुरी के पास जाकर बैठ गया चूँकि वैसे भी हमेशा ही जब वो दोनों घर पर होते तो एक दूसरे के रूम में ही होते थे तो किसी के कुछ बोलने का सवाल ही नहीं उठता था योगेश को आया देखकर माधुरी ने उसे एक स्वीट सी स्माइल दी और अपनी आंखें बंद कर ली योगेश ने भी रिप्लाइ किया और मधु की आंखें बंद होते ही उसने झुक कर अपने होंठ उसके होठों से जोड़ दिए और माधुरी को किस करने लगा माधुरी भी योगेश के बाल सहलाते हुए उसका साथ देने लगी थोड़ी देर किस करने के बाद माधुरी ने योगेश को अपने से अलग किया और बोली “बहुत हो गया योगेश अब बंद करो कहीं कोई आ गया तो बखेड़ा मच जाएगा” और उठकर बैठ गई योगेश भी समझता था की मधु सही कह रही है इस लिए उसने भी जिद नहीं की और बेड से उठ कर कुर्सी पर बैठ गया
“तो अब तो तू गाँव चला जाएगा फिर हम कैसे मिलेंगे” माधुरी ने पूछा
“तुम चिंता मत करो दीदी मैंने कहा था ना की मैं कोई ना कोई रास्ता ढूंढ. लूँगा लेकिन लगता है की चाचा तो अपने लिए भगवान बन कर आ गये है उन्होंने तो सारी प्राब्लम ही खत्म कर दी” योगेश बोला
“वो कैसे” माधुरी सीधे होते हुए बोली
“तुम्हें तो पता ही है की मुझे गाँव में मजदूरों के हाथ का बनाया खाना अच्छा नहीं लगता इसलिए अंकल से बोलकर मैं तुम्हें भी अपने साथ ले चलूँगा फिर तो समझो जब तक गाँव में रहेंगे अपना हर दिन दशहरा और रात दीवाली होगी” योगेश ने बताया
“सच” योगेश की बात सुनकर माधुरी से उछाल पड़ी और उसने झट से योगेश की एक किस लेली
“हाँ दीदी मैं सच कह रहा हूँ” योगेश बोला
“लेकिन अगर अंकल मुझे भेजने के लिए नहीं मैंने तो, या फिर उन्होंने तुम्हारे साथ मनीषा को भेज दिया तो” माधुरी ने अपनी चिंता जताई क्योंकि उसके अंकल को उसके और योगेश के बारे में वो खुद ही ट्रेन में बता चुकी थी इसलिए उसे डार्ट हां की शायद अंकल नहीं मानेंगे
“तुम ये सब मुझ पर छोड दो अंकल को मैं मना लूँगा” योगेश बोला फिर थोड़ी देर इधर उधर की बातें करने के बाद योगेश अपने रूम में आ गया
शाम को लगभग 5 बजे फिर सभी लोग चाय के लिए हॉल में इकतारा थे ज्योति अभी तक चिंतित थी की पूजा ने अभी तक उससे बात क्यों नहीं की और उसके मान में क्या चल रहा है एक दो बार उसकी नज़र पूजा से मिली भी तो पूजा ने उसकी ओर देख कर मुस्करा दिया था उधर योगेश सोच रहा था की वो अपने अंकल से माधुरी को गाँव ले जाने के बारे में बात कैसे शुरू करे तभी नीरज चाचा योगेश से बोले “तो योगेश तुम ने भैया से सब समझ लिया है ना, कोई परेशानी तो नहीं होगी तुम्हें”
“जी चाचा सब कुछ समझ लिया है और काम में तो कोई परेशानी नहीं होगी लेकिन एक ही प्राब्लम है की मुझे गाँव का खाना अच्छा नहीं लगता उन मजदूरों को ढंग का खाना बनाना ही नहीं आता” योगेश ने भी मौका देख कर चौका लगा दिया
“अब यार ये प्राब्लम तो तुम्हें ही सॉल्व करनी होगी इसमें मैं कुछ नहीं कर सकता अगर इसका कोई हाल है तो बताओ मुझे मैं कोशिश करता हूँ तुम्हारी मदद करने की” चाचा बोले
“चाचाजी एक हाल तो है जो मैंने सोचा है लेकिन पता नहीं अंकल मानेंगे या नहीं” योगेश बोला
“क्यों नहीं मानेंगे पहले तुम बताओ तो सही” चाचा बोले
“वो क्या है ना की मैं सोच रहा हूँ की मैं अपने साथ माधुरी दीदी को भी गाँव ले जा लू अगर दीदी वहाँ मुझे खाना बना के दे देंगी तो मेरी प्राब्लम ही खत्म हो जाएगी” योगेश बोला
योगेश के मुंह से माधुरी का नाम सुनते ही अंकल के कोन खड़े हो गये वो समझ गये की अब योगेश गांड के बाद माधुरी की चुत भी मारना चाहता है इसीलिए उसने माधुरी का नाम लिया है अपने साथ चलने के लिए वैसे तो ये राजेश के फायदे की ही बात थी लेकिन उसने सोचा की क्यों ना माधुरी से अभी ही कबुलवा लिया जाए और बोला “इसमें ना मानने वाली क्या बात है, तुम ले जॅलो माधुरी को लेकिन पहले माधुरी को वादा करना होगा की वो मेरे साथ भी गाँव जा करेगी खाना बनाना क्योंकि मैं भी मान मर कर ही वहाँ का खाना खाता हूँ, क्यों माधुरी मेरे साथ भी चला करोगी ना गाँव”
माधुरी समझ गई की अंकल अब उसे बगैर चोदे मानने वाले नहीं है ठीक है एक बार योगेश उसकी सील तोड़ दे बाद में अंकल ने कर भी लिया तो क्या फर्क पड़ता है ये सोच कर बोली “अंकल इसमें वादा करने वाली क्या बात है आप करेंगे तो मैं क्यों नहीं चलूंगी”
“ये हुई ना बात, योेश तो बेकार ही परेशान हो रहा था की भैया मानेंगे या नहीं, चलो भाई योगेश अब तुम माधुरी को अपने साथ ले जा सकते हो ठीक” नीरज चाचा बोले
ये साला है बड़ी किस्मत वाला है – 51
ये साला है बड़ी किस्मत वाला है – 52
योगेश ने हाँ में गर्दन हिला दी और मुस्कुराते हुए माधुरी को देखा तो माधुरी ने शर्म से अपनी नज़रे झुका ली योगेश के साथ जाने की बात सुनते ही उसकी चुत में सुरसुरी सी होने लगी थी उधर पूजा और योगिता ये सब सुनकर एक दूसरे की ओर देख कर मुस्करा रही थी और मनीषा तो जल कर रख हो गई थी ‘साली कुतिया हमेशा ही योगेश से चिपकी रहती है’ दिल में ऐसा सोच कर उसने टीना की ओर देखा लेकिन टीना अपनी ही सोचो में गुम थी वो भी इस मौके का फायदा उतहाना चाहती थी क्योंकि उसे पता था की यहाँ भीड़ भाड़ में उसे योगेश को तैयार करने में वक्त लगेगा जब की वहाँ सिर्फ़ माधुरी ही होगी जिससे उसे कोई प्राब्लम नहीं थी क्योंकि वो उसके सामने ही उसके भाई से गांड मरवा चुकी थी इसलिए टीना इतना सोचकर झट से बोली “फुफज़ई क्या मैं भी इन दोनों के साथ गाँव चली जाओ मुझे भी वहाँ गये बहुत दिन हो गये है”
“बेटा तुम वहाँ जाकर क्या करोगी बेकार ही बोर हो जाओगी वहाँ” राजेश बोला वो नहीं चाहता था की योगेश और मधु के प्रोग्राम में कोई दखल हो
“नहीं फुफज़ई मैं बिलकुल भी बोर नहीं होंगी और फिर माधुरी और योगेश भी तो मेरे साथ होंगे ना वहाँ” टीना बोली
“लेकिन बेटी….” राजेश इतना ही कह पाया था की नीरज ने उसकी बात काट दी “जाने दो ना भैया जब बच्ची की इतना इच्छा है तो क्यों रोकते हो उसे”
“लेकिन…” राजेश फिर बोला
“अंकल जाने दीजिए ना उसे भी मैं उसे बोर नहीं होने दूँगी” माधुरी बोली
माधुरी के बोलने के बाद तो कुछ बच्चा ही नहीं था राजेश समझ गया की माधुरी टीना को संभाल लेगी “ठीक लेकिन तुम दोनों ने टीना का ख्याल रखना” राजेश बोला
“जी अंकल हम दोनों इसका पूरा ख्याल रखेंगे” योगेश मारे हुए स्वर में बोला वो टीना के साथ जाने के कारण ज़रा भी खुश नहीं था लेकिन माधुरी के भी हाँ कहने के कारण उसे थोड़ी तसल्ली थी
थोड़ी देर बाद सभी अपने अपने काम में लग गये थे……..रात को खाना खाने के बाद अंकल आंटी और चाचा चाची हॉल में बैठे हुए थे जबकि पूजा माधुरी और योगिता सफाई में लगी हुई थी योगेश अपने रूम में आ गया था और टीना और मनीषा भी अपने रूम में थी चाचा के बच्चे निशा और निर्मल ट्रेन लेट होने की वजह से अभी भी घर नहीं पहुंचे थे लेकिन आने वाले घंटे भर में वो कभी भी घर पहुँच सकते थे
टीना बाथरूम से फ्रेश होकर आचुकी थी और अपनी सोचो में गुम थी की अब उसे आगे क्या करना है उसे सोच में डूबे देख मनीषा से रहा नहीं गया तो वो बोल पड़ी “क्या सोच रही है टीना, और तूने योगेश के साथ गाँव जाने के लिए क्यों बोला”
“तू पूरी पागल है योगेश गाँव में रहेगा और मैं यहाँ तो क्या घंटा उखाड़ लूँगी मैं उसका हाँ वहाँ रहकर जरूर मैं कुछ कर सकती हूँ और वही मैं सोच रही हूँ की अब मुझे आगे क्या करना है” टीना बोली
“लेकिन यार वहाँ माधुरी भी तो होगी तू उसका इलाजज़ कैसे करेगी कुछ सोचा है तूने उसके बारे में” मनीषा ने अपनी चिंता व्यक्त की
“तू माधुरी को भूल जॉ ओ अब मेरा सर दर्द है लेकिन योगेश को कैसे तैयार करना है उसी लाइन पर मुझे सर खपाना है” टीना बोली उसे पता था की चूँकि माधुरी खुद उसके सामने राहुल के साथ सेक्स कर चुकी है तो वो उसे योगेश के साथ भी सेक्स करने से नहीं रोकेगी लेकिन टीना माधुरी और योगेश के संबंधों के बारे में नहीं जानती थी वरना उसे योगेश को कैसे पटाया जाए इस बारे में कुछ भी सोचना नहीं पड़ता था. अब मनीषा भी चुप हो गैट ही और टीना अपनी सोचो में गुम थी.
