hotaks444
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अब कम्मो ने सब लड़कियों को इकठ्ठा किया और कहा- चलो हम मूती प्रतियोगिता रख लेते हैं जिसमें आपको पेशाब करना होगा और जिसकी धार सब से दूर तक जायेगी वो लड़की या औरत जीत जायेगी। मंज़ूर है क्या?
तब तन्वी भाभी बोली- पर हम तो बैठ कर पेशाब करती हैं, वो धार दूर तक कैसे जायेगी?
कम्मो बोली- सब देखो, ऐसे पेशाब करेंगी हम… आदमियों की तरह!
यह कह कर कम्मो ने अपने पेटीकोट को ऊपर उठाया और आदमियों की तरह खड़े होकर पेशाब की धार छोड़ दी और उसकी धार भी काफी दूर तक गई। अब तन्वी भाभी ने भी अपना पेटीकोट उठा कर धार छोड़ दी और कम्मो ने उसकी धार के आखरी पॉइंट पर एक छोटा पत्थर रख दिया।
इस तरह से बारी बारी सब लड़कियाँ आ रही थी और पेशाब की धार छोड़ रही थी और मैं यह सेक्सी नज़ारा देख रहा था।
मैं झाड़ी के पीछे छुपा हुआ यह मूती प्रतियोगिता को देखता रहा और इस इंतज़ार में रहा कि देखें कौन यह अजीब कम्पटीशन जीतता है।
मेरी उम्मीद के खिलाफ यह कम्पटीशन रिया ने ही जीता और सब लड़कियों ने खूब ज़ोर से तालियाँ बजाई।
कम्मो उन सबको वहीं छोड़ कर मेरे पास आई और बोली- सबने खूब मज़ा लिया आज तो! अच्छा रहा यह सारा प्रोग्राम खास तौर से यह मूती प्रोग्राम, सब लड़कियाँ बड़ी खुश लग रही हैं।
मैं बोला- यह दो लड़कियाँ जो अब तक नहीं चुदी हैं, उनका नाम क्या है?
कम्मो बोली- वो जो थोड़ी सांवली है, उसका नाम धन्नो है, दूसरी जो गोरी सी है उसका नाम रेवा है।
मैंने पूछा- क्या वो दोनों चुदाई में इंटरेस्टेड नहीं?
कम्मो बोली- शायद नहीं हों! मैं आज उनसे पूछ लेती हूँ, अगर इंटरेस्टेड हों तो रात को उनकी बारी लगा देती हूँ और तनु भाभी को लंच के बाद कॉटेज में बुला लेती हूँ। क्यों ठीक है ना?
मैंने कहा- ठीक है जैसा तुम कहो मेरी छोटी मालकिन।
और कम्मो को थैंक्स करते हुए एक हॉट किस दे दी और एक गहरी जफ्फी डालते हुए कहा- कम्मो डार्लिंग, आज तुमने मेरी वर्षों पुरानी तीव्र इच्छा पूरी कर दी।
कम्मो बोली- कौन सी इच्छा छोटे मालिक?
मैं हँसते हुए बोला- वही बहुत सी लड़कियों और औरतों को एकदम नंगी और पेशाब करते हुये देखना का मुझको मौका देना! तुमने किस गज़ब से सब को नंगी दिखा दिया और वो भी मेरे ठीक सामने, यह कोई कम कमाल नहीं है। कैसे तुम उनको घेर कर झाड़ी के सामने ले आती थी और उनको कपड़े बदलने के लिए प्रेरित करती थी। वाह वाह कम्मो रानी।
कम्मो मुस्करा रही थी और मेरे को जफ्फी डाल रही थी।
कम्मो ने सबको इकट्ठा किया और उनको किसी तरह कार में एडजस्ट किया और वापसी के लिए चल पड़ी।
सब लड़कियाँ बड़ी खुश थी आज के प्रोग्राम से और मैं अपनी बाइक पर घर पहुँचा थोड़ी देर बाद!
तनवी भाभी का गर्भाधान
फिर सब कार में बैठ कर हवेली लौट गई और सब लड़कियाँ बड़ी खुश थी आज के प्रोग्राम से…
मैं अपनी बाइक पर घर पहुँचा थोड़ी देर बाद!
