hotaks444
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[size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large][size=large]फिर वो अचानक ऐसी जगह पहुँच गया जिसकी मैं कभी कल्पना भी नहीं की थी… वो मेरे दोनों हाथों को ऊपर करके मेरी आर्मपिट चाटने लगा। मेरे मन में एक अजीब सी गुदगुदी सी हुई कि ‘ये क्या कर रहा है’ और मेरी आँखें बंद हो गयी और सब कुछ भूलकर बस मैं आंनद लेने लगी।इससे पहले मैं कुछ समझ पाती, वो मेरी चूत में उंगली करने लगा और ये पानी तो आग में पेट्रोल छिड़कने का काम कर रही थी।
मैं अब बर्दाश्त नहीं कर पा रही थी और मेरे मुँह से अपने आप सिसकारियां निकलने लगी- ओह्हह हहहह… आहह…मैं अपना आपा खो चुकी थी और वो पूरे जोश से कभी मेरी चूची चाटता तो कभी गाल… तो कभी तो कभी होंठ, तो कभी गर्दन, तो कभी मेरी गांड और बीच-बीच में अपनी दाँत चुभो कर और पागल कर देता।मैं तो बस आँखों को बंद कर एक अजीब सी दुनिया में खोई थी।
तभी उसने अचानक मेरी चूत में अपनी जीभ लगा दी और चूत चाटने लगा। मेरी आँख अचानक से खुली और मैं मदहोशी से बोली- शनि… अब बस कर! बस मेरी चूत को फाड़ दे।
यह बात सुनते ही जैसे शनि पागल हो गया और मेरी चूत को अपने मुँह में भर लिया और अपने जीभ से मेरी चुदाई करने लगा। मैं भी उसका पूरा साथ दे रही थी। करीब 5 मिनट बाद मैं उसके मुँह में झर गयी लेकिन वो अभी भी अपने जीभ से चोद रहा था।
फिर मैंने जैसे तैसे उसको अलग किया और बोली- हो गया… बस कर… बहुत नहा ली! अब चल!और मैं बाथरूम से निकल गयी।वो मेरे पीछे आया और बोला- दीदी, ये गलत है। आपका काम तो हो गया लेकिन मेरा लन्ड तो अभी भी खड़ा है।तो मैं बोली- तो मैं क्या करूँ? मुझे देर हो रही है।
फिर वो गिड़गिड़ाने लगा- प्लीज दीदी, एक बार गांड मारने दो।मैंने सोचा कि ये बिना चोदे मानेगा नहीं और देर भी हो रही थी, इससे चुद ही लेती हूँ तो मैंने हामी भर दी।
यह सुनते ही उसने मुझे गोद में उठाया, बेड पर पटक दिया और मुझे कुतिया की तरह मेरी गांड को उचका दिया. फिर मेरी गांड पर क्रीम लगा कर फिर उसने अपने लन्ड को मेरी गांड पे टिकाया और इतना जोरदार झटका मारा कि मैं दर्द के कारण लेट गयी और जोर-जोर से चिल्लाने लगी- साले… बहनचोद निकाल लन्ड… मेरी गांड को फाड़ दिया।
लेकिन उसने नहीं सुना और लन्ड धीरे-धीरे आगे पीछे करने लगा. करीब 5 मिनट बाद उसने फिर एक जोर का झटका मारा और लन्ड पूरा अंदर चला गया। मेरे तो जैसे प्राण निकल गये। मैं जोर जोर से चिल्लाने लगी, जोर से रोने लगी और गाली देने लगी- साले, मादरचोद, बहनचोद मेरी गांड से लन्ड निकाल!और छटपटाने लगी।
