hotaks444
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अपने लंड को गंद के अंदर रखे रखे ही उसने मुझे पलटा दिया. मैं उल्टा लेट गई और वो मेरे ऊपेर आ के मेरी गंद मारने लगा. मुझे बोहोत ही तकलीफ़ हो रही थी मेरी आँख से आँसू निकल रहे थे पर वो मेरी एक नही सुन रहा था गान्ड मारने मे बिज़ी था. मेरे पेट के नीचे उसने एक पिल्लो जैसा कुशन रख दिया था जिसे से मेरी गंद थोड़ी ओपेर उठ गई थी और वो गंद मे अपना लंड पेल रहा था. लंड को पूरा निकाल निकाल के मेरी छोटी सी गंद मे घुसेड रहा था और फिर उसकी स्पीड बढ़ गई. जैसे जैसे उसके झटके तेज़ हो रहे थे मेरी तकलीफ़ के मारे जान ही निकली जा रही थी और फिर सडन्ली मुझे उसकी मलाई
अपनी गंद मैं गिरती महसूस हुई और थोड़ी ही देर मे अपने लंड की मलाई मेरी गंद मे गिरा के वो शांत पड़ गया और मेरा बाज़ू मे आ के लेट गया पर मेरी गंद तो दरद के मारे फटी जा रही थी.
जितना मज़ा चुदाई मे आया था अब तकलीफ़ हो रही थी. मैं सुनील से बोली के नेक्स्ट टाइम कभी मेरी गंद नही मारना मुझे बोहोत ही दरद हो रहा है. वो हंसा और कहा के वो तो मेरा लंड आक्सिडेंटली तुम्हारी गंद मे घुस गया तो मुझे मज़ा आया और मैं गंद मार दिया अदरवाइज़ मेरा इरादा तो तुम्हारी गंद मारने का नही था. ठीक है अगर तुम्है पसंद नही तो नेक्स्ट टाइम नही मारूगा. फिर थोड़ी देर के बाद एक और टाइम उसने मुझे चोदा जिस से मेरी गंद मे तकलीफ़ ख़तम हो गई और चूत मे फिर से मज़ा आ गया और पता नही ऐसी चुदाई के बाद मैं कब सो गई.
सुबह उठी तो देर हो चुकी थी. आज कॉलेज को नही जाना था. नाश्ता कर के थोड़ी देर नीचे ही हम सब बातें करते रहे बस ऐसे ही सारा दिन गुज़र गया. मैं और सुनील अगले एक वीक तक खूब चुदाई करते रहे रोज़ रात को वो मम्मी डॅडी के सो जाने के बाद ऊपेर आ जाता और हम जम कर चुदाई करते. एक वीक के बाद वो चला गया और जाने से पहले मैं उस से लिपट के खूब रोई मुझे लगा जैसे कोई मेरा लवर मुझे छोड़ के जा रहा है. वो मेरे सारे बदन पे हाथ फेरता रहा और प्यार करता रहा और कहा सुनो किरण अगर तुम्हारे मेनास मे कोई गड़बड़ हो जाए तो मुझे फ़ौरन फोन कर देना मैं कुछ इंतेज़ाम कर दुगा तो मैं ने कहा ठीक है. पर अगले ही महीने मे मेरे मेनास टाइम से कुछ पहले ही शुरू हो गये तो मैं ने इतमीनान का सांस लिया और सुनील को फोन कर के बता दिया. फिर जब कभी सुनील आता हम खूब चुदाई करते.
मैं ने अपनी ग्रॅजुयेशन कंप्लीट कर ली और एक दिन मुझे पता चला के मेरी शादी किसी अशोक नाम के आदमी से फिक्स हो गई है. उसके घर वाले हमारे घर आए थे और मुझे पसंद भी कर चुके और फिर शादी की डेट फिक्स कर के मेरी शादी कर दी गई.