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उधर योगेश अभी भी टीना के अपने साथ जाने से परेशान था और उसे हैरत भी हो रही थी की माधुरी कैसे मान गई टीना को साथ ले जाने के लिए क्योंकि ये तो पक्का था की टीना ने गाँव में हमेशा ही माधुरी से चिपके रहना था फिर रेज़ में उन्हें चुदाई का मौका कहाँ मिल पाएगा ‘माधुरी से इस बारे में बात करनी ही पड़ेगी’ ये सोचकर योगेश ने माधुरी के रूम में झाँक कर देखा तो माधुरी वहाँ नहीं थी इसलिए योगेश भी नीचे आ गया अंकल लोग अभी भी हॉल में बैठे थे और अपनी बातों में मग्न थे योगेश सीधे किचन में पहुंचा वहाँ पूजा और योगिता ही थी उसे माधुरी कहीं भी नज़र नहीं आई “मधु दीदी कहाँ है” उसने पूछा
“क्या भैया ये भी कुछ बात हुई वैसे ही मधु दीदी तुम्हारे साथ ही जा रही है और फिर भी तुम उनके बारे में ही पूछ रहे हो कभी कभी हमें भी याद कर लिया करो” पूजा बोली
“ये अच्छी बात नहीं है भैया आख़िर हम भी आपकी बहने ही है और हमारा भी आप पर पूरा हक है फिर आप हमें अपने साथ क्यों नहीं ले जा रहे है” योहिता ने भी पूजा के सुर में सुर मिलाया
योगेश को पता था की उन दोनों की ही बहुत खुज़ला रही है और इसमें उन दोनों की कोई गलती नहीं है आख़िर उन्हें लंड का चस्का लगाया भी उसी ने था “अरे यार मधु बहुत दीनों से मिली नहीं थी इसी लिए उसे साथ लेकर जा रही हूँ और वैसे भी मुझे गाँव में बहुत दिन रुकना पड़ेगा तो दो दिन बाद उन्हें छोड दूँगा और तुम दोनों को ले जा लूँगा अब तो ठीक है ना, चलो बताओ मधु कहाँ है” वो बोला
“किसे याद आ रही है मेरी” मधु किचन में आते हुए बोली योगेश उसके आने का डाइरेक्षन देख कर समझ गया था की वो बाथरूम से आ रही थी
“आपके प्यारे भाई को आपकी बहुत याद आ रही है दीदी पूरा घर ही सर पर उठा लिया है इन्होंने आपको यहाँ ना पकड़” पूजा योगेश को चिढ़ते हुए बोली
“तू अपना मुंह बंद रख छोटी जब देखो पाटर पाटर और योगेश तुझसे बड़ा है छोटा नहीं, समझी हाँ योगेश बोल क्या काम है मुझसे” माधुरी बोली
“दीदी हमें गाँव जाना है तो मैं सोच रहा था की जरूरी समान की लिस्ट बना लेते थे ताकि सुबह निकलते वक्त देर ना हो” योगेश बोला
“अरे हाँ यार मैं तो भूल ही गई थी, चलो ये काम भी निपत लेते है पूजा मैं योगेश के साथ जा रही होंठ तुम लोग यहाँ का काम कर लेना” कह कर माधुरी योगेश के साथ ऊपर अपने रूम में आगाई रूम में एंटर होते ही योगेश बोल उठा “तुमने टीना को साथ लेजना कैसे मंजूर कर लिया अब हम वहाँ कैसे कुछ कर पाएँगे उसके वहाँ होते”
“तुम उसकी चिंता मत करो उसके रहते हम और भी अच्छी तरह से एंजाय करेंगे” योगेश बोला
“मैं कुछ समझा नहीं दीदी” योगेश बोला
ये साला है बड़ी किस्मत वाला है – 52 ये साला है बड़ी किस्मत वाला है – 53
“ये एक राज की बात है जो मैं तुम्हें गाँव पहुँच कर ही बताऊंगी लेकिन एक बात तुम्हें अभी ही बताती हूँ सोचो अगर गाँव जाने के बाद तुम्हें मेरे साथ साथ टीना भी चोदने को मिले तो कैसा रहेगा” माधुरी ने योगेश को झटका सा दिया
“क्या….टििईन्न्णाआ…को चोदने का मौकाअ…..मधु ये तुम क्या कह रही हो, मज़ाक तो नहीं कर रही मेरे साथ” योगेश मुंह फाड़े बोला
“मैं पक्का तो नहीं कह सकती लेकिन हाँ वहाँ ये मौका तुझे मिल सकता है इसलिए चिंता छोड और टीना को चोदने के बारे में सोच, और भी पेन पेपर निकल समान की लिस्ट बनाना है” योगेश की हालत के मजे लेती माधुरी बोली
योगेश अभी तक ईस्तब्ध था की माधुरी जो बोल रही है वो कैसे हो सकता है टीना उससे चुदवाने को राज़ी कैसे होगी लेकिन सच में अगर ऐसा हो जाए तो मजा आजाएगा यही सोचते हुए उसने पेन और पेपर निकाला और माधुरी के साथ लिस्ट बनाने लग गया
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‘टिंग – तोंग’ दूर बेल बजते ही राजेश उठा और दरवाजा खोलने के लिए आगे तरफ गया “लगता है निशा और निर्मल आ गये है” वो बोला दरवाजा खुलते ही उसे दोनों दिखाई दिए राजेश ने उन्हें देखते ही उन्हें अंदर आने के लिए जगह दी और बोला “आओ बच्चों आओ, बहुत लेट हो गयी तुम्हारी ट्रेन कोई परेशानी तो नहीं हुई ना सफ़र में”
“नहीं तौजी कोई परेशानी नहीं हुई” कहकर निर्मल ने राजेश के पौर छुए और मोनिका के पैर छूने आगे तरफ गया
“और निशा बेटी क्या हाल चल है तुम्हारे सब ठीक तो है ना” राजेश प्यार से निशा के सर पर हाथ फेरते हुए बोला
“जी तौजी सब ठीक है” निशा ने जवाब दिया
दूर बेल की आवाज़ सुनकर सभी बच्चे हॉल में आचुके थे वो सभी समझ गये थे की उनके चाचा के बच्चे आचुके है है अब ज़रा निशा और निर्मल से आपका इंट्रो करवा दूं निशा 20 साल की एक मस्त अल्हड़ लड़की थी और मुंबई जैसे शहर में रहने के कारण स्वभाव से बोल्ड भी बहुत थी ऊपर से भगवान ने उसे बनाया भी फुर्सत में था गोरा रंग 5.7 की हाइट गहरी नीली आंखें 36-26-36 का परफेक्ट फिगर सब कुछ तो दिया था भगवान ने उसे और वो खुद भी जानती थी की वो कितना गजब का माल है वो जानती थी की जॉब ही लड़का उसे एक बार देख ले वो उसका दीवाना हुए बगैर नहीं रही सकता था हलकी खुले विचारों की होने के बाद भी उसने आज तक अपनी वर्जिनिटी नहीं खोई थी हाँ उसने बॉयफ्रेंड बहुत बनाए थे लेकिन कभी भी किसी को भी एक हद से आगे नहीं बढ़ने दिया था वहीं निर्मल भी बहुत स्मार्ट और हॅंडसम था 6 फिट के लगभग की हाइट पर गोरा रंग और अपनी बहन के जैसी नीली आंखों के साथ सुन्दर चेहरा किसी को भी मोहित कर सकता था लेकिन वो अपनी बहन के मुकाबले एकदम विपरीत स्वभाव का था ओ बहुत शर्मीला किस्म था और लड़कियों से दूर ही भागता था यही कारण था की बहुत सी लड़कियों के प्रपोज़ करने बाद भी वो इतनी हिम्मत नहीं जुटा पाया की वो किसी लड़की को अपनी गर्लफ्रेंड बना सके वो तो बस अपने मोबाइल पर पॉर्न क्लिप्स देखकर और नेट पर अडल्ट स्टोरी पढ़कर अपना हाथ जगन्नाथ करते हुए ही टाइम गुजर रहा था लेकिन हर लड़के की तरह उसकी भी इच्छा होती थी किसी लड़की के साथ सेक्स करने की लेकिन वो अपने शर्मीलेपान की आगे मजबूर था
सभी बच्चे नीचे आकर निशा और निर्मल से मिलने लगे चूँकि उन्हें मिले हुए तीन साल हो चुके थे इसलिए मिलने में उत्साह भी बहुत था इन तीन सालों में सभी काफी बदल चुके थे खास टूर पर योगेश,योगिता,पूजा,निशा और निर्मल जो पहले तो बच्चों की तरह ही दिखते थे लेकिन अब फूल जवान हो चुके थे और उनके बदन भी अब पूरी तेरह से भर चुके थे बाकी तो सब ठीक ठाक ही थे लेकिन पूजा की नज़रे निर्मल और निशा की नज़रे योगेश पर जम चुकी थी वो दोनों ही उन्हें बहनों की नज़र से नहीं देख रही थी
कुछ देर बाद निशा और निर्मल खाना कहा चुके थे और सन एके लिए निशा माधुरी के रूम में और निर्मल योगेश के रूम में जा चुका था वैसे ही कल सुबह उनके आंटी अंकल को गोआ के लिए निकलना था सो रात को उन्हें जल्दी ही सोना था…….