फिर शनि ने मेरे मुँह को अपने हाथ से बंद किया और मुझे बोला- शांत हो जा मेरी रानी।और फिर धीरे धीरे वो लन्ड आगे पीछे करने लगा। मुझे ऐसे लग रहा था कि जैसे मेरी गांड में कोई मोटा सरिया डाल कर मेरी गांड की गहराई नाप रहा हो।मेरी तो आंखों से आंसू आने लगे लेकिन शनि लन्ड आगे पीछे कर रहा था।
करीब 5 मिनट बाद मेरा दर्द कम हुआ और थोड़ा थोड़ा मजा आने लगा मुझे!फिर मैं भी धीरे-धीरे गांड उचकाने लगी। यह देखकर शनि ने अपनी रफ्तार बढ़ा दी और अपने हाथों से मेरा भाई मेरी चूचियों को मसल रहा था। फिर उसने मेरी चूत के नीचे तकिया लगाया और स्पीड और बढ़ा दी और खचाखच अपनी बहन की गांड चोदने लगा. मैं भी तेजी से गान्ड उछाल उछाल कर लन्ड ले रही थी और सिसकारियां लेने लगी।
तकरीबन 10 मिनट बाद उसने मेरी गान्ड में तेज पिचकारी मारी और मेरे ऊपर निढाल हो पड़ गया। उसका वीर्य बहुत समय तक मेरी गान्ड से रिस रिस कर निकलता रहा। फिर शनि मेरे गले लगकर बोला- थैंक यू दीदी! आज आपने अपने भैया को सैंया बनने का मौका दिया।और एक पप्पी करी।फिर मैं बोली- अब तो घर चलें बहनचोद?तो शनि बोला- घर नंगी जाओगी मेरी जान?मैं खिलखिला कर हंस पड़ी, बोली- मेरा बस चले तो मैं कभी कपड़े पहनूँ ही नहीं!
फिर मेरा भाई बाजार से जींस टॉप लाया, मैंने बिना ब्रा पेंटी के वो पहने और अपने भाई की बाइक पर उसकी कमर में अपनी चूचियां गड़ाती हुई, उसके लंड को पकड़ कर अपने घर आयी.
इस चुदाई के बाद हम दोनों भाई बहन ने बहुतों बार मौके खोज खोज कर चुदाई की।
मेरी प्रिय पाठको, उम्मीद करती हूँ कि आप लोगों को यह कहानी पसन्द आयी होगी।आगे की कहानी अगले भाग में बताऊंगी, तब तक के लिए अपनी इस चुदक्कड़ मधु को आज्ञा दें।
मेरी मस्त पोर्न कहानी आपको कैसी लगी, जरूर बताएं।[/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size]
मैं अब बर्दाश्त नहीं कर पा रही थी और मेरे मुँह से अपने आप सिसकारियां निकलने लगी- ओह्हह हहहह… आहह…मैं अपना आपा खो चुकी थी और वो पूरे जोश से कभी मेरी चूची चाटता तो कभी गाल… तो कभी तो कभी होंठ, तो कभी गर्दन, तो कभी मेरी गांड और बीच-बीच में अपनी दाँत चुभो कर और पागल कर देता।मैं तो बस आँखों को बंद कर एक अजीब सी दुनिया में खोई थी।
तभी उसने अचानक मेरी चूत में अपनी जीभ लगा दी और चूत चाटने लगा। मेरी आँख अचानक से खुली और मैं मदहोशी से बोली- शनि… अब बस कर! बस मेरी चूत को फाड़ दे।
यह बात सुनते ही जैसे शनि पागल हो गया और मेरी चूत को अपने मुँह में भर लिया और अपने जीभ से मेरी चुदाई करने लगा। मैं भी उसका पूरा साथ दे रही थी। करीब 5 मिनट बाद मैं उसके मुँह में झर गयी लेकिन वो अभी भी अपने जीभ से चोद रहा था।
फिर मैंने जैसे तैसे उसको अलग किया और बोली- हो गया… बस कर… बहुत नहा ली! अब चल!और मैं बाथरूम से निकल गयी।वो मेरे पीछे आया और बोला- दीदी, ये गलत है। आपका काम तो हो गया लेकिन मेरा लन्ड तो अभी भी खड़ा है।तो मैं बोली- तो मैं क्या करूँ? मुझे देर हो रही है।