सब लड़कियाँ डाइनिंग टेबल पर बैठी भोजन कर रही थी ज़ोर ज़ोर से मम्मी जी को बता रही थी कि उन्होंने नदी में कितना आनन्द लिया। खाने में पर्बती ने बड़े ही स्वादिष्ट व्यंजन बनाये थे जिनमें कीमा मटर, चापें और एक सब्ज़ी और मीठे में गाजर का हलवा था जो सबको बहुत ही पसंद आया।
खाने के बाद हम थोड़ी देर के लेट गए जिसमें तनवी भाभी और मैं एक कमरे में थे और बाकी सब अपने अपने कमरों में थे।
क्यूंकि कमरे का दरवाज़ा खुला था तो हम दोनों अपनी हद में ही रह रहे थे लेकिन फिर भी मेरे हाथ भाभी के जिस्म पर रेंग रहे थे चाहे वो कपड़ो के ऊपर से ही था पर भाभी को यह बहुत ही अच्छा लग रहा था, भाभी भी यदा कदा मेरे लंड को छू लेती थी।
थोड़ी देर बाद कम्मो आई और बोली- चलो फिर कॉटेज चलते हैं।
मैं और भाभी उठ कर चलने के लिए तैयार होने लगे, भाभी को कम्मो बाथरूम ले गई और थोड़ी देर बाद निकली और फिर हम सब कार में बैठ कर कॉटेज पहुँच गए।
चौकीदार ने मुझको बड़ी भावभीनी नमस्ते की और पूछा कि मैं कैसा रहा लखनऊ में…
मैंने भी उसके परिवार के बारे में पूछा।
कम्मो भाभी को लेकर अंदर जा चुकी थी, मैं भी उनके पीछे अंदर आ गया।
कॉटेज बिल्कुल वैसी ही थी जैसे मैं छोड़ गया था।
भाभी और कम्मो शायद बैडरूम में जा चुकी थी, वहाँ पहुँचा तो देखा कि भाभी बिल्कुल नंगी खड़ी थी और कम्मो उसके मुम्मों को चूस रही थी।
मैंने अंदर जाते ही पहले कम्मो को भी साड़ी उतारने के लिए कहा और खुद ही उसको भी नंगी करने लगा, साड़ी उतार कर उसका पेटीकोट भी खींच दिया और फिर उसके ब्लाउज और ब्रा को भी हटा दिया।
भाभी कम्मो के मुम्मों की चुसाई से गर्म होना शुरू हो गई थी लेकिन अभी भी उसकी आँखें मेरे लंड को ढूंढ रही थी और मैंने भी जल्दी से अपनी पैंट कमीज उतार दी और कच्छे को उतारने जा ही रहा था कि भाभी ने कहा- सोमू रुको, इसको मैं उतारूंगी।
मैं रुक गया और भाभी नीचे बैठ कर मेरे कच्छे को उतारने लगी तो मेरी और कम्मो की नज़रें मिली और हम दोनों ही हंस रहे थे कि देखो भाभी को कितने ज़ोर का थप्पड़ पड़ेगा।
भाभी इस खतरे से बेखबर हुई अंडरवीयर को उतारने में लगी हुई थी, और जैसे ही उसने अंडरवीयर को नीचे किया कि लंड लाल ने सीधा मुंह पर ज़ोर का थप्पड़ मारा और भाभी एकदम हैरान हुई नीचे गिर गई।
कम्मो तो इसके लिए तैयार बैठी थी, उसने फ़ौरन भाभी को उठा कर बिठा दिया और उसको सहारा देकर मेरे पास ले आई।
तब मैंने कहा- भाभी, यह लंड ससुर बहुत ही हरामी है रे, कुछ भी देखता भालता नहीं और झट से थप्पड़बाज़ी पर उतर आता है। आपको चोट तो नहीं लगी ना?