सुबह सभी लोग जल्दी उठ गये और अपनी अपनी तैयारियों में लग गये थे टीना माधुरी और योगेश को गाँव जाने की तैयारी करनी थी उन लोगों के आंटी अंकल को गोआ जाने की पूजा मनीषा और माधुरी किचन में बिज़ी थी जबकि निशा और निर्मल अभी भी सोए हुए थे लगभग 8 बजे तक सब लोग तैयार हो चुके थे अपनी अपनी मंजिल पर जाने के लिए लेकिन पहले योगेश को स्टेशन जाना था अंकल वग़ैरह को छोडने के लिए और फिर वापसी में मार्केट से समान भी लेना था गाँव जाने के लिए थोड़ी देर बाद अंकल आंटी चाचा चाची सभी बच्चों से विदा लेकर गाड़ी में बैठ गये और योगेश उन्हें छोडने चला गया निशा और निर्मल अभी तक भी सोए हुए ही थे इसलिए मनीषा ने पूजा को उन्हें जगाने के लिए भेजा पूजा सीधे योगेश के रूम में गई जहाँ निर्मल सो रहा था उसने एक पतली सी टी-शर्ट और एक ढीला सा लोवर पहना हुआ था सुबह का वक्त होने से उसका उसका लंड फुल टाइट था जिससे लोवर में एक बड़ा सा टेंट बना हुआ था पूजा उसके खड़े लंड को देखकर हैरत में पड़ गई 18 साल के लड़के का लंड इतना बड़ा हो सकता है ये उसने सोचा ही नहीं था निर्मल के लंड का साइज महसूस कर के पूजा की चुत में गुदगुदी सी होने लगी थी ‘योगेश भैया से थोड़ा ही छोटा होगा’ उसने मान में सोचा और निर्मल को पुकारा “निर्मल आइये निर्मल” लेकिन निर्मल पर इसका कोई असर नहीं हुआ वो वैसे ही पड़ा रहा अपनी आवाज़ का असर ना होते देख पूजा ने उसे हिला कर उतहाने की कोशिश की लेकिन फिर भी निर्मल नहीं उठा तो पूजा के मान में शैतानी आगाई उसने बेड पर बैठते हुए निर्मल का लंड पकड़ लिया और उसे धीरे धीरे मसलने लगी निर्मल जैसे सपने में था पूजा के लंड पकड़ते ही उसके चेहरे पर एक मीठी सी मुस्कान आगाई थी पूजा भी अब उसके मजे लेने लगी और अपने हाथ की बढ़ता थोड़ी बढ़ने लगी थी उधर निर्मल नींद में ही कसमासते हुए मस्त हुआ जा रही था पूजा ये भी भूल गई थी की अगर निर्मल जगह गया तो क्या होगा और भी उसकी चुत भी गीली होने लगी थी उस पर मस्ती चढ़ती ही जा रही थी इसी मस्ती में उसे पता ही नहीं चला की कब उसने निर्मल के लंड को बहुत ज़ोर से मसल दिया था उसके ऐसा करते ही निर्मल एक ज़ोर की ‘आहह…’ निकलते हुए जगह गया और झट से उठकर बैठ गया उसके जागते ही पूजा भी हड़बड़ा गई और बेड से खड़ी होकर हकलाते हुए बोली “क्क्यय्याअ..क्यों..कुम्भकरण क्क्की तरह सोता है तू कब से जगा रही हूँ जगह ही नहीं रहा है, चल अब उठ और नीचे चल योगेश भैया लोगों को गाँव जाना है चल कर उनसे मिल ले” और रूम से बाहर जाने लगी “पापा, आंटी गये क्या” निर्मल ने पूछा
“हाँ योगेश भैया उन्हें छोडने ही गये है तू जल्दी से नीचे आजा” पूजा ने बगैर उसे देखे जवाब दिया
“तू चल मैं फ्रेश होकर आता हूँ” निर्मल के इतना कहने से पहले ही पूजा रूम से निकल गैट ही निर्मल अब अपने लंड में हुए दर्द के बारे में सोचने लगा की उसे एकाएक ही इतना तेज दर्द कैसे हुआ उसने अपने लोवर को नीचे खिसकाया और अपने नंगे लंड को देखा जो पूजा के मसलने से एकदम लाल हो चुका था ‘तो क्या पूजा मेरे लंड को मसल रही थी’ उसने सोचा लेकिन ऐसा कैसे हो सकता है वो तो उसकी बहन है वो ऐसा नहीं कर सकती लेकिन मेरे जागते ही वो कैसे हड़बड़ा के खड़ी हो गैट ही और बातें भी कैसे हकलाते हुए कर रही थी जैसे उसकी चोरी पकड़ी गई हो और बाद में उसने मुझसे नज़रे मिला के बात भी नहीं की और कैसे बात पूरी होने के पहले ही चली गई अपनी इन सारी सोचो से निर्मल ने यही मतलब निकाला की सच में ही पूजा उसका लंड पकड़े हुई थी इसका मतलब था की उसके दिल में निर्मल के लिए कुछ गलत भावना थी जो की किसी बहन के दिल में अपने भाई के लिए हो ही नहीं सकती तो अब मुझे क्या करना चाहिए वो सोचने लगा लेकिन इस बार उसके दिमाग ने उसका साथ नहीं दिया और उसने फैसला किया की मौका आने पर वो इस बारे में पूजा को टोकेगा जरूर इतना सोच कर वो बॅयात रूम में घुस गया
 
अब लगभग 9.30 बज चुके थे और निशा को छोड़कर सभी लड़कियाँ किचन में व्यस्त थी योगेश सभी को स्टेशन छोड कर आ चुका था उसका प्रोग्राम खाना खाकर गाँव के लिए निकालने का था रात को माधुरी का बताया हुआ सारा समान वो मार्केट से ला चुका था अभी वो हॉल में बैठा था निर्मल से बातें कर रहा था की तभी निशा भी वहाँ आगाई वो नहा चुकी थी और एक छोटा टॉप और वैसी ही स्कर्ट पहने थी जिसमें से उसकी पूरी जांघें दिखाई दे रही थी और टॉप इतना डीप कट था की उसकी चुचियाँ उससे बाहर आने को हो रही थी वो आकर योगेश के साथ ही बैठ गई और बोली “गुड मॉर्निंग योगेश”
“गुड मॉर्निंग” योगेश ने भी उसे रिप्लाइ किया निशा के वहाँ आते ही निर्मल उठा और बोला “अच्छा भैया आप लोग बातें करो मैं भी जब तक नहा लेता हूँ
“और सुनाओ क्या चल रहा है, बहुत स्मार्ट हो गया है तू तो कोई गर्लफ्रेंड बनाई की नहीं तूने अभी तक” निशा बोली वो शुरू से ही मुहफट थी और किसी से भी और कैसी भी बातें कर लेती थी यहाँ तक की मनीषा से भी
“तुझे पता है की यू क्या बोल रही है, तू मेरे अंकल को तो जानती ही है अगर मैं ऐसा कुछ करूं और उन्हें मालूम पड़ गया तो पता है ना वो मवरा क्या हाल करेंगे इसलिए मैंने कभी इस बारे में सोचा भी नहीं” योगेश बोला
“सो परेशान, इतना स्मार्ट लड़का और कोई ग फ नहीं बहुत नाइंसाफी है” कहते हुए निशा योगेश के गाल को अपने हाथ से गुळेचने लगी इसके लिए उसे योगेश के पास आना पड़ा जिससे उसके बूब्स योगेश की पसलियों से सात गये थे और उनका दबाव योगेश अच्छे से महसूस कर रहा था लेकिन अभी तक उसके मान में निशा के लिए कोई गलत भावना नहीं आई थी और वो निशा की आदते जनता था निशा का बोल्ड बिहेवियर किसी से भी छुपा नहीं था
ये साला है बड़ी किस्मत वाला है – 53 ये साला है बड़ी किस्मत वाला है – 54
“चल चल ज्यादा नाटक मत कर बात तो ऐसे कर रही है जैसे तू अपना बाय्फ्रेंड बना चुकी हो”योगेश चिढ़ते हुए बोला
“तो तुम्हें क्या लगा मुंबई जैसी जगह में मेरे जैसी बेउटयफुल और सेक्सी लड़की का कोई बॉयफ्रेंड नहीं बना होगा अभी तक” निशा बोली
“बेउटयफुल और सेक्सी और वो भी तू, तू पागल तो नहीं हो गई तेरे जैसी भूटनी को कौन अपनी गर्लफ्रेंड बनाएगा” योगेश ने उसे चीढ़या
“क्या कहा भूटनी तुम्हारी इतनी हिम्मत” इतना कह कर निशा योगेश पर झपट पड़ी वो जानती थी की योगेश उसे चिढ़ा रहा है लेकिन मस्ती करने के लिए उसने योगेश के बाल पकड़ लिए और उसका सर इधा उधर घूमने लगी योगेश भी इस मस्ती में उससे हार मानने के मूंड़ में नहीं था चुकी निशा ने उसकी गर्दन नीचे झुका रखी थी जो को निशा के बूब्स के ठीक सामने थी इस लिए जैसे ही योगेश ने ताक़त से अपनी गर्दन ऊपर उठाई वो सीधे निशा के बूब्स से जोरों से टकराई “आहह…” दर्द के मारे निशा के मुंह से कराह निकल गई और उसके हाथ योगेश के बालों से अपने आप ही चुत गये उसकी आंखों में हल्के से आँसू भी आ गये थे उसकी ऐसी हालत देखकर योगेश की मस्ती एक झटके में ही खत्म हो गई “सॉरी निशा ये मैंने जानबूझकर नहीं किया” योगेश बोला और उसने इस शर्म से की अब निशा उसके बारे में क्या सोचेगी अपनी गर्दन नीचे झुका ली
निशा को दर्द तो बहुत हुआ था लेकिन वो योगेश की ऐसी हालत देख कर ज़बरदस्ती मुस्कुराते हुए बोली “कोई बात नहीं इसमें मेरी भी गलती थी” उसकी बात सुनकर योगेश को कुछ राहत मिली और उसने अपनी गर्दन ऊपर उठा ली और निशा से बोला “चल अब बहुत मस्ती हो गई मुझे भी अब गाँव जाना है”
“अरे मैं अभी आई हूँ और तुम मेरे आते ही गाँव जा रहे हो नहीं मिस्टर ऐसा नहीं होता”निशा बोली उसे नहीं पता था की योगेश गाँव क्यों जा रही है तब योगेश ने उसे सारी बात बताई की वो गाँव क्यों जा रही है और उसके साथ माधुरी और टीना भी जा रही है टीना और माधुरी के जाने की बात सुनकर निशा बोली “जब वो दोनों जा रही है तो मैं भी चलती हूँ, मैं भी गाँव घूम कर आ जाऊंगी”
“नहीं निशा अभी तुम्हारा वहाँ जाना ठीक नहीं होगा पहले मैं वहाँ जाकर सब ठीक कर दूं फिर तुम मेरे साथ चलना पता नहीं वहाँ क्या हालत हो शायद वहाँ तो अभी हमारे रहने के लिए रूम भी तैयार नहीं होंगे” योगेश ने उसे समझाया और उसकी बात कुछ हद तक निशा की समझ में भी आगाई और वो बोली “तो ठीक है वादा करो जल्दी ही मुझे वहाँ लेकर चलेंगे”
“ठीक है निशा मैं बस दो तीन दिन बाद में ही तुम्हें वहाँ ले चलूँगा” योगेश बोला
फिर थोड़ी देर बाद सभी लोग खाना कहा चुके थे और योगेश ने सारा समान गाड़ी में रख दिया था अब टीना और माधुरी भी गाड़ी में बैठ चुकी थी फिर योगेश मनीषा और बाकी सब लोगों से विदा लेकर टीना और माधुरी के साथ अपने गाँव की ओर निकल गया………….
