hotaks444
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जीत एक्सपीरियेन्स्ड मॅन था ..जानता था कि एक बार चूत या गांद की दमदार चुदाई हो जाने के बात औरत खुद मचलने लगी है अगली थुकायी के लिए ..फिर तनवी कैसे से बच पाती
" नही कहूँगी ..प्रॉमिस ..देखो टब कब से फुल हो गया ..और आप बेवजह मुझे खड़े रखे हुए हैं "
तनवी के कहने पर जीत का ध्यान टब पर गया जिसमे से पानी बह कर फ्लोर गीला कर रहा था
" सॉरी सॉरी ..वो तुझे बातों मे लगाने के च्चकर मे ..मैं खुद भी खो गया था "
जीत ने खड़े हो कर कहा और तनवी को सहारा दे कर तब के नज़दीक आ गया
" अब क्या विचार है ..नहलाओगे क्या मुझे ? "
सवालिया तरीके से तनवी ने पूछा
" हां नहलाउन्गा और तेरी गांद के छेद की सिकाई भी करूँगा ..ताकि पेन ख़तम हो जाए "
जीत बाथ टब मे लेट ते हुए बोला ..साथ ही तनवी भी 69 की पोज़िशन बना कर टब मे उतर गयी ....
जीत ने अपना सर टब की ऊपरी सतह पर टिका रखा था और हाथो से चूतड़ो की दरार खोल कर हल्के गरम पानी के छिंट छेद पर मारने लगा
" आईईईईईईई !!!!!! डॅड ....... दुख़्ता है "
तनवी सिसक कर बोली ..पर जीत ने उसकी बात को अनसुना कर अपनी उंगली से छेद के ऊपरी भाग की मालिश करने लगा ..भीषण चुदाई से छेद पर सूजन आ गयी थी और वो पहले से ज़्यादा खुल चुका था ..राउंड शेप मे अपनी उंगली से मसाज करते टाइम जीत तनवी की सेवा मे खो सा गया था और थोड़ी देर की घिसाई के बाद शूखा वीर्य लिसलिसे पदार्थ मे तब्दील होने लगा
" टेन्षन लेने की कोई बात नही अब सब ठीक है "
जीत ने इतना कह कर अपने मूँह मे गरम पानी भरा और एक पिचकारी सी छ्चोड़ते हुए छेद की सफाई करने मे जुट गया ..लेकिन तनवी लगातार अपने चूतड़ो को मटकाए जा रही थी जिस वजह जीत की उंगली कयि बार छेद के अंदर ठोकर देने लगती
" डॅड ..नाउ आइ'म रिलॅक्स्ड ..अब डिन्नर कर लेते हैं "
तनवी से कंट्रोल करना मुश्क़िल होने लगा तो उसने झूट बोल कर टब से बाहर निकलना चाहा लेकिन जीत ने अपने हाथो की पकड़ उसके मुलायम चूतड़ो पर कस दी और अपना चेहरा दरार मे फिट कर लिया
गंदगी निकल जाने से छेद की खूबसूरती बढ़ गयी थी ..जीत ने अपनी नाक छेद से लगा कर उसे सूँघा तो पानी के अंदर उसके लंड ने हरकत मे आना शुरू कर दिया
" एक बात कहूँ तनवी ? "
जीत ने देखा छेद वापस सिकुड़ने लगा है ..सुगंध की खुमारी मे मदहोश हो कर जीत ने अपने होंठ आगे बढ़ा कर छेद पर डीप किस लेने शुरू कर दिए