अब जब भाभी को समझ आई तो वो बड़े ज़ोर से खिलखिला कर हंस दी, हँसते हुए बोली- वाह रे सोमू यार तेरा यह लंडवा तो बड़ा ज़ालिम है रे? अभी चुतवा में तो डंडाबाज़ी करेगा ही, साथ में थप्पड़ भी मारता है।
हम तीनों हंस दिए, मैं और कम्मो, भाभी को तैयार करने में लग गये, जैसे उसकी चूत में उंगली करना और मुम्मों को चूसना और भग को मसलना।
कम्मो ने मुझको इशारा किया और मैं भाभी की टांगों में बैठ कर उसकी चूत को जीभ से चाटने लगा और फिर उसके भग को मुंह में लेकर चूसना शुरू कर दिया।
भाभी मेरी चूत चुसाई से एकदम पगला गई क्यूंकि आज तक उसके साथ ऐसा कभी नहीं हुआ था और जीभ और मुंह की चुसाई से वो बहुत जल्दी ही सर को इधर उधर पटकने लगी और मेरे लौड़े को खींचने लगी।
कम्मो ने मुझको उसको घोड़ी बना कर चोदने का इशारा किया, मैंने बेड पर आते ही भाभी को घोड़ी बनने के लिए कहा और जब वो घोड़ी बन गई तो वो मुड़ मुड़ कर पीछे की तरफ देख रही थी, थोड़ी घबरा के बोली- यह क्या कर रहे हो सोमू?
मैं हैरान होकर बोला- तुमको घोड़ी बना कर चोद रहा हूँ और क्या? कभी ऐसे नहीं चुदवाया अपने पति से?
भाभी बोली- नहीं सोमू, वो तो हमेशा एक तरीके से ही चोदते थे और वो भी मुझको सीधे लिटा कर, उनको तो और कोई तरीका नहीं आता।
कम्मो बोली- देखो तनवी भाभी, यह घोड़ी वाले तरीके से चोदने से गर्भ जल्दी ठहरता है इसलिए तुमको घोड़ी बनवा रहे हैं, चलो घोड़ी बन जाओ, तुमको मज़ा भी बहुत आयेगा इस तरीके से।
फिर कम्मो ने भाभी को घोड़ी बना दिया और मुझको अपना लौड़े को घोड़ी की खुली चूत में डालने के लिए कहा।
तब तन्वी भाभी बोली- पर हम तो बैठ कर पेशाब करती हैं, वो धार दूर तक कैसे जायेगी?
कम्मो बोली- सब देखो, ऐसे पेशाब करेंगी हम… आदमियों की तरह!
यह कह कर कम्मो ने अपने पेटीकोट को ऊपर उठाया और आदमियों की तरह खड़े होकर पेशाब की धार छोड़ दी और उसकी धार भी काफी दूर तक गई। अब तन्वी भाभी ने भी अपना पेटीकोट उठा कर धार छोड़ दी और कम्मो ने उसकी धार के आखरी पॉइंट पर एक छोटा पत्थर रख दिया।
इस तरह से बारी बारी सब लड़कियाँ आ रही थी और पेशाब की धार छोड़ रही थी और मैं यह सेक्सी नज़ारा देख रहा था।
मैं झाड़ी के पीछे छुपा हुआ यह मूती प्रतियोगिता को देखता रहा और इस इंतज़ार में रहा कि देखें कौन यह अजीब कम्पटीशन जीतता है।
मेरी उम्मीद के खिलाफ यह कम्पटीशन रिया ने ही जीता और सब लड़कियों ने खूब ज़ोर से तालियाँ बजाई।
कम्मो उन सबको वहीं छोड़ कर मेरे पास आई और बोली- सबने खूब मज़ा लिया आज तो! अच्छा रहा यह सारा प्रोग्राम खास तौर से यह मूती प्रोग्राम, सब लड़कियाँ बड़ी खुश लग रही हैं।
मैं बोला- यह दो लड़कियाँ जो अब तक नहीं चुदी हैं, उनका नाम क्या है?
कम्मो बोली- वो जो थोड़ी सांवली है, उसका नाम धन्नो है, दूसरी जो गोरी सी है उसका नाम रेवा है।
मैंने पूछा- क्या वो दोनों चुदाई में इंटरेस्टेड नहीं?