दोपहर में लगभग 2 बजे योगेश अपनी दोनों बहनों के साथ गाँव पहुंच गया था वहाँ पहुंचते ही सब से पहले उसने स्यमू काका को बुला कर खेतों में बने हुए मकान की सफाई करवाई मकान ज्यादा बड़ा नहीं था और खपरैल वाला था उसमें एक किचन और दो रूम दूसरे थे एक हॉल भी था साथ ही पक्का लेट-बात भी था कुल मिलकर उन्हें वहाँ कोई परेशानी नहीं होनी थी बस एक बार वहाँ की सफाई उन के हिसाब से हो जाती स्यमू काका दो मजदूरों को भी ले आया था जो उसके साथ सफाई में लगे थे टीना और माधुरी सामने रही कर अपने हिसाब से सब चीज़े सेट करवा रही थी लगभग 2 घंटे बाद सब उनके मान मुताबिक सेट हो चुका था अब तक वो तीनों ही तक गये थे और पसीने की वजह से सभी की इच्छा नहाने की हो रही थी
“योगेश अब तो सब सेट हो चुका है क्यों ना अब नहा लिया जाए, पसीने के मारे तो मेरा बुरा हाल है” माधुरी बोली
“हाँ यार ये चिप चिप तो मुझसे भी नहीं सही जाती मेरी भी इच्छा नहाने की हो रही है” टीना बोली
“ठीक है मैं स्यमू काका से कह कर पानी बुलवता हूँ” कहते हुए योगेश स्यमू को बुलाकर बोला “काका हमें नहाना है पानी बुलवाडो”
“बेटा अभी तो लाइट है नहीं तो मोटर शुरू हो नहीं सकती मुझे मालूम नहीं था की आप लोग आने वाले है वरना मैं पगले ही पानी भरवा कर रखता अब आपको थोड़ा इंतजार करना पड़ेगा” श्यमू बोला
“लेकिन हमें पसीने ने परेशान कर रखा है बगीर नहाए तो हम ठीक से बैठ भी नहीं सकते है, कोई और उपाए नहीं है क्या” योगेश बोला
“है तो सही लेकिन पता नहीं वो आपको पसंद आएगा भी या नहीं” स्यमू बोला
“तुम बताओ तो सही पसंद ना पसंद बाद में देख लेंगे” योगेश चिढ़ कर बोला
“बेटा वो यहाँ से कुछ दूरी पर एक नदी है जिस में सारे गाँव वाले नहाते है वैसे अब तो वहाँ कोई नहीं होगा क्योंकि लगभग सभी लोग 12 बजे के पहले ही वहाँ से नहा कर आजाते है अगर आप की मर्जी हो तो मैं आपको वहाँ ले जा सकता हूँ,वैसे अगर आप थोड़ा और पैदल चल सके तो वहां से कुछ दूर एक छोटा सा झरना भी है जहाँ बहुत कम लोग जाते है और वहाँ नहाने का अलग ही मजा है” श्यमू बोला
श्यमू काका की बात सुनकर टीना खुशी से चाहक पड़ी “क्या काका इतनी अच्छी बात बताने में भी आपने इतनी देर लगा दी इतना अरसा हो गया है मुझे झरने के नीचे नहाए हुए मैं तो बिलकुल तैयार हूँ वहाँ जाने के लिए तुम दोनों क्या बोलते हो” वो योगेश और माधुरी को देखते हुए बोली
“मैं तो तैयार हूँ क्योंकि मुझे भी झरने के नीचे नहाने में मजा आता है लेकिन माधुरी से पूछ लो” योगेश बोला
“मैं कब मना कर रही हूँ वहाँ जाने से लेकिन हमने ऐसे कपड़े तो लाए ही नहीं है जो वहाँ नहाने के काम आए” माधुरी ने कहा
“तू कपड़ों की चिंता मत कर हम इन्हीं कपड़ों में नहा लेंगे” टीना बोली
“तो ठीक है चलो” योगेश बोला, फिर उन तीनों ने ही अपनी अपनी जरूरत के कपड़े और समान एक बैग में रखा और श्यमू के साथ झरने की ओर निकल पड़े लगभग आधा घंटे के बाद वो उस झरने के पास पहुँच गये थे बहुत सुंदर व्यू था वहाँ का चाटो ओर घने पेड़ ज़मीन पर हरी हरी नरम घास और कल कल करती पानी की आवाज़ वातावर्ण को और भी मधुर बना रही थी झरना ज्यादा बड़ा नहीं था लगभग 12 फुट ऊपर से पानी अपनी मध्यम बढ़ता से नीचे गिर रहा था और नीचे एक बहुत बारे घेरे में जआंटी हो रहा था जिसकी गहराई भी लगभग 5 फुट थी और लंबाई चौड़ाई कोई 40-30 फुट थी जहाँ आराम से टायिरा भी जा सकता था टीना को ये जगह बहुत पसंद आई “योगेश मेरा मान तो ये कर रहा है की जब तक भी हम यहाँ है रोज यही आए नहाने के लिए कितना सुंदर स्थान है ये” वो बोली
“जैसी तुम्हारी मर्जी मैं रोज ही तुम्हें यहाँ ले आया करूँगा” योगेश बोला
“अच्छा बेटा अब मैं चलता हूँ खेतों में ज़रा काम है और भी तुमने रास्ता भी देख लिया है तो नहा कर वापस आजना फिर अभी मुझे तुम्हारे रात के खाने की भी तैयारी करनी है” श्यमू बोला
“ठीक है काका आप जाए हम लो आजाएँगे और आप रात के खाने की चिंता मत करो सिर्फ़ सब्जियो की व्यवस्था कर दो बाकी सारी चीज़े हम साथ ही लाए है और खाना भी ये दोनों ही बना लेगी और हाँ कल सुबह से ही मैं भी आपके साथ ही काम करूँगा” योगेश ने जवाब दिया
“ठीक बेटा जैसी तुम्हारी मर्जी” इतना कह कर श्यमू चला गया
ये साला है बड़ी किस्मत वाला है – 54 ये साला है बड़ी किस्मत वाला है – 55
अभी झरने पर उन लोगों के सिवाय और कोई नहीं था और जैसा श्यमू ने बताया था उसके हिसाब से वहाँ किसी के आने की उम्मीद भी बहुत कम थी योगेश अपने कपड़े उतार कर सिर्फ़ आंडरवेयर में ही पानी के अंदर घुस गया लेकिन लड़कियों के सामने अभी भी कपड़ों की परेशानी थी की वो क्या पहन कर नहाए
“अब बोल हम क्या पहने, वहाँ तो खूब बोल रही थी की कपड़ों का इंतजाम हो जयर्गा अब कर इंतजाम” माधुरी टीना से बोली
टीना तो पहले ही तय कर चुकी थी की उसे क्या करना है यहाँ वो सिर्फ़ योगेश को पटाने के लिए आई थी इसलिए उसने सिर्फ़ ब्रा और पैंटी में की नहाने की सोच रखी थी लेकिन माधुरी जो इतनी जल्दी अपने आप को टीना के सामने एक्सपोज़ नहीं करना चाहती थी उसके सामने बड़ी समस्या थी उसकी बात सुन कर टीना बोली “देख भाई मैं तो ब्रा और पैंटी में ही नहा रही हूँ अगर तेरी मर्जी है तो टब भी मेरे जैसे ही नहा ले”
“क्या पागलों जैसी बातें कर रही योगेश के सामने मैं उन कपड़ों में कैसे नहा सकती हूँ, और क्या तुझे शर्म नहीं आएगी योगेश के सामने ऐसे कपड़ों में नहाने में” मधु बोली
“जो लड़की अपने सगे भाई से चुदाया सकती है उसे अपने कज़िन भाई के सामने इन कपड़ों में कैसे शर्म आसक्ति है, लेकिन हाँ अगर तुझे ब्रा पैंटी में नहाने में शर्म आती है तो तू एक काम कर वहाँ झाड़ियों के पीछे जाकर अपने सारे कपड़े उतार और सिर्फ़ कुरती पहन कर आजा जिससे तुझे योगेश के सामने शर्म भी नहीं आएगी और तू सिर्फ़ कुरती में होने की वजह से अच्छे से नहा भी लेगी” टीना बोली
टीना की बात माधुरी को जाच गई और झाड़ियों के पीछे चली गई लेकिन वो नहीं जानती थी की आगे जिस तरह वो नहाने वाली है उससे योगेश पर क्या फर्क पड़ने वाला है इधर माधुरी के जाते ही टीना ने अपना काम शुरू कर दिया वो के ढीली सी शर्ट और पेंट पहने हुई थी जिसे उतरने में उसे टाइम नहीं लगना था उसने योगेश की ओर देखा जो झरने की नीचे खड़ा अपने सर पर गिरते पानी का मजा ले रहा था और उसका ध्यान टीना की ओर नाशी था “योगेषह…पानी ठंडा है क्या” टीना उसका ध्यान अपनी ओर खिंचते हुए बोली और अपनी शर्ट के बटन जल्दी जल्दी खोलने लगी ताकि योगेश को उसके ब्रा में कैद बूब्स के दर्शन हो जाए उसकी आवाज़ सुनते ही योगेश ने पलट कर जवाब दिया “नहीं पानी ठीक है ज्यादा ठंडा नहीं हाईईईईईई….” टीना की हालत देख कर योगेश की बाकी बात उसके मुंह में ही रही गई क्यों की उसके पलटने तक टीना अपनी शर्ट उतार चुकी थी और उसके बारे बारे गोरे बूब्स उसकी छोटी सी ब्लैक ब्रा में फँसे हुए आज़ाद होने के लिए मचल से रहे थे ये सीन देख कर योगेश भौचक्का रही गया था
“वहाँ मजा तो आ रहा है ना” कहते हुए टीना बगैर योगेश की ओर देखे अपने पेंट की बटन खोलने लगी वो योगेश से नज़र मिला कर उसका ध्यान नहीं भटकना छगती थी अब बटन खोल चूकने के बाद उसके हाथ जीप नीचे कर रहे थे जैसे ही जीप खुली योगेश को टीना की ब्लैक पैंटी के दर्शन हो गये और उसका लंड पूरा टाइट हो गया अब टीना धीरे धीरे अपने टाइट जींस को उतरने लगी जैसे जैसे जींस नीचे आ रहा था योगेश की धड़कने भी बढ़ती जा रही थी अबतक उसका लंड उसके ढीले से आंडरवेयर में बड़ा सा टेंट बना चुका था जो दूर से ही नज़र आ रहा था लेकिन अब योगेश कुछ कर भी नहीं सकता था अब तक टीना का जींस उसके घुटनों तक उतार चुका था लेकिन झुके होने की वजह से योगेश को उसकी चुत का भाग दिखाई नहीं दे रहा था तभी ‘अऔच्च…मर गई रीई….’ की आवाज़ निकलते हुए धम से नीचे गिर गई उसका पेंट अभी भी उसके पैरों में फँसा हुआ था उसे गिरते देख योगेश को होश आया और वो टीना की तरफ लपका लेकिन फिर अपने खड़े लंड का तंबू देखकर आधे रास्ते में ही रुक गया उसे रुकता देख टीना ने फिर आ भारी और बोली “वहाँ खड़ा क्या देख रहा है, यहाँ आकर मुझे उठा ना” टीना की बात सुनकर अब रुकने का तो कोई मतलब ही नहीं था योगेश धीरे धीरे उसकी तरफ बढ़ने लगा वो नहीं चाहता था की तेज चलने से उसका लंड जोरों दे हिले उधर माधुरी भी झाड़ियों के पीछे अपनी सलवार कुरती और ब्रा पैंटी उतार चुकी थी उसने एक बार अपनी चुत पर हाथ फिराया जो की आज पहली बार चुदने वाली थी और फिर अपनी कुरती पहन ली तभी उसे टीना की चीख सुनाई दी तो उसने अपने कपड़े उतहाए और झाड़ियों से बाहर आगाई लेकिन बाहर आते ही जहाँ की तहाँ रुक गई और सामने का नज़ारा देखने लगी अब तक योगेश टीना के पास आ चुका था टीना उसके टेंट का साइज देखकर चौंक गई वो समझ गई की योगेश का लंड उसके भाई राहुल के लंड से बड़ा है और इससे चुदवाने में तो बहुत मजा आएगा वो उसे ही घूरने लगी योगेश समझ गया की टीना क्या घूर रही है इसलिए वो झट से टीना के पीछे गया और उसकी बाहों में हाथ डाल कर उसे ऊपर उठाने लगा लेकिन टीना जानबूझ कर उठने की कोशिश नहीं कर रही थी इसलिए योगेश उसे उठा नहीं पाया
“इतना बड़ा हो गया है फिर भी एक लड़की को नहीं उठा पा रहा है चल पहले मेरा पेंट उतार फिर मुझे उतहाना” टीना बोली उसकी बात सुनकर योगेश झेपते हुए टीना के सामने आ गया और मॅब ही मान अपने लंड को गली बकने लगा की साला बैठने का नाम ही नहीं ले रहा है फिर वो टीना के पैरों के सामने नीचे बैठा और टीना का पेंट खींचने लगा तभी टीना ने अपने पैर का एक पाँजा योगेश के लंड से टीका दिया योगेश एकदम से चौंक उठा और उसका हाथ पेंट खिंचते हुए रुक गया “क्या हुआ तू रुक क्यों गया पेंट उतार ना” कहते हुए टीना योगेश का लंड अपने पैर से रगड़ने लगी योगेश समझ रहा था की टीना जानबूझ कर ऐसा कर रही है लेकिन उससे कुछ बोलते भी नहीं बना जैसे तैसे अपना लंड रगद्वाते हुए वो टीना पेंट उतरने लगा उधर माधुरी टीना का सारा तमाशा देख रही थी अभी तक वो चुप थी लेकिन अब उसे लगा की उसे वहाँ जाकर योगेश की हेल्प करनी चाहिए वरना पता नहीं टीना बेचारे योगेश को कितना परेशान करे
“अरे टीना क्या हुआ तुम कैसे गिर गई” माधुरी टीना के पास बैठते हुए बोली यूँ बैठने से उसकी दोनों मोटी गोरी जांघें कुरती के दोनों साइड से बाहर आगाई जिन्हें देखते ही योगेश के लंड ने एक जोरदार झटका मारा जिसे टीना ने अपने पैर पर अच्छे से महसूस किया और उसने योगेश को देखा टीना से नज़रे मिलते ही योगेश ने अपनी गर्दन झुका ली “बता ना क्या हुआ” मधु फिर बोली
“कुछ नहीं बस पेंट उतरते वक्त बैलेन्स बिगड़ गया था और मैं गिर गई” टीना बोली
“कहीं चोट वॉट तो नहीं लगी ना” मधु ने पूछा
“नहीं यार कोई चोट नहीं लगी” टीना बोली
तब तक योगेश टीना का पेंट उसके पैरों से अलग कर चुका था पेंट निकलते ही टीना ने अपनी टाँगे फैला ली जिससे उसकी छोटी सी पैंटी में फाँसी हुई फूली चुत एकदम योगेश के सामने आगाई उसके लंड ने एक झटका और मारा और उसका मुंह खुला का खुला ही रही गया उसकी ऐसी हालत देख कर टीना मुस्कुराते हुए बोली “इतना बड़ा होने के बाद भी तू अभी बच्चा ही है” योगेश उसकी बात नहीं समझ पाया लेकिन माधुरी समझ गई और बोली “पहले नहले फिर फार्म हाउस पहुँच कर इसे भी बड़ा कर देना” टीना भी माधुरी का मतलब समझ गई और माधुरी के साथ ही खड़ी होकर झरने की ओर चल दी योगेश वही बैठे अपनी दोनों बहनों के पिछवाड़ो को घुरे झड़ रहा था टीना की पैंटी में फँसी गांड की मटकं उसके लंड को तर्रए दे रही थी तो माधुरी की भारी गांड जॉन की टाइट कुरती में थिरक रही थी योगेश की गांड में गुदगुदी कर रही थी तभी हवा एक झोंका आया जिससे माधुरी की कुरती पीछे से ऊपर उठ गई और योगेश को जैसे जन्नत के नज़रे हो गये कुरती उठहते ही योगेश को माधुरी की नंगी गांड दिखाई दे गई तभी माधुरी ने पलट कर योगेश को आँख मर दी वो समझ गया की माधुरी भी मूंड़ में है इसीलिए उसने पैंटी नहीं पहनी है अब योगेश की हालत खराब हो चुकी थी वो समझ नहीं परहा था की वो इन दोनों को एक साथ कैसे संभाले एक उसे आँधी लग रही थी और दूसरी तूफान
अब तक दोनों ही लड़कियाँ पानी में घुस चुकी थी ‘चल अब जॉब ही होगा देखा जाएगा’ मान में ऐसा सोच कर सर झटकता हुआ वो भी झरने की ओर चल दिया………..
