hotaks444
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फिर शाजिया ने उसके सामने आ कर उसके गले में एक बाँह डाली और दूसरे हाथ से उसके पैंट की ज़िप नीचे करने लगी लेकिन लंड के उभार के ऊपर से ज़िप खींचने में उसे थोड़ी दिक्कत हुई। ज़िप नीचे होते ही राज की पैंट का आगे से चौड़ा मुँह खुल गया और उसका लंड ऐसे लपक कर बाहर निकला जैसे किसी राक्षस ने गुस्से में भाला । फेंका हो। शाजिया की आँखें चौड़ी हो गयीं। इस लंड से उसने कितनी ही बार चुदाई की थी लेकिन शाजिया ने कभी भी इसे इतना फूला हुआ और इतना सख्त नहीं देका था। उसे देख कर शाजिया खी चूत थरथराने लगी।
शाजिया ने अंदर हाथ डाल कर राज के आँड भी बाहर कींच लिए और अपनी चमकती आँखों के समक्ष उसके विशाल चुदाई-हथियार को पूरा नंगा कर दिया। यकीनन काफी प्रभावशाली नज़ारा था। राज के लंड का बड़ा सुपाड़ा फूल कर जामुनी रंग कुकुरमुत्ते के आकार का लग रहा था। उसके लंड की डाली भी खूब लंबी और मोटी थी और उस पर शाजिया की अंगुलियों जितनी मोटी, धड़कती हुई काली नसें उभरी हुई थीं। उस मोटी-ताज़ी मांसल मिनार की जड़ में गुब्बारों की तरह फूले हुए उसके आँड थे। ।
ऊऊऊऊहहहह” शाजिया ने रोमाँच में गहरी साँस ली।
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शाजिया बिल्कुल अतृप्य थी। उसकी चूत चाहे कितनी बर भी चुद ले, हर समय प्यासी ही रहती थी। यद्यपि वो अभी ही दोनों कुत्तों के लौड़ों पर जम कर झड़ी थी, लेकिन अब वो फिर अपने अरदली के मांसल लंड से अपनी चूत भरने को उतावली हो रही थी।
दोनों कुत्ते हल्के से भौंके। उन मूक जानवरों को भी आभास हो गया था कि उस कमरे में अभी और चुदाई होने वाली है। राज की तरह उन दोनों को भी अपनी मालकिन की चूत किसी से बाँटने में आपत्ति नहीं थी।
यद्यपि राज को शाजिया के कुत्तों से संभोग करने से कोई दिक्कत नहीं थी पर वो शाजिया को स्वयं चोदते हुए कुत्तों की मौजूदगी नहीं चाहता था। उसे पता था कि कुत्ते कितने उत्तेजित हो सकते थे उसे डर था कि कहीं गल्ती से उनमें से कोई कुत्ता अपना लंड उसकी गाँड में ना पेल दे।
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राज ने कुत्तों को बाहर जाने का आदेश दिया। दोनों कुत्ते बेमन से बेडरूम के बाहर जाने लगे। उनके अर्ध-सख्त लंड अभी भी उनके नीचे झूल रहे थे। शाजिया आशा कर रही थी कि राज कुत्तों के लंड के हालत देखकर कहीं जाहिर मतलब ना समझ जाये। लेकिन राज की नज़रें कुत्तों की बजाये शाजिया पर थीं। फिर शाजिया को लगा कि कहीं वीर्य । से चिपचिपी आँघों और चूत को देखकर उसे शक ना हो जाये। उसने अपने गाऊन में हाथ डल कर एक बार फिर अपनी चूत ओर जाँघों पर फिराया। फिर उसने अपना गाऊन ज़मीन पर गिरा दिया और अपना एक हाथ अपने पेट पर फिराती हुई दूसरे हाथ से अपनी भीतरी जाँघों को सहलाने लगी। उसकी चूत का रस उसके जिस्म पर चमक रहा था और शाजिया की विकृत करतूत का सुराग, कुत्तों के लंड का वीर्य, उस चूत रस में छिपा हुआ था। शाजिया बिस्तर पर अपनी कुहनियों के सहारे पीछे को झुक कर अपनी टाँगें फैला कर बैठ गयी।
शाजिया ने अंदर हाथ डाल कर राज के आँड भी बाहर कींच लिए और अपनी चमकती आँखों के समक्ष उसके विशाल चुदाई-हथियार को पूरा नंगा कर दिया। यकीनन काफी प्रभावशाली नज़ारा था। राज के लंड का बड़ा सुपाड़ा फूल कर जामुनी रंग कुकुरमुत्ते के आकार का लग रहा था। उसके लंड की डाली भी खूब लंबी और मोटी थी और उस पर शाजिया की अंगुलियों जितनी मोटी, धड़कती हुई काली नसें उभरी हुई थीं। उस मोटी-ताज़ी मांसल मिनार की जड़ में गुब्बारों की तरह फूले हुए उसके आँड थे। ।
ऊऊऊऊहहहह” शाजिया ने रोमाँच में गहरी साँस ली।
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शाजिया बिल्कुल अतृप्य थी। उसकी चूत चाहे कितनी बर भी चुद ले, हर समय प्यासी ही रहती थी। यद्यपि वो अभी ही दोनों कुत्तों के लौड़ों पर जम कर झड़ी थी, लेकिन अब वो फिर अपने अरदली के मांसल लंड से अपनी चूत भरने को उतावली हो रही थी।
दोनों कुत्ते हल्के से भौंके। उन मूक जानवरों को भी आभास हो गया था कि उस कमरे में अभी और चुदाई होने वाली है। राज की तरह उन दोनों को भी अपनी मालकिन की चूत किसी से बाँटने में आपत्ति नहीं थी।
यद्यपि राज को शाजिया के कुत्तों से संभोग करने से कोई दिक्कत नहीं थी पर वो शाजिया को स्वयं चोदते हुए कुत्तों की मौजूदगी नहीं चाहता था। उसे पता था कि कुत्ते कितने उत्तेजित हो सकते थे उसे डर था कि कहीं गल्ती से उनमें से कोई कुत्ता अपना लंड उसकी गाँड में ना पेल दे।
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राज ने कुत्तों को बाहर जाने का आदेश दिया। दोनों कुत्ते बेमन से बेडरूम के बाहर जाने लगे। उनके अर्ध-सख्त लंड अभी भी उनके नीचे झूल रहे थे। शाजिया आशा कर रही थी कि राज कुत्तों के लंड के हालत देखकर कहीं जाहिर मतलब ना समझ जाये। लेकिन राज की नज़रें कुत्तों की बजाये शाजिया पर थीं। फिर शाजिया को लगा कि कहीं वीर्य । से चिपचिपी आँघों और चूत को देखकर उसे शक ना हो जाये। उसने अपने गाऊन में हाथ डल कर एक बार फिर अपनी चूत ओर जाँघों पर फिराया। फिर उसने अपना गाऊन ज़मीन पर गिरा दिया और अपना एक हाथ अपने पेट पर फिराती हुई दूसरे हाथ से अपनी भीतरी जाँघों को सहलाने लगी। उसकी चूत का रस उसके जिस्म पर चमक रहा था और शाजिया की विकृत करतूत का सुराग, कुत्तों के लंड का वीर्य, उस चूत रस में छिपा हुआ था। शाजिया बिस्तर पर अपनी कुहनियों के सहारे पीछे को झुक कर अपनी टाँगें फैला कर बैठ गयी।