कम्मो बोली- शायद नहीं हों! मैं आज उनसे पूछ लेती हूँ, अगर इंटरेस्टेड हों तो रात को उनकी बारी लगा देती हूँ और तनु भाभी को लंच के बाद कॉटेज में बुला लेती हूँ। क्यों ठीक है ना?
मैंने कहा- ठीक है जैसा तुम कहो मेरी छोटी मालकिन।
और कम्मो को थैंक्स करते हुए एक हॉट किस दे दी और एक गहरी जफ्फी डालते हुए कहा- कम्मो डार्लिंग, आज तुमने मेरी वर्षों पुरानी तीव्र इच्छा पूरी कर दी।
कम्मो बोली- कौन सी इच्छा छोटे मालिक?
मैं हँसते हुए बोला- वही बहुत सी लड़कियों और औरतों को एकदम नंगी और पेशाब करते हुये देखना का मुझको मौका देना! तुमने किस गज़ब से सब को नंगी दिखा दिया और वो भी मेरे ठीक सामने, यह कोई कम कमाल नहीं है। कैसे तुम उनको घेर कर झाड़ी के सामने ले आती थी और उनको कपड़े बदलने के लिए प्रेरित करती थी। वाह वाह कम्मो रानी।
कम्मो मुस्करा रही थी और मेरे को जफ्फी डाल रही थी।
कम्मो ने सबको इकट्ठा किया और उनको किसी तरह कार में एडजस्ट किया और वापसी के लिए चल पड़ी।
सब लड़कियाँ बड़ी खुश थी आज के प्रोग्राम से और मैं अपनी बाइक पर घर पहुँचा थोड़ी देर बाद!
तनवी भाभी का गर्भाधान
फिर सब कार में बैठ कर हवेली लौट गई और सब लड़कियाँ बड़ी खुश थी आज के प्रोग्राम से…
मैं अपनी बाइक पर घर पहुँचा थोड़ी देर बाद!
सब लड़कियाँ डाइनिंग टेबल पर बैठी भोजन कर रही थी ज़ोर ज़ोर से मम्मी जी को बता रही थी कि उन्होंने नदी में कितना आनन्द लिया। खाने में पर्बती ने बड़े ही स्वादिष्ट व्यंजन बनाये थे जिनमें कीमा मटर, चापें और एक सब्ज़ी और मीठे में गाजर का हलवा था जो सबको बहुत ही पसंद आया।
खाने के बाद हम थोड़ी देर के लेट गए जिसमें तनवी भाभी और मैं एक कमरे में थे और बाकी सब अपने अपने कमरों में थे।
क्यूंकि कमरे का दरवाज़ा खुला था तो हम दोनों अपनी हद में ही रह रहे थे लेकिन फिर भी मेरे हाथ भाभी के जिस्म पर रेंग रहे थे चाहे वो कपड़ो के ऊपर से ही था पर भाभी को यह बहुत ही अच्छा लग रहा था, भाभी भी यदा कदा मेरे लंड को छू लेती थी।
थोड़ी देर बाद कम्मो आई और बोली- चलो फिर कॉटेज चलते हैं।
मैं और भाभी उठ कर चलने के लिए तैयार होने लगे, भाभी को कम्मो बाथरूम ले गई और थोड़ी देर बाद निकली और फिर हम सब कार में बैठ कर कॉटेज पहुँच गए।
चौकीदार ने मुझको बड़ी भावभीनी नमस्ते की और पूछा कि मैं कैसा रहा लखनऊ में…
मैंने भी उसके परिवार के बारे में पूछा।
कम्मो भाभी को लेकर अंदर जा चुकी थी, मैं भी उनके पीछे अंदर आ गया।
कॉटेज बिल्कुल वैसी ही थी जैसे मैं छोड़ गया था।
भाभी और कम्मो शायद बैडरूम में जा चुकी थी, वहाँ पहुँचा तो देखा कि भाभी बिल्कुल नंगी खड़ी थी और कम्मो उसके मुम्मों को चूस रही थी।