टीना और माधुरी दोनों ही पानी में उतार चुकी थी लेकिन वो दोनों ही ज़हरे पानी में उतरने की जगह किनारे किनारे से ही झरने की ओर जाने लगी जाहिर था की वो पानी में डुबकी लगाने की बजाए पहले तेज पानी की बौछार अपने शरीर पर लेना चाहती थी उधर योगेश पानी में उतार कर तैरने लगा था
टीना और मनीषा जैसे ही झरने के नीचे पहुँची दोनों ही ठंडे पानी की वजह से झुरजुरी लेने लगी कुछ देर बाद जब दोनों का ही बदन उस पानी को झेलने लायक हुआ तो दोनों ही पानी में मस्ती करने लगी टीना तो पहले ही ब्रा पैंटी में थी तो उनके गीले होने से उसे ज्यादा असर नहीं हुआ लेकिन माधुरी की पतली सी कुरती गीली हो कर उसके बदन से चिपक गैट ही और थोड़ी ऊपर भी उठ गई थी जो अब बड़ी मुश्किल से उसके भारी नितंबों को भी नहीं ढक पा रही थी
“तू योगेश के साथ क्या कर रही थी तब” माधुरी बोली
 
“कब” टीना अंजान बनते हुए बोली
“देख टीना तू मुझे बहलाने की कोशिश मत कर मैं सब देख रही थी की किस तरह तू उससे पेंट उतरवाते हुए उसके लंड को अपने पैर से रगड़ रही थी और हाँ अब झूठ नहीं बोलना वैसे भी हम एक ही थाली के चाटते बात है इस लिए कुछ भी छुपाने की जरूरत नहीं है” माधुरी बोली
अब टीना थोड़ी गंभीर हो गई थी “तू सच कह रही है माधुरी सच में मैं ऐसा ही कर रही थी लेकिन तू तो जानती है की राहुल से चुदवाते चुदवाते मुझे लंड लेने की ऐसी आदत हो गई है की अब मैं बगैर लंड के रही ही माही सकती इसीलिए मैं तुम्हारे साथ यहाँ आई हूँ ताकि मुझे चुदाई का मौका मिल सके इसीलिए मैं योगेश को पटाने की कोशिश कर रही हूँ अगर तुम इसमें मेरी मदद कर सको तो कर दो यार” टीना बोली
ये साला है बड़ी किस्मत वाला है – 55 ये साला है बड़ी किस्मत वाला है – 56
टीना की बात सुनकर माधुरी सोच में पड़ गई थी हलकी उसे खुद भी टीना को अपनी साइड मिलना ही था अगर उसे योगेश से चुदाई करनी थी तो लेकिन टीना खुद भी यही चाहती थी इसलिए वो थोड़ा कन्फ्यूज़ हो गई की कहीं टीना के चक्कर में योगेश उसे ही ना भूल जाए लेकिन अब टीना से बात किए बगैर कुछ हो भी नहीं सकता था इसलिए मान पक्का कर के बोली “देख टीना मैं तेरी मदद कर सकती हूँ बल्कि तुझे योगेश से चुदाया भी सकती हूँ लेकिन तुझे वादा करना होगा की ये बात राज रहेगी और हम दोनों के बीच ही रहेगी”
“ठीक है मैं मैं वादा करती हूँ छा लब बोल क्या बात है” टीना अपने बदन पर हाथ फिरती हुई बोली
“जब मैं राहुल से गांड मरवाने को तैयार हुई थी तब तूने पूछा था ना की मैंने पहले अपनी गांड किस से मरवाई है तो मैंने तुझे कहा था की वो मेरा एक दोस्त है, है ना?” माधुरी बोली
“हाँ और तूने ये भी कहा था की जब मैं तेरे घर आऊंगी तो तू मुझे उससे मिलवाएगी भी, लेकिन इस बात से हमारी अभी की बात का क्या मतलब है” टीना कुछ ना समझते हुए बोली
“मतलब है टीना योगेश ही मेरा वो दोस्त है” टीना बोली
“क्या……ये क्या बोल रही है तू” पहले तो टीना चौंकी लेकिन फिर मुस्कुराते हुए बोली “मैं तो तुझे बहुत शरीफ समझती थी लेकिन टब ही मेरे जैसी ही निकली ‘भाई चोद’ चल ठीक है अब तो मेरा सारा टानशों ही खत्म हो गया है अब तो तू योगेश को ऐसे ही राज़ी कर लेगी”
“लेकिन अभी मेरे संबंध उससे इतने पक्के नहीं हुए है की मैं डायरेक्ट उससे तेरी बात कर सुकून तुझे मैं पहले ही बता चुकी हूँ की मैंने अभी तक योगेश को अपनी चुत नहीं मरने दी है और हम इसीलिए यहाँ आए भी है आज रात को मैं योगेशसे चुदाया लू फिर कल तेरा नंबर लगवती हूँ लेकिन तुझे रात को हमें मौका देना होगा” माधुरी बोली
“ठीक है लेकिन अभी मुझे उससे थोड़े मजे तो ले लेने दे, तू अभी यहीं रहना मैं जाती हूँ उसके पास ठीक है” टीना बोली
“ठीक है लेकिन कहीं यही उससे मत चुदवाने लगना” माधुरी हंसते हुए बोली
उधर योगेश की हालत बहुत खस्ता होती जा रही थी उसके सामने दो दो लड़कियाँ अधनंगी हालत में खड़ी थी और उसके लंड को उपवास रखना पड़ रहा था खास टूर से माधुरी की कुरती ने उसके होश उड़ा रखे थे जो उसके पूरे बदन से चिपक कर धीरे धीरे ऊपर की ओर सरकते जा रही थी योगेश का लंड माधुरी के गोलमटोल चूतड़ देख कर झटके पर झटके मर रहा था वहीं टीना का कातिलाना बदन भी उसके दिल पर छुरिया चलाए जा रही था उसने अपना लंड पानी के अंदर ही मसलना शुरू कर दिया था तभी टीना को अपनी ओर आते हुए देख उसने अपने लंड को वापस अंदर डाला और अपना हाथ भी बाहर निकल लिया
“योगेश मुझे भी टरना सिखाओ ना” टीना उसके पास आते ही इठला कर बोली
“क्या तुम्हें अभी तक तैरना नहीं आता” योगेश बोला
“आज तक कभी सीखने का मौका ही नहीं मिला तो कैसे आता” टीना बोली
“टिक है च्लो इधर आओ” योगेश बोला
अब टीना योगेश के पास आगाई तो योगेश ने पहले खुद उसे तैयार कर दिखाया और फिर उससे भी ऐसा ही करने को कहा लेकिन वो ठीक से नहीं कर पाई तो योगेश ने उसे हाथों का सहारा देकर तारन की कोशिश की लेकिन फिर भी टीना से नहीं बन पाया लेकिन इस कोशिश में कई बार योगेश के हाथ टीना के बूब्स पर दबे और कई बार योगेश का लंड टीना की गांड से टकराया जिस से दोनों ही गरम हो गये थे योगेश तो टीना से ज्यादा कुछ कर ही नहीं सकता था लेकिन टीना को भी ऐसा कोई मौका नहीं मिल रहा था जिससे वो कुछ कर सकती आख़िर उसने परेशान होकर अपनी हार मान ली और बोली “रहने दो योगेश मुझसे नहीं होगा” और वापस झरने की ओर चली गई उसे वापस आया देख माधुरी बोली “ले लिए मजे”
“कहाँ यार बस थोड़ा बहुत ही मजा मिल पाया बाकी मौका ही हाथ नहीं आया कुछ करने का और योगेश भी अपनी तरफ से कुछ नहीं कर रहा था” टीना मायूस होकर बोली
“ठीक है तो अब वापस चलते है टाइम भी बहुत हो गया है लेकिन याद रखना रात को मुझसे दूर ही रहना” माधुरी बोली
“लेकिन तुम्हें कुछ ऐसा करना होगा की मैं तुम दोनों की चुदाई देख सुकून” टीना ने शर्त रखी
“ठीक है मैं दरवाजा खुला रखूँगी” कह कर माधुरी ने योगेश को बुलाया “योगेश चलो अब बहुत टाइम हो गया है”
“ठीक है दीदी तुम लोग कपड़े बदलो तब तक मैं भी आता हूँ” कह कर योगेश झरने की तरफ तरफ गया और टीना और माधुरी वापस आकर अपना बैग निकल कर झाड़ियों की तरफ चेंज करने चली गई
कुछ देर बाद तीनों ही अपने फार्म हाउस वापस आ गये थे शाम हो चुकी थी और दोनों ही बहने श्यमू के साथ मिलकर खाना बनाना लगी थी…………….