" डॅड !!!!!!!!! .......कहिए "
तरराय आवाज़ मे तनवी ने जवाब दिया ..वो अब मस्त थी
" निकुंज तुझे पसंद तो है ना ? "
बोलने के तुरंत बाद जीत फिर से छेद चूमने लगा ..तनवी के पेन ख़तम होने का पता उसकी बहती चूत देख कर चल गया
" ज ..जी पता नही "
तनवी ने अपने निपल मरोडते हुए कहा ..उसकी आवाज़ मे होता कंम्पण सूचक था कि वो अब गरम होने लगी थी
" फिर भी तूने कुछ तो सोच कर शादी का फ़ैसला किया होगा "
जीत ने चूत से टपकती बूँद को अपनी खुरदूरी जीभ से चाट ते हुए कहा ..बाद मे कयि बार नीचे से ऊपर जीभ घुमाते हुए वो पूरी दरार चाटने भिड़ गया
" इसी शहेर मे रहूंगी ..आप के पास ..और फिर दीप अंकल आप के दोस्त भी तो हैं "
तनवी ने जीत का लंड टटोल कर देखा जो पानी के काफ़ी अंदर था ..वो सकिंग तो नही कर सकती थी पर अपना हाथ पानी मे डाल कर लंड हिलाने लगी
" और कोई ख़ास वजह तो नही है ना "
अब जीत पूरी तत्परता और तेज़ी के साथ छेद पर अपनी जीब के नुकीले वार करने लगा ..चूत के दाने को अपनी उंगलियों से भीच कर वो तनवी को आह भरने पर मजबूर कर देता ..वहीं पानी के अंदर तनवी का हाथ काफ़ी स्पीड से लंड मुठिया रहा था ..कुछ ही पॅलो मे जीत तनवी के हाथो हार गया और लंड से वीर्य की पिचकारी छूटने लगी ..स्पर्म के रेशे पानी मे तैर कर ऊपर आ गये ..फिर तनवी भी ज़्यादा देर एग्ज़ाइट्मेंट सहेन नही कर पाई और जीत की जीभ चूत पर पड़ते ही उसका 3र्ड ऑर्गॅज़म हो गया ..जीत झड़ती चूत पर होंठ लगा कर रस खीचने लगा और दोनो हंपियाँ लेते हुए सुस्त पड़ गये
" नही डॅड ऐसी कोई ख़ास वजह नही "
तनवी अब रिलॅक्स हो कर पेन से बाहर आ गयी थी और टब से निकल कर दोनो ने थोड़ी देर शवर का मज़ा लिया ..फिर डिन्नर कर के एक दूसरे की बाहों मे ही सो गये....
" नही कहूँगी ..प्रॉमिस ..देखो टब कब से फुल हो गया ..और आप बेवजह मुझे खड़े रखे हुए हैं "
तनवी के कहने पर जीत का ध्यान टब पर गया जिसमे से पानी बह कर फ्लोर गीला कर रहा था
" सॉरी सॉरी ..वो तुझे बातों मे लगाने के च्चकर मे ..मैं खुद भी खो गया था "
जीत ने खड़े हो कर कहा और तनवी को सहारा दे कर तब के नज़दीक आ गया
" अब क्या विचार है ..नहलाओगे क्या मुझे ? "
सवालिया तरीके से तनवी ने पूछा
" हां नहलाउन्गा और तेरी गांद के छेद की सिकाई भी करूँगा ..ताकि पेन ख़तम हो जाए "
जीत बाथ टब मे लेट ते हुए बोला ..साथ ही तनवी भी 69 की पोज़िशन बना कर टब मे उतर गयी ....