फिर वो गिड़गिड़ाने लगा- प्लीज दीदी, एक बार गांड मारने दो।मैंने सोचा कि ये बिना चोदे मानेगा नहीं और देर भी हो रही थी, इससे चुद ही लेती हूँ तो मैंने हामी भर दी।
यह सुनते ही उसने मुझे गोद में उठाया, बेड पर पटक दिया और मुझे कुतिया की तरह मेरी गांड को उचका दिया. फिर मेरी गांड पर क्रीम लगा कर फिर उसने अपने लन्ड को मेरी गांड पे टिकाया और इतना जोरदार झटका मारा कि मैं दर्द के कारण लेट गयी और जोर-जोर से चिल्लाने लगी- साले… बहनचोद निकाल लन्ड… मेरी गांड को फाड़ दिया।
लेकिन उसने नहीं सुना और लन्ड धीरे-धीरे आगे पीछे करने लगा. करीब 5 मिनट बाद उसने फिर एक जोर का झटका मारा और लन्ड पूरा अंदर चला गया। मेरे तो जैसे प्राण निकल गये। मैं जोर जोर से चिल्लाने लगी, जोर से रोने लगी और गाली देने लगी- साले, मादरचोद, बहनचोद मेरी गांड से लन्ड निकाल!और छटपटाने लगी।
फिर शनि ने मेरे मुँह को अपने हाथ से बंद किया और मुझे बोला- शांत हो जा मेरी रानी।और फिर धीरे धीरे वो लन्ड आगे पीछे करने लगा। मुझे ऐसे लग रहा था कि जैसे मेरी गांड में कोई मोटा सरिया डाल कर मेरी गांड की गहराई नाप रहा हो।मेरी तो आंखों से आंसू आने लगे लेकिन शनि लन्ड आगे पीछे कर रहा था।
करीब 5 मिनट बाद मेरा दर्द कम हुआ और थोड़ा थोड़ा मजा आने लगा मुझे!फिर मैं भी धीरे-धीरे गांड उचकाने लगी। यह देखकर शनि ने अपनी रफ्तार बढ़ा दी और अपने हाथों से मेरा भाई मेरी चूचियों को मसल रहा था। फिर उसने मेरी चूत के नीचे तकिया लगाया और स्पीड और बढ़ा दी और खचाखच अपनी बहन की गांड चोदने लगा. मैं भी तेजी से गान्ड उछाल उछाल कर लन्ड ले रही थी और सिसकारियां लेने लगी।
तकरीबन 10 मिनट बाद उसने मेरी गान्ड में तेज पिचकारी मारी और मेरे ऊपर निढाल हो पड़ गया। उसका वीर्य बहुत समय तक मेरी गान्ड से रिस रिस कर निकलता रहा। फिर शनि मेरे गले लगकर बोला- थैंक यू दीदी! आज आपने अपने भैया को सैंया बनने का मौका दिया।और एक पप्पी करी।फिर मैं बोली- अब तो घर चलें बहनचोद?तो शनि बोला- घर नंगी जाओगी मेरी जान?मैं खिलखिला कर हंस पड़ी, बोली- मेरा बस चले तो मैं कभी कपड़े पहनूँ ही नहीं!
फिर मेरा भाई बाजार से जींस टॉप लाया, मैंने बिना ब्रा पेंटी के वो पहने और अपने भाई की बाइक पर उसकी कमर में अपनी चूचियां गड़ाती हुई, उसके लंड को पकड़ कर अपने घर आयी.
इस चुदाई के बाद हम दोनों भाई बहन ने बहुतों बार मौके खोज खोज कर चुदाई की।
मेरी प्रिय पाठको, उम्मीद करती हूँ कि आप लोगों को यह कहानी पसन्द आयी होगी।आगे की कहानी अगले भाग में बताऊंगी, तब तक के लिए अपनी इस चुदक्कड़ मधु को आज्ञा दें।
मेरी मस्त पोर्न कहानी आपको कैसी लगी, जरूर बताएं।[/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size][/size]