मैंने अंदर जाते ही पहले कम्मो को भी साड़ी उतारने के लिए कहा और खुद ही उसको भी नंगी करने लगा, साड़ी उतार कर उसका पेटीकोट भी खींच दिया और फिर उसके ब्लाउज और ब्रा को भी हटा दिया।
भाभी कम्मो के मुम्मों की चुसाई से गर्म होना शुरू हो गई थी लेकिन अभी भी उसकी आँखें मेरे लंड को ढूंढ रही थी और मैंने भी जल्दी से अपनी पैंट कमीज उतार दी और कच्छे को उतारने जा ही रहा था कि भाभी ने कहा- सोमू रुको, इसको मैं उतारूंगी।
मैं रुक गया और भाभी नीचे बैठ कर मेरे कच्छे को उतारने लगी तो मेरी और कम्मो की नज़रें मिली और हम दोनों ही हंस रहे थे कि देखो भाभी को कितने ज़ोर का थप्पड़ पड़ेगा।
भाभी इस खतरे से बेखबर हुई अंडरवीयर को उतारने में लगी हुई थी, और जैसे ही उसने अंडरवीयर को नीचे किया कि लंड लाल ने सीधा मुंह पर ज़ोर का थप्पड़ मारा और भाभी एकदम हैरान हुई नीचे गिर गई।
कम्मो तो इसके लिए तैयार बैठी थी, उसने फ़ौरन भाभी को उठा कर बिठा दिया और उसको सहारा देकर मेरे पास ले आई।
तब मैंने कहा- भाभी, यह लंड ससुर बहुत ही हरामी है रे, कुछ भी देखता भालता नहीं और झट से थप्पड़बाज़ी पर उतर आता है। आपको चोट तो नहीं लगी ना?
अब जब भाभी को समझ आई तो वो बड़े ज़ोर से खिलखिला कर हंस दी, हँसते हुए बोली- वाह रे सोमू यार तेरा यह लंडवा तो बड़ा ज़ालिम है रे? अभी चुतवा में तो डंडाबाज़ी करेगा ही, साथ में थप्पड़ भी मारता है।
हम तीनों हंस दिए, मैं और कम्मो, भाभी को तैयार करने में लग गये, जैसे उसकी चूत में उंगली करना और मुम्मों को चूसना और भग को मसलना।
कम्मो ने मुझको इशारा किया और मैं भाभी की टांगों में बैठ कर उसकी चूत को जीभ से चाटने लगा और फिर उसके भग को मुंह में लेकर चूसना शुरू कर दिया।
भाभी मेरी चूत चुसाई से एकदम पगला गई क्यूंकि आज तक उसके साथ ऐसा कभी नहीं हुआ था और जीभ और मुंह की चुसाई से वो बहुत जल्दी ही सर को इधर उधर पटकने लगी और मेरे लौड़े को खींचने लगी।
कम्मो ने मुझको उसको घोड़ी बना कर चोदने का इशारा किया, मैंने बेड पर आते ही भाभी को घोड़ी बनने के लिए कहा और जब वो घोड़ी बन गई तो वो मुड़ मुड़ कर पीछे की तरफ देख रही थी, थोड़ी घबरा के बोली- यह क्या कर रहे हो सोमू?
मैं हैरान होकर बोला- तुमको घोड़ी बना कर चोद रहा हूँ और क्या? कभी ऐसे नहीं चुदवाया अपने पति से?
भाभी बोली- नहीं सोमू, वो तो हमेशा एक तरीके से ही चोदते थे और वो भी मुझको सीधे लिटा कर, उनको तो और कोई तरीका नहीं आता।
कम्मो बोली- देखो तनवी भाभी, यह घोड़ी वाले तरीके से चोदने से गर्भ जल्दी ठहरता है इसलिए तुमको घोड़ी बनवा रहे हैं, चलो घोड़ी बन जाओ, तुमको मज़ा भी बहुत आयेगा इस तरीके से।
फिर कम्मो ने भाभी को घोड़ी बना दिया और मुझको अपना लौड़े को घोड़ी की खुली चूत में डालने के लिए कहा।