जीत ने अपना सर टब की ऊपरी सतह पर टिका रखा था और हाथो से चूतड़ो की दरार खोल कर हल्के गरम पानी के छिंट छेद पर मारने लगा
" आईईईईईईई !!!!!! डॅड ....... दुख़्ता है "
तनवी सिसक कर बोली ..पर जीत ने उसकी बात को अनसुना कर अपनी उंगली से छेद के ऊपरी भाग की मालिश करने लगा ..भीषण चुदाई से छेद पर सूजन आ गयी थी और वो पहले से ज़्यादा खुल चुका था ..राउंड शेप मे अपनी उंगली से मसाज करते टाइम जीत तनवी की सेवा मे खो सा गया था और थोड़ी देर की घिसाई के बाद शूखा वीर्य लिसलिसे पदार्थ मे तब्दील होने लगा
" टेन्षन लेने की कोई बात नही अब सब ठीक है "
जीत ने इतना कह कर अपने मूँह मे गरम पानी भरा और एक पिचकारी सी छ्चोड़ते हुए छेद की सफाई करने मे जुट गया ..लेकिन तनवी लगातार अपने चूतड़ो को मटकाए जा रही थी जिस वजह जीत की उंगली कयि बार छेद के अंदर ठोकर देने लगती
" डॅड ..नाउ आइ'म रिलॅक्स्ड ..अब डिन्नर कर लेते हैं "
तनवी से कंट्रोल करना मुश्क़िल होने लगा तो उसने झूट बोल कर टब से बाहर निकलना चाहा लेकिन जीत ने अपने हाथो की पकड़ उसके मुलायम चूतड़ो पर कस दी और अपना चेहरा दरार मे फिट कर लिया
गंदगी निकल जाने से छेद की खूबसूरती बढ़ गयी थी ..जीत ने अपनी नाक छेद से लगा कर उसे सूँघा तो पानी के अंदर उसके लंड ने हरकत मे आना शुरू कर दिया
" एक बात कहूँ तनवी ? "
जीत ने देखा छेद वापस सिकुड़ने लगा है ..सुगंध की खुमारी मे मदहोश हो कर जीत ने अपने होंठ आगे बढ़ा कर छेद पर डीप किस लेने शुरू कर दिए
" डॅड !!!!!!!!! .......कहिए "
तरराय आवाज़ मे तनवी ने जवाब दिया ..वो अब मस्त थी
" निकुंज तुझे पसंद तो है ना ? "
बोलने के तुरंत बाद जीत फिर से छेद चूमने लगा ..तनवी के पेन ख़तम होने का पता उसकी बहती चूत देख कर चल गया
" ज ..जी पता नही "
तनवी ने अपने निपल मरोडते हुए कहा ..उसकी आवाज़ मे होता कंम्पण सूचक था कि वो अब गरम होने लगी थी
" फिर भी तूने कुछ तो सोच कर शादी का फ़ैसला किया होगा "
जीत ने चूत से टपकती बूँद को अपनी खुरदूरी जीभ से चाट ते हुए कहा ..बाद मे कयि बार नीचे से ऊपर जीभ घुमाते हुए वो पूरी दरार चाटने भिड़ गया
" इसी शहेर मे रहूंगी ..आप के पास ..और फिर दीप अंकल आप के दोस्त भी तो हैं "
तनवी ने जीत का लंड टटोल कर देखा जो पानी के काफ़ी अंदर था ..वो सकिंग तो नही कर सकती थी पर अपना हाथ पानी मे डाल कर लंड हिलाने लगी
" और कोई ख़ास वजह तो नही है ना "
अब जीत पूरी तत्परता और तेज़ी के साथ छेद पर अपनी जीब के नुकीले वार करने लगा ..चूत के दाने को अपनी उंगलियों से भीच कर वो तनवी को आह भरने पर मजबूर कर देता ..वहीं पानी के अंदर तनवी का हाथ काफ़ी स्पीड से लंड मुठिया रहा था ..कुछ ही पॅलो मे जीत तनवी के हाथो हार गया और लंड से वीर्य की पिचकारी छूटने लगी ..स्पर्म के रेशे पानी मे तैर कर ऊपर आ गये ..फिर तनवी भी ज़्यादा देर एग्ज़ाइट्मेंट सहेन नही कर पाई और जीत की जीभ चूत पर पड़ते ही उसका 3र्ड ऑर्गॅज़म हो गया ..जीत झड़ती चूत पर होंठ लगा कर रस खीचने लगा और दोनो हंपियाँ लेते हुए सुस्त पड़ गये
" नही डॅड ऐसी कोई ख़ास वजह नही "
तनवी अब रिलॅक्स हो कर पेन से बाहर आ गयी थी और टब से निकल कर दोनो ने थोड़ी देर शवर का मज़ा लिया ..फिर डिन्नर कर के एक दूसरे की बाहों मे ही सो गये....