मैं अभी शादी की डीटेल्स मे नही जाना चाहती और डाइरेक्ट अपनी सुहाग रात के बारे मे बता देती हू. शादी हो गई और मैं अपने ससुराल आ गई. सारा घर अछी तरह से सज़ा हुआ था बहुत बड़ा भी नही बिल्कुल छोटा भी नही बॅस ठीक ठाक ही था घर. उसके घर को पोहोच्ते पोहोच्ते रात हो चुकी थी. डिन्नर तो कर ही चुके थे मॅरेज हॉल मे. अशोक का कमरा भी ठीक ठाक ही था. बेड पे चमेली के फूले बिखरे पड़े थे. पिंक कलर का बेड बोहोत अछा लग रहा था नरम था. सारे
कमरे मे चमेली के फूलो की भीने भीनी खुश्बू आ रही थी बोहोत अछा लग रहा था एक दम से रोमॅंटिक ऐसे ही था जिसकी हर लड़की ख्वाहिश करती है..
अपनी गंद मैं गिरती महसूस हुई और थोड़ी ही देर मे अपने लंड की मलाई मेरी गंद मे गिरा के वो शांत पड़ गया और मेरा बाज़ू मे आ के लेट गया पर मेरी गंद तो दरद के मारे फटी जा रही थी.
जितना मज़ा चुदाई मे आया था अब तकलीफ़ हो रही थी. मैं सुनील से बोली के नेक्स्ट टाइम कभी मेरी गंद नही मारना मुझे बोहोत ही दरद हो रहा है. वो हंसा और कहा के वो तो मेरा लंड आक्सिडेंटली तुम्हारी गंद मे घुस गया तो मुझे मज़ा आया और मैं गंद मार दिया अदरवाइज़ मेरा इरादा तो तुम्हारी गंद मारने का नही था. ठीक है अगर तुम्है पसंद नही तो नेक्स्ट टाइम नही मारूगा. फिर थोड़ी देर के बाद एक और टाइम उसने मुझे चोदा जिस से मेरी गंद मे तकलीफ़ ख़तम हो गई और चूत मे फिर से मज़ा आ गया और पता नही ऐसी चुदाई के बाद मैं कब सो गई.
सुबह उठी तो देर हो चुकी थी. आज कॉलेज को नही जाना था. नाश्ता कर के थोड़ी देर नीचे ही हम सब बातें करते रहे बस ऐसे ही सारा दिन गुज़र गया. मैं और सुनील अगले एक वीक तक खूब चुदाई करते रहे रोज़ रात को वो मम्मी डॅडी के सो जाने के बाद ऊपेर आ जाता और हम जम कर चुदाई करते. एक वीक के बाद वो चला गया और जाने से पहले मैं उस से लिपट के खूब रोई मुझे लगा जैसे कोई मेरा लवर मुझे छोड़ के जा रहा है. वो मेरे सारे बदन पे हाथ फेरता रहा और प्यार करता रहा और कहा सुनो किरण अगर तुम्हारे मेनास मे कोई गड़बड़ हो जाए तो मुझे फ़ौरन फोन कर देना मैं कुछ इंतेज़ाम कर दुगा तो मैं ने कहा ठीक है. पर अगले ही महीने मे मेरे मेनास टाइम से कुछ पहले ही शुरू हो गये तो मैं ने इतमीनान का सांस लिया और सुनील को फोन कर के बता दिया. फिर जब कभी सुनील आता हम खूब चुदाई करते.
मैं ने अपनी ग्रॅजुयेशन कंप्लीट कर ली और एक दिन मुझे पता चला के मेरी शादी किसी अशोक नाम के आदमी से फिक्स हो गई है. उसके घर वाले हमारे घर आए थे और मुझे पसंद भी कर चुके और फिर शादी की डेट फिक्स कर के मेरी शादी कर दी गई.
मैं अभी शादी की डीटेल्स मे नही जाना चाहती और डाइरेक्ट अपनी सुहाग रात के बारे मे बता देती हू. शादी हो गई और मैं अपने ससुराल आ गई. सारा घर अछी तरह से सज़ा हुआ था बहुत बड़ा भी नही बिल्कुल छोटा भी नही बॅस ठीक ठाक ही था घर. उसके घर को पोहोच्ते पोहोच्ते रात हो चुकी थी. डिन्नर तो कर ही चुके थे मॅरेज हॉल मे. अशोक का कमरा भी ठीक ठाक ही था. बेड पे चमेली के फूले बिखरे पड़े थे. पिंक कलर का बेड बोहोत अछा लग रहा था नरम था. सारे
कमरे मे चमेली के फूलो की भीने भीनी खुश्बू आ रही थी बोहोत अछा लग रहा था एक दम से रोमॅंटिक ऐसे ही था जिसकी हर लड़की ख्वाहिश करती है..