शाम के 8 बज चुके थे टीना और माधुरी खाना तैयार कर चुकी थी टीना अभी बाथरूम में थी जबकि माधुरी किचन की सफाई में लगी थी श्यमू के साथ,
योगेश एक रूम में जो उसके लिए सेट किया गया था में बैठा बियर चुसाक रहा था दोपहर में टीना ने उसके साथ जो भी किया था वो उसे अभी तक गुदगुदा रहा था ‘क्या टीना के दिल में कुछ है,वो करना क्या चाहती है,और मधु कौन सी राज की बात बताने वाली थी उसे’ योगेश के मान में यही सोचे घूमड़ रही थी झरने पर माधुरी के भीगे बदन की याद करके उसका पप्पू अभी भी झटके मर रहा था ‘आज तो तुझे रुला कर ही छोड़ूंगा मधु, आज अगर तेरी चुत फाड़ ना दी तो कहना’ सोचते हुए योगेश ने अपना लंड बाहर निकल लिया और सहलाने लगा उसकी आंखों के सामने अभी भी उसकी दोनों बहनों का अर्धनग्न शरीर ही घूम रहा था अभी तक वो के बियर खत्म कर चुका था जिसका सुरूर उसके चेहरे पर देखा जा सकता था वो आज बहुत उत्तेजित था क्यों की आज उसे माधुरी की अनचुड़ी चुत खोलने को मिलने वाली थी बियर उस पर अपना असर अच्छे से दिखा चुकी थी और वो अपनी सोचो में गुम ये भी भूल गया था की दरवाजा खुला है और वो अपना नंगा लंड थामे बैठा है
टीना फ्रेश हो कर आचुकी थी वो अभी छोटी सी ंघितय पहने हुई थी जो उसकी जांघों को ढँक पाने में ही पसीने बहा रही थी और उसके नीचे उसने सिर्फ़ पैंटी भर पहनी थी नाइटी का गला डीप कट होने के बावजूद भी उसने ब्रा पहनने की जरूरत महसूस नहीं की थी अभी कंडीशन ये थी की अगर वो ज़रा भी नीचे झुकती तो उसकी बड़ी बड़ी चुचियाँ बिना किसी शोर शरबले के झट से बाहर आ जाती इधर माधुरी भी अपने काम से फ्री हो चुकी थी अब वो भी बाथरूम जाना चाहती थी फ्रेश होने के लिए तो वो टीना से बोली “तू बैठ मैं आती हूँ फ्रेश होकर”
“हाँ हाँ ज़रा अच्छे से फ्रेश होना आज तो तेरी सुहाग रात है ना योगेश को कुछ भी गलत नहीं लगना चाहिए, और हाँ अपनी पप्पी की शेव भी कर लेना कहीं योगेश को बुरा ना लगे” टीना उसकी मजा लेते हुए बोली
“तू तो ऐसे बातें कर रही है जैसे तुझ पर ये समय आया ही ना हो, वैसे टीना पहली बार चुदवाने में बहुत दर्द होता है क्या?” माधुरी बोली
“अरे यार वो तो थोड़ा बहुत होता ही है लेकिन गांड मरवाने से कम ही होता है और तू तो पहले ही गांड मरवा चुकी है इसलिए शायद तू ये दर्द बर्दाश्त कर लेगी, वैसे अगर मैं तेरी चुदाई के वक्त तेरे साथ रहूं तो शायद इस दर्द को सहने में मैं तेरी कुछ मदद कर सकती हूँ” टीना बोली
टीना की बात सुनकर माधुरी कुछ देर तक सोचने के बाद बोली “चल मैं फ्रेश हो कर आती हूँ फिर बात करते है” और बाथरूम की तरफ जाने लगी
“योगेश कहाँ होगा अभी” टीना ने पूछा
“वो अपने रूम में बैठा है” कहते हुए माधुरी चली गई ये साला है बड़ी किस्मत वाला है – 57
अब टीना योगेश के रूम में पहुंच गई लेकिन वहाँ का नज़ारा देख कर उसका हलक सच गया योगेश शून्या में देखते हुए अपने फुल टाइट 8 इंच के विकराल लंड को धीरे धीरे सहला रहा था साथ ही बियर की चुस्कियाँ भी ले रहा था उसे पता नहीं था की टीना उसके कमरे में आचुकी है और उसकी हरकत देख रही है टीना धीरे धीरे चल कर योगेश के पीछे आकर खड़ी हो गई और उसके मूसल लंड को ललचाई नज़रो से देखने लगी योगेश का लंड देखकर उसकी चुत की प्यास जगह गैट ही और वो हल्का हल्का पानी छोडने लगी थी कुछ देर ये सब देखकर टीना अपने आपे से बाहर हो गई उसकी तीव्र इच्छा हो रही थी की वो योगेश के लंड को अपने हाथों से मसलते हुए उसे मुंह में भर ले और आख़िर में उसके सब्र का बाँध टूट ही गया और वो झुक कर योगेश के हेल में हाथ डाल कर उसकी गर्दन को चूमते हुए बोली “जान मैं कुछ मदद कर दूं क्या”
टीना की आवाज़ सुनकर योगेश चौंक गया और उसने उतना चाहा लेकिन एक तो टीना का वजन उसके ऊपर था और दूसरे नशे की अधिकता के कारण वो उठ नहीं पाया लेकिन वो अपने लंड को अपने पेंट के अंदर करने की कोशिश करने लगा लेकिन उसका लंड टाइट होने के कारण अंदर जा ही नहीं पाया तब तक टीना ने और नीचे झुकते हुए उसका लंड पकड़ लिया टीना के कोमल हाथों का स्पर्श अपने कड़क लंड पर होते ही योगेसह सिहर उठा और अपने आप को ढीला छोड़ते हुए मारे स्वर में बोला “ये आप क्या कर रही हो दीदी”
“कुछ नहीं जान बस अपने भाई की प्यास बुझाने की कोशिश कर रही हूँ” टीना बोली
“लेकिन ये गलत है दीदी आख़िर हम भाई बहन है” योगेश ने उसी तरह ढीले लहजे में कहा
“इसीलिए तो मैं तेरी मदद कर रही हूँ की तू मेरा भाई है कोई दूसरा होता तो मैं उसकी मदद क्यों करती” टीना हल्के हाथों से उसका लंड सहलाते हुए बोली
“लेकिन दीदी ये सहीं नहीं है हमारे बीच में” योगेश टीना के स्पर्श से आनंदित होते हुए जूता विरोध करते हुए बोला
तभी माधुरी एक ढीला सा गऊन्न पहने कमरे में दाखिल हुई और टीना और योगेश को मुंह फाड़े देखने लगी उसे यकीन नहीं आया की टीना इतनी जल्दी योगेश को कब्जे में लेलेगी उधर योगेश माधुरी को देख नहीं पाया था लेकिन टीना की नज़र माधुरी पर पड़ चुकी थी माधुरी को देखते हुए टीना ने योगेश को जवाब दिया “क्यों जब माधुरी जो सगी बहन है उसके साथ ठीक है तो मेरे साथ क्यों नहीं मैं तो फिर भी तुम्हारे माआंटी की ही लड़की हूँ”
योगेश को झटका सा लगा उसे समझ ही नहीं आया की टीना ये बात कैसे जानती है जब की ये बात तो उसके और माधुरी के सिवाय किसी को भी पता नहीं थी “ये क्या बोल रही हो दीदी तुम, मेरे कुछ समझ नहीं आ रहा”
 
“क्यों माधुरी अब तू इसे समझाएगी या मैं ही बता दूं” टीना माधुरी से बोली
माधुरी का नाम सुनकर ही योगेश की गांड फट गई और वो इस बार सच में खड़ा हो गया उसका ताना हुआ लंड अभी भी पेंट के बाहर था उसे इस बात का भी होश नहीं था ओ आंखें फाड़े माधुरी को ही देखे जा रहा था वो इस तरह से माधुरी के सामने पकड़े जाने से बहुत आहट था भले ही वो कुछ नहीं कर रहा था लेकिन वो टीना को मना भी तो नहीं कर रहा था क्या सोचेगी माधुरी उसके बारे में बस यही बात उसे परेशान कर रही थी
“टीना से कुछ भी नहीं छुपा है योगेश इसलिए तुम उससे ना तो डरो और ना ही झूठ बोलो अब ये हमारी साथी है तुम जो कुछ भी मेरे साथ कर चुके हो या करने वलेहो वो सब अब तुम इसके साथ भी कर सकते हो और हाँ मैं बुरा भी नहीं मानूँगी” माधुरी बोली
माधुरी की बात सुनकर टीना योगेश के सामने आगाई और योगेश के मूसल लंड को मुंह में लेने की हसरत पूरी करने के लिए घुटनों के बाल योगेश के सामने बैठ कर उसके लंड को अपने होठों से रगड़ने लगी
“लेकिन दीदी ये सब चक्कर है क्या” योगेश टीना के होठों के जादू के वशीभूत होते हुए बोला तब माधुरी माधुरी शुरू से उसे सारा किस्सा सुनाने लगी की ये क्या चक्कर था उधर टीना अब योगेश के लंड को मुंह में लेने की कोशिश शुरू कर चुकी थी हलकी लंड थोड़ा मोटा होने की वजह से उसे तकलीफ हो रही थी लेकिन वो अपनी कोशिशों में लगी हुई थी
माधुरी की बातें सुनकर उसे यकीन ही नहीं हो रहा था की पिछले 5 सालों से टीना और राहुल आपस में चुदाई कर रहे थे और तो और माधुरी ने भी राहुल से गांड मरवाली है माधुरी के राहुल से गांड मरवाने की बात सुन कर उसे थोड़ी जलन हुई उसने टीना की ओर देखा तो वो अब तक उसके लंड को पूरी तरह मुंह में भर चुकी थी जलन के कारण योगेश ने एक हल्का सा धक्का लगा दिया जिससे उसका लंड सीधे टीना के गले से जा टकराया टीना ने झट से उसका लंड मुंह से बाहर निकल दिया और खांसने लगी माधुरी समझ गई की उसकी और राहुल की बात योगेश को अच्छी नहीं लगी थी वो आगे बढ़ी और उसने योगेश को कुर्सी पर बैठा दिया और खुद उसकी गोद में दोनों तरफ टाँगे डालकर बैठ गई और योगेश के होठों से अपने होंठ जोड़ लिए योगेश का खड़ा लंड जो अभी भी पेंट से बाहर ही था उसकी गांड पर गऊन्न के ऊपर से दस्तक देने लगा माधुरी भी उसे अच्छे से महसूस करके अपनी गांड आगे पीछे करने लगी थी टीना अब संभाल चुकी थी और उसकी खाँसी भी बंद हो चुकी थी और भी वो टकटकी लगाए उन दोनों भाई बहन को देख रही थी
अब योगेश के हाथ भी माधुरी के बूब्स पर पहुंच चुके थे और वो ज़ोर ज़ोर से उन्हें मसल रहा था दोनों ही भाई बहन एकदुसरे में पूरी तरह खो चुके थे और टीना उनकी हरकतों में वो शायद अभी बहुत देर तक होश में भी नहीं आते लेकिन श्यमू काका की आवाज़ सुनकर उन तीनों की तंद्रा टूटी श्यमू उन्हें खाना खाने के लिए बुला रहा था तीनों ही होश में आकर अपनी हालत ठीक करने लगे और अपने आप को ठीक करके तीनों ही हॉल में आ गये जहाँ श्यमू थाली परोसने की तैयारी कर रहा रात क्ले 9 बजे ही तीनों खाना कहा चुके थे और हॉल में बैठे थे श्यमू एक और मजदूर के साथ किचन की सफाई में लगा था अभी थोड़ी देर पहले हुई घटना से तीनों ही अपने आप में गुम थे योगेश और टीना अभी भी यकीन नहीं कर पड़े थे की उन डोडो के बीच एकाएक ही इतना सब कैसे हो गया हलकी दोनों के मान में एक दूसरे के साथ यही सब करने की इच्छा थी लेकिन उन्हें उम्मीद नहीं थी की ये सब ऐसे होगा उन दोनों को ही इसकी उम्मीद नहीं थी
“तो आगे का क्या प्रोग्राम है” माधुरी बोली
माधुरी की आवाज़ सुनकर दोनों जैसे नींद से जागे और माधुरी का मुंह देखने लगे शायद वो माधुरी की आवाज़ सुन नहीं पाए थे “अरे भाई मैं पूछ रही हूँ की आगे का क्या प्रोग्राम है और तुम दोनों ऐसे कहाँ गुम हो की तुम दोनों को ही मेरी आवाज़ भी सुनाई नहीं दे रही”
अब तक टीना अपने आपको संभाल चुकी थी वो मुस्कुराते हुए बोली “हम से क्या पूछती हो तुम ही बताओ क्योंकि आज की फिल्म की मैं स्टार तो तुम ही हो आख़िर आज तुम काली से फूल बनने जा रही हो आगे जॉब ही होगा तुम्हारी ही मर्जी से होगा, क्यों योगेश”
योगेश टीना के ऐसे पूछने से शर्आंटी गया वो अभी भी टीना से नज़रे नहीं मिला पा रहा था माधुरी उसकी हालत समझ रही थी उसे पता था की जो कुछ भी अभी हो के हटा था योगेश उसके लिए तैयार नहीं था लेकिन अगर योगेश इसी तरह शरमाता रहा तो फिर बात आगे कैसे बढ़ेगी इसलिए योगेश को समझना होगा ये सोचकर माधुरी बोली “कम ऑन योगेश तुम तो किसी लड़की की तरह शर्आंटी रहे हो अरे मैं तुम्हें टीना के बारे में सब बता तो चुकी हूँ फिर इस तरह बिहेव करने का क्या मतलब है भी ब्रेव यार अगर मैं तुम्हारी जगह होती और टीना जैसी लड़की यू मुझे मिलजाति तो अभी तक मैं उसकी चुत का भोसड़ा बना चुकी होती”
“बिलकुल अगर मैं भी होती योगेश की जगह तो यही करती जोत तुम कह रही हो” टीना ने भी माधुरी के सुर में सुर मिलाया
“मैं…” अभी योगेश कुछ कहता उसके पहले ही श्यमू और वो मजदूर वहाँ आ गये और स्यमू योगेश से बोला “बेटा सारा काम कर दिया है और कोई बात हो तो बोल दो नहीं तो अब हम दोनों जाते है”
“नहीं काका अब कोई काम नहीं है तुम जा सकते हो अब, लेकिन सुबह जल्दी आजना कल से हमें काम भी देखना है” योगेश बोला
“ ठीक है बेटा अब हम चलते है” कहकर श्यमू उस मजदूर को लेकर चला गया योगेश उठा और उसने सारे दरवाजे अच्छे से लॉक कर दिए और आकर टीना और माधुरी के पास बैठ गया
“हाँ तो क्या बोल रहा था तू” माधुरी बोली
योगेश भी अब तक समझ चुका था की अब ज्यादा शरीफ बनने का कोई मतलब नहीं है जब टीना की चुत में ही खुजली हो रही है तो मुझे क्या हर्ज है “मैं ये बोल रहा था की तुम दोनों कितनी बिगड़ गई हो क्या तुम्हें चुदाई के सिवाय और कुछ भी नहीं सूझता” वो बोला “अब देखो योगेश मैंने अभी तक चुदवाया नहीं है तो मुझे इसके सिवाय और क्या सुझेगा”माधुरी बोली
“ और मैं इतना ज्यादा चुदाया चुकी है की मुझे इसकी लत पड़ गई है अब तुम ही बताओ की मेरी गलती क्या है, गलती तो तुम दोनों भाइयों की है जिन्होंने हमें इसकी आदत लगाई, क्यों मधु मैंने ठीक कहा ना” टीना बोली
“एकदम सही कहा टीना मुझे भी इसी ने उकसाया था सेक्स के लिए ना ये मेरा नाम लेकर मुत्ह मरता ना मैं इसके इतने करीब आती” माधुरी बोली
ये साला है बड़ी किस्मत वाला है – 57
 
ये साला है बड़ी किस्मत वाला है – 58
योगेश समझ गया की वो इन दोनों से बातों में जीत नहीं पाएगा इसलिए बहस करना बेकार है “कब से देख रहा हूँ दोनों चुदाई चुदाई कर रही हो लेकिन दोनों में से कपड़े किसी ने भी नहीं उतरे अभी तक” वो बोला
योगेश की बात सुन कर दोनों ही लड़कियों ने मुस्करा कर एक दूसरे को देखा वो दोनों समझ गई की अब योगेश पूरी तरह तैयार है और भी वो शरमाएगा भी नहीं “तो बोल योगेश किसको चोदना चाहेगा तू पहले” टीना बोली
“इसका फैसला तुम दोनों ही कर लो” योगेश बोला
“इसमें फैसला करने की क्या बात है आज मेरी सुहाग रात है आज तो पहला नंबर मेरा ही लगेगा” माधुरी बोली
“सोचले माधुरी आज तेरी सुहाग रात है और अगर तेरा दूल्हा आधे रास्ते में ही तेरा साथ छोड गया तो?” टीना बोली
“क्या मतलब” माधुरी कुछ ना समझते हुए बोली
“देख माधुरी योगेश सुबह से ही गरम है और थोड़ी देर पहले जो हुआ उससे और भी गरम हो चुका है ऊपर से तेरी अनचुड़ी चुत की सील तोड़ते तोड़ते अगर वो 5-10 धक्को में ही दाह गया तो, फिर तो तू पहली बार में प्यासी ही रही जाएगी ना” टीना ने अपना दाँव फेंका वैसे वो बात कर भी सही रही थी माधुरी को भी उसकी बात सही लगी और योगेश तो जनता ही था की वो ज्यादा देर टिकने वाला नहीं है और फिर टीना को चोदने के लिए वो कुछ ज्यादा ही उतावला था क्योंकि माधुरी के साथ तो वो वैसे भी संबंध बना ही चुका था और उसका बदन भी देख चुका था लेकिन टीना अभी तक उसके लिए अनदेखी थी और सबसे बड़ी बॅया टू टीना से राहुल का बदला भी लेना चाहता था की क्यों उसने माधुरी की गांड मारी थी
“मेरे ख्याल से टीना दीदी सही कह रही है मधु” योगेश बोला
“ठीक है,चल टीना पहले तू ही ठंडी हो जा” माधुरी पीछे हटते हुए बोली वो नहीं चाहती थी की उसकी पहली चुदाई में कोई विघ्ना आए
माधुरी की बात सुनते ही टीना खुशी से पागल हो गई योगेश के लंड को याद करके उसका हाथ अपने आप ही आप[नहीं चुत के ऊपर घूमने लगा हलकी राहुल का लंड भी अच्छा ख़ासा बड़ा था लेकिन योगेश का लंड उससे लगभग 1 इंच ज्यादा लंबा था और उसकी मोटाई भी ज्यादा थी टीना को लग रहज़ा था की आज जैसे उसकी चुत फॅट ही जाएगी लेकिन मोटे लंड से चुदाई की कल्पना करके ही उसकी चुत पानी छोड़ लगी थी वो एकटक योगेश के पेंट में बने तंबू को घुरे जा रही थी
उधर माधुरी पास पड़ी एक कुर्सी पर बैठ गई और आगे होने वाले घमासान के बारे में सोचने लगी वहीं योगेश अभी भी टीना के पास जाने की या पहल करने की हिम्मत नहीं जुटा पाया था और वो टीना को अपनी चुत रगड़ते हुए देख रहा था थोड़ी देर ऐसा ही चलता रहा तो आख़िर माधुरी को ही टोकना पड़ा “अब क्या सारी रात ऐसे ही खड़े रहोगे कुछ करोगे नहीं”
माधुरी की बात सुनते ही टीना हरकत में आई और योगेश के पास पहुंच कर उसके होंठ चूमते हुए उसके पेंट के ऊपर से ही लंड को मसलने लगी उसके ऐसा करने से योगेश भी अब फ्री होने लगा था उसका एक हाथ अब टीना की सुडौल और बड़ी बड़ी चुचियों पर पहुंच चुका था और वो बारे प्यार से उसे दबा रहा था अपने बुबू पर योगेश का हाथ लगते ही टीना कसमसाई और और भी ज़ोर से योगेश के लंड को मसलते हुए उससे चिपक गई तभी योगेश का दूसरा हाथ टीना की पीठ पर रेंगते हुए नीचे की ओर जाने लगा था जैसे ही योगेश का हाथ टीना के भारी और सॉफ्ट नितंबों पर पड़ा उसके लंड में जैसे उबाल आने लगा वॉक आस कस कर टीना के नरम नरम चूतडो को दबाने लगा टीना भी उसी स्टाइल में योगेश के लंड को निचोड़ने लगी थी
इधर माधुरी उन दोनों को दीवानों की तरह एक दूसरे को चूमते दबाते देख खुद भी मस्ती में आगाई थी उसने अपनी नाइटी कमर तक उठाई और पेंटी को साइड करके अपनी एक उंगली चुत के अंदर कर ली उधर टीना के लंड मसलने से योगेश से रहा नहीं गया और वो बोला “क्या हाथ से ही सब खत्म कर डोगी चुत में नहीं लेना है क्या?”
टीना भी जानती थी की इस तरह से योगेश जल्दी ही झाड़ जाएगा इसलिए वो योगेस्ग से अलग हुई और अपनीए कपड़े उतरने लगी उसे देख कर योगेश भी अपने कपड़े उतरने लगा कुछ ही समय में दोनों नंगे हो चुके थे योगेश का लंड टन कर उसके पेट से चिपका हुआ था और बार बार झटके मर रहा था वही टीना के बूब्स भी एकदम कठोर हो चुके थे और उसके निपल्स भी टाइट हो कर सर ताने खड़े थे योगेश ने आव देखा ना तो और जाकर सीधे दोनों बूब्स पकड़ लिए और दबाने लगा टीना दर्द और मजे से आहें भरने लगी वो जानबूझ कर योगेश के लंड को हाथ नहीं लगा रही थी क्योंकि वो उसे जल्दी डिसचार्ज नहीं होने देना चाहती थी इसीलिए वो अपना पसंदीदा काम यानि लंड चूसा भी नहीं कर रही थी वो जानती थी की माधुरी ने उसे एक ही मौका दिया है अब अगर वो इस मौके को गंवा देगी तो काक से कम आज उसे दूसरा मौका नहीं मिलने वाला था इसलिए वो कैसे भी करके जल्दी से जल्दी योगेश का लंड अपनी चुत में लेलेना चाहती थी “योगेश अब मुझसे सहन नहीं हो रहा है देखो मेरी चुत तुम्हारे लंड के लिए कितने आँसू बहा रही है, प्लीज़ अब जल्दी से इसकी प्यास बुझा दो” कहते हुए टीना ने योगेश का एक हाथ पकड़ कर अपनी गीली चुत पर रख दिया जो पानी बहा बहा कर झील सी बन गई थी योगेश अभी और भी थोड़ी देर टीना के बदन से खेलना चाहता था लेकिन कुछ टीना की मर्जी और कुछ अपनी उत्तेजना के चलते जल्दी झाड़ जाने की मजबूरी के चलते उसने अपना खेलने का इरादा छोड दिया और टीना को अपनी गोद में उठा कर पास ही पड़े बेड पर लेता दिया टीना ने झट से अपनी टाँगे फैला कर पोज़िशन लेली थी उसकी बिना बालों की चिकनी चुत देख कर योगेश से भी अब रहा नहीं गया उसने अपने लंड को चुत के मुंह पर एडजस्ट किया और एक जोरदार धक्का लगा दिया ‘ऊहह…..बहन चूओद्दद्ड…..किस बात का बदला लिया है रे तुनीई……..’ एक ही धक्के में आधा लंड अंदर जाते ही टीना की आँख फॅट गई और उसके मुंह से चीख निकल पड़ी हलकी वो पहले ही बहुत बार चुद चुकी थी और उसकी चुत भी बहुत गीली थी लेकिन योगेश का मूसल लंड जो राहुल से मोटा ही था अभी और भी ज्यादा फूल गया था के एक ही धक्के में आधा अंदर जाने से टीना को भयंकर दर्द हुआ था टीना की चीख सुनकर योगेश थोड़ी देर को रुका लेकिन उसके मुंह से निकली गली और राहुल माधुरी की याद आते ही उसपर फिर से शैतान हावी हो गया अभी माधुरी पहले धक्के के डेर्ड से उबरी ही नहीं थी की योगेश ने पूरा लंड बाहर खींच कर एक जबरदस्त धक्का और मर दिया ‘ऊ…मेरी माँ…… मर गई रही….साले गान्डू क्यों एक कमजोर लड़की पर ये ज़ुल्म कर रहा है दम है तो किसी मर्द पर अपना ज़ोर आजमा’ टीना फिर चिल्लाई
“साली छीनाल अभी तो बहुत मस्ता रही थी मेरी चुत प्यासी है अपना लंड डाल दो अब क्यों गांड फट रही है तेरी” योगेश भी टीना के ही अंदाज़ में बिना रुके धक्के मरते हुए बोला
“अबेट एरा लंड आदमी का नहीं हो सकता ये तो मुझे किसी गढ़े का लंड लगता है जिसने मेरी चुदी चदई चुत को भी फाड़ कर रख दिया है, आहह…हहुउूउक्कककक…उउम्म्मह…”टीना अब राहुल के धक्को से खुद को संभालते हुए बोली
थोड़ी देर धक्के लगान एके बाद योगेश को लगा की वो जल्दी ही झाड़ जाएगा इसलिए वो थोड़ी देर के लिए रुक गया जबकि अब तक टीना का दर्द खत्म हो चुका था और उसे चदई में मजा आने लगा था ओ योगेश के मोटे लंड को अपनी चुत में अच्छे से अंदर लेने लगी थी लेकिन योगेश के रुकते ही टीना ने उसे फिर झिड़का “अब क्या हुआ क्यों रुक गया बहन के लंड अब दिखा अपनी गांड का दम या निकल गई सारी हेकड़ी”
टीना की बातें सुनकर योगेश को गुस्सा आ गया लेकिन अभी वो मजबूर था इसलिए उसने अभी हार मानने में ही अपनी गत समझी और बगैर कुछ बोले ही अपने आराध्या को मानते हुए की कुछ भी हो इस छीनाल से पहले मेरा ना निकले धक्के लगाने लगा एक बार धक्के फिर से शुरू हो जाने से टीना की जुबान बंद हो गई और सिसकियां शुरू हो गई उधर माधुरी भी अपनी उंगली की बढ़ता लगातार बढ़ाए जा रही थी उसे भी अब अपना क्लाइमॅक्स नज़दीक ही नज़र आ रहा था उधर योगेश की बढ़ता भी एकाएक ही तरफ गई और टीना भी ज़ोर ज़ोर से अपनी कमर उछालने लगी योगेश को ऐसा लगा जैसे उसकी सारी प्राथना बेकार चली गई क्यों की वो अब बस एक दो सेकेंड का ही साथी था लेकिन तभी चमत्कार हुआ और टीना का बदन ऐंठ गया उसकी कमर एकदम शांत हो गई और आंखें फॅट गई और तभी योगेश का लावा भी फॅट पड़ा उसी वक्त योगेश को एक चीख और सुनाई दी जो की माधुरी की थी उसने जैसे तैसे अपनी गर्दन पलटा कर पीछे देखा माधुरी आंखें बंद किए गहरी गहरी सांसें ले रही थी योगेश ने भी अपनी गर्दन वापस खींची और टीना के ऊपर ढेर हो गया…..
बहुत देर तक योगेश टीना के ऊपर पड़ा हाप्ता रहा क्यों की वो सुबह से ही बहुत गरम था इस लिए वो बहुत ज्यादा झाड़ा था टीना का भी हाल योगेश जैसा ही था और वो भी आंखें बंद किए पड़ी थी माधुरी जो की अपने हाथों से ही शांत हुई थी उसकी हालत इन दोनों से बेहतर थी थोड़ी देर बाद वो उतही और पानी और दूध लेकर आगाई
माधुरी के हाथ में पानी के साथ दूध देख कर टीना मुस्कुराते हुए बोली “यानि की मानोगे नहीं सुहाग रात मना कर ही छ्चोड़ॉगी आज”
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“अब तू जॉब ही समझ चूँकि तू पहले ही योगेश को निचोड़ चुकी है इसलिए मुझे ये दूध लाना पड़ा वरना वो बगैर ताक़त के मेरी सील कैसे तोड़ पाएगा, ले योगेश दूध पीले” कहते हुए माधुरी ने योगेश को दूध का गिलास पकड़ा दिया तो योगेश ने भी बहस ना करते हुए सारा दूध पी लिया फिर टीना ने भी पानी पिया और वो बाथरूम चली गई अब माधुरी भी योगेश के पास बेड पर बैठ गई थी
माधुरी की नज़रे अब योगेश के मुरझाए हुए लंड पर थी जिसे देख कर वो हँसने लगी तो योगेश बोला “हंस क्यों रही हो”
“कुछ नहीं तेरे हथियार को देख रही हूँ जो अभी कुछ देर पहले नाग की तरह फुफ्कार रहा था और अभी भीगी बिल्ली बना हुआ है” माधुरी ने उसे चीढ़या
“थोड़ी देर रुक जाओ फिर देखना यही भीगी बिल्ली तुम्हारी चुत का भोसड़ा कैसे बनती है” योगेश बोला और उठ कर बाथरूम की तरफ चल दिया
“क्या अभी भी टीना से मन नहीं भरा जो उसके पीछे बाथरूम भी जा रहा है” माधुरी ने फिर चुटकी ली
“उससे तो मेरा मन तब तक नहीं भरेगा जब तक मैं उसकी गांड नहीं फाड़ देता लेकिन अभी तो मैं सिर्फ़ पेशाब करने जा रही हूँ वरना कही तुम्हारी चुत में ही पेशाब ना लिकल जाए” कहता हुआ योगेश वहाँ से चला गया तब तक टीना भी बाथरूम से बाहर आगाई थी वो अभी भी नंगी ही थी और वापस आकर भी उसने कपड़े पहनने की कोई कोशिश नहीं की थी
इधर माधुरी आगे आने वाले वक्त के बारे में सोचे जा रही थी और उसकी छूते के बार फिर से फड़कने लगी थी उसे पहली बार अपनी चुत में लंड लेने का रोमांच गुदगूड़ाए जा रही था लेकिन साथ ही दर्द होने का डर भी लग रहा था उसे ऐसे शोचते हुए देख टीना बोली “क्या सोच रही है मधु”
“कुछ नहीं यार पहली चुदाई के बहुत किससे सुने है मैंने इसी लिए थोड़ा डर लग रहा है बस” माधुरी बोली
“आबे कुछ नहीं होता सब बेकार की बातें है बस थोड़ा दर्द होगा और सब ठीक हो जाएगा बाद में” टीना बोली
तभी योगेश वापस आ गया और बेड पर माधुरी के पास बैठ गया “तो क्या हाल है तुम्हारे साहबजादे के दर्द तो नहीं कर रहा” टीना बोली
“उसे क्या होना है कुंवारी चुत चोद कर भी जब कुछ नहीं हुआ तो फिर तुम तो पहले से ही ढोल बन चुकी हो” योगेश बोल तो गया लेकिन माधुरी तब तक उसकी बात पकड़ चुकी थी
“कुंवारी चुत मतलब, और किसे चोद चुके हो तुम” माधुरी बोली
माधुरी की बात सुनकर योगेश हड़बड़ा गया और तुरंत ही बात संभालते हुए बोला “चुत नहीं गांड, आख़िर मैंने तुम्हारी गांड ही मारी थी ना पहले वो भी तो कुंवारी ही थी ना”
माधुरी ने सोचा की शायद योगेश के मुंह से गलती से गांड की जगह चुत निकल गया होगा लेकिन टीना समझ गई की डाल में जरूर कुछ काला है लेकिन अभी उसने भी ज्यादा बात बढ़ाना अभी ठीक नहीं समझा और योगेश के पास जाकर जो की अभी नंगा ही था का सेमी एरेक्ट लंड पकड़ कर मसलते हुए बोली “लाओ मैं इसे तैयार कर दूं मधु की चुत की सवारी करने के लिए” और घुटनों के बाल नीचे बैठते हुए उसने योगेश का लंड अपने मुंह में भरना शुरू कर दिया थोड़ी देर में ही टीना की मेहनत रंग लाई और योगेश फिरसे पूरी तरह तैयार हो चुका था एक और नहीं चुत को चोदने के लिए अबसे पहले योगिता फिर पूजा उसके बाद चाची फिर टीना और अब माधुरी इतनी जल्दी वो 5 छूते चोद लेगा उसने कभी सोचा भी नहीं था
अब माधुरी भी नंगी हो चुकी थी उसके बारे बारे बूब्स एकदम कठोर हो चुके थे और निपल्स टन कर भले की तरह योगेश की ओर मुंह उठाए खड़े थे योगेश की नज़र जब माधुरी की फूली हुई क्लीन शेव्ड चुत पर पड़ी तो वही ठहर गई टीना की चुत खुली हुई थी जब की माधुरी की एकदम चिपकी हुई थी और चुत की फांके कांप सी रही थी अब योगेश से रहा नहीं गया और उसने टीना को अपने से अलग किया और जाकर माधुरी से चिपक गया और अपने होंठ माधुरी के होठों से जोड़ते हुए अपने दोनों हाथ उसके भारी नितंबों पर रख दिए जिनका वो दीवाना था माधुरी के सॉफ्ट मखमली चूतड़ दबाने में योगेश को जितना मजा आ रहा था शायद उतना मजा अभी माधुरी को योगेश का लंड मसलने में भी नहीं आ रहा था योगेश के सीने में माधुरी के बूब्स जैसे घुसे जा रहे थे और दोनों ही जैसे एक दूसरे के होठों को पूरी तरह से निच्चोड़ लेना चाहते थे टीना दूर खड़ी बड़ी तन्मयता से ये सारा तमाशा देख रही थी उसे ज़रा भी नहीं लग रहा था की ये दोनों भाई बहन है बल्कि उसे लग रहा था जैसे दो प्रेमी बहुत दीनों बाद एक दूसरे से मिले हो और एक दूसरे को अपने अंदर सआंटी लेना चाहते हो इस वक्त उसे उन दोनों के चेहरे पर वासना कम और उद्वेलित प्यार ज्यादा नज़र आ रहा था ओ मंत्र मुग्ध बाव से उन दोनों को देखे जा रही थी लेकिन आकीर प्यार का अंतिम पड़ाव वो भी जब दोनों ही प्रेमियों के मान में समर्पण की भावना हो जिस्मानी भूख में ही तब्दील हो जाता है यहाँ भी यही हालत थी योगेश अब अपनी असली औकात में आ चुका था उसकी दो उंगलियां अब माधुरी की खुली हुई गांड में घुस चुकी थी माधुरी ने भी अपने भाई की उंगलियों का स्वागत आ भर के किया और अपने गुदा द्वार पर होती हरकत का मजा लेने लगी
कुछ देर यू ही दीवानगी के आलम में गुजरने के बाद योगेश ने माधुरी को बेड पर लेता दिया और माधुरी के ऊपर आकर उसके बूब्स चूसने लगा और अपने एक हाथ की उंगली माधुरी की चुत में चलाने लगा माधुरी भी पीछे नहीं रही और जगह बना के उसने भी जैसे तैसे योगेश का लंड पकड़ लिया और उसे रगड़ने लगी योगेश अब धीरे धीरे नीचे आने लगा था जैसे ही उसकी जीभ माधुरी की नाभि में घुसी वो सिहर उतही एक कुंवारी लड़की पहली बार में और क्या कर सकती थी सिवाए अपने आपको समेटने के तो माधुरी भी थोड़ी सिमटी लेकिन योगेश के मजबूत हाथों ने फिर उसे उसी तरह पहले जैसी अवस्था में ला दिया था
 
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